#केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड
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mwsnewshindi · 2 years ago
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क्रिप्टो सिक्कों पर टीडीएस: वज़ीरएक्स, अन्य ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म नए नियम लागू करते हैं, मुख्य परिवर्तन जानें
क्रिप्टो सिक्कों पर टीडीएस: वज़ीरएक्स, अन्य ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म नए नियम लागू करते हैं, मुख्य परिवर्तन जानें
आखरी अपडेट: 02 जुलाई, 2022, 16:18 IST क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों ने क्रिप्टो पर नए टीडीएस नियमों को लागू करना शुरू कर दिया है। उनके अधिकारियों ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के लिए टीडीएस नियम का पालन करने की आवश्यकता को क्रिप्टो एक्सचेंज वेबसाइटों पर लागू किया गया है। के कराधान के संबंध में नए नियमों का एक सेट क्रिप्टोकरेंसी और वर्चुअल डिजिटल एसेट्स 1 जुलाई से प्रभावी हो चुके हैं, जिसके तहत वीडीए…
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samaya-samachar · 1 year ago
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बीबीसीद्धारा कर छलेको स्विकार, भारत बुझायो ६४ करोड आयकर
नयाँ दिल्ली, २४ जेठ । ब्रिटिश ब्रोडकास्टिङ कर्पोरेशन (बीबीसी) ले भारतमा ६४ करोड रुपैयाँ आयकर तिरेको छ।    मिडिया रिपोर्टका अनुसार केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) लाई पठाएको पत्र अनुसार बीबीसी कर नतिरेको स्विकार गर्दै कर तिरेको हो । आयकर रिटर्नमा तिर्नु पर्ने जति कर हो, त्यो भन्दा भन्दा कम तिरेको जनाएको छ ।   यो भनिएको छ कि अब बीबीसी हिन्दीले औपचारिक रूपमा संशोधित रिटर्न फाइल गर्नुपर्नेछ,…
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trendingwatch · 2 years ago
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1 जुलाई से क्रिप्टो एसेट्स पर टीडीएस: आयकर विभाग दिशानिर्देश जारी करता है; यहां जानिए नियम
1 जुलाई से क्रिप्टो एसेट्स पर टीडीएस: आयकर विभाग दिशानिर्देश जारी करता है; यहां जानिए नियम
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (वीडीए) या पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) पर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। क्रिप्टो संपत्तिजो 1 जुलाई से प्रभावी होगा। इसने लेन-देन की तारीख और भुगतान के तरीके सहित, कर प्राधिकरण को इसकी रिपोर्ट करने के लिए पार्टियों द्वारा एक आभासी डिजिटल संपत्ति लेनदेन का पालन करने की समयसीमा निर्दिष्ट की है। केंद्रीय बजट 2022 में वित्त मंत्री…
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lazypenguinearthquake · 3 years ago
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दवा कंपनियों द्वारा डॉक्टरों को दी जाने वाली मुफ्त दवाओं पर कोई कर छूट नहीं: सुप्रीम कोर्ट | इंडिया न्यूज - टाइम्स ऑफ इंडिया
दवा कंपनियों द्वारा डॉक्टरों को दी जाने वाली मुफ्त दवाओं पर कोई कर छूट नहीं: सुप्रीम कोर्ट | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
