#किसी लड़की से कैसे बात करें
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hotstoriesblog · 1 year ago
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किसी लड़की से पहली बार कैसे बात करें?
किसी लड़की से पहली बार कैसे बात करें? यहां कुछ टिप्स दिए गए हैं जो आपको सिखाएंगे कि पहली बार किसी लड़की से पहली बार कैसे बात करें. 1)अपना परिचय दें, 2)उनकी स्तुति करो, 3)हमेशा आंखों से संपर्क बनाए रखें, 4)उबाऊ सवाल मत पूछो, 5)आत्मविश्वासी और सहज रहें, वगैरह. ज्यादा जानकारी के लिए हमारा ब्लॉग तपासे।
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mrappswala · 9 months ago
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लड़की से बात कैसे करें (10 ट्रिक में इंप्रेस करें और पटाए) | Ladki Se Kaise Baat Kare
लड़की से बात कैसे करें (20 टिप्स में इंप्रेस करें और पटाए) | Ladki Se Kaise Baat Kare | Ladki Ko Impress Kare Aur Pataye इस लेख में हमने ऐसे धांसू टिप्स बताए हैं, जिनकी मदद से आप किसी भी लड़की को अपने प्यार में पागल बना सकते हैं और उसे अपने साथ दिन रात कभी भी बात करने के लिए मना सकते हैं। लड़की से बात कैसे करें | सुंदर लड़की कैसे पटाएं? आपने देखा होगा कि बहुत सारे काले कलूटे लड़के भी सुंदर…
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pradeepdasblog · 1 year ago
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( #MuktiBodh_Part123 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#MuktiBodh_Part124
हम पढ़ रहे है पुस्तक "मुक्तिबोध"
पेज नंबर 242-243
◆ जो मेरा (अजीज) प्रिय भक्त है, मैं उसके सदा साथ रहता हूँ। (गेल-गेल) पीछे-पीछे लगा रहता हूँ। जब तक धरती तथा आकाश है।
◆ नारद जी साधना करने वन में गए थे। बारह वर्ष साधना करके लौटे तो अपने पिता ब्रह्मा से कहा कि मैंने अपनी इंद्रियों पर काबू पा लिया है। ब्रह्मा जी ने कहा कि अच्छी बात
है। परंतु अपनी उपलब्धि को बताना नहीं ��ाहिए। आप श्री विष्णु जी से तो ये बात बिल्कुल ना कहना। नारद जी तो उमंग से भरा था। श्री विष्णु जी के पास गए। उनको अपनी साधना
की सफलता बताई कि मैंने अपनी इन्द्रियों पर काबू पा लिया है। यह कहकर कुछ देर बाद चल पड़े। श्री विष्णु जी ने एक मायावी शहर बसाया। उसमें राजा की लड़की का विवाह का
स्वयंवर रचा। मनमोहक माहौल था। नारद ने सुने विवाह के गीत। नारद विवाह कराने के लिए अत्यधिक प्रेरित हुआ। रूप के लिए भगवान विष्णु से उसका रूप माँगा। भगवान ने बंदर का मुख नारद को लगा दिया। लड़की ने श्री विष्णु जी को वरमाला डाल दी जो
स्वयंवर में आया था। नारद को पता चला कि मेरे साथ विष्णु ने धोखा किया है तो श्राप दे दिया कि आप भी मेरे की तरह एक जीवन स्त्री के लिए तड़फ-तड़फ कर मरोगे। श्री रामचन्द्र के रूप में विष्णु जी का जन्म अयोध्या के राजा दशरथ के घर हुआ। फिर वनवास हुआ। सीता पत्नी श्रीराम भी साथ में वन में गई। सीता का अपहरण हुआ। श्री राम ने सारा जीवन पत्नी के वियोग में बिताया।
◆ पारख के अंग की वाणी नं. 193-194 :-
गरीब, गण गंधर्व और मुनीजन, तेतीसौं तत्त्व सार।
अपने जन कै कारणै, उतरे बारमबार।।193।।
गरीब, अनंत कोटि औतार है, नौ चितवै बुधि नाश।
खालिक खेलै खलक में, छै ऋतु बारहमास।।194।।
◆ सरलार्थ :- जितने भी देव, गण, मुनिजन, तेतीस करोड़ देवता हैं। ये परमात्मा की भक्ति करके इस पद को पाए हुए हैं। यदि इनके साथ भी कोई शरारत करके हानि पहुँचाता है तो उसकी रक्षा के लिए भी परमात्मा कबीर जी ही सहायता करने ऊपर से आते हैं। अवतरित होते हैं। (अवतार धारण करते हैं।) वे परमात्मा अपने जन (भक्त जन) के कारण बार-बार अवतार लेते हैं। जैसे प्रहलाद भक्त की रक्षा के लिए नरसिंह रूप धारण करके
अचानक आए और अपना कार्य करके चले गए। तत्वज्ञानहीन प्रचारक जिनकी बुद्धि का नाश हो चुका है, वे केवल नौ अवतार मानते हैं। (खालिक) मालिक तो (खलक) संसार में
(छःऋतु-बारह मास) सदा (खेलै) लीला करता रहता है। जैसे श्री नानक जी ने भी कहा है कि ‘‘अंधुला नीच जाति प्रदेशी मेरा छिन आवै तिल जावै। जाकी संगत नानक रहंदा क्योंकर मोंहडा पावै।।’’ अर्थात् जुलाहा जाति में प्रकट मेरा प्रदेशी परमात्मा कबीर एक पल में पृथ्वी पर दिखाई दे��ा है। दूसरे क्षण में ऊपर सचखण्ड में होता है। उस समर्थ परमात्मा कबीर जी की शरण में मैं (नानक जी) रहता हूँ। उसकी थाह उसका (मोहंड़ा) अंत कैसे पाया जा सकता है?
◆ भावार्थ है कि परमात्मा के तो अनंत अवतार हो चुके हैं। वह तो एक पल में पृथ्वी पर, दूसरे पल (क्षण) में सतलोक में आता-जाता रहता है यानी कभी भी प्रकट हो जाता है।
◆पारख के अंग की वाणी नं. 195-199 :-
गरीब, पीछै पीछै हरि फिरैं, आगै संत सुजान।
संत करैं सोई साच है, च्यारि जुग प्रवान।।195।।
गरीब, सांई सरीखे साधू हैं, इन समतुल नहीं और।
संत करैं सो होत है, साहिब अपनी ठौर।।196।।
गरीब, संतौं कारण सब रच्या, सकल जमी असमान।
चंद सूर पानी पवन, यज्ञ तीर्थ और दान।।197।।
गरीब, ज्यौं बच्छा गऊ की नजर में, यौं सांई अरु संत।
हरिजन के पीछै फिरैं, भक्ति बच्छल भगवंत।।198।।
गरीब, धारी मेरे संत की, मुझ सें मिटै न अंश।
बुरी भली बांचै नहीं, सोई हमरा बंश।।199।।
◆ सरलार्थ :- अपने सच्चे भक्त के साथ-साथ पीछे-पीछे परमात्मा रहता है। संत जो करते हैं, सच्चा कार्य करते हैं यानि सही करते हैं। कभी किसी का अहित नहीं करते। चारों युगों में प्रमाण रहा है कि संत सही क्रिया करते हैं। भलाई के शुभ कर्म करते हैं।(195)
◆ सच्चे साधक परमात्मा के समान आदरणीय हैं। इनके समान अन्य की तुलना नहीं की जा सकती। परमात्मा अपने सच्चे भक्त को अपनी शक्ति प्रदान कर देते हैं। परमात्मा कबीर जी कहते हैं कि मेरी बजाय इन संतों से माँगो। संत परमात्मा से प्राप्त शक्ति से अपने अनुयाईयों की मनोकामना पूर्ण करते हैं। उनकी रक्षा करते हैं। परमात्मा कबीर जी उनके बीच में कोई दखल नहीं देते।(196) इसलिए कहा है कि :-
संत करें सो होत है, साहिब अपनी ठौर।
परमात्मा ने भक्तों के लिए पृथ्वी तथा इसके सहयोगी सूर्य, आकाश, हवा, व जल अन्य ग्रह बनाए हैं ताकि वे भक्ति करके अपना कल्याण करवा सकें। तीर्थ स्थान भी भक्तों का साधना स्थल है। दान की परंपरा भी भक्ति में अति सहयोगी है। परंतु दान संत (गुरू) को दिया जाए। कुपात्र को दिया दान तो रण-रेह (अन उपजाऊ) भूमि में बीज डालकर खराब करने के समान है।(197)
◆ परमात्मा कबीर जी ने कहा है कि :-
कबीर, गुरू बिना माला फेरते, गुरू बिना देते दान।
गुरू बिन दोनों निष्फल है, भावें देखो वेद पुराण।।
अर्थात् साधक को चाहिए कि पहले पूर्ण गुरू से दीक्षा ले। फिर उनको दान करे। उनके बताए मंत्रों का जाप (स्मरण) करे। गुरूजी से दीक्षा लिए बिना भक्ति के मंत्रों के जाप की माला फेरना तथा दान करना व्यर्थ है। गुरू बनाना अति आवश्यक है। प्रमाण :-
कबीर राम-कृष्ण से कौन बड़ा, उन्हों भी गुरू कीन्ह।
तीन लोक के वे धनी, गुरू आगे आधीन।।
अर्थात् पृथ्वी के मानव (स्त्रा-पुरूष) श्री राम तथा श्री कृष्ण से बड़ा देवता किसी को नहीं मानते। उन दोनों ने भी गुरू जी से दीक्षा ली। तीन लोक के (धनी) मालिक होते हुए भी उन्होंने गुरू बनाए। श्री कृष्ण जी ने ऋषि दुर्वासा जी को अध्यात्म गुरू बनाया। (ऋषि संदीपनी उनके शिक्षक गुरू थे।) श्री रामचन्द्र जी ने ऋषि वशिष्ठ जी को गुरू बनाया। वे दोनों त्रिलोक नाथ होते हुए भी अपने-अपने गुरूजी के आगे आधीन भाव से पेश होते थे। परमात्मा अपने भक्त पर निरंतर दृष्टि रखते हैं कि
कहीं कोई देव, भूत, पितर, प्रेत, गण, गंधर्व, राक्षस, यक्ष, यमदूत मेरे भक्त को हानि न कर दे। जैसे गाय अपने बच्चे (बछड़ी-बछड़े) पर निरंतर दृष्टि रखती है। चारा चरते समय भी एक आँख बच्चे पर ही लगी रहती है। यदि कोई अन्य पशु उसके बच्चे के निकट आता है तो वह यदि खुली होती है तो
दौड़कर उस गैर पशु को टक्कर मारने दौड़ती है। यदि रस्से से बँधी होती है तो भी अपनी प्रतिक्रिया दिखाती है। जहाँ तक उसका रस्सा जाने देता है, वहाँ तक उस अन्य पशु को टक्कर मारने दौड़ती है। परमात्मा भक्त वच्छल हैं। भक्तों के रक्षक व प्रिय हैं। वे (हरिजनों)
भक्तों के पीछे-पीछे फिरते रहते हैं।(198)
क्रमशः________________
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आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। साधना चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
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hindistoryok01 · 1 year ago
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Pyaar Ka Pehla Adhyaya Shivshakti 14th July 2023 Hindi Written Update Episode
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अचानक, मंदिरा शिव का नाम पुकारती है और कमरे में प्रवेश करती है जिससे शिव और शक्ति चौंक जाते हैं क्योंकि वे मंदिरा को उन्हें एक साथ देखने नहीं दे सकते।
शक्ति शिव से कहती है कि उसके पास एक जरूरी मामला है जिस पर उसे ध्यान देना चाहिए और शिव की मदद से खिड़की से कमरे से बाहर निकल जाती है। मंदिरा ने शिव को देखकर अपनी आँखें चौड़ी कर लीं क्योंकि वह बिना किसी कारण के अपनी बाहों में दीपक लेकर खड़ा था।
शिव घबराकर हंसते हैं और मंदिरा से कहते हैं कि वह लैंप को टूटने से बचा रहे थे क्योंकि वह फर्श पर गिरने वाला था। शक्ति खिड़की से बाहर आती है और महादेव से प्रार्थना करती है कि शिव अपने डॉक्टर के कोट में उसका रूप देखें और उन पर हस्ताक्षर करें ताकि उसे बिना किसी समस्या के छात्रवृत्ति मिल सके।
रिमझिम और नंदू शक्ति को देखकर राहत महसूस करते हैं और उसे धीरे-धीरे नीचे आने के लिए कहते हैं ताकि कोई उसे इस तरह घर से बाहर आते हुए न देख सके।
हालाँकि, खंभे से नीचे उतरते समय, शक्ति गलती से एक पौधे के गमले को गिरा देती है, जो टकराने की आवाज के साथ फर्श पर गिर जाता है।
