#MAOWADI
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Ep 1: राष्ट्रवाद के नाम पर RSS का ब्राह्मणवाद! The anatomy of RSS l Raju...
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The NEED OF NON ALIGNMENT WITH NEGATIVE FORCES
I agree to an extent but ,there may b some progressive elements even in RSS.Dont spoil Brahman name with Punditgiri, There r many Brahmin in other castes also,was VALMIKI NOT brahamin.
The west decries MARX,MARX infact created biggest democracy on earth .I am quite sure NEHRU was MARX .NEHRU created nonalignment movement for depressed nation,he stood like a rock to instill Democracy in INDIA.Had Nehru wanted he could have become dictator
Nehru never liked himself to be called Pundit ,he is today decried by hindu punditgiri of RSS and BJP.
I can clearly understand why Nature created Mr AMBEDKAR,why he was against this material hiearchy.
Infact AMBEDKAR soul has contributed together with Nehru soul may be their is a third soul the biggest defination of Indianhood or Bharthood. or NATUREHOOD.
The theory of indian hood is watched by the worlds intellectuals and bigwigs.It is not meant for general populace but it has seeds to bring prosperity and peace in the world.
Never destroy the name of MARX ,the Naxal movement or even Maowadi movement drew inspiration from Mao or STALIN.Marx criticised or infact was the biggest critic of Capitalism not it's enemy.Infact he said real revolution will come in the DEVELOPED world but you cannot conspire now to force me to go to West.
Is materialism development or human freedom and creativity is development
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सरेंडर करनेवाले एक भी नक्सली को सजा नहीं दिला सकी है पुलिस
सरेंडर करनेवाले एक भी नक्सली को सजा नहीं दिला सकी है पुलिस
http://www.bharatmedia.in/hindi-news-story-2695
रांची। हार्डकोर नक्सली कुंदन पाहन के पुलिस के समक्ष सरेंडर करने के तरीकेे को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। सरकार में शामिल आजसू पार्टी के बाद भाजपा सांसद डॉ रवींद्र राय ने कुंदन को हीरो की तरह पेश करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। कुंदन का जिस तरह आत्मसमर्पण कराया गया और उसे पंद्रह लाख रुपये का चेक दिया गया, उससे विपक्षी दलों और आमलोगों में भी नाराजगी है। इसे लेकर सरेंडर पॉलिसी पर ही सवाल उठ रहे हैं और उसे खत्म करने की मांग हो रही है। विभिन्न संगठनों की ओर से कुंदन को कड़ी सजा देने की मांग की जा रही है।
इस बीच सांसद डॉ राय ने डीजीपी को इस मामले में पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि आत्मसमर्पण कर शांति का रास्ता अपनाना सराहनीय है। लेकिन अपने कुकर्मों का दंड भोगने के लिए तैयार रहना ही सच्चा आत्मसमर्पण होगा। पत्र में डॉ राय ने लिखा है कि कुंदन जैसे हत्यारों को सम्मान देने की जरूरत नहीं है। उसे जीने का अधिकार मिल जाये, यही काफी होगा। आजसू ने झारखंड पुलिस पर कुंदन को महिमामंडित करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि जिस तरह प्रोत्साहन राशि के रूप में उसे 15 लाख रुपये का चेक दिया गया, उससे राज्य के युवा नक्सली बनने के लिए प्रेरित होंगे। सरकार युवाओं को नौकरी ��हीं दे रही है और जो अपराध करके आ रहे हैं उन्हें महिमामंडित किया जा रहा है।
आजसू के मुख्य प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत ने कहा है कि सरकार को नक्सलियों की सरेंडर नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए। दरअसल झारखंड में सक्रिय नक्सलियों और उग्रवादियों के लिए वर्ष 2008 में सरेंडर पॉलिसी बनी थी। तब से अब तक करीब 150 नक्सलियों और उग्रवादियों ने पुलिस के समक्ष सरेंडर किया है। लेकिन पुलिस इनमें से किसी को भी आज तक सजा नहीं दिला पायी है। जबकि सरेंडर पॉलिसी में इसका उल्लेख है कि आत्मसमर्पण करनेवाले नक्सलियों और उग्रवादियों के खिलाफ दर्ज जघन्य मामलों को विधि सम्मत निष्पादित किया जायेगा। सरेंडर पॉलिसी में नक्सलियों के खिलाफ लंबित मुकदमों को निपटाने के लिए विशेष न्यायालय (फास्ट ट्रैक कोर्ट) गठित करने का भी प्रावधान है।
