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BDS Course details in hindi
BDS Course Details in Hindi – बीडीएस क्या है, इसको कैसे करें, योग्यता, जॉब, सैलरी, स्कोप, कैरियर ऑप्शन, आदि की डिटेल में जानकारी।
आजकल ज्यादातर लोगो में दांतों से संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो रही है, जिसका इलाज करवाने के लिए वे डेंटिस्ट यानिकि दांतों के डॉक्टर के पास जाते हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में रोजगार के बेहतरीन अवसर मौजूद हैं। इसलिए कोइ भी बीडीएस कोर्स करता है तो उसके लिए ये एक बेहतरीन करियर ऑपर्चुनिटी साबित हो सकती है।
BDS Course kya hai
बीडीएस का पूरा नाम “बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी” (Bachelor of Dental Surgery) है। यह एक प्रमुख डेंटल कोर्स है जो डेंटल मेडिसिन और सर्जरी के क्षेत्र में उच्चतर मान्यता प्राप्त करने के लिए दांत संबंधी चिकित्सा अध्ययन करने के लिए छात्रों को प्रशिक्षित करता है।
BDS Course Details in Hindi
बीडीएस कोर्स में छात्रों को डेंटल साइंसेस के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक ज्ञान प्रदान किया जाता है, जिनमें सम्मिलित होते हैं: डेंटल एनाटोमी, फिजियोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, माउथ एंड ओरल सर्जरी, पेरिओडॉंटिक्स (मसूढ़ों का और उनके परिवर्तन का अध्ययन), करिएस्ट्री (करीयों का उपचार), ओर्थोडॉंटिक्स (ब्रेसेज़ और अन्य नियंत्रण उपकरणों के उपयोग से दांतों की समायोजन का अध्ययन), न्यूरोएस्टेटिक्स (दांतों के सेंसरी श्रोतों का अध्ययन), और औषधि विज्ञान।
बीडीएस (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी) डेंटल साइंस के फील्ड में अंडर ग्रेजुएट कोर्स होता है। इस कोर्स के दौरान दाँतों की बीमारियां और उनसे जुड़ी चीजों के बारे में स्टूडेंट्स को अध्ययन कराया जाता है। आज के समय में इस कोर्स की इम्पोर्टेंस बहुत ही ज्यादा है। इसलिए बीडीएस कोर्स करने के बाद स्टूडेंट्स को जॉब तुरंत ही मिल जाती है। अगर जॉब नही करना चाहते है तो उनके पास Dental Hospital खोलने का भी मौका होता है।
BDS Course kaise kare
इस कोर्स को करने के लिए कैंडिडेट ने फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी सब्जेक्ट से 12th पास होना चाहिए, इसके साथ ही उसने नीट एग्जाम भी क्वालीफाई किया हो, तो वह बीडीएस कर सकता है।
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BDS Course Duration
चूंकि यह एक बैचलर डिग्री प्रोग्राम है। इसलिए इस कोर्स की अवधि 5 साल होती है, जिसमे 4 बर्ष का कोर्स होता है और उसके बाद 1 साल की इंटर्नशिप करनी पड़ती है। इसीलिए बीडीएस को कंप्लीट करने में कुल 5 बर्ष लग जाते हैं।
BDS Course ki Fees
बीडीएस कोर्स की फीस हर कॉलेज में अलग-अलग होती है। कुछ डेंटल कॉलेज की फीस कम और कुछ में ज्यादा होती है। इस कोर्स की एवरेज फ़ीस 60 हजार से लेकर 4 लाख सालना के बीच होती है। सरकारी डेंटल कॉलजों में फीस काफी कम होती है, लेकिन सरकारी कॉलेज में एडमिशन पाने के लिए आपको एंट्रेंस एग्जाम में अच्छा स्कोर लाना होगा। अगर कम स्कोर है या बहुत ही कम स्कोर है तो फिर आपको निजी कॉलेजों में ही एडमिशन मिल पायेगा।
BDS ke liye Entrance Exam
बीडीएस कोर्स करने के लिए स्टूडेंट्स को नीट एग्जाम देना पड़ता है और इसमे अच्छा स्कोर लाना पड़ता है, तभी आपको गवर्नमेंट कॉलेज मिल सकता है।
BDS Me Career Scope
इस फील्ड में कैरियर स्कोप बहुत ही अच्छा है, क्योंकि ये डायरेक्ट ही हेल्थकेयर इंडस्ट्री से जुड़ा कोर्स है। हर किसी को कभी न कभी दांतों से संबंधित समस्याएं होती ही हैं, जिस वजह से उनको डेंटल डॉक्टर के पास जाना पड़ जाता है। वैसे भी आजकल अन्य बीमारियों की तरह दांतों से संबंधित बीमारियां भी तेजी से बढ़ रही हैं, जिस वजह से डेंटिस्ट की हम लोगों की हेल्थ में अहम भूमिका मानी जाती है।
बीडीएस कोर्स को पूरा करने के बाद में कैंडिडेट्स किसी भी दाँत के हॉस्पिटल में बतौर डॉक्टर जॉब कर सकते हैं। इसमे सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह की जॉब्स करने का अवसर होता है। समय- समय पर सरकारी वैकेंसी भी आती रहती हैं, जिसमे आवेदन करके और एग्जाम पास करके सरकारी डॉक्टर बन सकते हैं। अगर जॉब नही करना चाहते हैं तो आप खुद का भी डेंटल हॉस्पिटल भी शुरू कर सकतें हैं।
BDS Me Salary
डेंटिस्ट को कैरियर के स्टार्टिंग में 30-40 हजार रुपये प्रतिमाह तक मिल जाते हैं। एक्सपीरियंस होने पर सैलरी 60 से 70 हजार रुपये प्रतिमाह या इससे भी ज्यादा मिलने लगती है। फिलहाल ज्यादातर लोग बीडीएस कोर्स को करने के बाद में 1 से 2 साल सिर्फ एक्सपीरियंस ��ासिल करने के लिए जॉब करते हैं, इसके बाद तो वे खुद का ही डेंटल क्लिनिक खोलना पसन्द करते हैं। क्योंकि जॉब में एक फिक्स सैलरी मिलती है, वंही अगर आपका क्लिनिक थोड़ा भी ठीक-ठाक चलने लगता है, तो वे अच्छा- खासा पैसा कमा सकते हैं।