मंदिरा एक मंत्री से बात करती है और उन्हें आश्वासन देती है कि वह उनकी बेटी को बिना किसी समस्या के मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलाएगी क्योंकि उसे भविष्य में भी उनसे मदद मिलेगी।
मंत्री ने अपने लाभ के लिए ऐसे धर्मार्थ धन का उपयोग करने के लिए मंदिरा की सराहना की, जिस पर मंदिरा ने जवाब दिया कि उसने ये तरकीबें उनसे ही सीखी हैं।
बर्तन टूटने की आवाज से मंदिरा को शक हो जाता है और वह बाहर आकर देखती है कि वहां कोई मौजूद है या नहीं। नंदू मंदिरा को आते हुए देखता है और शक्ति और रिमझिम को भाग जाने के लिए कहता है क्योंकि मंदिरा उन्हें किसी भी हालत में नहीं देख सकती है।
मंदिरा बाहर आती है जबकि शक्ति और रिमझिम छुप जाते हैं और देखते हैं कि मंदिरा नौकर को गायत्री का काम करने के लिए डांट रही है।
जाते समय, शक्ति और रिमझिम की मुलाकात कीर्तन से होती है जो शक्ति के साथ छेड़खानी करने लगता है लेकिन शक्ति कहता है कि वह फिर कभी उस घर में वापस नहीं आएगी जिससे रिमझिम परेशान हो जाती है।
नंदू शिव से पूछता है कि क्या कोई लड़की उससे मिलने आई है लेकिन शिव शक्ति से मिलने के बारे में झूठ बोलता है और अपने कोट में फॉर्म के साथ अस्पताल के लिए निकल जाता है।
बाद में, शक्ति और रिमझिम का मनोरमा बेलन से स्वागत करती है और उनसे सच बताने के लिए कहती है कि वे पूरे दिन कहाँ थे।
रिमझिम मनोरमा का ध्यान भटकाती है और शक्ति और खुद को बचाती है जिसके बाद वह शक्ति को बताती है कि वह अपने राजकुमार से मिलने के लिए उस घर में गई थी।
मनोरमा यह सुनती है और सोचती है कि रिमझिम और शक्ति दोनों प्यार के मामले में एक दूसरे में उलझ रहे हैं, जिससे वह घबरा रही है।
हालाँकि, रिमझिम का कहना है कि वह शक्ति को हंसाने के लिए राजकुमार वाली बात का मजाक उड़ा रही थी क्योंकि शक्ति यह सुनकर घबरा जाएगी कि रिमझिम को कीर्तन पसंद है। इस बीच, मंत्री ने मंदिरा को धमकी दी कि अगर उसने उसकी बेटी को कॉलेज में दाखिला नहीं दिया तो वह उसके रहस्य उजागर कर देगी, जिससे मंदिरा नाराज हो जाएगी।
शिव के जाते समय गायत्री उसका नाम पुकारती है क्योंकि उसका हाथ नाखून को छू जाता है लेकिन शक्ति के दुपट्टे के कारण उसे चोट नहीं लगती है, जिससे गायत्री को अपने बेटे के लिए आशा महसूस होती है।
बाद में, शिव अपने केबिन में प्रवेश करते हैं और शक्ति के रूप के साथ दो सितारा कागज देखते हैं और समझते हैं कि शक्ति पहले उनके पास क्यों आई थी।
शक्ति रिमझिम को डॉ. शिव के बारे में बताती है और बताती है कि कैसे उसने एक ही समय में कई स्थितियों में उसकी मदद की और उसे फांसी पर लटकाया, लेकिन इस ���ार, वे समझ जाएंगे कि शिव नायक है या खलनायक।
उम्मीद है आपको यह एपिसोड अच्छा लगा होगा अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करे
Source link: - https://hindistoryok.com/pyaar-ka-pehla-adhyaya-shivshakti-14th-july-2023-hindi-written-update-episode/
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zagareet11 · 2 years ago
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फेरो न नज़र से नज़रिया
कल रात में बहुत देर तक जगी रही थी। पहले तो खाना बना रही थी उसके बाद दोस्त से बात जिसमें चार बज गए। आज देर से उठी तो दरवाज़े पर कूड़े वाली आंटी आ गई थी जिन्हें कूड़ा दिया फिर दरवाज़ा बंद कर लिया।
स्पीकर में कला फ़िल्म का गाना लूप पर चलाया। फेरो न नज़र से नज़रिया। अभी परसों मैने घर और वॉशरूम धुला है और कल किचन साफ कर लिया। हाल ही में सफाई हुई हो तो सो कर उठने पर अलग ही फील होता है। कोई बोझ नहीं रहता कि इतना काम है।
मैंने सूप बनाया और वही पी रही हूं और गाना भी वही बज रहा है । कोई गाना जो मुझे पसंद आ जाता है उसे मैं इतनी बार सुन लेती हूं जबतक बोर न हो जाऊं।
अभी वाइब बहुत अच्छी और शांत है। एक दिन मैं ऑडिशन बनाने की तैयारी कर रही थी उसी में आस्था की कॉल आ गई थी और उसने फिर से अपना रोना धोना चालू कर दिया कि कोई तो लड़की आई थी जिसको उसका बॉयफ्रेंड घर दिखाने ��ेकर आया था उस बेचारी को घर खाली करना पड़ रहा था तो उसको अर्जेंट में घर लेना था।
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अब आस्था लड़ाई करने लगी अपने ब्वॉयफ्रेंड से। मुझसे कह रही है कि मैं नहीं चाहती कि मेरे रिलेशन के बीच में कोई आए? मैंने कहा तुम्हारे रिलेशन के बीच में कौन आ रहा है?? वो बेचारी तो घर खोज रही है।
बोली मैं नहीं जानती उसको तो मैं कैसे रहने दूं। मैंने बोला लड़का कितने लोगों से मिलता होगा बात करता होगा सबसे तुमको इंट्रोड्यूस करवाता फिरेगा क्या? तुम्हारा अप्रूवल लेता रहेगा हर बात पर। तुम सब लड़कियों को ही ऐसा बोलती हो जबकि लड़कियां ऐसी नहीं हैं समझी।
तुम्हारे पैर दूसरों के जूते में नहीं हैं तो तुम समझ भी नहीं पाओगी।
अब यह बात उसको बहुत बुरी लग गई कि मुझे कैसे इसने इतना सुना दिया। उसने शक्ति को कॉल करके अपनी बात बताई। शक्ति ने कहा कि नहीं बात कर रही है तो मत करो। कौन सा तुम उससे कम हो?? बोली कि यार बात तो करना ही प��़ेगा मुझे भी मुंबई शिफ्ट होना है और वो prishu के ही डांस क्लास में जाने लगी है।
मुझे समझ में आया कि उसको चाहिए कि मैं उसका काम करती रहूं और मुंबई शिफ्ट होंने में उसकी मदद कर दूं उसके मम्मी पापा से बात कर लूं लेकिन उसको कोई आत्मिक लगाव मुझसे है नहीं।
तो मैं क्यों किसी के लिए काम करती रहूं जो मुझे ही धौंस दे। मैंने भी ब्लॉक कर दिया दोनो को। अपनी ज़िंदगी खुद हैंडल करें। मैंने अब नज़र फेर ली है।
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mrupadhyaysworld · 3 years ago
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किसी को कैसे Impress करें?
किसी को कैसे Impress करें?
अपनी लुक पर ध्यान दें किसी को भी Impress करने के लिए यह सबसे जरुरी चीज है । अगर आपकी लुक अच्छी है तो आप से हर कोई Impress हो जायेगा । इसके लिए आपको अपना Dressing Sense, आपके जूते ये सभी Perfect होना चाहिए। Communication Skills  Communication Skills अच्छी होनी चाहिए । जब भी आप किसी से बात करते हैं तो धीरे से बात करें और सामने वाले की बातों को ध्यान से सुनकर ही उसका जवाब दें । ध्यान रहे जितना जवाब…
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karanaram · 3 years ago
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🚩अब “मान्यवर” और आलियाभट्ट ने किया हिन्दुओं के पवित्र अनुष्ठान पर प्रहार - 22 सितंबर 2021
🚩एक बार फिर से हिन्दुओं के विवाह से सम्बन्धित अनुष्ठान पर वार हुआ है और अबकी बार वार किया है “मान्यवर” ब्रांड ने, जिसमें आलिया भट्ट ने आकर कहा है कि “वह कोई वस्तु नहीं हैं, जिसे दान किया जाए; इसलिए अब कन्यादान नहीं, कन्यामान।”
इस विज्ञापन के आने के बाद से ही हिन्दुओं में गुस्से की लहर है।
🚩एक और बात नहीं समझ आती है कि जो ऐड एजेंसियां होती हैं, उनके दिमाग में हिन्दू धर्म को लेकर इतना कचरा क्यों भरा होता है?
या फिर वे वही वोक लिबरल होते हैं, जिन्हें न ही कन्या का अर्थ पता होता है और न ही दान का और इन्हें कौन अधिकार देता है कि वह हिन्दू धर्म पर कुछ कह सकें! उनके भीतर हिन्दू धर्म की मूल समझ ही नहीं होती है। हिन्दुओं को ही अपना सामान बेचने वाले लोगों के भीतर हिन्दुओं को ही नीचा दिखाने की प्रवृत्ति क्यों होती है और वह भी आलिया भट्ट जैसे लोगों से जिनके पिता अपनी बड़ी ��ेटी के साथ लिप-लॉक करके चर्चा में आ चुके थे और यह बॉलीवुड ही है, जिसने “बेटी पराया धन है"- जैसे डायलॉग बनाए और जिसने लड़की को वस्तु बनाकर पेश किया।
🚩कन्यादान जैसे पवित्र हिन्दू अनुष्ठान पर प्रहार करने के कारण मान्यवर अब लोगों के निशाने पर आ चुका है और लोग भारी संख्या में जाकर उस विज्ञापन पर डिस्लाइक का बटन दबा रहे हैं।
🚩ऐड एजेंसी या प्रोडक्ट निर्माता, आखिर समाज सुधारक क्यों बन जाते हैं और वह भी केवल हिन्दू धर्म के?
जिसके विषय में उन्हें क, ख, ग नहीं पता होता है और जो सड़क छाप कविताएँ पढ़कर अपनी जानकारी का निर्माण करते हैं। यह लोग कभी भी हलाला के खिलाफ अभियान नहीं चलाते, जिससे परेशान होकर कई मुस्लिम औरतें न्यायालय और पुलिस के चक्कर काट रही हैं।
यहाँ तक कि हाल ही में अहमदाबाद में आयशा नामक मुस्लिम लड़की ने अपने शौहर की बेवफाई से दुखी होकर लाइव आत्महत्या की थी, मगर उसे आधार बनाकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर निशाना नहीं साध पाए कि चार निकाह की कुप्रथा बंद की जाए या फिर एक बार बोलने वाले तीन तलाक पर ही अभियान नहीं चलाते हैं।
हाल ही में चर्च में यौन शोषण के आरोप आए हैं, पर कोई भी ब्रांड अभियान नहीं चलाता!
परन्तु हाँ,हिन्दुओं के अनुष्ठानों पर प्रश्न उठाने के लिए हर कोई तैयार हो जाता है और यही प्रश्न अब लोग कर रहे हैं कि आखिर हिन्दुओं से समस्या क्या है?
प्रश्न है कि अगर “कन्यादान पितृसत्तात्मक है, तो निकाहनामा में लड़की देना और मेहर तय करना क्या है? क्या यह सभी वोक है?”
मेहर पर आज तक क्यों किसी ने प्रश्न नहीं उठाया? और विवाह हिन्दुओं में जन्म-जन्म का बंधन है, जबकि निकाहनामा एक अनुबंध है जिसे मेहर के आधार पर तय किया जाता है; इस व्यवस्था को बंद करने के लिए “मान्यवर” जैसे ब्रांड कितना अभियान चलाएंगे?
क्या हम उस समाज में ��हते हैं, जिसमें कन्यादान पितृसत्तात्मक है और चार निकाह आज़ादी है?
🚩हालाँकि यह कोई नया कदम नहीं है, जब किसी ब्रांड ने समाज सुधारक बनने की कोशिश की है। रेड लेबल चाय ने हिन्दू विरोधी विज्ञापन बनाया था, जिसमें गणेशजी की मूर्ति के बहाने हिन्दुओं को ही असहिष्णु ठहराने की कोशिश की थी।
उससे पहले होली के समय बच्चों को शिकार बनाते हुए सर्फ़ एक्सेल का विज्ञापन भी हमें याद होगा और जब #लव_जिहाद के मामले में लड़कियां बक्से में मिल रही थीं मरी हुईं, तब घावों पर नमक छिड़कने के लिए तनिष्�� का विज्ञापन!
