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#गुजरात क्राइम
sharpbharat · 2 months
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indias big cyber criminals arrested from jamshedpur : जमशेदपुर के कदमा से पकड़े गये देश के बड़े तीन साइबर क्रिमिनल, एक दिन में किये है करोड़ों के ट्रांजैक्शन, देश भर से मिली शिकायत के बाद सीआइडी ने छापामारी कर पकड़ा, जानें जमशेदपुर से कैसे कर रहे थे ये लोग साइबर क्राइम, केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक्शन के बाद पकड़ा गया
जमशेदपुर : जमशेदपुर के कदमा थाना क्षेत्र से झारखंड सीआइडी ने तीन बड़े साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है. ये लोग देश के कई हिस्सों के लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी किये थे, जिनको सीआइडी की टीम ने पकड़ा है. उनके कारस्तानियों की जानकारी कई बार नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल में दर्ज किया गया था. करीब सौ से अधिक लोगों को इन लोगों ने ठगा है. महाराष्ट्र, तमिलनाडू, गुजरात, हरियाणा के लोगों को ठगा गया…
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भारत में साइबर धांधे (क्राईम) के खिलाफ मुख्य नेतृत्व | अधिवक्ता परेश एम मोदी
परिचय
भारत में साइबर धांधे (क्राईम) के खिलाफ कानूनी सुरक्षा की मुख्य रेखा में आपका स्वागत है, जहां अधिवक्ता परेश एम मोदी अपनी विशेषज्ञता और समर्पण का प्रतीक हैं। अहमदाबाद, गुजरात स्थित, अधिवक्ता मोदी अपने अद्वितीय कानूनी ज्ञान और साइबर कानून के क्षेत्र में न्याय की अनवरत प्र pursue के लिए प्रसिद्ध हैं। यह व्यापक वेब पृष्ठ इस बारे में है कि अधिवक्ता परेश एम. मोदी को भारत में सर्वश्रेष्ठ साइबरक्राइम वकील माना जाता है, उनकी कठिनाईयों में ऑनलाइन धराधार केस, खातों को अनफ्रीज़ करने और साइबर धांधे (क्राईम) के आरोपियों के लिए जमानत सुरक्षित करने में उनकी पूर्वकृति पर केंद्रित है।
अधिवक्ता परेश एम मोदी के साथ भारत में साइबर धांधे (क्राईम) के मंच को समझना
भारत में सर्वश्रेष्ठ साइबर धांधे (क्राईम) केस वकील | भारत में शीर्ष साइबर क्राइम वकील
जैसा कि प्रौद्योगिकी बढ़ती है, साइबर अपराधियों द्वारा अपनाई जाने वाली विधियां भी बढ़ती हैं। ऑनलाइन धराधार एक व्यापक समस्या बन गई है जो भारत के व्यक्तियों, व्यापारों और संगठनों को प्रभावित कर रही है। फिशिंग स्कैम्स और पहचान की चोरी से लेकर वित्तीय धराधार और हैकिंग तक, साइबर धराधार का विस्तार सीमित और सतत विकसित हो रहा है। इस जटिल परिदृश्य में, एक अनुभवी कानूनी पेशेवर की आवश्यकता है, जो केवल साइबर कानून की जटिलताओं को समझता है, बल्कि ऑनलाइन धराधार के मामलों को सफलतापूर्वक संभालने का सिद्धांत भी रखता है।
अधिवक्ता परेश एम मोदी | साइबर धांधे (क्राईम) केस में विशेषज्ञ वकील
पृष्ठभूमि और विशेषज्ञता
अधिवक्ता परेश एम मोदी एक प्रमुख कानूनी पेशेवर हैं जिनका एक समृद्ध कानूनी पृष्ठभूमि है। उनकी विशेषज्ञता इस गतिशील क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं में फैली है, जिसमें साइबर धराधार केसों पर विशेष बल है। एक प्रतिष्ठान्वित संस्थान से कानूनी डिग्री के साथ और दो दशकों से अधिक के प्रैक्टिस के साथ, अधिवक्ता मोदी व्यक्तियों और व्यापारों के लिए एक ग़ैर-परिभाषित साइबर धराधार के परिणामों से जूझ रहे व्यक्तियों के लिए एक गो-टू विशेषज्ञ बन चुके हैं।
भारत में जमानत के लिए साइबर क्राइम वकील | साइबर धांधे (क्राईम) में न्यायशास्त्री | अधिवक्ता परेश एम मोदी
ऑनलाइन धराधार केसों में सफलता की कहानियाँ
अधिवक्ता मोदी की ऑनलाइन धराधार केसों में सफलता उनके योजनात्मक दृष्टिकोण और साइबरक्राइम कानून के गहरे ज्ञान की प्रमाण हैं। उनका क्लायंट-सेंट्रिक धाराधार में हर मामला सावधानीपूर्वक जांचा जाता है, और ऑनलाइन धराधार के यौन लुभाव, फाइनेंशियल लूट, और आरोपितों के लिए जमानत सुरक्षित करने में उनकी कस्टमाईज्ड कानूनी रणनीति बनती है।
भारत में साइबर क्राइम और साइबर वकील | भारत में विभिन्न प्रकार के साइबर क्राइम के लिए सर्वश्रेष्ठ वकील | अधिवक्ता परेश एम मोदी
भारत में साइबर अपराध विभिन्न तकनीक या इंटरनेट का उपयोग करके की जाने वाली विभिन्न अवैध गतिविधियों को समाहित करता है। साइबरक्राइम के वर्गीकरण की विकस्ति हो सकती है, लेकिन यहां कुछ सामान्य प्रकार के साइबरक्राइम हैं जो प्रसार हुए हैं:
वित्तीय धोखाधड़ी:
ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड धोखाधड़ी फिशिंग हमले आईडेंटिटी चोरी: अनधिकृत पहुंच प्रतिनायकता साइबरबुलींग और पीड़ा: ऑनलाइन पीड़ा अपमान साइबरस्टॉकिंग डेटा ब्रीच: संवेदनशील डेटा की अनधिकृत पहुंच हैकिंग ऑनलाइन धोखाधड़ी: लॉटरी धोखाधड़ी नौकरी धोखाधड़ी ऑनलाइन खरीददारी धोखाधड़ी मैलवेयर हमले: वायरस ट्रोजन रैंसमवेयर सोशल मीडिया अपराध: नकली प्रोफ़ाइल्स सोशल इंजीनियरिंग हमले बौद्धिक संपत्ति अपराध: सॉफ़्टवेयर पाइरेसी कॉपीराइट उल्लंघन ऑनलाइन बाल शोषण: बाल पोर्नोग्राफी ग्रूमिंग साइबर आतंकवाद: कृतिक बुनियादों पर हमले आतंकवादी प्रचार-प्रसार ऑनलाइन फार्मिंग: एक वेबसाइट के ट्रैफ़िक को दूसरी धोखाधड़ी वेबसाइट पर पुनःनिर्देशित करना सेवा अस्वीकृति (डीओएस) हमले: एक सिस्टम या नेटवर्क को अनुपलब्ध बनाने के लिए उत्तरदाता बोझाएं
यह महत्वपूर्ण है कि ये श्रेणियाँ समर्थित नहीं हैं, और साइबरअपराधी लगातार नई तकनीकें विकसित कर रहे हैं। कानूनी और कानूनी निरीक्षण क्षेत्र भी उत्पन्न होने वाले साइबर खतरों का सामना करने के लिए अनुकूलित हो रहा है। मेरे अंतिम ज्ञान अपडेट जनवरी 2022 में हुआ था, इस स्थिति में बदलाव हो सकता है, और यह सुरक्षित है कि आप विश्वसनीय स्रोतों या कानूनी एजेंसियों से नवीनतम जानकारी के लिए जाँच करें।