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BDS ke Best College
भारत में बीडीएस (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी) के लिए कई प्रमुख कॉलेज हैं। ��हां कुछ भारतीय कॉलेज की सूची दी गई है, जो बीडीएस की उच्चतम गुणवत्ता और मान्यता के साथ जाने जाते हैं:
मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ़ डेंटल साइंसेज, नई दिल्ली किंग जॉर्ज मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, चेन्नई मद्रास मेडिकल कॉलेज, चेन्नई राजीव गांधी दंत विज्ञान विश्वविद्यालय, बंगलौर बीएम कॉलेज ऑफ़ डेंटल साइंसेज, बंगलौर स्थानीय अस्पताल श्री रामचंद्र मेडिकल कॉलेज, चेन्नई कर्णाटका मेडिकल कॉलेज, हुबली माउंट कार्मेल मेडिकल कॉलेज, बंगलौर राजीव गांधी मेडिकल कॉलेज, थाणे मनीपाल कॉलेज ऑफ़ डेंटल साइंसेज, मणिपाल
यह सिर्फ़ कुछ प्रमुख कॉलेजों की सूची है और इसके अलावा भी कई अन्य प्रमाणित और प्रतिष्ठित कॉलेज हैं जो बीडीएस पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं।
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Dental Surgen kaise bane
डेंटल सर्जन बनने के लिए, आपको कुछ महत्वपूर्ण स्टेप्स को फॉलो करना होगा पहले, आपको फिजिक्स, बायोलॉजी और केमिस्ट्री सब्जेक्ट से 12th करना होगा, फिर उसके बाद नीट एग्जाम पास करना होगा। जिसके बाद आपको बीडीएस कोर्स करना होगा। कोर्स के बाद आपको डेंटल काउंसिल में डेंटिस्ट के तौर पर पंजीकृत कराना होगा। अब आप डेंटल सर्जन के तौर पर किसी भी हॉस्पिटल में जॉब कर सकते हैं या फिर आप खुद का भी क्लिनिक खोल सकते है। अगर आपको डेंटल सर्जन बनना है तो आपको बीडीएस के बाद एमडीएस जरूर करना चाहिए, जिससे आप डेंटल सर्जरी के किसी एक फील्ड में विशेषज्ञता हासिल कर सकें।
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Dental Machenic kaise bane
डेंटल मैकेनिक बनने के लिए आपको डेंटल मैकेनिक में डिप्लोमा कोर्स करने की जरूरत होती है, जिसको 12th पीसीबी ग्रुप के स्टूडेंट्स कर सकते हैं। इसके बाद आप डेंटल मैकेनिक में डिप्लोमा कर सकते हैं।
बीडीएस क्या है?
बीडीएस का मतलब बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी है, जोकी डेंटिस्ट्री में अंडरग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम है।
बीडीएस को पूरा करने में कितना समय लगता है?
बीडीएस आमतौर पर पांच साल का बैचलर डिग्री प्रोग्राम है, जिसमें सैद्धांतिक शोध व नैदानिक प्रशिक्षण दोनों ही शामिल हैं।
बीडीएस में कौन से विषय शामिल हैं?
बीडीएस में डेंटल एनाटॉमी, ओरल पैथोलॉजी, ओरल मेडिसिन, डेंटल मैटेरियल्स, प्रोस्थोडॉन्टिक्स, ऑर्थोडॉन्टिक्स, पीरियोडॉन्टिक्स और ओरल सर्जरी जैसे सब्जेक्ट शामिल होते हैं।
बीडीएस के लिए पात्रता मानदंड क्या हैं?
बीडीएस के लिए पात्रता कैंडिडेट पीसीबी ग्रुप से कम से कम 50 से 60% अंकों से पास होना चाहिए और साथ ही उसने नीट एग्जाम क्वालीफाई किया हो।
क्या बीडीएस एक कठिन कोर्स है?
बीडीएस अकादमिक और नैदानिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसके लिए समर्पण, कड़ी मेहनत और ओरल हेल्थकेयर में गहरी दिलचस्पी ��ी जरूरत होती है।
बीडीएस पूरा करने के बाद करियर के कौन से विकल्प उपलब्ध हैं?
बीडीएस पूरा करने के बाद, आप निजी प्रैक्टिस में डेंटिस्ट के रूप में करियर बना सकते हैं, डेंटल क्लिनिक या अस्पताल में जॉब कर सकते हैं, डेंटल सर्जन बन सकते हैं, रिसर्च या एकेडमिक्स फील्ड में काम कर सकते हैं या डेंटिस्ट्री के विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता भी हासिल कर सकते हैं।
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हां, बीडीएस स्नातक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दंत चिकित्सा का अभ्यास कर सकते हैं, लेकिन उन्हें विशिष्ट लाइसेंसिंग प्रक्रिया को पूरा करने और उस देश की लाइसेंसिंग परीक्षा उत्तीर्ण करने की आवश्यकता हो सकती है जहां वे डेंटिस्ट के तौर पर प्रैक्टिस करना चाहते हैं।
बीडीएस और एमबीबीएस में क्या अंतर है?
बीडीएस दंत चिकित्सा और मौखिक स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित है, जबकि एमबीबीएस (बैचलर ऑफ मेडिसिन, बैचलर ऑफ सर्जरी) सामान्य चिकित्सा और सर्जरी से संबंधित है। बीडीएस करने के बाद आप दंत चिकित्सक बन जाते हैं, जबकि एमबीबीएस करने के बाद आप चिकित्सा चिकित्सक बन जाते हैं।
क्या बीडीएस एक अच्छा करियर विकल्प है?
बीडीएस ओरल हेल्थकेयर में रुचि रखने वालों के लिए एक अच्छा करियर विकल्प हो सकता है। यह पेशेवर विकास के अवसर प्रदान करता है, लोगों को अच्छा मौखिक स्वास्थ्य बनाए रखने और एक स्थिर आय बनाए रखने में मदद करने का अवसर प्रदान करता है।
क्या मैं बीडीएस के बाद दंत चिकित्सा के किसी विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल कर सकता हूं?
