#केजी बेसिन
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रिलायंस साल के अंत तक केजी बेसिन में नए गैस कंडेनसेट फील्ड को चालू करेगा
रिलायंस साल के अंत तक केजी बेसिन में नए गैस कंडेनसेट फील्ड को चालू करेगा
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड बंगाल की खाड़ी ब्लॉक केजी-डी6 में अपने डीपवाटर एमजे गैस कंडेनसेट फील्ड को साल के अंत तक चालू कर देगी, जिससे प्राकृतिक गैस का उत्पादन भारत के कुल उत्पादन का 30 प्रतिशत हो जाएगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अन्वेषण और उत्पादन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय रॉय ने एक निवेशक कॉल पर कहा, “वर्ष के अंत तक पहले गैस उत्पादन के लिए एमजे गैस कंडेनसेट फील्ड प्रोजेक्ट काफी हद तक ट्रैक…
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गैस कारोबार के लिए रिलायंस की राह पर ओएनजीसी, अलग कंपनी बनाने का फैसला
गैस कारोबार के लिए रिलायंस की राह पर ओएनजीसी, अलग कंपनी बनाने का फैसला
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर कहीं भी, कभी भी। *Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP! ख़बर सुनें ख़बर सुनें सरकारी क्षेत्र की कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) गैस कारोबार के लिए एक अलग अनुषंगी कंपनी का गठन कर रही है। यह कंपनी उसकी (ओएनजीसी की) परियोजनाओं की गैस खरीद सकती है। इसका गठन रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा बना�� गई अलग गैस कंपनी की तर्ज पर होगा। ओएनजीसी के…
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केजी बेसिन में 72 गैस कुएं विकसित करेगा ONGC, ईएसी ने दी मंजूरी
केजी बेसिन में 72 गैस कुएं विकसित करेगा ONGC, ईएसी ने दी मंजूरी
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गैस कुआं
ओएनजीसी ने आंध्र प्रदेश के कृष्णा, पूर्वी गोदावरी और पश्चिमी गोदावरी जिलों में 72 कुओं को ��िकसित करने के लिये पर्यावरण मंत्रालय के समक्ष प्रस्ताव भेजा था.
प्रतीकात्मक फोटो
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ओएनजीसी को तेल क्षेत्रों में हिस्सेदारी बेचने, ड्रिलिंग कारोबार को अलग करने को कहा गया Divya Sandesh
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ओएनजीसी को तेल क्षेत्रों में हिस्सेदारी बेचने, ड्रिलिंग कारोबार को अलग करने को कहा गया
नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) पेट्रोलियम मंत्रालय ने देश की सबसे बड़ी तेल एवं गैस उत्पादक ओएनजीसी से अपने उत्पादक तेल क्षेत्रों मसलन रत्ना आर-श्रृंखला में हिस्सेदारी निजी कंपनियों को बेचने को कहा है। इसके अलावा मंत्रालय ने कंपनी से केजी बेसिन गैस क्षेत्र में विदेशी भागीदार को साथ लाने, मौजूदा ढांचे के मौद्रिकरण और ड्रिलिंग और अन्य सेवाओं को अलग इकाई के तहत लाने को कहा है। मंत्रालय ने कंपनी को सुझाव दिया है कि वह उत्पादन बढ़ाने के लिए ये कदम उठाए। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (खोज) अमर नाथ ने ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सुभाष कुमार को एक अप्रैल को पत्र लिखकर सात-सूत्रीय कार्रवाई योजना का क्रियान्वयन करने को कहा है। पत्र में कहा गया है कि इससे ओएनजीसी 2023-24 तक अपने तेल एवं गैस उत्पादन में एक-तिहाई की बढ़ोतरी कर सकेगी। पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में ओएनजीसी को अपने तेल एवं गैस क्षेत्रों के निजीकरण के लिए तीसरी बार कहा गया है। इससे पहले अक्टूबर, 2017 में मंत्रालय की तकनीकी इकाई हाइड्रोकॉर्बन महानिदेशालय ने 79.12 करोड़ टन कच्चे तेल और 333.46 अरब घनमीटर