#गजल
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anarkali-disco-chali · 2 years ago
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चाहे बना दो चाहे मिटा दो
मर भी गए तो देंगे दुआएँ'
उड़-उड़ के कहेगी ख़ाक सनम
ये दर्द-ए-मोहब्बत सहने दो
मुझे तुमसे मोहब्बत हो गई है मुझे।
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agra24 · 7 days ago
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ताज महोत्सव-2025 हेतु कलाकारों का चयन, 04-05 जनवरी को होटल ग्राण्ड, आगरा में
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ताज महोत्सव-2025 के आयोजन हेतु स्थानीय कलाकारों, उदघोषकों ��र अन्य प्रतिभाओं के चयन की प्रक्रिया 04 और 05 जनवरी 2025 को आगरा के होटल ग्राण्ड, आगरा कैन्ट में आयोजित की जाएगी। यह चयन प्रक्रिया प्रातः 10 बजे से लेकर सायं 5 बजे तक होगी। ताज महोत्सव समिति के सचिव ने जानकारी दी कि इस चयन परीक्षा में सांस्कृतिक कार्यक्रम, गायन, नृत्य, गजल, मिमिक्री आदि विभिन्न विधाओं में स्थानीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा। इच्छुक कलाकारों को अपनी प्रस्तुत विधा के बारे में जानकारी के साथ प्रार्थना पत्र देना होगा, जिसमें नाम, पता और मोबाइल नंबर जैसी जानकारी भी शामिल करनी होगी। सभी इच्छुक प्रतिभागियों को कार्यक्रम से पूर्व रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। रजिस्ट्रेशन के लिए प्रतिभागियों को ताज महोत्सव समिति के सचिव को सम्बोधित प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करना होगा। इस चयन प्रक्रिया के संबंध में अधिक जानकारी के लिए उत्तर प्रदेश पर्यटन कार्यालय, 64 ताज रोड, आगरा पर किसी भी कार्य दिवस में सम्पर्क किया जा सकता है। ताज महोत्सव-2025 की तैयारियों के मद्देनज़र यह चयन परीक्षा आयोजन में कला और संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्टता को पहचानने का एक महत्वपूर्ण कदम है। Read the full article
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helputrust · 10 months ago
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दिनांक 05 से 07 मार्च 2024, लखनऊ। एमिटी यूनिवर्सिटी, लखनऊ ने वसुधैव कुटुंबकम पर आधारित अपने वार्षिक उत्सव "एमिफोरिया 2024" का  तीन दिवसीय आयोजन एमिटी यूनिवर्सिटी, लखनऊ कैंपस, मल्हौर, लखनऊ में किया | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने "एमिफोरिया 2024" के आयोजन में अपना सहयोग प्रदान किया |
06 मार्च 2024, दूसरे दिन | मुख्य अतिथि आदरणीय श्री मुकेश शर्मा, माननीय सदस्य, विधान परिषद, उत्तर प्रदेश तथा विशिष्ट अतिथि पद्मश्री मालिनी अवस्थी के करकमलों से उद्घाटन हुआ | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संरक्षक भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा, डॉ प्रभा श्रीवास्तव तथा श्रीमती शुचिता पांडे द्वारा सुर संध्या की प्रस्तुति, मिस्टर एंड मिस एमिटी, एमिटी आइडल सीजन 5 का आयोजन किया गया | 
वसुधैव कुटुंबकम की भावना के साथ तीन दिवसीय वार्षिक उत्सव "एमीफोरिया 2024" के दूसरे दिन भजन सम्राट पदम श्री अनूप जलोटा जी ने अपने भजनों से लोगों को भाव विभोर कर दिया | "काशी बदली, अयोध्या बदली, अब मथुरा की बारी है", "दुनिया चले ना श्री राम के बिना", "ऐसी लागी लगन, मीरा हो गई मगन", "मेरे मन में राम, तन में राम" गाकर लोगों के हृदय को भक्ति भाव से भर दिया तथा साथ ही "मैं शायर तो नहीं, मगर ए हसीन" गीत गाकर श्रोताओं के जहन में प्रख्यात गायक शैलेंद्र सिंह जी की याद ताजा कर दी | अनूप जलोटा जी ने अपने प्रिय मित्र एवं प्रख्यात गजल गायक पंकज उधास जी का मशहूर गीत "चिट्ठी आई है, आई है, चिट्ठी आई है" गाकर उन्हें  श्रद्धांजलि दी | डॉ प्रभा श्रीवास्तव ने "तुमको देखा तो यह ख्याल आया" और श्रीमती सुचिता पांडे ने "कभी राम बनके, कभी श्याम बनके" गाकर अनूप जलोटा जी के साथ मंच साझा किया |
इस अवसर पर पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि "हमें भजन सम्राट पदम श्री अनूप जलोटा जी जैसी विभूतियों के जीवन से सीखने का प्रयास करना चाहिए | आज का भारत नया भारत है जिसका भविष्य युवाओं के हाथ में है, उन्हें परिश्रम के साथ संपूर्ण राष्ट्र को परिवार मानकर आगे बढ़ना चाहिए तथा वसुधैव कुटुंबकम का अनुसरण करके संपूर्ण पृथ्वी के लोगों के साथ समन्वय स्थापित करना चाहिए |"
विंग कमांडर डॉ अनिल कुमार तिवारी ने कहा कि, "आज "एमीफोरिया 2024" के दूसरे दिन भजन सम्राट पदम श्री अनूप जलोटा और पद्मश्री मालिनी अवस्थी की उपस्थिति ने वार्षिक उत्सव में सांस्कृतिक समृद्धि और ग्लैमर का स्पर्श जोड़ दिया है |"
इनके अलावा छात्र छात्राओं द्वारा संगीत और नृत्य, गेमिंग, नाटक, फोटोग्राफी, क्विज़ जैसी अन्य मनोरंजक प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया | छात्र-छात्राओं ने मिस्टर एंड मिस प्रतियोगियों में रैंप पर जोश और उत्साह दिखाया | प्रतियोगिता में कई दौर में छात्र-छात्राओं ने नृत्य प्रस्तुतियों से सभी का दिल जीत लिया |
एमिफोरिया 2024 में एमिटी लखनऊ परिसर के 7000 से अधिक छात्र और पूर्व छात्रों के साथ-साथ प���रबंधन, तकनीकी और रचनात्मक क्षेत्रों से बड़ी संख्या में विशेषज्ञों, विभिन्न संस्थानो और विश्वविद्यालयो ने भाग लिया ।
एमिटी यूनिवर्सिटी, लखनऊ कैंपस के प्रो वाइस चांसलर, विंग कमांडर (डॉ.) अनिल कुमार तिवारी (सेवानिवृत्त), डीन एवं अध्यक्ष, एमिफोरिया 2024 प्रोफेसर डॉ. मंजू अग्रवाल, लखनऊ कैंपस के डीन, निदेशक, प्रोफेसर, अभिभावको आदि के साथ, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबन्ध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल, शहर के सम्मानित, प्रतिष्ठित एवं गणमान्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति रही |  