हर वर्ष रक्षाबंधन पर महिला समानता के अभियान चलने लगते हैं और करवाचौथ को तो गुलामी का प्रतीक ही बना दिया है; जबकि इनमें से किसी ने भी गहराई से हिन्दू धर्म के उन ग्रंथों का अध्ययन नहीं किया होता है, जहाँ पर विवाह के समय दुल्हन को माँ लक्ष्मी एवं वर को भगवान विष्णु माना जाता है। दान का अर्थ भी पढ़े-लिखे वोक कुपढ़ डोनेट से ले लेते हैं, जबकि दान का अर्थ हिन्दुओं में कहीं अधिक है। दान का अर्थ त्यागना नहीं होता है, न ही सम्बन्ध तोड़ना होता है। दान एक पवित्र शब्द है और यह कल्याण की भावना के साथ किया जाता है, जैसे- समाज के कल्याण के लिए विद्यादान; यहाँ तक कि जीवनदान जब एक वृहद कल्याण के लिए प्रसन्नता के साथ दान किया जाता है।
🚩कन्या का पिता, अपनी पुत्री को नव जीवन के लिए वर को दान देता है, इस आशीर्वाद के साथ कि वह अब गृहस्थ जीवन में प्रवेश करें, परन्तु वह “त्यागता” नहीं है। वह दयावश किसी को अपनी बेटी डोनेट नहीं कर रहा है कि किसी अपात्र की शादी नहीं हो पा रही है, तो दयावश अपनी बेटी को डोनेट कर दिया, जैसे दस या बीस रूपए डोनेट कर देते हैं।
पहले पिता अपनी पुत्री के योग्य वर की तलाश करता है और जब उनकी पुत्री उनकी पसंद को स्वीकृत करती है, तभी वह अपनी पुत्री को उस योग्य एवं पात्र वर के हाथों में इस विश्वास के साथ सौंपता है कि वह उनकी पुत्री को हर प्रकार का सुख देगा।
वह किसी दयावश किसी को अपनी बेटी डोनेट नहीं कर देता है, परन्तु दान शब्द को डोनेट शब्द तक सीमित करने वाले वोक लिबरल इस भावना को नहीं समझ सकते हैं क्योंकि उनके दिमाग में फेमिनिज्म की कचरा कविताएँ बसी रहती हैं, जो कन्यादान को बिना समझे ही कोसती रहती हैं।
🚩वहीं पुरुषों पर लिंग के आधार पर होने वाले कानूनी पक्षपात पर काम करने वाले कुछ लोगों ने यह भी कहा कि परम्पराओं को तोड़ने के स्थान पर उन कानूनों को तोड़ा जाना चाहिए, जो लिंग के आधार पर पक्षपाती हैं।
🚩मूल प्रश्न यही है कि हर ऐरा-गैरा आकर हिन्दू धर्म में सुधारक होने का दावा क्यों करता है?
क्या तीन तलाक और हलाला पर बोलने में उन्हें अपनी गर्दन तन से जुदा होने का डर होता है?
यह दोनों ही प्रश्न हमें मात्र मान्यवर @Manyavar_ से ही नहीं पूछने चाहिए, बल्कि विज्ञापन बनाने वाली श्रेयांस इनोवेशंस से भी पूछने चाहिए।
यह तो प्रश्न करना ही चाहिए कि आखिर मान्यवर/मोही केमालिक, रवि मोदी और उनकी पेरेंट कंपनी वेदान्त फैशन लिमिटेड जो खुद को “सेलेब्रेशन वियर ब्रांड” कहती हैं और फिर हिन्दुओं के विवाह संस्कारों पर थूकती है, यह कैस��� खेल है?
हर हिन्दू जो इस विज्ञापन से आहत है, उसे कम से कम यह प्रश्न करना चाहिए कि पवित्र दान को सस्ते “डोनेट” में कैसे बदल दिया और किसने उन्हें अधिकार दिया कि हिन्दू धर्म के पवित्र संस्कार के विरुद्ध इतनी घटिया भाषा और तिरस्कार वाली भाषा का प्रयोग करें?
कम से कम इतना तो कर ही सकते हैं कि हम #BoycottHinduphobicManyavar का ट्रेंड चलाएं और इन भाँडों को उनकी औकात दिखलायें!!
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rajujangde · 3 years ago
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[07/09, 11:51 pm] Raj: टाइपिंग कोचिंग सेंटर में विजय का पहला दिन था। वह अपनी सीट पर बैठा टाइप सीखने के लिए नियमावली पुस्तिका पढ़ रहा था। तभी उसकी निगाह अपने केबिन के गेट की तरफ गई। कजरारे नयनों वाली एक साँवली लड़की उसकी केबिन में आ रही थी।
लड़की उसकी बगल वाली सीट पर आकर बैठ गई। टाइपराइटर को ठीक किया और टाइप करने में मशगूल हो गई। विजय का मन टाइप करने में नहीं लगा। वह किसी भी हालत में लड़की से बातें करना चाह रहा था। वह टाइपराइटर पर कागज लगाकर बैठ गया और लड़की को देखने लगा। लड़की की अँगुलियाँ टाइपराइटर के कीबोर्ड पर ऐसे पड़ रही थीं जैसे हारमोनियम बजा रही हो।
क्या देख रहे हो? 'थोड़ी देर बाद लड़की गुस्से से बोली।
आपको टाइप करते हुए देख रहा हूँ।
[07/09, 11:53 pm] Raj: यहाँ क्या करने आए हो?
टाइप सीखने।
ऐसे सीखोगे? लड़की के स्वर में तल्खी बरकरार थी।
[07/09, 11:56 pm] Raj: मेरा आज पहला‍ दिन है, इसलिए मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा है। आप टाइप कर रही थीं तो मैं देखने लगा कि आपकी अँगुलियाँ कैसे पड़ती हैं कीबोर्ड पर। आपको टाइप करते देखकर लगा मैं भी सीख जाऊँगा।
यदि इसी तरह मुझे ही देखते रहे तो आपकी यह मनोकामना कभी पूरी न��ीं होगी।'
लड़की फिर टाइप करने में जुट गई। विजय भी कीबोर्ड देखकर टाइप करने लगा। टाइप करने में उसका मन नहीं लग रहा था। वे बेचैनी-सी महसूस कर रहा था। दस मिनट बाद ही उसने टाइपराइटर का रिबन फँसा दिया।
'रिबन तो फँसेगा ही जब ध्यान कहीं और होगा...।'
लड़की उसके टाइपराइटर को थोड़ा अपनी ओर खींचकर रिबन ठीक करने लगी। इसी बीच रिबन नीचे गिर गया। वह उसे उठाने के लिए झुकी तो उसके गले से चुन्��ी गिर गई। रिबन उठाने के‍ लिए विजय भी झुका था। उसकी निगाह अकस्मात ही लड़की के उरोजों पर चली गई। वह सकपका गया।
'लो, ठीक हो गया।' लड़की ने कहा त उसकी चेतना लौटी। लड़की फिर टाइप करने में लग गई, लेकिन विजय का मन टाइप में नहीं लगा। वह लड़की से बात करने की ताक में ही लगा रहा।
'मन नहीं लग रहा है?' अचानक लड़की ने उससे पूछा तो बाँछें खिल गईं।
'लगता है कि सीख भी नहीं पाऊँगा।'
आसार तो कुछ ऐसे ही दिखते हैं।
आपका नाम? विजय ने बात को बढ़ाने के लिए सवाल कर दिया।
सरिता।
अच्छा नाम है।
लेकिन मुझे इस नाम से नफरत है।
क्यों?
कोई एक कारण हो तो बताएँ। यह कहते हुए सरिता अपनी सीट से उठी और पर्स कंधे पर टाँगते हुए केबिन से बाहर निकल गई। विजय उसे जाते हुए देखता रहा। उसके जाने के बाद उसने टाइपराइटर पर डाली। टाइपराइटर उसे उदास लगा।
और दुनिया बदल गई
इसी दिन से विजय हवा में उड़ने लगा। रातों को छत पर घूमने लगा। तारे गिनता और उनसे बातें करता। चाँदनी रात में बैठकर कविताएँ लिखता। गर्मी की धूप उसे गुनगुनी लगने लगी। दुनिया गुलाबी हो गई तो जिंदगी गुलाब का फूल। आँखों से नींद गायब हो गई। वह ख्‍यालों ही ख्‍यालों में पैदल ही कई-कई किलोमीटर घूम आता।
अपनी इस स्थिति के बारे में उसने अपने एक दोस्त को बताया तो उसने कहाँ 'गुरु तुम्हें प्यार हो गया है।' दोस्त की बात सुनकर उसे अच्छा लगा।
अगले दिन विजय ने सरिता से कहा कि आप पर एक कविता लिखी है। चाहता हूँ कि आप इसे पढ़ें।
'यह भी खूब रही। जान न पहचान। तू मेरा मेहमान। कितना जानते हैं आप मुझे?'
जो भी जानता हूँ उसी आधार पर लिखा हूँ।
सरिता उसकी लिखी कविता पढ़ने लगी।
सरिता,
कल-कल करके बहने वाली जलधारा
लोगों की प्यास बुझाती
किसानों के खेतों को सींचती
राह में आती हैं बहुत बाधा
फिर भी मिलती है सागर से
उसके प्रेम में सागर
साहिल पर पटकता है सिर
उनके प्रेम की प्रगाढ़ता का प्रमाण
पूर्णमासी की रात में
उठने वाला ज्वार-भाटा
सरिता है तो सागर है
सरिता के बिना रेगिस्तान हो जाएगा सागर
सागर के प्रेम में
सरिता लाँघती है पहाड़, पठार
और मानव निर्मित बाधाओं को
कविता के नीचे उसने विजय की जगह सागर लिखा था। सरिता ने उसे देखा और कागज विजय की तरफ बढ़ा दिया। विजय ने कहा कि मैं चाहता हूँ कि आप इसे टाइप कर दें। इसे छपने के लिए भेजना है। सरिता कुछ नहीं बोली। कागज को सामने रखकर टाइप करने लगी। विजय ��से देखता रहा। इस बात का आभास सरिता को भी था कि विजय उसे ही देख रहा है, लेकिन उसने कोई विरोध करने के बजाय पूछा कि आप कवि हैं?
बनने की कोशिश कर रहा हूँ।
कवि भगोड़े होते हैं। सरिता ने उसकी ओर देखते हुए कहा। उसकी इस टिप्पणी से विजय सकपका गया।
कवि अपने सुख के लिए कविता रचता है। रचते समय वह कविता के बारे में सोचता है। उसके बाद वह कविता को उसके हाल पर छोड़ देता है। कविता जब संकट में होती है तो कवि कविता के पक्ष में खड़ा नहीं होता।'
'यह आप कैसे कह सकती हैं।'
मैं समझती हूँ कि आदमी की जिंदगी भी एक कविता है। मेरी जिंदगी एक कविता है। मेरी जिंदगी मुझे अच्छी नहीं लगती। इसलिए कविता भी मुझे अच्छी नहीं लगती।
अरे वाह, आप तो कवि हैं। अभी आपने जो कहा वह तो कविता है।
कविता नहीं, कविता का प्रलाप है, उसकी वेदना।
जो उस कवि के कारण उपजी है, जिसने मेरी जिंदगी की रचना की।' इतना कहकर सरिता केबिन से बाहर चली गई।
कैसी है यह? विजय ने सरिता के टाइपराइटर को देखा। लगा जैसे टाइपराइटर किसी शोक गीत की रचना में मशगूल है।
प्यार की खुशबू
आज उन्होंने बातें अधिक कीं। उनके वार्तालाप को देखकर टाइपिंग इंस्टिट्‍यूट चलाने वाली मैडम ने उनके पास आकर कहा कि आजकल तो तुम काफी खुश हो सरिता। बदले में सरिता केवल मुस्कराई। विजय भी मुस्कराया। तो क्या मेरे प्यार की गंध इसे भी लग गई।
अगले दिन सरिता जब इंस्टिट्‍यूट आई तो काफी सजी-धजी थी। नया गुलाबी सूट पहने थी। बालों का स्टाइल बदला हुआ था। विजय को सरिता का यह बदला रूप अच्‍छा लगा। वह अपनी भावनाओं को दबा नहीं पाया। बोला, 'काफी सुंदर लग रही हो।' जवाब में जब सरिता ने मुस्कराते हुए थैंक्यू का फूल जब उसकी तरफ फेंका तो उसकी इच्छा हुई कि वह खड़ा होकर नाचने लगे और जोर-जोर से चिल्लाये कि उसे प्यार हो गया है।
ग्रह-नक्षत्रों की चाल
आदमी जब‍ निराश होता है या फिर लक्ष्य के प्रति उसकी स्थितियाँ साफ नहीं होती हैं तो वह धर्म और ज्य‍ोतिषी की शरण में चला जाता है। विजय की भी हालत कुछ ऐसी ही थी। वह सरिता को चाहने लगा था, लेकिन सरिता भी उसे चाहती है यह स्पष्ट नहीं था।
वह अपनी बेरोजगारी से भी परेशान था। घर वाले शादी के लिए अलग से दबाव डाल रहे थे। लिहाजा एक दिन वह ज्योतिषी के पास चला गया। नौकरी पाने के लिए वह ज्योतिषी से नुस्खे पूछता रहता है। उसने सोचा कि प्रेम पाने के लिए भी गृह-नक्षत्रों की चाल जान ली जाए। नौकरी के लिए तो ज्योतिषी कभी कहता है कि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है, जो आपके शुभ कार्यों में बाधक है।
इसकी शांति के लिए घर में मोर पंख रखें और प्रतिदिन उसे दो-तीन बार अपने शरीर पर घुमाएँ। सोमवार के दिन चाँदी से बना सर्प का जोड़ा शिवलिंग पर चढ़ाएँ। नित्य श्रीगणेश जी की उपासना करें। धैर्यपूर्वक ऐसा करने पर ही रोजगार प्राप्ति की संभावना बनेगी। विजय ने अभी तक उसके बताए हर नुस्खे को आजमाया, लेकिन आज तक कोई संभावना नहीं बनी। शिकायत करने पर वह कह देता है कि आप पर भाग्येश शुक्र की महादशा चल रही है। शुक्र के बलवर्धन के लिए शुक्रवार के दिन साढ़े पाँच रत्ती का ओपल चाँदी में जड़वाकर दाहिनी मध्यमा में धारण करें।
पंडित जी मेरी कुंडली में प्रेम है कि नहीं?