हां, बीडीएस पूरा करने के बाद, आप स्नातकोत्तर अध्ययन कर सकते हैं और ऑर्थोडॉन्टिक्स, पीरियोडॉन्टिक्स, एंडोडोंटिक्स, ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी, प्रोस्थोडॉन्टिक्स या पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं।
डेंटिस्ट का क्या काम है?
डेंटिस्ट प्रोफेशनल हैं दांतों के इलाज में स्पेशलिस्ट होते हैं। दांतो के सभी तरह के रोगों का इलाज जैसे दांतों में कीड़े लगना, दांतों में दर्द होना, मसूड़ों से खून आना, दांतों में सड़न होना और दांतों की सफाई जैसे सभी तरह के काम डेंटिस्ट करते हैं। डेंटिस्ट लोग एक्स-रे मशीन, ड्रिल, लेजर, डिजिटल स्कैनर, माउथ मिरर सहित और भी कई तरह के उपकरणों की मदद से दांतों का इलाज करते हैं।
BDS ke baad Job
बीडीएस करने के बाद कैंडिडेट को कई क्षेत्रों में आसानी से नौकरी मिल सकती है। मेडिकल सेक्टर में सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल या क्लीनिक में डेंटिस्ट के तौर पर नौकरी के अवसर मिलते हैं ही हैं, इसके अलावा रिसर्च लैब्स, फोरेंसिक डिपार्टमेंट, इंडियन आर्म्ड फोर्सेज, एनजीओ, इंटरनेशनल वेलफेयर आर्गनाईजेशन, आदि में भी जॉब का अच्छा स्कोप है। चाहें तो उम्मीदवार अ��ना खुद का डेंटल क्लीनिक भी खोल सकते हैं।
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डेंटिस्ट कैसे बनें?
डेंटिस्ट बनने के लिए कैंडिडेट को किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं की परीक्षा बायोलॉजी, केमिस्ट्री और फिजिक्स विषयों में कम से कम 55% से 60% अंकों के साथ पास होना चाहिए।
BDS karne ke liye age
इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए एंट्रेंस एग्जाम आयोजित किया जाता हैं। नीट यूजी परीक्षा के जरिए आप टॉप कॉलेजों से बीडीएस कोर्स कर सकते हैं लेकिन इसके लिए उम्मीदवार की उम्र कम से कम 17 बर्ष होनी चाहिए।
BDS ke baad kya kare
इस कोर्स को पूरा करने के बाद आप एक तो डेंटिस्ट के तौर पर जॉब कर सकते हैं, इसके अलावा आप खुद का भी क्लिनिक खोल सकते हैं। इसके अलावा आप डेंटल के विभिन्न फील्ड में स्पेसलाइजेशन भी कर सकते हैं। जोकीं निम्न हैं।
प्रोस्थोडॉन्टिक्स पीरियडॉन्टिक्स ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी कंजर्वेटिव डेंटिस्ट्री एंड एंडोडॉन्टिक्स ऑर्थोडॉन्टिक्स एंड डेंटोफेशियल ऑर्थोपेडिक्स ओरल पैथोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी कम्युनिटी डेंटिस्ट्री पेडोडॉन्टिक्स एंड प्रिवेंटिव डेंटिस्ट्री ओरल मेडिसिन डायग्नोसिस एंड रेडियोलॉजी
डेंटल के फील्ड में कैरियर बनाने के लिए कौन से कोर्स किये जा सकते हैं?
सर्टिफिकेट कोर्स इन डेंटल हाइजीनिस्ट सर्टिफिकेट कोर्स इन डेंटल मैकेनिक डिप्लोमा इन डेंटल मैकेनिक डिप्लोमा कोर्स इन डेंटल असिस्टेंस बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (BDS)
डेंटिस्ट बनने के लिए किन बातों का ध्यान रखें?
टॉप डेंटल कॉलेज में ही एडमिशन लेने का प्रयास करें। इसके लिए नीट एंट्रेंस एग्जाम देना पड़ता है। एंट्रेंस एग्जाम अच्छे मार्क्स के साथनपास करें, तभी आप टॉप कॉलेज में एडमिशन पा सकते हैं। बीडीएस कोर्स में एडमिशन नीट में प्राप्त रैंक के आधार पर होता है। बीडीएस पूरा करने में कुल 5 साल लगते हैं। जिसमे चार साल की पढ़ाई और उसके बाडवएक साल इंटर्नशिप करने के बाद ही स्टूडेंट्स को डिग्री मिलती है। डेंटिस्ट कोर्स की फीस हर कॉलेज में अलग-अलग होती है। निजी डेंटल कॉलेज की फीस अधिक और सरकारी डेंटल कॉलेज की फीस कम होती है।
BDS Course ke liye Top Institutes
मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज, नई दिल्ली फैकल्टी ऑफ़ डेंटल साइंसेज, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ फैकल्टी ऑफ़ डेंटल साइंसेज आईएमएस बीएचयू, वाराणसी नायर हॉस्पिटल डेंटल कॉलेज, मुंबई मणिपाल कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज, कर्नाटक गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, मुंबई क्रिश्चियन डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, लुधियाना, पंजाब डॉ. आर अहमद डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, कोलकाता फैकल्टी ऑफ़ डेंटल साइंसेज, रमैया यूनिवर्सिटी ऑफ़ एप्लाइड साइंसेज, बेंगलुरु
बीडीएस के बाद क्या मैं MBBS कर सकता हूँ?
हैं, आप BDS के बाद भी MBBS किया जा सकता है, लेकिन एडमिशन के लिए आपको नीट एग्जाम ही देना होगा, BDS का इसमे आपको कोई भी लाभ नही मिलेगा।
एमडीएस कोर्स क्या है?
मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी (MDS) एक मास्टर्स डिग्री कोर्स है, जिसमें दांतों की शारीरिक रचना और रोगों के अ��्ययन पर केंद्रित होता है। यह एक 3 साल की अवधि का कोर्स होता है और इसे बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (BDS) के पूरा होने के बाद किया जाता है। इसमे आप डेंटल साइंस के किसी एक फील्ड में स्पेसलाइजेशन चूज कर सकते हैं।
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डेंटल हाईजेनेस्ट कैसे बनें?
