#कुंदन पाहन
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पुलिस के साथ मुठभेड़ का केस भी साबित नहीं कर पाई पुलिस, कुंदन पाहन कोर्ट से बरी
पुलिस के साथ मुठभेड़ का केस भी साबित नहीं कर पाई पुलिस, कुंदन पाहन कोर्ट से बरी
रांची । सरेंडर कर चुके हार्डकोर नक्सली कुंदन पाहन को बड़ी राहत मिली है। रांची सिविल कोर्ट ने उसे साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। वर्ष 2008 में कुंदन पाहन के खिलाफ़ रांची के नामकुम थाना में पुलिस के साथ मुठभेड़ के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई थी। रांची सिविल कोर्ट के अपर न्याययुक्त 3 एम सी झा की कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान रांची पुलिस के द्वारा 5 गवाह प्रस्तुत किये गए। लेकिन…
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सरेंडर करनेवाले एक भी नक्सली को सजा नहीं दिला सकी है पुलिस
सरेंडर करनेवाले एक भी नक्सली को सजा नहीं दिला सकी है पुलिस
http://www.bharatmedia.in/hindi-news-story-2695
रांची। हार्डकोर नक्सली कुंदन पाहन के पुलिस के समक्ष सरेंडर करने के तरीकेे को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। सरकार में शामिल आजसू पार्टी के बाद भाजपा सांसद डॉ रवींद्र राय ने कुंदन को हीरो की तरह पेश करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। कुंदन का जिस तरह आत्मसमर्पण कराया गया और उसे पंद्रह लाख रुपये का चेक दिया गया, उससे विपक्षी दलों और आमलोगों में भी नाराजगी है। इसे लेकर सरेंडर पॉलिसी पर ही सवाल उठ रहे हैं और उसे खत्म करने की मांग हो रही है। विभिन्न संगठनों की ओर से कुंदन को कड़ी सजा देने की मांग की जा रही है।
इस बीच सांसद डॉ राय ने डीजीपी को इस मामले में पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि आत्मसमर्पण कर शांति का रास्ता अपनाना सराहनीय है। लेकिन अपने कुकर्मों का दंड भोगने के लिए तैयार रहना ही सच्चा आत्मसमर्पण होगा। पत्र में डॉ राय ने लिखा है कि कुंदन जैसे हत्यारों को सम्मान देने की जरूरत नहीं है। उसे जीने का अधिकार मिल जाये, यही काफी होगा। आजसू ने झारखंड पुलिस पर कुंदन को महिमामंडित करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि जिस तरह प्रोत्साहन राशि के रूप में उसे 15 लाख रुपये का चेक दिया गया, उससे राज्य के युवा नक्सली बनने के लिए प्रेरित होंगे। सरकार युवाओं को नौकरी नहीं दे रही है और जो अपराध करके आ रहे हैं उन्हें महिमामंडित किया जा रहा है।
आजसू के मुख्य प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत ने कहा है कि सरकार को नक्सलियों की सरेंडर नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए। दरअसल झारखंड में सक्रिय नक्सलियों और उग्रवादियों के लिए वर्ष 2008 में सरेंडर पॉलिसी बनी थी। तब से अब तक करीब 150 नक्सलियों और उग्रवादियों ने पुलिस के समक्ष सरेंडर किया है। लेकिन पुलिस इनमें से किसी को भी आज तक सजा नहीं दिला पायी है। जबकि सरेंडर पॉलिसी में इसका उल्लेख है कि आत्मसमर्पण करनेवाले नक्सलियों और उग्रवादियों के खिलाफ दर्ज जघन्य मामलों को विधि सम्मत निष्पादित किया जायेगा। सरेंडर पॉलिसी में नक्सलियों के खिलाफ लंबित मुकदमों को निपटाने के लिए विशेष न्यायालय (फास्ट ट्रैक कोर्ट) गठित करने का भी प्रावधान है।
लेकिन आज तक किसी भी नक्सली के खिलाफ लंबित मुकदमों को निबटाने के लिए एक भी फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन नहीं कराया गया है। सरेंडर पॉलिसी में कहा गया है कि हर वर्ष इसकी समीक्षा की जायेगी और इसमें जरूरत के अनुसार आवश्यक संशोधन किया जायेगा। बीते नौ साल में सिर्फ एक बार 2015 में इसकी समीक्षा की गयी थी जिसमें नक्सलियों पर सिर्फ ईनाम की राशि बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। सरकार ने जिन नक्सलियों पर ईनाम की घोषणा कर रखी है उनपर आगे भी ईनाम घोषित रखने की जरूरत है या नहीं ,इसकी कभी समीक्षा नहीं की गयी। यही वजह है कि पांच साल पहले भाकपा माओवादी संगठन से नाता तोड़ने के बावजूद कुंदन पंद्रह लाख का ईनामी बना हुआ था।
