#कृषि विज्ञान
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ASC2023: 16वें कृषि विज्ञान कांग्रेस का होने जा रहा है आयोजन, जानिए कहां करें रजिस्ट्रेशन
इस बार क्या है 16वें कृषि विज्ञान कांग्रेस की थीम और क्या है ख़ास?
कृषि विज्ञान कांग्रेस का लक्ष्य दुनिया भर के प्रमुख शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, छात्रों, किसानों, उद्यमियों जैसे वर्गों को एक साथ लाना है। ताकि वो कृषि-खाद्य प्रणालियों के सभी विषयों पर अपने शोध निष्कर्षों, विचारों और अनुभवों का एक दूसरे के साथ साझा कर सकें।
16वां कृषि विज्ञान कांग्रेस (ASC) 10 से 13 अक्टूबर 2023 तक कोची में आयोजित होगा। राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी (National Academy of Agricultural Sciences), नई दिल्ली की ओर से ये कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसकी मेज़बानी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्-केंद्रीय समुद्री मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (ICAR-CMFRI) करेगा। इस बार कृषि विज्ञान कांग्रेस की थीम “सतत विकास लक्ष्यों (SDG) को प्राप्त करने के लिए कृषि-खाद्य प्रणालियों का परिवर्तन” पर केंद्रित है।
कृषि विज्ञान कांग्रेस का क्या है लक्ष्य?
कृषि विज्ञान कांग्रेस का लक्ष्य दुनिया भर के प्रमुख शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, छात्रों, किसानों, उद्यमियों जैसे वर्गों को एक साथ लाना है। ताकि वो कृषि-खाद्य प्रणालियों के सभी विषयों पर अपने शोध निष्कर्षों, विचारों और अनुभवों का एक दूसरे के साथ साझा कर सकें।
इन्हीं सभी बातों को ध्यान में रखते हुए कृषि विज्ञान कांग्रेस में प्रतिनिधियों और प्रतिभागियों को कृषि और उससे जुड़े सभी विषयों के मुद्दों जैसे भूमि और पानी की स्थिरता, कृषि उत्पादन प्रणालियों, उत्पादों, कृषि मशीनरी, अर्थशास्त्र, नवीकरणीय और वैकल्पिक ऊर्जा, प्रिसिजन फार्मिंग, वैकल्पिक खेती प्रणाली, तटीय कृषि, आने वाली पीढ़ियों में प्रौद्योगिकियां जैसे विषयों पर अपने विचारों को रखने के लिए पर्याप्त अवसर दिया जाएगा।
इन विषयों पर होगी मुख्य चर्चा:
खाद्य एवं पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना: उत्पादन, उपभोग और मूल्यवर्धन
टिकाऊ कृषि-खाद्य प्रणालियों के लिए जलवायु कार्रवाई
सीमांत विज्ञान और उभरती आनुवंशिक प्रौद्योगिकियाँ: जीनोम प्रजनन, जीन संपादन
खाद्य प्रणालियों का पशुधन आधारित परिवर्तन
खाद्य प्रणालियों का बागवानी आधारित परिवर्तन
जलीय कृषि एवं मत्स्य पालन आधारित खाद्य प्रणालियों का परिवर्तन
सतत कृषि-खाद्य प्रणालियों के लिए प्रकृति-आधारित समाधान
अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियाँ: डिजिटल कृषि, सटीक खेती और एआई-आधारित प्रणालियाँ
कृषि-खाद्य प्रणालियों को बदलने के लिए नीतियां और संस्थान
अनुसंधान, शिक्षा और विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी
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यह आईएएस अधिकारी हिमाचल के ग्रामीण बच्चों तक अंतरिक्ष विज्ञान पहुंचा रहा है
ब्रह्मांड का विशाल विस्तार, अपने रहस्यों और चमत्कारों के साथ, अक्सर दूर और दुर्गम लगता है – खासकर भारत के ग्रामीण और सुदूर कोनों में रहने वाले बच्चों के लिए। हालाँकि, हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में, युवा छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी की आकर्षक दुनिया से परिचित कराया जा रहा है। बाधाओं से बचने वाले रोबोटों को देखने और 3डी प्रिंटिंग की खोज से लेकर मौसम की निगरानी और कृषि मानचित्रण…