नई दिल्ली: दवा कंपनियों द्वारा डॉक्टरों को मुफ्त उपहार देने पर चिंता व्यक्त करते हुए, जो दवाओं की कीमतों को बढ़ा रहे हैं उच्चतम न्यायालय मंगलवार को व्यवस्था दी कि वे चिकित्सकों को उनके चिकित्सा उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन देने में किए गए खर्च पर कर छूट का दावा करने के हकदार नहीं हैं और इसे उनकी आय का हिस्सा माना जाएगा। जस्टिस यूयू ललित और एस रवींद्र भट की खंडपीठ ने एक कंपनी की…
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lok-shakti · 3 years ago
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आईटी विभाग ने लैपटॉप फर्म द्वारा आयात के तहत चालान, कर चोरी का पता लगाया
आईटी विभाग ने लैपटॉप फर्म द्वारा आयात के तहत चालान, कर चोरी का पता लगाया
सीबीडीटी ने शनिवार को कहा कि आयकर विभाग ने हाल ही में लैपटॉप और मोबाइल फोन के एक व्यापारी पर छापेमारी के बाद आयात के “बड़े पैमाने पर” अंडर-इनवॉइस का पता लगाया है। 10 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, हरियाणा और पश्चिम बंगाल के स्थानों पर छापेमारी की गई। “खोज के दौरान मिले और जब्त किए गए सबूतों से पता चलता है कि विदेशी मालवाहकों को इस तरह के कम चालान वाले सामानों का भुगतान हवाला चैनलों के…
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untitled59750 · 3 years ago
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CBDT: Refunded Rs 67,400 crore to 24 lakh taxpayers till August 30
CBDT: Refunded Rs 67,400 crore to 24 lakh taxpayers till August 30
WATCH NOW नई दिल्ली: कर विभाग शनिवार को कहा कि उसने रुपये से अधिक का रिफंड जारी किया था। इस साल 1 अप्रैल से 30 अगस्त के बीच लगभग 24 लाख करदाताओं को 67,401 करोड़ रुपये। 22,61,918 मामलों में 16,373 करोड़ रुपये का आयकर रिफंड जारी किया गया है और 1,37,327 मामलों में 51,029 करोड़ रुपये का कॉर्पोरेट टैक्स रिफंड जारी किया गया है। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ट्विटर पर कहा। इससे पहले 21 अगस्त को, कर विभाग…
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everynewsnow · 4 years ago
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फेसिअल स्कीम: सरकार 1 लाख से अधिक कर आदेश जारी करती है
फेसिअल स्कीम: सरकार 1 लाख से अधिक कर आदेश जारी करती है
नई दिल्ली: सरकार ने फेसलेस मूल्यांकन योजनाओं के तहत 1.2 लाख के करीब ऑर्डर जारी किए हैं, लेकिन खुद को कई जगहों पर पाया है करदाताओं, जिनके मामले शुरू में उठाए गए थे, इलेक्ट्रॉनिक रूप से जारी किए गए नोटिसों का जवाब नहीं दे रहे हैं। इससे संकेत मिला है केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड सहयोग लेने के लिए, विफल होना कि कौन-से पूर्व-भाग आदेश जारी किए जा सकते हैं या करदाता कॉल कर सकते हैं। “कुछ लोग अभी भी…
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jaksnews · 4 years ago
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आई-टी रिफंड की कीमत रु। 1.18 लाख करोड़ 33.54 लाख करदाताओं को 29 सितंबर तक जारी किए गए
आई-टी रिफंड की कीमत रु। 1.18 लाख करोड़ 33.54 लाख करदाताओं को 29 सितंबर तक जारी किए गए
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द्वारा: PTI | नई दिल्ली | 30 सितंबर, 2020 5:24:25 बजे
