#कोरोना कब खत्म होगा
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क्या ओमिक्रॉन के BA.2.38 सब वेरिएंट के कारण बढ़ रही है कोरोना की गंभीरता? इन्साकॉग ने दी ये सफाई
क्या ओमिक्रॉन के BA.2.38 सब वेरिएंट के कारण बढ़ रही है कोरोना की गंभीरता? इन्साकॉग ने दी ये सफाई
नई दिल्ली. देश और दुनिया में तीन साल बाद भी कोरोना का खौफ बरकरार है. पिछले कुछ दिनों से एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं. ऐसे में कुछ विषेषज्ञों ने चिंता जताई है कि ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट बीए.2 और बीए. 2.38 के कारण देश में कोरोना के मामलों में बढोतरी हो रही है और इससे बीमारी की गंभीरता और मरीजों के अस्पताल पहुंचने की आशंका भी बढ़ रही है. कोरोना वायरस स्ट्रैन और जीनोमिक सीक्वेंस पर…
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तेजस्वी यादव ने बताया बीजेपी को जमातियों का दल : कहा परिवार को बचाना है तो रहे इनसे दूर बीजेपी नेताओं के लगातार कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बीजेपी पर और भी ज्यादा हमलावर हो गए हैं। नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि जो अपने कार्यालय को कोरोना से नहीं बचा सकते, वो बिहार के आम आदमी को क्या बचाएंगे। बता दें कि आज बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल उनकी पत्नी और मां के भी संक्रमित होने की रिपोर्ट आई है। इसके पहले मंगलवार को बीजेपी के 25 नेता और कार्यकर्ता के कोरोना संक्रमित होने की खबर आई थी।
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वीडियो: ज्योतिषविद डॉ। अजय भाम्बी ने कोरोना को लेकर बताई ये बड़ी बात | जीवन शैली वीडियो हिंदी में – हिंदी वीडियो, लेटेस्ट-ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी वीडियो में कोरोनावायरस (कोरोनावायरस) संक्रमण को लेकर सभी लोग परेशान नजर आ रहे हैं। सभी इससे भी जल्दी मुक्ति की कामना कर रहे हैं। ऐसे में प्रसिद्ध ज्योतिषविद् डॉ। अजय भाम्बी (डॉ.अजय भाम्बी) ने वीडियो (वीडियो) में बताया कि ज्योतिष (ज्योतिष) के अनुसार लोगों को कब तक इस खतरनाक वायरस से छुटकारा मिल सकता है। उन्होंने बताया कि इस वायरस ने लोगों के जीवन में उथल पुथल मचा दी है। ऐसे में सभी लोग इससे मुक्ति चाहते हैं। उन्होंने वीडियो में इस बात का खुलासा किया है कि ज्योतिष के मुताबिक जब तक लोगों पर मंडरा रहा इस वायरस का खतरा खत्म हो जाएगा। देखें वीडियो और जानें कब तक मिलेगा कोरोना से मुक्ति साभार- Youtube / Ajai Bhambi चैनल
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त्रासिदी
आज जब में यह लिख रहा हू तब कोरोना से लगभग 6000 लोगो की मृत्यू हो चुकी है स्पष्ट है यह एक विकराल रुप लेता जा रहा है। यदि किसी एक आपदा की बात की जाए तो पिछ्ली बार इतनी मौत कब हुई, याद नही, शायद 2013 की केदारनाथ त्रासिदी मे। अगर में याद करना भी चाहू तो याद करने की हिम्मत नही होती। वैसे तो आज की परिस्थिती उस से भिन्न है या कह सकते है दोनो को एक समान रखकर नही देखा जा सकता। परंतु दोनो त्रासिदियो मे जो मेने अनुभव किया है, उससे कुछ समानता तो अवश्य दिखाई पडती है।
वैसे मुझे पूर्णतः तो याद नही, फिर भी जो कुछ भी धुंधला धुंधला सा स्मरण है वो व्यक्त करने का प्रयास करता हू। उस रात सभी लोग चेन की नींद सोए थे अगले दिन की प्रतिक्षा मे, अब किसी को क्या पता था कल का सुर्य तो उदय होगा परंतु एक विकट समस्या के साथ। अब जैसे ही लोगो को खबर मिली, पेरो तले जमीन खिसक गई, अनुभव ऐसा मानो जैसे बिजली ही गिरी हो। और सबसे बुरा हाल तो उन लोगो का जिनके 'अपने' यात्रा पर थे, कुछ सोच समझ भी नही पा रहे थे, मन आखरी 'बात' मे खो चला था, प्रार्थना का दौर शुरु हो चुका था। राहत कार्य भी जोरो से चला पर जटिल भी था पर्वतो के दुर्गम राहो को साफ करना इसलिए हफ्ता निकल गया। 7 दिवस वो 'संघर्ष' चला जीवन और मृत्यू का, भूख और प्यास का।।