डेंटल हाईजेनिस्ट बनने के लिए उम्मीदवार को डेंटल हाईजीन में डिप्लोमा कोर्स करना होगा। जिसको 12th के बाद किया जा सकता है।
डेंटल डॉक्टर कोर्स कितने साल का होता है?
डेंटल डॉक्टर बनने के लिए BDS कोर्स करना होगा, जोकीं 5 साल का होता है। इसमे 1 साल की इंटर्नशिप भी शामिल है।
मैं 12वीं के बाद बीडीएस डॉक्टर कैसे बन सकता हूं?
सबसे पहले आप 12वीं फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी सब्जेक्ट से करें, फिर आपको नीट एग्जाम पास करना होगा। जिसके बाद आपको BDS करना होगा। फिर आप BDS करके डॉक्टर बन सकते हैं।
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BDS karne ke fayde
बीडीएस करने का सबसे अच्छा और बड़ा फायदा यह है कि यह एक काफी ग्रोइंग फील्ड है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद, आप बेरोजगार नहीं रहते हैं। आप नौकरी न करने के इरादे रखते हैं तो आप अपना खुद का डेंटल क्लिनिक शुरू कर सकते हैं।
बीडीएस के बाद स्टूडेंट्स अपने नाम से पहले “डॉक्टर” शब्द इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसमें स्कोप काफी अच्छा होता है।
पैसे कमाने के साथ-साथ, इस पेशे में लोगों की सेवा करने का भी अवसर मिलता है।
बीडीएस को पूरा करने के बाद, आपको नौकरी के लिए भटकने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
बीडीएस करने के बाद, आप डॉक्टर बन जाते हैं, जो काफी सम्मानजनक पेशा ��ोता है।
उम्मीद है BDS Course details in Hindi ये आर्टिकल आपको पसंद आया होगा, क्योंकि इस आर्टिकल में मैंने बीडीएस कोर्स की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की है।
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#ReopenDU: Delhi University Students Demand Reopening of Colleges
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दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के छात्रों ने कॉलेजों को फिर से नहीं खोलने पर अपनी निराशा व्यक्त करने के लिए हैशटैग ‘ReopenDU’ के साथ ट्विटर का सहारा लिया है। दिल्ली सरकार ने 1 सित���बर से राजधानी में स्कूल और कॉलेज फिर से खोलने की अनुमति दे दी है। कॉलेज के छात्रों में से एक ने अपने ट्विटर हैंडल पर इंस्टाग्राम पर पोस्ट की गई एक कहानी का स्क्रीनग्रैब साझा किया, जिसमें लिखा था, “प्रतिष्ठित कॉलेज से स्नातक…
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#dureopen#कॉलेज फिर से खोलना#डु फिर से खोलना#ड्यू#दिल्ली विश्वविद्यालय#दिल्ली सरकार#मनीष सिसोदिया#शिक्षा समाचार#स्कूल फिर से खोलना
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Online classes for Tamil Nadu engineering, arts and science students to begin on August 9
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चेन्नई: उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी ने बुधवार को चेन्नई में संवाददाताओं से कहा कि प्रथम वर्ष के छात्रों को छोड़कर इंजीनियरिंग, कला और विज्ञान कॉलेजों में पढ़ने वाले सभी छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं नौ अगस्त से शुरू होंगी। इन छात्रों के लिए ऑनलाइन सेमेस्टर परीक्षा जुलाई के तीसरे सप्ताह में समाप्त हो गई थी। 2021-22 के लिए ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने के लिए कॉलेज उच्च शिक्षा विभाग से अनुमति का…
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जानें किन-किन राज्यों में खुलने जा रहे हैं स्कूल-कॉलेज और विश्वविद्यालय, कब से खुलेंगे
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स्कूल Reopen: चलो वापस स्कूल ... छात्रों Kushi
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स्कूलों और कॉलेजों सहित शैक्षिक संस्थानों को पिछले साल मार्च से कोरोना के खिलाफ एहतियाती उपाय के रूप में बंद कर दिया गया है। सुरक्षा चिंताओं के कारण स्कूल को कॉलेज की छुट्टी दी गई थी। अस्थायी ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने की व्यवस्था की गई थी ताकि छात्र सेल फोन द्वारा अपनी पढ़ाई जारी रख सकें जैसे कि वे लगभग 10 महीने तक घर पर थे। यद्यपि स्कूल या कॉलेज जाने के बिना घर पर सेल फोन द्वारा शिक्षित करने से…
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बिहार की बदहाली मेरी नजर में ।
दो टूक !
