#खाली पेट नारियल पानी पीने के फायदे
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किन चीजों को खाली पेट खाएं और किसे नहीं? जानें सही सलाह ताकि आपकी आंतें रहें स्वस्थ!
भोजन हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, लेकिन यह भी जरूरी होता है कि हम क्या और कब खा रहे हैं। खाने का समय और खाद्य पदार्थ दोनों ही हमारे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। सुबह के भोजन में ऑरेंज जूस और ब्रेड जैसी चीजें बहुत आम होती हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि खाली पेट ऑरेंज जूस पीने से शरीर में शुगर का स्तर बढ़ जाता है और अधिक मात्रा में शुगर लेने से मधुमेह जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
इसके अलावा ब्रेड जैसी चीजें शरीर के लिए उपयोगी नहीं होती हैं क्योंकि इनमें काफी मात्रा में मैदा होता है जो शरीर के लिए नुकसानदायक होता है। इससे शरीर में आयरन की कमी हो सकती है और अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। लेकिन यदि आप खट्टे फल जैसे आम, अंगूर, संतरा आदि खा लेते हैं, तो उनमें मौजूद एसिड से हार्टबर्न की समस्या हो सकती है।
खाली पेट कुछ खाने से हमारे शरीर को बहुत फायदे होते हैं। लेकिन कुछ ऐसी चीजें भी होती हैं, जिन्हें खाली पेट नहीं खाना चाहिए। इस ब्लॉग में हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताएंगे जो आप खाली पेट खा सकते हैं और जो नहीं खा सकते हैं।
खाली पेट इन चीजों के सेवन से बचें
अगर आप सुबह बीमार होने से बचना चाहते हैं तो कोशिश करें कि मसालेदार नाश्ता न करें। इससे पेट में एसिड और अपच जैसी समस्याओं से बचने में मदद मिलेगी। कच्ची सब्जियों में फाइबर अधिक होता है, जिसे खाली पेट खाने से अपच हो सकता है, लेकिन सुबह के समय सेवन करने पर गैस और पेट में दर्द होने की भी संभावना होती है।
खाली पेट खट्टे फल खाने से एसिड का उत्पादन बढ़ सकता है जो पाचन क्रिया को प्रभावित कर सकता है। इसलिए सुबह-सुबह खट्टे और रेशे वाले फल खाने से बचना चाहिए।
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खाली पेट कॉफी पीने से एसिडिटी हो सकती है. खाली पेट इसके सेवन से पाचन तंत्र में हाइड्रोक्लोरिक एसिड का स्राव उत्तेजित हो जाता है, जो कुछ लोगों में पेट की समस्या का कारण बनता है ।
खाली पेट ठंडी ड्रिंक्स नहीं पीनी चाहिए और फ्रिज का पानी भी नहीं पिया जाना चाहिए। ऐसा करने से पाचन तंत्र प्रभावित हो सकता है।
खाली पेट अल्कोहल का सेवन खतरनाक हो सकता है। यह आपके शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है और आपके रक्त व लिवर पर बुरा असर पड़ता है। खाली पेट दही नहीं खाना चाहिए क्योंकि दही में लैक्टिक एसिड होता है जो पेट की अम्लता को बढ़ा सकता है और खाली पेट दूध के उत्पादों में लैक्टिक एसिड होता है जो पेट के अच्छे बैक्टीरिया को मार सकते हैं।
खाली पेट किन चीजों का सेवन फायदेमंद
अगर आपको सुबह खाली पेट एक गिलास सादा पानी पीने की आदत है तो यह शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में काफी मदद करता है। यह वजन घटाने में भी मददगार है।
खाली पेट पानी में भीगे हुए बादाम का सेवन करने से आपके शरीर को भरपूर पोषण मिलता है, जिससे आपको पूरे दिन के लिए एनर्जी मिलती है। नट्स दिन की शुरुआत करने का एक अच्छा तरीका है क्योंकि ये पाचन में सुधार करने और पेट के पीएच स्तर को सामान्य रखने में मदद करते हैं।
खाली पेट शहद खाने से शरीर को ताकत मिलती है और इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है। इसके अलावा, शहद एंटीऑक्सीडेंट्स का भी एक बहुत अच्छा स्रोत होता है। खाली पेट नारियल पानी पीने से शरीर की ऊर्जा बढ़ती है और नारियल पानी में विटामिन सी, पोटैशियम, मैग्नीशियम, और कैल्शियम जैसे विभिन्न पोषक तत्व होते हैं, जो आपके शरीर को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
दलिया एक पौष्टिक नाश्ता है जो आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है औरआपकी आंतों को स्वस्थ रखता है। सुबह खाली पेट इसे खाने से आपका पेट देर तक भरा रहेगा।
पपीता प्राकृतिक फाइबर और विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है, इसे नाश्ते में शामिल करना आसान है और यह बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद करता है, जिससे हृदय रोगों से बचाव होता है। तरबूज खाली पेट खाने से शरीर को हाइड्रेशन की डोज मिलती है। इसके अलावा यह शुगर क्रेविंग से बचाता है और कैलोरी में कम होता है। तरबूज इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर होता है जो ह्रदय और आंखों के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है।
इसलिए, सुबह के समय आप सेहतमंद और हेल्दी रहने के लिए खाली पेट में सब्जी, दलिया, ओटमील, पोहा, अंडे आदि खा सकते हैं। ये आपको ऊर्जा प्रदान करते हैं और पेट को भी सही तरीके से साफ रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा, तरबूज, पपीता जैसे फल भी सुबह के समय खाने के लिए अच्छे होते हैं। इनमें फाइबर का अच्छा स्रोत होता है जो पेट से संबंधित समस्याओं से बचाता है।
(Disclaimer: This article has been written by - Dt. Alka Kothari)
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खाली पेट नारियल पानी पीने के फायदे | Nariyal Pani Pine ke Fayde #nariyal...
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क्या आप आप जानते हैं खाली पेट नारियल पानी पीने से कितने सारे फायदे हैं, जानें यहां…
क्या आप आप जानते हैं खाली पेट नारियल पानी पीने से कितने सारे फायदे हैं, जानें यहां…
नारियल पानी (Coconut Water) स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। लेकिन अगर कोई सुबह खाली पेट नारियल पानी का सेवन करता है, तो इससे दिनभर शरीर में एनर्जी (Energy) बनी रहती है। नारियल पानी विषैले तत्वों को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है।नारियल पानी में पोटेशियम, सोडियम, कैल्शियम, एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन सी जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसलिए इसका सेवन स्वास्थ्य के लिहाज से काफी…
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दूध के साथ भूल कर भी न खाएं ये चीजें, पड़ सकते हैं लेने के देने
कहा जाता है कि हमारे शरीर के लिए दूध सबसे फायदेमंद रहता है। दूध में सारे मिनरल्स और विटामिन्स होते है। इसी वजह से आयुर्वेद से लेकर साइंस तक में दूध को संपूर्ण आहार कहा गया है।आयुर्वेद में दूध को अमृत समान माना जाता है। प्राचीन काल से दूध अपने आप में पूर्ण पोषक तत्व में आता है यानी कि इसे शरीर के लिए सबसे ज्यादा हेल्दी माना जाता है, दूध को हल्दी के अलावा अलग-अलग चीजों के साथ मिलाकर भी पिया जाता है।लेकिन इसके बाद भी क्या आपको पता है दूध पीते वक्त भी कई चीजों का ध्यान रखा जाता है ऐसी कई चीजे है जिसे हम दूध के साथ नहीं खा सकता। आयुर्वेद में भी ऐसी कई चीजों के बारे में बताया गया है।
जिसको दूध के साथ खाने के लिए सख्त मना किया गया है। इतना ही नहीं, इस दौरान इसके नुकसान भी बताए गए है। जो काफी खतरनाक है।दूध पीने के अनगिनत फायदे हैं लेकिन दूध पीने के बाद कुछ चीजों के सेवन से आपको नुकसान हो भी सकता है। बेशक दूध में सभी आवश्यक पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन बी-2, बी-12, एवं डी होते हैं। शाकाहारी लोगों के लिए दूध प्रोटीन का सबसे अच्छा स्त्रोत है। यह पौष्टिक होने के साथ-साथ पाचन-तंत्र को भी ठीक करता है। आयुर्वेद के अनुसार दूधको हर समय नहीं पिया जा सकता। इसे पीने का भी एक निश्चित समय होता है। उस समय पर दूध पीने से आप उसका सबसे अधिक लाभ उठा ��ाएंगे।आयुर्वेद के अनुसार दूध को इन चीजों के साथ कभी नहीं खाना,पीना चाहिए नहीं तो ये हत की खतरनाक हो सकता है।
1. दूध के साथ कभी भी नींबू और नमक से बनी चीजों को नहीं खाना चाहिए। इसमें सब्जिया सबसे अहम है। सब्जियों में नींबू होता है इसमें सब्जिया सबसे अहम है। सब्जियों में नमक होता है।जो शरीर के लिए काफी नुकसानदायक है। इससे आपके शरीर को काफी परेशानी हो सकती है। दूध के साथ नींबू और नमक खाने से स्किन इंफेक्शैन होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। देखा गया है कि ऐसे लोगों में दाद, खाज, खुजली, एग्जिमा आदि की शिकायत ज्यादा होती है।
2. वैसे तो आज के समय में दूध में फ्रूट्स ब्लेंड करके स्मूदीज बनाने का फैशन छा गया है। अधिकतर लोग दूध के साथ फ्रूट्स मिलाकर शेक पीते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, केला, स्ट्रॉबेरी, पाइनएप्पल, संतरे जैसे फल पाचन के समय पेट में गर्मी बढ़ाते हैं। वहीं, दूध की तासीर ठंडी होती है। दूध और फलों की प्रकृति पूरी तरह से उलटी होने पर पाचन-तंत्र पर इसका बुरा असर पड़ता है। इससे सर्दी, खांसी, जुखाम और एलर्जी जैसी कई परेशानियां हो सकती हैं।
3. दूध के साथ कभी भी मूंग दाल नहीं खानी चाहिए। इसके अलावा और भी कई चीजे है। जिसे दूध के साथ नहीं खाना चाहिए।जिसमें गाजर, शकरकंद, आलू, तेल, दही, नारियल, लहसुन आदि चीजे शामिल है। इन चीजों को दूध के साथ खाने के लिए दो घंटे के समय का अंतर होना चाहिए। उड़द की दाल दूध के साथ खाने से हार्टअटैक का खतरा बढ़ता है।
4. दूध और मांस-मछली कभी भी साथ में या एकदम आगे-पीछे नहीं लेना चाहिए। ऐसी कई चीजें हैं जिसे बनाते समय दूध का इस्तेमाल किया जाता है जैसे कि व्हाइट सॉस पास्ता दूध की मदद से बनता है। इसी पास्ता में चिकन/मीट भी होता है। दूध अपने आप में पूर्ण है। शरीर को दूध को पचने के लिए समय की जरूरत होती है क्योंकि इसमें कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसे किसी भी अन्य तरह के प्रोटीन जैसे कि मीट या मछली के साथ मिक्स करने पर पाचन-तंत्र पर काफी दबाव पड़ता है। इससे शरीर में कई तरह की परेशोनियां हो सकती हैं।
5. दूध पीने के बाद कटहल का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा दूध के बाद नींबू या नमक जैसे चीजें भी ना खाएं। इससे आपको त्वचा से जुड़ी कई समस्याएं जैसे दाद, खाज और खुजली हो सकती है।
6. दूध पीने के बाद आपको मूली और अन्य नमकीन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा मूली से बनी कोई अन्य डिश भी खाने से बचना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से आपकी तबीयत खराब हो सकती है और आपको त्वचा रोगों का खतरा हो सकता है। इसलिए मूली खाने के कम से कम दो घंटे बाद ही दूध पियें।
7. गर्मियों का मौसम शुरू हो गया है। इस मौसम में पानी वाले फलों का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे। तरबूज दिन में किसी भी समय खा सकते हैं। शरीर को हाइड्रेट रखने के साथ-साथ तरबूज के कई और फायदें हैं। 96 प्रतिशत पानी वाला यह फल गर्मियों के लिए परफेक्ट माना जाता है। तरबूज में पोटेशियम, फाइबर समेत कई पोषक तत्व होते हैं। समर डाइट में इसे सबसे हेल्दी फ्रूट कहा जा सकता है, लेकिन इसे दूध के साथ लेना खतरे से खाली नहीं है। तरबूज को अकेला खाएं। इसे किसी के भी साथ खाना सही नहीं है।
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पिनवॉर्म के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Pinworms Home Remedies in Hindi
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पिनवॉर्म के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Pinworms Home Remedies in Hindi
Soumya Vyas Hyderabd040-395603080 October 10, 2019
पिनवॉर्म एक प्रकार के कीड़े होते हैं, जो संक्रमित व्यक्ति की आंत में रह कर शरीर में संक्रमण फैलाते हैं। इन कीड़ों को मेडिकल भाषा में एंटोबियस वर्मीक्यूलरिस (Enterobius vermicularis) कहा जाता है। पिनवॉर्म लगभग डेढ़ इंच लंबे होते हैं और आसानी से दिख सकते हैं। ये एक प्रकार के परजीवी (parasites) होते हैं, जो आपके शरीर के पोषण पर जीवित रहते हैं। हालांकि, ये किसी को भी हो सकते हैं, लेकिन ज्यादातर पिनवॉर्म बच्चों में पाए जाते हैं (1) (2)। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको इस समस्या से जुड़ी हर जानकारी देने की कोशिश करेंगे। हम आपको बताएंगे कि पिनवॉर्म होने के कारण क्या हैं और इसके लक्षण क्या हैं। साथ ही, इस लेख के जरिए आप पिनवॉर्म से बचने के उपाय के बारे में भी जान पाएंगे।
आइए, सबसे पहले आपको बता दें कि पिनवॉर्म होने के कारण क्या-क्या हो सकते हैं।
विषय सूची
पिनवॉर्म होने के कारण – Causes of Pinworms in Hindi
जैसा कि हम बता चुके हैं कि यह एक प्रकार का संक्रमण होता है। ऐसे में संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना पिनवॉर्म होने का कारण बन सकता है। जब संक्रमित व्यक्ति सोता है, तो उस दौरान मादा पिनवॉर्म, आंत से निकल कर मलद्वार के आसपास की त्वचा पर अंडे देती हैं, जिससे उस अंग में खुजली होती है। ऐसे में जब संक्रमित व्यक्ति (खासकर बच्चा) खुजलाता है, तो ये अंडे उसके नाखून और उंगलियों में चिपक जाते हैं और नीचे बताए गए तरीकों से फैल सकते हैं (1):
जब संक्रमित बच्चा बाथरूम का उपयोग करने के बाद हाथ न धोए और अपने खिलौनों या अन्य ��ीजों को छुए।
पिनवॉर्म संक्रमित व्यक्ति के बिस्तर और कपड़ों से भी फैल सकते हैं।
हवा और संक्रमित भोजन में भी इनके अंडे होना पिनवॉर्म होने का कारण हो सकते हैं।
पिनवॉर्म होने का कारण के बाद उन लक्षणों की बात करते हैं, जिनसे पिनवॉर्म होने का पता चल सकता है।
पिनवॉर्म के लक्षण – Symptoms of Pinworms in Hindi
पिनवॉर्म होने के कारण संक्रमित व्यक्ति को कुछ लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है। नीचे जानिए पिनवॉर्म के लक्षण (1):
मलद्वार के आसपास खुजली
चिड़चिड़ापन
सोने में समस्या
घबराहट
बैचैनी
भूख में कमी
महिलाओं को योनि के आसपास खुजली और जलन (अगर पिनवॉर्म योनि के आसपास हैं)
कई बार पिनवॉर्म को कुछ उपायों की मदद से घर में ही ठीक किया जा सकता है। पिनवॉर्म के लक्षण जानने के बाद, लेख के अगले भाग में जानिये पिनवॉर्म का घरेलू उपाय।
पिनवॉर्म कम करने के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies for Pinworms in Hindi