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सरकार ने COVID-19 महामारी के दौरान करदाताओं को बिना किसी बाधा के कर-संबंधी सेवाएं प्रदान करने पर जोर दिया है और उस अंत तक लंबित कर रिफंड को मंजूरी दे दी है। (रिप्रेसेंटेशनल)
आयकर विभाग ने बुधवार को कहा कि उसने 29 सितंबर को 6 महीने में 33 लाख से अधिक करदाताओं के लिए 1.18 लाख करोड़…
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ckpcity · 4 years ago
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I-T Dept बैंकों के लिए नई उपयोगिता बनाता है, उच्च मूल्य वाले नकद निकासी पर टीडीएस दर की जांच करने के लिए पीओ
I-T Dept बैंकों के लिए नई उपयोगिता बनाता है, उच्च मूल्य वाले नकद निकासी पर टीडीएस दर की जांच करने के लिए पीओ
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केवल प्रतिनिधि उद्देश्यों के लिए छवि।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कहा कि अब बैंक / डाकघर को केवल उस व्यक्ति के पैन में प्रवेश करना है जो टीडीएस की लागू दर का पता लगाने के लिए नकदी निकाल रहा है।
PTI
आखरी अपडेट: 12 जुलाई, 2020, 10:43 PM IST
आयकर विभाग ने रविवार को कहा कि उसने बैंकों और डाकघरों को आईटीआर के गैर-फाइलर के मामले में 20 लाख रुपये से अधिक की नकद निकासी पर लागू टीडीएस दर का पता…
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mwsnewshindi · 2 years ago
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वित्त वर्ष 23 में प्रत्यक्ष कर के रूप में सरकार ने 13,63,649 करोड़ रुपये जुटाए, पिछले वित्त वर्ष की तुलना में संग्रह में 26% की वृद्धि
वित्त वर्ष 23 में प्रत्यक्ष कर के रूप में सरकार ने 13,63,649 करोड़ रुपये जुटाए, पिछले वित्त वर्ष की तुलना में संग्रह में 26% की वृद्धि
नई दिल्ली: वित्त वर्ष में भारत का सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 25.90 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 13,63,649 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 10,83,150 करोड़ रुपये था। भारत के आयकर विभाग के अनुसार, सकल संग्रह में निगम कर (CIT) 7,25,036 करोड़ रुपये और व्यक्तिगत आयकर (PIT) शामिल है, जिसमें STT सहित 6,35,920 करोड़ रुपये हैं। चालू वित्त वर्ष में शुद्ध कर संग्रह में भी 19.81% की…
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hindinewshub · 5 years ago
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CBDT issues tax refunds worth Rs 26,242 crore since 1st April छवि स्रोत: पीटीआई सीबीडीटी 1 अप्रैल से 26,242 करोड़ रुपये के कर रिफंड जारी करता है
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jhorar · 5 years ago
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Constitutional development 31 दिसम्बर 1600 ई. ब्रिटेन महारानी एलीजाबेथ-प्रथम के समय लंदन में ईस्ट इण्डिया कम्पनी की स्थापना हुई। 1608 ई. को विलियम हाकिन्स प्रथम अंग्रेज थे जो व्यापार की अनुमति प्राप्त करने भारत आए यहां पर इसकी मुलाकात मुगल शासक जहांगीर से हुई जो असफल रहा। 1611 ई. को कम्पनी द्वारा अपनी पहली व्यापारिक कोठी ‘‘मुसलीपट्टनम (आ.प्र.)’