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bakaity-poetry · 2 years ago
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शायरी, कविता, नज़्म, गजल, सिर्फ दिल्लगी का मसला नहीं हैं। इतिहास गवाह है कि कविता ने हमेशा इंसान को सांस लेने की सहूलियत दी है। जब चारों ओर से दुनिया घेरती है; घटनाओं और सूचनाओं के तेज प्रवाह में हमारा विवेक चीजों को छान-घोंट के अलग-अलग करने में नाकाम रहता है; और विराट ब्रह्मांड की शाश्वत धक्कापेल के बीच किसी किस्म की व्यवस्था को देख पाने में असमर्थ आदमी का दम घुटने लगता है; जबकि उसके पास उपलब्ध भाषा उसे अपनी स्थिति बयां कर पाने में नाकाफी मालूम देती है; तभी वह कविता की ओर भागता है। जर्मन दार्शनिक विटगेंस्टाइन कहते हैं कि हमारी भाषा की सीमा जितनी है, हमारा दुनिया का ज्ञान भी उतना ही है। यह बात कितनी अहम है, इसे दुनिया को परिभाषित करने में कवियों के प्रयासों से बेहतर समझा जा सकता है।
कबीर को उलटबांसी लिखने की जरूरत क्यों पड़ी? खुसरो डूबने के बाद ही पार लगने की बात क्यों कहते हैं? गालिब के यहां दर्द हद से गुजरने के बाद दवा क��से हो जाता है? पाश अपनी-अपनी रक्त की नदी को तैर कर पार करने और सूरज को बदनामी से बचाने के लिए रात भर खुद जलने को क्यों कहते हैं? फैज़ वस्ल की राहत के सिवा बाकी राहतों से क्या इशारा कर रहे हैं? दरअसल, एक जबरदस्त हिंसक मानवरोधी सभ्यता में मनुष्य अपनी सीमित भाषा को ही अपनी सुरक्षा छतरी बना कर उसे अपने सिर के ऊपर तान लेता है। उसकी छांव में वह दुनियावी कोलाहल को अपने ढंग से परिभाषित करता है, अपनी ठोस राय बनाता है और उसके भीतर अपनी जगह तय करता है। एक कवि और शायर ऐसा नहीं करता। वह भाषा की तनी हुई छतरी में सीधा छेद कर देता है, ताकि इस छेद से बाहर की दुनिया को देख सके और थोड़ी सांस ले सके। इस तरह वह अपने विनाश की कीमत पर अपने अस्तित्व की संभावनाओं को टटोलता है और दुनिया को उन आयामों में संभवत: समझ लेता है, जो आम लोगों की नजर से प्रायः ओझल होते हैं।
भाषा की सीमाओं के खिलाफ उठी हुई कवि की उंगली दरअसल मनुष्यरोधी कोलाहल से बगावत है। गैलीलियो की कटी हुई उंगली इस बगावत का आदिम प्रतीक है। जरूरी नहीं कि कवि कोलाहल को दुश्मन ही बनाए। वह उससे दोस्ती गांठ कर उसे अपने सोच की नई पृष्ठभूमि में तब्दील कर सकता है। यही उसकी ताकत है। पाश इसीलिए पुलिसिये को भी संबोधित करते हैं। सच्चा कवि कोलाहल से बाइनरी नहीं बनाता। कविता का बाइनरी में जाना कविता की मौत है। कोलाहल से शब्दों को खींच लाना और धूप की तरह आकाश पर उसे उकेर देना कवि का काम है।
कुमाऊं के जनकवि गिरीश तिवाड़ी ‘गिरदा’ इस बात को बखूबी समझते थे। एक संस्मरण में वे बताते हैं कि एक जनसभा में उन्होंने फ़ैज़ का गीत 'हम मेहनतकश जगवालों से जब अपना हिस्सा मांगेंगे' गाया, तो देखा कि कोने में बैठा एक मजदूर निर्विकार भाव से बैठा ही रहा। उसे कोई फ़र्क नहीं पड़ा, गोया कुछ समझ ही न आया हो। तब उन्हें लगा कि फ़ैज़ को स्थानीय बनाना होगा। कुमाऊंनी में उनकी लिखी फ़ैज़ की ये पंक्तियां उत्तराखंड में अब अमर हो चुकी हैं: ‘हम ओढ़, बारुड़ी, ल्वार, कुल्ली-कभाड़ी, जै दिन यो दुनी धैं हिसाब ल्यूंलो, एक हांग नि मांगूं, एक भांग नि मांगू, सब खसरा खतौनी किताब ल्यूंलो।'
प्रेमचंद सौ साल पहले कह गए कि साहित्य राजनीति के आगे चलने वाली मशाल है, लेकिन उसे हमने बिना अर्थ समझे रट लिया। गिरदा ने अपनी एक कविता में इसे बरतने का क्या खूबसूरत सूत्र दिया है:
ध्वनियों से अक्षर ले आना क्या कहने हैं
अक्षर से फिर ध्वनियों तक जाना क्या कहने हैं
कोलाहल को गीत बनाना क्या कहने हैं
गीतों से कोहराम मचाना क्या कहने हैं
प्यार, पीर, संघर्षों से भाषा बनती है
ये मेरा तुमको समझाना क्या कहने हैं
कोलाहल को गीत बनाने की जरूरत क्यों पड़ रही है? डेल्यूज और गटारी अपनी किताब ह्वॉट इज फिलोसॉफी में लिखते हैं कि दो सौ साल पुरानी पूंजी केंद्रित आधुनिकता हमें कोलाहल से बचाने के लिए एक व्यवस्था देने आई थी। हमने खुद को भूख या बर्बरों के हाथों मारे जाने से बचाने के लिए उस व्यवस्था का गुलाम बनना स्वीकार किया। श्रम की लूट और तर्क पर आधारित आधुनिकता जब ढहने लगी, तो हमारे रहनुमा ही हमारे शिकारी बन गए। इस तरह हम पर थोपी गई व्यवस्था एक बार फिर से कोलाहल में तब्दील होने लगी। इसका नतीजा यह हुआ है कि वैश्वीकरण ने इस धरती पर मौजूद आठ अरब लोगों की जिंदगी और गतिविधियों को तो आपस में जोड़ दिया है लेकिन इन्हें जोड़ने वाला एक साझा ऐतिहासिक सूत्र नदारद है। कोई ऐसा वैचारिक ढांचा नहीं जिधर सांस लेने के लिए मनुष्य देख सके। आर्थिक वैश्वीकरण ने तर्क आधारित विवेक की सार्वभौमिकता और अंतरराष्ट्रीयतावाद की भावना को तोड़ डाला है। ऐसे में राष्ट्रवाद, नस्लवाद, धार्मिक कट्टरता आदि ��मारी पहचान को तय कर रहे हैं। इतिहास मजाक बन कर रह गया है। यहीं हमारा कवि और शायर घुट रहे लोगों के काम आ रहा है।
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livetimesnewschannel · 7 days ago
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Exploring Mirza Ghalib: 10 Interesting Facts You Must Know
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Introduction
10 interesting things about Mirza Ghalib: ‘हुई मुद्दत कि ‘ग़ालिब’ मर गया पर याद आता है, वो हर इक बात पर कहना कि यूं होता तो क्या होता’ मिर्��ा गालिब को महान शायर बताने के लिए उनकी गजल का यह शेर ही काफी है. 200 साल बाद भी गालिब की शायरी सुनाई और गुनगुनाई जाती है. शायरी बदली, कहने का अंदाज बदला, वक्त बदला और सदियां बदल गईं, लेकिन मिर्जा गालिब की गजलों और नज्मों का जादू अब भी बरकरार है. उनकी गजलों के शेर जिंदगी का फलसफा हैं, जो लोगों के दिल को सुकून देते हैं. उन्होंने सिर्फ 11 साल की उम्र से ही कविताएं लिखनी शुरू कर दी थीं. एक कवि होने के साथ-साथ मिर्जा गालिब एक बेहतरीन पत्र लेखक भी थे.