लेकिन आज तक किसी भी नक्सली के खिलाफ लंबित मुकदमों को निबटाने के लिए एक भी फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन नहीं कराया गया है। सरेंडर पॉलिसी में कहा गया है कि हर वर्ष इसकी समीक्षा की जायेगी और इसमें जरूरत के अनुसार आवश्यक संशोधन किया जायेगा। बीते नौ साल में सिर्फ एक बार 2015 में इसकी समीक्षा की गयी थी जिसमें नक्सलियों पर सिर्फ ईनाम की राशि बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। सरकार ने जिन नक्सलियों पर ईनाम की घोषणा कर रखी है उनपर आगे भी ईनाम घोषित रखने की जरूरत है या नहीं ,इसकी कभी समीक्षा नहीं की गयी। यही वजह है कि पांच साल पहले भाकपा माओवादी संगठन से नाता तोड़ने के बावजूद कुंदन पंद्रह लाख का ईनामी बना हुआ था।
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JNU में लाल सलाम ना बोलने पर वामपंथियों ने तोडा PhD छात्र का पैर New Delhi, 26 May: दिल्ली की जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी एक बार फिर विवादों में है। अक्सर कन्हैया कुमार जैसे वामपंथी छात्र बीजेपी, मोदी और आरएसएस पर तानाशाही का आरोप लगाते रहते है लेकिन अब सामने आ रहा है कि वामपंथी विचारधारा वाले लोग ही सबसे बड़े तानाशाह होते हैं। हाल ही में JNU में पढ़ रहे एक छात्र के लाल सलाम ना बोलने पर कुछ अज्ञा�� लोगों ने उसकी जमकर पिटाई कर दी किसकी वजह से उसका पैर भी टूट गया। हमले के बाद उसे सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। JNU में PhD की पढ़ाई कर रहे इस छात्र का नाम अवनीश है। वह PhD अंतिम वर्ष का छात्र है, पढ़ाई के आखिरी वर्ष में लाल सलाम ना बोलना उसके लिए मंहगा पड़ गया और लाल सलामियों ने उसका पैर तोड़ कर उसे अपाहिज बना दिया। इससे पहले JNU देशद्रोही गतिविधियों के लिए चर्चा में रही थी और कन्हैया कुमार, ओमर खालिद जैसे छात्र जेल भी गए थे।
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भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( माओवादी ) ने जारी किया जज को मौत के घाट उतारने का फरमान
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( माओवादी ) ने जारी किया जज को मौत के घाट उतारने का फरमान
http://www.bharatmedia.in/hindi-news-story-2694
भाग���पुर। प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( माओवादी ) ने बिहार में पांच माओवादियों को फांसी की सजा सुनाने वाले जज को सजा-ए-मौत के घाट उतारने की शनिवार को घोषणा करते हुए दो दिवसीय मुंगेर, लखीसराय, जमुई, बांका और भागलपुर बंद रखने का आह्वान किया है।
भाकपा (माओवादी) के बिहार झारखंड जोनल कमेटी के प्रवक्ता लालजीत कोड़ा ने एक पत्र जारी कर में फांसी की सजा के खिलाफ 28 और 29 को मुंगेर, लखीसराय, जमुई, बांका और भागलपुर बंद रखने की घोषणा की। माओवादियों ने जन अदालत लगाकर उनके पांच साथियों को फांसी की सजा सुनाने के लिए एडीजे प्रथम ज्योति स्वरूप श्रीवास्तव को माैत के घाट उतारने का अपने काडर के लोगों को फरमान जारी किया।
उल्लेखनीय है कि एडीजे प्रथम ज्योति स्वरूप श्रीवास्तव ने वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान सीआरपीएफ जवानों की टुकड़ी पर हमला करने के आरोप में पांच नक्सलियोें जिनमें विपिन मंडल, रतु कोड़ा, मन्नू कोड़ा, वानो कोड़ा और अधिक लाल पंडित को फांसी की सजा सुनाई थी। इस बीच पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने ऐसी किसी भी सूचना से इनकार किया हालांकि सम्बन्धित जज की सुरक्षा इस बीच बढ़ा दी गई है।
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झारखंड में दो बड़े नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, हथियारों का जखीरा भी बरामद
झारखंड में दो बड़े नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, हथियारों का जखीरा भी बरामद
http://www.bharatmedia.in/hindi-news-story-1695
नई दिल्ली: झारखंड में दो नक्सलियों ने गुरुवार को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. इनमें से एक नक्सलियों का जोनल कमांडर भी है, जिस पर 15 लाख रुपये का ईनाम रखा हुआ था. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और झारखंड पुलिस ने आतंकवादियों से मिली खुफिया सूचना के आधार पर लोहरदग्गा जिले में संयुक्त अभियान चलाया था, जिस दौरान हथियारों का जखीरा बरामद किया गया.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के जोनल कमांडर नकुल यादव की निशानदेही पर यह बरामदगी की गई है. नकुल ने गुरुवार सुबह अपने साथी मदन यादव के साथ अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ऑपरेशंस) आरके मलिक और रांची रेंज के उपमहानिरीक्षक एबी होमकर के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था.