है न, बहुत है। कुंडली पर सरसरी नजर डालते हुए ज्योतिषी ने कहा।
'प्रेम विवाह का योग है?'
है, लेकिन कुछ बाधाएँ हैं।'
प्रेम विवाह में क्या लफड़ा है?
आप पर शुक्र की महादशा चल रही है, जो अशुभ फलप्रद है। गोचर में भी आपकी राशि पर शनि की साढ़े साती चल रही है। शनि शांति के लिए प्रत्येक शनिवार कुत्तों को सरसों के तेल से बना मीठा पराठा‍ खिलाएँ। ग्रह शांति के उपरांत ही प्रेम में सफलता की संभावना बन सकती है।
सब ढकोसला है। इतने दिनों से आप एक नौकरी के लिए मुझसे क्या-क्या नहीं करवाते रहे। मिलीं नौकरी? साला चपरासी भी कोई रखने को तैयार नहीं।
भन्नाया हुआ विजय ज्योतिषी के कमरे से निकल गया। घर पहुँचते ही मम्मी कहने लगी, 'तुम्हारे पिता ने ल��़की पसंद कर ली है। उनके दोस्त की बेटी है। बीए करके नौकरी कर रही है।'
तो मैं क्या करूँ?
शादी कर लो।
बिना नौकरी मिले यह नहीं हो पाएगा।
फिर तो पूरी जिंदगी कुँआरे ही रह जाओगे।
बीवी की कमाई खाने से तो कुँआरा रहना ही अच्छा है। कहते हुए विजय अपने कमरे में चला गया।
जिंदगी आसान नहीं
एक सप्ताह तक सरिता टाइपिंग स्कूल नहीं आई। विजय रोज आता रहा और निराश होकर वापस घर जाता रहा। आठवें दिन सरिता के आते ही वह पूछा बैठा कि एक सप्ताह आई नहीं?
जिंदगी में बहुत दिक्कतें हैं। कहते हुए सरिता अपनी सीट पर बैठ गई।
क्या हो गया?
मेरी बहन जो बीए कर रही है किसी लड़के के साथ चली गई। दोनों बिना शादी के ही एक साथ रह रहे हैं।
ऐसा क्यों किया?
उसका कहना है कि यदि वह ऐसा न करती तो उसकी शादी ही नहीं हो पाती।
मतलब?
हमारे घर के आर्थिक हालात। इतना कहकर सरिता चुप हो गई।
मुझे नहीं लगता कि आपकी बहन ने गलत किया है। आज की युवा पीढ़ी विद्रोही हो गई है। वह परंपराओं को तोड़कर नई नैतिकता गढ़ रही है। समय के साथ सब ठीक हो जाएगा।
पर माँ तो नहीं समझतीं।
हाँ, उनके लिए समझना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन आजकल सब चलता है। हमारा समाज बदल रहा है। बिना शादी के एक साथ रहना पश्चिमी परंपरा है, लेकिन अब ऐसा हमारे यहाँ भी होने लगा है।'
हाँ, बैठकर सपनों के राजकुमार का इंतजार करने से तो बेहतर ही है न कि जो हाथ थाम ले उसके साथ चल दिया जाए। चाहे चार दिन ही सही, जिंदगी में बहार तो आ जाएगी।
विजय को लगा कि कह दे कि फिर तुम मेरे साथ क्यों नहीं चली चलतीं। हम शादी कर लेते हैं पर वह कह नहीं पाया।
'जानते हो मेरी एक बहन बारहवीं में पढ़ रही है। उसका भी एक लड़के से प्रेम चल रहा है। वे दोनों एक-दूसरे से शादी करने को तैयार हैं। अगले साल बालिग होते ही शादी कर लेंगे।'
विजय के मन में आया कि कह दे कि अच्छा ही है। वह अपने आप वर खोज लें तो तुम्हें परेशानी नहीं होगी। वैसे भी पाँच हजार रुपए की नौकरी में तुम कौन सा राजकुमार उन्हें दे दोगी। अच्‍छा है कि वह अपने-अपने ‍प्रेमियों के साथ भाग जाएँ।
बातों-बातों में एक दिन सरिता ने उसे बताया था कि उसके पिता की मौत हो चुकी है और वह तीन बहन हैं। उसका कोई भाई नहीं है। बहनों में वही सबसे बड़ी है। वह एक ऑफिस में काम करती है और उसे पाँच हजार रुपए मासिक वेतन मिलता है। दूसरी जगह काम पाने के लिए टाइपिंग सीख रही है।
विजय को अपने एक दोस्त के साथ घटी ऐसी ही घटना की याद आ गई। उसके दोस्त की एक बहन अपनी बड़ी बहन के अधेड़ से ब्याह देने के बाद प्रेमी के साथ भाग गई। इसके बाद उसका दोस्त गुस्से में उबल रहा था। तब विजय ने कहा था कि शांत रहो यार। वे दोनों जहाँ हो कुशल से रहें। उसने जो किया अच्छा ही किया। तुम कौन सा उसे राजकुमार से ब्याह देते। आखिरकार जिंदगी उसकी है।
जीना उसे है इसलिए निर्णय भी उसे ही लेना चाहिए। दोस्त के बड़े भाई ने भी विजय की बात का समर्थन किया था। लेकिन थोड़ा दार्शनिक अंदाज में कहा था कि होनी को यही मंजूर था।
मैं भी सोचती हूँ कि एक बहन ने जो किया ठीक ही है। दूसरी जो करेगी वह भी अच्छा ही है। जीवन यदि संघर्ष है तो करो। प्रेमी से पति बना व्यक्ति भी धोखा दे सकता है। जीवन नरक बन सकता है और माता-पिता का खोजा राजकुमार भी यही करता है। लेकिन माँ नहीं मानतीं। सोचती बहुत हैं और तबियत खराब कर लेती हैं।
पुराने जमाने की हैं न।
'हद तो यह हो गई कि वह मुझसे कहने लगी हैं कि तू भी किसी के साथ भाग जा।
मैं उन्हें इस हाल में छोड़कर किसके साथ...'
रो पड़ी सरिता।
विजय की समझ में नहीं आया कि वह क्या कहे और क्या करे।
स्थिति को सरिता समझ गई तो खुद पर काबू किया और फिर से टाइप करने लगी।
दस मिनट बाद सरिता उठी और बिना बोले ही चली गई। विजय की इच्छा हुई कि वह उसके पीछे-पीछे चला जाए, लेकिन वह बैठा रहा और उसे जाते देखता रहा।
मूसलाधारिश में बिजली का गिरना
आसमान में काले बादल घिर आए थे। इस कारण परिवेश में अँधेरा पसर गया था। रह-रहकर आसमान में बिजली चमकती और बादल गरजते। ऐसे मौसम में भी विजय टाइपिंग स्कूल जाने के लिए तैयार था। वह सरिता से मिलना चाहता था। जब वह घर से निकला तो बूँदाबाँदी शुरू हो चुकी थी। फिर भी वह तेज कदमों से टाइपिंग स्कूल की तरफ बढ़ने लगा। कुछ ही दूर गया होगा कि बारिश तेज हो गई। सड़क पर चल रहे लोग भागकर किसी छाँव में खड़े हो गए पर वह अपनी मस्ती में भीगता हुआ चलता रहा।
इंस्टिट्‍यूट पहुँचकर उसे पता चला कि सरिता नहीं आई है।
इतनी बारिश में आने की क्या जरूरत थी? मैडम ने विजय से कहा।
आप नहीं समझेंगी। सब समझती हूँ, लेकिन अब सरिता यहाँ कभी नहीं आएगी।
क्यों? आपको कैसे पता?
'उसका फोन आया था। उसने कहा कि यदि आप आओ तो बता दूँ।'
वह कभी नहीं आएगी? विजय की आवाज किसी कुएँ में से आती लगी।
विजय टाइपिंग स्कूल से बाहर आया। बाहर मूसलाधार बारिश हो रही थी। जैसे ही उसने नीचे की ओर कदम रखा जोर से बिजली ‍चमकी और बादल गरजने लगा।
विजय संज्ञाशून्य सा भीगता हुआ घर की तरफ चल पड़ा।
उसने सोचा कि वह सरिता के घर जाएगा। लेकिन उसके घर का पता तो मैडम दे सकती हैं। यह सोचकर वापस पलटा लेकिन तब तक टाइपिंग स्कूल बंद हो चुका था।
भीगते हुए घर पहुँचा। तब तक उसका शरीर बुखार से तपने लगा। लगभग पंद्रह दिन वह चारपाई पर पड़ा रहा। जब कुछ ठीक हुआ तो बीसवें दिन टाइपिंग स्कूल पहुँचा। मैडम नहीं मिली। यह सिलसिला पंद्रह दिनों तक चला। सोलहवें दिन उसे मैडम मिली। उसे देखते ही बोल पड़ी कि काफी कमजोर हो गए हो?
उस दिन बारिश में भीगा तो बीमार हो गया।
विजय ने मैडम से सरिता के घर का पता माँगा तो उसने एक कागज पर लिखा और विजय को थमा दिया। मैडम को धन्यवाद बोलकर विजय चल पड़ा। वह आज ही सरिता से मिलना चाहता था।
जब वह मैडम के दिए पते पर पहुँचा तो वहाँ ताला लगा था।
पड़ोसियों से पूछने पर पता चला कि सरिता यहीं रहती थी, लेकिन अब मकान बेचकर चली गई है। कई लोगों से पूछने के बाद भी विजय को उसका नया पता नहीं मिला। निराश होकर वह घर लौट आया।
सरिता के इस व्यवहार से उसे काफी धक्का लगा। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि सरिता ने ऐसा क्यों किया?
वह सरिता की याद में कविताएँ लिखने लगा।
एक दिन उसने एक सपना देखा और उसके भावों को कविता के रूप में कागज पर लिखा...