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कुन्दन पाहन के सरेन्डर के बाद नक्सली हथकंडे
कुन्दन पाहन के सरेन्डर के बाद नक्सली हथकंडे
खूंटी (झारखंड) रिपोर्ट सर्वेश तिवारी :- हार्डकोर नक्सली कुंदन पाहन के सरेंडर के बाद लोगों के मन में नक्सलियों का भय खत्म ना हो इसलिए आए दिन नक्सली संगठन नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। रांची से लगे खूंटी जिले में संगठन की ओर से विभिन्न क्षेत्रों में बैनर-पोस्टर ��गाकर सरेआम लोगों को डराया जा रहा है। पुलिस और सरकार के खिलाफ लिखा है पोस्टरों में… खूंटी जिले के अड़की में हाल में ही बैनर और पोस्टर लगाने के…
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कुंदन पाहन का एकाउंट में तो 15 लाख आ गया। मेरा एकाउंट में अभी तक नहीं आया है। भाईयो बहनो गलती से मेरा वाला 15 लाख अगर आपलोगो का किसी का खाता में चल गया हो तो कृपया करके मेरा एकाउंट नं• 30XXXXXXX47 में भेज दे बहुत बहुत मेहरबानी होगी तीन साल से मैं इंतज़ार में हूँ। ये जुमला नहीं है मैं सच बोल रहा हूँ पैसा नहीं आया है। (at New godda store)
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'नेपाली PM ने झारखंड में ली थी नक्सली ट्रेनिंग'
क्या नेपाल के मौजूदा पीएम पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने अपने दूसरे माओवादी साथियों के साथ झारखंड के जंगलों में हथियार चलाने से लेकर पूरा नक्सली नेटवर्क बनाने की ट्रेनिंग ली थी? रांची में नक्सलियों के सबसे बड़े कमांडरों में से एक कुंदन पाहन के सरेंडर के बाद यह सनसनीखेज बात सामने आई है। http://dlvr.it/P8ftN4
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कुंदन पाहन के सरेंडर पर झारखंड हाई कोर्ट ने स्वत लिया संज्ञान - दैनिक जागरण
http://dlvr.it/P8JpPZ
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कुंदन पाहन को चार दिनों के लिए रिमांड पर लिया
कुंदन पाहन को चार दिनों के लिए रिमांड पर लिया
http://www.bharatmedia.in/hindi-news-story-2523
रांची. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली कुंदन पाहन को शनिवार को पुलिस ने पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है. उसे तमाड़ थाना में वर्ष 2014 में नक्सल और आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज केस में चार दिनों के लिए रिमांड पर लिया गया है. सरेंडर करने के बाद इसी केस में कुंदन पाहन को न्यायालय में प्रस्तुत कर तत्काल न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था.
रिमांड पर लेने के बाद कुंदन पाहन से पुलिस अधिकारी केस में उसकी संलिप्तता के बारे में पूछताछ कर रहे हैं. इसके अलावा कुंदन पाहन से विभिन्न घटनाओं में सहयोगी नक्सलियों के बारे में पूछताछ की जा रही है. आरंभिक पूछताछ में उसने कई घटनाओं में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है. उल्लेखनीय है कि कुंदन पाहन के खिलाफ पूर्व से रांची, खूंटी, चाईबासा, सरायकेला, गुमला और रामगढ़ में कुल 128 केस दर्ज हैं. उसके खिलाफ सिर्फ 42 केस रांची जिला में दर्ज हैं. पूर्व के केस में पुलिस कुंदन पाहन को फरार दिखाते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है.
सरेंडर करने के बाद कुंदन पाहन ने पूछताछ के दौरान कई बड़े खुलासे किये थे. उसने कुछ घटनाओं में अपनी संलिप्तता की जानकारी भी दी थी, लेकिन समय कम रहने के कारण पुलिस उससे विस्तार से पूछताछ नहीं कर सकी थी. इसके अलावा कुंदन पाहन द्वारा बतायी गयी ��ातों का पुलिस सत्यापन भी नहीं कर सकी थी. इसलिए कुंदन पाहन को रिमांड पर पूछताछ के लिए देने का अनुरोध पुलिस ने न्यायालय से किया था.
