#कोरोनावायरस सुपर फैल रहा है
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सुपर-स्प्रेडिंग ऑफ़ कोविद -19 थिरुवंतपुरम के पूनतुरा एरिया में कमांडो तैनात हैं
सुपर-स्प्रेडिंग ऑफ़ कोविद -19 थिरुवंतपुरम के पूनतुरा एरिया में कमांडो तैनात हैं
स्पेशल आर्म्ड पुलिस (SAP) के कमांडो को तिरुवंतपुरम के पूनतुरा इलाके में तैनात किया गया था। (News18)
पिछले पांच दिनों में क्षेत्र से परीक्षण किए गए 600 नमूनों में से 119 लोग संक्रमित पाए गए हैं। एक अधिकारी ने कहा कि यह केरल में पहला विकसित होने वाला क्लस्टर प्रकोप हो सकता है।
सीएनएन-News18 तिरूवनंतपुरम
आखरी अपडेट: 8 जुलाई, 2020, 11:17 PM IST
विशेष सशस्त्र पुलिस (एसएपी) के कमांडो को बुधवार…
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कई देशों में एक मरीज से सैकड़ों संक्रमित हुए; साउथ कोरिया में दूसरी लहर के लिए यही सुपर स्प्रेडर जिम्मेदार
कई देशों में एक मरीज से सैकड़ों संक्रमित हुए; साउथ कोरिया में दूसरी लहर के लिए यही सुपर स्प्रेडर जिम्मेदार
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जब एक मरीज से कई लोग संक्रमित होते हैं तो उसे सुपर स्प्रेडर माना जाता है
चीन, अमेरिका, भारत समेत कई देशों में सुपर स्प्रेडरों ने एकदम से मामले बढ़ाए
दैनिक भास्कर
Jun 28, 2020, 05:51 AM IST
नई दिल्ली. दुनियाभर में कोरोनावायरस के एक करोड़ मामले सामने आ चुके हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि खतरा अब ज्यादा है। संक्रमण अब यूरोप में कम हो रहा है, जबकि एशिया और लैटिन अमेरिका में फैल रहा है।
संक्रमण…
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दुनियाभर में 30 करोड़ बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे, 14 देशों में स्कूल पूरी तरह बंद; अब चीन से ज्यादा दूसरे देशों में संक्रमण
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दुनियाभर में 30 करोड़ बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे, 14 देशों में स्कूल पूरी तरह बंद; अब चीन से ज्यादा दूसरे देशों में संक्रमण
फ्रांस ने 120 स्कूल बंद किए, 9 देशों ने जरूरत के मुताबिक छुट्टी दी
कोरोनावायरस के संक्रमण से ठीक होने के बाद भी लोग दोबारा से बीमार पड़ रहे
Dainik Bhaskar
Mar 06, 2020, 08:27 AM IST
नई दिल्ली/न्यूयॉर्क/बीजिंग. कोरोनावायरस का असर सेहत पर तो हुआ ही है, बच्चों की पढ़ाई का भी नुकसान हो रहा है। इटली ने भी देशभर के स्कूलों में छुट्टी कर दी है। फ्रांस ने 120 स्कूल बंद किए हैं। यूनेस्को की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में 30 करोड़ बच्चे संक्रमण के डर से स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। इसके मुताबिक 14 देशों ने स्कूल पूरी तरह बंद कर दिए हैं। वहीं 9 देशों ने जरूरत के मुताबिक छुटि्टयां कर दी हैं।
ठीक होने के बाद दोबारा संक्रमित हो रहे हैं लोग
कोरोनावायरस के संक्रमण से ठीक होने के बाद भी लोग दोबारा से बीमार पड़ रहे हैं। वुहान के डॉक्टरों ने माना है कि कई मरीजों को दोबारा भर्ती करना पड़ा। दरअसल इन लोगों में वायरस के लक्षण फिर से दिखने लगे थे। वैज्ञानिकों के मुताबिक वायरस के एस टाइप के कारण संक्रमण तेजी से फैल रहा है। एस टाइप का कोरोनावायरस एल टाइप से ही पैदा हुआ है। वुहान में 7 जनवरी से पहले एल टाइप वायरस मौजूद था। बाद में यह एस टाइप में बदल गया, मामलों में अचानक तेजी आई।
वर्ल्डमीटर डॉट इन्फो की रिपोर्ट : 57 हजार लोग इलाज के बाद ठीक हो चुके
जिन बच्चों के माता-पिता संक्रमित हैं। वुहान चिल्ड्रन हॉस्पिटल स्टाफ उनका पूरा ध्यान रख रहा है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि गंदे बैंक नोट इस वायरस के फैलने की बड़ी वजह हो सकते हैं।