अगर आप या आपका बच्चा इससे संक्रमित है, तो नीचे बताए गए उपायों से आप पिनवॉर्म का घरेलू उपचार कर सकते हैं।
1. सेब का सिरका
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सामग्री:
एक गिलास पानी
दो छोटे चम्मच सेब का सिरका
शहद (वैकल्पिक)
विधि:
एक गिलास पानी में दो छोटे चम्मच सेब का सिरका मिला लें।
आप चाहें तो स्वाद के लिए थोड़ा-सा शहद भी मिला सकते हैं।
इस घोल का सेवन दिन में दो बार करें।
कैसे काम करता है:
सेब के सिरके का उपयोग पिनवॉर्म का घरेलू उपचार करने के लिए के लिए किया जा सकता है। इसमें एंटी माइक्रोबियल पाए जाते हैं, जो न सिर्फ पिनवॉर्म को खत्म करते हैं, बल्कि उन्हें दोबारा बढ़ने से भी रोकते हैं (3)। एक शोध में पाया गया है कि एंटी माइक्रोबियल गुण पैरासाइट को खत्म करने में मददगार साबित हो सकते हैं (4)।
2. नारियल का तेल
सामग्री:
एक से दो चम्मच वर्जिन नारियल का तेल
विधि:
खाना बनाने में वर्जिन नारियल के तेल का उपयोग कर सकते हैं।
हर रात सोने से पहले संक्रमित क्षेत्र पर नारियल का तेल लगा सकते हैं।
कैसे काम करता है:
नारियल के तेल में एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं, संक्रमण फैलाने वाले जीवाणु को रोकने में मदद करते हैं। इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं, जो बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करते हैं (5)। ये पिनवॉर्म होने के कारण हो रही जलन और खुजली को भी कम करने में मदद कर सकता है।
3. लहसुन
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सामग्री:
एक से दो लहसुन की कलियां
विधि:
रोज एक से दो लहसुन की कलियों को चबाएं।
कैसे काम करता है:
पिनवॉर्म का घरेलू उपचार करने के लिए आप लहसुन की कली का सेवन कर सकते हैं। इसके एंटीमाइक्रोबियल गुण आपको ��िनवॉर्म के जीवाणु से निजात दिलाने में मदद कर सकते हैं (4) (6)। हालांकि, यह कितना प्रभावशाली होगा, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है (7)।
4. गर्म पानी
सामग्री:
गर्म पानी (आवश्यकतानुसार)
साबुन और सर्फ
डेटॉल (वैकल्पिक)
विधि:
किसी संक्रमित चीज/व्यक्ति को छूने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह धोएं।
चादर और कपड़ों को गर्म पानी में डाल कर अच्छे से धोएं।
बाथरूम को गर्म पानी में सर्फ को मिक्स करके अच्छी तरह धोएं।
आप चाहें तो गर्म पानी में डेटॉल भी मिला सकते हैं।
कैसे काम करता है:
पिनवॉर्म होने के कारण बैक्टीरिया कपड़ों और बिस्तर की चादर पर भी लग जाते हैं। ऐसे में गर्म पानी से नहाना, कपड़े और चादर धोना मददगार साबित हो सकता है। साथ ही पिनवॉर्म के अंडों को पनपने का मौका नहीं मिलता है और संक्रमण नहीं फैलता है (8)।
5. एसेंशियल ऑइल
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सामग्री:
एक दो बूंद टी ट्री ऑयल
एक से दो चम्मच नारियल तेल
विधि:
दोनों सामग्रियों को अच्छी तरह मिलाकर संक्रमित क्षेत्र पर लगाएं।
इस प्रक्रिया को हर रात सोने से पहले दोहराएं।
कैसे काम करता है:
पिनवॉर्म के लक्षण से आराम पाने के लिए नारियल के तेल के फायदे के बारे में तो हम बता चुके हैं। इसी के साथ आप टी ट्री ऑयल का भी उपयोग कर सकते हैं। टी ट्री ऑयल में भी एंटी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो कई प्रकार के बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण से आराम दिला सकते हैं (4) (9)।
6. ग्रेपफ्रूट बीज का अर्क
सामग्री:
ग्रेपफ्रूट बीज के अर्क का सप्लीमेंट
विधि:
रोज ग्रेपफ्रूट बीज के अर्क का सप्लीमेंट का सेवन करें।
इसकी मात्रा के बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
कैसे काम करता है:
शोध में पाया गया है कि ग्रेपफ्रूट बीज का इथेनॉल अर्क संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया के खिलाफ एंटी माइक्रोबियल गुण की तरह काम करता है। यह पेट में संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया व यीस्ट को खत्म करता है और आपको पिनवॉर्म से राहत पाने में मदद करता है (10)।
7. लेमन जूस
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सामग्री:
आधे नींबू का रस
एक गिलास पानी
शहद (वैकल्पिक)
विधि:
एक गिलास पानी में आधे नींबू का रस मिला लें।
इस घोल को प्रतिदिन एक बार पिएं।
आप चाहें तो स्वाद के लिए इसमें शहद भी मिला सकते हैं।
कैसे काम करता है:
नींबू के रस में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो सात प्रकार के बैक्टीरिया से लड़ने में प्रभावी साबित हुए हैं (11)। लेमन जूस विटामिन-सी से भरपूर होता है, जो शरीर में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करता है और संक्रमण से राहत दिलाने में मदद करता है। इसलिए, पिनवॉर्म का घरेलू उपचार करने के लिए लेमन जूस का इस्तेमाल किया जा सकता है (12) (13)।
8. अनानास का रस
सामग्री:
एक चौथाई अनानास
आधा गिलास पानी
विधि:
अनानास को छ��ल कर, उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
इन टुकड़ों को ब्लेंडर पानी के साथ डालकर मिक्स कर लें।
अब अनानास के जूस को एक गिलास में निकाल कर उसका सेवन करें।
कैसे काम करता है:
नींबू के रस की तरह अनानास में भी विटामिन-सी पाया जाता है (14)। जैसा कि हम ऊपर बता चुके हैं कि विटामिन-सी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है, जो शरीर में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेसे के प्रभाव को कम करता है। इससे संक्रमण को जल्दी ठीक करने में मदद मिलती है। लगभग 148 शोध में यह पाया गया है कि विटामिन-सी बैक्टीरिया, वायरस और प्रोटोजोआ (परजीवी) की वजह से होने वाले संक्रमण से राहत पाने में मदद कर सकता है (13)।
9. गाजर का जूस
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सामग्री:
तीन से चार गाजर
विधि:
गाजर को अच्छी तरह से धोकर छील लें।
अब उसके टुकड़े कर लें और ब्लेंडर में डाल कर पीस लें।
गाजर के जूस को गिलास में निकाल कर उसका सेवन करें।
आप चाहें तो गाजर का सेवन सलाद के तौर पर भी कर सकते हैं।
कैसे काम करता है:
पिनवॉर्म से बचने के उपाय में आप गाजर का भी उपयोग कर सकते हैं। गाजर शरीर में बाइल एसिड (पाचक एसिड) का उत्पादन बढ़ाता है (15)। साथ ही यह डाइटरी फाइबर का अच्छा स्रोत होता है और पाचन क्रिया को बेहतर करता है (16)। इससे मल प्रवाह बेहतर होता है और ऐसा माना जाता है कि पिनवॉर्म मल के जरिए बाहर निकल सकते हैं (17)।
10. रबिंग एल्कोहल
सामग्री:
रबिंग एल्कोहोल
रूई
विधि:
रूई की सहायता से थोड़े-से रबिंग एल्कोहल को संक्रमण प्रभावित मलद्वार पर लगाएं।
आप जितनी बार भी बाथरूम जाएं, इस प्रक्रिया को दोहराएं।
कैसे काम करता है :
एल्कोहल में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो कई प्रकार के माइक्रो जीवाणु को खत्म करने में मदद करते हैं। इसके स्किन एंटीसेप्टिक की तरह उपयोग किये जाने की वजह से यह कहा जा सकता है कि संक्रमण प्रभावित मलद्वार पर रबिंग एल्कोहोल लगाने से आपको पिनवॉर्म के अंडों से निजात पाने में मदद मिल सकती है (4) (18)।
11. कद्दू के बीज
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सामग्री:
एक कप कद्दू के कच्चे बीज
आधा कप नारियल का दूध
आधा कप पानी
विधि:
तीनो सामग्रियों को एक साथ ब्लेंडर में पीसकर पेस्ट बना लें।
पिनवॉर्म खत्म न होने तक रोज सुबह खाली पेट इस पेस्ट का सेवन करें।
कैसे काम करता है:
पिनवॉर्म का घरेलू उपचार करने में कद्दू के बीज में पाए जाने वाला कुकुरबिटासिन (Cucurbitacin) कंपाउंड काम करता है। यह कंपाउंड एंटीपैरासाइट और एंथेल्मिंटिक (पैरासाइट कीड़ों को मारने वाला) एजेंट की तरह काम करता है। यह कंपाउंड पेट के कीड़ों को खत्म करता है। इस प्रकार यह पिनवॉर्म और पिनवॉर्म के लक्षण से आराम दिलाने में मदद कर सकता है (19)।
12. वैसलीन
सामग्री :
वैसलीन
विधि:
रात को सोने से पहले प्रभावित मलद्वार पर वैसलीन लगाएं।
पिनवॉर्म से पूरी तरह राहत न मिल जाने तक यह प्रक्रिया हर रात को दोहराएं।
कैसे काम करता है:
वैसलीन के उपयोग से आपको पिनवॉर्म होने के क��रण हो रही खुजली और जलन से आराम मिल सकता है (20)।
13. करेला का जूस
सामग्री:
एक या दो करेले
एक कप पानी
शहद (वैकल्पिक)
विधि:
करेले के टुकड़े करके उसे एक कप पानी मे मिला कर ब्लेंड कर लें।
इस जूस को एक गिलास में निकाल कर उसका सेवन करें।
आप चाहें तो स्वाद के लिए इसमें शहद भी मिला सकते हैं।
कैसे काम करता है:
करेले में एंटीपैरासाइट और एंथेल्मिंटिक गुण पाए जाते हैं, जो पिनवॉर्म संक्रमण के जीवाणु को खत्म करने में लाभदायक साबित हो सकते हैं (21)।
14. दही
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सामग्री:
एक कप दही
विधि:
रोज एक कप दही का सेवन करें।
कैसे काम करता है:
दही में मौजूद लैक्टोबैसिलस प्रोबायोटिक (Lactobacillus probiotic) शरीर में बैक्टीरिया, वायरस और कई प्रकार के जीवाणु को पनपने से रोकता है। साथ ही यह लैक्टिक एसिड की मदद से आंत का पीएच बैलेंस बनाए रखता है, जो इन जीवाणुओं को बढ़ने से रोकता है (22)।
15. वर्मवुड चाय
सामग्री:
वर्मवुड अर्क की तीन से चार बूंदें
एक कप गर्म पानी
शहद (वैकल्पिक)
विधि:
एक कप गर्म पानी में वर्मवुड अर्क की तीन से चार बूंदें मिलाएं।
आप चाहें तो स्वाद के लिए इसमें एक चम्मच शहद भी मिला सकते हैं।
इस चाय का सेवन दिन में दो बार करें।
कैसे काम करता है:
वर्मवुड चाय पीने से आपको पिनवॉर्म से राहत मिल सकती है। आर्टीमीसिया एनुआ के नाम से भी जाने जाने वाली इस चाय में एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो पिनवॉर्म का घरेलू उपचार करने में मदद कर सकते हैं (4) (23)।
16. अरंडी का तेल
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सामग्री:
एक चम्मच अरंडी का तेल
एक कप गर्म पानी
विधि:
एक कप गर्म पानी में एक चम्मच अरंडी का तेल मिला कर उसका सेवन करें।
इस घोल का दिन में एक बार सेवन करें।
कैसे काम करता है:
पिनवॉर्म का घरेलू उपचार करने में अरंडी के तेल का उपयोग किया जा सकता है। शोध में पाया गया है कि इसमें एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं, जो पैरासाइट को खत्म करने के काम कर सकते हैं (24)। जैसा कि हम लेख में कई बार बता चुके हैं कि पिनवॉर्म का इलाज करने में एंटीमाइक्रोबियल गुण मददगार हो सकते हैं (4)।
17. प्याज का पानी
सामग्री:
एक मध्यम आकार का प्याज
एक बोतल पानी
विधि:
प्याज को छील कर, उसे गोलाकार काट लें।
प्याज के टुकड़ों को एक बाउल में रखें और फिर पानी डाल दें।
इसे रात भर के लिए बाउल को रहने दें (लगभग 12 घंटों के लिए)।
लगभग 12 घंटों के बाद पानी को छान लें।
अब इस पानी का सेवन करें।
कैसे काम करता है:
प्याज का पानी पीने के साथ-साथ, इसे सलाद में शामिल करना भी पिनवॉर्म का घरेलू उपचार करने में मदद कर सकता है। एक स्टडी में पाया गया है कि प्याज में पैरासाइट को खत्म करने के लिए एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो पिनवॉर्म से जल्द राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं (25) (4)।
लेख के अगले भाग में जानिए कि पिनवॉर्म के इलाज के दौरान किस प्रकार के आहार से दूर रहना चाहिए।
पिनवॉर्म के लिए आहार – Diet For Pinworms In Hindi
अगर आप पिनवॉर्म या पिनवॉर्म से लक्षण से ग्रसित हैं, तो नीचे बताए गए खाद्य सामग्रियों से दूरी बनाए रखें। शोध में पाया गया है कि ये खाद्य पदार्थ आंत में कीड़ों का खतरा बढ़ा सकते हैं (26) (27):
आम
केला
टमाटर
एवोकाडो
गाजर
शिमला मिर्च
सलाद पत्ते (Lettuce)
हरे प्याज
अजमोद (Parsley)
पिनवॉर्म होने के कारण, लक्षण व घरेलू उपचार जानने के बाद हम पता करेंगे कि पिनवॉर्म की वजह से किन जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है।
पिनवॉर्म के जोखिम और जटिलताएं – Pinworms Risks & Complications in Hindi
माना जाता है कि पिनवॉर्म की वजह से ज्यादातर जटिलताओं का सामना महिलाओं को करना पड़ता है। अगर पिनवॉर्म का इलाज समय रहते नहीं किया जाए, तो यह मलद्वार से होते हुए योनि में प्रवेश कर सकता है। योनि में प्रवेश करने के बाद पिनवॉर्म गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब और पेल्विक अंगों की ओर बढ़ कर उनमें सूजन पैदा कर सकता है (28)। इसके अलावा, ये यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) का खतरा भी बन सकता है (29)। इसलिए, पिनवॉर्म की जटिलताओं से बचने के लिए इसका समय पर इलाज करवाना जरूरी है।
आइए, अब आपको पिनवॉर्म से बचने के कुछ उपायों के बारे में बता दें।
पिनवॉर्म से बचने के उपाय – Prevention Tips for Pinworms in Hindi
अपनी और अपने आसपास की जगह की सफाई न रखना, पिनवॉर्म होने के कारण में से एक मुख्य वजह है। ऐसे में नीचे बताई गई कुछ बातों को ध्यान में रखकर, आप पिनवॉर्म के संक्रमण से बच सकते हैं (28)।
जैसा कि हम बता चुके हैं कि मादा पिनवॉर्म रात को अंडे देती है। ऐसे में, जरूरी है कि आप रोज सुबह मलद्वार और आसपास के अंगों की अच्छी तरह से सफाई करें।
अंडरवियर और बिस्तर की चादर को हर रोज बदलें।
कपड़ों, चादर व तौलिये आदि को गर्म पानी में धोएं।
मलद्वार के आसपास न खुजलाएं।
संक्रमण को फैलाने से रोकने के लिए खुद को और खासकर अपने हाथों को साफ रखें।
पिनवॉर्म एक संक्रमण है, जो आसानी से फैलता है। जैसा कि हम ऊपर बता चुके हैं कि यह ज्यादातर बच्चों में होता है। ऐसे में बड़ों को यह ध्यान रखना जरूरी है कि बच्चे के आसपास साफ सफाई बनी रहे। इन सभी बातों के साथ यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि आप घर से बाहर भी ऐसी जगह ही खाएं, जो साफ-सुथरी हो। इसके अलावा, पिनवॉर्म होने के कारण हो रही खुजली, जलन और पिनवॉर्म के लक्षणों से राहत पाने के लिए आप इस लेख में बताए गए घरेलू उपायों का उपयोग कर सकते हैं। इन उपायों का उपयोग करने के बाद आप अपने अनुभव हमारे साथ शेयर कर सकते हैं। अगर आप इस विषय के संबंध में कुछ और पूछना चाहते हैं, तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए अपने सवाल हम तक पहुंचा सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
कैसे बताएं कि मल में कीड़े हैं या ��हीं?