खूबसूरत शब्दों में लिपटे उनके खत भी लाजवाब होते थे. उनकी नज्मों और गजलों की बात की जाए तो ये जीवन के दर्शन का लिबाज ओढ़े हुए हैं. यही वजह है कि हर उम्र के लोग उनकी शायरी को पसंद करते हैं. मिर्जा गालिब भले ही भारत में जन्में और शायरी की, लेकिन उनकी दीवानगी पूरे दक्षिण एशिया में है. इस स्टोरी में हम बताने जा रहे हैं मिर्जा गालिब की जिंदगी और शायरी से जुड़े अनसुने किस्से.
Table Of Content
मदिरापान के साथ गालिब को था जुआ खेलने का शौक
पंडित ने लगाया था गालिब के माथे पर टीका
वाह रे बड़े मियां, बर्फी हिंदू और इमरती मुसलमान
नहीं थी कोई संतान
बचपन में ही खो दिया था माता-पिता को
13 साल की उम्र में शादी
11 वर्ष की उम्र में शुरू कर दिया था लिखना
मिले थे कई पुरस्कार
गधे भी आम नहीं खाते
बल्लीमारान से गालिब का रिश्ता
मदिरापान के साथ गालिब को था जुआ खेलने का शौक
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पंडित ने लगाया था गालिब के माथे पर टीका
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वाह रे बड़े मियां, बर्फी हिंदू और इमरती मुसलमान
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नहीं थी कोई संतान
मिर्जा गालिब का पूरा नाम मिर्ज़ा असद-उल्लाह बेग ख़ां उर्फ ‘गालिब’ था. 27 दिसंबर, 1797 आगरा में जन्में गालिब को पूरी जिंदगी इस बात का मलाल रहा कि उनकी कोई औलाद नहीं थी. बीवी उमराव ने कई बच्‍चों को जन्‍म तो दिया लेकिन कोई भी संतान जी नहीं सकी. मिर्जा गालिब को पूरी जिंदगी औलाद की कमी खलती रही. गालिब की 7 संतानें हुईं, लेकिन उनमें से कोई भी कुछ महीनों से ज्यादा जिंदा नहीं रह पाईं. उनका यह दर्द उनकी गजलों और नज्मों में भी नजर आता है.
बचपन में ही खो दिया था माता-पिता को
बेशक हर मोहब्बत करने वाला आशिक मिर्जा गालिब की शायरी को जरूर पढ़ता है. जिंदगी की धुन गुनगुनानी हो तो उनकी शायरी कमाल है. बचपन में ही गालिब ने पिता को खो दिया. उनके पिता 1803 में एक युद्ध में शहीद हो गए. इसके बाद मामा ने उन्हें पालने की कोशिश की, लेकिन 1806 में हाथी से गिरकर उनकी भी मौत हो गई. मां के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन कहा जाता है कि उनकी मृत्यु भी जल्दी ही हो गई थी.
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13 साल की उम्र में शादी
बताया जाता है कि सिर्फ 13 वर्ष की उम्र में मिर्जा गालिब का निकाह हो गया. 1810 में नवाब इलाही बक्श की बेटी उमराव बेगम से गालिब का निकाह हुआ. मोहब्बत से लबरेज गालिब को अपनी पत्नी से बहुत लगाव था लेकिन उनका रिश्ता कभी मोहब्बत की दहलीज को पार नहीं कर पाया. गालिब ने अपने खतों में लिखा था कि शादी दूसरी जेल की तरह है यानी वह शादी से खुश नहीं थे. उन्होंने लिखा है- पहली जेल जिंदगी ही है जिसका संघर्ष उसके साथ ही खत्म होता है.
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11 वर्ष की उम्र में शुरू कर दिया था लिखना
मिर्जा गालिब का पूरा नाम मिर्जा असदुल्लाह बेग खां था. उनका जन्म 27 दिसंबर, 1797 में उत्तर प्रदेश के आगरा में हुआ. उनके पिता का नाम अबदुल्ला बेग और माता का नाम इज्जत उत निसा बेगम था. गालिब के पिता उज्बेकिस्तान से भारत आए थे. गालिब की उर्दू, पर्शियन और तुर्की तीनों भाषाओं पर अच्छी पकड़ थी. कहा जाता है कि उन्होंने 11 साल की उम्र में लिखना शुरू कर दिया था. उन्हें हिन्दी और अरबी की भी जानकारी थी.
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मिले थे कई पुरस्कार
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गधे भी आम नहीं खाते
ऐसा कहा जाता है कि मुसलमान होने के बावजूद गालिब ने कभी रोजा नहीं रखा था. शायद यही वजह है कि वह खुद को आधा मुसलमान कहते थे. एक बार एक अंग्रेज अफसर ने पूछा तो उन्होंने बताया था कि मैं शराब पीता हूं, लेकिन सूअर नहीं खाता हूं. ऐसे में आधा मुसलमान हूं. गालिब महान शायर होने के साथ हाजिर जवाब इंसान भी थे. वह जवाब देने में जरा भी देर नहीं लगाते थे. कहा जाता है कि गालिब एक बार आम खा रहे थे.
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बल्लीमारान से गालिब का रिश्ता
मिर्ज़ा ग़ालिब दरअसल, गली कासिम जान बल्लीमारान (चांदनी चौक) के जिस घर में रहा करते थे उसको मूल स्वरूप में संरक्षित और पुनःस्थापित कराया गया है. वर्तमान में इस घर में गालिब के जीवन के विभिन्न पहलु���ं को प्रदर्शित करने के लिए एक संग्रहालय है. 27 दिसंबर 2000 को मिर्जा गालिब की जयंती पर इसका उद्घाटन किया गया था और इसे जनता के लिए भी खोला गया. आधिकारिक जानकारी के अनुसा, सोमवार और राजपत्रित अवकाशों को छोड़कर स्मारक सभी दिन (सुबह 11:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक) आम जनता के लिए खुला रहता है. मिर्जा गालिब की जयंती पर प्रत्येक वर्ष गालिब मेमोरियल में उत्सव मनाया जाता है.
Conclusion
मिर्जा असदुल्लाह खान, जिन्हें मिर्जा गालिब के नाम से भी जाना जाता है दरअसल, वर्तमान युग के सबसे महान, कामयाब और सबसे मशहूर उर्दू शायरों में से एक हैं. गम हो, खुशी हो या फिर जिंदगी की बात, हर मूड की गजलें शायर मिर्जा गालिब ने लिखी हैं. ग़ालिब के समकालीन और भी कई शायर थे, जिन्होंने उम्दा नज़्में और ग़ज़लें लिखीं, लेकिन ग़ालिब जैसी कामयाबी किसी दूसरे शायर को नहीं मिली. आलोचकों और उर्दू साहित्य के बारे में जानने वालों का कहना है कि फ़ारसी कविता के प्रवाह को हिंदुस्तानी जुबान में लोकप्रिय करवाने का श्रेय भी इनको दिया जाता है.