��� में स्थापित की जो दक्षिण भारत में स्थापित प्रथम कोठी थी। 1613 ई. में कम्पनी के द्वारा अपनी दुसरी कोठी ‘सूरत’ में ताप्ती नदी के किनारे स्थापित की गई। 1615 ई. में जैम्स-प्रथम का राजदूत सर टाॅमस राॅ भारत आया इसकी मुलाकात 1616 ई. में राजस्थान के अजमेर में मैग्जिन दुर्ग में जहांगीर से हुई यह भारत में स्वतंत्र व्यापार की अनुमति प्राप्त करने में सफल रहा। 1757 ई. का प्लासी युद्ध -  लार्ड क्लाइव व बंगाल नवाब सिराजुदौला के बीच। लार्ड क्लाइव विजय हुये। 1764 ई. का बक्सर युद्ध -  मुनरौ v/s बंगाल - मीर कासिम, अवध - शुजाउदौला मुगल - शाहआलम द्वितीय विजेता मुनरो कम्पनी का भारत में सबसे बड़ा पद गवर्नर था जो बंगाल में बैठता था। 1773 ई. का रेग्यूलेटिग एक्ट के द्वारा बंगाल के गवर्नर को बंगाल का गवर्नर जनरल बना दिया गया। बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल - लार्ड वारेन हस्टिंग्स 1833 ई. के चार्टर अधिनियम के द्वारा बंगाल के गवर्नर जनरल को ब्रिटिश भारत का गवर्नर जनरल बना दिया गया। बंगाल का अंतिम व ब्रिटिश भारत का प्रथम गवर्नर जनरल लार्ड विलियम बैटिंक 1858 ई. के अधिनियम के द्वारा गवर्नर जनरल के पद के आगे वायसराय का शब्द जोड़ा ब्रिटीश भारत का अंतिम गवर्नर जनरल व प्रथम वायसराय - लार्ड कैनिंग ब्रिटीश भारत का अंतिम वायसराय - लार्ड मांउट बैंटन स्वतंत्र भारत का प्रथम वायसराय - लार्ड माऊट बैटन स्वतंत्र भारत का अंतिम वायसराय व प्रथम भारतीय व्यक्ति था - सी. राजगोपाल चारी 1773 ई. को रेग्यूलेटिंग एक्ट: तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री लार्ड नाॅर्थ द्वारा गठित गुप्त समिति की सिफारिश पर 1773 ई. में पारित एक्ट को रेग्युलेटिंग एक्ट की संज्ञा दी गई। इसके द्वारा गवर्नर जनरल की सहायता के लिए एक चार सदस्यीय कार्यकारी परीषद का गठन किया गया। इस एक्ट के द्वारा मुम्बई $ मद्रास प्रांतों को भी बंगाल के अधीन कर दिया गया।  संवैधानिक विकास की प्रक्रिया इसी एक्ट के मानी जाती है। इस एक्ट के द्वारा भारत मे सर्वप्रथम 1774 ई. कोलकता में सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की गई। कुल न्यायाधिश - 1$3 = 4 प्रथम मुख्य न्यायाधिश: इलिजा इम्फै 1781 ई. के एक्ट को ‘‘एक्ट आॅफ सैटलमैंट’’ कहा जाता है। 1784 ई. का पिट्स एक्ट यह अधिनियम कम्पनी द्वारा अधिग्रहीत भारतीय राज्य क्षेत्रों पर ब्रिटिश ताज के स्वामीत्व दावे का पहला वैधानिक दस्तावेज था। नोट - इस अधिनियम के द्वारा भारत में कम्पनी के अधीन क्षेत्र को पहली बार व्रिटिश अधिपत्य का क्षेत्र कहा गया। गवर्नर जनरल की परीषद की संख्या चार से कम करके तीन कर दी गई। इस एक्ट के द्वारा कम्पनी के राजनैतिक व व्यापारिक कार्यो का बंटवारा किया गया। राजनैतिक कार्य - बोर्ड आॅफ कन्ट्रोल व्यापारिक कार्य - कोर्ट आॅफ डायरेक्टर 1813 ई. का चार्टर एक्ट: इस एक्ट के द्वारा कम्पनी के व्यापारिक एकाधिकार को आंशिक रूप से समाप्त कर दिया गया। नोट - चाय व चीन पर कम्पनी का एकाधिकार व्यापारिक रूप से बना रहा। इस एक्ट में भारतीययों की शिक्षा पर एक लाख रूपये की वार्षिक धन राशि व्यय करने का प्रावधान किया गया। भारत में ईसाई मिशनरियों को धर्म प्रचार की अनुमति प्रदान की गई। 