पिनवॉर्म लगभग डेढ़ इंच लम्बे सफेद कीड़े होते हैं, जो आसानी से नजर आ जाते हैं।
त्वचा के नीचे कीड़े होने पर कैसा महसूस होता है?
अगर आप अपनी त्वचा के नीचे एक खुजली और रेंगने जैसी सनसनी महसूस करते हैं, तो हो सकता है कि आप कीड़ों से पीड़ित हों। ऐसा होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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Soumya Vyas
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/pinworms-ke-karan-lakshan-gharelu-ilaj-in-hindi/
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हल्दी(Turmeric ) के फायदे और गुण :-(Bolo JI Radhey Radhey)हल्दी को आयुर्वेद में प्राचीन काल से ही एक चमत्कारिक द्रव्य के रूप में मान्यता प्राप्त है। औषधि ग्रंथों में इसे हल्दी के अतिरिक्त हरिद्रा, कुरकुमा लौंगा, वरवर्णिनी, गौरी, क्रिमिघ्ना योशितप्रीया, हट्टविलासनी, हरदल, कुमकुम, टर्मरिक नाम दिए गए हैं। आयुर्वेद में हल्दी को एक महत्वपूर्ण औषधि कहा गया है। भारतीय रसोई में इसका महत्वपूर्ण स्थान है और धार्मिक रूप से इसको बहुत शुभ समझा जाता है। विवाह में तो हल्दी की रसम का अपना एक विशेष महत्व है। हल्दी का प्रयोग लगभग सभी प्रकार के खाने में किया जाता है। यह व्यंजनों के स्वाद में तो इजाफा करती ही है साथ ही इसमें अनेक औषधीय गुण भी होते हैं। त्वचा, पेट और शरीर की कई बीमारियों में हल्दी का प्रयोग किया जाता है। हल्दी के पौधे से मिलने वाली इसकी गांठे ही नहीं बल्कि इसके पत्ते भी बहुत उपयोगी होते हैं। आइए हम आपको हल्दी के गुणों के बारे में बताते हैं। 1.दाग, धब्बे व झाइंया मिटाने के लिए हल्दी बहुत फायदेमंद है। चेहरे पर दाग या झाइंया चेहरे के दाग-धब्बे और झाइयां हटाने के लिए हल्दी और काले तिल को बराबर मात्रा में पीसकर पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाएं। 2.हल्दी को दूध में मिलाकर इसका पेस्ट बना लीजिए। इस पेस्ट क��� चेहरे पर लगाने से त्वचा का रंग निखरता है और आपका चेहरा खिला-खिला दिखेगा। 3.लीवर संबंधी समस्याओं में भी इसे बहुत उपयोगी माना जाता है।सर्दी-खांसी होने पर दूध में कच्ची हल्दी पाउडर डालकर पीने से जुकाम ठीक हो जाता है। 4.पेट में कीड़े होने पर 1 चम्मच हल्दी पाउडर में थोडा सा नमक मिलाकर रोज सुबह खाली पेट एक सप्ताह तक ताजा पानी के साथ लेने से कीड़े खत्म हो जाते हैं। 5.खांसी होने पर हल्दी का इस्तेमाल कीजिए। अगर खांसी आने लगे तो हल्दी की एक छोटी सी गांठ मुंह में रख कर चूसें, इससे खांसी नहीं आती। 6.अगर त्वचा पर अनचाहे बाल उग आए हों तो इन बालों को हटाने के लिए हल्दी पाउडर को गुनगुने नारियल तेल में मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को हाथ-पैरों पर लगाएं। ऐसा करने से शरीर के अनचाहे बालों से निजात मिलती है। 7.धूप में जाने के कारण त्वचा अक्सर टैन्ड हो जाती है। टैन्ड त्वचा से निजात पाने के लिए हल्दी पाउडर, बादाम चूर्ण और दही मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाइए। इससे त्वचा का रंग निखर जाता है और सनबर्न की वजह से काली पड़ी त्वचा भी ठीक हो जाती है। यह एक तरह से सनस्क्रीन लोशन की तरह काम करता है। 8.मुंह में छाले होने पर गुनगुने पानी में हल्दी पाउडर मिलाकर कुल्ला करें या हलका गर्म हल्दी पाउडर छालों पर लगाएं। इससे मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं। 9.चोट लगने या मोच होने पर हल्दी बहुत फायदा करती है। मांसपेशियों में खिंचाव या अंदरूनी चोट लगने पर हल्दी का लेप लगाएं या गर्म दूध में हल्दी पाउडर डालकर पीजिए। N S Yadav ... 10.हल्दी का प्रयोग करने से खून साफ होता है जिससे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। 11.अनियमित माहवारी को नियमित करने के लिए महिलाएं हल्दी का इस्तेमाल कर सकती हैं।
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कलौंजी के फायदे - All Ayurvedic - A Natural Way of Improving Your Health
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कलौंजी के फायदे - All Ayurvedic - A Natural Way of Improving Your Health
All Ayurvedic – A Natural Way of Improving Your Health
आयुर्वेदिक तेल
आरोग्यम
कैंसर
मधुमेह
ह्रदय रोग
कलौंजी का तेल हृदय रोग, ब्लड प्रेशर, डाइबिटीज, अस्थमा, खांसी, नजला, जोड़ों के दर्द, बदन दर्द, कैंसर, किडनी, गुर्दे की पत्थरी, मूत्राशय के रोग, मर्दाना कमजोरी, बालों के रोगों, मोटापे, याददाश्त बढाने, मुंहासे, सुंदर चेहरा, अजीर्ण, उल्टी, तेज़ाब, बवासीर, लयुकोरिया आदि गंभीर बीमारियों से एक साथ निजात दिलाने में सक्षम है।
यह अनमोल चमत्कारिक दवा ब्लैैक सीड ऑइल, जिसे कलौंजी का तेल भी कहा जाता है यह आसानी से उपलब्ध होने वाली बेहद प्रभावी और उपयोगी साबित हो सकती है। कलौंजी के तेल में मौजूद दो बेहद प्रभावकारी तत्व थाइमोक्विनोन और थाइमोहाइड्रोक्विनोन में विशेष हीलींग प्रभाव होते हैं। ये दोनों तत्व मिलकर इन सभी बीमारियों से लड़ने और शरीर को हील करने में मदद करते हैं।
इतना ही नहीं, कार्डियोवेस्कुलर डिसीज एवं अस्थमा, ब्लड कैंसर, फेफड़ों की समस्या, लिवर, प्रोस्टेट, ब्रेस्ट कैंसर, सर्विक्स और त्वचा रोगों में भी कारगर है। यह कोई नई दवा नहीं है, बल्कि इन गंभीर बीमारियों के लिए इसकी खोज हजारों वर्षों पूर्व हो चुकी थी। जिसके बाद इस दवा पर विज्ञान के अब तक कई शोध हो चुके हैं, जो विभिन्न बीमारियों के लिए ब्लैैक सीड ऑइल को बेहतरीन घरेलू दवा साबित करते हैं।
2012 में इजिप्ट में हुए एक शोध के अनुसार शहद और कलौंजी ब्लैैक सीड ऑइल ट्यूमर रोधी तत्व मौजूद हैं, जो कैंसर कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि को रोकने में सक्षम है। वहीं 2013 में मलेशिया में हुए रिसर्च के अनुसार ब्रेस्ट कैंसर के लिए थाइमोक्विनोन का प्रयोग एक दीर्घकालिक इलाज के रूप में किया गया।
इसमें मौजूद थाइमोक्विनोन एक बायोएक्टिव कंपाउंड है जो एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी कैंसर कारक है। इसमें वे चुनिंदा साइटोटॉक्सिक प्रॉपर्टी मौजूद है जो कैंसर कोशिकाओं के लिए घातक है, जबकि ��ामान्य कोशिकाओं को कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं डालती।
आयुर्वेद में कलौंजी के बारे में कहा गया है कि “कलयुग में धरती पर संजीवनी है कलौंजी” यह अनगिनत रोगों को चुटकियों में ठीक करती है। इसका विवरण आयुर्वेद ग्रंथों के अलावा मुस्लिमो के पवित्र ग्रंथ हदीस में भी इसका उल्लेख है कि “मौत को छोड़कर हर मर्ज की दवा है कलौंजी” यही नही इसका उल्लेख सभी धर्मों के पवित्र ग्रंथो में है। कलौंजी वनस्पति पौधा है जिसके बीज भी होते है और औषधियों के रूप में बीजों का ही प्रयोग किया जाता है। अत: कलौंजी के बीजों को बहुत बारीक पीसकर सिरका, शहद या पानी में मिलाकर उपयोग किया जाता है।
कलौंजी के बीजों का तेल भी बनाया जाता है जो रोगों के लिए बहुत प्रभावशाली होता है। इसका तेल न मिलने पर कलौंजी से काम चलाया जा सकता है।
कलौंजी के तेल में एक अलग प्रकार की चर्बी के टुकड़ा होता है। लिर्नोलेटिक टुकड़ा 60 प्रतिशत और पाश्मेहिक टुकड़ा लगभग 11 प्रतिशत इसमें प्राप्त हैं। इसलिए इसमें स्वतंत्र अम्ल 40 अथवा उससे भी ज्यादा हो सकते है। यह कार्बनिक तेल को आसानी से पानी के रूप में बदल देता है। अधिकतर कलौंजी के बीजों को ही औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके बीजों में एक सेपोनिन नामक पदार्थ होता है। इसके बीजों में निजेलीन नामक कडुवा पदार्थ भी होता है। कलौंजी मूत्र लाने वाला, वीर्यपात को ठीक करने वाला और मासिक-धर्म के कष्टों को दूर करने वाला होता है।
कलौंजी का तेल कफ को नष्ट करने वाला और रक्तवाहिनी नाड़ियों को साफ करने वाला होता है। इसके अलावा यह खून में मौजूद दूषित व अनावश्यक द्रव्य को भी दूर होता है। कलौंजी का तेल सुबह खाली पेट और रात को सोते समय लेने से बहुत से रोग समाप्त होते हैं। गर्भावस्था के समय स्त्री को कलौंजी के तेल का उपयोग नहीं कराना चाहिए इससे गर्भपात होने की सम्भावना रहती है। तो अब आपको इन बीमारियों के लिए महंगी दवाओं पर खर्च करने की जरुरत नहीं होगी, इस एक घरेलुु द्वारा आप कई बीमारियों को हल कर सकते हैं।
➡ कलौंजी का तेल कहाँ मिलेगा :
कलौंजी का तेल किसी भी मेडिकल स्टोर या पंसारी के पास से आसानी से उपलब्ध हो जायेगा. इसका 100 मि.ली. का मूल्य 100 से 200 रुपये तक ही होता है। एक व्यक्ति के लिए एक शीशी 6 महीने तक चल जाएगी।
➡ कलौंजी का तेल सेवन की विधि :
किसी भी बीमारी में आप कलौंजी के तेल को आप सुबह गर्म पानी में 2 बूँद डालकर रोजाना पी सकते हैं. इस से आपको उपरोक्त बिमारियों के होने की आशंका बहुत कम हो जाएगी. अगर गंभीर बिमारियों ने जकड रखा है तो जब भी पानी पियें तो उसमे 2 बूँद कलौंजी का तेल डालकर पीजिये. इसमें शहद भी मिलाया जा सकता है।
कलौंजी का तेल रात्रि को सोने से पहले दूध में भी 2 बूँद डाल कर रोजाना पिया जा सकता है।
जितने गुण कलौंजी में निहित है उतने ही गुण कलौंजी के तेल में भी हैं. कलौंजी के लिए एक कहावत भी मशहूर है के मौत को छोड़कर हर मर्ज की दवा है कलौंजी।
Note : ध्यान रखें कि इस दवा का प्रयोग गर्भावस्था में नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे गर्भ नष्ट हो सकता है।
➡ वैज्ञानिक शोध के अनुसार कलौंजी :
कलौंजी का रसायनिक विश्लेषण करने पर पता चला है कि इसके बीजों में एक लाल व भूरे रंग का स्थिर तेल 31 प्रतिशत होता है। इसमें पीला भूरा उड़नशील तेल 0.5 से 1.6 प्रतिशत होता है। उड़नशील तेल में कार्बन 45 से 60 प्रतिशत की मात्रा में होता है। इसमें डीलाइमोनिन और साइमिन तत्त्व होते हैं। इनके अलावा श्वासनलिका प्रसारक तत्त्व, नाइगेलन, शर्करा, विशाक्त ग्लूकोसाइड, पिच्छिल सेन्द्रिय अम्ल आदि भी होते हैं।
“मौत को छोड कर हर मर्ज की दवाई है कलौंजी” यह पवित्र ग्रंथ हदीस में लिखा गया है। ये काफी सारी बीमारियों को ठीक करने की क्षमता रखती है। यहाँ तक की गंजापन तक दूर कर देती है कलौंजी। वैसे तो ये अनेक बीमारियों में अच्छे प्रभाव देता है लेकिन आज हम आपको Allayurvedic के माध्यम से कलौंजी के 90 अद्भुत फायदों के बारे में बात रहे है, आइये जानते है।
➡ कैसे करें इसका सेवन?