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indlivebulletin · 10 days ago
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नौंवी कक्षा में याद थे 5 हजार शेर, पढ़ें पेंटर कामिल के राहत इंदौरी बनने की कहानी
डॉ. राहत इंदौरी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. देश समेत दुनिया में उनके चाहने वालों की एक लंबी फेहरिस्त है. हर कोई उनके शायरी के मुरीद है. आशिक से लेकर आवारा तक के जहनों में अपनी छाप छोड़ने वाले राहत इ्ंदौरी की कहानी र���पहले पर्दे पर दिखने वाली रील लाइफ से कम नहीं है. कहते हैं कि शेरों-शायरी और गजल इशारों की कला है तो डॉ. साब इसके जादूगर हैं, जो अपनी प्रतिभा से हर जुबां को गुनगुनाने का मौका दिया…
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drrupal-helputrust · 13 days ago
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पदम श्री अनवर जलालपुरी 76वीं जन्म जयंती : साज-ए-गजल
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helputrust-harsh · 14 days ago
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पदम श्री अनवर जलालपुरी 76वीं जन्म जयंती : दास्तान गोई, साज-ए-गजल तथा सेमिनार
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helpukiranagarwal · 14 days ago
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पदम श्री अनवर जलालपुरी 76वीं जन्म जयंती : दास्तान गोई, साज-ए-गजल तथा सेमिनार
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helputrust-drrupal · 14 days ago
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पदम श्री अनवर जलालपुरी 76वीं जन्म जयंती : दास्तान गोई, साज-ए-गजल तथा सेमिनार
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countryinsidenews · 25 days ago
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पटना /विशाल पब्लिकेशन एवं छँद:शाला के तत्वभाव धान में,पटना पुस्तक मेला मेला के खुला मंच पर कार्यक्रम आयोजित, डॉ अनिल सुलभ बने मुख्य अतिथि
पटना :16/12/24/ विशाल पब्लिकेशन एवं छँद:शाला के तत्वभाव धान में,पटना पुस्तक मेला मेला के खुला मंच पर, डॉ मंजू सक्सेना के द्वारा संपादित नवीन काव्य कृति सिद्धेश्वर की गजलें ” का लोकार्पण करते हुए, वरिष्ठ शायर रमेश कँवल ने कहा कि हिंदी गजल के विस्तृत नभ पर एक उभरते हुए गजलकार सिद्धेश्वर की कलम में अद्भुत ऊर्जा है. इस पुस्तक की गजलें अत्यंत प्रभावकारी और हृदयस्पर्शी है l मुख्य अतिथि डॉ अनिल सुलभ ने…
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englishhindipoetry-blog · 1 month ago
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एक्लै बस्दै थिएँ (सुमधुर गजल)
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helputrust · 2 years ago
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माननीय प्रधानमंत्री परम आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी के "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास" मंत्र की प्रेरणा से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक पदम श्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी की 76वीं जन्म जयंती के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा "दास्तान गोई, साज-ए-गजल तथा सेमिनार" का आयोजन कैफी आज़मी अकादमी, निशा��गंज, लखनऊ में किया गया | कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में माननीय डॉ दिनेश शर्मा, पूर्व उपमुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार की गरिमामई उपस्थिति रही |
कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगान तथा मुख्य अतिथि माननीय डॉ दिनेश शर्मा जी, पूर्व उपमुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, संस्थापक एवं प्रबंध न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, पदमश्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी के परिवार के सदस्यों शाहरयार जलालपुरी, शाहकार जलालपुरी, डॉ जानिसार आलम तथा ट्रस्ट के आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्यों ने दीप प्रज्वलन करके किया |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक एवं प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल तथा पदमश्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी के परिवार के सदस्यों शहरयार जलालपुरी, शाहकार जलालपुरी, डॉ जानिसार आलम तथा ट्रस्ट के आंतरिक सलाहकार समिति के सदस्यों ने प्रतीक चिन्ह, पुष्प गुच्छ तथा अंग वस्त्र से माननीय मुख्य अतिथि डॉ दिनेश शर्मा जी का स्वागत एवं सम्मान किया | तत्पश्चात मुख्य अतिथि माननीय डॉ दिनेश शर्मा ने अपने कर कमलों से कार्यक्रम "दास्तान गोई, साज-ए-गजल तथा सेमिनार" के प्रतिभागियों का सम्मान किया |
इस अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने सभागार में उपस्थित सभी लोगों का अभिवादन करते हुए कहा कि, "आज के कार्यक्रम के माध्यम से हमारा उद्देश्य राष्ट्रीय एकीकरण की भावना को प्रबल करना है और माननीय प्रधानमंत्री परम आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी के मूल मंत्र "सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास" को जन-जन तक पहुंचा कर, आम जनमानस को देश हित में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करना है |
पदम श्री अनवर जलालपुरी वास्तव में मोहब्बत के सफ़ीर थे | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के साथ उनका बहुत गहरा नाता था | उसी नाते हमारे बीच अनवर जी के तीनो बेटे शहरयार जलालपुरी, शाहकार जलालपुरी तथा डॉ जानिसार आलम उपस्थित है | अनवर जी ने भगवत गीता को उर्दू में अनुवादित करके पूरे विश्व को भाईचारे और सौहार्द्र का संदेश दिया और इसकी जीती जागती मिसाल अनवर जी द्वारा लिखित पुस्तक “उर्दू शायरी में गीता” का महान संत परम श्रद्धेय मुरारी बापू द्वारा विमोचन है | मुरारी बापू कहते है अनवर जलालपुरी ने सम्पूर्ण गीता को बेहद आकर्षक ढंग से पाठको के लिए प्रस्तुत किया है | मेरा यकीन है कि “उर्दू शायरी में गीता” मदीने को काशी और काशी को मदीने तक ले जाएगी | मै कहता हूँ कि श्लोक को लोक तक जाना चाहिए | अनवर जलालपुरी ने इसी काम की शुरुआत की है |
