#कृषिकानूनों
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allgyan · 4 years ago
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धरना प्रदर्शन और किसान आंदोलन -
धरना -प्रदर्शन हो या विरोध प्रदर्शन आजकल आम बात है लेकिन ये परम्परा कैसे शुरू हुई या कहे कब शुरू हुई या किस लिए शुरू हुई |ये बात ही आपको बताना चाहते है | इस समय भी देश में किसान अपने हक़ के लिए विरोध प्रदर्शन पुरे देश में कर रहे है | कृषि कानूनों को लेकर जो सरकार संसद में पास कर दिया है | इसमें लोग कई तरह का प्रदर्शन कर रहे है |
Protest शब्द का सबसे पहले प्रयोग -
कई लोगों के इस पे अलग -अलग मत है |लेकिन अपने हक़ के लिए प्रदर्शन करना कोई गुनाह नहीं है | Protest शब्द का Origin फ्रेंच भाषा के  प्रोटेट से लिया गया है जिसे पहली बार सन 1751 में स्टेटमेंट ऑफ़ डिसएप्रूवल के तौर पर रिकॉर्ड किया गया था। कई रिसर्च के अनुसार दुनिया में सबसे पहला विरोध प्रदर्शन 195 ईसापूर्व  में रोमन साम्राज्य के दौर में हुआ था। इस विरोध प्रदर्शन में महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाई थी।
भूख हड़ताल का जिक्र स��विल राइट्स में -
भारत में पहले भी लोग अपना विरोध प्रदर्शन जताते थे कर्ज मुक्ति को लेकर भूख हड़ताल करते थे | जेलों में भी लोग अपने हक़ के लिए हड़ताल करते आये है |जबकि भूख हड़ताल का जिक्र सबसे पहले आयरलैंड के सिविल राइट्स में किया गया है |भारत में आज़ादी के लड़ाई में कई तरह के विरोध प्रदर्शन हुए है उसमे नमक आंदोलन ,दांडी यात्रा का बहुत महत्व है |भारत में सबसे लम्बे समय तक धरना प्रदर्शन करने का रिकॉर्ड मास्टर विजय सिंह के नाम है, जो पिछले 21 वर्षों से इंसाफ की उम्मीद में सिस्टम में बदलाव का इंतज़ार कर रहे हैं।
दुनिया में सबसे लम्बे समय तक विरोध करने का रिकॉर्ड अमेरिका की एक महिला के नाम पर है। परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के विरोध में इस महिला ने 30 वर्षों से ज़्यादा समय तक विरोध प्रदर्शन किया था और इसी वर्ष यानी जनवरी 2016 में वाइट हाउस  के सामने उसकी मौत हो गई|दिल्ली में तो जंतर -मंतर हड़ताल का , विरोध का या एक केंद्र ही बन चूका है |किसी न कहा है की जब नाइंसाफी करना क़ानून बन जाए तो विरोध करना हमारा कर्तव्य बन जाता है।विरोध प्रदर्शन का हमेशा ही स्वर्णम इतिहास रहा है |समाज का दायित्व होना चाहिए की अपने विरोधों को कम से कम खुद में समाहित कर सके | विरोध का मतलब क्या है हो सकता है वो आपके मत से सहमत नहीं हो |और जो आपके मत से सहमत नहीं क्या वो विरोध भी नहीं कर सकता है |इस बात पे आपको सोचना जरूर चाहिए |
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allgyan · 4 years ago
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धरना प्रदर्शन और किसान आंदोलन -
धरना -प्रदर्शन हो या विरोध प्रदर्शन आजकल आम बात है लेकिन ये परम्परा कैसे शुरू हुई या कहे कब शुरू हुई या किस लिए शुरू हुई |ये बात ही आपको बताना चाहते है | इस समय भी देश में किसान अपने हक़ के लिए विरोध प्रदर्शन पुरे देश में कर रहे है | कृषि कानूनों को लेकर जो सरकार संसद में पास कर दिया है | इसमें लोग कई तरह का प्रदर्शन कर रहे है |
Protest शब्द का सबसे प��ले प्रयोग -
कई लोगों के इस पे अलग -अलग मत है |लेकिन अपने हक़ के लिए प्रदर्शन करना कोई गुनाह नहीं है | Protest शब्द का Origin फ्रेंच भाषा के  प्रोटेट से लिया गया है जिसे पहली बार सन 1751 में स्टेटमेंट ऑफ़ डिसएप्रूवल के तौर पर रिकॉर्ड किया गया था। कई रिसर्च के अनुसार दुनिया में सबसे पहला विरोध प्रदर्शन 195 ईसापूर्व  में रोमन साम्राज्य के दौर में हुआ था। इस विरोध प्रदर्शन में महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाई थी।
भूख हड़ताल का जिक्र सिविल राइट्स में -