सरिता, जो निकली
अपने उद्‍गम स्थल से
सागर की चाह में चली द्रुतगति से
सामने आ गया पहाड़
टकराने के बाद बदल लिया अपना मार्ग
मार्ग था लंबा
पहाड़ों की श्रृंखला थी
पठार और पथरीली जमीन भी
आदमी भी खड़ा था फावड़ा लिए
बाँध बनाने को तत्पर
खेत सींचने के लिए
चाहिए उसे पानी पीने के लिए भी
बिजली भी तो चाहिए
घर रोशन करने के लिए
कारखाने चलाने के लिए
कारखानों के कचरे को
बहाने के लिए भी चाहिए उसे नदी।
प्रकृति से लड़ते नहीं थकी वह
बहती रही अविरल
दिल में सागर से मिलने की ��ाह लिए।
भारी पड़ा प्यार अवरोधों पर
पहुँच गई वह साहिल पर
लेकिन मानव ने बना बाँध
रोक दी उसकी धारा
कारखानों की गंदगी उड़ेल
सड़ा दिया उसकी आत्मा को
अपने आँसुओं से धोती रह वह अपना बदन
निर्मलता से मिलना चाहती थी सागर से
विकास उन्मादी मानव ने
रौंद दिया उसकी आत्मा को
जिंदा लाश हो गई वह
उसके लिए तड़पता है सागर।
साहिल पर पटकता है अपने सिर को
उसने तो दम तोड़ दिया मानव के विकास में
सागर भेजता है बादलों को
उसे पुनर्जीवित करने के लिए
वह जानता है बेवफा नहीं है वह
सच्चा है उसका प्यार
कैद है वह मानव के विकास में
बरसते हैं बादल उफनती है नदी
मानव को दिखाती है अपना विकराल रूप
मिलते ही प्यार की ताकत
तबाह कर देना चाहती है वह मानव सृष्टि को
बदला लेना उसकी प्रकृति नहीं
भागती है तेज गति से सागर की ओर
बाँहें फैलाए स्वागत करता है सागर
बताना चाहती है अपने कष्टों को वह
लेकिन कुछ भी नहीं जानना चाहता सागर
जानता है वह मानव स्वभाव को
उसका भी तो पाला पड़ा है इस स्वार्थी प्राणी से
विजय की इस कविता को पत्रिका में छपे एक माह से अधिक हो गया है, लेकिन उसके पास इस बार भी अब तक सरिता का कोई पत्र या फोन नहीं आया है। उसे उम्मीद है कि एक न एक दिन सरिता उससे संपर्क जरूर करेगी। जब से वह कविता प्रकाशित हुई है तब से वह फोन की प्रत्येक घंटी पर चौंक जाता है। यही नहीं हर रोज पोस्टमैन का बेसब्री से इंतजार करता है। और जब उसके आने का समय खत्म हो जाता है तो वह उदासी के समुद्र में डूब जाता है।
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premsagardas · 4 years ago
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चौथी कहानी-ज़्यादा पापी कौन
भोगवती नाम की एक नगरी थी। उसमें राजा रूपसेन राज करता था। उसके पास चिन्तामणि नाम का एक तोता था। एक दिन राजा ने उससे पूछा, “हमारा ब्याह किसके साथ होगा?” तोते ने कहा, “मगध देश के राजा की बेटी चन्द्रावती के साथ होगा।” राजा ने ज्योतिषी को बुलाकर पूछा तो उसने भी यही कहा। उधर मगध देश की राज-कन्या के पास एक मैना थी। उसका नाम था मदन मंञ्जरी। एक दिन राज-कन्या ने उससे पूछा कि मेरा विवाह किसके साथ होगा तो उसने कह दिया कि भोगवती नगर के राजा रूपसेन के साथ। इसके बाद दोनों का विवाह हो गया। रानी के साथ उसकी मैना भी आ गयी। राजा-रानी ने तोता-मैना का ब्याह करके उन्हें एक पिंजड़े में रख दिया। एक दिन की बात है तोता-मैना में बहस हो गयी। मैना ने कहा, “आदमी बड़ा पापी, दग़ाबाज़ और अधर्मी होता है।” तोते ने कहा, “स्त्री झूठी, लालची और हत्यारी होती है।” दोनों का झगड़ा बढ़ गया तो राजा ने कहा, “क्या बात है, तुम आपस में लड़ते क्यों हो?” मैना ने कहा, “महाराज, मर्द बड़े बुरे होते हैं।” इसके बाद मैना ने एक कहानी सुनायी। इलाहापुर नगर में महाधन नाम का एक सेठ रहता था। विवाह के बहुत दिनों के बाद उसके घर एक लड़का पैदा ह��आ। सेठ ने उसका बड़ी अच्छी तरह से लालन-पालन किया, पर लड़का बड़ा होकर जुआ खेलने लगा। इस बीच सेठ मर गया। लड़के ने अपना सारा धन जुए में खो दिया। जब पास में कुछ न बचा तो वह नगर छोड़कर चन्द्रपुरी नामक नगरी में जा पहुँचा। वहां हेमगुप्त नाम का साहूकार रहता था। उसके पास जाकर उसने अपने पिता का परिचय दिया और कहा कि मैं जहाज़ लेकर सौदागरी करने गया था। माल बेचा, धन कमाया लेकिन लौटते समय समुद्र में ऐसा तूफ़ान आया कि जहाज़ डूब गया और मैं जैसे-तैसे बचकर यहां आ गया। उस सेठ के एक लड़की थी रत्नावती। सेठ को बड़ी खुशी हुई कि घर बैठे इतना अच्छा लड़का मिल गया। उसने उस लड़के को अपने घर में रख लिया और कुछ दिन बाद अपनी लड़की से उसका विवाह कर दिया। दोनों वहीं रहने लगे। अन्त में एक दिन वहां से बिदा हुए। सेठ ने बहुत-सा धन दिया और एक दासी को उनके साथ भेज दिया। रास्ते में एक जंगल पड़ता था। वहाँ आकर लड़के ने स्त्री से कहा, “यहाँ बहुत डर है, तुम अपने गहने उतारकर मेरी कमर में बाँध दो, लड़की ने ऐसा ही किया। इसके बाद लड़के ने कहारों को धन देकर डोले को वापस करा दिया और दासी को मारकर कुएँ में डाल दिया। फिर स्त्री को भी कुएँ में पटककर आगे बढ़ गया। स्त्री रोने लगी। एक मुसाफ़िर उधर से जा रहा था। जंगल में रोने की आवाज़ सुनकर वह वहाँ आया; उसने स्त्री को कुएँ से निकालकर उसके घर पहुँचा दिया। स्त्री ने घर जाकर माँ-बाप से कह दिया कि रास्ते में चोरों ने हमारे गहने छीन लिये और दासी को मारकर, मुझे कुएँ में ढकेलकर, भाग गये। बाप ने उसे ढाँढस बँधाया और कहा कि तू चिन्ता मत कर। तेरा स्वामी जीवित होगा और किसी दिन आ जायेगा। उधर वह लड़का जेवर लेकर शहर पहुँचा। उसे तो जुए की लत लगी थी। वह सारे गहने जुए में हार गया। उसकी बुरी हालत हुई तो वह फिर अपनी ससुराल चला। वहाँ पहुँचते ही सबसे पहले उसकी स्त्री मिली। वह बड़ी खुश हुई। उसने पति से कहा, “आप कोई चिन्ता न करें, मैंने यहाँ आकर दूसरी ही बात कही है।” जो कहा था, वह उसने बता दिया। सेठ अपने जमाई से मिलकर बड़े प्रसन्न हुए और उन्होंने उसे बड़ी अच्छी तरह से घर में रखा। कुछ दिन बाद एक रोज़ जब वह लड़की गहने पहने सो रही थी, उसने चुपचाप छुरी से उसे मार डाला और उसके गहने लेकर चम्पत हो गया। मैना बोली, “महाराज, यह सब मैंने अपनी आँखों से देखा। ऐसा पापी होता है आदमी!” राजा ने तोते से कहा, “अब तुम बताओ कि स्त्री क्यों बुरी होती है?” इस पर तोते ने यह कहानी सुनायी। कंचनपुर में सागरदत्त नाम का एक सेठ रहता था। उसके श्रीदत्त नाम का एक लड़का था। वहां से कुछ दूर पर एक और नगर था श्रीविजयपुर। उसमें सोमदत्त नाम का सेठ रहता था। उसके एक लड़की थी जिसका नाम जय��्री था वह श्रीदत्त को ब्याही थी। ब्याह के बाद श्रीदत्त व्यापार करने परदेस चला गया। बारह बरस हो गये और वह न आया तो जयश्री व्याकुल होने लगी। एक दिन वह अपनी अटारी पर खड़ी थी कि एक आदमी उसे दिखाई दिया। उसे देखते ही वह उस पर मोहित हो गयी। उसने उसे अपनी सखी के घर बुलवा लिया। रात होते ही वह उस सखी के घर चली जाती और रात-भर वहाँ रहकर दिन निकलने से पहले ही लौट आती। इस तरह बहुत दिन बीत गये। इस बीच एक दिन उसका पति परदेस से लौट आया। स्त्री बड़ी दु:खी हुईं अब वह क्या करे? पति हारा-���का था। जल्दी ही उसकी आँख लग गई और स्त्री उठकर अपने दोस्त के पास चल दी। रास्ते में एक चोर खड़ा था। वह देखने लगा कि स्त्री कहाँ जाती है। धीरे-धीरे वह सहेली के मकान पर पहुँची। चोर भी पीछे-पीछे गया। संयोग से उस आदमी को साँप ने काट लिया था ओर वह मरा पड़ा था। स्त्री ने समझा सो रहा है। वहीं आँगन में पीपल का एक पेड़ था, जिस पर एक पिशाच बैठा यह लीला देख रहा था। उसने उस आदमी के शरीर में प्रवेश करके अपनी काम पिपासा मिटाई और उत्तेजित होकर उसने उन स्त्री की नाक काट ली और फिर उस आदमी की देह से निकलकर पेड़ पर जा बैठा। स्त्री रोती हुई अपनी सहेली के पास गयी। सहेली ने कहा कि तुम अपने पति के पास जाओ ओर वहां बैठकर रोने लगो। कोई पूछे तो कह देना कि पति ने नाक काट ली है। उसने ऐसा ही किया। उसका रोना सुनकर लोग इकट्ठे हो गये। आदमी जाग उठा। उसे सारा हाल मालूम हुआ तो वह बड़ा दु:खी हुआ। लड़की के बाप ने कोतवाल को ख़बर दे दी। कोतवाल उन सबको राजा के पास ले गया। लड़की की हालत देखकर राजा को बड़ा गुस्सा आया। उसने कहा, “इस आदमी को सूली पर लटका दो।” वह चोर वहां खड़ा था। जब उसने देखा कि एक बेक़सूर आदमी को सूली पर लटकाया जा रहा है तो उसने राजा के सामने जाकर सब हाल सच-सच बता दिया। बोला, “अगर मेरी बात का विश्वास न हो तो जाकर देख लीजिए, उस आदमी के मुँह में अभी भी स्त्री की नाक है।” राजा ने दिखवाया तो बात सच निकली। इतना कहकर तोता बोला, “हे राजा! स्त्रियाँ ऐसी होती हैं! राजा ने उस स्त्री का सिर मुँड़वाकर, गधे पर चढ़ाकर, नगर में घुमवाया और शहर से बाहर छुड़वा दिया।” यह कहानी सुनाकर बेताल बोला, “विक्रम अब तुम फैसला करो, बताओ कि दोनों में ज्यादा पापी कौन है?” राजा ने कहा, “स्त्री।” बेताल ने पूछा, “कैसे?” विक्रम ने कहा, “मर्द कैसा ही दुष्ट हो, उसे धर्म का थोड़ा-बहुत विचार रहता ही है। स्त्री को नहीं रहता। अब चोर को ही देखो, वह इन दोनों से ज्यादा दुष्ट हैं पर जब उसने एक बेकसूर आदमी को मरते देखा तो उससे नहीं रहा गया और उसने अपनी परवाह किये बगैर राजा को सब बात बता दी। इसलिए स्त्र��� ही अधिक पापिन है।” राजा के इतना कहते ही बेताल फिर पेड़ पर जा लटका। विक्रमादित्य लौटकर गया और उसे पकड़कर लाया। फिर बेताल ने राजा को चालाकी से अपनी शर्तों में फंसा कर एक और कहानी सुनाई।
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nayimanzil-blog · 5 years ago
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असफलता का सामना कैसे करें? सफल होने के 7 उपाय