नकुल यादव पुलिकर्मियों की हत्या सहित नक्सली गतिविधियों के 70 से अधिक मामलों में वांछित था. वह बिहार और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय था. क्षेत्रीय कमांडर पर नक्सल मसूह में जबरन बच्चों की भर्ती करने का आरोप भी है. हालांकि, उसने इस आरोप से इनकार करते हुए कहा, ‘बच्चे अपनी इच्छा से हमारे संगठन में शामिल हो रहे हैं.’
नकुल से मिली जानकारी के आधार पर लाहोरदग्गा जिले के जंगलों में संयुक्त अभियान चलाया गया और एसएलआर, एके-47, मशीन गन व 3,000 कारतूसों सहित 13 राइफलें बरामद की गईं. इस दौरान पुलिस ने सेना की वर्दी और साहित्य भी बरामद किए.
यह अभियान पिछले महीने छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों के हमले के बाद शुरू किया गया, जिसमें सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हो गए थे.
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बिहार : गया में 6 किलो का सिलेंडर बम बरामद, बड़ी साजिश नाकाम
बिहार : गया में 6 किलो का सिलेंडर बम बरामद, बड़ी साजिश नाकाम
http://www.bharatmedia.in/hindi-news-story-1407
गया: बिहार के नक्सल प्रभावित गया जिले में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत पुलिस ने नक्सलियों की एक साजिश नाकाम करते हुए छह किलोग्राम वजन का एक सिलेंडर बम बरामद किया. पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर जिला पुलिस बल और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने बाराचट्टी थाना क्षेत्र के रेवदा जंगल में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया गया. इस दौरान जंगली क्षेत्र से छह किलोग्राम का एक सिलेंडर बम बरामद किया गया.
बाराचट्टी के थाना प्रभारी विपिन कुमार ने बताया कि बम सड़क के अंदर छिपाकर लगाया गया था. आंशका जाहिर की जा रही है कि नक्सलियों द्वारा यह बम यहां रखा गया था, जिसे बाद में सुरक्षाबलों के खिलाफ प्रयोग किया जाता. उन्होंने बताया कि बम बरामदगी के बाद बम निरोधक दस्ता द्वारा बम को निष्क्रिय कर दिया गया.
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विवेक अग्निहोत्री ने जाधवपुर यूनिवर्सिटी में माओवादी छात्रों को धोया Kolkata: फिल्म निर्माता और निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने हाल ही में जाधवपुर यूनिवर्सिटी में बुद्धा इन ट्रैफिक जाम फिल्म की स्क्रीनिंग के मौके पर माओवादी विचारधारा वाले छात्रों को पानी पिला पिला कर मारा। एक तरफ माओवादी छात्र आजादी के नारे लगा रहे थे तो दूसरी तरफ विवेक अग्निहोत्री तेज तर्रार भाषण दे रहे थे। विवेक अग्निहोत्री की आवाज किसी को सुनाई ना दे इसके लिए माओवादी छात्र आजादी आजादी के नारे लगा रहे थे, लेकिन उनकी कोशिश रंग नहीं लायी और विवेक अग्निहोत्री ने उन्हें धो डाला। विवेक अग्��िहोत्री ने माओवादी छात्रों से कहा 'तुम लोगों को सबसे बड़ी गलतफहमी यह हो गयी है कि तुम्हे लग रहा है कि मै तुम्हारे खिलाफ बात कर रहा हूँ, भाइयों, तुम्हे भी भारत से प्यार है, हमें भी भारत से प्यार है, आप लोग भी भारत को बदलना चाहते हैं हम भी भारत को बदलना चाहते हैं, आप भी चाहते हैं कि भारत का पूरी दुनिया में इतना नाम हो कि पूरी दुनिया बोले 'भारत माता की जय', मै भी यही चाहता हूँ। विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि आपमें और हममे सिर्फ यह फर्क है कि आपने काले रंग के झंडे पकड़ रख��� हैं और हमारे लोगों ने सफ़ेद रंग के झंडे पकड़ रखे हैं। उन्होंने कहा कि काले और सफ़ेद रंग में यह फर्क है कि काला रंग मौत का रंग है जबकि सफ़ेद रंग शांति का रंग है। उन्होंने कहा कि - आप भी भारत का भला करना चाहते हैं और हम भी भारत का भला करना चाहते हैं, आप काले रंग यानी मौत से भला करना चाहते हैं और हम सफ़ेद रंग यानी शांति से भला करना चाहता हैं। उन्होंने कहा कि मै पिछले 45 दिन से देश की किसी ना किसी यूनिवर्सिटी या बड़े बड़े संस्थानों में लगातार छात्रों के साथ बात कर रहा हूँ और मैंने तय किया था कि जो जंग JNU यूनिवर्सिटी से शुरू हुई थी वह कलकत्ता की जाधवपुर यूनिवर्सिटी में ख़त्म करूँगा।
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