साइबर अपराध मामले में विशेष सेवाएँ | साइबर धोखाधड़ी के मामले में खाता अनफ्रीज़ करना और जमानत सुरक्षित करना
खाता अनफ्रीज़ करना
साइबर धोखाधड़ी के मामलों में व्यक्तियों और व्यापारों का एक महत्वपूर्ण सामना है कि खातों को जमा करने का। वकील परेश एम मोदी खातों के जमा होने से जुड़े कानूनी जटिलताओं को नेविगेट करने में विशेषज्ञ हैं, उनके ग्राहकों के लिए खातों को अनफ्रीज़ करने और वित्तीय सामान्यता को पुनर्स्थापित करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। चाहे यह संपत्तियों की अनधिकृत जमा होने की गलती हो, या यह वित्तीय संस्थानों द्वारा एक सावधानीपूर्ण कदम हो, वकील मोदी खाता फ्रीज मुद्दों को हल करने के लिए एक रणनीतिक और तेज़ पहुंच अपनाते हैं।
भारत में साइबर धोखाधड़ी के मामलों में जमानत सुरक्षित करना | भारत में साइबर धोखाधड़ी वकील | वकील परेश एम मोदी
साइबर धोखाधड़ी के आरोपों का सामना करना एक अधिकतम अनुभव हो सकता है, जिसमें सजा की संभावनाएं शामिल हो सकती हैं। वकील मोदी साइबर धोखाधड़ी के आरोपियों के लिए जमानत सुरक्षित करने की अत्यंत आवश्यकता को समझते हैं, और वे अपनी कानूनी विशेषज्ञता का उपयोग करके कानूनी प्रक्रियाओं को कुशलता से नेविगेट करने के लिए अपना प्रयास करते हैं। उनका सक्रिय पहुंच में एक मजबूत रक्षा रणनीति बनाने, अदालत में प्रेरणादायक तर्क प्रस्तुत करने, और सुनिश्चित करने में शामिल है, कि आरोपियों को जमानत प्रदान की जाती है, जिससे उन्हें अनावश्यक कारावास से बिना आवश्यक सेलाही के लिए तैयार होने का अवसर मिलता है।
साइबर फ्रॉड केस में ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण | भारत में साइबर क्राइम वकील | वकील परेश एम मोदी
वकील मोदी को अलग बनाने वाली बात यह है कि उनका अपने ग्राहकों के सामना साइबर फ्रॉड के परिणामों का खड़ा होने पर भी अदला-बदला प्यार है। उन्होंने एक करुणामय और ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण को अपनाया है, साइबरक्राइम के परिणामों को समझते हुए जो आत्मात्मिक और आर्थिक बोझ डाल सकता है। संवेदनशील संवाद की दृष्टि बनाए रखकर, स्पष्ट न्यायिक सलाह प्रदान करके, और अटल समर्थन प्रदान करके, वकील मोदी सुनिश्चित करते हैं कि उनके ग्राहकों को कानूनी यात्रा के दौरान सशक्त किया जाता है।
साइबर फ्रॉड केसों के लिए कानूनी परामर्श और सलाह सेवाएं | वकील परेश एम मोदी
वकील परेश एम मोदी ने साइबर फ्रॉड के साथ निरंतर कानूनी प्रतिष्ठान को पारित करने के लिए परंपरागत कानूनी प्रतिष्ठान को पारंपरिक रूप से पारंपरिक कानूनी प्रतिष्ठान को पारित करने के लिए बाहुल्यकारी प्रवृत्ति को अगराह किया है। उनका सक्रिय दृष्टिकोण केवल कानूनी चुनौतियों का सामना करने के नहीं होता है, बल्कि आने वाले साइबर खतरों की जोखिम को कम करने के लिए भी शामिल है। उनका सक्रिय दृष्टिकोण केवल कानूनी चुनौतियों का सामना करने के नहीं होता है, बल्कि आने वाले साइबर खतरों की जोखिम को कम करने के लिए भी शामिल है। वकील मोदी ग्राहकों के साथ क़रीबी सहयोग से मिलकर उनके विशेष परिस्थितियों की पूरी समझ बनाने के लिए ऊर्जा से संगठित हैं, जिससे वह उनके लक्ष्य और प्राथमिकताओं के साथ मेल खाती हैं।
द्विविधि को समझना: साइबर क्राइम बनाम साइबर सुरक्षा
तेज़ डिजिटल युग में, जहां प्रौद्योगिकी हमारे जीवन के हर पहलुओं में प्रवेश करती है, साइबर क्राइम और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र समर्थन में बढ़ रहे हैं। जबकि दुनिया और ज्यादा अंतर्जाल होता जा रहा है, डिजिटल स्थानों के खतरे बढ़ रहे हैं, जिससे साइबर क्राइम और साइबर सुरक्षा के बीच मौद्रिक अंतरदृष्टि की महत्वपूर्णता बढ़ रही है।
साइबर क्राइम की परिभाषा:
साइबर क्राइम उन अपराधिक गतिविधियों को संदर्भित करता है जो कंप्यूटर, नेटवर्क और इंटरनेट का उपयोग करके की जाती हैं। इन गतिविधियों में वित्तीय धोखाधड़ी, पहचान चोरी से लेकर हैकिंग, मैलवेयर वितरण और साइबर जासूसी शामिल हैं। साइबर अपराधियों ने प्रौद्योगिकी का उपयोग करके कमजोरियों का शोषण करने, अनधिकृत पहुंच प्राप्त करने, और डिजिटल संपत्ति की गोपनीयता, अखंडता, और उपलब्धता को क्षति पहुंचाने की कोशिश की है।
साइबर क्राइम की प्रमुख विशेषता में से एक यह है कि यह सीमाहीन प्रकृति की है। अपराधी किसी भी दुनिया के हिस्से से कार्रवाई कर सकते हैं, साथ ही साथ सामान्यत: गुमनामी के साथ व्यक्तियों, संगठनों, या यहां तक कि सरकारों को लक्षित कर सकते हैं। साइबर क्राइम के सामान्य प्रकार में फिशिंग, रैंसमवेयर हमले, विनियमन की सेवाएं, और डेटा भंग समाहित हैं।
साइबर सुरक्षा को समझना:
दूसरी ओर, साइबर सुरक्षा कंप्यूटर सिस्टम, नेटवर्क्स, और डेटा को अनधिकृत पहुंच, हमलों, और क्षति से सुरक्षित करने का सक्रिय दृष्टिकोण है। इसमें एक सेट के रूप में उपाय, प्रौद्योगिकियों, और नीतियाँ शामिल हैं जिनका उद्दीपन डिजिटल जानकारी की सुरक्षा करने और डिजिटल बुनियाद का सहज काम करने के लिए किया जाता है। साइबर सुरक्षा का उद्देश्य साइबर खतरों द्वारा पैदा होने वाले जोखिमों को कम करना है और उत्पन्न संभावित खतरों को निरक्षर करना है।
भारत में साइबर अपराध वकील | भारत में साइबर अपराध एडवोकेट | अधिवक्ता परेश एम मोदी