गैस के सामूहिक भंडार के 15 उत्पादक क्षेत्रों की पहचान की थी, जिन्हें निजी क्षेत्र को सौंपने की सलाह दी थी। महानिदेशालय का मानना था कि इससे इन क्षेत्रों के अनुमान और खोज में सुधार हो सकेगा। एक साल बाद ओएनजीसी के 149 ऐसे छोटे और सीमान्त क्षेत्रों की पहचान की गई, जिन्हें निजी और विदेशी कंपनियों को सौंपा जाए और कंपनी सिर्फ बड़े क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर सकेगी। सूत्रों ने बताया कि ��एनजीसी के कड़े विरोध के कारण पहली योजना को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। दूसरी योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास भेजा गया। मंत्रिमंडल ने 19 फरवरी, 2019 को ओएनजीसी के 64 सीमान्त क्षेत्रों के लिए बोलियां मंगवाने का फैसला किया। लेकिन इस निविदा को काफी ठंडी प्रतिक्रिया मिली और ओएनजीसी को इस शर्त के साथ 49 क्षेत्र अपने पास रखने की अनुमति दी गई कि वह कड़ाई से इनके प्रदर्शन की निगरानी करेगी। मंत्रालय के एक अप्रैल, 2021 के नोट में कहा गया है कि मंत्रिमंडल के फैसले के बाद अब दो साल हो चुके हैं। ऐसे में अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वाले क्षेत्रों की पहचान कर उनका विनिवेश और निजीकरण किया जाना चाहिए।
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D1, D3 गैस क्षेत्रों में उत्पादन बंद करने के बाद रिलायंस ने केजी बेसिन के R कलस्टर से प्रॉडक्शन किया शुरू
D1, D3 गैस क्षेत्रों में उत्पादन बंद करने के बाद रिलायंस ने केजी बेसिन के R कलस्टर से प्रॉडक्शन किया शुरू
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने यह उत्पादन अपने यूके की साथी कंपनी बीपी के साथ शुरू किया है. आर कलस्टर तीन परियोजनाओं में से पहला है इसके बाद दो और परियोजनाएं शुरू होंगी. Source
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रिलायंस, बीपी ने लपका सस्ते में गैस फील्ड डिवेलप करने का मौका रिलायंस इंडस्ट्रीज और बीपी पीएलसी ने पिछले हफ्ते ६ अरब डॉलर के निवेश का ऐलान किया था । उन्होंने बहुत ही कम कॉस्ट में गैस फील्ड को डिवेलप करने और प्रोडक्शन को मार्केट रेट पर बेचने का मौका लपक लिया हैं । उनके ऐलान से सबकी नजरें एक बार फिर कृष्णा गोदावरी बेसिन ब्लॉक पर गड़ गई हैं । जो देश के सबसे रईस शख्स की प्राथमिकता सूची में नीचे सरकता जा रहा था । इस ऐलान की टाइमिंग अहम हैं क्योंकि नया आउटपुट २०२० से शुरु होगा और २०२२ में तिगुना हो जाएगा । मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के मुताबिक तब तक ग्लोबल मार्केट में गैस की अतिरिक्त उपलब्धता खत्म हो चुकी होगी । हाल के वर्षो में प्रोडक्शन बहुत ज्यादा होने से ग्लोबल मार्केट में गैस का दाम खासा गिरा हैं, जिसके चलते इस सेक्टर में नया निवेश नहीं आ रहा हैं । कंपनियों को चुनौतीपूर्ण गैस फील्ड से प्रोडक्शन पर मिलने वाले प्रीमियम प्राइस का फायदा मिलेगा । यह रेट फिलहाल ६.२ डोलर प्रति युनिट है जो नोर्मल फील्ड के आउटपूट से डबल से ज्यादा हैं । वहीं ब्रोकरेज फर्म इडलवाइज ने अनुमान दिया है कि डीप वॉटर रिग की कॉस्ट २०१४ के बाद आधी रह गई हैं । रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और बीपी के सीईओ बॉब डडली ने जिस प्लान का ऐलान किया है, उससे उनको केजी बेसिस की संभावनाओं वाली फील्डस से कमाई करने में बहुत मदद मिलेगी । केजी बेसिन लंबे समय से विवादों में घिरा रहा हैं। एनालिस्टों का कहना है कि रिलायंस बीपी की योजना से इंडिया के एक्स लोरेशन और प्रोडक्शन सेक्टर में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ेगी ।
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