कलौंजी के बीजों का सीधा सेवन किया जा सकता है।
एक छोटा चम्मच कलौंजी को शहद में मिश्रित करके इसका सेवन करें।
पानी में कलौंजी उबालकर छान लें और इसे पिएँ।
दूध में कलौंजी उबालें। ठंडा होने दें फिर इस मिश्रण को पिएँ।
कलौंजी को ग्राइंड करें व पानी तथा दूध के साथ इसका सेवन करें।
कलौंजी को ब्रैड, पनीर तथा पेस्ट्रियों पर छिड़क कर इसका सेवन करें।
➡ कलौंजी के बीजों के अद्भुत फायदे :
टाइप-2 डायबिटीज : प्रतिदिन 2 ग्राम कलौंजी के सेवन के परिणामस्वरूप तेज हो रहा ग्लूकोज कम होता है। इंसुलिन रैजिस्टैंस घटती है,बीटा सैल की कार्यप्रणाली में वृद्धि होती है तथा ग्लाइकोसिलेटिड हीमोग्लोबिन में कमी आती है।
मिर्गी : 2007 में हुए एक अध्ययन के अनुसार मिर्गी से पीड़ित बच्चों में कलौंजी के सत्व का सेवन दौरे को कम करता है।
उच्च रक्तचाप : 100 या 200 मि.ग्रा. कलौंजी के सत्व के दिन में दो बार सेवन से हाइपरटैंशन के मरीजों में ब्लड प्रैशर कम होता है।
रक्तचाप (ब्लडप्रेशर) में एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में 2 बार पीने से रक्तचाप सामान्य बना रहता है। तथा 28 मि.ली. जैतुन का तेल और एक चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर पूर शरीर पर मा��िश आधे घंटे तक धूप में रहने से रक्तचाप में लाभ मिलता है। यह क्रिया हर तीसरे दिन एक महीने तक करना चाहिए।
गंजापन : जली हुई कलौंजी को हेयर ऑइल में मिलाकर नियमित रूप से सिर पर मालिश करने से गंजापन दूर होकर बाल उग आते हैं।
त्वचा के विकार : कलौंजी के चूर्ण को नारियल के तेल में मिलाकर त्वचा पर मालिश करने से त्वचा के विकार नष्ट होते हैं।
लकवा : कलौंजी का तेल एक चौथाई चम्मच की मात्रा में एक कप दूध के साथ कुछ महीने तक प्रतिदिन पीने और रोगग्रस्त अंगों पर कलौंजी के तेल से मालिश करने से लकवा रोग ठीक होता है।
कान की सूजन, बहरापन : कलौंजी का तेल कान में डालने से कान की सूजन दूर होती है। इससे बहरापन में भी लाभ होता है।
सर्दी-जुकाम : कलौंजी के बीजों को सेंककर और कपड़े में लपेटकर सूंघने से और कलौंजी का तेल और जैतून का तेल बराबर की मात्रा में नाक में टपकाने से सर्दी-जुकाम समाप्त होता है। आधा कप पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल व चौथाई चम्मच जैतून का तेल मिलाकर इतना उबालें कि पानी खत्म हो जाए और केवल तेल ही रह जाए। इसके बाद इसे छानकर 2 बूंद नाक में डालें। इससे सर्दी-जुकाम ठीक होता है। यह पुराने जुकाम भी लाभकारी होता है।
कलौंजी को पानी में उबालकर इसका सत्व पीने से अस्थमा में काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है।
छींके : कलौंजी और सूखे चने को एक साथ अच्छी तरह मसलकर किसी कपड़े में बांधकर सूंघने से छींके आनी बंद हो जाती है।
सर्दी -जुकाम : 20 ग्राम कलौंजी को अच्छी तरह से पकाकर किसी कपड़े में बांधकर नाक से सूंघने से बंद नाक खुल जाती है और जुकाम ठीक होता है।
आधा कप पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल व चौथाई चम्मच जैतून का तेल मिलाकर इतना उबालें कि पानी खत्म हो जाएं और केवल तेल ही रह जाएं। इसके बाद इसे छानकर 2 बूंद नाक में डालें। इससे सर्दी-जुकाम ठीक होता है। यह पुराने जुकाम भी लाभकारी होता है।
जैतून के तेल में कलौंजी का बारीक चूर्ण मिलाकर कपड़े में छानकर बूंद-बूंद करके नाक में डालने से बार-बार जुकाम में छींक आनी बंद हो जाती हैं और जुकाम ठीक होता है।
कलौंजी को सूंघने से जुकाम में आराम मिलता है।
कलौंजी के बीजों को सेंककर और कपड़े में लपेटकर सूंघने से और कलौंजी का तेल और जैतून का तेल बराबर की मात्रा में नाक में टपकाने से सर्दी – जुकाम समाप्त होता है।
मुंहासे : सिरके में कलौंजी को पीसकर रात को सोते समय पूरे चेहरे पर लगाएं और सुबह पानी से चेहरे को साफ करने से मुंहासे कुछ दिनों में ही ठीक हो जाते हैं।
बवासीर : कलौंजी की भस्म को मस्सों पर नियमित रूप से लगाने से बवासीर का रोग समाप्त होता है।
त्वचा विकार : कलौंजी के चूर्ण को नारियल के तेल में मिलाकर त्वचा पर मालिश करने से त्वचा के विकार नष्ट होते हैं।
वात रोग: कलौंजी के तेल से रोगग्रस्त अंगों पर मालिश करने से वात की बीमारी दूर होती है।
स्नायु की पीड़ा : दही में कलौंजी को पीसकर बने लेप को पीड़ित अंग पर लगाने से स्नायु की पीड़ा समाप्त होती है।
सूजन : यदि चोट या मोच आने के कारण शरीर के किसी भी स्थान पर सूजन आ गई हो तो उसे दूर करने के लिए कलौंजी को पानी में पीसकर लगाएं। इससे सूजन दूर होती है और दर्द ठीक होता है।
कलौंजी को पीसकर हाथ पैरों पर लेप करने से हाथ-पैरों की सूजन दूर होती है।
पेट के कीड़े : 10 ग्राम कलौंजी को पीसकर 3 चम्मच शहद के साथ रात सोते समय कुछ दिन तक नियमित रूप से सेवन करने से पेट के कीडे़ नष्ट हो जाते हैं।
प्रसव की पीड़ा : कलौंजी का काढ़ा बनाकर सेवन करने से प्रसव की पीड़ा दूर होती है।
कान की सूजन : कलौंजी का तेल कान में डालने से कान की सूजन दूर होती है। इससे बहरापन में भी लाभ होता है।
रक्तचाप (ब्लडप्रेशर) : एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में 2 बार पीने से रक्तचाप सामान्य बना रहता है।
28 मिलीलीटर जैतुन का तेल और एक चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर पूर शरीर पर मालिश आधे घंटे तक धूप में रहने से रक्तचाप में लाभ मिलता है। यह क्रिया हर तीसरे दिन एक महीने तक करना चाहिए।
पोलियो : आधे कप गर्म पानी में एक चम्मच शहद व आधे चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय लें। इससे पोलियों का रोग ठीक होता है।
जोड़ों का दर्द : एक चम्मच सिरका, ��धा चम्मच कलौंजी का तेल और दो चम्मच शहद मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय पीने से जोड़ों का दर्द ठीक होता है।
10 ग्राम सौंफ का रस ��िकालकर कांजी में मिलाकर पीने से गठिया का दर्द ठीक होता है।
कुलंजन को रीठा के पत्तों के साथ काढ़ा बनाकर पीने से गठिया रोग समाप्त होता है।
आंख का रोग : आंखों की लाली , मोतियाबिन्द , आंखों से पानी का आना , आंखों की रोशनी कम होना आदि। इस तरह के आंखों के रोगों में एक कप गाजर का रस, आधा चम्मच कलौंजी का तेल और दो चम्मच शहद मिलाकर दिन में 2 बार सेवन करें। इससे आंखों के सभी रोग ठीक होते हैं। आंखों के चारों और तथा पलकों पर कलौंजी का तेल रात को सोते समय लगाएं। इससे आंखों के रोग समाप्त होते हैं। रोगी को अचार, बैंगन, अंडा व मछली नहीं खाना चाहिए।
स्फूर्ति (रीवायटल) : नांरगी के रस में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सेवन करने से आलस्य और थकान दूर होती है।
मानसिक तनाव : एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल डालकर रात को सोते समय पीने से स्नायुविक व मानसिक तनाव दूर होता है।
गांठ (टयूमर ): कलौंजी के तेल को गांठो पर लगाने और एक चम्मच कलौंजी का तेल गर्म दूध में डालकर पीने से गांठ नष्ट होती है।
सिर दर्द : कलौंजी के तेल को ललाट से कानों तक अच्छी तरह मलनें और आधा चम्मच कलौंजी के तेल को 1 चम्मच शहद में मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से सिर दर्द ठीक होता है।
कलौंजी खाने के साथ सिर पर कलौंजी का तेल और जैतून का तेल मिलाकर मालिश करें। इससे सिर दर्द में आराम मिलता है और सिर से सम्बंधित अन्य रोगों भी दूर होते हैं।
मलेरिया : पिसी हुई कलौंजी आधा चम्मच और एक चम्मच शहद मिलाकर चाटने से मलेरिया का बुखार ठीक होता है।
मिर्गी : एक कप गर्म पानी में 2 चम्मच शहद और आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करने से मिर्गी के दौरें ठीक होते हैं। मिर्गी के रोगी को ठंडी चीजे जैसे- अमरूद, केला, सीताफल आदि नहीं देना चाहिए।
प्रतिदिन कलौंजी के तेल की चार बूंद एक चम्मच नारियल तेल में मिलाकर सोते समय सिर में लगाने स्वप्नदोष का रोग ठीक होता है। उपचार करते समय नींबू का सेवन न करें।
कब्ज : चीनी 5 ग्राम, सोनामुखी 4 ग्राम, 1 गिलास हल्का गर्म दूध और आधा चम्मच कलौंजी का तेल। इन सभी को एक साथ मिलाकर रात को सोते समय पीने से कब्ज नष्ट होती है।
खून की कमी : एक कप पानी में 50 ग्राम हरा पुदीना उबाल लें और इस पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह खाली पेट एवं रात को सोते समय सेवन करें। इससे 21 दिनों में खून की कमी दूर होती है। रोगी को खाने में खट्टी वस्तुओं का उपयोग नहीं करना चाहिए।
पेट का दर्द : किसी भी कारण से पेट दर्द हो एक गिलास नींबू पानी में 2 चम्मच शहद और आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में 2 बार पीएं। उपचार करते समय रोगी को बेसन की चीजे नहीं खानी चाहिए।
चुटकी भर नमक और आधे चम्मच कलौंजी के तेल को आधा गिलास हल्का गर्म पानी मिलाकर पीने से पेट का दर्द ठीक होता है।
1 गिलास मौसमी के रस में 2 चम्मच शहद और आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में 2 बार पीने से पेट का दर्द समाप्त होता है।
उल्टी : आधा चम्मच कलौंजी का तेल और आधा चम्मच अदरक का रस मिलाकर सुबह-शाम पीने से उल्टी बंद होती है।
हार्निया : 3 चम्मच करेले का रस और आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह खाली पेट एवं रात को सोते समय पीने से हार्निया रोग ठीक होता है।
पीलिया : एक कप दूध में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर प्रतिदिन 2 बार सुबह खाली पेट और रात को सोते समय 1 सप्ताह तक लेने से पीलिया रोग समाप्त होता है। पीलिया से पीड़ित रोगी को खाने में मसालेदार व खट्टी वस्तुओं का उपयोग नहीं करना चाहिए।
दमा: एक चुटकी नमक, आधा चम्मच कलौंजी का तेल और एक चम्मच घी मिलाकर छाती और गले पर मालिश करें और साथ ही आधा चम्मच कलौंजी का तेल 2 चम्मच शहद के साथ मिलाकर सेवन करें। इससे दमा रोग में आराम मिलता है।
कैंसर : एक गिलास अंगूर के रस में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर दिन में 3 बार पीने से कैंसर का रोग ठीक होता है। इससे आंतों क��� कैंसर, ब्लड कैंसर व गले का कैंसर आदि में भी लाभ मिलता है। इस रोग में रोगी को औषधि देने के साथ ही एक किलो जौ के आटे में 2 किलो गेहूं का आटा मिलाकर इसकी रोटी, दलिया बनाकर रोगी को देना चाहिए। इस रोग में आलू, अरबी और बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए।
कैंसर के रोगी को कलौंजी डालकर हलवा बनाकर खाना चाहिए।
दांत व मसूढ़ों का दर्द : कलौंजी का तेल और लौंग का तेल 1-1 बूंद मिलाकर दांत व मसूढ़ों पर लगाने से दर्द ठीक होता है। आग में सेंधानमक जलाकर बारीक पीस लें और इसमें 2-4 बूंदे कलौंजी का तेल डालकर दांत साफ करें। इससे साफ व स्वस्थ रहते हैं।
दांतों में कीड़े लगना व खोखलापन : रात को सोते समय कलौंजी के तेल में रुई को भिगोकर खोखले दांतों में रखने से कीड़े नष्ट होते हैं।
नींद न आना : रात में सोने से पहले आधा चम्मच कलौंजी का तेल और एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से नींद अच्छी आती है।
पेशाब की जलन : 250 मिलीलीटर दूध में आधा चम्मच कलौंजी का तेल और एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से पेशाब की जलन दूर होती है।
पथरी : 250 ग्राम कलौंजी पीसकर 125 ग्राम शहद में मिला लें और फिर इसमें आधा कप पानी और आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर प्रतिदिन 2 बार खाली पेट सेवन करें। इस तरह 21 दिन तक पीने से पथरी गलकर निकल जाती है।
बालों को घना व लम्बा बनाना: 50 ग्राम कलौंजी 1 लीटर पानी में उबाल लें और इस पानी से बालों को धोएं। इससे बाल लम्बे व घने होते हैं।
अतिझुधा भस्मक रोग (भूख का अधिक लगना) : 50 ग्राम कलौंजी को सिरके में रात को भिगो दें और सूबह पीसकर शहद में मिलाकर 4-5 ग्राम की मात्रा सेवन करें। इससे भूख का अधिक लगना कम होता है।
पेट में गैस बनना: कलौंजी, जीरा और अजवाइन को बराबर मात्रा में पीसकर एक चम्मच की मात्रा में खाना खाने के बाद लेने से पेट का गैस नष्ट होता है।
ग-र्भपात करना : कलौंजी आधा से एक ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से मासिकधर्म शुरू होता है। इससे ग-र्भपात होने की संभावना नहीं रहती है।