साइबर सुरक्षा एक व्यापक उपाय की श्रेणी को समाहित करती है, जिसमें फ़ायरवॉल, एन्क्रिप्शन, एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर, बहु-कारक प्रमाणीकरण, और उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षा जागरूकता प्रशिक्षण का कार्यान्वयन शामिल है। इसमें यह भी शामिल है कि कैसे एक्सेस नियंत्रण, घटना प्रतिसाद, और डेटा सुरक्षा को नियमित करने और प्रवर्तित करने के लिए नीतियों और प्रक्रियाओं का विकास और प्रवर्तन किया जाए।
वकील परेश एम मोदी ने भारत में साइबर अपराध और साइबर सुरक्षा के बीच के कुंजीभेदों को समझाया है:
इरादा और क्रिया:
साइबर अपराध: साइबर अपराधी दुरुपयोग के साथ गतिविधियों में शामिल होते हैं। उनका प्रमुख लक्ष्य वित्तीय लाभ, जासूसी, या विघटन के लिए दोषसूची को शायर करना है। साइबर सुरक्षा: साइबर सुरक्षा साइबर खतरों के प्रभाव को रोकने और कम करने पर मुख्य फोकस करती है। इसमें साइबर खतरों के प्रति सुरक्षा और पूर्वसूची उपायों का शामिल होना शामिल है ताकि डिजिटल संपत्ति की सुरक्षा और सत्यापन सुनिश्चित हो सके।
करणकर्ता और रक्षक:
साइबर अपराध: साइबर अपराध के करणकर्ता दुरुपयोग के उद्देश्य से व्यक्ति या समूह होते हैं, जो व्यक्तिगत लाभ या विघटन के लिए डिजिटल सिस्टम को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। साइबर सुरक्षा: साइबर सुरक्षा पेशेवर और प्रणालियाँ रक्षक होती हैं, जो साइबर खतरों की पहचान, रोकथाम, और प्रतिसाद करने के लिए काम करती हैं, डिजिटल पूर्वसूची की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए।
गतिविधियों का स्वभाव:
साइबर अपराध: अनधिकृत पहुंच, डेटा चोरी, वित्तीय धरोहर, मैलवेयर फैलाना, और विभिन्न अन्य हानिकारक परिणामों के साथ जुड़ी विभिन्न गतिविधियों में शामिल है। साइबर सुरक्षा: अनधिकृत पहुंच और संभावित खतरों को कम करने के लिए एन्क्रिप्शन, फ़ायरवॉल, और पूर्वदृष्टि मॉनिटरिंग जैसी उपायों के माध्यम से डिजिटल संपत्तियों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित है।
कानूनी प्रभाव:
साइबर अपराध: साइबर अपराध में शामिल होना अवैध है, और करणकर्ताओं को धन जुराने से लेकर क़ैद तक के क़ानूनी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। साइबर सुरक्षा: साइबर सुरक्षा उपायों को लागू करना कानूनी है और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है कि डिजिटल संपत्तियों की सुरक्षा की जाए। संगीतत जानकारी को सुरक्षित नहीं करने वाली संगठनों को लागू होने वाले क़ानूनी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।
वैश्विक प्रभाव:
साइबर अपराध: इसके सीमाहीन स्वभाव के कारण, साइबर अपराध का वैश्विक प्रभाव हो सकता है, जो व्यक्तियों, व्यापारों, और सरकारों को विश्वभर में प्रभावित कर सकता है। साइबर सुरक्षा: साइबर सुरक्षा प्रयासों का वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण है ताकि सुरक्षित डिजिटल वातावरण बनाया जा सके और सीमानुपरांत साइबर खतरों के खिलाफ सुरक्षा कर सके।
समाप्ति में, साइबर अपराध और साइबर सुरक्षा के बीच का संबंध एक निरंतर युद्ध के समान है, जिसमें दुरुपयोग करने वाले विकृत अभिनेता और संरक्षकों के बीच है। इन दोनों के बीच के विभिन्नताओं को समझना व्यक्तियों, संगठनों, और सरकारों के लिए आवश्यक है ताकि वे डिजिटल परिदृश्य की जटिलताओं को संचालन कर सकें और ज्यादा से ज्यादा बदलते साइबर खतरों के खिलाफ अपनी रक्षा को मजबूत कर सकें। जैसे ही तकनीक आगे बढ़ती है, साइबर सुरक्षा के महत्व को डिजिटल पारिस्थितिकी और सुरक्षा की भरपूरी रखा जा सकता है।
प्रशंसापत्र: सफलता की विरासत ग्राहक प्रशंसापत्र
वकील परेश एम मोदी के ग्राहकों के साइबर धोखाधड़ी मामलों में सफलता के किस्से उनके समर्पण और क़ानूनी प्रतिभा की चर्चा करते हैं। ग्राहकों ने उनके सूक्ष्म पहुंच, अटल समर्थन, और जटिल क़ानूनी चुनौतियों के सामने स्थिर परिणामों की प्रशंसा की है।
उद्योग पहचान
वकील मोदी के योगदानों ने साइबर क़ानून के क्षेत्र में, विशेषकर ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों को संबोधित करने में, उन्हें क़ानूनी निकायों और उद्योग संघों के प्रति पहचान प्राप्त की है। उनका उत्कृष्टता और ग्राहक सफलता के प्रति प्रतिबद्धता ने उन्हें साइबरक्राइम रक्षा के क्षेत्र में प्रमुख प्राधिकृति में स्थानांतरित किया है।
प्रचार और साझेदारी: जनता को सशक्त करना | वकील परेश एम मोदी
वकील परेश एम मोदी, अपने कानूनी प्रैक्टिस के अलावा, साइबर धोखाधड़ी और कानूनी सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के प्रति प्रतिबद्ध हैं। उन जनता को साइबर खतरों और निवारण उपायों के बारे में शिक्षित करने के लिए प्रचार और साझेदारी कार्यक्रमों में सक्रियता दिखाते हैं, सेमिनार, कार्यशाला, और जागरूकता अभियानों का संचालन करते हैं।
भारत में खाता खुलवाने के मामले का क़ानूनी वकील | वकील परेश एम मोदी से रुंबरु संपर्क करें
यदि आप या आपका संगठन साइबर धोखाधड़ी के परिणाम से निपट रहा है और एक अनुभवी क़ानूनी पेशेवर की विशेषज्ञता की तलाश में है, तो वकील परेश एम मोदी आपकी मदद के लिए तैयार हैं। उनका कानूनी कार्यालय, जो सुविधाजनक अहमदाबाद, गुजरात में स्थित है, ऑनलाइन धोखाधड़ी, खाता जमा करने, और आरोपी के लिए जमानत सुनिश्चित करने की एक विशेष ध्यान से तैयार है। वकील मोदी से संपर्क करें आज ही सलाह के लिए, और उनकी विशेषज्ञता को इस साइबरक्राइम रक्षा के जटिलताओं से गुजरने में मार्गदर्शक बनाएं।
निष्कर्ष