यह हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का सौभाग्य है कि हमें उर्दू शायरी में गीता के विमोचन कार्यक्रम रूहानी संगम को आयोजित करने का अवसर प्राप्त हुआ | रूहानी संगम कार्यक्रम में, आज के हमारे मुख्य अतिथि परम आदरणीय डॉ दिनेश शर्मा जी तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक पद्मभूषण स्वर्गीय गोपाल दास नीरज जी उपस्थित थे |
पद्मभूषण स्वर्गीय गोपाल दास नीरज जी कहते है कि मैंने गीता के हिंदी और अंग्रेजी भाषाओ के कई अनुवाद पढ़े है लेकिन जैसा अनुवाद अनवर जलालपुरी ने किया है वैसा मुझे अन्य कही देखने को नहीं मिला |
परम आदरणीय डॉ दिनेश शर्मा जी का आशीर्वाद हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट को ट्रस्ट की स्थापना से पूर्व से निरंतर प्राप्त है | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की उपलब्धियां परम आदरणीय डॉ दिनेश शर्मा जी के मार्गदर्शन का नतीजा है | आज हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट जो भी जन सेवा कर रहा है उसका श्रेय परम आदरणीय डॉ दिनेश शर्मा जी को जाता है | यह परम आदरणीय डॉ दिनेश शर्मा जी का ही आशीर्वाद था जिसके कारण पदमश्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी जी के साहित्य कार्यो से माननीय प्रधानमंत्री परम आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी अवगत हुए |
माननीय प्रधानमंत्री परम आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से अनवर जलालपुरी जी द्वारा रचित “उर्दू शायरी में गीता” के ऑडियो संस्करण पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि श्री अनूप जलोटा जी के स्वर में सजने वाला यह संस्करण निश्चय ही कर्णप्रिय और मनोहारी होगा | माननीय प्रधानमंत्री परम आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी कहते है श्रीमद् भगवतगीता मनुष्य को सत्य के मार्ग पर चलने की सीख देती है | विपरीत परिस्थितियो में भी मन व मस्तिस्क को नियंत्रित करके सफलता पाने का अचूक मन्त्र देती है श्रीमद् भगवतगीता |
स्वयं पदम श्री अनवर जलालपुरी जी कहते है कि है योग वाले कृष्णा जहां, जहां पर है अर्जुन के तीरों कमा, वही फतहमंदी, मसर्रत वही, सभी के लिए शानो शौकत वही |
आपकी जानकारी में लाना है कि “उर्दू शायरी में गीता” का ऑडियो हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के Youtube Channel पर उपलब्ध है |
पदम श्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी के सुपुत्र डॉ जानिसार आलम ने कहा कि, "आज हमारे वालिद मरहूम पद्मश्री अनवर जलालपुरी के 76वें जन्म जयंती के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है | मैं ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल तथा न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल का बहुत शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने इस कार्यक्रम को आयोजित करने में हमारा मार्गदर्शन किया तथा मैं आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय डॉ दिनेश शर्मा जी, पूर्व उपमुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार का तहे दिल से स्वागत करता हूं और आप सभी विद्वानों एवं श्रोताओं का भी स्वागत करता हूं |"
मुख्य अतिथि माननीय दिनेश शर्मा पूर्व उपमुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि, "अनवर जलालपुरी से मेरा हृदय का संबंध था और मैं हर्ष वर्धन अग्रवाल को एवं उनके ट्रस्ट को साधुवाद देता हूं कि उन्होंने उनके तमाम कार्यक्रम कराए और उन तमाम कार्यक्रम में मुझे जाने का अवसर मिला l मुझे याद है अनवर साहब ने जब गीता को उर्दू शायरी में लिखने की बात की तो सबसे पहले मेरे साथ भेंट हुई | उस समय मेरे मन में यह आशंका थी कि इतनी अच्छी उर्दू बोलने वाला व्यक्ति, अरबी का ज्ञाता व्यक्ति जिसकी जुबान पर उर्दू शायरी बसी हुई हो, वह संस्कृत के श्लोकों का अर्थ कैसे करेगा और उसके भावार्थ को अपनी जुबान में जनमानस को कैसे समझाएगा l अनवर साहब ने मेरी यह आशंका तुरंत दूर कर दी तो मुझे लगा कि यह व्यक्ति आम जनमानस की भावनाओं को समझने की क्षमता रखने वाला व्यक्ति है | श्रीमद्भगवद्गीता को अनवर साहब इंसानियत का सबसे बड़ा ग्रंथ मानते थे जो भटके हुए व्यक्ति को सही राह दिखा सकती है | आज इस कार्यक्रम में मैं यही कहना चाहूंगा कि ���भी लोग अपनी परंपरा का पूरा सम्मान करते हुए आगे बढ़े | अगर हम हिंदू हैं तो हम खूब पूजा पाठ, जो कुछ भी कर सकते हैं, उसमें अडिग रहे | अगर हम मुस्लिम है तो पांचों वक्त की जो अजान करते हैं वह करें, उस पर कोई रोक टोक नहीं होनी चाहिए | लेकिन यह जो प्रोग्रेसिव नेचर है जो अनवर जलालपुरी साहब का था कि सबके साथ साथ युवाओं का सुनहरा भविष्य कहां से आए इस पर हमें चिंतन करना है | अभी जो हर्ष वर्धन अग्रवाल जी कह रहे थे "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास" | इसका मतलब है जितने लोग हैं सब मिलकर इस मुल्क की तरक्की के लिए काम करें और उसके लिए यह जरूरी है कि हम, जो भी कुरीतियां हैं चाहे जिस धर्म की हो, उस पर विचार करते हुए क्या संशोधन कर सकते हैं और साथ में दूसरे धर्म ग्रंथ चाहे वह बाइबल हो चाहे गुरु ग्रंथ साहब चाहे कुरान हो चाहे गीता या रामायण हो, हम सब के बारे में अच्छाइयों को पढ़ें तो निश्चय ही समाज में सकारात्मक परिवर्तन आएगा | आज अनवर जलालपुरी जैसे लोगो की बहुत जरूरत है | अनवर साहब जैसे व्यक्तित्व को कभी भुलाया नहीं जा सकता वह हमारी अंत: चेतना में हमेशा जीवित रहेंगे |
दास्तान गो शुजाउर रहमान तथा शाजिया खान ने दास्तान गोई (दास्तान-ए-गीता) की प्रस्तुतीकरण किया जिसके अंतर्गत उन्होंने पदम श्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी जी की अनुवादित पुस्तक उर्दू शायरी में गीता के श्लोकों को कहानी और शायरी के अनोखे मिश्रण से प्रस्तुत किया |