भारत में पहले भी लोग अपना विरोध प्रदर्शन जताते थे कर्ज मुक्ति को लेकर भूख हड़ताल करते थे | जेलों में भी लोग अपने हक़ के लिए हड़ताल करते आये है |जबकि भूख हड़ताल का जिक्र सबसे पहले आयरलैंड के सिविल राइट्स में किया गया है |भारत में आज़ादी के लड़ाई में कई तरह के विरोध प्रदर्शन हुए है उसमे नमक आंदोलन ,दांडी यात्रा का बहुत महत्व है |भारत में सबसे लम्बे समय तक धरना प्रदर्शन करने का रिकॉर्ड मास्टर विजय सिंह के नाम है, जो पिछले 21 वर्षों से इंसाफ की उम्मीद में सिस्टम में बदलाव का इंतज़ार कर रहे हैं।
दुनिया में सबसे लम्बे समय तक विरोध करने का रिकॉर्ड अमेरिका की एक महिला के नाम पर है। परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के विरोध में इस महिला ने 30 वर्षों से ज़्यादा समय तक विरोध प्रदर्शन किया था और इसी वर्ष यानी जनवरी 2016 में वाइट हाउस  के सामने उसकी मौत हो गई|दिल्ली में तो जंतर -मंतर हड़ताल का , विरोध का या एक केंद्र ही बन चूका है |किसी न कहा है की जब नाइंसाफी करना क़ानून बन जाए तो विरोध करना हमारा कर्तव्य बन जाता है।विरोध प्रदर्शन का हमेशा ही स्वर्णम इतिहास रहा है |समाज का दायित्व होना चाहिए की अपने विरोधों को कम से कम खुद में समाहित कर सके | विरोध का मतलब क्या है हो सकता है वो आपके मत से सहमत नहीं हो |और जो आपके मत से सहमत नहीं क्या वो विरोध भी नहीं कर सकता है |इस बात पे आपको सोचना जरूर चाहिए |
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allgyan · 4 years ago
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धरना प्रदर्शन कब से शुरू हुए
धरना प्रदर्शन और किसान आंदोलन -
धरना -प्रदर्शन हो या विरोध प्रदर्शन आजकल आम बात है लेकिन ये परम्परा कैसे शुरू हुई या कहे कब शुरू हुई या किस लिए शुरू हुई |ये बात ही आपको बताना चाहते है | इस समय भी देश में किसान अपने हक़ के लिए विरोध प्रदर्शन पुरे देश में कर रहे है | कृषि कानूनों को लेकर जो सरकार संसद में पास कर दिया है | इसमें लोग कई तरह का प्रदर्शन कर रहे है |
Protest शब्द का सबसे पहले प्रयोग -
कई लोगों के इस पे अलग -अलग मत है |लेकिन अपने हक़ के लिए प्रदर्शन करना कोई गुनाह नहीं है | Protest शब्द का Origin फ्रेंच भाषा के  प्रोटेट से लिया गया है जिसे पहली बार सन 1751 में स्टेटमेंट ऑफ़ डिसएप्रूवल के तौर पर रिकॉर्ड किया गया था। कई रिसर्च के अनुसार दुनिया में सबसे पहला विरोध प्रदर्शन 195 ईसापूर्व  में रोमन साम्राज्य के दौर में हुआ था। इस विरोध प्रदर्शन में महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाई थी।
भूख हड़ताल का जिक्र सिविल राइट्स में -
भारत में पहले भी लोग अपना विरोध प्रदर्शन जताते थे कर्ज मुक्ति को लेकर भूख हड़ताल करते थे | जेलों में भी लोग अपने हक़ के लिए हड़ताल करते आये है |जबकि भूख हड़ताल का जिक्र सबसे पहले आयरलैंड के सिविल राइट्स में किया गया है |भारत में आज़ादी के लड़ाई में कई तरह के विरोध प्रदर्शन हुए है उसमे नमक आंदोलन ,दांडी यात्रा का बहुत महत्व है |भारत में सबसे लम्बे समय तक धरना प्रदर्शन करने का रिकॉर्ड मास्टर विजय सिंह के नाम है, जो पिछले 21 वर्षों से इंसाफ की उम्मीद में सिस्टम में बदलाव का इंतज़ार कर रहे हैं।
दुनिया में सबसे लम्बे समय तक विरोध करने का रिकॉर्ड अमेरिका की एक महिला के नाम पर है। परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के विरोध में इस महिला ने 30 वर्षों से ज़्यादा समय तक विरोध प्रदर्शन किया था और इसी वर्ष यानी जनवरी 2016 में वाइट हाउस  के सामने उसकी मौत हो गई|दिल्ली में तो जंतर -मंतर हड़ताल का , विरोध का या एक केंद्र ही बन चूका है |किसी न कहा है की जब नाइंसाफी करना क़ानून बन जाए तो विरोध करना हमारा कर्तव्य बन जाता है।विरोध प्रदर्शन का हमेशा ही स्वर्णम इतिहास रहा है |समाज का दायित्व होना चाहिए की अपने विरोधों को कम से कम खुद में समाहित कर सके | विरोध का मतलब क्या है हो सकता है वो आपके मत से सहमत नहीं हो |और जो आपके मत से सहमत नहीं क्या वो विरोध भी नहीं कर सकता है |इस बात पे आपको सोचना जरूर चाहिए |
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