1833 ई. को चार्टर अधिनियम: इस एक्ट के द्वारा बंगाल के गवर्नर जनरल को ब्रिटिश भारत का गवर्नर जनरल बना दिया गया। इस एक्ट के द्वारा कम्पनी के व्यापारिक एकधिकार को पूर्णत्याः समाप्त कर दिया गया। सिविल सेवकों के चयन के लिए खुली प्रतियोगिता का आयोजन शुरू करने का प्रयास किया गया। कोर्ट आॅफ डायरेक्टर्स के विरोध के कारण इस प्रावधान को समाप्त कर दिया गया। विधिक परामर्श हेतु गवर्नर जनरल की परिषद में विधि सदस्य के रूप में चैथे सदस्य को शामिल किया गया। विधियों के सहिताकरण के लिए गवर्नर जनरल को आयोग गठित करने का अधिकार दिया गया। नोट - 1834 ई. में लाॅर्ड मैकाले की अध्यक्षता में चार सदस्यीय विधि आयोग का गठन किया गया। भारत में  दास प्रथा को विधि के विरूद्ध घोषित कर दिया गया। 1843 ई. में दास प्रथा को समाप्त कर दिया गया। 1858 ई. का अधिनिमय: इस एक्ट के द्वारा ब्रिटिश भारत के गवर्नर जनरल के आगे वायसराय शब्द जोड़ा गया। प्रथम वायसराय - लार्ड कैनिग इसके द्वारा भारत मे ंकम्पनी के शासन का अंत कर दिया गया और भारत का शासन ब्रिटिश सरकार (क्राऊन) को सौंप दिया गया। इसके द्वारा इंग्लेण्ड की मंत्री परिषद ने भारत के राज्य सचिव (भारत मंत्री) का पद स्थापित किया गया। यह सचिव ब्रिटिश केबिनेट का सदस्य था जो ब्रिटिश संसद के प्रति उत्तरदायी था। प्रथम भारत सचिव - लार्ड स्टनले भारत सचिव सहायता के लिए 15 सदस्यों की भारत परिषद का गठन किया गया। नियंत्रण बोर्ड तथा निदेशक मण्डल को समाप्त कर दिया गया। 1909 ई. मार्ले - मिन्टो सुधार अधियिम: लार्ड मार्ले इंग्लेण्ड में भारत के राज्य सचिव थे। तथा लाॅर्ड मिन्टों भारत में वायसराय थे। इस अधिनिमय के द्वारा पहली बार किसी भारतीय का वायसराय और गवर्नर की कार्यकारी परिषद के साथ एसोसिएशन बनाने का प्रावधान किया गया। सत्येंद्र प्रसाद सिन्हा वायसराय की कार्यकारी परिषद के प्रथम भारतीय सदस्य बने। उन्हें विधि सदस्य बनाया गया था। भारत में सर्वप्रथम सम्प्रदायिक निर्वाचन प्रण���ली को प्रारम्भ किया गया। इसके द्वारा मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचन क्षेत्र स्थापित किए गए। नोट - भारत में पहली बार आरक्षण की शुरूआत 1892 ई. में हुई। 1919 ई. का माॅटेग्यू-चैक्सफोर्ड अधिनिमय:- माॅटेग्यू-भारत सचिव  चैक्सफोर्ड वायसराय यह पहला अधिनियम था जिसमें प्रस्तावना का उल्लेख था। नोट - इसके द्वारा प्रांतों में द्वैद्व शासन प्रारम्भ हुआ। प्रांतों में विषयों को दो भागों में बांटा गया। आरक्षित विषय: गवर्नर कार्यपालिका परिषद् की सहायता से शासन करता था जो विधान परिषद के प्रति उत्तरदायी नहीं था। विषय - राजस्व, न्याय, वित्त व प��लिस आदि। हस्तांतर��त विषय: गवर्नर उन मंत्रियों की सहायता से कार्य करता था जो विधान परिषदों के प्रति उत्तरदायी थे। विषय - शिक्षा व स्वास्थ्य, स्थानीय स्वशासन आदि। पहली बार उत्तरदायी शब्द का प्रयोग किया गया। इसके द्वारा प्रांतों में आंशिक रूप से उत्तरदायी शासन लागू किया गया। इस अधिनियम के द्वारा केन्द्र में द्विसदनीय व्यवस्थापिका की स्थापना की गई। केन्द्रीय विधानमण्डल    राज्य परिषद         केन्द्रीय विधानसभा राज्य परिषद -       सदस्य 60   निर्वाचित 34,       मनोनित 26        कार्यकाल 5 वर्ष केन्द्रीय विधान सभा -  सदस्य 144         ।              ।        