57 हजार लोग इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं। वर्ल्डमीटर डॉट इन्फो की रिपोर्ट के मुताबिक।
40% कम हो जाता है संक्रमण का खतरा, चेहरे को हाथों से न छुएं तो। एक रिसर्च में दावा।
गुड न्यूज: वरिष्ठ वैज्ञानिक बोले- भारतीय चिंता न करें
भारतीय मूल की वरिष्ठ वैज्ञानिक और रॉयल सोसायटी लंदन की शोधकर्ता गगनदीप कांग ने कहा है कि भारत के लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। प्रशासन उन इलाकों के बारे में ��रूर जानकारी दे, जहां पर संक्रमण फैला है।
चीन के वैज्ञानिकों ने स्टडी के आधार पर बताया है कि वायरस के दो मुख्य लक्षण मनुष्यों में पहुंच रहे हैं और संक्रमण पैदा कर रहे हैं। इससे वायरस के विकास को समझने में मदद मिलेगी और जल्द इसका इलाज ढूंढा जा सकेगा।
इन 5 देशों में बच्चों पर असर ज्यादा
यरूशलम स्थित बैथलहम के चर्च को बंद कर दिया गया है। {ईरान में एक महीने के लिए स्कूल, कॉलेज, बंद रहेंगे।
भारत में राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन 7 मार्च से बंद हो जाएगा। {वर्ल्ड बैंक ने 84 हजार करोड़ की मदद की घोषणा की हैे।
जेम्स बाॅन्ड की नई फिल्म अप्रैल के बजाय नवंबर में रिलीज होगी। {सुपर लीग के मैच कैंसल न हो, इसलिए पाक केस छुपा रहा है।
चीन में जनवरी के बाद सबसे कम 120 मामले सामने आए
चीन के मुकाबले अब दुनिया के बाकी देशों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। बुधवार को चीन में 120 नए केस सामने आए। चीन में जनवरी में संक्रमण फैलने के बाद यह सबसे कम आंकड़ा है। जनवरी मध्य में इतने ही लोग संक्रमित थे। वहीं दुनियाभर में बुधवार को 2103 लोगों की मौत हुई। इटली और ईरान सबसे ज्यादा प्रभावित रहे।
चीन में जनवरी में संक्रमण फैलने के बाद यह सबसे कम आंकड़ा है।
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Coronavirus Latest News; Beware from Super Spreader, This super spreader was responsible for increase infection in many countries | कई देशों में एक मरीज से सैकड़ों संक्रमित हुए; साउथ कोरिया में दूसरी लहर के लिए यही सुपर स्प्रेडर जिम्मेदार
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Coronavirus Latest News; Beware from Super Spreader, This super spreader was responsible for increase infection in many countries | कई देशों में एक मरीज से सैकड़ों संक्रमित हुए; साउथ कोरिया में दूसरी लहर के लिए यही सुपर स्प्रेडर जिम्मेदार
जब एक मरीज से कई लोग संक्रमित होते हैं तो उसे सुपर स्प्रेडर माना जाता है
चीन, अमेरिका, भारत समेत कई देशों में सुपर स्प्रेडरों ने एकदम से मामले बढ़ाए
दैनिक भास्कर
Jun 27, 2020, 11:45 PM IST
नई दिल्ली. दुनियाभर में कोरोनावायरस के एक करोड़ मामले सामने आ चुके हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि खतरा अब ज्यादा है। संक्रमण अब यूरोप में कम हो रहा है, जबकि एशिया और लैटिन अमेरिका में फैल रहा है।
संक्रमण पर अगर काबू पाना है तो सुपर स्प्रेडर से बचना बहुत जरूरी है। जब एक मरीज से कई लोग संक्रमित होते हैं तो उस मरीज को सुपर स्प्रेडर माना जाता है। कई देशों में ऐसे ही सुपर स्प्रेडर की वजह से अचानक मामले बढ़े हैं। साउथ कोरिया में संक्रमण की दूसरी लहर के लिए सुपर स्प्रेडर ही जिम्मेदार है।
अप्रैल तक यहां कोरोना पर काबू पा लिया गया था और न के बराबर मामले आ रहे थे। मई के पहले हफ्ते में ही सियोल में एक 29 साल का कोरोना संक्रमित युवक नाइट क्लब में गया। उसने 229 लोगों को संक्रमित किया। प्रशासन को सात हजार से ज्यादा लोगों की तुरंत टेस्टिंग करनी पड़ी और फिर से मॉल, नाइट क्लब और बॉर बंद करने पड़े।