साज-ए-गजल में पदम श्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी जी की मशहूर गजलों को गजल गायक प्रदीप अली तथा आकांक्षा सिंह ने अपनी कर्णप्रिय आवाज में प्रस्तुत किया | प्रदीप अली ने "मैंकदे से देर से काबा से रुखसत हो गए", "हवा हो तेज तो शाखों से पत्ते टूट जाते हैं" तथा आकांक्षा सिंह ने "हम्द ना यह दिन ना यह रात बाकी रहेगी " गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया तथा अनवर साहब को श्रद्धांजलि अर्पित की |
अनवर जलालपुरी: मोहब्बत के सफीर विषयक सेमिनार में सम्मानित वक्ता गणों ने पदमश्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला |
जाने माने उर्दू शायर जनाब वासिफ फारुकी ने अनवर जलालपुरी की शायरी और अदबी ख़िदमात व उनकी शख्सियत पर रोशनी डालते हुए कहा कि, "अनवर जलालपुरी साहब उच्च कोटि के साहित्यकार, मानवता के पैरोकार, शायर और नाजिम-ए-मुशायरा थे।"
जनाब मनीष शुक्ला ने कहा कि, "पद्मश्री अनवर जलालपुरी साहब अपने आप में मुशायरों की निज़ामत का एक अलग और अज़ीम स्कूल थे |"
मौलाना आज़ाद विश्वविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ इशरत नाहीद ने कहा कि, "अनवर जलालपुरी ने राष्ट्रीय एकता को मजबूती देने अपना एक अहम किरदार निभाया है | वह आधुनिक दौर के शुद्ध हिन्दुस्तानी संत थे | वह एक ऐसे संत थे जिनकी वाणी ने लोगों के दिलों को आकर्षित ही नहीं किया बल्कि राष्ट्रीयता और मानव प्रेम की भावना को लोगों में जा��ृत किया | उन्होंने राष्ट्रीय एकता के साथ साथ धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का भी भरपूर प्रयास करते हुए पवित्र क़ुरआन शरीफ़ और श्रीमद् भगवत गीता का उर्दू में काव्यात्मक अनुवाद करके एक दूसरे को समझाने का प्रयास किया |"
अमेरिकन सेंटर लखनऊ के निदेशक डॉक्टर एहतेशाम अहमद खान ने बताया कि, "लेखनी भाषा का एक अहम और बहुत ही खास हिस्सा है | एक सफल लेखक और एक कामयाब शायर अपनी लेखनी या तहरीर में भाषा से चित्रकारी का काम लेता है | लेकिन अपनी आवाज़ से हयात व् कायनात की तस्वीर बनाने का फ़न अगर किसी को क़ुदरत ने निहायत ख़ूबसूरती के साथ बख्शा था तो वह यक़ीनन पदमश्री अनवर जलालपुरी थे |
मुशायरे की दुनिया में अपनी पुरकैफ़ आवाज़ से श्रोताओं की समाअत में सुरूर घोलने का फ़न पद्मश्री अनवर जलालपुरी से बेहतर नहीं मिलता है | वह अंतर्राष्टीय ख्याति प्राप्त उर्दू कवि एवं शायर, मंच संचालक, बेहतरीन वक्ता, टीवी सीरियल संवाद एवं गीत लेखक, शिक्षाविद, बुद्धिजीवी और सबसे बढ़कर एक बेहतरीन इंसान थे | आज जब हमारे समाज में हर इंसान अपनी ज़ात और धर्म के हिसार में क़ैद होता जा रहा है, आपसी सौहार्द और मुहब्बत समाप्त होती जा रही है ऐसे में हमें पदमश्री अनवर जलालपुरी की शिक्षा को याद करना बेहद अहम है:
मेरी बस्ती के लोगो! अब न रोको रास्ता मेरा
मैं सब कुछ छोड़कर जाता हूँ देखो हौसला मेरा |"
जनाब आतिफ हनीफ ने कहा कि, "गंगा जमुनी तहज़ीब के अलंबरदार अनवर जलालपुरी | अनवर जलालपुरी ने अपनी शायरी के जरिए हिंदुस्तानी तहजीब, संस्कृति एवं राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने की भरपूर कोशिश की है | वह भारत के ऐसे अनूठे साहित्यकार हैं जिन्होंने श्रीमद भगवत गीता के संस्कृत श्लोकों को उर्दू शायरी का लिबास पहनाया, और इसके जरिए धार्मिक और भाषाई एकता का प्रतीक बन गए | आज के समय में पद्मश्री अनवर जलालपुरी की रचनाओं की प्रासंगिकता और भी बढ़ गई है |"
जनाब अतहर हुसैन सिद्दीकी ने अनवर जलालपुरी जी की जो शख्सियत है वह वाकई काबिले तारीफ है | उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोक का उर्दू में अनुवाद किया तथा गीता के भावार्थ को मुल्क के कोने-कोने तक पहुंचाया | यह अनवर साहब ही थे जिन्हें हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू हर विषय में महारत हासिल थी | जैसा कि आज की सेमिनार का विषय है अनवर जलालपुरी : मोहब्बत के सफीर, मैं मानता हूं कि अनवर साहब वास्तव में मोहब्बत के सफीर थे और उन्होंने उर्दू शायरी में गीता के माध्यम से संपूर्ण देश में अमन व भाईचारे की भावना को फैलाया | आज उनकी 76वी जन्म जयंती के अवसर पर मैं उन्हें सलाम करता हूं |
डॉ मसीहुद्दीन खान ने अनवर जलालपुरी साहब की शख्सियत और उनकी शायरी की अहमियत पर रोशनी डाली |
शहरयार जलालपुरी ने सभी का आभार व्यक्त किया |
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉक्टर मसीहुद्दीन खान ने किया |
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atplblog · 1 month ago
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Price: [price_with_discount] (as of [price_update_date] - Details) [ad_1] जगजीत चित्र ने ग़ज़ल गायकी को नए आयाम दिए हैं। मयखाना हो या यारी, इश्क हो या मुश्क, माहौल हो या मौसम, हवा हो या उमस—जगजीत चित्र से कोई विषय अछूता नहीं रहा। इन्होंने तो जैसे ग़ज़लों का महासमुद्र ही बना दिया, जिसमें आज लाखों गजल प्रेमी डूब-उतर रहे हैं। चुने हुए शायरों को इन्होंने अपनी आवाज देकर उनकी ग़ज़लों को अमर कर दिया। यह पुस्तक इनकी गायी ग़जलों की एक बानगी भर है।. ASIN ‏ : ‎ B08JJT7JMY Publisher ‏ : ‎ Manoj Publications (1 January 2010); Sawan Gupta, 761, Main Road, ,Burari, Delhi ,Opp. HDFC Bank North Delhi - 110084, [email protected] 9811011459 Language ‏ : ‎ Hindi Paperback ‏ : ‎ 224 pages Item Weight ‏ : ‎ 226 g Dimensions ‏ : ‎ 22 x 14 x 2 cm Country of Origin ‏ : ‎ India Importer ‏ : ‎ Imprter Details Not Applicable Packer ‏ : ‎ Sawan Gupta, 761, Main Road, ,Burari, Delhi ,Opp. HDFC Bank North Delhi - 110084, [email protected] 9811011459 Generic Name ‏ : ‎ Spirituality [ad_2]
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airnews-arngbad · 2 months ago
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Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar Date – 03 November 2024 Time 7.10 AM to 7.20 AM Language Marathi आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर प्रादेशिक बातम्या दिनांक ०३ नोव्हेंबर २०२४ सकाळी ७.१० मि.