निर्वाचित 104,    मनोनित 40        कार्यकाल 3 वर्ष नोट - केन्द्रीय विधानमण्डल से पूर्व केन्द्रीय विधान परिषद थी। प्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली को लागु किया गया तथा महिलाओं को मता अधिकार दिया गया। इस अधिनिमय के द्वारा पहली बार केन्द्रीय बजट को राज्यों के बजट से अलग कर दिया गया और राज्य विधान परिषदों को अपना बजट स्वयं बनाने का अधिकार दिया गया। केन्द्रीय व प्रांतिय विधानपरिषदों को अपनी सूचि के विषयों पर कानून बनाने का अधिकार प्रदान किया गया। केन्द्रीय सूचि के विषय - विदेश नीति, रक्षा, डाक-तार तथा सावर्जनिक ऋण आदि। प्रान्तीय सूचि के विषय - स्थानीय स्वशासन, शिक्षा, चिकित्सा, कृषि, भूमि कर आदि। यह अधिनिमय भारत में संघात्मक शासन व्यवस्था का आधार माना जाता है। इसमें पहली बार लोक सेवा आयोग (PSC)  के गठन का प्रावधान किया गया। नोट - 1923 ई. में लोक सेवाओं में सुधार के लिए ‘‘ली आयोग’’ का गठन किया गया है तत्पश्चात इसकी रिपोर्ट के बाद 1926 ई. में ‘सर रोस बार्कर’ की अध्यक्षता में केन्द्रीय लोक सेवा आयोग (CPSC) का गठन 1926 ई. में किया गया। 1935 ई. FPSC (फैड्रल पब्लिक सर्विस कमीशन) 1950 ई. UPSC (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) इस एक्ट के द्वारा साम्प्रदायिक निर्वाचन प्रणाली का विस्तार किया गया। नोट - इसके द्वारा आंगल भारतीयों, भारतीय इसाईयों, यूरोपियन, सिक्खों को भी साम्प्रदायिक निर्वाचन प्रणाली में शामिल किया गया। भारत सचिव का खर्च भारत के राजस्व से हटाकर ब्रिटिश राजस्व से दिये जाने का प्रावधान किया गया। 1935 भारत शासन अधिनियमः- इस एक्ट का भारतीय संविधान पर सर्वाधिक प्रभाव पड़ा। इसके तहत संघीय लोक सेवा आयोग तथा राज्य लोक सेवा आयोग की स्थापना का प्रावधान किया गया। प्रांतों में द्वैद्व शासन व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया तथा केन्द्र में द्वैद्व शासन व्यवस्था को प्रारम्भ किया गया प्रांतों में पूर्ण रूप से उत्तरदायी शासन प्रारम्भ किया गया। इसके द्वारा दिल्ली में Oct. 1937  को संघीय न्यायलय की स्थापना की गई यह सर्वोच्च न्यायालय नहीं था क्योंकि इसके निर्णय के विरूद्ध लंदन स्थित प्रिवी कौंसिल में अपील की जा सकती थी। इस एक्ट में निर्देशों के उपकरण का उल्लेख था जिन्हें वर्तमान में राज्य के नीति निर्देशक तत्व कहा जाता है। इसके द्वारा अखिल भारतीय संघ की स्थापना की गई। इसके द्वारा केन्द्र व इकाईयों (प्रांतों$ देशी रियासतों) के बीच तीन सूचियों के आधार पर शक्ति का बंटवारा किया गया। संघ सूचि - विषय 59 राज्य सूचि - विषय 54 समवर्ति सूचि - विषय 36 इस एक्ट को जवाहरलाल नेहरू ने ‘‘दासता का अधिकार पत्र’’ तथा ऐसी इंजन रहित गाड़ी जिसमें अनेक ब्रेक लेगें हो। भाग 14, धाराएं 321, अनुसूचियां 10   जिन्ना के इसे पूर्णतः सड़ा और मूल रूप से बुरा कहा था। रिजर्व बैंक की स्थापना की गई।
http://advancestudytricks.blogspot.com/2020/01/Constitutionaldevelopmen.html
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lazypenguinearthquake · 3 years ago
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सीबीडीटी: पुणे कारोबारी समूह पर छापे के बाद 200 करोड़ रुपये की काली आय का पता चला: सीबीडीटी | इंडिया न्यूज - टाइम्स ऑफ इंडिया