कलौंजी और गाजर के बीज समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें और यह 3 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करें। इससे ग-र्भपात हो जाता है।
बेरी-बेरी रोग : कलौंजी को पीसकर हाथ-पैरों की सूजन पर लगाने से सूजन मिटती है।
मासिकधर्म कष्ट से आना : कलौंजी आधा से एक ग्राम की मात्रा में सेवन करने से मासिकस्राव का कष्ट दूर होता है और बंद मासिकस्राव शुरू हो जाता है।
कलौंजी का चूर्ण 3 ग्राम की मात्रा में शहद मिलाकर चाटने से ऋतुस्राव की पीड़ा नष्ट होती है।
मासिकधर्म की अनियमितता : लगभग आधा से डेढ़ ग्राम की मात्रा में कलौंजी के चूर्ण का सेवन करने से मासिकधर्म नियमित समय पर आने लगता है।
मासिकस्राव का बंद होना : कलौंजी आधा से एक ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन 2-3 बार सेवन करने से मासिकस्राव शुरू होता है। गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं कराना चाहिए क्योंकि इससे गर्भपात हो सकता है।
यदि मासिकस्राव बंद हो गया हो और पेट में दर्द रहता हो तो एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल और दो चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम पीना चाहिए। इससे बंद मासिकस्राव शुरू हो जाता है।
स्त्रियों के चेहरे व हाथ-पैरों की सूजन :कलौंजी पीसकर लेप करने से हाथ पैरों की सूजन दूर होती है।
छींक अधिक आना : कलौंजी और सूखे चने को एक साथ अच्छी तरह मसलकर किसी कपड़े में बांधकर सूंघने से छींके आनी बंद हो जाती है।
यदि बार-बार छींके आती हो तो कलौंजी के बीजों को पीसकर सूंघें।
खाज-खुजली :50 ग्राम कलौंजी के बीजों को पीस लें और इसमें 10 ग्राम बिल्व के पत्तों का रस व 10 ग्राम हल्दी मिलाकर लेप बना लें। यह लेप खाज-खुजली में प्रतिदिन लगाने से रोग ठीक होता है।
सिर दर्द : कलौंजी के बीजों को गर्म करके पीस लें और कपड़े में बांधकर सूंघें। इससे सिर का दर्द दूर होता है।
कलौंजी और काला जीरा बराबर मात्रा में लेकर पानी में पीस लें और माथे पर लेप करें। इससे सर्दी के कारण होने वाला सिर का दर्द दूर होता है।
नाड़ी का छूटना : आधे से 1 ग्राम कालौंजी को पीसकर रोगी को देने से शरीर का ठंडापन दूर होता है और नाड़ी की गति भी तेज होती है। इस रोग में आधे से
1 ग्राम कालौंजी हर 6 घंटे पर लें और ठीक होने पर इसका प्रयोग बंद कर दें। ध्यान रखें कि इस दवा का प्रयोग गर्भावस्था में नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे गर्भ नष्ट हो सकता है।
नाड़ी की जलन : कलौंजी को पीसकर लेप करने से नाड़ी की जलन व सूजन दूर होती है।
स्मरण शक्ति का कमजोर होना : लगभग 2 ग्राम की मात्रा में कलौंजी को पीसकर 2 ग्राम शहद में मिलाकर सुबह-शाम खाने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।
हिचकी : एक ग्राम पिसी कलौंजी शहद में मिलाकर चाटने से हिचकी आनी बंद हो जाती है।
कलौंजी आधा से 1 ग्राम की मात्रा में मठ्ठे के साथ प्रतिदिन 3-4 बार सेवन से हिचकी दूर होती है।
कलौंजी का चूर्ण 3 ग्राम मक्खन के साथ खाने से हिचकी दूर होती है।
काले उड़द चिलम में रखकर तम्बाकू के साथ पीने से हिचकी में लाभ होता है।
3 ग्राम कलौंजी पीसकर दही के पानी में मिलाकर खाने से हिचकी ठीक होती है।
कलौंजी के तेल से रोगग्रस्त अंगों पर मालिश करने से वात की बीमारी दूर होती है।
दही में कलौंजी को पीसकर बने लेप को पीड़ित अंग पर लगाने से स्नायु की पीड़ा समाप्त होती है।
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मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान - Indian Diet Plan to Lose Weight in Hindi
आप मोटापा कम करने के लिए प्रतिज्ञा लेते हैं कि आज तो डाइटिंग करके ही रहेंगे और उतना ही कैलोरी का सेवन करेंगे जितने मेरे शरीर को ज़रुरत होगी लेकिन बाहर निकलते ही या घर पर खाली बैठते ही आपका मन बाहर के खाने की तरफ भागता है जो आपके शरीर के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं हैं, इससे सिर्फ और सिर्फ आप ही का वज़न बढ़ेगा। अगर अपना वज़न सच में घटाना चाहते हैं तो सबसे पहले खानपान में बदलाव लाएं और अपने नज़रिये में सकरात्मकता लेकर आएं इससे वज़न जल्दी घटा पाएंगे।
अगर कम कैलोरी वाला आहार अपनी सूची में जोड़ते हैं तो ये आप ही के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होगा साथ ही हृदय को भी स्वस्थ रखेगा। आज हम आपको मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान के बारे मे बताएंगे जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन का एक संयोजन होगा।
1. मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान का पहला भोजन - सुबह उठने के तुरंत बाद
अगर आपने अभी तक ये आदत नहीं डाली है तो अब डाल लीजिये। सुबह उठकर खाली पेट पानी का सेवन करना आपके शरीर के लिए सबसे ज़्यादा लाभदायक है क्यूंकि शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ निकल जाते हैं जिससे खून भी साफ होता है और खून के साफ हो जाने से त्वचा पर भी चमक आती है। वज़न घटाने के लिए तो जितना जल्दी हो सके खाली पेट पानी को पियें। अगर आप गुनगुने पानी के साथ सिर्फ निम्बू डालकर पियेंगे तो आपका पेट साफ़ होने के साथ ही स्वस्थ भी रहेगा। जिन्हें शुगर है वो चीनी के साथ निम्बू पानी को नज़रअंदाज़ करें और जिन्हे उच्च रक्तचाप की शिकायत है वो नमक के साथ निम्बू पानी का सेवन न करें। (और पढ़ें - नींबू के फायदे और नुकसान)
खाली पेट नींबू पानी पीने के फायदे
नींबू पानी शरीर का मोटापा कम करने का सबसे अच्छा तरीका है।
नींबू में विटामिन सी होता है साथ ही कई ऐसे पदार्थ होते हैं जो कि आपके शरीर को रोगों से लड़ने में मदद मिलती है। इससे सांस से जुड़े रोग, सर्दी-जुकाम, खाँसी होने का खतरा भी कम हो जाता है।
नींबू पानी पीने से डायबिटीज से जुडी बीमारियां दूर होती है। नींबू पानी को खासतौर पर हाई शुगर वाले जूस व ड्रिंक का बेहतर विकल्प माना जाता है।
नींबू पानी मोटापे को ही कम नहीं करता, बल्कि ये लिवर को भी ठीक रखता है। नींबू में साइट्रिक एसिड होता है जिससे शरीर के एन्जाइम्स को सही तरीके से काम करने में मदद मिलती है। इससे आपके लिवर को अधिक लाभ मिलता है।
नींबू पानी में फ्लेवनॉयड्स होते हैं जो पाचन तंत्र को अच्छा रखते हैं। यही वजह है कि पेट जब खराब होता है तो नींबू पानी पिलाया जाता है। रोज सुबह नींबू पानी पीने से खाना हजम करने की शक्ति बढ़ती है। साथ ही ये एसिडिटी से भी राहत दिलाता है। (और पढ़ें - नींबू पानी के फायदे और नुकसान)
2. मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान का दूसरा भोजन - नाश्ता
सुबह उठकर खाली पेट नींबू पानी पीने के दो घंटे बाद नाश्ता करें। नाश्ते में हमेशा पोषक तत्व लें क्यूंकि एक नए दिन के साथ आपके शरीर को भी नया पोषण चाहिए होता है। चाय के साथ बिस्कुट नमकीन ले लेना कोई नाश्ता नहीं होता और न ही पोषण भरा होता है। नाश्ते में पोषक तत्वों को लेने से शरीर का फैट कम होता है और साथ ही इसके सेवन से आपके दिन की शुरुआत एक नयी ऊर्जा के साथ होगी।
नाश्ते में क्या लें
2 अंडे, उबली सब्जियां जैसे पत्ता गोबी (कम कैलोरी, फाइबर विटामिन सी), फूलगोबी (विटामिन सी, विटामिन के, फाइबर), साग (विटामिन ए, विटामिन के, फाइबर, आयरन), चुकुन्दर, टमाटर आदि। बिन मलाई वाल��� एक गिलास दूध। या फिर दाल चीला या बेसन का चीला ले सकते हैं इसके साथ बिन मलाई वाला दूध लें।
नाश्ते में इन आहार के फायदे
अंडे में विटामिन, प्रोटीन और खनिजों का एक अच्छा स्रोत पाया जाता है। अंडा न केवल पोषक तत्व का एक स्त्रोत है बल्कि वज़न को कम करने के लिए भी मदद करता है। अगर आप और व्यंजनों को अंडे के साथ लेते हैं तो इससे शरीर में कार्बोहाइड्रेट की खपत सीमित हो जाएगी। अंडा खुद में ही वज़न को कम करने में पर्याप्त है। अंडा वज़न कम करने के साथ-साथ हड्डियों, बालों, गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद ही गुणकारी है। (और पढ़ें - अंडे के फायदे और नुकसान)
अगर आप शरीर में इम्युनिटी बढ़ाना चाहते हैं तो सब्ज़ियों को उबाल लीजिये। खाने में ये टेस्टी लगने के साथ ही शरीर को भी अंदर से फिट कर देगा। उबली हुई सब्जियों को खाने से हमारा फैट बढ़ता नहीं है और धीरे-धीरे बढ़ा हुआ वजन कंट्रोल हो जाता है क्यूंकि उबली हुई सब्ज़ियों मे से पोषक तत्व खत्म नहीं होते और तेल मसालों से आप दूर रहते हैं। उबली हुई सब्ज़ियां खाने से सिर्फ वज़न ही कम नहीं होता बल्कि बिमारियों का खतरा भी कम हो जाता है। उबालकर खाने से सब्ज़ियों की सारी गंदगी नष्ट हो जाती हैं जिस कारण हम कई बीमारियों से बचे रहते हैं जैसे हार्ट अटैक, कैंसर आदि। अगर आप अपने शरीर में एंटी-ऑक्सीडेंट बढ़ाना चाहते हैं तो आप उबली हुई सब्जियों का सेवन भरपूर मात्रा में करें। इससे शरीर को बीमारियों से बचाने में मदद मिलती है।
वज़न कम करने के लिए जितना हो सके वसा से जुडी चीज़ो से दूर रहें। अगर आप दूध पीते हैं तो बिन मलाई वाला पिए इससे आपके शरीर में वसा की मात्रा नहीं बढ़ेगी और आप कोलेस्ट्रॉल की बीमारियों से भी बचे रहेंगे। (और पढ़ें - दूध के फायदे और नुकसान)
3. मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान का तीसरा भोजन - नाश्ते के 3-4 घंटे बाद
मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान का तीसरा भाग है नाश्ते के 3-4 घंटे बाद (तकरीबन 12 बजे) एक पेय पदार्थ लेना। आप कोई पेय पदार्थ लें जिससे आपके शरीर में ऊर्जा बनी रहेगी।
नाश्ते के 3-4 घंटे बाद क्या लें
ग्रीन टी या नारियल पानी पियें।
नाश्ते के बाद इन आहार के फायदे
मोटापे को कम करने में ग्रीन टी बेहतरीन घरेलू उपाय है। खाना खाने के बाद अगर आप ग्रीन टी को पीते हैं तो यह आपकी पाचन शक्ति को बढ़ायेगा और इसमे शामिल पोषक तत्व वजन कम करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
ग्रीन टी को अगर आप खाना खाने के 1 घंटा पहले पीतें हैं तो यह आपके वजन को कम करता है और आपकी भूख पर नियंत्रण भी रखता है।
ग्रीन टी पूरी तरह से एंटीआक्सीडेंट होता है। साथ ही ग्रीन टी में बीमारियों से लड़ने की क्षमता होती है। ग्रीन टी को दिन में 2 से 3 बार पीने से आपका शरीर रोगमुक्त रहेगा। (और पढ़ें - ग्रीन टी के फायदे और नुकसान, बनाने की विधि और पीने का सही समय)
नारियल पानी वज़न घटाने में सबसे अच्छा पेय पदार्थ है। यह कैलोरी में कम होता है और पचाने में आसान होता है। नारियल पानी पीने से हमारी शरीर का मेटाबोलिज्म रेट बढ़ जाता है जिसके फलस्वरूप हमारी शरीर का शुगर बर्न होने लगता है और शरीर की अतिरिक्त चर्बी कम होने लगती है। (और पढ़ें - नारियल पानी के फायदे और नुकसान)
नारियल का पानी रक्तचाप को संतुलित रखता है, पानी की कमी को पूरा करता है, हड्डियों को मजबूत रखता है और चेहरे पर चमक लाता है। (और पढ़ें - नारियल पानी के फायदे और नुकसान)
4. मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान का चौथा भोजन - दोपहर का खाना
मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान का अगला हिस्सा है दोपहर का खाना। इसे आप दोपहर के एक या 2 बजे करें। इसमें ज़रूरी है कि बस खाली सब्ज़ी, रोटी न खाएं बल्कि और भी कई पोषक आहार लें जिससे आपके शरीर को पोषक तत्व मिलते रहें और साथ ही आपका वज़न भी नियंत्रण में रहे।
दोपहर के खाने में क्या लें
आप कई तरह के सलाद ले सकते हैं जैसे हरी पत्तेदार सब्ज़ियों का सलाद (हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, गोबी या पत्ता गोभी, खीरा, ककड़ी और मिर्च आदि से बनता है, ग्रीन सलाद में विटामिन बी12 का अच्छा स्रोत होता है), वेजिटेबल सलाद (हरे रंग की सब्जियों के अलावा दूसरे रंगों की सब्जियां जैसे खीरा, मिर्च, टमाटर, मशरूम, प्याज, मूली, गाजर आदि), आप ऐसे ही कई तरह के सलाद ले सकते हैं। खाने में थोड़ी सी दाल लें और इसे सिर्फ 1 चम्मच तेल में ही बनाएं इससे आपका वज़न संतुलित रहेगा या फिर आप ब्राउन चावल और उसके साथ एक कटोरी खीरे का रायता भी ले सकते हैं।
दोपहर के आहार को खाने के फायदे