• दिवाळीत आज भाऊबीजेचा उत्साह-नानाविध प्रकारच्या खरेदीने दिवाळीचा पाडवा आनंदात साजरा • केंद्रीय गुप्तचर यंत्रणेच्या सतर्कता इशाऱ्यानंतर राज्याचे उपमुख्यमंत्री भाजप नेते देवेंद्र फडणवीस यांच्या सुरक्षेत वाढ • अहमदनगर जिल्ह्यात २३ कोटी ७१ लाख रुपये किमतीची सोन्याची बिस्किटं जप्त आणि • मुंबई क्रिकेट कसोटीत न्यूझीलंडची भारताविरुद्ध दुसऱ्या डावात १४३ धावांची आघाडी
आज कार्तिक शुद्ध द्वितीया. हिंदू संस्कृतीत यमद्वितीया नावानं ओळखला जाणारा हा दिवस, बहीण भावाच्या नात्यातला स्नेह अधिक वृद्धिंगत करणारा भाऊबीजेचा सण म्हणून सर्वत्र साजरा होतो. या दिवशी बहिणीने भावाला ओवाळण्याचा आणि भावाने बहिणीला ओवाळणी म्हणून भेटवस्तू देण्याचा प्रघात आहे. भाऊबीजेच्य पार्श्वभूमीवर काल सर्वच ठिकाणची बसस्थानकं तसंच रेल्वेस्थानकं प्रवाशांच्या गर्दीने फुलून गेली होती. दरम्यान, बलिप्रतिपदा अर्थात दिवाळी पाडवा काल साजरा झाला. हा दिवस साडेतीन शुभमुहूर्तांपैकी एक मानला जातो. त्यामुळे चांगल्या उपक्रमांची सुरुवात किंवा महत्त्वाची खरेदी या मुहूर्तावर करण्याचा प्रघात आहे. त्यामुळे या दिवशी नूतन गृहप्रवेश, वाहन खरेदी किंवा आभुषणं खरेदीकडे बहुतेकांचा कल असतो. कालही भेटवस्तू, मोबाईल फोन्स, आणि इलेक्ट्रॉनिक वस्तूंसह इतर खरेदी करण्यासाठी बाजारपेठांमधून मोठी गर्दी झाली होती. विक्रम संवत २०८१ ला कालपासून प्रारंभ झाला. देशाच्या अनेक भागात हा नववर्षाचा प्रारंभ मानला जातो. गुजराती नववर्षानिमित्त पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांनी समाजमाध्यमावर शुभेच्छा दिल्या. देशभरात गोवर्धन पूजाही काल करण्यात आली. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा यांनी गोवर्धन पूजेनिमित्त समाजमाध्यमावरून देशवासियांना शुभेच्छा दिल्या.
गेल्या अनेक वर्षांपासून एकत्र दिवाळी साजरी करण्याची बारामतीच्या पवार कुटुंबियांची परंपरा काल खंडीत झाली. बारामतीमध्ये काल राष्ट्रवादी काँग्रेस शरदचंद्र पवार पक्षाचे अध्यक्ष शरद पवार यांचा पाडवा गोविंद बागेत तर अजित पवार यांचा पाडवा काटेवाडीत पार पडला. शरद पवारांनी माध्यमांशी संवाद साधताना, अनेक वर्षापासून चालत आलेली परंपरा कायम राहिली असती तर आनंद झाला असता, असं मत व्यक्त केलं. अजित पवार यांनी, काल ट्विट करून या कार्यक्रमाची माहिती दिली, पाडव्याचा सोहळा, मोठ्या स्नेहभावानं साजरा झाल्याचं सांगत, अनेक वर्षांचं हे नातं असंच वृध्दींगत होत राहो, अशी सदिच्छा अजित पवार यांनी व्यक्त केली.
दिवाळीनिमित्त रसिकांना सर्वत्र विविध सांगितिक तसंच सांस्कृतिक कार्यक्रमांची पर्वणी असून, या कार्यक्रमांना भरभरून प्रतिसाद मिळत आहे. नांदेड इथं आज सकाळी प्रसिद्ध गायक भीमराव पांचाळे यांचा गजल संवाद कार्यक्रम आयोजित करण्यात आला आहे. शासकीय विश्रामगृहात सकाळी ११ वाजता हा कार्यक्रम होणार आहे. संत मुक्ताबाई यांच्या जीवनकार्याचा आढावा घेणारा ब्रह्मचित्कला मुक्ताई हा आगळा कार्यक्रम काल पुण्यात सादर झाला. महाराष्ट्रातल्या संतांच्या कार्याची माहिती आणि महती कथन करणाऱ्या मालिकेअंतर्गत सादर झालेल्या या कार्यक्रमाचं हरिभक्त परायण रोहिणी माने - परांजपे यांनी निरुपण केलं. या कार्यक्रमाचं संगीत दिग्दर्शन तसंच निर्मिती पंडित हेमंत पेंडसे यांनी केली आहे.
अहिल्यानगर जिल्ह्यातल्या हिवरेबाजार या आदर्श गावातल्या ग्रामस्थांनी काल दीपोत्सव साजरा केला. प्रत्येक कुटुंबातून १ दिवा किंवा पणती, प्रत्येक संस्थेची एक पणती आणि सर्व मंदिरांचा एक दिवा, असे एकूण ८५० दिवे प्रज्वलित करून जलस्रोतात सोडण्यात आले, शारिरीक आणि मानसिक स्वास्थ्य जपणूक, जलदेवतेची आराधना आणि वीजेची बचत अशा तीन तत्वांवर दरवर्षी हा दीपोत्सव साजरा केला जाणार आहे.
वाशिम जिल्ह्यात कारंजा इथं जिल्हा परिषद शाळेतले शिक्षक गोपाल खाडे यांनी आपल्या निवासस्थानी आकाश कंदिलाच्या माध्यमातून मतदानाची टक्केवारी वाढवण्याचा संदेश दिला आहे. खाडे कुटुंबीयांनी तयार केलेल्या या आकाश कंदिलावर विविध संदेश लिहून, मतदारांना मतदानासाठी प्रोत्साहित करण्याचा प्रयत्न करण्यात आला आहे.
केंद्रीय गुप्तचर यंत्रणांकडून आलेल्या सतर्कतेच्या इशाऱ्यानंतर राज्याचे उपमुख्यमंत्री भाजप नेते देवेंद्र फडणवीस यांच्या सुरक्षेत वाढ करण्यात आली आहे. सध्या त्यांना झेड दर्जाची सुरक्षा पुरवली जाते. फडणवीस यांच्या जीविताला धोका असून, तसे कट रचले जात असल्याची माहिती, केंद्रीय गुप्तचर यंत्रणांकडून राज्यातल्या यंत्रणांना देण्यात आली. त्यानंतर सतर्क झालेल्या राज्य पोलिस दलाने तत्काळ त्यांच्या सुरक्षेत वाढ केली. आता नेहमीच्या बंदोबस्तासोबत ‘फोर्स वन'चे १२ सैनिक देवेंद्र फडणवीस यांच्या सुरक्षेत तैनात करण्यात आले असून, त्यांच्या मुंबईतल्या शासकीय निवासस्थानी, नागपूर इथल्या निवासस्थानी तसंच त्यांच्या कार्यक्रमात सुरक्षा देण्याची सूचना पोलीस दलाला देण्यात आली आहे.
नवी मुंबई महापालिकेचे माजी उपमहापौर आणि काँग्रेस जिल्हाध्यक्ष अनिल कौशिक यांनी काल भारतीय जनता पक्षात प्रवेश केला. नागपूर मधून पाच वेळा विधानसभा निवडणूक लढवलेले अनिस अहमद, काल काँग्रेस पक्षात परतले. काही दिवसांपूर्वी त्यांनी वंचित बहुजन आघाडीत प्रवेश केला होता. या पक्षाकडून ते मध्य-नागपूर मतदारसंघातून निवडणूक लढवणार होते, मात्र निर्धारित वेळेत पोहोचू न शकल्याने, त्यांचा अर्ज दाखल होऊ शकला नव्हता. या पार्श्वभूमीवर अहमद यांनी काल मुंबईत काँग्रेस कार्यालयात महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्नीथला यांच्या उपस्थितीत, काँग्रेसमध्ये प्रवेश केला.