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Odisha: CM माझी की किसानों सौगात, 800 रुपए धान के मिलेंगे अतिरिक्त
ओड़िशा। CM मोहन चरण माझी आज बरगढ़ जिले के सोहेला में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. वहां उन्होंने ओडिशा के किसानों के बैंक खातों में प्रति क्विंटल 800 रुपये की अतिरिक्त इनपुट सहायता राशि जारी की है. इस कार्यक्रम में उप CM और कृषि एवं किसान सशक्तिकरण मंत्री कनक वर्धन सिंह देव, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी, खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री कृष्ण चंद्र…
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jamshedpur rural-प्रशिक्षण के बाद किसानों के बीच हुआ सरसों बीज का वितरण
गालूडीह: गालूडीह थाना क्षेत्र के कृषि विज्ञान केंद्र दारिसाई में शनिवार को किसानों को सरसों की उन्नत खेती का प्रशिक्षण दिया गया. कृषि वैज्ञानिक भूषण प्रसाद और गोन्द्रा मार्डी ने उच्च गुणवत्ता वाले आर एच-761 किस्म की जानकारी दी. कहा कि किसानों को धान फसल के बाद सरसों की खेती जरूर करनी चाहिए. सरसों जल्दी पकने के साथ कम लागत में अधिक उत्पादन देती है. सही बीज का चयन ही खेती की सफलता का महत्वपूर्ण…
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नार��यण उर्फ राजू व्यंकटराव पाटील यांना मिलियनेयर फार्मर अवॉर्ड 2024 मिळाल्याबद्दल हार्दिक अभिनंदन! कृषि जागरण आणि ICAR भारतीय कृषी अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली यांच्याकडून हा प्रतिष्ठित पुरस्कार फळबागा आणि जैविक शेतीच्या माध्यमातून कृषिक्षेत्रात सकारात्मक बदल घडवून आणल्याबद्दल देण्यात आला आहे. संस्कृति संवर्धन मंडळ, कृषि ��िज्ञान केंद्र, सगरोळी यांच्या मार्गदर्शनाखाली राजू पाटील यांनी केलेल्या कामाची ही दखल घेण्यात आली आहे. त्यांची ही कामगिरी सर्व शेतकऱ्यांसाठी प्रेरणादायी आहे. राजू पाटील यांच्या यशस्वी प्रवासात आपण सर्वांनी सहभागी होऊया आणि त्यांच्या प्रेरणेने आपली कृषी व्यवस्था अधिक समृद्ध करूया. #mfoiawards2024 #MFOIAwards #MFOI #मिलियनेयरफार्मरअवॉर्ड #कृषिजागरण #ICAR #जैविकशेती #फळबाग #सकारात्मकबदल #संस्कृतिसंवर्धनमंडळ #कृषिविज्ञानकेंद्र #सगरोळी
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झाड़ियों में मिली युवती की अर्धनग्न लाश, सिर पाया गया धड़ से अलग; पूरे इलाके में मची सनसनी
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) कैंपस के पास एक युवती की अर्धनग्न और सड़ी-गली हालत में लाश मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया है। लाश का सिर धड़ से अलग पाया गया, और शव के कपड़े झाड़ियों में बिखरे हुए मिले। इस जघन्य घटना ने हत्या की आशंका को और गहरा कर दिया है। झाड़ियों से आई बदबू ने खोला मामला घटना सुकमा के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र की है। मंगलवार को…
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बंपर उत्पादन: गेहूं में यूरिया कितने दिन बाद देना चाहिए? जाने कृषि वैज्ञानिकों की सलाह
