#घुंचापाली
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जय जोहर संगवारी मै हु हर्ष आज आपको लेकर चलूँगा मै छत्तीसगढ़ के एक ऐसी जगह जहा माता के पूजा करने भालू आता है जिसका नाम है चण्डी माता मंदिर घुंचापाली बागबाहरा महासमुंद ( Chandi Mata Temple Ghunchapali Bagbahara ) चण्डी माता का मंदिर महासमुंद जिले के घु��ापाली ग्राम मे स्थित है| जो बागबाहरा से काफी नजदीक है| माता के दरबार तक जाने के लिए उत्तम सड़क मार्ग निर्मित है। भव्य पहाड़ के ऊपर माता विराजमान है| माता की मूर्ति स्वयम्भू है। व नित -नित बड़ रही है| जिसके चलते कई बार मंदिर को तोडना पड़ा था | चैत्र पक्ष व क्वार पक्ष मे भारी मात्रा में भक्तो द्वारा मनोकामना ज्योति जलायी जाती है| भक्तो के ठहरने के लिए उत्तम विश्राम भवन की व्यवस्था कि गयी है। मुख्य मंदिर पहाड़ी के ऊपर स्थित व मुख्य मंदिर से आगे पहाडी के ऊपर छोटी चण्डी माता गुफा के अन्दर विराजमान है| चण्डी प्राँगण की रुपरेखा :- माँ चण्डी के दरबार में आते हो तो सबसे पहले माता का भव्य प्रवेश द्वार मिलता है जिसमे माता की प्रतिमा अंकित है| थोड़ी आगे ध्रुव समाज का नवनिर्मित शिव मंदिर व विशाल नंदी की निर्माधीन प्रतिमा के भव्य दर्शन होते है| माता तक पहुचना बड़ा आसान है, रास्ते में कोई सीढ़िया नहीं बनी है क्योंकि जो पर्वत है वह ढलान है। जिसके चलते बड़े बुजुर्ग आसानी से माता के दरबार में पहुच सकते है| रास्ते में भैरव बाबा जी का मंदिर हनुमान मंदिर के दर्शन होते है | यहाँ पर माता की जैसे आरती की घंटी बजती है माता के दरबार में भालू प्रसाद के लिए आते है अभी तक किसी को कोई नुकसान नही पहुचाया है इसे माता का चमत्कार भी कहा जाता है| राजधानी रायपुर से पूर्व दिशा की ओर लगभग 95 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है वीडियो का लिंक निचे दिया है https://youtu.be/L5ULYUzxErg #चण्डीमातामंदिरघुंचापालीबागबाहरामहासमुंद #चण्डीमातामंदिर #चण्डीमातामंदिरघुंचापाली #चण्डीमातामंदिरघुंचापालीबागबाहरा #चण्डीमाता #मंदिर #घुंचापाली #बागबाहरा #महासमुंद #chandimatamandirghuchapaplibagbahara #chandimata #chandimatamandir #bagbahara #ghuchapali #mahasamund #beartemple #beartemplechhattisgarh #chhattisgarhbeartemple #yaharojatehaibhalu #baludarshan #balaumandir #baluanewalamandir #bearmandir #chandimandirbagbahara #chandimandirmahasamund #chandimandirghuchapali #chanditemplebagbahara #chanditempleghuchapali #chanditemplemahasamund #chandimatamandir (at Chandi Mata Mandir Bagbahara) https://www.instagram.com/p/CG1jdSgBrHU/?igshid=12hvlsq5hhd72
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छग : देवी दर्शन करने निकले एक ही परिवार के 3 की मौत has been published on PRAGATI TIMES
छग : देवी दर्शन करने निकले एक ही परिवार के 3 की मौत
महासमुंद, (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ में महासमुंद जिले में घुंचापाली देवी दर्शन करने जा रहे एक ही परिवार के तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