अनेको परिवार टुटे, पर जो बचे वो भयावह मंजर को देख कर सहम गए, कोई बोलने की हालत मे नही, किसी ने आपबीती सुनाई तो लोग सुन ना सके, कितना भयावह दृश्य था, चारो ओर अचेत मुद्रा मे, कुछ घायल, कुछ नदी मे बह गए। जो लोग अपनो को दूंढ्ते हूए आए उन्हे 'अन्तिम दर्शन' भी ना नसीब हुआ।
क्या अब इतने विवरण के बाद भी यही कहा जा सकता है कि आज की परिस्थिती भिन्न है। शायद अब उचित ना होगा। आज भी कोरोना से हुई मृत्यू मे अनेक परिवारो ने अपने प्रियजनो को खोया है, उनके 'अन्तिम दर्शन' भी नसीब नही होते। 'उस' रोज लोग दुखी थे क्योकि 'एक रात्री' मे सब हुआ था। लोगो को उभरने मे समय लगा था। अब यह 'कार्यक्रम' महीनो मे हो रहा है, शायद इसलिए लोग चिन्तित नही है, ना खुद के बारे मे ना अपने परिवार जनो के लिये।
माना काम करना जरुरी है, काम पर जाना पडेगा, घर नही बेठ सकते। पर क्या बेवजह सडको पर घुमने से बचा जा सकता है, क्या अनावश्यक चीज़ो को टाला जा सकता है। अगर इतना भी कर लिया जाए तो आधी क्षति की सम्भावना को ऐसे ही खत्म किया जा सकता है।
उस आपदा का वैसे तो साक्षात कोई चित्र नही, कोई चलचित्र नही, फिर भी लोगो ने जो आपबीती बताई सुन कर रूह कांप जाए। लोगो ने किस तरह घास खा कर जान बचाई थी, उसमे भी कुछ इसलिए मरे क्योकि कुछ वनस्पति जहरीली थी।
आज की परिस्थिती भी कुछ इस प्रकार ���ी है बस फर्क इतना कि चित्र भी है और चलचित्र भी, दृश्य सबके सामने है। 'प्रवासी' बिना कुछ खाए पिये चिल्चिलाती धूप मे चलने को मजबूर है। पर क्या कोई चित्र, चलचित्र लेने वाला उन्हे सहयोग कर रहा है?? उन्हे भोजन पानी की व्यव्स्था कर रहा है? या उनके गन्तव्य तक ले जाने मे सहायता दे रहा है? विषय गम्भीर है पर उत्तर सबको ज्ञात है। सब जान कर भी अनभिज्ञ्य है।
लोगो की आपबीती मे एक विशेष बात थी, जो आज भी याद है मुझे। और हो भी क्यू ना , बात थी ही इतनी शर्मनाक। पीडितो ने बताया कैसे उनकी मजबुरी का फायदा उठाया गया, कुछ तो सामान की भी चोरी करने से पिछे ना हटे। वास्तव मे आज की परिस्थिती को देख कर लग रहा है मानवता का धर्म आज भी नही सीखा है।लोग आज भी फायदा उठाने से नही चूक रहे है, अपने तय किये हूए दामो मे समान बेच रहे है। जिन अस्पतालो पर जीवन के सुरक्षा क��� जिम्मेदारी है वही मनमाने तरीके से धन वसूल रहे है। क्या यह 'जीवन' को क्षति नही है। माना लोगो को कोरोना से जीवन जाने का भय नही, पर क्या ये आर्थिक क्षति जीवन जाने से कम होगी!
इन सब हालातो को मध्यनज़र रखते हूए एक बात तो स्पष्ट है त्रासिदी दुख, दर्द के साथ साथ सीख भी दे कर जाती है, बस जरुरत है समय रहते पहचानने की। अन्यथा प्रकर्ति ऐसी त्रासिदी बार बार उत्पन करती रहेगी। आवश्यकता है अपनी जिम्मेदारियो को समझने की और अपने स्तर पर लोगो की सहायता करने की। कहावत है ना 'कर भला हो भला'। जब सब लोग मिलकर एक साथ एक दृढ निश्चय से संकल्प करेंगे वास्तव मे तभी भारत विजयी होगा।
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महाराष्ट्र के CM उद्धव ठाकरे बोले- कोरोना केस कम हुए तो हम भी पाबंदियों में ढील देंगे
कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन के चौथे चरण में कई राज्य अपने-अपने स्तर पर पाबंदियों में ढील दे रहे हैं, लेकिन महाराष्ट्र जहां पर कोरोना का कहर सबसे ज्यादा दिख रहा है, वहां फिलहाल कोई ढील नहीं दी गई है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम ग्रीन जोन को सुरक्षित रखने का पूरा प्रयास करेंगे. ग्रीन जोन में एक भी संक्रमित नहीं होना चाहिए. साथ में यह भी कोशिश रहेगी कि रेड जोन को ग्रीन जोन में लाया जाए.
कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन के चौथे चरण में कई राज्य अपने-अपने स्तर पर पाबंदियों में ढील दे रहे हैं, लेकिन महाराष्ट्र जहां पर कोरोना का कहर सबसे ज्यादा दिख रहा है, वहां फिलहाल कोई ढील नहीं दी गई है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि लॉकडाउन कब खत्म होगा इसका जवाब किसी के पास नहीं है. कोरोना के मामले कम होने पर हम भी लॉकडाउन में ढील देंगे.
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धूम मचा रहा उमा का शराबबंदी-नशाबंदी अभियान...
मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने जब से शराबबंदी नशाबंदी अभियान का राग छेड़ा है, तब से राजनीतिक सरगर्मी तेज है। हालांकि यह अभियान कब शुरू होगा और कब पूरा होगा, अभी सब कुछ अधर में है। फिर भी विपक्षी दल कांग्रेस को इंतजार है कि उमा सड़क पर दिखें, तो शराबबंदी-नशामुक्ति की ओट में भाजपा के वोट बैंक पर चोट की जा सके। तो भाजपा सरकार इस अभियान का सम्मान करते हुए शराब और राजस्व के तालमेल को चाक-चौबंद करने का भरसक प्रयास करने में जुटी है। फिलहाल 21 जनवरी को उमा भारती ने एक बार फिर ट्वीट की लंबी श्रंखला के जरिए शराबबंदी नशाबंदी अभियान का जिक्र कर यह जता दिया है कि उनका अगला कदम यही है। फिलहाल इसकी शुरुआत कब होगी, इसके बारे में 14 फरवरी तक सोच-विचार करने में अपनी ऊर्जा और कीमती वक्त जाया न करें। दूसरा ऐसी तस्वीर अपने दिमाग में बनाने की कतई जेहमत न उठाएं कि इस मुद्दे का 2023 विधानसभा चुनाव से क��ई लेना-देना है। जिस तरह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी नशाबंद��� और शराबबंदी का समर्थन किया था, लेकिन देश में यह कारोबार चल रहा है जबकि आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। ठीक उसी तरह शराबबंदी-नशामुक्ति का यह अभियान भी चलेगा और उस आदर्श समाज की अपेक्षा से भरा होगा जिसमें शराब की दुकानें सजी रहेंगी, सरकार की शराब नीतियां बनती रहेंगीं लेकिन लोगों के दिमाग से शराब और नशा पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। उस रामराज की कल्पना का न तो शिवराज से कोई लेना देना और न ही मोदी, शाह, आरएसएस, भाजपा और कांग्रेस से।
उमा के ट्वीट्स पर नजर डालें तो इन्हें दो हिस्सों में बांटा जा सकता है। पहले हिस्से में उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा किया है। लिखा है कि मकरसंक्रांति पर गंगासागर पहुँचकर संक्रांति के पुण्य काल में गंगोत्री से चली हुई गंगा के कलश में विराजमान गंगा सागर में मिल गईं । मेरे लिए यह क्षण मेरे जीवन का सबसे अधिक प्रसन्नता एवं संपूर्णता की अनुभूति कराने का क्षण था। इसके बाद मैं जगन्नाथ पुरी आई। कोरोना के नियमों के कारण मंदिर बंद हैं किंतु मैं प्रतिदिन शिखर दर्शन करती हूँ। मैं भगवान जगन्नाथ को नही देख पाती हूँ किंतु वह मुझे देख रहे हैं,ऐसा मुझे निरंतर अनुभव होता है। इन सवा दो सालों के गंगा किनारे रहने के अभियान में अनेको प्रकार की बाधाएँ आईं। मेरे बायें पावों के पंजे में दो फ्रैक्चर, फिर मेरे गुरुजी का स्वर्गारोहण, फिर बार बार कोरोना का आक्रमण,मुझे भी दो बार कोरोना हुआ। इन सवा दो सालों में, मेरे अंदर गंगा पर आस्था, ईश्वर पर विश्वास तथा इसके कारण आंतरिक प्रसन्नता मेरे साथ बने रहे । गंगासागर तक मुझे निर्विघ्न पहुँचाने के लिए हरिद्वार में जप चल रहा है। जिसकी पूर्णाहुति 14 फ़रवरी को होगी।
दूसरे हिस्से मेें शुरू हुआ शराबबंदी नशाबंदी की जिक्र। उन्होंने लिखा कि जब तक मैं गंगा अभियान में संलग्न थी, मध्यप्रदेश में पूर्ण शराबबंदी, नशाबंदी अभियान प्रारंभ करने में कठिनाई थी। उन कठिनाई के कुछ हिस्से अभी भी मौजूद हैं। कोरोना के नए वेरियंट के चलते जनभागीदारी नहीं हो सकती। इस अभियान में राजनीतिक निरपेक्ष लोग ही भागीदारी करें। यह निश्चित करना चुनौतीपूर्ण कार्य है। इसके आगे क�� हमारा शराबबंदी, नशाबंदी का अभियान सरकार के ख़िलाफ़ नहीं है, शराब और नशे के ख़िलाफ़ ��ै। मप्र भाजपा, मप्र कांग्रेस एवं सरकार में बैठे हुए लोगों को समझा पाना भी एक कठिन काम है। इसके आगे रणनीति कि इन सब कारणों से अभियान के प्रारंभ से अभियान के पूर्णता तक मुझे स्वयं पूरी तरह से सजग एवं संलग्न रहना होगा जिसके लिए मैं तैयार हूँ। मेरी प्रथम चरण की बातचीत आरएसएस संगठन के वरिष्ठ स्वयंसेवकों, मप्र भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री वीडी शर्मा जी एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी से हो चुकी है। अगला चरण 14 फ़रवरी के बाद प्रारंभ करूँगी। शराबबंदी, नशाबंदी मध्यप्रदेश में होकर रहेगी। इस सम्बन्ध में आपसे लगभग प्रतिदिन संवाद करूँगी। और अंत में अभिवादन जय गंगा मैया। जय जगन्नाथ। और टैग किया गया है नरेंद्र मोदी, पीएमओ इंडिया, जेपी नड्डा, अमित शाह, आरएसएस संगठन, बीजेपीफॉरइंडिया और आईएनसी इंडिया को।