भारत में साइबरक्राइम रक्षा के क्षेत्र में, वकील परेश एम मोदी एक अद्भुत बल के रूप में खड़े हैं, ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों, खाता जमा करने, और आरोपी के लिए जमानत में विशेषज्ञ हैं। उनका व्यापक अनुभव, ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण, और सफल रेकॉर्ड उन्हें भारत में सर्वश्रेष्ठ साइबरक्राइम वकील बना देते हैं। क्या आप एक व्यक्ति हैं जो साइबर धोखाधड़ी के आरोपों का सामना कर रहा है या एक व्यापार जो ऑनलाइन वित्तीय अपराधों के परिणाम से निपट रहा है, वकील मोदी की विशेषज्ञता सुनिश्चित करती है कि आपके पास एक मजबूत क़ानूनी समर्थन है। आज ही उनसे संपर्क करें और साइबर क़ानून की जटिल स्थिति को आत्मविश्वास और सहारे के साथ सार्वजनिक करें। अब कॉल करें ...
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nidarchhattisgarh · 1 year
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स्वयं को प्रधानमंत्री का सलाहकार बतानेवाला फर्जी आई ए एस अधिकारी फंसा पुलिस के शिकंजे में
NCG NEWS DESK वडोदरा ।  गुजरात के वडोदरा में एक फर्जी आईएएस अधिकारी गिरफ्तार किया गया है, जो खुद को प्रधानमंत्री का सलाहकार बताता था. उसने एक फार्मा कंपनी में 16 लाख रुपये का जॉब पैकेज हासिल किया था. इसके साथ ही आरोपी ने अपनी फर्जी डिजिटल आईडी भी बना ली. अब साइबर क्राइम के अधिकारियों ने उसे दबोच लिया है. यह आरोपी का नाम सुधाकर पांडे है. पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है| फर्जी आईएएस अधिकारी सुधाकर…
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dainiksamachar · 1 year
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गुजरात के हीरा कारोबारी से 1.18 करोड़ रुपये ठगे, मुंबई क्राइम ब्रांच ने दो को दबोचा
मुंबई: गुजरात के एक हीरा कारोबारी से 1.18 करोड़ रुपये की ठगी करने के आरोप में मुंबई से दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया कि गुजरात पुलिस ने मुंबई पुलिस के साथ म‍िलकर कांदिवली वेस्‍ट और मध्य मुंबई के लालबाग इलाके से शनिवार को इन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।दोनों ने फरवरी में सूरत के हीरा कारोबारी से हीरा खरीदने के लिए संपर्क किया था। एक आरोपी ने शिकायतकर्ता को बातचीत में उलझाए रखा, जबकि दूसरे ने 1.18 करोड़ रुपये कीमत के असली हीरों को नकली हीरो से बदल दिया। अधिकारी ने बताया कि जब व्यापारी को अहसास हुआ कि उसके साथ ठगी की गई है तो उसने गुजरात पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। अधिकारी के मुताबिक, गुजरात पुलिस ने पता लगाया कि आरोपी मुंबई में है। उन्होंने बताया कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120-बी (साज़िश) के तहत मामला दर्ज किया गया है और उन्हें सूरत क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है। http://dlvr.it/Slsjz9
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prakhar-pravakta · 1 year
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संदिग्ध युवकों को लेकर गुजरात पुलिस रवाना, भारी मात्रा में सिम, हार्ड डिस्क, कंप्यूटर डिवाइस बरामद
भारत-ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टेस्ट में खलल की धमकी दी गुजरात साइबर क्राइम टीम ने रीवा व सतना से दो संदिग्ध युवकों को ��िया गिरफ्तार सतना/रीवा। गुजरात की साइबर क्राइम ब्रांच टीम ने मध्यप्रदेश के सतना व रीवा में दबिश देकर दो संदिग्ध युवको को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद गुजरात जाते समय इसकी सूचना उनके द्वारा पुलिस अधीक्षक को दी गई है। बताया जाता है कि भारत-ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टेस्ट में खलल की…
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vocaltv · 1 year
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7 राज्यों में गैंगेस्टरों के 70 ठिकानों पर NIA का छापा
7 राज्यों में गैंगेस्टरों के 70 ठिकानों पर NIA का छापा #NIA #Raid
राष्ट्रीय जांच दल (NIA) ने मंगलवार सुबह 7 राज्यों की 70 से ज्यादा जगहों पर सघन छापेमारी की. मिली जानकारी के अनुसार बताया गया है कि यह छापे गैंगस्टर और क्राइम सिंडिकेट से जुड़े एक मामले में डाले गए हैं. जिन राज्यों में NIA ने छापेमारी की है, उनमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश शामिल हैं. इसके अलावा केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली और और चंडीगढ़ में भी NIA एजेंसी ने जांच…
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prabudhajanata · 1 year
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रायपुर : राजधानी में नशे का कला कारोबार नहीं थम रही है. यहाँ रोज नशीले पदार्थो के साथ तस्करो को Police पकड़ रही है. इसी बीच आज ट्रेन से दो गांजा तस्करों को पुलिस ने धरदबोचा है। आरोपियों के पास से दो पिट्ठू बैग में गांजा और पिस्टल बरामद किया है। Police ने आरोपियों के खिलाफ नार्कोटिक एक्ट और आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाही की है। मुखबिर से मिले सूचना के आधार पर पुलिस ने जीआरपी एंटी क्राइम टीम ने 24 जनवरी को ट्रेन 20863 पूरी अजमेर एक्स. में दो संदिग्ध व्यक्ति मो.समीर उल्ला निवासी-अहमदाबाद गुजरात व अंसारी साबिर हुसैन निवासी अहमदाबाद गुजरात के पास से दो पिट्ठू बैग के अंदर रखा हुआ 22 किलो मादक पदार्थ गाँजा और एक पिस्टल और दो ज़िंदा कारतूस व एक पिट्ठू बैग के अंदर 11 किलो मादक पदार्थ गाँजा क़ीमत 110000. जिसका कुल क़ीमत 330000 रू हैं जो अवैध रूप से परिवहन करते पाया गया. इस कार्यवाही में ज़ी आर पी थाना में नार्कोटिक एक्ट व धारा 25 आर्म्स एक्ट के तहत अपराध पंजीबध किया गया है.