क्या सब को सफलता मिलती है? क्या असफलता का सामना किए बिना ��फल होना संभव है? दुनिया के सबसे सफल लोग निराशा और विफलता का सामना करने के बाद ही सफल हुए ��ैं, फिर भी हम असफलता से क्यों डरते हैं? मैं आपको बताना चाहती हूँ की असफलता अंतिम नहीं होती। असफलता हमें इसलिए बुरी लगती है क्योंकि हम उस पर आशा लगा चुके होतें हैं। हमारी भावनायें उस एक विशेष मकसद से जुड़ चुकी होती हैं। इसलिए जब वो मकसद पूरा नहीं होता तो हमारा दिल टूट जाता है। एक लड़का जो अपनी भावना एक लड़की से जोड़ ले और उसे प्यार करने लगे, तो वह प्यार उसका मकसद बन जाता है। वो हर कीमत पर अपने प्यार में सफल होना चाहता है। और जब वो लड़की उसे माना कर देती है तो वह उदास हो जाता है। उसे लगता है कि वो असफल हो गया। यही बात हमारे काम या करियर में भी लागू होती है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हम अपने जीवन के एक क्षेत्र में असफल हो गये तो अन्य क्षेत्रों में भी असफल हो जाएँगे। एक बहुत अधिक सफल व्यक्ति कई बार अपने व्यक्तिगत जीवन में असफल होता है। हो सकता है एक असफल कर्मचारी बहुत अच्छा पिता या पति हो, एक छात्र जो फेल हो गया हो वो फुटबाल में बहुत अच्छा हो। स्टीव जॉब्स की असफलता असफलता हमें आईना दिखाती है, अपनी कमज़ोरियों का एहसास कराती हैं। वो हमें ऐसे पाठ पढ़ाती है जो हम सफल होकर कभी नहीं सीख सकते। एप्पल कंपनी के मालिक स्टीव जॉब्स को अपनी ही कंपनी से बाहर कर दिया गया था। क्यों? क्योंकि उनके कई निर्णय असफल हुए और कंपनी को नुकसान उठाना  पड़ा। निराश होने की बजाए उन्होने अपनी ग़लतियों से सीख ली और नेक्स्ट नामक कंपनी का निर्माण किया। इस कंपनी को एप्पल ने खरीदा और जॉब्स दोबारा एप्पल के निदेशक बने। हो सकता है आज आपकी असफलता में आपकी कोई ग़लती हो, या आपकी कोई ग़लती ना हो। लेकिन क्या ये घटना आपको कुछ सिखा रही है? क्या आपके जीवन का कोई ऐसा पहलू है जिसे आप सुधार सकते हैं? आप अपने प्रयासों में क्या सुधार कर सकते हैं? लेकिन सबसे अधिक ज़रूरी सवाल ये है – आपके मकसद या प्रयास के पीछे क्या इरादा था? अगर आपका इरादा सही था, तो आप असफल हुए भी तो कोई बात नहीं। आपका नेक इरादा आपको एक दिन सफलता ज़रूर देगा। सफल व्यक्ति कैसा जीवन जीतें हैं? सफल व्यक्ति अक्सर जीवन में कुछ नियमों का पालन करते हैं। जैसे: • वे पुरानी असफलता भूलकर नई चुनौंतीयाँ लेते हैं। • वे ऐसे लक्ष्य बनाते हैं जो उनकी क्षमता के अनुरूप हो। • खुद के लिए समय निकालते हैं जिनमें वे वो काम करते हैं जिनसे तनाव दूर हो जैसे – तैरना, संगीत सुनना या बजाना, दोस्तों के साथ समय बिताना, नयी जगह की यात्रा करना आदि। • जब परिस्थति कठिन ह�� तो धीरज रखते हैं। • दूसरों से राय लेते हैं। • खुद पर बहुत अधिक ज़ोर या तनाव नहीं आने देते। • वे काम और अन्य लोगों के लिए स्वस्थ सीमा निर्धारित करते हैं। • काम से अक्सर। अवकाश लेते हैं। • अपराध भाव में नहीं जीते। • दूसरों की ज़रूरतों के बारे में सोचते हैं। • हमेशा अपने जीवन के प्रति आभार की भावना रखते हैं। असफलता जीवन का अंत नहीं मैं 19 साल की थी जब मुझे एक लड़के ने ठुकराया। मैं महीनों तक रोती रही। मुझ में क्या कमी थी? मैने क्या ग़लत किया? तब मैने अपने परमेश्वर से जवाब माँगा। तब मुझे लगा की मेरा इरादा सही नहीं था। मैं जानती थी की वो लड़का मुझे पसंद नहीं करता, वो कभी मुझे फ़ोन नहीं करता था। तब भी मैने मान लिया की वो मेरे प्यार को स्वीकार करेगा। ये इरादा सही नहीं था क्योंकि मैने उसकी भावना की परवाह नहीं की। क्या आपको भी कभी किसी ने ठुकराया है? दोस्तों असफलता जीवन का अंत नहीं है। और सफलता से अधिक ज़रूरी है की आपका इरादा क्या है। हमारा इरादा हमारे मन का आईना है। अंदर से हमारा मन कैसा है? बाइबिल हमें बताती है: सब से अधिक अपने म�� की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है। नीतिवचन 4:23 दोस्तों असफलता का सामना साहस के साथ कीजिए और हर असफलता से सबक लें। जीवन में बहुत मौके मिलते हैं। अगर आप ईमानदारी से प्रयास करेंगे तो आप निराश नहीं होंगे। असफलता से कैसे निपटें? जब कभी भी आपको काम या व्यक्तिगत संबंधों में असफलता का सामना करना पड़े, आप कुछ इन पहलुओं पर गौर कर सकते हैं: 1. इस बात को मान लें की जीवन के लिए सार्थक चीज़ें बहुत आसानी से कभी नहीं मिलेंगी। 2. लोग अब आपको नीचा दिखाने की कोशिश करेंगे। उनका सामना करने के लिए तैयार हो जाइए। उनकी बातों को नज़र अंदाज़ करना सीखिए। 3. असफलता हमें कुछ पाठ सिखाती हैं, जो हमें सफल होने में मदद कर सकते हैं। उस पाठ को समझें। 4. दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताइए, उनसे राय लीजिए। 5. ऐसे लक्ष्य बनाइए जो ना केवल आपकी क्षमता के अनुरूप हो बल्कि आपकी परिस्थिति के भी अनुसार हो। 6. सोशल मीडिया में झूठी खुशी न तलाशें। वहाँ लोग सिर्फ़ अपना सकारात्मक चेहरा ही दिखाते हैं, जो सच्चाई से बहुत दूर होता है। असल ज़िंदगी में प्रेरणा ढूँढें। 7. परमेश्वर से बुद्धि और साहस मांगिए। वो आपको कभी भी निराश नहीं करेगा। अधिक जानकारी के लिए पढ़ें हिंदी प्रेरक ब्लॉग, हमारी वेबसाइट https://www.nayimanzil.com/ पर जाएं|
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whatthefkim-blog · 6 years ago
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शादी में, आपको अपने पति या पत्नी को प्यार करना चाहिए और तब और अब तक अद्वितीय होना चाहिए। प्यार को जीवन भर बनाए रखने की चाल उन पहलों को प्राप्त करने के लिए है जो आप जैसे ही वास्तव में नए थे, वैसे ही कामयाब रहे। आमतौर पर, पति इतने व्यस्त होते हैं कि वे उन अन्य समझौतों को पूरा करने में व्यस्त हो जाते हैं जिनके बारे में उन्हें लगता है कि उनके पास एक आकर्षक जीवनसाथी है, जिसे वे वास्तव में विशेष महसूस करना चाहते हैं।
बेशक, हम जानते हैं कि सभी कार्य दिवस ��हीं हैं प्रत्येक रात के बजाय क्रिसमस है धन्यवाद दिवस। लेकिन, अपनी शादी में प्रज्वलित रहने के लिए, यह जरूरी है कि आप मुझे बेहतर हाफ के लिए अधिक बार पसंद करें और उसे बताएं कि वह आपके लिए क्या रास्ता है। आमतौर पर उसे नहीं दिखाने के लिए दोषी महसूस कर रही है? चिंता मत करो। यह किसी भी तरह से बहुत दूर नहीं गया है।
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एक अच्छे साथी को अपनी शादी की रस्म के लिए इंतजार नहीं करना चाहिए या हो सकता है कि वेलेंटाइन डे का समय या उसकी पोषित पत्नी के जन्मदिन को यह कहने के लिए कि मैं आपको पसंद करता हूं या इन विशेष आयोजनों पर केवल विशेष ईमेल भेजें। हालांकि आपके पास व्यस्त जीवन है, आपकी पत्नी कुछ रोमांटिक वाक्यांशों को वारंट करती है।
1. "मैं अक्सर व्यक्तिगत रूप से यह जांचने के लिए कि क्या मैं सिर्फ इस तथ्य के कारण यह सपना देख रहा हूं कि इस तरह के आदर्श जीवनसाथी के पास होना बहुत अचरज की बात है। मैं वास्तव में आपको पसंद करता हूं। "
2. बच्चों को गिरवी रखने से लेकर, ज़िन्दगी की शानदार सवारी रही है क्योंकि आप मेरी तरफ से थे, इस सब के बीच, “डेटिंग से लेकर शादी तक। मैं आपको स्थायी रूप से प्यार करता हूं। ”
3. "मैं एक मजबूत शरीर प्राप्त करने के लिए वर्षों से जिमिंग कर रहा हूं। मैं अथक प्रयास कर रहा हूं ताकि मैं स्पोर्ट्स वाहन का खर्च उठा सकूं। लेकिन सभी बिंदुओं पर, कुछ भी मेरे अहंकार में सुधार नहीं हुआ है, जैसे मेरी बाहों के प्रदर्शन के दौरान एक अद्भुत और सेक्सी लड़की होना। वाइफ, मैं वास्तव में तुम्हें पसंद करता हूं। "
4. मैं चाहता हूं कि आप यह जान लें कि आप मेरे सपनों की महिला हैं और मुझे नहीं पता कि मैं आपकी तरफ से आपके बिना क्या करूंगी, भले ही "शायद हर रोज की एकरसता ने हमें वह आकर्षण खो दिया है जो हम दो को दिया करते थे।" की है। आप कुछ ऐसी चीजें हैं जिनकी मुझे तलाश थी। मुझे पता है कि मैं आपको यह अक्सर नहीं बताता, लेकिन मैं वास्तव में आपसे प्यार करता हूं। ”
5. "पृथ्वी के प्रत्येक अद्भुत बिंदु पर, आप निस्संदेह सबसे प्यारे व्यक्ति होते हैं। किसी ने भी मुझे नहीं सिखाया होगा कि आप किस तरह से महसूस करते हैं। आप मेरे ग्रह को हिलाते हैं और यह भी जानते हैं। मैं आपको मानता हूं ��र मैं भी आम तौर पर करता हूं। Xoxo! "
6. यदि जीवन बाधाओं से भरा है, तो यदि आप मेरी तरफ हैं, तो मैं इसे पार करने के लिए तैयार हूं, "प्यार करना सबसे अच्छी बात है जो मैंने कभी किया है;" मुझे और अधिक आनंद दो और मुझे अपने दिल से रखो, और यही मैं चाहता हूं। तुम मेरी भलाई के लिए प्यार करते हो और वास्तव में मैं क्यों दिखता हूं। ”
9. "हाथों को पकड़ना बस इतना है कि मैं अपने पूरे जीवन को कैसे करना चाहता हूं; यह मुझे जीने का प्यार और भी होने का आनंद प्रदान करता है; आपकी दृष्टि मुझे शांति प्रदान करती है और दुनिया को इससे अधिक आश्चर्यजनक बनाने में मदद करती है। मैं तुम्हें मानता हूँ, शिशु। ”
9. “तुम मेरे लायक हो; तुम मेरे जीवन के हर पल के लायक हो, और दोपहर, और रात। तुम मेरे कल और आज के योग्य हो क्योंकि तुम एक और केवल एक पत्नी हो! मैं आपको सचमुच पसंद करता हूं! "
9. अगर मैं तुम्हारे साथ हर एक पल बिताऊं, तो मैं तुम्हें कभी भी नहीं पा सकता। वास्तव में, जितना अधिक हम एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं, उतना ही अधिक मैं आपके संगठन की तरह होता हूं। मैं तुम्हें प्यार करती हूं जानू।"
9. "हर समय मैं लोगों पर ध्यान देता हूं बात करते हैं। लेकिन जैसे ही मुझे आपके पास एक की सुरीली आवाज सुनने को मिलती है, मेरे बारे में अन्य सभी गड़बड़ी अशोभनीय लगती ह��� - मैं आपकी सुनूंगा वह अद्भुत आवाज हो सकती है जो आपके पास है। "
11. "जैसे शराब को अच्छाई मिलेगी क्योंकि यह उम्र है, आप बड़े होने के साथ-साथ बहुत सुंदर हो रहे हैं। मैं हर दिन आपके साथ प्यार में थोड़ा और गहराई से फिसल जाता हूं। ”