15 वर्ष लालू-राबड़ी शासन में बिहार लुट-पिट गया ।
बिजली तो छोड़िए , बिजली के खंभे नहीं बचे।
सड़क नहीं गड्ढ़ों में गाड़ियां चलती थीं।
अपहरण बिहार का प्रमुख उद्द्योग था।
राज्य के हजारों उद्द्यमी, चिकित्सक, अभियंता सब पलायन कर गए।
लोग शाम होते ही अपने घरों में पैक हो जाया करते ��े।
जनरेटर और इन्वर्टर चला बच्चे शाम को पढ़ा करते थे।
लालू जब चारा घोटाला में फसे तब अपनी सुयोग्य पत्नी को रसोई घर से उठा राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया। हमारे भाग्य का फैसला राबड़ी करने लगी।
राजद में शायद लालू परिवार छोड़ दूसरा कोई योग्य नहीं था ! 15 वर्ष के इस भ्रष्ट शासन में कांग्रेस ने पूरा सहयोग दिया।
त्राहिमाम जनता ने 15 वर्ष के अराजक लालू और कांग्रेस के शासन का खात्मा कर जदयू और बीजेपी को गद्दी पर बिठाया। नीतीश मुख्यमंत्री बने।
बिहार विकास के पथ पर अग्रसर हुआ।
जिस राज्य में विकास के एक कार्य नहीं होते थे अब सड़कें बनने लगी, बिजली रहने लगी, पटना में फ्लाईओवर , मॉल और मल्टीप्लेक्स दिखने लगे, गाँवों में भी बिजली रहने लगी।
विकास को तरसा बिहार चैन की सांस लेने लगा।
नीतीश की वाहवाही पूरे देश-दुनिया मे 'विकास-पुरूष' के नाम से होने लगी।
प्रसन्न जनता ने अगले विधानसभा चुनाव में भारी मतों से फिर से जिताया।
लेकिन अब नीतीश की महत्वाकांक्षा सर चढ़ कर बोलने लगी। प्रधानमंत्री की गद्दी उनके ख्वाबों में आने लगी। जदयू जैसे एक क्षेत्रीय दल जो सिर्फ अपने दम पर एक राज्य में भी सरकार नहीं बना सकता था , उसके मुखिया अब देश के प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने लगे।
अपनी महत्वाकांक्षा के पोषण केलिये उन्होंने BJP का साथ छोड़ लालू से हाथ मिला लिया जिनके जंगलराज के खात्मे केलिये जनता ने उन्हें गद्दी पर बिठाया था।
फिर क्या था, जम कर गालियाँ दी BJP को, मोदी को ।
लालू अब बड़े भाई हो गए।
अगले चुनाव में छोटे भाई-बड़े भाई ने मिलकर भाजपा को जबरदस्त पटखनी दी ।
छोटे भाई मुख्यमंत्री बने और बड़े भाई के नवी पास सुयोग्य पुत्र उपमुख्यमंत्री।
ज्यादा दिन यह बेमेल विवाह टिक नहीं पाया।
बड़े भाई के सामने छोटे भाई चारों खाने चित नजर आए।
बेचारे होकर जनता के मैंडेट की धज़्ज़ियाँ उड़ा फिर से BJP के साथ मिलकर मुख्यमंत्री बन गए।
न तो पहले जनता ने उन्हें लालू जी के साथ मुख्यमंत्री बनने केलिये वोट किया था न तो बाद में जनता ने उन्हें लालू को छोड़ BJP का दामन थामने केलिये चुना था।
लेकिन महत्वाकांक्षी नीतीश को जनता के मैंडेट से क्या मतलब ?
उनकी आंखें तो हमेशा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रही क्योकि प्रधानमंत्री बनने के उनके ख्वाब धरे रह गए।
नितीश को जो मुख्यमंत्री बनाएगा वे उस पार्टी का दामन थामेंगे।
अतः नीतीश का पहला टर्म न��श्चय ही उल्लेखनीय रहा।
बिहार ने प्रगति की। नितीश की राष्ट्रीय साख बढ़ी।
लेकिन फिर अपनी महती महत्वाकांक्षा के वे शिकार हुए।
अभी आलम यह है कि बिहार सरकार के पास एक भी अस्पताल नही, मेडिकल कॉलेज नहीं जहाँ सीरियस कोरोना मरीजों का ईलाज हो सके।
सब भारत सरकार के AIIMS पटना में भर्ती होना चाहते हैं। बड़े-बड़े नेता, अफसर सब AIIMS में। कोरोना से लड़ रहे चिकित्सक भी अगर गंभीर रूप से संक्रमित होते हैं तो उन्हें भी AIIMS में दाखिला नहीं मिलेगा।
राज्य के मुख्यमंत्री और सारे नेता नदारद हैं। ट्विटर और फेसबुक पर चिचिया रहे हैं, इधर जनता त्राहिमाम।
जदयू और उसका पीठलग्गु भाजपा सरकार का पोल इस महामारी ने पूरी तरह से खोल दिया।
जाति के नाम पर वोट करने वाले हर जाति के बिहारी मर रहे हैं, कहीं कोई व्यवस्था नहीं।
सिर्फ कागजी लिफ़ाफ़ेबाजी !
साहब लोग पिछले कुछ महीनों से मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के बदले आगामी चुनाव में व्यस्त हो गए। जातियों के समीकरण, कैंडिडेट के चयन और BJP और चिराग पासवान से सीटों के बटवारे पर बातचीत में लगे थे , इधर कोरोना ने अपना मुंह खोलना शुरू कर दिया।
देखा जाए तो बिहार की बर्बादी केलिये सबसे जिम्मेदार है यहाँ की जनता जिन्हें जीवन से ज्यादा जाति प्यारी है।
फिर है दो राष्ट्रीय पार्टियाँ कांग्रेस और भाजपा।
कांग्रेस ने लालूपरिवार और उनके अधर्मों को 15 वर्षों तक समर्थन किया, उनके पीछे नाचते रहे और अब भी उन्हीं के लट्टू हैं , जबकि भाजपा नितीश की घिरनी बन नाच रही है। भाजपा में नेता कौन है, लोगों को अब यह भी पता नहीं। जदयू के नेता नितीश और भाजपा के भी नितीश क्योकि सुशील मोदी तो नितीश के स्टेपनी हैं।
फिर आते हैं लालू और नीतीश(राजद और जदयू तो नाम हैं, ये दोनों पार्टियां सिर्फ इन दोनों महापुरुषों के व्यक्तिगत झुनझुने हैं )
दोनों ने बिहार के जनमानस में , उनकी सोच में, जाति और संप्रदाय के जहर को एक नई गहराई दी।
बिहार की जनता अब भी विकास छोड़ जाति पर वोट करती है।
नतीजा शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मूलभूत आवश्यकताओं केलिये इस राज्य की जातिवाद जनता तरस रही है।
जाति इस राज्य की सबसे बड़ी करेंसी है। जाति से आप यहाँ सत्ता खरीदिये और बेचिए।
अब क्या करेंगे आप ?
कोरोना क्या लोगों की जातियां, सम्प्रदाय , भाषा , प्रांत, राष्ट्र और मजहब देख मार रहा है ?