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rudrjobdesk · 2 years
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'फर्जी कॉल सेंटर' का किया भंडाफोड़, गुजरात सरकार के पूर्व एडवाइजर को ठगा था | Chandigarh police cyber crime police busted fake call centre racket latest news
‘फर्जी कॉल सेंटर’ का किया भंडाफोड़, गुजरात सरकार के पूर्व एडवाइजर को ठगा था | Chandigarh police cyber crime police busted fake call centre racket latest news
चंडीगढ़5 घंटे पहले कॉपी लिंक चंडीगढ़ पुलिस के साइबर क्राइम थाना पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले एक गैंग का पर्दाफाश किया है। गैंग पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में फर्जी कॉल सेंटर चलाते हुए देश के कई हिस्सों में लोगों को अपना शिकार बनाता था। गैंग के कुल 12 मेंबर्स पुलिस ने गिरफ्तार किए हैं। पुलिस मामले में और गैंग मेंबर्स का पता लगाने में जुटी हुई है। अभी तक पुलिस आरोपियों से 22 मोबाइल फोन, 2 डेबिट…
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ashokgehlotofficial · 2 years
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पुलिस मुख्यालय में कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक को संबोधित किया। प्रदेश में पुलिस सराहनीय कार्य कर रही है। राजस्थान पुलिस के नवाचारों के कारण अपराधों के अनुसंधान में लगने वाला समय कम हुआ है। राज्य में हुई जघन्य घटनाओं में पुलिस द्वारा की गई त्वरित कार्रवाइयां एक बड़ी उपलब्धि है। पुलिस विभाग द्वारा आमजन को न्याय सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं।
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पुलिस द्वारा अनुसंधान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आईटी और सोशल मीडिया का उपयोग करना चाहिए। राज्य में अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए अभय कमाण्ड सेन्टर को और सुदृढ़ किया जा रहा है एवं 30 हजार सीसीटीवी कैमरे लगाने का कार्य जल्दी पूरा हो जाएगा। राज्य के लगभग सभी पुलिस थानों में स्वागत कक्ष बनाए जा चुके हैं।
प्रदेश में जयपुर और अन्य शहरों में जमीनों के क्रय-विक्रय से संबंधित धोखाधड़ी के मामलों में काफी वृद्धि हुई है, जो चिंताजनक है। इस तरह के प्रकरणों की प्रभावी रोकथाम के लिए गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई जाएगी, जो दो महीने में अपनी रिपोर्ट देगी। इस समिति में जयपुर विकास प्राधिकरण, नगरीय विकास विभाग, सहकारिता विभाग और पुलिस के उच्चाधिकारी सम्मिलित होंगे। यह समिति भूमाफिया पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अपने सुझाव देगी ताकि आमजन को जमीन की खरीद-फरोख्त के दौरान ठगी से बचाया जा सके। बजरी और शराब माफिया के खिलाफ चल रहे अभियान को भी और गति दी जाएगी।
बैठक में मुआवजे के लिए हादसे में मृतक के शव को लेकर विरोध प्रदर्शन करने की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त की और इसे सांस्कृतिक मूल्यों के खिलाफ बताया। सरकार की प्राथमिकता है कि ऐसे मामलों में दोषी को सजा मिले। इस प्रकार के प्रकरणों में समाज के लोगों को भी सकारात्मक रूख अपनाना चाहिए।
राज्य में शराब की दुकानों के बंद होने का समय रात 8 बजे है, जिसका सख्ती से पालन करवाया जाएगा। यदि रात 8 बजे के बाद शराब की दुकानें खुली पाई गई तो उस इलाके के पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बच्चों और युवाओं में ड्रग्स लेने की बढ़ती प्रवृत्ति चिंता का विषय है। इसके लिए शिक्षा विभाग के सहयोग से एक व्यापक जागरूकता अभियान आरम्भ किया जाएगा।
पडा़ेसी राज्यों से आकर राजस्थान में अपराध करने वाले अपराधी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए राज्य के पड़ोसी राज्यों से लगते जिलों में पुलिस को विशेष रूप से सक्रिय किया जा रहा है। जेलों के अंदर से अपराध गतिविधियां चलाने वाले गैंगस्टरों पर भी प्रभावी अंकुश लगाया जाएगा। सोशल मीडिया पर अपराधियों का महिमामण्डन करने वाले लोगों, साप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने और अफवाह फैलाने वाले असामाजिक तत्वों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इसके साथ ही कानून व्यवस्था के प्रभावी संधारण के लिए पुलिस प्रशासन को होमगार्ड क�� एक हजार जवान उपलब्ध कराए जाएंगे।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट-2021 के हवाले से राजस्थान की छवि धूमिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। राजस्थान में एफआईआर के अनिवार्य पंजीकरण की नीति के बावजूद 2021 में 2019 की तुलना में करीब 5 प्रतिशत अपराध कम दर्ज हुए हैं जबकि अन्य राज्यों में अपराध अधिक दर्ज हुए हैं। बैठक में बताया गया कि गुजरात, हरियाणा और मध्यप्रदेश में अपराधों में क्रमशः 69, 24 और 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हत्या, महिला के विरूद्ध अपराध और अपहरण में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। वहीं सबसे ज्यादा कस्टोडियल डेथ्स गुजरात में हुई है। पोक्सो एक्ट के मामलों में मध्यप्रदेश पहले स्थान पर है, जबकि राजस्थान 12वें स्थान पर है।