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झारखंड के वीरप्पन ने नेताओं के अंदाज में दिया भाषण, कहा- नेता बनूंगा, कुंदन पाहन को सरकार ने दिए 15 लाख
झारखंड के वीरप्पन ने नेताओं के अंदाज में दिया भाषण, कहा- नेता बनूंगा, कुंदन पाहन को सरकार ने दिए 15 लाख
http://www.bharatmedia.in/hindi-news-story-2211
खूंटी जिले का रहने वाला कुंदन 1998-99 में अपने दो बड़े भाइयों डिंबा और श्याम पाहन के साथ नक्सली में भर्ती हो गया था। उस वक्त उसकी उम्र 17 साल थी।
झारखंड के रांची में रविवार को दुर्दांत नक्सली कुंदल पाहन ने सरेंडर कर दिया। पुलिस ने जब उसे मीडिया के सामने पेश किया तो उसका अंदाज नेताओं जैसा था। स्थानीय मीडिया से बातचीत में उसने राजनीति में आने की इच्छा भी जताई। झारखंड के वीरप्पन कहे जाने वाले कुंदन ने कहा कि दिसंबर 2000 में बोकारो के झुमरा पहाड़ में नेपाल के प्रधानमंत्री कमल पुष्प दहल प्रचंड के साथ उसने ट्रेनिंग ली थी। सरेंडर करने के एवज में पुलिस ने उसे डीआईजी आवास पर 15 लाख रुपये का चेक सौंपा गया। इस मौके पर उसकी बेटी, भाभी, चाचा और कुछ परिजन भी मौजूद थे। उन्होंने भी कुंदन के इस कदम का स्वागत किया है।
इसलिए बना था नक्सली: खूंटी जिले का रहने वाला कुंदन 1998-99 में अपने दो बड़े भाइयों डिंबा और श्याम पाहन के साथ नक्सली दल में भर्ती हो गया था। उस वक्त उसकी उम्र 17 साल थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अड़की ब्लॉक के बाड़ीगड़ा गांव में उसके परिवार की 2700 एकड़ जमीन है। उस वक्त उसके एक चाचा ने 1350 एकड़ जमीन हथिया ली थी। इसके बाद उसने हथियार उठा लिए थे। 1996 में उनके इलाके में बड़े नक्सल नेता आए थे और कुंदन का परिवार उनसे काफी प्रभावित भी हुआ था। इन लोगों ने भरोसा दिलाया था कि संगठन में शामिल होने पर पूरी जमीन वापस दिला देंगे और एेसा हुआ भी।
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इसलिए छोड़ा संगठन: कुंदन ने कहा कि संथाली नेताओं का गैर-संथालियों के प्रति रवैया खराब है। वे लोग तानाशाही रवैया अपनाते हैं। अपने बच्चों को डॉक्टर और इंजीनियरिंग पढ़ाते हैं और निचले कैडर वालों से तेल और साबुन का भी हिसाब मांगा जाता है। बड़े नेता भी इस पर कुछ नहीं कहते। इसलिए वह 2014 में संगठन से अलग हो गया था और केंद्रीय कमिटी के कहने पर भी वापस नहीं लौटा। इसके बाद उसने रांची के एसएसपी कुलदीप द्विवेदी की पहल पर सरेंडर कर दिया। कुंदन ने यह भी कहा कि पुलिस के पास उसकी फोटो नहीं होने के कारण कोई उसे नहीं पहचान पाता था। वह आराम से अपने इलाके में घूमता था। कई बार पुलिस के पास से भी गुजरा। कुंदन ने कहा कि इलाके की कई गरीब लड़कियों की शादी उसने कराई है।
सभी आरोपों से कर दिया इनकार: पुलिस की प्रेस रिलीज के मुताबिक कुंदन पाहन पर हत्या, लूट समेत 128 मामले दर्ज हैं। इनमें पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा की हत्या, छह पुलिसकर्मियों को विस्फोट से उड़ाने, डीएसपी प्रमोद कुमार समेत 6 पुलिसवालों को बारूदी सुरंग में उड़ाना, इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार का गला काटने के अलावा तमाड़ में ICICI बैंक की वैन से 5 करोड़ कैश और एक किलो सोना लूटना शामिल है। गला काटने की घटना से नक्सलियों और कुंदन की तुलना तालिबान से होने लगी थी। हालांकि मीडिया के आगे उसने इन सभी आरोपों से इनकार कर दिया।
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अनशन पर बैठे मुंडा के बेटे: कुंदन पाहन के सरेंडर के तरीके के विरोध में दिवंगत मंत्री रमेश सिंह मुंडा के बेटे और आजसू विधायक विकास मुंडा मोरहाबादी मैदान में गांधी प्रतिमा के पास अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए हैं। उन्होंने कहा कि जिन नक्सलियों को पुलिस को पकड़ना चाहिए था, वह ��नका महिमामंडन करा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियां ही गलत हैं। उसे सख्त नियम बनाने चाहिए ताकि नक्सलियों को सख्त सजा मिल सके। उन्होंने कहा कि बेकसूर लोगों और पुलिसवालों की हत्या करने वाले को 15 साल का चेक देना कैसा न्याय है।
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सोशल मीडिया पर लोगों ने जाहिर किया गुस्सा: विश्वेन्दू जयपुरियार नाम के एक फेसबुक यूजर ने लिखा, नक्सली बनकर खून बहाओ, सोना लूटो और बाद में सरेंडर कर दो। ये 15 लाख का चेक युवाओं को मोटीवेट कर सकता है, बेहतर भविष्य जंगल मे तलाशने को। मेरी सलाह है कि कुंदन पहान के जन्मदिन को राजकीय महोत्सव का दर्जा देकर हर जिले में धूमधाम से मनाया जाए। साथ ही उसकी कहानी महर्षि वाल्मीकि की तरह कोर्स में शामिल कर दिया जाए।
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