जिन लोगों को ज़्यादा भूख लगती है उन्हें सलाद खाना चाहिए। इसमें मौजूद फइबर भूख को शांत रखता है, जिससे हमारा पेट भरा-भरा रहता है जिसकी वजह से हमारा वज़न कंट्रोल में रहता है और मोटापा बढ़ता नहीं है। सलाद में फाइबर पाया जाता है। इसके सेवन से शरीर में फाइबर की कमी पूरी हो जाती है। सलाद खाने से वज़न कम होता है और पाचन शक्ति भी सुधरती है। यह दिल के लिए भी फायदेमंद होता है और शरीर को कैंसर जैसी गंभीर बिमारियों से बचाता है। (और पढ़ें - सलाद पत्ते के फायदे और नुकसान)
दाल को खाने का जो सबसे बड़ा फायदा है वो है इसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स का भरपूर मात्रा में पाया जाना। अरहर, मुंग, मसूर, चना, उड़द इन सभी दालों में प्रोटीन बहुत ही ज़्यादा मात्रा में पाया जाता है। इनमे फैट और कैलोरी बहुत ही कम होती हैं। अगर आप एक कप दाल खाते है तो जल्दी भूख बिलकुल भी नहीं लगेगी और वज़न कम करने में मदद होगी। (और पढ़ें - दालों के फायदे)
ब्राउन राइस में फाइबर की मात्रा ज़्यादा पायी जाती है जो कि बेहतर पाचन में मदद करता है। काफी भारी होने की वजह से दुबारा भूख का लगना नामुमकिन होता है। ब्राउन राइस खाने से ��ेट काफी भरा रहता है और स्वास्थ के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है। खीरे में पानी अधिक होता है और कैलोरी भी कम होती है, इसलिए वजन कम करने के लिए खीरा अच्छा विकल्प होता है।
5. मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान का पांचवा भोजन - दोपहर के खाने के दो घंटे बाद ग्रीन टी
दोपहर के खाने के बाद ज़रूरी है ग्रीन टी लें इससे आपकी पाचन शक्ति बढ़ेगी और इसमे शामिल पोषक तत्व आपका वजन कम करने में मदद करेंगे। ग्रीन टी से जुड़े सभी लाभ ऊपर देखें।
6. मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान का छठा भोजन - शाम का नाश्ता
दोपहर के खाने के 4-5 घंटे बाद शाम के नाश्ते को भी ज़रूर लें लेकिन उसमे पोषक तत्व भी होने ज़रूरी हैं।
शाम के नाश्ते में क्या लें
मुरमुरे को खूब सारी सब्ज़ियों के साथ इसका सेवन करें इसमें आप नींबू भी डालें जिससे आपको विटामिन सी की मात्रा मिलती रहें या फिर फल या अंकुरित दाल भी ले सकते हैं।
शाम के नाश्ते को खाने के फायदे
शाम को भारी खाने की ज़रुरत नहीं होती इसलिए आप सब्ज़ियों को मुरमुरे के साथ कुछ टेस्टी बनाकर खा सकते हैं इससे आपको ज़रूरी पोषित आहार भी मिलेंगे साथ ही वज़न बढ़ने का डर भी नहीं होगा।
फल खाने से आपकी विटामिन की मात्रा पूरी होगी और कई बीमारियां को दूर करने में मदद मिलेगी।
अंकुरित दाल के खाने से आपकी हड्डिया मजबूत होती है साथ ही मोटापा भी कम होता है। (और पढ़ें - अंकुरित अनाज के फायदे)
7. मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान का सातवाँ भोजन - रात का खाना
मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान का अंतिम भाग है रात का खाना। आमतौर पर लोग नाश्ता कम खाते हैं और रात का भोजन हैवी करते हैं जबकि होना इसका उल्टा चाहिए। अगर आपको वज़न कम करना है तो रात में कम कैलोरी वाला खाना खाना चाहिए।
रात को खाने में क्या लें
आप रात के खाने में भी कई तरह के सलाद ले सकते हैं हरी पत्तेदार सब्ज़ियों का सलाद, वेजिटेबल सलाद लें। रात में चिकन या फिर दाल ले सकते हैं लेकिन जो लोग मांसाहारी नहीं है वो दाल का विकल्प ले सकते हैं।
रात को खाने में आहार के फायदे
सलाद से आपके शरीर को फाइबर मिलेगा साथ ही फाइबर मिलने से भूख भी कम लगेगी।
रात के खाने में चिकन खाने से वज़न कम होता है क्यूंकि चिकन प्रोटीन से भरपूर होता है और हमारी शरीर को प्रोटीन मिलने से वज़न नियंत्रित रहता है। (और पढ़ें - चिकन के फायदे और नुकसान)
और अगर आप एक कप दाल खाते है तो जल्दी भूख भी नहीं लगेगी और वज़न कम करने में मदद मिलेगी।
from myUpchar.com के स्वास्थ्य संबंधी लेख via http://www.myupchar.com/weightloss/motapa-kam-karne-ke-liye-diet-plan-in-hindi
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सुबह खाली पेट नारियल पानी पीने के 10 फायदे | Nariyal pani ke Fayde | Coc...
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पीलिया रोग के लक्षण और घरेलू उपचार - Jaundice disease symptoms and home remedies in Hindi
Jaundice disease symptoms and home remedies in Hindi : आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बताने वाले हैं कि कैसे आप पीलिया रोग के लक्षणों के बारे में जान सकते है और इसके क्या घरेलू उपाय है? जिससे आप ठीक हो सकते हैं। इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी भी जो पीलिया रोग से ग्रसित किसी भी व्यक्ति के लिए एकदम कारगर साबित होती है। यह सारे उपाय अक्सर लोग अपने घर मे प्रयोग में लाते हैं।
पीलिया रोग के लक्षण :
यह एक ऐसा रोग है। जो देखने में सामान्य-सा लगता है लेकिन यह एक गंभीर रोग है और इसका इलाज समय पर होना आवश्यक होता हैं। नही तो यह और बढ़ जाता हैं। इस पीलिया रोग को इंग्लिश में जॉन्डिस कहते हैं। यह बीमारी हमें तब होती हैं। जब शरीर में बिलबीन की मात्रा बढ़ जाती हैं और आँख, नाखून और त्वचा आदि सभी सफेद भाग जो शरीर में होते है। वह पीला दिखने लगता है। इस रोग में सबसे ज्यादा असर लिवर पर पड़ता हैं। जिसमे वह कमजोर होकर काम करना बंद कर देता हैं। जब यह बीमारी होती हैं तो लोग अक्सर घबराने लगते हैं। इस बीमारी का इलाज फिर वो एलोपैथिक के साथ साथ और भी कई उपाय अपनाते हैं। उसी में से एक हैं, घरेलू उपाय। आइए जानते हैं। इसके घरेलू उपाय……
पीलिया रोग के घरेलू उपाय :
पीलिया रोग के घरेलू उपाय वैसे तो बहुत सारे है। जिनमें से कुछ हम आपको बताने वाले हैं। #फिटकरी से पीलिया का घरेलू उपचार :
फिटकरी एक ऐसा नमक है। जो हर बीमारी में ज्यादा तर उपयोग किया जाता है। यह पीलिया के लिए भी काफी लाभदायक है। बस आप इसे तवे पर सेक ले जब तक ये फूल न जाए, फिर इसे पीस कर रोज सुबह एक गिलास पानी में आधा चम्मच फिटकरी मिला दे। एक दो दिन में आराम मिलने लगेगा। #तुलसी से पीलिया का घरेलू उपचार :
तुलसी भी एक ऐसा ही पौधा है। जिसे हम हर बीमारी के उपचार के लिए जो कड़ा बनाते हैं। उसमे यह काफ़ी लाभदायक सिद्ध होता है और खाने में भी। यह पीलिया के लिए भी काफी कारगर साबित हुआ है। बस 5 ग्राम तुलसी के पत्ते और 5 ग्राम पुनर्नवा की जड़े ले और इसे पीस कर सुबह शाम इसका सेवन करें। इसका सेवन करने से लाभ मिलता हैं। #मूली का सेवन पीलिया का घरेलू उपचार :
मूली यह भी घरेलू उपाय में पाया जाने वाला एक खाद्य पदार्थ है। जिसे आप इसके पत्तों सहित पीस ले और इसका रस निकल ले। फिर इसमें 10 मि ली नींबू मिला दे और चीनी की मात्रा इच्छानुसार रखें। इस सब को मिलकर रो सुबह खाली पेट एक कप की मात्रा अनुसार एक कप सुबह और रात को सोने से पहले पी लें। देखिए एक सप्ताह में लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। इसका एक उपाय यह भी है कि आप 5 तोला मूली के पत्तों का रस निचोड़कर 1 तोला मिश्रा मिला ले। रोज प्रत्यकाल वासी मुह सेवन करने से भी काफी लाभ मिलता है। #पीलिया में प्याज का घरेलू उपचार :
प्याज जिसका उपयोग हम अक्सर लू से बचने के लिए करते हैं। यह पीलिया के रोग में ��ी काफी कारगर साबित हुआ है। बस प्याज को लेकर उसके छोटे छोटे टुकड़े कर लें। फिर उसे एक मिट्टी या शीशे के बर्तन में रखें और इसमें इतना नींबू डाल दें कि वह इसमे अच्छे से भीग जाए। फिर इसमें कालीमिर्च और सेंघा नमक भी सही मात्रा में डाल दें। फिर रोज इसका सेवन करें। इसके सेवन से भी बहुत लाभ मिलता हैं। #पपीता से भी पीलिया का घरेलू उपचार :
पपीता यह भी एक ऐसा लाभकारी फल है। जो ज्यादा तर बीमारी में लोग उपयोग करते हैं। वैसे ही पीलिया के रोग में कच्चा पक्का पपीता काफी लाभकारी होता है। कच्चे पपीते को बिना मसाले के सब्जी बनाकर खाए। यह काफी फायदेमंद होता है। साथ ही पक्का पपीता भी खाए। वह भी पीलिया को दूर रखेगा। #गिलोय पीलिया का घरेलू उपाय : गिलोय जो काफी सारे बीमारी में कड़ा बना कर पीने के काम आता है। ठीक वैसे ही यह पीलिया रोग में भी फायदे मंद होता है। बस गिलोय के रस को शहद में मिलकर सुबह सुबह सेवन करें। इसका प्रयोग इस बीमारी को दूर रखने में लाभकारी है। #नारियल पानी से भी पीलिया का घरेलू उपचार :
पीलिया के रोग से ग्रसित व्यक्ति के लिए नारियल पानी को पीना काफी फायदेमंद होता है। यह हमारे पाचन तंत्र को ठीक रखता है और लिवर को भी स्वस्थ रखता है। इसका प्रयोग डेंगू आदि बीमारियों में भी होता है। #दही से पीलिया का घरेलू उपाय :
पीलिया रोग में दही का सेवन करने से बैक्टीरिया वाले संक्रमण को दही के सेवन से रोका जा सकता है और दही पीलिया में काफी फायदेमंद होता है। छाछ और मठ्ठा का भी रोजाना 1 गिलास सेंधा नमक मिलाकर सेवन करने से भी पीलिया को जल्दी ठीक करने में भी सहायक होता है। #गन्ने से भी पीलिया का घरेलू उपाय :
गन्ने का रस जो कि पीलिया में काफी लाभकारी होता है। इसका दिन में तीन चार बार बस एक सप्ताह तक आप सेवन करें। फिर देखिएगा। पीलिया में कैसे आराम पड़ता है। यदि पीलिया से ग्रसित व्यक्ति सत्तू खाकर गन्ने का रस पिए। तो यह भी काफी फायदेमंद होता है और एक सप्ताह में पीलिया ठीक हो जाता है। आशा करती हूं कि आपको हमारे बताए गए पीलिया रोग के घरेलू उपाय से आपको अवश्य लाभ होगा और आप इसका प्रयोग अवश्य करेंगे। आपको यह आर्टिकल कैसे लगा। आप हमें हमारे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बता सकते हैं। - ज्योति कुमारी Read the full article
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अजवाइन के फायदे, उपयोग और नुकसान – Carom Seeds (Ajwain) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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अजवाइन के फायदे, उपयोग और नुकसान – Carom Seeds (Ajwain) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
shivani verma May 9, 2019
अजवाइन ऐसी चीज है, जो न सिर्फ आपके खाने का जायका बढ़ाती है, बल्कि आपके स्वास्थ्य को भी ठीक रखती है। यही कारण है कि भारतीय भोजन में अजवाइन का अधिक इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, पेट में दर्द होने या गैस बनने पर बड़े-बुजुर्ग भी एक चुटकी अजवाइन खाने की सलाह देते हैं। यकीनन, यह सलाह काम आती है और असमय उठे पेट दर्द से राहत मिलती है।
स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको अजवाइन के फायदे से रू-ब-रू कराएंगे। इसके अलावा, यह भी बताएंगे कि आप किस-किस तरह से अजवाइन का सेवन कर सकते हैं।
आइए, पहले अजवाइन के फायदे जानते हैं।
विषय सूची
अजवाइन के फायदे – Benefits of Carom Seeds in Hindi
जैसा कि ह���ने बताया अजवाइन स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होती है, लेकिन यह त्वचा और बालों के लिए भी गुणकारी है। फिलहाल, हम पहले सेहत के लिए अजवाइन के फायदे बता रहे हैं।
सेहत के लिए अजवाइन के फायदे – Health Benefits of Carom Seeds in Hindi
1. एसिडिटी, अपच और पेट की अन्य समस्याओं से बचाए
अगर आपको एसिडिटी की समस्या रहती है, तो अजवाइन का सेवन फायदेमंद हो सकता है। इसमें एंटीएसिड गुण होते हैं, जो एसिडिटी की समस्या से राहत दिलाने में मदद करते हैं। इसके लिए आप एक चम्मच अजवाइन में एक चम्मच जीरा और थोड़ा अदरक का पाउडर मिलाकर सेवन करें (1)।
2. गैस और कब्ज
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गैस और कब्ज की समस्या किसी को भी हो सकती है। ऐसे में अजवाइन आपके लिए असरदार साबित हो सकती है। इसमें थाइमोल की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे गैस्ट्रिक रस का स्राव बढ़ता है। इसके अलावा, अजवाइन में रेचक (लैक्सटिव) गुण होते हैं, जिस कारण कब्ज की समस्या दूर होती है और मल त्यागने में आसानी होती है (2)।
3. दिल के लिए फायदेमंद
अजवाइन आपके कोलेस्ट्राॅल के स्तर को ठीक रखती है, जो दिल के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है (3)। इसके अलावा, यह सीने के दर्द से राहत दिलाने में मदद करती है। इसके लिए आप एक चम्मच अजवाइन को गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं।