मतलब साफ है कि राजनीति में रहते हुए उत्कृष्ट गैर राजनैतिक, सामाजिक दुर्गम लक्ष्य हासिल करने का जो संकल्प लिया गया है, उसमें उमा भारती की मंशा गंगा की तरह निर्मल है। इसका सरकार, भाजपा और कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं है। इस अभियान में राजनीतिक लोगों का प्रवेश पूरी तरह वर्जित है। अभियान चलेगा, कोरोना काल में परहेज करने की मजबूरी भी रहेगी और यह अभियान शराब व नशे के खिलाफ तो है लेकिन सरकार के खिलाफ कतई नहीं है। सरकार में जो चल रहा है, वह चलता रहे। भाजपा-कांग्रेस को जो करना है, करती रहे। पर उमा का शराबबंदी, नशाबंदी अभियान गैर राजनैतिक होकर भी राजनैतिक गलियारों और राजनेताओं के दिमाग में धूम मचाता रहेगा। यह अभियान कितने सालों तक चलेगा, कितने चरणों में होगा, कब शुरू होगा और कब खत्म होगा, यह सब तय करने की शक्ति केवल और केवल उमा भारती में निहित रहेगी। फिलहाल तो शराबबंदी नशाबंदी अभियान को लेकर यही कहा जा सकता है कि अभियान शुरू होगा, नशा करने वालों का ह्रदय परिवर्तन होगा और नशामुक्त मध्यप्रदेश बनेगा। अंधेरा छंटेगा, सूरज निकलेगा और शराबमुक्त नशामुक्त समाज राष्ट्रहित के कार्यों में जुटकर राष्ट्रनिर्माण में जुटा रहेगा। तब तक धूम मचाता रहेगा शराबबंदी नशाबंदी अभियान।
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Corona Pandemic News-कब खत्म होगा कोरोना,WHO ने इस पर किया बड़ा खुलासा
Corona Pandemic News-कब खत्म होगा कोरोना,WHO ने इस पर किया बड़ा खुलासा
Corona Pandemic News- इस समय पूरे विश्व मे लोग कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण के वजह से मुश्किल मे है। कोरोना का बेहद ही संक्रामक माने जाने वाला ये नया वैरिएंट देश के लिए बड़ी समस्या का वजह बना हुआ है। बीते एक माह के अंदर कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के वजह से प्रत्येक दिन संक्रमण के केसो मे काफी बढ़ोतरी देखने को मिला है। करीब 2 वर्ष से कोरोना के वजह से परेशान लोगों के मन में इस वक्त सिर्फ यही…
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अमेरिका, ब्रिटेन में मिला कोविड का नया वेरिएंट क्या भारत में दे चुका है दस्तक? जानें अपडेट
अमेरिका, ब्रिटेन में मिला कोविड का नया वेरिएंट क्या भारत में दे चुका है दस्तक? जानें अपडेट
नई दिल्ली. देश में कोरोना संक्रमण के मामले में फिर से बढ़ने लगे हैं. अच्छी बात यह है कि इस बार इसकी गंभीरता और बीमारी से अस्पताल पहुंचने की आशंका बहुत कम देखी जा रही है. हालांकि सरकार इसे लेकर अब भी बहुत सतर्क है और अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों पर बारीकी से नजर बनाए हुई है. इसी कड़ी में सोमवार को नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ सुरजीत सिंह ने बताया कि हम कोरोना संक्रमण…
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बिहार कोरोना अपडेट : कोरोना नियंत्रण पर केंद्रीय टीम ने बिहार सरकार की थपथपाई पीठ : विपक्ष ने बताया आईवाश
बिहार कोरोना अपडेट : कोरोना नियंत्रण पर केंद्रीय टीम ने बिहार सरकार की थपथपाई पीठ : विपक्ष ने बताया आईवाश
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नीलकमल,पटना कें��्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयास और बेहतर प्रबंध के कारण घनी आबादी वाले बिहार में बीमारी अभी भी नियंत्रण में है। उन्होंने यह भी कहा कि लॉकडाउन के समय प्रवासी मजदूरों के घर वापसी को लेकर बिहार सरकार ने काफी बेहतर प्रबंध किया था। जिसकी वजह से संक्रमण के फैलाव को रोकने में सरकार को…
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आखिर दुनियाभर से कब खत्म होगी कोरोना महामारी? एम्स दिल्ली के इस डॉक्टर ने लोगों को किया अलर्ट, बोले - वायरस को खत्म होने में लगेंगे इतने साल?
आखिर दुनियाभर से कब खत्म होगी कोरोना महामारी? एम्स दिल्ली के इस डॉक्टर ने लोगों को किया अलर्ट, बोले – वायरस को खत्म होने में लगेंगे इतने साल?