12. "यदि आप मुझसे पूछते हैं तो आपके शब्दों में आपके द्वारा बताई गई हर बात को समझाने के लिए पर्याप्त नहीं होगा।" मुझे पता है कि आप मेरे ग्रह और पूरे दिल के बीच होते हैं। मैं सचमुच तुम्हें प्यार करता हूं।"
13. “तुम्हारा प्यार मेरे लिए अनमोल है; मुझे नहीं पता कि मैं किसी भी समय कैसे प्यार और स्नेह को पुनः प्राप्त करने में सक्षम होऊंगा, जिसे आपने अपनी पूरी जीवन शैली प्रस्तुत किया है। आपके धीरज के लिए, उचित देखभाल के लिए, प्यार के साथ-साथ मुझे समझने के लिए, दुनिया को बने रहने के लिए एक बड़ा गंतव्य बनाने के लिए धन्यवाद। मैं आपको सचमुच पसंद करता हूं।"
14. "टेडी सभी को प्राप्त होता है, और विशेष रूप से उचित नहीं है। अपने साथी को बताएं कि आप उस रात के दौरान या जब वह दुखी हैं, तो वह बनना चाहती है। "
15. "शाम के समय, थस्की सितारों से भर जाता है, आप एक हैं जो इतनी चमकदार चमकता है। मेरा चांद होने के लिए धन्यवाद दो और मेरे खुद के सबसे अंधेरे समय को रोशन करो। ”
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hindi-khabar · 2 years ago
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taufeeq · 2 years ago
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*औरत , माँ , बहन, बीबी, बेटी, जिस रूप में भी हो कद्र करो, अल्लाह की नेमत है,*
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औरत एक ऐसा कीमती सरमाया है जो मौत की गोद में जाकर जिन्दगी को जन्म देती है, कहते हैं के शादी के बाद औरत का चेहरा और जिस्मानी हालत बताती है के उसके शौहर ने उसे किस हालत में रखा हुआ है, वह औरतें कभी बूढ़ी नहीं होती जिनके शौहर उन पर जान छिड़कते हैं,
शादी से पहले लड़की मुनासिब शक्ल सूरत की होती है जो पहन ओढ़ कर अच्छा लगती है, मगर शादी के बाद शौहर की तवज्जोह, मुहब्बत और इज़्ज़त औरत के चेहरे को ऐसा निखारती है के वह मजीद खूबसूरत होती चली जाती है,
शादी के दस बीस साल बीत जाने के बाद भी औरत खूबसूरत और कम उम्र लग सकती है के देखने वाले दंग रह जाएं और ज़ौजैन की किस्मत पर रश्क करते ना थकें, लोग हमेशा औरत को इल्जाम देते हैं के वह अपना ख्याल नहीं रखती जिसका शौहर ही उसे इज्जत वा अहमियत ना देता हो तो वह भला किसके लिए सजे संवरे,
कहते हैं के औरत को तुम जैसा कहोगे वह वैसा ही बनती चली जायेगी, उसे बदसूरत और फूहड़ कहोगे तो वही बनती चली जायेगी और उसे खूबसूरत और सलीकामंद कहोगे तो वह खुदबखुद वैसी ही बनती चली जायेगी,
*नबी ए करीम मुहम्मद सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम फरमाते हैं," तुम में से ��बसे बहतरीन शख्स वह है जो अपनी औरत के साथ सबसे बेहतर सुलूक करे "*
*औरत इतनी अजीम है, अशरफुल मखलूक है, इस हद तक नाजुक मिजाज़ है के फूल उसे राज़ी और खुश कर देता है, और एक लफ्ज़ उसे मार देता है,*
*तो बस ए मर्दों ख्याल रखो औरत तुम्हारे दिल के नजदीक बनाई गई है ताकि तुम अपने दिल में उसको जगह दो,*
औरत अपने बचपन में अपने बाप के लिए बरकत के दरवाज़े खोलती है, अपनी जवानी में अपने शौहर का ईमान मुकम्मल करती है, और जब मां बनती है तो जन्नत उसके कदमों के नीचे होती है,
औरत जिस रूप में भी आपकी ज़िंदगी में शामिल है उसकी कद्र करो,
बचपन के वह दिन याद करिये जब हम अपनी माँ के बिना जीना सोच भी नहीं सकते थे, फिर हमारी बहने बेटियाँ कितने खूबसूरत रिश्ते अल्लाह ने अता किये,
और हमारी बीबी , दुनियाँ से हर किसी को जाना है एक दिन लेकिन कभी कभी सोचता हूँ कि अगर मेरी बीबी मुझसे पहले चली गई तो कैसा जीना होगा, कैसे घर आऊगाँ , कैसे रहूगाँ , सायद जिन्दगी का हर लम्हा एक दिन जैसा गुजरे , कद्र करिये अपने तमाम रिश्तों की , यह अल्लाह की नेमत है, इनकी कीमत इनके जाने के बाद ही पता चलती है, समझदार है वह जो पहले इनकी कीमत जान ले और कद्र करे ।
चलते चलते आखिर में गुजारिश मेरे छोटे भाई की बीबी बहुत ज्यादा बीमार है , पंत होस्पिटल दिल्ली में एडमिट है , रिश्तों के अहसास के साथ उनकी सेहत के लिये दुआ करिये, कि अल्लाह अपने फज़्ल से उन्हे जल्द सेहतयाब करें, आमीन ।
इसलिये काफी दिनों से जेहनी तौर पर परेशान भी हूँ , और जब जेहन ठीक न हो तो काम भी नहीं हो पाता, दिन में भागदौड़ रहती है, काफी लोगों के मैसेज वगैरह आते है उनके सवाल होते है जवाब में देरी भी हो जाती है, जब भी वक़्त मिलता है कुछ बना लेता हूँ, कुछ लिख लेता हूँ, क्यों कि बात तो पहुँचती रहनी चाहिये चाहे थोड़ी ही पहुँचे । मैसेज पूरा पढ़ा उसके लिये शुक्रिया ।
*जज़ाक अल्लाह खैरन💐*
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hindistoryok01 · 1 year ago
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Radhika ke sapne written in hindi| राधिका के सपने एपिसोड 1
वह मेरी बेटी है. राधिका यादव. उसने अपनी इंजीनियरिंग परीक्षा में शीर्ष स्थान हासिल किया.
बहन! – सावधान, प्रिय. यह आपको बिजली का झटका दे सकता है.
मैंने लकी को मैकेनिक लाने के लिए कहा है. आप इसे होने दें, गुनजन. अगर रेफ्रिजरेटर टूट जाता है
सभी खाद्य पदार्थों को इसके साथ फेंकना होगा. सकारात्मक सोचो, बहन. रेफ्रिजरेटर भी हमें छोड़ना नहीं चाहता है.
यह टूट नहीं गया.
माँ, तुम उसे यह सब क्यों करने देती हो? उसने IIT के लिए अध्ययन किया, न कि इलेक्ट्रिकल के लिए. वह ऐसा नहीं कर सकती.
मैंने तुमसे कहा था कि असलम लाओ. आप अकेले क्यों लौटे?
किसी को इसकी मरम्मत करनी होगी. प्रिय, आप प्रबंधन करेंगे, क्या आप नहीं करेंगे? – हम्म। – असलम कल आएगा.
आप इतनी जल्दी में क्यों हैं? आप इसे उसी उबाऊ सब्जियों के लिए उपयोग करने जा रहे हैं.
देखो कौन बात कर रहा है, चाची! वह परेशान हो जाता है अगर उसे पानी पीना पड़ता है जो ठंडा नहीं है.
तुमने उसे बिगाड़ दिया है. जिस दिन वह विद्रोह करती है, उस दिन आपको अपनी गलती का एहसास होगा.
मैं सोच रहा हूं कि अपना विद्रोह कैसे दिखाया जाए. बकवास! माँ, मैं दुकान के लिए जा रहा हूँ.
बहन, मुझे मैनुअल नहीं मिला. पिंटू, क्या आपने हर जगह ठीक से जांच की? या, आप इसे आलस्य से बाहर कह रहे हैं?
वह चिप्स के साथ अपना मुंह भरने में व्यस्त रहा होगा. वह मैनुअल की खोज क्यों करेगा? मैनुअल बहन की तुलना में बड़ा है, माँ.
मैं इसे कैसे पा सकता हूं? यह अब तक सड़ चुका होगा. चूहे ने इसे चबा लिया होगा. वह विपत्ति होगी, सुमन.
Radhika ke sapne written in hindi episode 1
सारा खाना बर्बाद हो जाएगा. ओह, चाची, यह सिर्फ एक मशीन है. यह हमें नीचे पहन सकता है, लेकिन, हमें हरा नहीं सकता.
थोड़ा धैर्य और विश्वास जीत ला सकता है.
बहन, एक बार उस काले तार की जाँच करें.
पिंटू, अपनी मेजें सुनाओ. बहन, मैं जाऊंगा और मैनुअल खोजने की कोशिश करूंगा.
आश्चर्य है कि इस परिवार के पुरुष अध्ययन करना क्यों पसंद नहीं करते हैं! और, आश्चर्य है कि इस लड़की को ये अतिरिक्त दिमाग कैसे मिला!
हाँ! बस! लकी क्या कह रहा था? गुड्डी ने बिजली का अध्ययन नहीं किया है?
वह गुड्डी ऐसा करने में सक्षम नहीं होगा. यह देखो! गुड्डी ने किया है. आप इस रेफ्रिजरेटर का उपयोग इसकी समाप्ति तिथि से पहले कर रहे हैं.
अब इसे रिटायर होने दें. ठीक है, चलो इसे एक भव्य विदाई दें.
बाजार में कई एक्सचेंज ऑफर उपलब्ध हैं. आजकल, बच्चे अपने माता-पिता का भी आदान-प्रदान करेंगे, अगर वे कर सकते हैं!
हम उम्र के साथ कमजोर भी हुए हैं. तो, हमें भी बदल दें. अभी, यह फ्रिज चर्चा का विषय है, आप नहीं.
चाचा से कहो कि कुछ पैसे बचा लो. क्योंकि, आपके द्वारा एकत्र किया गया छोटा पैसा
एक नया फ्रिज खरीदने नहीं जा रहा है। [ ग्रन्ट्स ] गुड्डी, हर पैसा मायने रखता है!
ये छोटी बचत आपात स्थितियों में उपयोगी हैं. हाँ, आप चाहते हैं, माँ को बचाओ. लेकिन यह?
इसकी मरम्मत की जरूरत है. या फिर, ड्रिप द्वारा ड्रिप करें अगले मानसून के मौसम में यहां एक झरना होगा!
क्या रेफ्रिजरेटर मेरे मजाक की तरह था? अपने मुंह का बहुत अधिक उपयोग न करें!
ऐसी बकवास बोलना बंद करो! आप हमेशा नकारात्मक बातें कह रहे हैं. खतरे की ओर हमारी आँखें बंद करने से यह दूर नहीं होता है.
मैं नकारात्मक नहीं हूं, माँ, मैं तथ्यों की ओर इशारा कर रहा हूं. लॉकडाउन के बाद से हमारी वित्तीय स्थिति कठिन रही है.
देवी से प्रार्थना करें कि आपके भाई अधिक पैसा कमाना शुरू करें. इससे घर में चीजें आसान हो जाएंगी.
हम जैसे लोग लॉटरी भी नहीं जीतते हैं! सही है, सुमन?
हैलो! खुद, राधिका यादव. बी-टेक, आईटी, विश्वविद्यालय टॉपर!
मुझे अपनी सबसे बड़ी ताकत बताओ. शक्ति!
हर काम टीम वर्क है, सर, उह, मैडम! हर काम टीम वर्क है, सर / मैम. और, मेरी इच्छा… और, मेरी सबसे बड़ी ताकत यह है कि…
मेरी सबसे बड़ी ताकत है …
हर काम एक टीम वर्क है, सर / मैम. उम, मैं अपने कौशल सेट का उपयोग इष्टतम स्तर पर करना चाहता हूं
मेरे संगठन के विकास और विकास के लिए. मैं अपने कौशल का उपयोग करना चाहता हूं …
– हाँ, रीना? – क्या आपने कल के साक्षात्कार के लिए दिल से सभी उत्तर सीखे हैं? मेरा मजाक मत बनाओ, रीना. मैं अभ्यास कर रहा हूँ.
मुझे बहुत अच्छा नहीं लग रहा है. अंग्रेजी बोलते समय मैं घबरा जाता हूं. मैंने सुना है कि ACS का कैंपस प्लेसमेंट साक्षात्कार
सभी कंपनियों में सबसे कठिन है. आप जो कुछ भी सुनते हैं, उस पर विश्वास न करें, राधिका.
मुझे बताओ, क्या तुमने घर पर किसी को अपनी नौकरी के बारे में बताया है? नहीं अभी तक नहीं.
मेरा मतलब है, माँ को पता है कि मेरा कल एक साक्षात्कार है. लेकिन, माँ ने कहा कि ऐसा होने पर वह इसके बारे में चिंता करेगी.
नौकरी मिलने के बाद हम सभी से बात करेंगे. आपको काम मिलेगा, राधिका.