Gehu Ki Kheti: देश में रबी फसलों की बुवाई का काम तक़रीबन पूरा हो चुका है। विशेष रूप से कम पानी वाले क्षेत्रों में गेहूं, चना और मसूर जैसी फसलों की बुवाई नवंबर के शुरुआती दिनों में ही हो चुकी है। अब फसलों की बेहतर वृद्धि और अधिक उत्पादन के लिए उर्वरकों का सही समय पर छिड़काव करना सबसे जरूरी है। ताकि किसान भाई बढ़िया पैदावार लें सकें। इस विषय में सागर कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ.…
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कलक्टर कल्पना अग्रवाल ने किया कृषि विज्ञान केन्द्र का दौरा , प्रशिक्षणार्थियों से भी हुई रूबरू
न्यूज़ चक्र, कोटपूतली। निकटवर्ती ग्राम गोनेड़ा स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र का गुरूवार को जिला कलक्टर कल्पना अग्रवाल ने भ्रमण किया। कलक्टर व्यवसायिक बकरी पालन एवं एनएफएसएम तिलहन के प्रशिक्षणार्थियों से भी रूबरू हुई। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि आप बकरी पालन व तिलहन उत्पादन को करके देश की जीडीपी में भागीदारी करें। प्रशिक्षण में युवा प्रशिक्षणार्थी भी थे, उन्हें संदेश दिया कि युवा पीढ़ी खेती…
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Haryana Weather Update: 2 दिसंबर तक रहेगा शुष्क, हल्की धुंध और स्मॉग की संभावना
हिसार: हरियाणा कृषि मौसम विज्ञान विभाग, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार ने राज्य में आगामी दिनों के मौसम का पूर्वानुमान जारी किया है। रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा में 2 दिसंबर 2024 तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है। इस दौरान उत्तर और उत्तर-पश्चिम से ठंडी हवाएं चलेंगी, जिससे रात्रि के तापमान में हल्की गिरावट आ सकती है। वहीं, 30 नवंबर की रात से हल्की धुंध और स्मॉग की स्थिति बनने की भी…
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Seed Production: बीज उत्पादन का ऐसा मॉडल कि खरीदारी की समस्या भी हुई हल, कृषि विज्ञान केन्द्र ने की पहल
सहभागी बीज उत्पादन से किसानों को हुआ फ़ायदा
बीज अच्छा होगा तो फसल भी अच्छी होगी। कई बार किसानों को समय पर उन्नत बीज न मिलने की वजह से नुकसान झेलना पड़ता है। बीजों की उपलब्धता बनी रहे इसके लिए हिरेहल्ली के कृषि विज्ञान केन्द्र ने सहभागी बीज उत्पादन (Participatory Seed Production) के ज़रिए इस समस्या का हल निकाला।
जब किसानों को अच्छी गुणवत्ता के बीज मिलेंगे, तो फसल का उत्पादन अधिक होगा और जब उत्पादन अधिक होगा तो ज़ाहिर सी बात है कि उनकी आमदनी बढ़ेगी। भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान जैसी संस्थाएं समय-समय पर सब्ज़ियों के बीज की उन्नत किस्में विकसित करती रहती है। पर कई बार किसानों को पर्याप्त मात्रा में उन्नत बीज उपलब्ध नहीं हो पाते।
किसानों की ज़रूरत को पूरा करना सिर्फ़ कृषि विज्ञान केन्द्र (KVK) के लिए भी संभव नहीं है, ऐसे में कृषि विज्ञान केन्द्र, हिरेहल्ली ने ��ुमकूर ज़िले के कई किसानों को साथ लेकर सहभागी बीज उत्पादन (Seed Production) की योजना बनाई। इससे किसानों को फ़ायदा हुआ।
क्या है सहभागी बीज उत्पादन (Participatory Seed Production)