इंटरनेट डेस्क। दुनियाभर में हाहाकार मचा रही कोरोना महामारी कब खत्म होगी ? प्रत्येक व्यक्ति की जुबां पर एक ही प्रश्न है। लगातार दूसरा साल इस वायरस की भेंट चढ़ने जा रहा है। वहीं अभी भी तीसरी लहर का खतरा भी लगातार बना हुआ है। कोरोना महामारी को लेकर एम्स दिल्ली के डॉ. नीरज निश्चल ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि देश के लोगों को अगले एक से दो साल तक बहुत ज्यादा अलर्ट रहना होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के…
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भारत में कब खत्म होगी कोरोना की दूसरी लहर, जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ
भारत में कब खत्म होगी कोरोना की दूसरी लहर, जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ #Corona #CoronaUpdate
कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच एक सकारात्मक खबर भारत में अगले 10-15 दिनों में पूरी हो सकती है कोरोना की लहर: विशेषज्ञ इसके लिए सरकार को वैक्सीन अभियान को तेज करना होगा नई दिल्ली: कोरोना लहर में रोजाना 3 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए, जो फरवरी 2021 से अप्रैल 2021 तक चला, जब पूरे भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर फैल गई। मामले की गंभीरता, जिसे फरवरी 2021 से अप्रैल 2021 तक देखा गया था, में 9 मई…
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शंघाई के बाद चीन की राजधानी बीजिंग में कोरोना की आफत, घरों में कैद लोग, मेट्रो-बस सेवाएं ठप
शंघाई के बाद चीन की राजधानी बीजिंग में कोरोना की आफत, घरों में कैद लोग, मेट्रो-बस सेवाएं ठप
बीजिंग. पिछले एक महीने से चीन के शंघाई शहर में एक तरह से कर्फ्यू जैसी स्थिति है. सभी सेवाएं बंद हैं और लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने दिया जाता है. अब चीन यही काम राजधानी बीजिंग में कर रहा है. बीजिंग में पिछले 24 घंटे के दौरान सिर्फ ओमिक्रॉन के 53 नए मामले सामने आए हैं लेकिन यहां की लगभग सभी सेवाओं को बंद कर दिया है. पहले से ही यहां के स्कूल-कॉलेज बंद थे, अब इसे एक सप्ताह के लिए और बढ़ा दिया…
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बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति से निपटने के लिए वैक्सीन, दवाओं, ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर तथा अन्य आवश्यक संसाधनों की त्वरित खरीद के लिए महत्वपूर्ण निर्णय किए गए।
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में वैक्सीनेशन को गति देने तथा वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ग्लोबल टेंडर आमंत्रित करने के प्रस्ताव का सर्वसम्मति से अनुमोदन किया। इससे विदेशी वैक्सीन निर्माताओं से वैक्सीन की 1 करोड़ डोज खरीदी जा सकेंगी। यह खरीद जल्द से जल्द हो, इसके लिए नेशनल हैल्थ मिशन को नोडल एजेंसी बनाकर शीघ्र ही एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जा���ी किया जाएगा।
मंत्रिपरिषद ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि कोरोना संक्रमण का तेजी से प्रसार हो रहा है। देशभर में बड़ी संख्या में मौतें भी हो रही हैं। लेकिन केंद्र सरकार से वैक्सीन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित नहीं होने से टीकाकरण की गति काफी धीमी हो गई है। वैक्सीन की कमी के कारण प्रदेश में 18 से 44 आयु वर्ग के लिए तो वैक्सीनेशन कुछ ही स्थानों पर शुरू हो पाया है, जबकि दूसरी घातक लहर युवाओं को अधिक संक्रमित कर रही है। ऐसे में जीवन रक्षा के लिए वैक्सीनेशन को गति देना बेहद जरूरी है। मंत्रिपरिषद ने इसके लिए विदेशी कंपनियों से वैक्सीन खरीद के लिए ग्लोबल टेंडर पर सहमति व्यक्त की।
बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि केंद्र सरकार द्वारा युवा वर्ग के लिए निःशुल्क वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण राज्य सरकार ने स्वयं के संसाधनों से करीब 3 हजार करोड़ रूपए व्यय कर निःशुल्क टीकाकरण का निर्णय किया है। ऐसे में तमाम प्रयास कर प्रदेश की इस युवा आबादी का टीकाकरण जल्द से जल्द कराया जाना बेहतर होगा।
मंत्रिपरिषद ने संकट की इस घड़ी में प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा के लिए विभिन्न जीवन रक्षक दवाओं, ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर, मेडिकल उपकरण आदि की खरीद तथा ऑक्सीजन परिवहन के लिए वित्तीय प्रक्रियाओं में शिथिलता के प्रस्तावों का भी अनुमोदन किया। इससे इन आवश्यक दवाओं तथा उपकरणों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने में आसानी होगी और रोगियों को ���मय पर समुचित उपचार मिल सकेगा। कोविड में आपातकालीन प्रयोग के लिए मंजूर की गई औषधि 2डीजी, केसीरीविमेब एवं इम्डीविमेब आदि के बाजार में उपलब्ध होने पर निर्माता कंपनी से सीधे ही उपापन करने तथा भविष्य में कोरोना की अन्य दवाओं को भी सीधे क्रय किए जाने के प्रस्ताव का भी बैठक में अनुमोदन किया गया।