4. अस्थमा
गुनगुने पानी के साथ अजवाइन खाने से ब्रोंकाइटिस और अस्थमा में भी राहत मिलती है। आप दिन में दो बार गुड़ के साथ अजवाइन खा सकते हैं। इसमें एंटीस्पैमोडिक और कार्मिनेटिव गुण होते हैं, जो अस्थमा में राहत पहुंचाते हैं (3)।
5. सर्दी, फ्लू और वायरल इन्फेक्शन
अगर आपको सर्दी, फ्लू या वायरल इन्फेक्शन की समस्या हो, तो अजवाइन प्रभावी असर दिखाती है। सर्दी के कारण बंद हुई नाक में भी अजवाइन फायदा पहुंचाती है। अगर नाक बंद हो, तो गर्म पानी में अजवाइन डालकर भांप लें। आपको राहत महसूस होगी। इसके अलावा, अगर सर्दी, फ्लू या वायरल इन्फेक्शन के कारण गले में खराश है, तो हल्दी और अजवाइन को गर्म दूध में मिलाकर लें। इससे आपको आराम मिलेगा (4)।
6. मुंह की समस्याएं
अजवाइन मुंह की समस्याओं से भी राहत दिलाने में मदद करती है। अगर आपको दांत में दर्द है, तो अजवाइन से राहत मिल सकती है। आप अजवाइन का तेल ��र लौंग का तेल मिलाकर दांत पर लगाएं, ताे इससे दर्द भी कम होगा और मुंह से दुर्गंध भी नहीं आएगी (5)।
7. डायरिया
अजवाइन डायरिया से राहत दिलाने में भी मदद करती है। इसके लिए एक गिलास पानी में अजवाइन डालकर उबालें। फिर इस पानी को ठंडा कर दिन में दो बार ��िएं (6)।
8. जोड़ों में दर्द
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अर्थराइटिस और जोड़ों में दर्द के लिए अजवाइन काफी लाभकारी होती है। अगर आपको जोड़ों में दर्द रहता है, तो प्रभावित भाग पर अजवाइन के तेल से मालिश करें। आपको राहत महसूस होगी (7)।
9. डायबिटीज
डायबिटीज के मरीजों के लिए भी अजवाइन लाभदायक साबित होती है। इसके लिए आप नीम की पत्तियों को छांव में सुखा लें। इसका पाउडर बनाकर एक डिब्बे में भर लें। रात के समय में गर्म दूध में एक चम्मच नीम और आधा-आधा चम्मच अजवाइन व जीरे का पाउडर डालकर लगातार 30 दिन तक पीने से आपको फायदा हो सकता है।
10. मासिक धर्म में लाभदायक
अगर आपको मासिक धर्म में दर्द या अनियमितता की शिकायत है, तो आप अजवाइन का सेवन कर सकती हैं (8)। इसके लिए आप मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर एक मुट्ठी अजवाइन डालकर रातभर के लिए छोड़ दें। फिर इसे अगली सुबह पीसकर पी लें। आपको फायदा होगा।
11. कान दर्द
कान दर्द की समस्या से राहत दिलाने में अजवाइन खास भूमिका निभाती है। अजवाइन में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो इस समस्या से राहत दिलाने में मदद करते हैं। अगर आपको कान दर्द की समस्या ज्यादा है, तो दो चम्मच तिल के तेल में दो चम्मच अजवाइन और एक चम्मच लहसुन डालकर तेल के लाल होने तक गर्म करें। फिर इसे ठंडा करके कुछ बूंदें कान में डालें। यह तेल कान में फुंसी होने पर भी लाभ पहुंचा सकता है (9)।
नोट : बेशक यह घरेलू उपचार कान दर्द में लाभकारी है, लेकिन इसे उपयोग करने से पहले एक बार कान के डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
12. स्तनपान के लिए
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आपको जानकर हैरानी होगी कि स्तन दूध बढ़ाने में अजवाइन काफी प्रभावशाली होती है। अजवाइन आपके गर्भाशय को साफ करती है और ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में मदद करती है। इसके लिए आप एक चम्मच सौंफ और आधा चम्मच अजवाइन एक लीटर पानी में डालकर उबालें। इस पानी को आप रोजाना पिएं।
13. वजन कम करे
अगर आप बढ़ते वजन से परेशान हैं, तो अजवाइन आपको फायदा पहुंचा सकती है। इसके लिए आप रोजाना सुबह खाली पेट एक चम्मच अजवाइन पानी के साथ लें। रोजाना इसे लेने से आप एक महीने में तकरीबन चार से पांच किलो वजन कम कर पाएंगे (10)।
त्वचा के लिए अजवाइन के फायदे – Skin Benefits of Carom Seeds in Hindi
फोड़े-फुंसी और एक्जिमा : फोड़े -फुंसी और एक्जिमा की समस्या होने पर भी आप अजवाइन का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आप अजवाइन को गुनगुने पानी में डालें और इसे पीसकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को प्रभावितभाग पर लगाएं। बेहतर परिणाम के लिए आप अजवाइन के पानी से प्रभावित क्षेत्र को धो भी सकते हैं।
2. कील-मुंहासों के लिए
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कील-मुंहासों से राहत पाने के लिए भी आप अजवाइन का इस्तेमाल कर सकते हैं। अजवाइन त्वचा से मुंहासों के निशान दूर करने में भी मदद करती है। मुंहासों से छुटकारा पाने के लिए आप अजवाइन के पाउडर का पेस्ट बनाएं और 10 से 15 मिनट के लिए अपने चेहरे पर लगाएं। जब यह सूख जाए तो, सामान्य पानी से चेहरा धो लें। आप कुछ दिनों तक नियमित रूप से इस प्रक्रिया को अपनाएं। कुछ ही दिनों में आपको मुंहासों के निशान से छुटकारा मिल सकता है।
झुर्रियों के लिए : झुर्रियों से राहत पाने के लिए अजवाइन आपकी मदद कर सकती है। चूंकि, अजवाइन में विटामिन-ए और विटामिन-सी होता है, जो त्वचा में कसावट लाते हैं। इनके चलते चेहरे पर झुर्रियां नहीं पड़ती हैं।
बॉडी क्लींजर : अजवाइन की चाय आपके शरीर से टॉक्सिन दूर करने में मदद करती है, जिससे कई तरह की त्वचा की समस्याएं दूर रहती हैं। यह आपका रक्त साफ करती है और शरीर में रक्त संचार को दुरुस्त करने में मदद करती है।
ऑयली स्किन के लिए :अगर आपकी स्किन ऑयली है, तो अजवाइन आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। इसमें सोडियम, आयरन, जिंक और मैग्नीशियम पर्याप्त मात्रा में होते हैं।
बालों के लिए अजवाइन के फायदे – Hair Benefits of Carom Seeds in Hindi
जिस तरह से अजवाइन स्वास्थ्य और त्वचा के लिए फायदे है, उसी तरह से बालों के लिए भी अजवाइन काफी फायदेमंद है। नीचे हम बताएंगे कि किस तरह अजवाइन बालों को फायदा पहुंचाती है।
खुजली और जूं से बचाए : अगर आपके सिर में तेज खुजली होती है या सिर में जूं पड़ गई है, तो अजवाइन आपके काम आ सकती है। इसके लिए आप एक चम्मच फिटकरी को दो चम्मच अजवाइन के साथ पीस लें और एक कप छाछ में मिलाकर बालों की जड़ में लगाएं। यह काम आप रात को सोने से पहले करें। अगली सुबह उठकर सिर धो लें। इससे सिर की जूएं मर जाएंगी।
बालों को सफेद होने से बचाए – Avoid Hair Becoming White
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अजवाइन आपके बालों को असमय सफेद होने से भी बचाती है। इसके लिए आप दो से तीन करी पत्ता, दो सूखे अंगूर, एक चुटकी अजवाइन व स्वादानुसार चीनी को एक कप पानी में मिक्स करके पकाएं। आप इस पानी को रोजाना पिएं। ऐसा रोज करने से आपके बाल समय से पहले सफेद नहीं होंगे।
अजवाइन का उपयोग कैसे करें? – How to Use Carom Seeds in Hindi
हालांकि, हमने ऊपर अलग-अलग समस्याओं को लेकर अजवाइन इस्तेमाल करने के तरीके बताए हैं, लेकिन इसके अलावा कुछ आसान तरीके भी हैं, जो आप आजमा सकते हैं। नीचे हम बता रहे हैं कि अजवाइन का उपयोग कैसे करें :
अजवाइन भूख बढ़ाने का काम भी करती है। इसके लिए आप एक चम्मच अजवाइन को गुनगुने पानी के साथ खाएं। इससे आपको अच्छी भूख लगेगी।
अगर आपको गैस या पेट फूलने की समस्या है, तो अजवाइन को तवे पर भूनकर उसे नींबू व नमक के साथ चाटने से राहत मिलती है।
आप पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के लिए अजवाइन का पानी भी पी सकते हैं।
अगर आपको फ्लू या गले में खराश की समस्या है, तो एक चौथाई अजवाइन, एक चुटकी नमक और एक लौंग को मुंह में रखकर चूसें। आपको राहत महसूस होगी।
इसके अलावा, खाना बनाते समय दाल या सब्जी में अजवाइन के साथ तड़का लगाने से खाना स्वादिष्ट भी बनेगा और उसे पचाने में आसानी भी रहेगी।
अजवाइन के नुकसान – Side Effects of Carom Seeds in Hindi
भले ही अजवाइन फायदे होती है, लेकिन अगर इसका अत्यधिक सेवन किया गया, तो यह नुकसान भी कर सकती है। नीचे हम अजवाइन के कुछ नुकसान बताने जा ��हे हैं।
अगर अजवाइन का ज्यादा सेवन किया जाता है, तो इससे आपको पेट में जलन, उल्टी और सिर दर्द की समस्या हो सकती है।
अगर आपको मुंह में छाले, पेट में अल्सर या आंतरिक रक्तस्राव की समस्या है, तो अजवाइन का सेवन इन समस्या को और बढ़ा सकता है।
अगर आ�� अजवाइन का ज्यादा सेवन करते हैं, तो एसिडिटी की समस्या कम होने की जगह बढ़ सकती है।
इस लेख में हमने अजवाइन खाने के फायदे से लेकर अजवाइन के नुकसान तक के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही इस लेख में हमने आपको अजवाइन खाने के तरीके बताने के प्रयास किए हैं। आप ऊपर बताए गए तरीकों को अपनाएं और अजवाइन के फायदे उठाएं। इसके अलावा, यह लेख दूसरों के साथ भी शेयर करें, ताकि उन्हें भी इसके फायदे पता चल सकें।
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shivani verma
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गले में खराश के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार – Sore Throat Home Remedies in Hindi
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/ajwain-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
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प्राकृतिक रूप से चमकती त्वचा पाने के लिए बेस्ट डायट प्लान – Glowing Skin Diet Plan in Hindi
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प्राकृतिक रूप से चमकती त्वचा पाने के लिए बेस्ट डायट प्लान – Glowing Skin Diet Plan in Hindi
Arpita Biswas March 1, 2019
महिला हो या पुरुष हर किसी को चमकती त्वचा और चेहरे की चाहत होती है। आप कहीं भी जाते हैं, तो सबसे पहले आपका चेहरा ही आकर्षण का केंद्र बनता है। वो बात और है कि इन दिनों बढ़ते प्रदूषण और तनाव भरी जिंदगी के कारण आपका चेहरा प्राकृतिक चमक खोने लगता है। परिणामस्वरूप त्वचा संबंधी परेशानियां घेरने लगी हैं। इस कारण से आप तरह-तरह की क्रीम, लोशन, स्किन केयर प्रोडक्ट, मेकअप और स्किन ट्रीटमेंट पर पानी की तरह पैसा बहाते हो। हालांकि, इनका असर कुछ वक्त तक तो रहता है, लेकिन कई बार साइड इफेक्ट का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में कभी आपने सोचा है कि चमकती त्वचा के लिए आहार भी बहुत मायने रखता है।
विषय सूची
स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम चमकती त्वचा के लिए आहार और डाइट प्लान आपके साथ शेयर कर रहे हैं। साथ ही हम आपको उन खाद्य पदार्थों के बारे में भी बताएंगे, जिनका सेवन आपको नहीं करना चाहिए।
चमकती त्वचा के लिए डायट प्लान – Diet Plan For Glowing Skin
मील क्या खाएं प्रातः सुबह
(6:00 बजे)
एक कप पानी + आधे नींबू का जूस
या
एक कप पानी + एलोवेरा जूस
नाश्ता
(6:45-7:00 बजे)
एक कप पपीता + एक कप दूध/सोय मिल्क/ग्रीन टी + 4 बादाम
या
गेहूं की एक रोटी + एक कप रिकोटा चीज/उबला हुआ अंडा/दलिया + एक कप ग्रीन टी
मध्य सुबह
(9:30-10:00 बजे)
एक खीरा/ गाजर का टुकड़ा दही/हुमस के साथ
या
एक कप ताजा फलों का रस/नारियल पानी
दोपहर का भोजन
(12:30-1:00 बजे)
सब्��ियों के साथ लेटस रैप और चिकन/मशरूम/टोफू + एक कप छाछ
या
ह हल्की उबली सब्जियां + ग्रिल्ड फिश/चिकन/दाल का सूप + एक छोटा कप ब्राउन राइस
शाम का नाश्ता
(3:30-4:00 बजे)
एक कप ग्रीन टी या एक कप ताजे फलों/सब्जियों का रस रात का खाना
(7:00-7:30 बजे)
सब्जियों/चिकन स्टू (stew) + एक फ्लैट ब्रेड + एक कप रायता
या
मिक्स सब्जी करी + दो फ्लैट ब्रेड + एक कप रायता
रात को सोने से पहले
(10:00 बजे)
एक कप गर्म दूध/पानी + एक चुटकी हल्दी
इस डाइट चार्ट से क्या-क्या लें – Takeaways From This Diet Chart in Hindi
बेशक, स्वास्थ्य के लिहाज से यह डायट चार्ट ठीक है, लेकिन आपको सिर्फ इसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है। आप उन सभी अच्छे खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं, जो आपकी त्वचा को स्वस्थ और जवां रखने में मदद करें। इसके लिए यह समझना जरूरी है कि अपने आहार में क्या शामिल किया जाए और क्या नहीं। इस संबंध में हम आपको नीचे कुछ टिप्स दे रहे हैं, जो आपकी मदद कर सकते हैं।
खाली पेट पानी पीना जरूरी है। साथ ही आप एलोवेरा जूस, हल्दी पाउडर या नींबू के रस का सेवन कर सकते हैं।
जब भी आप सुबह कहीं बाहर जाएं, तो पहले नाश्ता जरूर करें।