जनवरी के महीने में चीन में भी एक सुपर स्प्रेडर मरीज ने 14 मेडिकल वर्कर्स को संक्रमित कर दिया था।
भारत, अमेरिका और साउथकोरिया में सुपर स्प्रेडर
भारत. यहां कई राज्यों में सुपर स्प्रेडर के मामले सामने आए हैं। मार्च की शुरुआत में इटली और जर्मनी की यात्रा करके पंजाब लौटे एक बुजुर्ग सुपर स्प्रेडर बने। इस दौरान भारत में केवल 640 मामले थे। बुजुर्ग ने क्वारैंटाइन होने की सलाह नहीं मानी। वह सिख त्योहारों और बड़े आयोजनों में शामिल हुए। इसके बाद उनकी तबियत खराब हुई अस्पताल में मौत हो गई। उनके 19 रिश्तेदार तो तुरंत संक्रमित पाए गए। पुलिस ने उनकी चपेट में आने वाले 550 लोगों को पहचाना, जिसमें कई संक्रमित पाए गए।
मई की शुरुआत में ही दिल्ली के कापसहेड़ा इलाके में एक बिल्डिंग से 41 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले थे। ये लोग भी एक ही मरीज के संपर्क में आने से संक्रमित हुए
जून में जयपुर के सुभाष चौक से एक ही मकान से 26 लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई। यहां भी संक्रमण सुपर स्प्रेडर से ही फैला
अमेरिका. न्यूयॉर्क शहर में 27 फरवरी को गार्बुज नाम के एक आदमी को निमोनिया जैसे लक्षण मिलने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया। वह कोरोना पॉजिटिव मिला। एक हफ्ते के अंदर न्यूयॉर्क में संक्रमण के 170 मामले आए, जिसमें गार्बुज की पत्नी और दो बच्चे शामिल थे। संक्रिमत मिले अधिकांश लोग गार्बुज के संपर्क में आए थे। यहां गार्बुज को सुपर स्प्रेडर माना गया।
साउथ कोरिया. यहां पर संक्रमण की शुरुआत ही एक सुपर स्प्रेडर से हुई थी। फरवरी की शुरुआत में यहां संक्रमण के मात्र दो मामले थे। 15 फरवरी को एक महिला दाएगू शहर के एक चर्च में ��ामिल हुई। वह कोरोना पॉजिटिव मिली। चर्च के संपर्क में आए 29 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले। इसके दो हफ्ते बाद साउथ कोरिया में 2900 से ज्यादा लोग संक्रमित हो गए।
इटली. यहां पर संक्रमण फैलने की मुख्य वजह चैम्पियंस लीग का एक मैच है। यह मुकाबला 19 फरवरी को अटलांटा और वेलेंसिया के बीच मिलान शहर के सैन सीरो स्टेडियम में खेला गया था। इस दौरान करीब 50 हजार लोग मैच देखने आए थे। इस मैच के दो दिन बाद ही इटली में ��स वायरस के स्थानीय संक्रमण से पहली मौत का मामला सामने आया। इसके बाद हालात इस कदर बेकाबू हुए कि इटली का यह शहर कोरोनावायरस का केंद्र बन गया। इसे भी सुपर स्प्रेडर का मामला बताया जाता है।
डब्ल्यूएचओ ने अभी तक सुपर स्प्रेडर के बारे में कुछ नहीं कहा डब्ल्यूएचओ ने अभी तक सुपर स्प्रेडर के बारे में कुछ नहीं कहा है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि ये ऐसे मरीज होते हैं जो आम मरीजों की तुलना में कहीं ज्यादा संक्रमण फैलाते हैं। उन्होंने बताया कि हर एक व्यक्ति का शरीर अलग होता है। कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिनमें वायरस बहुत ज्यादा होता है।
उनकी एक ड्रॉपलेट में आम मरीज से 10 से 100 गुना ज्यादा वायरस हो सकते हैं। 2011 में हुए एक अध्ययन के अनुसार किसी महामारी के दौरान 80% लोगों को संक्रमित करने के मात्र 20% लोग जिम्मेदार होते हैं। यही लोग सुपर स्प्रेडर होते हैं।
पुरानी बीमारी को फिर से जिंदा करते हैं सुपर स्प्रेडर अमेरिका की संक्रामक रोग विशेषज्ञ एलिजाबेथ मैक्ग्रॉ ने बताया था कि पिछले दो दशकों में अमेरिका में खसरा का प्रकोप शुरू हुआ है। यह ऐसी बीमारी है जिस पर पूरी तरह से काबू था, लेकिन सुपर स्प्रेडरों की वजह से एक बार फिर इसका प्रकोप फैला।
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