राज्य मंत्रिपरिषद ने कोरोना संक्रमण के समय में प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा के लिए करीब 13 महीने से लगातार समर्पित सेवाएं दे रहे नर्सिंग कर्मियों की सराहना करते हुए अंतरराष्ट्रीय नर्सेज दिवस के अवसर पर नर्स ग्रेड-द्वितीय का पदनाम नर्सिंग ऑफिसर तथा नर्स ग्रेड-प्रथम का पदनाम सीनियर नर्सिंग ऑफिसर करने का निर्णय किया है। इससे उनकी लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी होगी।
बैठक में निर्णय लिया गया कि जिलों में संक्रमण की स्थिति की गहन समीक्षा और उसके अनुरूप पर्याप्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर लोगों को राहत देने के लिए प्रभारी मंत्री जिलों का नियमित दौरा करेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंस, दूरभाष आदि के माध्यम से भी जिला प्रशासन के लगातार संपर्क में रहेंगे। जरूरतमंदों की मदद, कोई भूखा ना सोए के संकल्प को साकार करने तथा उपचार के लिए भामाशाहों, स्वयंसेवी संस्थाओं आदि के सहयोग से संसाधन जुटाने के लिए भी समन्वय करेंगे। कोविड प्रोटोकॉल एवं लॉकडाउन की प्रभावी पालना के लिए ग्राम स्तरीय समितियों को सक्रिय करने, पंचायत स्तर तक के जनप्रतिनिधियों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने के साथ ही आगामी आवश्यकताओं के मद्देनजर फीडबैक भी प्राप्त करेंगे।
मंत्रिपरिषद ने बैठक में कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा के लिए हरसम्भव प्रयास कर रही है। इसके लिए वित्तीय संसाधनों की भी कोई कमी नहीं रखी जा रही है। लेकिन कोरोना का संक्रमण जिस गति से फैल रहा है, उसके अनुरूप ऑक्सीजन की मांग लगातार बढ़ रही है। ऐसे में इस बात के प्रयास किए जाएं जिनसे राज्य कोरोना से लड़ने के लिए मेडिकल ऑक्सीजन, आवश्यक दवाओं, मेडिकल उपकरण सहित अन्य संसाधनों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की ओर आगे बढ़े। क्योंकि विशेषज्ञों के मुताबिक यह महामारी कब खत्म होगी कोई नहीं कह सकता। बैठक में बताया गया कि नगरीय विकास विभाग की ओर से 62 नगरीय निकाय क्षेत्रों में 105 ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए कार्यादेश जारी कर दिया गया है।
चिकित्सा विभाग की ओर से प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि जिस तरह से ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। उसे देखते हुए प्रत्येक ब्लॉक में एक सामुदायिक केंद्र को कोविड कंसल्टेशन एवं कोविड केयर सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है। इनमें रोगियों के लिए ओपीडी, आईपीडी के साथ डे-केयर की सुविधाएं भी उपलब्ध रहेंगी। साथ ही, प्रदेश में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के 5 लाख से अधिक व्यक्तियों का अब तक टीकाकरण किया गया है।
बैठक में राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने संक्रमण के गहराते संकट को देखते हुए अपील की है कि संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सभी स्व अनुशासन में रहें और महामारी रेड अलर्ट जनअनुशासन लॉकडाउन की पालना सुनिश्चित करें, अन्यथा हम कितने ही संसाधन जुटा लें, हमारे सभी प्रयास कम पड़ते चले जाएंगे।
बैठक में कहा गया कि लॉकडाउन की गाइडलाइन में 31 मई तक विवाह समारोह को स्थगित किए जाने की सलाह दी गई है। बड़ी संख्या में लोगों ने स्वविवेक से निर्णय कर शादियां स्थगित भी की हैं। अन्य लोग भी इस पहल में भागीदार बनकर कोविड की चुनौती से लड़ने में राज्य सरकार का सहयोग करें। आखातीज के अबूझ सावे पर बड़ी संख्या में विवाह होते आए हैं, लेकिन यह समय जीवन और मौत से संघर्ष का है। ऐसे में हमें विवाहों को टालकर जीवन बचाने के लिए आगे आना होगा। अतिआवश्यक होने पर लॉकडाउन गाइडलाइन की पालना करते हुए ही अधिकतम 11 लोगों की उपस्थिति में विवाह हों।
लॉकडाउन की इस अवधि में ईद का मुबारक पर्व भी आ रहा है। इस मौके पर अकीदतमंद जनअनुशासन का परिचय देकर घर पर ही इबादत करें। यह भी आग्रह किया है कि कोविड के इस दौर में ��ोग धार्मिक रीति-रिवाजों, त्योहार, उत्सव आदि के कार्यक्रम घर पर रहकर ही मनाएं। कोई भी व्यक्ति धार्मिक स्थलों पर नहीं जाएं, घर पर ही पूजा, प्रार्थना एवं इबादत करें। हमारे समन्वित प्रयासों से ही हम कोरोना की इस कठिन जंग को जीतने में कामयाब हो सकेंगे।
राज्य सरकार प्रदेशवासियों के स्वस्थ और सुरक्षित जीवन को लेकर बेहद चिंतित है। मंत्रिपरिषद ने अपेक्षा की है कि सभी लोग राज्य सरकार के इन प्रयासों को सार्थक रूप देने के लिए समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों की अक्षरशः पालना सुनिश्चित कर अपनी और अपनों की जीवन रक्षा के दायित्व का जिम्मेदार नागरिक के रूप में निर्वहन करेंगे।
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सरकार ने बताई बड़ी ये बात, कब खत्म होगा कोरोना?
सरकार ने बताई बड़ी ये बात, कब खत्म होगा कोरोना?