झूठी एफआईआर दर्ज करवाने की बढ़ती प्रवृत्ति चिंता का विषय है और एफआईआर की अनिवार्य पंजीकरण की नीति का दुरूपयोग भी देखा जा रहा है। प्रदेश में 2019 में महिला अपराधों की 45.28ः, 2020 में 44.77ः एवं 2021 में 45.26ः एफआईआर जांच में झूठी निकली हैं। झूठी एफआईआर करवाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। बैठक में बताया गया कि महिलाओं तथा अनुसूचित जाति-जनजाति के विरूद्ध होने वाले अपराधों के अनुसंधान में लगने वाले समय में कमी आई है। राज्य में वर्ष 2018 में महिला अत्याचारों के अनुसंधान में लगने वाला 168 दिन का समय अब 69 और एससी एसटी के विरूद्ध अपराधों के अनुसंधान में लगने वाला समय 231 से घटकर 79 दिन रह गया है। बलात्कार के प्रकरणों में राजस्थान में सजा का प्रतिशत करीब 48 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ये मात्र 28.6 प्रतिशत है। महिला अत्याचार के प्रकरणों में राजस्थान में सजा का प्रतिशत 45.2 है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 26.5 प्रतिशत है। महिला अत्याचार के प्रकरणों की पेंडिंग प्रतिशत 9.6 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 31.7 प्रतिशत है। आईपीसी के प्रकरणों में राजस्थान में लम्बित मामले लगभग 10 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 35.1 प्रतिशत है।
राजस्थान में कानून व्यवस्था की स्थिति राष्ट्रीय औसत से बेहतर है तथा जघन्य अपराधों के शीघ्र अनुसंधान व अपराधियों को सजा दिलाने हेतु हीनियस क्राइम मॉनिटरिंग यूनिट (एचसीएमयू) का गठन किया गया है। इसी प्रकार महिला अत्याचार पर प्रभावी रोकथाम तथा उनसे जुड़े अपराधों के त्वरित अनुसंधान के लिए जिलों में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में स्पेशल इंवेस्टिगेशन यूनिट फॉर क्राइम अगेंस्ट वुमेन गठित किया गया।
प्रदेश में पुलिस की कार्यशैली को आधुनिक, पब्लिक फ्रेंडली एवं प्रो-एक्टिव बनाने के उद्देश्य से सुरक्षा सखी, पुलिस मित्र, ग्राम रक्षक, महिला शक्ति आत्मरक्षा केंद्र जैसे नवाचार किए गए हैं। इन नवाचारों का सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहा है। गत 2 वर्षों में राजस्थान पुलिस हैल्प डेस्क पर प्राप्त होने वाली क्वेरीज का शत-प्रतिशत निवारण किया गया है।
बैठक में बताया गया कि एनडीपीएस और आर्म्स एक्ट के तहत 10 हजार से अधिक गिरफ्तारियां की गई हैं। इसके साथ ही साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाले 100 लोगों को गिरफ्तार किया गया तथा 5 हजार से अधिक ऐसे लोगों को पाबंद किया गया है। बैठक में बताया गया कि सड़क दुघर्टनाओं की रोकथाम पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अधिक सड़क दुर्घटनाओं वाले 40 पुलिस थानों की पहचान कर वहां दुर्घटनाएं रोकने के विशेष उपाय किए गए हैं, जिसके कारण सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में काफी कमी आई है।
बैठक से पूर्व वाहनों की गति पर नियंत्रण के लिए अत्याधुनिक इन्टरसेप्टर वाहन का अवलोकन किया।
गृह राज्यमंत्री श्री राजेन्द्र सिंह यादव ने पुलिस को चाकचौबन्द रहकर कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने अफसरों को अपराधियांे पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, पुलिस महानिदेशक श्री उमेश मिश्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री आनंद कुमार, एडीजी क्राइम डॉ. आरपी मेहरड़ा सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारीगण उपस्थित थे।
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trendingwatch · 2 years
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गुजरात के प्रमुख टेक्स्टबुक प्रिंटर को साइबर फ्रॉड में 26 करोड़ रुपये का घाटा
गुजरात के प्रमुख टेक्स्टबुक प्रिंटर को साइबर फ्रॉड में 26 करोड़ रुपये का घाटा
द्वारा आईएएनएस अहमदाबाद: गुजरात के एक प्रमुख पाठ्यपुस्तक मुद्रक को एक साइबर धोखाधड़ी में 26 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ, जब जालसाज ने पाठ्यपुस्तकों की छपाई के लिए तमिलनाडु पाठ्यपुस्तक निगम की निविदा प्राप्त करने के वादे के साथ उससे संपर्क किया। ठगी ने चरणबद्ध तरीके से एडवांस और भुगतान के नाम पर 26 करोड़ रुपये निकाल लिए। यह राज्य का सबसे बड़ा साइबर क्राइम का मामला है। अहमदाबाद साइबर सेल…
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hindimaster · 2 years
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Activist Teesta Setalvad RB Sreekumar Sent To 14 Day Judicial Remand
Activist Teesta Setalvad RB Sreekumar Sent To 14 Day Judicial Remand
Ahmadabad Metro Politan Court: अहमदाबाद (Ahmadabad) की एक मेट्रोपॉलिटन अदालत (Metropolitan Court) ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ (Social Activist Teesta Setalvad) और गुजरात के पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार (Former Gujrat DGP) को 14 दिन की न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेज दिया है. गुजरात पुलिस की क्राइम ब्रांच ने रविवार को तीस्ता सीतलवाड़ को उनके एनजीओ के खिलाफ एक मामले में गिरफ्तार…
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digimakacademy · 4 years
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Gujarat : थुंकला म्हणून पाहिलं; तरुणाने तरुणीच्या अंगावरचा टी-शर्टच फाडला
Gujarat : थुंकला म्हणून पाहिलं; तरुणाने तरुणीच्या अंगावरचा टी-शर्टच फाडला
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अहमदाबाद: बहिणीशी बोलत असताना एक तरूण जवळच थुंकला म्हणून त्याच्याकडे पाहिलं असता, त्यानं महिलेच्या अंगावरील टी-शर्ट फाडला आणि तिला मारहाण केली. अहमदाबादमधील निकोल येथे ही धक्कादायक घटना घडली. या प्रकरणी आरोपीविरोधात गुन्हा दाखल करण्यात आला असून, तो फरार आहे. त्याचा शोध घेण्यात येत असल्याची माहिती पोलिसांनी दिली.