मृतकों में मां-बेटे के अलावा भतीजा शामिल है। तीनों मृतक एक ही बाइक पर सवार थे। महासमुंद एएसपी सिटी संजय ध्रुव ने कहा ��ि पुलिस के अनुसार ग्राम अछोली (तुमगांव) निवासी जैंद्रीबाई तोरण साहू (45) उनका बेटा मनोज तोरण साहू (22) और भतीजा तुषार महेश्वर साहू (17) मोटरसाइकिल से महासमुंद से बागबाहरा की ओर घुंचापाली चंडी मंदिर जा रहे थे। उन्होंने बताया कि नेशनल हाईवे-353 पर ग्राम एमकेबाहरा के पास बुधवार 27 सितंबर की दोपहर करीब ढाई बजे अज्ञात वाहन ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि तीनों की घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई। सूचना पर मौके पर पहुंची खल्लारी पुलिस ने तीनों को अपनी वाहन से तत्काल जिला अस्पताल महासमुंद पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। खल्लारी थाना पुलिस मर्ग कायम कर विवेचना कर रही है।
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भारत में मंदिरों को लेकर अजब-अजब किस्से सुनाने को मिलाता है। पर आज हम आपको बताने जा रहे है की चंडी मंदिर में माता के आरती के समय आता है भालूओं का झुंड और जबतक वितरण नही होता है प्रसाद तब तक लौटते नही है भालूओं के झुंड।
बागबाहरा के घुंचापाली स्थित चंडी मंदिर चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां रोज शाम श्रद्धालुओं के साथ आधा दर्जन भालू भी माता की आरती में शामिल होने पहुंच रहे हैं। यह सिलसिला पिछले एक महीने से अनवरत जारी है। भालुओं में चार शावक (भालू के बच्चे) भी हैं। इन भालुओं ने अभी तक किसी श्रद्धालु को कोई क्षति तो नहीं पहुंचाई है, लेकिन माता के प्रति लोगों में धार्मिक आस्था को बढ़ाने का काम जरूर किया है।
प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही होती है वापसी
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शाम छह बजे पहाड़ी से उतरने के बाद ये भालू मंदिर परिसर में ही रहते हैं। आरती के समय दोनों हाथ जोड़कर खड़े होते हैं। यह बात और है कि वे सब एक जगह खड़े होने की बजाय बिखरे हुए होते हैं। जब तक आरती शुरू नहीं होती, तब तक मंदिर परिसर में यहां-वहां बैठकर वे इंतजार करते हैं।आरती के बाद ये सब माता की नौ परिक्रमा करते हैं । इसके बाद प्रसाद ग्रहण कर सभी वापस पहाड़ी की ओर चले जाते हैं ।
यहां के मंदिर में माता के आरती के समय आता है भालूओं का झुंड भारत में मंदिरों को लेकर अजब-अजब किस्से सुनाने को मिलाता है। पर आज हम आपको बताने जा रहे है की चंडी मंदिर में माता के आरती के समय आता है भालूओं का झुंड और जबतक वितरण नही होता है प्रसाद तब तक लौटते नही है भालूओं के झुंड। बागबाहरा के घुंचापाली स्थित चंडी मंदिर चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां रोज शाम श्रद्धालुओं के साथ आधा दर्जन भालू भी माता की आरती में शामिल होने पहुंच रहे हैं। यह सिलसिला पिछले एक महीने से अनवरत जारी है। भालुओं में चार शावक (भालू के बच्चे) भी हैं। इन भालुओं ने अभी तक किसी श्रद्धालु को कोई क्षति तो नहीं पहुंचाई है, लेकिन माता के प्रति लोगों में धार्मिक आस्था को बढ़ाने का काम जरूर किया है। प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही होती है वापसी शाम छह बजे पहाड़ी से उतरने के बाद ये भालू मंदिर परिसर में ही रहते हैं। आरती के समय दोनों हाथ जोड़कर खड़े होते हैं। यह बात और है कि वे सब एक जगह खड़े होने की बजाय बिखरे हुए होते हैं। जब तक आरती शुरू नहीं होती, तब तक मंदिर परिसर में यहां-वहां बैठकर वे इंतजार करते हैं।आरती के बाद ये सब माता की नौ परिक्रमा करते हैं । इसके बाद प्रसाद ग्रहण कर सभी वापस पहाड़ी की ओर चले जाते हैं ।
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