कर्नाटक के तुमकूर ज़िले के किसानों को सब्ज़ियों व अन्य फसलों के उन्नत बीज उपबल्ध कराने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र, हिरेहल्ली इस योजना की शुरुआत की, जिसने धीरे-धीरे किसानों का रुझान बीज उत्पादन गतिविधियों में बढ़ाया और जिसका फ़ायदा राज्य के बढ़े हुए उत्पादन के रूप में सामने आया। इस योजना के तहत ज़िले के किसान वीरक्यथारायप्पा ने बीज उत्पादन शुरू किया। पहले वो 5 एकड़ खेत में धान, रागी, लाल चना जैसी पारंपरिक फसलों का उत्पादन करते थे, लेकिन KVK की सलाह पर बीज उत्पादन करना शुरू कर दिया।
इन बीजों का कर रहे उत्पादन
कृषि विज्ञान केन्द्र के अधिकारियों की निगरानी में बीज उत्पादन किया गया। बाकायदा किसानों व कृषि विज्ञान केन्द्र की बीच बीज गुणवत्ता और खरीद जैसे कई विषयों पर एग्रीमन्ट हुआ। इसके तहत किसान द्वारा तैयार बीज को कृषि विज्ञान केन्द्र खरीदेगा और फिर उसे अन्य किसानों को बेचा जाएगा। पहले साल में वीरक्यथारायप्पा ने कॉटन हाइब्रिड, रागी की ML-365 किस्म, ओकरा की अर्का अनामिका और तुरई की अर्का प्रसन्ना किस्म के बीजों का उत्पादन किया।
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जम्मू में कार्यक्रम के दौरान उमर अब्दुल्ला ने बड़ी कुर्सी पर बैठने से इनकार किया
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उनके लिए विशेष रूप से रखी गई बड़ी कुर्सी पर बैठने से इनकार कर दिया। अब्दुल्ला ने चट्ठा स्थित शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एसकेयूएएसटी) के मुख्य परिसर में चार दिवसीय ‘राष्ट्रीय कृषि शिखर सम्मेलन एवं किसान मेले’ का उद्घाटन किया। मंच पर पहुंचे अब्दुल्ला ने देखा की उनकी कुर्सी बड़ी…
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विश्व पर्यटन दिवस समारोह में उत्तराखण्ड के जखोल, सूपी, हर्षिल और गुंजी गांव को मिला सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार
विश्व पर्यटन दिवस समारोह में उत्तराखण्ड के जखोल, सूपी, हर्षिल और गुंजी गांव को मिला सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार चयनित ग्रामों के प्रधानों ने प्राप्त किया पुरस्कार जखोल गांव को साहसिक पर्यटन, सूपी को कृषि पर्यटन और हर्षिल व गुंजी गांव को वाइब्रेंट विलेज के लिए मिला पुरस्कार देहरादून/दिल्ली 27 सितंबर 2024: आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विश्व पर्यटन दिवस…
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कृषि विद्यार्थियों को विशेषज्ञों ने कृषि क्षेत्र में हो रहे नवीनतम शोध और विकास की जानकारी दी 🌿
मेवाड़ विश्वविद्यालय के कृषि एवं पशु चिकित्सा संकाय के विद्यार्थियों ने शनिवार को भीलवाड़ा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र और बारानी कृषि अनसुंधान केन्द्र का शैक्षणिक भ्रमण किया। इस दौरे का उद्देश्य विद्यार्थियों को उन्नत कृषि तकनीकियों, शोध विधियों और कृषि क्षेत्र में रोजगार के बढ़ते अवसरों से अवगत कराना था। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. सी.एन यादव और प्रो. के. सी नागर ने विद्याथियों को केंद्र में संचालित प्राकृतिक खेती के विभिन्न घटकों जैसे बीजामृत, जीवामृत, घनजीवामृत, नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र, दशपर्णी अर्क, अग्निअस्त्र एवं वर्मीकम्पोस्ट इकाई के साथ नर्सरी, मुर्गीपालन, बकरियों और गायों की विभिन्न नस्लों, पशुओं के लिए उगाई जाने वाली नेपियर घास की विस्तृत जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने आंवला उद्यानिकी के नवीनतम अनुसंधानों को भी विद्यार्थियों के समक्ष प्रस्तुत किया। बारानी कृषि अनुसंधान केंद्र के भ्रमण का नेतृत्व केंद्र प्रमुख एवं मुख्य वैज्ञानिक डॉ. एल. के छाता ने किया। उन्होंने केंद्र में संचालित गतिविधियों और अनुसंधान के अंतर्गत कुल्थी की उन्नत किस्मों की जानकारी दी जो सूखाग्रस्त क्षेत्रों में कृषि की चुनौतियों को समाधान प्रदान करती है।🌳