२४ वर्षीय तरुणीनं या प्रकरणी निकोल पोलीस ठाण्यात आरोपीविरोधात तक्रार दाखल…
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lok-shakti · 3 years
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सूरत: किडनी बेचने के लिए ऑनलाइन फर्म से संपर्क करने वाले शख्स से 14 लाख रुपये ठगे
सूरत: किडनी बेचने के लिए ऑनलाइन फर्म से संपर्क करने वाले शख्स से 14 लाख रुपये ठगे
सूरत का एक निवासी, जो अपना बकाया चुकाने के लिए अपनी किडनी बेचने जा रहा था, उसे एक ऑनलाइन फर्म ने कथित तौर पर 14.78 लाख रुपये ठग लिए। पुलिस के मुताबिक, नानपुरा निवासी अरबाज राणा (25) ने अपनी और अपनी बहन की शादी का खर्च उठाने के लिए अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से पैसे उधार लिए थे. राणा सेकेंड-हैंड कारों का व्यवसाय चलाते हैं और कोविड -19 महामारी और उसके बाद के लॉकडाउन के कारण वित्तीय कठिनाइयों का…
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shantinewshindi · 4 years
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गुजरात पुलिस के कांस्टेबलों को मिला ये अधिकार, 5 साल से कम सजावाले केसों की कर सकेंगे जांच गुजरात में पांच साल के अनुभव वाले नि:शस्त्र पुलिस कांस्टेबलों को ऐसे मामूली आपराधिक मामलों की जांच करने का अधिकार दिया गया है। गुजरात पुलिस के कांस्टेबल अब अधिकतम पांच साल तक की जेल की सजा के... Source link
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rudrjobdesk · 2 years
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Teesta Setalvad Case: 2 जुलाई तक पुलिस रिमांड पर रहेंगी तिस्ता सीतलवाड़
Teesta Setalvad Case: 2 जुलाई तक पुलिस रिमांड पर रहेंगी तिस्ता सीतलवाड़
Teesta seetalvad Highlights 2 जुलाई तक पुलिस रिमांड पर रहेंगे तिस्ता सीतलवाड़ और पूर्व IPS आर.बी. श्रीकुमार गुजरात पुलिस ने कोर्ट से 14 दिनों का रिमांड मांगा था लेकिन 2 जुलाई तक मिली 2002 गुजरात दंगों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गुजरात क्राइम ब्रांच ने तिस्ता सितलवाड़ को गिरफ्तार किया Teesta Setalvad Case: समाजिक कार्यकर्ता तिस्ता सीतलवाड़ और पूर्व IPS आर.बी. श्रीकुमार रविवार को कोर्ट के…
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ashokgehlotofficial · 2 years
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मुख्यमंत्री निवास पर कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक को संबोधित किया। राज्य सरकार प्रदेश में अपराध की रोकथाम और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई के लिए गंभीर है। राजस्थान पुलिस प्रदेश में शांति, सद्भाव का माहौल बनाए रखने और कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए कटिबद्ध है। आमजन को त्वरित न्याय दिलाने और अपराधियों में भय पैदा करने के लिए राज्य सरकार पुलिस के सुदृढ़ीकरण एवं आधुनिकीकरण में प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। प्रदेश में संगठित अपराधियों के विरूद्ध विशेष अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई की जाए।
प्रदेश में अपराध नियंत्रण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। निर्देश दिए कि पुलिस जघन्य अपराधों को अंजाम देने वाले अपराधियों की धरपकड़ के लिए प्रभावी अभियान चलाए। इससे पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ेगा। प्रदेश में कानून-व्यवस्था एवं अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए पुलिस के साथ आमजन की सजगता और सतर्कता बेहद जरूरी है।
राजस्थान ऐसा पहला राज्य है, जहां अनिवार्य एफआईआर रजिस्ट्रेशन की नीति लागू की गई है। हमारी सरकार ने रजिस्ट्रेशन बढ़ने की चिंता किए बगैर अनिवार्य रूप से एफआईआर दर्ज करने का बड़ा निर्णय लिया। जघन्य अपराधों में शीघ्र अनुसंधान व अपराधियों को सजा दिलाने हेतु हीनियस क्राइम मॉनिटरिंग यूनिट (एचसीएमयू) का गठन क्राइम ब्रांच में किया गया है। इसी प्रकार महिला अत्याचार पर प्रभावी रोकथाम तथा उनसे जुड़े अपराधों के त्वरित अनुसंधान के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में स्पेशल इंवेस्टिगेशन यूनिट फॉर क्राइम अगेंस्ट वुमेन गठित किया गया। इन नवाचारों से त्वरित अनुसंधान व अपराध नियंत्रण में सहायता मिली है।
बैठक में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान पुलिस हिस्ट्रीशीटर और हार्डकोर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए सख्त कार्रवाई कर रही हैं। अभी राज्य में कुल 11,009 हिस्ट्रीशीट है, इस वर्ष 296 नवीन हिस्ट्रीशीट खोली गई है। इनमें से अभी 914 न्यायिक हिरासत में है। साथ ही राज्य में कुल 712 हार्डकोर चिंहित अपराधी है, जिनमें से 241 न्यायिक हिरासत में है। 296 को पाबंद किया गया है, 248 पर पुलिस की सख्ती निगरानी है। विशेष अभियान चलाकर फरार 48 अपराधियों को न्यायिक हिरासत में शीघ्र लिया जाएगा।