सीबीडीटी: पुणे कारोबारी समूह पर छापे के बाद 200 करोड़ रुपये की काली आय का पता चला: सीबीडीटी | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
नई दिल्ली: आयकर विभाग उत्खनन और क्रेन जैसी भारी मशीनरी के निर्माण में लगे पुणे स्थित एक व्यापारिक समूह पर छापा मारने के बाद 200 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब आय का पता चला है। सीबीडीटी मंगलवार को दावा किया। 11 नवंबर को सात शहरों में 25 जगहों पर छापेमारी की गई थी. “खोज कार्रवाई के परिणामस्वरूप 1 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी और आभूषण जब्त किए गए हैं और तीन बैंक लॉकरों को संयम में रखा गया है।…
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24gnewshindi · 3 years ago
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जेबी महापात्र को कर निकाय सीबीटीडी अध्यक्ष का अतिरिक्त प्रभार मिला
जेबी महापात्र को कर निकाय सीबीटीडी अध्यक्ष का अतिरिक्त प्रभार मिला
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड आयकर विभाग के लिए नीति तैयार करता है। (प्रतिनिधि) नई दिल्ली: एक सरकारी आदेश में कहा गया है कि 1985 बैच के भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी जेबी महापात्र को पीसी मोदी का विस्तारित कार्यकाल समाप्त होने के बाद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष के रूप में अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड आयकर विभाग के लिए नीति तैयार करता है। राजस्व…
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newskey21 · 3 years ago
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cbdt: Cbdt टू इट: उप-₹50l मामलों को आयु '14-16 के लिए फिर से न खोलें | मुंबई खबर
cbdt: Cbdt टू इट: उप-₹50l मामलों को आयु ’14-16 के लिए फिर से न खोलें | मुंबई खबर
मुंबई: The केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हाल ही में लागू किए गए मामलों को फिर से खोलने पर अपने आयकर (आईटी) संवर्ग को विस्तृत निर्देश जारी किए हैं उच्चतम न्यायालय गण। ये निर्देश पिछले कुछ वर्षों से संबंधित छोटे मामलों को फिर से खोलने से रोकेंगे। जैसा कि टीओआई द्वारा रिपोर्ट किया गया था, इस आदेश के अनुसार, लगभग 90,000 पुनर्मूल्यांकन नोटिस जो 1 अप्रैल, 2021 के बाद आईटी विभाग द्वारा…
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tezlivenews · 3 years ago
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प्रमोद चंद्र मोदी बने राज्‍यसभा के नए महासचिव, पीपीके रामाचार्युलु की लेंगे जगह
प्रमोद चंद्र मोदी बने राज्‍यसभा के नए महासचिव, पीपीके रामाचार्युलु की लेंगे जगह
नई दिल्‍ली. केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT ) के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद चंद्र मोदी (Pramod Chandra Mody) को राज्यसभा (Rajya Sabha) का नया महासचिव नियुक्त किया गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मोदी पीपीके रामाचार्युलु (PPK Ramacharyulu) का स्थान लेंगे. राज्यसभा के महासचिव पद पर उनकी नियुक्ति को अभी तीन महीने भी नहीं हुए थे कि उन्हें हटा दिया गया है. नए महासचिव की नियुक्ति संसद के…
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