मेवाड़ विश्वविद्यालय में वानिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. दीपक मिश्रा ने बताया कि वरिष्ठ अनसुंधान अध्यता डॉ. हितेश मुबाल एवं इन्द्रजीत ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत केंद्र पर संचालित विभिन्न योजनाओं और कृषि क्षेत्र में विकास हेतु दी जाने वाली सहायता के बारे में विद्यार्थियों को अवगत कराया। इसके अतिरिक्त कृषि विज्ञान केंद्र ने विद्यार्थियों को ”स्वच्छता ही सेवा“ अभियान के तहत जागरूक किया जिसमें कृषि और ग्रामीण विकास के बीच स्वच्छता का महत्व रेखांकित किया गया। कुलपति प्रो. (डॉ.)आलोक मिश्रा ने इस शैक्षणिक भ्रमण की सराहना करते हुए कहा कि इससे विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त होता है जो उनके विषय की गहरी समझ विकसित करने में सहायक होता है। इस औद्योगिक भ्रमण में 68 से ज्यादा कृषि विद्यार्थियों ने भाग लिया। भ्रमण के दौरान संकाय के सहायक प्रो. ओमप्रकाश, चम्पालाल रेगर और चंद्रकांता जाखड़ भी विद्यार्थियों के साथ मौजूद रहे।
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प्रो.एस. एल. गोदारा ने निर्वाण विश्वविद्यालय के कुलपति का संभाला पदभार
बीकानेर, 3 सितंबर। प्रो. एस.एल. गोदारा ने मंगलवार को जयपुर के निर्वाण विश्वविद्यालय के कुलपति का पदभार संभाला। प्रो. गोदारा पौध व्याधि विज्ञान विभाग प्रोफेसर हैं। उन्होंने स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में 33 व��्षों तक विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दी और विश्वविद्यालय में विभिन्न परियोजनाओं का संचालन किया। इस दौरान निर्वाण विश्वविद्यालय के चेयरमेन डॉ एस एल सिहाग, वाइस चेयरमेन डॉ आर के…
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jamshedpur rural- दारिसाई कृषि विज्ञान केंद्र में प्रशिक्षण लेने वाले 19 डीलरों को मिला प्रमाण पत्र
गालूडीह: गालूडीह थाना क्षेत्र के दारिसाई कृषि विज्ञान केंद्र में बुधवार को 19 इनपुट डीलरों के बीच प्रमाणपत्र का वितरण किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र के सह निदेशक डॉ एन सलाम उपस्थित थे. मुख्य अतिथि के हाथों से विभिन्न प्रखंडों के इनपुट डीलरों को बीच प्रमाणपत्र वितरित किया गया. केंद्र के कृषि वैज्ञानिक गोन्द्रा मार्डी ने बताया कि अगस्त महीने में 19 इनपुट…
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नाशिक येथे झालेल्या कृषीथॉन 2024 पुरस्कार समारंभात डॉ. प्रियंका खोले यांना प्रयोगशील कृषी यांत्रिकीकरण संशोधक पुरस्काराने सन्मानित करण्यात आले. संस्कृति संवर्धन मंडळ, कृषि विज्ञान केंद्र, सगरोळी या संस्थेच्या या शास्त्रज्ञाने कृषी यांत्रिकीकरण क्षेत्रात अनेक महत्त्वपूर्ण संशोधन केले आहेत. कृषी संशोधन आणि नवकल्पनांमध्ये त्यांच्या योगदानाबद्दल हा पुरस्कार देण्यात आला. संपूर्ण संस्थेच्या वतीने डॉ.प्रियंका खोले यांना हार्दिक अभिनंदन! 💐💐💐
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