भाजपचे बंडखोर आमदार गोपाळ शेट्टी यांनी बोरीवली विधानसभा मतदारसंघातून माघार घेणार नसल्याचं स्पष्ट केलं आहे. त्यांनी काल उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांची त्यांच्या शासकीय निवासस्थानी भेट घेतली. दिवाळीच्या शुभेच्छा देण्यासाठी ही भेट असल्याचं त्यांनी वार्ताहरांना सांगितलं. दरम्यान, शेट्टी यांनी आजपर्यंत पक्षशिस्त पाळली आहे, त्यामुळे ते बोरीवलीतून माघार घेतील, अशी आशा फडवणीस यांनी वर्तवल्याचं, वृत्तसंस्थेनं म्हटलं आहे.
अहमदनगर जिल्ह्यात सुपा टोलनाक्यावर एका गाडीतून २३ कोटी ७१ लाख रुपये किमतीची सोन्याची बिस्किटं आणि चांदी काल जप्त करण्यात आली. निवडणूक आयोगाचं पथक आणि पोलिसांनी या गाडीच्या संशयित हालचालींवरून गाडी थांबवून तपासणी केली असता, हा मुद्देमाल मिळाला. ही गाडी छत्रपती संभाजीनगर कडून पुण्याकडे निघाली असल्याचं चालकानं सांगितलं. याप्रकरणी पुढील तपास सुरु आहे.
येत्या २० नोव्हेंबरला होत असलेल्या विधानसभा निवडणुकीत मतदान करण्याचं आवाहन परिवहन विभागाचे आयुक्त विवेक भीमनवार यांनी केलं आहे. [Byte- विवेक भिमनवार, आयुक्त परिवहन - ]
श्रोते हो, विधानसभा निवडणुकीच्या निमित्तानं ‘आढावा विधानसभा मतदारसंघांचा’ हा कार्यक्रम दररोज संध्याकाळी सात वाजून १० मिनिटांनी आकाशवाणीवरुन प्रसारित होत आहे. या कार्यक्रमात आज बुलडाणा जिल्ह्यातल्या विधानसभा मतदारसंघांचा आढावा आपल्याला ऐकता येईल.
विधानसभेच्या मतदानावेळी निवडणूक आयोगाने निश्चित केलेल्या कागदाच्या आकारातल्या मतपत्रिका, उमेदवाराला आता नमुना मतपत्रिका म्हणून छापता येणार नाहीत. निवडणूक प्रक्रिया पूर्ण होईपर्यंत त्यावर निर्बंध राहणार असल्याचं, निवडणूक विभागाकडून सांगण्यात आलं आहे. मात्र, आयोगाने निश्चित केलेल्या कागदावर नमुना मतपत्रिकेच��� वापर उमेदवारांना करता येईल. छापील प्रचार साहित्यावर प्रकाशक आणि मुद्रकाचं नाव, पत्ता आणि प्रतींची संख्या नसेल तर गुन्हा दाखल केला जाणार आहे.
दरम्यान, उमेदवारांनी आपल्या निवडणूक खर्चाकरता स्वतंत्र बॅंक खाते उघडून त्यातूनच व्यवहार करणं आवश्यक असल्याचं, आयोगानं कळवलं आहे. उमेदवारांनी आपल्या विरोधात गुन्हे दाखल असल्याबाबतची जाहिरात प्रसिद्ध करणंही आवश्यक असून, जाहिरातीचा खर्च निवडणूक खर्चाची बाब म्हणून गणला जाणार आहे.
क्रिकेट मुंबई क्रिकेट कसोटीत न्यूझीलंडने भारताविरुद्ध दुसऱ्या डावात १४३ धावांची आघाडी घेतली आहे. काल सामन्याच्या दुसऱ्या दिवशी भारताचा पहिला डाव २६३ धावांवर संपुष्टात आला. शुभमन गिल ९० धावा करून बाद झाला. कालच्या दिवसाचा खेळ थांबला तेव्हा न्यूझीलंडने दुसऱ्या डावात नऊ बाद १७१ धावा केल्या आहेत.
अमेरिकेच्या कोलोराडो इथं सुरू असलेल्या १९ वर्षांखालच्या जागतिक मुष्टीयुद्ध अजिंक्यपद स्पर्धेत, भारताच्या कृषा वर्मानं जर्मनीच्या लेरिका हिचा पाच - शून्य असा पराभव करत सुवर्णपदक पटकावलं. मात्र महिलांच्या स्पर्धेत चंचल चौधरी आणि अंजली सिंग, तर पुरुषांच्या स्पर्धेत राहुल कुंडू यांना मात्र रौप्यपदकावर समाधान मानावं लागलं.
पुण्यात म्हाळुंगे बालेवाडी इथल्या क्रीडा संकुलात येत्या १२ ते १६ नोव्हेंबर दरम्यान दिव्यांगांच्या राष्ट्रीय नेमबाजी स्पर्धा होणार आहेत. दहा मीटर रायफल, २५ मीटर एअर पिस्टल, ५० मीटर एअर पिस्टल, ५० मीटर रायफल या प्रकारात होणाऱ्या या स्पर्धेत देशभरातले सुमारे ६०० नेमबाज सहभागी होणार आहेत.
विधानसभा निवडणुकीच्या अनुषंगाने नांदेड दक्षिण मतदार संघातल्या उमेदवारांची निवडणूक खर्चाची प्रथम तपासणी येत्या सात तारखेला, दुसरी तपासणी ११ तारखेला, तर तिसरी तपासणी १५ तारखेला होणार आहे. चिखलवाडी इथं ही तपासणी होणार आहे.
महाराष्ट्रासाठी भारत निवडणूक आयोगाने नियुक्त केलेले विशेष निवडणूक निरीक्षक राम मोहन मिश्रा यांनी काल अहिल्यानगर जिल्हाधिकारी कार्यालयात निवडणूक तयारी आढावा बैठक घेतली. प्रशासनाची पूर्वतयारी आणि निवडणुका मुक्त वातावरणात पार पाडण्यासाठी करण्यात येत असलेल्या प्रयत्नांबद्दल त्यांनी समाधान व्यक्त केलं.
चालू महिन्यात देशभरात पेन्शन विभाग आणि ॲम्प डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र योजना राबवण्यात येत आहे. पहिल्याच दिवशी एक लाख ८० हजारांहून अधिक पेन्शनधारकांनी या योजनेचा लाभ घेतला. या योजनेत पेन्शनधारक स्मार्टफोन कॅमेऱ्याने स्वत:चा चेहरा स्कॅन करुन हे प्रमाणपत्र जमा करू शकतात.
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rightnewshindi · 2 months ago
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30 साल के भारतीय युवक के प्यार में ब्राजील से भारत पहुंची 51 साल की रोजीनाइड, जानें दिलचस्प लव स्टोरी
Madhya Pradesh News: ना उम्र की सीमा हो ना प्यार के बंधन… इस गजल को मध्य प्रदेश के भिंड में घटित एक घटना चरितार्थ कर रही है। । ब्राजील की एक महिला ने भिंड के रहने वाले युवक से शादी रचाने पहुंच गई है। युवक महिला के बेटे की उम्र का है। अब इसकी चर्चा भिंड में खूब हो रही है। भिंड के रहने वाले पवन गोयल और ब्राजील निवासी रोजीनाइड सिकेरा जल्द ही शादी करने वाले हैं। इस विशेष विवाह के लिए उन्होंने भिंड…
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