प्रदेश में साम्प्रदायिक सौहार्द के माहौल को बिगाड़ने वाले 4500 तत्वों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई हुई हैं। इनमें 90 की गिरफ्तारी की गई है। असामजिक तत्वों के विरूद्ध 20 मई से 20 जून तक विशेष अभियान चलाकर 16,554 वांछित गिरफ्तारी की गई और 13,160 तत्वों को पाबंद किया गया। मादक पदार्थ की गतिविधियों की रोकथाम के लिए नारकोटिक्स ड्रग्स साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस) के तहत 949 एफआईआर हुई है।
प्रदेश में अवैध खनन की रोकथाम के लिए राज्य सरकार गंभीर है। एक जनवरी 2019 से अब तक 9022 एफआईआर कर 10,876 गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं। इसमें वर्ष 2022 में 1509 एफआईआर दर्ज कर 1334 गिरफ्तारी की गई है। इनमें आदतन 1012 अपराधी चिंहित किए जाकर कार्रवाई की जा रही है। अवैध खनन में राज्य कर्मचारियों पर हुए हमलों में 231 चालान जारी हुए है।
पुलिस ने साइबर क्राइम को रोकने के लिए बड़ी कार्रवाई की है। इसमें क्राइम से जुड़े 23,492 मोबाइल फोन और 23,270 सिम ब्लॉक की गई। प्रदेश में 22,500 व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर आमजन को जागरूकता किया जा रहा है। अभी तक राजस्थान पुलिस ट्विटर पर 23,083 शिकायतों का समाधान क���या गया है। अभय कमांड सेंटर पर कुल 6373 सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी रखी जा रही हैं।
साइबर क्राइम को रोकने और अपराधियों पर कार्रवाई के लिए प्रदेश के 32 पुलिस राजस्व जिलों में साइबर थानों का शीघ्र संचालन शुरू करने के निर्देश दिए। आमजन की गाढी कमाई को लूटने वालों पर सख्त सजा मिलनी चाहिए।
राजस्थान में एफआईआर के निर्बाध पंजीकरण की नीति के बावजूद वर्ष 2019 की तुलना में 2021 में 4.77 प्रतिशत अपराध कम दर्ज हुए हैं, जबकि मध्यप्रदेश, हरियाणा, गुजरात, उत्तराखंड समेत 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अपराध अधिक दर्ज हुए हैं। गुजरात में अपराधों में करीब 95.73 प्रतिशत, हरियाणा में 1.25 प्रतिशत एवं मध्यप्रदेश में करीब 23.37 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हत्या, महिलाओं के विरूद्ध अपराध एवं अपहरण में उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे है। सबसे अधिक कस्टोडियल डेथ्स गुजरात में हुई है।
समीक्षा बैठक में नाबालिग बालिकाओं के साथ हो रही दुष्कर्म की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की गई। बैठक में में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नाबालिग बालिकाओं के साथ दुष्कर्म के पंजीकृत आपराधों में राजस्थान 12वें नंबर पर है। अधिकारियों ने बताया कि बालिग व महिलाओं के विरूद्ध दुष्कर्म के प्रकरणों में सख्त कानून के बाद भी देश में प्रकरण बढ़ रहे हैं। सबसे ज्यादा प्रकरण पड़ौसी राज्य मध्यप्रदेश में दर्ज हुए हैं। इसके पश्चात राजस्थान में सर्वाधिक प्रकरण दर्ज हुए हैं। यद्यपि राज्य में आधे से ज्यादा प्रकरण अनुसंधान में झूठे पाए गए हैं। बलात्कार के प्रकरणों में राजस्थान में सजा का प्रतिशत 47.9 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह मात्र 28.6 प्रतिशत है। कुल महिला अत्याचार के प्रकरणों में राजस्थान में सजा का प्रतिशत 45.2 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 26.5 प्रतिशत है। इन्हीं प्रकरणों में राजस्थान में अनुसंधान हेतु पेंडिंग प्रकरणों का प्रतिशत 9.6 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 31.7 प्रतिशत है। आईपीसी के प्रकरणों में राजस्थान में अनुसंधान हेतु प्रकरणों का पेंडिंग प्रतिशत 10.1 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 35.1 प्रतिशत है।
राज्य सरकार संवेदनशीलता के साथ महिलाओं और अनुसूचित जाति/जनजाति को राहत प्रदान करने की दिशा में त्वरित कार्यवाही कर रही है। महिला अत्याचार मामलों के अनुसंधान में भी कमी आई है। वर्ष 2022 में ऐसे प्रकरणों में औसतन 65 दिनों में अनुसंधान पूरे किए गए, जबकि वर्ष 2021 में यह समय 110 दिन, वर्ष 2019 में 135 दिन और 2018 में 169 दिन था। वहीं, एससी-एसटी प्रकरणों में वर्ष 2018 में 231 दिन, वर्ष 2019 में 163 दिन, वर्ष 2021 में 121 दिन और वर्ष 2022 में जुलाई तक के प्रकरणों में सिर्फ 75 दिनों में ही अनुसंधान पूरा कर लिया जाकर राहत प्रदान की गई।
प्रदेश में निर्बाध पंजीकरण की नीति के साथ ही झूठे मामले अधिक सामने आ रहे हैं। आईपीसी के अपराधों में वर्ष 2020 में 30 प्रतिशत और वर्ष 2021 में 28 प्रतिशत झूठे मामले दर्ज हुए। प्रदेश में महिला अपराध के मामलों में वर्ष 2020 में 45.28 प्रतिशत, वर्ष 2021 में 45.26 प्रतिशत, वर्ष 2022 में 48 प्रतिशत, एससी-एसटी मामलों में वर्ष 2021 में 51 प्रतिशत और वर्ष 2022 में 53 प्रतिशत झूठे मामलों में एफआर लगाई गई है।
समीक्षा बैठक में गृह राज्य मंत्री श्री राजेंद्र सिंह यादव, मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, महानिदेशक पुलिस श्री एम.एल. लाठर, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अभय कुमार, प्रमुख शासन सचिव श्री अखिल अरोड़ा, महानिदेशक पुलिस इंटेलीजेंस श्री उमेश मिश्रा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, अपराध शाखा डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
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