अपने आहार में सही मात्रा में फल, सब्जियों और प्रोटीन को शामिल करें।
सही स्नैक्स का चुनाव करें जैसे – फलों का रस, दही, छाछ या फिर नारियल पानी।
ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जो आपके पेट और लिवर के लिए अच्छे हो।
उन खाद्य पदार्थों से बचें, जिनसे आपको एलर्जी हो सकती है, जैसे कि डेयरी उत्पाद, सी फूड इत्यादि।
आप अपने आहार में स्वाद लाने के लिए हल्के-फुल्के मसाले और हर्ब्स मिला सकते हैं।
अब वक्त है उन खाद्य पदार्थों के बारे में जानने का, जिन्हें अपनी जीवनशैली में शामिल करना चाहिए।
प्राकृतिक रूप से ग्लोइंग स्किन के लिए 15 खाद्य पदार्थ – Glowing skin diet in hindi
1. हरी पत्तेदार सब्जियां
चमकती त्वचा के लिए आहार की बात करें, तो हरी पत्तेदार सब्जियां सबसे पहले आती हैं। एंटीऑक्सीडेंट और आवश्यक विटामिन्स व पोषक तत्वों से भरपूर हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे – पालक, मूली के पत्ते, सरसों का साग, धनिया व ब्रोकोली आदि आपको बेजान त्वचा से राहत दिलाकर आपकी त्वचा पर निखार लाते हैं । आप इन सब्जियों को सलाद, सूप, सैंडविच व दाल आदि में भी डालकर सेवन कर सकते हैं।
2. पानी
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पानी पीना न सिर्फ आपके स्वास्थ्य के लिए, बल्कि आपकी त्वचा के लिए भी लाभकारी है। जब आप पूरे दिन में खूब सारा पानी पीते हैं, तो आप हाइड्रेटेड रहते हैं, जिसका प्रभाव आपके चेहरे पर नजर आता है। पानी न सिर्फ आपके शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है, बल्कि यह आपके चेहरे पर झुर्रियां होने से भी बचाता है। साथ ही यह आपकी त्वचा में चमक लाता है। आप हर वक्त अपने पास पानी की बोतल रखें और जब भी आपको सोडा वाले पेय पदार्थ या कोल्ड ड्रिंक पीने का मन करे, तो उनकी जगह पानी पी लें।
3. हल्दी
हल्दी आपके शरीर के अंदर और बाहर हानिकारक बैक्टीरिया को मारती है। हल्दी में मौजूद मुख्य फाइटोन्यूट्रिएंट करक्यूमिन (Cucurmin) एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीफंगल गुणों से भरपूर होता है। आप सुबह के वक्त सबसे पहले कच्ची हल्दी का सेवन कर सकते हैं या फिर आप रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में हल्दी मिक्स करके पी सकते हैं। आपको एक हफ्ते के अंदर फर्क नजर आने लगेगा। आप हल्दी को सब्जी, सलाद व जूस आदि में भी मिला सकते हैं।
4. एवोकाडो
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एवोकाडो त्वचा के लिए उत्तम खाद्य पदार्थ है। यह विटामिन-ई और स्वस्थ वसा से भरपूर होता है। स्वस्थ वसा सूजन को कम करता है और विटामिन-ई एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। एवोकाडो त्वचा के नुकसान को कम करने में मदद करता है, नमी को लॉक करता है और वक्त से पहले झुर्रियों, मुंहासे और बेजान त्वचा को रोकने में मदद करता है। आप एवोकाडो को नाश्ते के दौरान या फिर सैंडविच और सलाद के साथ सेवन कर सकते हैं।
5. एलोवेरा
त्वचा की समस्याओं को दूर करने के लिए एलोवेरा सबसे लोकप्रिय घरेलू उपाय है। इसमें ऑक्सिन और जिबरेलिन नामक हार्मोंस होते हैं, जिनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता हैं। इसलिए, जब आप एलोवेरा लगाते हैं, इसका जूस पीते हैं या फिर इसे सप्लीमेंट की तरह सेवन करते हैं, तो यह किसी भी तरह की सूजन को कम करने में मदद करता है। ध्यान रहे कि कभी सीधा एलोवेरा के पत्ते से निकले जेल का सेवन न करें। यह हानिकारक साबित हो सकता है।
6. फल
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फल विटामिन्स, मिनरल्स और फ्रूट शुगर से भरपूर होते हैं। मीठे फल बार-बार भूख लगने की लत को कम करते हैं। इस कारण जंक फूड खाने की आदत कम हो सकती है। इसलिए, फलों का सेवन करके, आप अपनी त्वचा के स्वास्थ्य को बनाए रख सकते हैं और त्वचा में चमक बढ़ा सकते हैं। नीचे हम कुछ फलों के बारे में बता रहे हैं, जो आपकी त्वचा के लिए फायदेमंद हैं।
आम एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन-ए से भरपूर होता है, जो त्वचा पर वक्त से पहले एजिंग या झुर्रियों की परेशानी से बचाता है। साथ ही त्वचा की चमक और कसाव को बरकरार रखता है। यह त्वचा की नई कोशिकाओं को बढ़ने में भी मदद करता है।
केला विटामिन-ए, बी और ई से भरपूर होता है। यह त्वचा पर समय से पहले आने वाली झुर्रियों से बचाता है।
पपीता त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाता है और त्वचा की अशुद्धियों को दूर कर त्वचा को साफ करता है।
संतरा और कीवी विटामिन-सी से भरपूर होते हैं, जो झुर्रियां को होने से रोकते हैं और कोलेजन संश्लेषण को बढ़ाते हैं। अमरूद, अंगूर और स्ट्रॉबेरी भी ऐसे फल हैं, जो विटामिन-सी से भरपूर होते हैं। विटामिन-सी त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से होने वाली क्षति से बचाता है और नए कोशिकाओं को बनने में मदद करता है। इस प्रकार यह आपकी त्वचा को लंबे वक्त तक जवां और खूबसूरत बनाए रखता है।
एक गिलास गर्म पानी में शहद और नींबू का रस मिलाकर पीने से आपकी त्वचा में निखार आएगा, जिससे आपकी त्वचा और साफ नजर आएगी।
सेब टोंड लुक को बनाए रखने में मदद करता है और आपकी त्वचा को जवां बनाता है।
जामुन भी विटामिन-सी से भरपूर होता है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और इम्युनिटी बूस्टर है। इनका सेवन करने से त्वचा के काले धब्बे और निशान से जल्दी छुटकारा पाने में मदद मिलती है।
7. गाजर
गाजर में बीटा-कैरोटीन, विटामिन-ए और एंटीऑक्सीडेंट के उच्च स्तर होते हैं। ये विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर आपकी त्वचा को अंदर से स्वस्थ बनाते हैं। ये आपकी त्वचा को सूरज से होने वाले नुकसान से बचाते हैं और समय से पहले चेहरे पर आने वाली झुर्रियों को रोकते हैं। शकरकंद और रतालू अन्य विकल्प हैं, जो समान परिणाम दिखाते हैं।
8. मछली और मछली का तेल
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मछली और मछली का तेल ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होता है। इसके सेवन से त्वचा में प्राकृतिक तेल का स्तर संतुलित रहता है, जो सूजन, मुंहासे, फटी त्वचा और लालिमा को कम करने में मदद करता है। त्वचा को स्वस्थ और मुलायम बनाए रखने के लिए आप वसा युक्त मछली जैसे ट्यूना, साल्मन, कार्प या फिर फिश ऑयल के सप्लीमेंट्स का सेवन कर सकते हैं। मछली की त्वचा को निकाले बिना ग्रिल्ड या बेक्ड फिश का सेवन करना फायदेमंद होता है।
9. स्वस्थ फैट
स्वस्थ फैट आपकी त्वचा के लिए गुणकारी होता है। स्वस्थ फैट के सबसे अच्छे स्रोत नट्स (बादाम व अखरोट आदि), बीज (अलसी, सूरजमुखी के बीज, चिया बीज आदि), स्वस्थ तेल (जैतून का तेल, चावल की भूसी का तेल आदि) और मछली हैं। शाकाहारियों के लिए नट्स, बीज और तेल बढ़िया विकल्प हैं। दाग रहित त्वचा पाने के लिए आप अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक तत्वों को शामिल करें।
10. ग्रीन टी/माचा टी
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ग्रीन टी एंटीऑक्सीडेंट का प्राकृतिक स्रोत है। चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण हानिकारक मुक्त कणों को नष्ट करने में मदद करता है, जिससे आपकी त्वचा समय से पहले बूढ़ी, काले धब्बों और लालिमा का शिकार होने से बच जाती है। ग्रीन टी मुंहासे पैदा करने वाले हार्मोन के स्तर को भी कम करने में मदद करती है, जिससे आपकी त्वचा स्वस्थ और दमकती नजर आती है।
11. ब्रोकली
ब्रोकली में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए एंटीऑक्सीडेंट महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। फ्री ऑक्सीजन रेडिकल्स कोशिकाओं को क्षति पहुंचाकर कोशिकाओं और अंगों के सामान्य कामकाज को बाधित करते हैं। इससे हार्मोंस के स्तर में असंतुलन, कमजोर इम्युनिटी या पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, आपको भोजन के माध्यम से एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी खुराक लेनी चाहिए। ऐसे में ब्रोकली अच्छा विकल्प है।
12. दही
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दही और छाछ में प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो पाचन और मल त्याग में मदद करते हैं। जब आपकी पाचन शक्ति सही होती है, तो आपको त्वचा से जुड़ी परेशानियां जैसे – कील-मुंहासे, दाग-धब्बे या किसी भी तरह के संक्रमण का खतरा भी कम होता है। प्रतिदिन दोपहर के भोजन के बाद, रात के खाने के साथ या स्मूदी में दही का सेवन कर सकते हैं।
13. लौकी
चेचक यानी चिकन पॉक्स कभी भी हो सकते हैं और कई बार चिकन पॉक्स के निशान कई दिनों तक रहते हैं। कुछ लोगों के चेहरे पर तो ये उम्र भर रह जाते हैं। ऐसे में लोग कई तरह के उपाय भी करते हैं, लेकिन कुछ खास फर्क नहीं पड़ता। ऐसे में सही खाना बहुत मददगार साबित हो सकता है। लौकी (लौकी का रस) चिकन पॉक्स के निशान को हटाने के लिए अच्छा प्राकृतिक उपचार है। लौकी में मौजूद फाइटोन्यूट्रिएंट्स में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इस लिहाज से लौकी प्राकृतिक रूप से निशान हटाने के लिए अच्छा खाद्य पदार्थ है। आप नाश्ते में अन्य खाद्य पदार्थों के साथ लौकी का जूस पी सकते हैं। आप लौकी का सूप बना सकते हैं या सब्जी और दाल में मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं।
14. करेला
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करेला भले ही खाने में कड़वा लगे, लेकिन इसके कई फायदे हैं। यह न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि यह आपकी त्वचा के लिए भी बहुत गुणकारी है। यह त्वचा संबंधी कई परेशानियों जैसे – एलर्जी, दाग-धब्बे और टैन से राहत दिलाता है। यह न सिर्फ एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत है, बल्कि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं। साथ ही करेला आपके लिवर और पेट को भी स्वस्थ रखता है। आप करेले को उबालकर ��ा सकते हैं। इसे भूनकर या लंबे वक्त तक पानी में भिगोकर न खाएं, क्योंकि ऐसा करने से इसके पोषक तत्व खत्म या कम हो जाते हैं।
15. रेड वाइन
रेड वाइन और कुछ नहीं, बल्कि लाल अंगूर का फर्मेन्टेड रस होता है। इसमें त्वचा की चमक को बरकरार रखने के और एजिंग या वक्त से पहले झुर्रियों की समस्या को कम करने के गुण होते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और त्वचा को सूजन व सूरज की हानिकारक किरणों से होने वाली क्षति से बचाने में मदद करते हैं। इसका सीमित मात्रा में ही सेवन करें, क्योंकि शराब का अधिक सेवन करने से आप डीहाइड्रेट हो सकते हैं, जिससे त्वचा संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
ये तो थे चमकती त्वचा के लिए आहार ( glowing skin diet in hindi) जिनका सेवन आप कर सकते हैं, लेकिन अपनी त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए किन खाद्य पदार्थों से आपको बचना चाहिए यह जानना भी जरूरी है।
नीचे हम आपको वो खाद्य पदार्थ बता रहे हैं, जिनका सेवन आपको नहीं करना चाहिए।
क्या न खाएं – Foods To Avoid in Hindi
चटपटा या मसालेदार खाना।
प्रोसेस्ड और जंक फूड।
उच्च सोडियम और उच्च शर्करा वाले खाद्य पदार्थ।
तैलीय व अधिक मिर्च-मसाले वाले खाद्य पदार्थ।
ऐसे खाद्य पदार्थ, जिनमें एस्ट्रोजन (estrogen) का उच्च स्तर हो।
ऐसे खाद्य पदार्थ, जो शरीर के आंतरिक तापमान को बढ़ाते हैं।
ओवरकुकड या आंशिक रूप से जले खाद्य पदार्थ (कबाब)।
स्वस्थ और चमकती त्वचा अच्छे स्वास्थ्य की निशानी है और चमकती त्वचा के लिए आहार (glowing skin diet in hindi) भी बहुत मायने रखता है। इसलिए, वक्त रहते अपने खाने की सभी बुरी आदतों को दूर कर स्वस्थ खाद्य पदार्थों का सेवन शुरू करें। ऊपर दिए गए डायट प्लान को फॉलो करें और एक नई जीवनशैली को अपनाएं। साथ ही अपने अनुभव हमारे साथ कमेंट बॉक्स में शेयर करना न भूलें।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/chamakti-twacha-paane-ke-liye-diet-plan-in-hindi/
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