वायरस और बैक्टेरिया हमसे ज्यादा विकसित हैं।
वे जातिवाद नहीं करते, वे सामाजिक हैसियत नहीं देखते, सबको समान रूप से मारते हैं।
बचेगा वह समाज जो शिक्षित, अनुशासित और जहाँ की स्वास्थ्य व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त ।
बिहार में शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों बदहाल, फटेहाल।
इतना कि एक मात्र AIIMS पटना में सारे नेता, अभिनेता और बड़े-बड़े अफसर ही भर्ती हो रहे हैं। इनमें से
कोई बिहार सरकार के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में भर्ती होना नहीं चाहता। वहाँ भर्ती होंगे आप और मैं।
हाँ सालों भर इनकम टैक्स, प्रदूषण टैक्स आदि सैकड़ों टैक्सों की चिट्ठियां आने में देर नहीं लगती।
थाने से लेकर हर सरकारी दफ्तरों में चपरासी से लेकर बड़े अफसरों तक की जेबें गर्म किये बिना शायद ही कोई कार्य सम्पन्न हो।
तो फिर क्या करेंगे ?
किसे वोट देंगे ?
लालू को, नीतीश को या उनके चट्टे-बट्टे कांग्रेस और भाजपा को ?
सारे पापी, अधर्मी, पाखंडी ।
जाति से ऊपर उठिए, समझिये राजनीति और अपनी सही जरूरतें।
हटाइये इन सब अधर्मियों को।
फिलहाल तो दूर-दूर तक निराशा ही निराशा है।
मरते रहिये कोरोना से ।
मैं तो सिर्फ ईश्वर से आपकी सलामती की दुआ मांग सकता हूँ।
🙏🏼
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दिल्ली स्कूल फिर से खुलने का अपडेट: दिल्ली के स्कूल खुलने को तैयार! इस क्रम में हो सकती है छात्रों की एंट्री
दिल्ली स्कूल फिर से खुलने का अपडेट: दिल्ली के स्कूल खुलने को तैयार! इस क्रम में हो सकती है छात्रों की एंट्री
जल्द स्कूल खोलने का फैसला। डीडीएमए और विशेषज्ञ समिति की बैठक आज पहले क्रम में 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खुल सकते हैं। दिल्ली स्कूल फिर से खोलना नवीनतम अपडेट: स्कूल के फिर से खुलने का इंतजार जल्द ही खत्म हो सकता है। यूपी, बिहार, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा समेत कई राज्यों में स्कूल खोलने और दिल्ली के स्कूल-कॉलेज, स्कूल-कॉलेज फिर से खोलने की तारीख की घोषणा के बाद स्कूल खुलने की तारीख का ऐलान होने…
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फिसली हुई फीस, सीखने के अंतराल: स्कूल के लिए आगे आने वाली चुनौतियाँ
फिसली हुई फीस, सीखने के अंतराल: स्कूल के लिए आगे आने वाली चुनौतियाँ
साथ में दिल्ली और हरियाणा जैसे राज्य और महाराष्ट्र स्कूलों को बंद करने का निर्देश दे रहे हैं में स्पाइक के कारण कोविड -19 मामलों, यह शैक्षणिक सत्र – जो अन्यथा अप्रैल में शुरू होता है – ऑनलाइन मोड में चलने की संभावना है, कम से कम कुछ और समय के लिए। जबकि स्कूल ऑनलाइन और ऑफलाइन सीखने के मिश्रित मोड की योजना बना रहे थे, कई अब विलंबित और रूके हुए शुल्क के भुगतान और सीखने के अंतराल में वृद्धि से आशंकित…
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#कॉलेज बंद हो गए#कॉलेज शुल्क अद्यतन#बोर्ड परीक्षा रद्द समाचार#स्कूल की करीबी खबर#स्कूल की फीस#स्कूल फिर से खोलना#स्कूल बंद हो गए
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tn College reopen: हैप्पी न्यूज़: स्कूल, कॉलेज शुरू! - 9 वीं और 11 वीं कक्षा के छात्रों और तमिल नाडु के सभी कॉलेज आज खुले हैं
tn College reopen: हैप्पी न्यूज़: स्कूल, कॉलेज शुरू! – 9 वीं और 11 वीं कक्षा के छात्रों और तमिल नाडु के सभी कॉलेज आज खुले हैं
कोरोना कर्फ्यू द्वारा बंद किए गए स्कूल और कॉलेज ग्यारह महीने बाद आज फिर से खुल गए हैं। छात्र लंबे समय तक विराम के लिए शैक्षिक संस्थानों की ओर झुके हैं। कोरोना के प्रसार और टीका के उपयोग के साथ, माता-पिता अपने बच्चों को स्कूलों और कॉलेजों में भेजने के लिए उत्सुक हैं। 10 वीं और 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं और 9 वीं और 11 वीं कक्षा के छात्रों के लिए कक्षाएं आज से शुरू…
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#edappadi palanisamy#एडप्पादी पलानीसामी#कॉलेजों का उद्घाटन#टीएन कॉलेज फिर से खोलना#टीएन स्कूल खुला#स्कूलों का उद्घाटन#होटल खोलना
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दिल्ली के स्कूलों को फिर से खोलना: स्कूल तैयार, लेकिन कुछ माता-पिता हिचकिचाते हैं
दिल्ली के स्कूलों को फिर से खोलना: स्कूल तैयार, लेकिन कुछ माता-पिता हिचकिचाते हैं
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा राजधानी में स्कूलों को फिर से खोलने पर सुझाव मांगे जाने के एक दिन बाद, प्रधानाचार्यों ने कहा कि वे छात्रों के लिए अपने दरवाजे खोलने के लिए तैयार हैं, लेकिन कई माता-पिता हिचकिचा रहे हैं। सिसोदिया ने बुधवार को अभिभावकों, छात्रों, शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को सरकार को ईमेल के माध्यम से अपने सुझाव भेजने के लिए आमंत्रित किया था कि क्या स्कूल और कॉलेज फिर से खुले और…
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मध्यप्रदेश में छात्रों को राहत: स्कूल प्रबंधन जबरन फीस नहीं ले सकता; 6 समान हैस्टोन में 5 मार्च से 5 अगस्त 2021 तक जमा करने का विकल्प भी
मध्यप्रदेश में छात्रों को राहत: स्कूल प्रबंधन जबरन फीस नहीं ले सकता; 6 समान हैस्टोन में 5 मार्च से 5 अगस्त 2021 तक जमा करने का विकल्प भी
हिंदी समाचार स्थानीय एमपी MP गवर्नमेंट स्कूल फीस इश्यू गाइडलाइंस | शिवराज सिंह चौहान सरकार; कक्षा 9 से 12 तक के लिए स्कूलों की फीस 5 अगस्त 2021 तक विज्ञापन से परेशान हैं? बिना विज्ञापन खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप भोपाल8 घंटे पहलेलेखक: अनूप दुबे कॉपी लिस्ट स्कूल संचालक किसी भी छात्र को फीस नहीं देने के कारण परीक्षा में बैठने से नहीं रोक सकेगा। – प्रतीकात्मक फोटो स्कूल प्रबंधन न…
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#मध्य प्रदेश के स्कूल#मप्र में स्कूल रोपेन#स्कूल कॉलेज चुप#स्कूल कॉलेज बंद समाचार#स्कूल बंद#स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार#स्कूलों के शुल्क के लिए दिशानिर्देश#स्कूलों के समाचार फिर से खोलना
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कोरोना काल ने स्किल, रिस्किल और अपस्किल के महत्त्व को फिर सिद्ध किया : प्रधानमंत्री मोदी.