कोरोना थमने का नाम नहीं ले रहा है। दूसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवाएं नाकाफी साबित हो रही हैं इस बीच सरकार तीसरी लहर के लिए तैयारी करने में जुट गई है यानी कोरोना फिलहाल खत्म होता नहीं दिख रहा। केंद्र सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने साफ कहा है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर आएगी हालांकि यह कब आएगी इसको लेकर जानकार अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाए हैं। तीसरी लहर के लिए…
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Coronavirus Second Wave : जानिए आपके राज्य से कैसे और कब खत्म होगा कोरोना वायरस
Coronavirus Second Wave : जानिए आपके राज्य से कैसे और कब खत्म होगा कोरोना वायरस
हाइलाइट्स: लोग सचेत हो जाएं और सिर्फ चार काम करें तो एक महीने में ही कोरोना को हराया जा सकता है डर की वजह से ए- सिंप्टोमेटिक वाले पेशेंट भी हो रहे हैं अस्पताल में भर्ती लोगों को टीका लगने के बाद भी कोरोना के दिशानिर्देशों का पालन करना जरूरी है मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, हाथ को सेनेटाइज करते रहने से ही लोग 80 से 90 प्रतिशत सुरक्षित रह सकते हैं पटना।देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर इस समय अपने…
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🚩कोरोना वायरस खत्म करने का एक अमोघ साधन...
23 अप्रैल 2021
🚩कोरोना वायरस का प्रकोप हुआ है तबसे मीडिया, सोशल मीडिया में उसीकी खबरें चलाई जाती है। लेकिन क्या कोरोना वायरस से भी अनंतगुना शक्तिशाली ईश्वर नहीं है? कोरोना से सावधानी रखनी जरूरी है लेकिन 24 घन्टे वही खबर दिखाकर लोगों को भयभीत किया जाता है उसकी जगह सृष्टिकर्ता ईश्वर की खबरें दिखाई जाएं और ईश्वर के नाम का गुणगान किया जाए, प्रार्थनाएं की जायें तो बहुत लाभ होगा और कोरोना रूपी राक्षस का भी नाश होगा।
🚩भगवान सर्वज्ञ व सर्वशक्तिमान हैं, समस्त प्राणियों के हृदय में विराजमान आत्मा हैं। उनकी लीला अमोघ है। उनकी शक्ति और उनका पराक्रम अनन्त है।
🚩महर्षि व्यासजी ने 'श्रीमद्भागवत' के माहात्म्य तथा प्रथम स्कंध के प्रथम अध्याय के प्रारम्भ में मंगलाचरण के रुप में भगवान श्रीकृष्ण की स्तुति इस प्रकार से की हैः
सच्चिदानंदरूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे।
तापत्रयविनाशाय श्रीकृष्णाय वयं नुमः।।
🚩'सच्चिदानंद भगवान श्रीकृष्ण को हम नमस्कार करते हैं, जो जगत की उत्पत्ति, स्थिति एवं प्रलय के हेतु तथा आध्यात्मिक, आधिदैविक और आधिभौतिक – इन तीनों प्रकार के तापों का नाश करने वाले हैं।'
(श्रीमद्भागवत मा. 1.1)
★ भगवान की प्रार्थना में कितना बल है ये जान लीजिए...
🚩वह परमात्मा कैसा समर्थ है! वह ‘कर्तुं अकर्तुं अन्यथाकर्तुं समर्थः’ है। असम्भव भी उसके लिए सम्भव है।
1970 की एक घटना अमेरिका के विज्ञान जगत में चिरस्मरणीय रहेगी।
अमेरिका ने 11 अप्रैल, 1970 को अपोलो-13 नामक अंतिरक्षयान चन्द्रमा पर भेजा। दो दिन बाद वह चन्द्रमा पर पहुँचा और जैसे ��ी कार्यरत हुआ कि उसके प्रथम युनिट ऑडीसी (सी.एस.एम.) के ऑक्सीजन की टंकी में विद्युत तार में स्पार्किंग होने के कारण अचानक विस्फोट हुआ जिससे युनिट में ऑक्सीजन खत्म हो गयी और विद्युत आपूर्ति बंद हो गयी।
उस युनिट में तीन अंतरिक्षयात्री थेः जेम्स ए. लोवेल, जॉन एल. स्वीगर्ट और फ्रेड वोलेस हेईज। इन अंतरिक्षयात्रियों ने विस्फोट होने पर सी.एस.एम. युनिट की सब प्रणालियाँ बंद कर दीं एवं वे तीनों उस युनिट को छोड़कर एक्वेरियस (एल.एम.) युनिट में चले गये।
अब असीम अंतरिक्ष में केवल एल.एम. युनिट ही उनके लिए लाइफ बोट के समान था। परंतु बाहर की प्रचंड गर्मी से रक्षा करने के लिए उस युनिट में गर्मी रक्षा कवच नहीं था। अतः पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में प्रविष्ट होकर पुनः पृथ्वी पर वापस लौटने में उसका उपयोग कर सकना सम्भव नहीं था।
पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पृथ्वी पर वापस लौटने में अभी चार दिन बाकी थे। इतना लम्बा समय चले उतना ऑक्सीजन एवं पानी का संग्रह नहीं बचा था। इसके अतिरिक्त इस युनिट के अंदर बर्फ की तरह जमा दे ऐसा ठंडा वातावरण एवं अत्यधिक कार्बन डाईऑक्साइड था। जीवन बचने की कोई गुंजाइश नहीं थी।
अंतरिक्षयात्री पृथ्वी के नियंत्रणकक्ष के निरंतर सम्पर्क में थे। उन्होंने कहाः “अंतरिक्षयान में धमाका हुआ है… अब हम गये…”
लाखों मील ऊँचाई पर अंतरिक्ष में मानवीय सहायता पहुँचाना सम्भव नहीं था। अंतरिक्षयान गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से भी ऊपर था। इस विकट परिस्थिति में सब निःसहाय हो गये। कोई मानवीय ताकत अंतरिक्षयात्रियों को सहायता पहुँचा सके- यह सम्भव नहीं था।
नीचे नियंत्रण कक्ष से कहा गयाः
“अब हम तो कुछ नहीं कर सकते। हम केवल प्रार्थना कर सकते हैं। जिसके हाथों में यह सारी सृष्टि है उस ईश्वर से हम केवल प्रार्थना कर सकते हैं... May God help you! We too shall pray to God. God will help you.” और देशवासियों ने भी प्रार्थना की।
युवान अंतरिक्षयात्रियों ने हिम्मत की। उन्होंने ईश्वर के भरोसे पर एक साहस किया। चंद्र पर अवरोहण करने के लिए एल.एम. युनिट के जिस इन्जन का उपयोग करना था उस इन्जन की गति एवं दिशा बदलकर एवं स्वयं गर्मी-रक्षक कवचरहित उस एल.एम. युनिट में बैठकर अपोलो – 13 को पृथ्वी की ओर मोड़ दिया। …और आश्चर्य ! तमाम जीवनघातक जोखिमों से पार होकर अंतरिक्षयान ने सही सलामत 17 अप्रैल, 1970 के दिन प्रशान्त महासागर में सफल अवरोहण किया।
🚩उन अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने बाद में वर्णन करते हुए कहाः “अंतरिक्ष में लाखों मील दूर से एवं एल.एम. जैसे गर्मी-रक्षक कवच से रहित युनिट में बैठकर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में प्रवेश करना और प्रचण्ड गर्मी से बच जाना, हम तीनों का जीवित रहना असम्भव था… किसी भी मनुष्य का जीवित रहना असम्भव था। यह तो आप सबकी प्रार्थना ने काम किया है एवं अदृश्य सत्ता ने ही हमें जीवनदान दिया है।”
🚩सृष्टि में चाहे कितनी भी उथल-पुथल मच जाय लेकिन जब अदृश्य सत्ता किसी की रक्षा करना चाहती है तो वातावरण में कैसी भी व्यवस्था करके उसकी रक्षा कर देती है। ऐसे तो कई उदाहरण हैं।
★ प्रार्थना का प्रभाव
🚩सन् 1956 में मद्रास इलाके में अकाल पड़ा। पीने का पानी मिलना भी दुर्लभ हो गया।
वहाँ का तालाब 'रेड स्टोन लेक' भी सूख गया। लोग त्राहिमाम् पुकार उठे। उस समय के मुख्यमंत्री श्री राजगोपालाचारी ने धार्मिक जनता से अपील की कि 'सभी लोग दरिया के किनारे एकत्रित होकर प्रार्थना करें।' सभी समुद्र तट पर एकत्रित हुए। किसी ने जप किया तो किसी ने गीता का पाठ, किसी ने रामायण की चौपाइयाँ गुंजायी तो किसी ने अपनी भावना के अनुसार अपने इष्टदेव से प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने सच्चे हृदय से, गदगद कंठ से वरुणदेव, इन्द्रदेव और सबमें बसे हुए आदिनारायण विष्णुदेव की प्रार्थना की। लोग प्रार्थना करके शाम को घर पहुँचे। वर्षा का मौसम तो कब का बीत चुका था। बारिश का कोई नामोनिशान नहीं दिखाई दे रहा था। 'आकाश मे बादल तो रोज आते और चले जाते हैं।'– ऐसा सोचते-सोचते सब लोग सो गये। रात को दो बजे मूसलाधार बरसात ऐसी बरसी, ऐसी बरसी कि 'रेड स्टोन लेक' पानी से छलक उठा। बारिश तो चलती ही रही। यहाँ तक कि मद्रास सरकार को शहर की सड़कों पर नावें चलानी पड़ीं।
🚩दृढ़ विश्वास, शुद्ध भाव, भगवन्नाम, भगवत्प्रार्थना छोटे-से-छोटे व्यक्ति को भी उन्नत करने में सक्षम है।
🚩आज से हमें कोरोना रूपी राक्षस से सावधान रहना है पर भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। हम सर्वसमर्थ ईश्वर का नाम लेंगे, उनकी चर्चा, उनका ध्यान और उनकी प्रार्थना करेंगे तो कोरोना तो दूर होगा, साथ में हमारी चिंताएं, विध्न-बाधायें दूर होंगी और देश में सुंदर वातावरण बनेगा। मीडिया के बंधुओं से भी अपील है कि टीआरपी के लिए कोरोना की अधिक खबरें नहीं चलाकर ईश्वर के सामर्थ्यवाली खबरें चलाकर देश में सुखमय वातावरण बनाने में सहयोग देना चाहिए।
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