कोरोना काल ने स्किल, रिस्किल और अपस्किल के महत्त्व को फिर सिद्ध किया : प्रधानमंत्री मोदी.
नमस्कार, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान महेंद्र नाथ पांडे जी, आर के सिंह जी, अन्य सभी वरिष्ठ मंत्रीगण, इस कार्यक्रम में जुड़े सभी युवा साथी, प्रोफेशनल्स, अन्य महानुभाव और भाइयों और बहनों,
कोरोना के खिलाफ महायुद्ध में आज एक महत्वपूर्ण अभियान का अगला चरण प्रारंभ हो रहा है। कोरोना की पहली वेव के दौरान देश में हजारों प्रोफेशनल्स, स्किल डवलपमेंट अभियान से जुड़े। इस प्रयास ने देश को कोरोना से मुकाबला करने की बड़ी ताकत दी। अब कोरोना की दूसरी वेव के बाद जो अनुभव मिले हैं, वो अनुभव आज के इस कार्यक्रम का प्रमुख आधार बने हैं। कोरोना की दूसरी वेव में हम लोगों ने देखा कि कोरोना वायरस का बदलना और बार-बार बदलता स्वरूप किस तरह की चुनौतियां हमारे सामने ला सकता है। ये वायरस हमारे बीच अभी भी है और जब तक ये है, इसके म्यूटेट होने की संभावना भी बनी हुई है। इसलिए हर इलाज, हर सावधानी के साथ-साथ आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए हमें देश की तैयारियों को और ज्यादा बढ़ाना होगा। इसी लक्ष्य के साथ आज देश में 1 लाख फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स तैयार करने का महाअभियान शुरु हो रहा है।
साथियों,
इस महामारी ने दुनिया के हर देश, हर संस्था, हर समाज, हर परिवार, हर इंसान के सामर्थ्य को, उनकी सीमाओं को बार-बार परखा है। वहीं, इस महामारी ने साइंस, सरकार, समाज, संस्था और व्यक्ति के रूप में भी हमें अपनी क्षमताओं का विस्तार करने के लिए सतर्क भी किया है। पीपीई किट्स और टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर कोविड केयर और ट्रीटमेंट से जुड़े मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर का जो बड़ा नेटवर्क आज भारत में बना है, वो काम अब भी चल रहा है और वो इसी का परिणाम है। आज देश के दूर-सुदूर में अस्पतालों तक भी वेंटिलेटर्स, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स पहुंचाने का भी तेज गति से प्रयास किया जा रहा है। डेढ़ हजार से ज्यादा ऑक्सीजन प्लांट्स बनाने का काम युद्ध स्तर पर जारी है और हिन्दुस्तान के हर जिले में पहुंचने का एक भगीरथ प्रयास है। इन प्रयासों के बीच एक स्किल्ड मैनपावर का बड़ा पूल होना, उस पूल में नए ��ोग जुड़ते रहना, ये भी उतना ही जरूरी है। इसी को देखते हुए, कोरोना से लड़ रही वर्तमान फोर्स को सपोर्ट करने के लिए, देश में करीब 1 लाख युवाओं को ट्रेन करने का लक्ष्य रखा गया है। ये कोर्स दो-तीन महीने में ही पूरा हो जाएगा, इसलिए ये लोग तुरंत काम के लिए उपलब्ध भी हो जाएंगे और एक ट्रेन्ड सहायक के रूप में वर्तमान व्यवस्था को काफी कुछ सहायकता देंगे, उनका बोझ हल्का करेंगे। देश के हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की मांग के आधार पर, देश के टॉप एक्सपर्ट्स ने क्रैश कोर्स डिजायन किया है। आज 6 नए कस्टमाइज़्ड कोर्स लॉन्च किए जा रहे हैं। नर्सिंग से जुड़ा सामान्य काम हो, होम केयर हो, क्रिटिकल केयर में मदद हो, सैंपल कलेक्शन हो, मेडिकल टेक्निशियन हों, नए-नए उपकरणों की ट्रेनिंग हो, इसके लिए युवाओं को तैयार किया जा रहा है। इसमें नए युवाओं की स्किलिंग भी होगी और जो पहले से इस प्रकार के काम में ट्रेन्ड हो चुके हैं, उनकी अप-स्किलिंग भी होगी। इस अभियान से, कोविड से लड़ रही हमारी हेल्थ सेक्टर की फ्रंटलाइन फोर्स को नई ऊर्जा भी मिलेगी और हमारे युवाओं रोजगार के नए अवसर के लिए उनके लिए सुविधा भी बनेगी।
साथियों,
Skill, Re-skill और Up-Skill, ये मंत्र कितना महत्वपूर्ण है, ये कोरोना काल ने फिर सिद्ध किया है। हेल्थ सेक्टर के लोग Skilled तो थे ही, उन्होंने कोरोना से निपटने के लिए बहुत कुछ नया सीखा भी। यानि एक तरह से उन्होंने खुद को Re-skill किया। इसके साथ ही, उनमें जो स्किल पहले से थी, उसका भी उन्होंने विस्तार किया। बदलती परिस्थितियों के अनुसार अपनी स्किल को अपग्रेड या वैल्यू एडिशन करना, ये Up-Skilling है, और समय की यही मांग है और जिस गति से टेक्नोलॉजी जीवन के हर क्षेत्र में प्रवेश कर रही है तब लगातार dynamic व्यवस्था Up-Skilling की अनिवार्य हो गई है। Skill, Re-skill और Up-Skill, के इसी महत्व को समझते हुए ही देश में Skill India Mission शुरु किया गया था। पहली बार अलग से कौशल विकास मंत्रालय बनाना हो, देशभर में प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र खोलना हो, ITI's की संख्या बढ़ाना हो, उनमें लाखों नई सीट्स जोड़ना हो, इस पर लगातार काम किया गया है। आज स्किल इंडिया मिशन हर साल लाखों युवाओं को आज की जरूरत के हिसाब से ट्रेनिंग देने में बहुत बड़ी मदद कर रहा है। इस बात की देश में बहुत चर्चा नहीं हो पाई, कि स्किल डवलपमेंट के इस अभियान ने, कोरोना के इस समय में देश को कितनी बड़ी ताकत दी। बीते साल जब से कोरोना की चुनौती हमारे साम��े आई है, तब से ही कौशल विकास मंत्रालय ने देशभर के लाखों हेल्थ वर्कर्स को ट्रेन करने में महत्वपूर्ण भूमिका ��िभाई है। Demand Driven Skill Sets तैयार करने की जिस भावना के साथ इस मंत्रालय को बनाया गया था, उस पर आज और तेजी से काम हो रहा है।
साथियों,
हमारी जनसंख्या को देखते हुए, हेल्थ सेक्टर में डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिक्स से जुड़ी जो विशेष सेवाएं हैं, उनका विस्तार करते रहना उतना ही आवश्यक है। इसे लेकर भी पिछले कुछ वर्षों में एक फोकस्ड अप्रोच के साथ काम किया गया है। बीते 7 साल में नए AIIMS, नए मेडिकल कॉलेज और नए नर्सिंग कॉलेज के निर्माण पर बहुत ज्यादा बल दिया गया। इनमें से अधिकांश ने काम करना शुरू भी कर दिया है। इसी तरह, मेडिकल एजुकेशन और इससे जुड़े संस्थानों में रिफॉर्म्स को प्रोत्साहित किया जा रहा है। आज जिस गति से, जिस गंभीरता से हेल्थ प्रोफेशनल्स तैयार करने पर काम चल रहा है, वो अभूतपूर्व है।
साथियों,
आज के इस कार्यक्रम में, मैं हमारे हेल्थ सेक्टर के एक बहुत मजबूत स्तंभ की चर्चा भी जरूर करना चाहता हूं। अक्सर, हमारे इन साथियों की चर्चा छूट जाती है। ये साथी हैं- हमारे आशा-एनम-आंगनवाड़ी और गांव-गांव में डिस्पेंसरियों में तैनात हमारे स्वास्थ्य कर्मी। हमारे ये साथी संक्रमण को रोकने से लेकर दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान तक में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मौसम की स्थितियां, भौगौलिक परिस्थिति कितनी भी विपरीत हों, ये साथी एक-एक देशवासी की सुरक्षा के लिए दिन-रात जुटे हुए हैं। गांवों में संक्रमण के फैलाव को रोकने में, दूर-सुदूर के क्षेत्रों में, पहाड़ी और जनजातीय क्षेत्रों में टीकाकरण अभियान को सफलता पूर्वक चलाने में हमारे इन साथियों ने बहुत बड़ी भूमिका अदा की है। 21 जून से जो देश में टीकाकरण अभियान का विस्तार हो रहा है, उसे भी हमारे ये सारे साथी बहुत ताकत दे रहे हैं, बहुत ऊर्जा दे रहे हैं। मैं आज सार्वजनिक रूप से इनकी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं, इन हमारी सभी साथियों की सराहना करता हूं।
साथियों,
21 जून से जो टीकाकरण अभियान शुरू हो रहा है, उससे जुड़ी अनेक गाइडलाइंस जारी की गई हैं। अब 18 साल से ऊपर के साथियों को वही सुविधा मिलेगी, जो अभी तक 45 साल से ऊपर के हमारे महानुभावों को मिल रही थी। केंद्र सरकार, हर देशवासी को टीका लगाने के लिए, 'मुफ्त' टीका लगाने के लिए, प्रतिबद्ध है। हमें कोरोना प्रोटोकॉल का भी पूरा ध्यान रखना है। मास्क और दो गज़ की दूरी, ये बहुत ज़रूरी है। आखिर में, मैं ये क्रैश कोर्स करने वाले सभी युवाओं को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। मुझे विश्वास है, आपकी नई स्किल्स, देशवासियों का जीवन बचाने में लगातार काम आएगी और आपको भी अपने जीवन का एक नया प्रवेश एक बहुत ही संतोष देगा क्योंकि आप जब पहली बार रोजगार के लिए जीवन की शुरूआत कर रहे थे तब आप मानव जीवन की रक्षा में अपने आप को जोड़ रहे थे। लोगों की जिन्दगी बचाने के लिए जुड़ रहे थे। पिछले डेढ़ साल से रात-दिन काम कर रहे हमारे डॉक्टर, हमारी नर्सिस इतना बोझ उन्होंने झेला है, आपके आने से उनको मदद मिलने वाली है। उनको एक नई ताकत मिलने वाली है। इसलिए ये कोर्स अपने आप में आपकी जिन्दगी में एक नया अवसर लेकर के आ रहा है। मानवता की सेवा का लोक कल्याण का एक विशेष अवसर आपको उपलब्ध हो रहा है। इस पवित्र कार्य के लिए, मानव सेवा के कार्य के लिए ईश्वर आपको बहुत शक्ति दे। आप जल्द से जल्द इस कोर्स की हर बारीकी को सीखें। आपने आप को उत्तम व्यक्ति बनाने का प्रयास करें। आपके पास वो स्किल हो जो हर किसी की जिन्दगी बचाने के काम आए। इसके लिए मेरी तरफ से आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं।
बहुत-बहुत धन्यवाद !
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