मैं सोच रहा था कि पोस्टिंग मुंबई में है. क्या आप इतने बड़े शहर में अकेले रह पाएंगे?
क्या आप सब कुछ प्रबंधित कर पाएंगे? हां, मुझे करना होगा. मेरे पास कोई विकल्प नहीं है. अगर झांसी में भी ऐसे अवसर उपलब्ध थे,
चीजें अलग होंगी. लेकिन, मुझे अब मुंबई जाना होगा, चाहे मुझे यह पसंद हो या न हो. इस अंतिम क्षण में अपने दिमाग को संदेह से न भरें.
मैं तुम्हारे पिताजी और चाचा पर शक कर रहा हूं, तुम पर नहीं. मैं तुम्हें एक समाधान दे रहा हूं.
सबसे पहले, मुंबई के एक अमीर लड़के को खोजें और शादी करें. मुंबई में बस जाओ और वहां नौकरी ढूंढो.
Radhika ke sapne written in hindi
रीना, कृपया बकवास बात मत करो. शादी मुंबई में नौकरी खोजने का तरीका नहीं है. शांत हो जाओ, मेरे योद्धा!
एक बार इसके बारे में सोचो. जीवन इतना आसान हो जाएगा! मैं कल साक्षात्कार के बारे में बहुत चिंतित हूं
और, आप इस विषय पर विचार कर रहे हैं. आपको पता है कि? फोन लटकाओ और मुझे परेशान करना बंद करो.
नमस्कार और सुप्रभात, सब लोग. खुद, राधिका यादव. बी-टेक, आईटी, विश्वविद्यालय टॉपर.
मेरी ताकत यह है कि मैं एक टीम का खिलाड़ी हूं.
हर काम टीम वर्क है, सर / मैम. और, मेरी ताकत यह है कि मैं एक टीम खिलाड़ी हूं. मैं विकास और विकास में सबसे अधिक योगदान देना चाहता हूं…
मैं अपने कौशल का उपयोग इष्टतम स्तरों पर करना चाहता हूं।
मैं अपने कौशल का उपयोग इष्टतम स्तर तक करना चाहता हूं, इसलिए मैं कर सकता हूं… दीदी, क्या मस्त हो रही हो?
आपका कोई काम नहीं! ���प अपने चिप्स को गोबल करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं. मैं खुशी से फोन पर वीडियो देख रहा था.
आंटी ने मुझे आपको बुलाने के लिए भेजा. सभी के लिए रात का खाना रखना. आ जाओ. तुम बहुत बड़े हो गए हो. क्या आप गृहकार्य में मदद नहीं कर सकते?
पुनी लड़का! आप अभी भी एक बच्चे हैं, इसलिए, एक की तरह बात करें.
Scram!
यह देखो, भाई. टॉपर राधिका यादव, मेरी बेटी. अति उत्कृष्ट!
बस देखो! हमारे परिवार के बेटे अपना भविष्य संवार रहे हैं.
– मुझे अभी भी सेवा नहीं दी गई है। – माँ, यहाँ आपकी प्लेट है. अरे! क्या आप कुछ घी नहीं जोड़ सकते?
यह वसा रहित भोजन मेरे निर्जलित बना रहा है! यह किंडर की तरह सूखा है!
माँ, डॉक्टर ने इसकी सलाह दी है. उसने कहा कि तुम घी मत देना.
तुम दोनों बहू मुझे अभी मार देंगे, अगर तुम कर सकते हो!
आप क्या कर रहे हैं? आप इतनी देर क्यों कर रहे हैं? लवी सर. आपकी पीढ़ी केवल कड़ी मेहनत करने वाली नहीं थी, पिताजी.
हम कड़ी मेहनत भी करते हैं. देख? उसे कोई शर्म नहीं है. कैंपस प्लेसमेंट के लिए कल एक कंपनी कॉलेज आ रही है.
तो, कैंटीन भीड़भाड़ होगी. मैं तैयारी कर रहा था. ओह, गुड्डी, तुम कल कॉलेज जा रहे हो, है ना?
मैं कॉलेज क्यों जाऊंगा, भाई लवी? उह, आपने कहा था कि आपको अपनी मार्क शीट एकत्र करने के लिए जाना होगा.
ओह, मुझे याद दिलाने के लिए धन्यवाद. मैं भूल गया था। – अधिक रोटी? – नहीं.
हम्म. तुम भी खाओ. मैं अभी खाने में सक्षम नहीं हूं। – क्यों? – मैं कल के बारे में बहुत घबरा रहा हूँ.
आप हमेशा खाना बंद कर देते हैं जब आप थक जाते हैं. मुझे बताओ कि क्या मदद करता है. मैं भी तुम्हारी तरह भूखा रहूँगा.
यदि आप नहीं खाते हैं, तो आपके पेट में एसिड बनेगा. माँ, मुझे व्याख्यान मत दो. मुझे कोई अम्लता नहीं है. (Radhika ke sapne written in hindi serial)
मैं अपना अनुभव साझा कर रहा हूं, आपको व्याख्यान नहीं दे रहा हूं.
इस ठंडे दूध को पिएं. आप बेहतर महसूस करेंगे. आपको लगता है कि दूध सभी समस्याओं का समाधान है. हल्दी का दूध.
मैं यह नहीं चाहता, माँ. अब आप चिढ़ रहे हैं. जब मैं आपके साथ नहीं हूँ तो आप मुझे याद करेंगे.
कोई भी मुझे महत्व नहीं देता।
आपकी मूंछें हैं! मैं जीवन में पहले कभी इतना घबराया नहीं था, माँ.
आपने इस साक्षात्कार के लिए इतनी मेहनत की है.
यह आपका जीवन लक्ष्य है. यदि आप नर्वस महसूस नहीं करते हैं तो यह अजीब नहीं होगा?
माँ, अगर मुझे एसीएस में यह नौकरी मिलती है तो पूरे परिवार को फायदा होगा.
हमारी सभी समस्याओं का एक गारंटीकृत समाधान. घर की मरम्मत की जा सकती है. हम एक नया रेफ्रिजरेटर खरीद सकते हैं.
और, हम उस पूरे ऋण को भी चुका सकते हैं जो परिवार ने लिया है.
मुझे यह नौकरी मिलेगी, क्या मैं नहीं? आपको इसमें संदेह क्यों है? क्या मैं तंग नहीं हूँ, माँ? यह इतना सरल नहीं है.
देखिए, मैं लिखित परीक्षाओं में कभी तनाव में नहीं आता. मैं बहुत आश्वस्त हूं. लेकिन, एक साक्षात्कार? वे हमारे तकनीकी ज्ञान की जाँच नहीं करते हैं.
वे हमारे समग्र व्यक्तित्व का निरीक्षण करते हैं. वे हर छोटे विस्तार को नोटिस करते हैं.
गुड्डी, क्या वे आपको नौकरी के लिए या शादी के लिए साक्षात्कार दे रहे हैं? माँ, क्या आपको लगता है कि यह एक मजाक है?
यह कंपनी पूरे देश के बड़े कॉलेजों के उम्मीदवारों का साक्षात्कार करेगी. बड़ी भीड़ से केवल मुट्ठी भर लोगों का चयन किया जाएगा.
और, ACS IITs के लोगों का भी चयन करता है. क्या आप जानते हैं कि IIT क्या हैं? सबसे अच्छा!
मुझे उच्च स्तर की आवश्यकता होगी. अगर मैं काफी अच्छा नहीं हूँ तो क्या होगा? हम्म. जैसे, कभी-कभी, भोजन पर्याप्त रूप से पकाया नहीं जाता है.
मैं फूड रेसिपी नहीं हूँ, माँ. मेरा मतलब…
मुझे पता है, कभी-कभी मैं लोगों से पहले बात करते समय लड़खड़ाता हूं. मुझे पता है मैं यह कर सकता हूँ! परंतु…
मैंने अपने जीवन में पहले कभी कोई साक्षात्कार नहीं दिया. अगर मैं असफल हो जाऊं तो क्या होगा? तो, आप इतने तनाव में क्यों हैं? साक्षात्कार न दें.
आपको झांसी में ही कुछ नौकरी मिलेगी. आप एक टॉपर हैं. लापरवाह और खुश रहें. अगर आप यहीं रहेंगे तो परिवार भी खुश रहेगा.
लेकिन, मुझे झांसी में मुंबई के समान अवसर नहीं मिले. वेतन पैकेज जो वे पेश कर रहे हैं
झांसी में मिलना असंभव है. हाँ, यह भी सही है. और, मुझे झांसी में एसीएस जैसे विकास के अवसर कभी नहीं मिल सकते.
हाँ, यह भी सही है. फिर, मुझे इसके लिए यह काम करना होगा.
हाँ, यह भी सही है. यदि मैं साक्षात्कार में इतना घबरा गया हूं तो मुझे नौकरी कैसे मिलेगी?
– हाँ, यह भी सही है। – यह भी सही है! चलो, माँ! आप मेरा पैर खींच रहे हैं, क्या आप नहीं हैं?
मैं सब कुछ समझता हूं. मनोविज्ञान को उल्टा करें.
आप बहुत समझदार हैं, गुड्डी. लेकिन, मुझे आपको याद दिलाने के लिए हमेशा ऐसी रणनीति का उपयोग करने की आवश्यकता है.
आप अपने इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के दौरान भी घबराए हुए थे. मैंने आपको परीक्षा नहीं देने के लिए कहा था.
आप इसे छोड़ सकते हैं. फिर, आप एक टॉपर बन गए. आप सबसे अच्छे हैं, गुड्डी! परम श्रेष्ठ!
फिर, मुझे इतना डर क्यों लग रहा है, माँ? मैं इतना नर्वस क्यों हूं? क्योंकि, आपका पूरा जीवन इस पर निर्भर करता है, गुड्डी.
यह आपको परेशान कर रहा है. मै समझता हुँ. क्या मैं आपको कुछ बताऊं?
यह छोटी सी घबराहट जो आप महसूस कर रहे हैं वह अच्छी है.
क्योंकि, जब यह घबराहट समाप्त होती है तो एक नया संघर्ष शुरू होता है.
निष्क्रियता की चिंता. असफलता की चिंता. मुझे खुशी है कि मैं भी आपकी वजह से घबरा रहा हूं.
तुम्हें पता है क्या, माँ? आपको मुंबई भी आना चाहिए
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zagareet11 · 2 years ago
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I can't explain it anymore
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एक साल हो गए हैं मैं मुंबई आ गई हूं एक्टर बनने और उसके पहले मैं लोगों को एक्सप्लेन करते करते थक गई थी कि क्यों यह मेरे लिए सही निर्णय है।
लोग तरह तरह के विचार मेरे सामने रखते रहते हैं और दुनिया भर की भड़ास, इनसिक्योरिटी मेरे ऊपर ही निकालना चाहते थे। एक phase ऐसा चला था कि मेरे मम्मी पापा को हर कोई समझाना चाहता था। कॉल करके घर आके। हर कोई यही पूछने के लिए कॉल करता था।
पर अब जब मैं वहां पहुंच गई सब कुछ मैनेज कर लिया और काम भी करना शुरू कर दिया तो लोग चुप हो गए। धीरे धीरे यह मुद्दा भी ठंडा हो गया यानि इतना मज़ा नहीं आता होगा अब इस गॉसिप में। (Silly Human Mind)
लेकिन एक मेरे नाना जी है उनको साल भर बाद भी यही फितूर घेरे हुए है। आज फिर मेरी मम्मी को कॉल करके बोल रहे थे कि फिलोसॉफी पढ़ती थी उसके इंटरनेट पर कितने सारे जॉब oppertunity आती है। कितना स्कोप था। उसी में कुछ की होती तो अब तक सेटल हो जाती। जिस लाइन में चली गई है इसमें कुछ पता नहीं है। मैं बहुत दुखी रहता हूं रात रात तक नींद नहीं आती।
मेरी स्टोरी उनको बुढ़ापे में चिंता करने के लिए एकमात्र टॉपिक है। पर नाना जी ने कभी मेरी एजुकेशन के लिए या फिर मेरी आर्ट क्लासेस के लिए 100 रुपए भी नहीं दिए होंगे।
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या फिर यही बोल दें कि ले बिटिया 15 हज़ार पोर्टफोलियो करा ले.. ब्रेक मिलने में थोड़ी आसानी होगी।
मैं मुंबई में कैसे रहती हूं क्या खाती हूं। इंडस्ट्री के लोग कैसे हैं? मेरा कोई कनेक्शन नहीं है। छोटी लड़की अकेले कैसे रह पाएगी वहां। इन सभी बातों के कारण वह सो नहीं पा रहे हैं।
मेरी मम्मी मुझे समझा रही थीं कि अगर आएंगे कभी और कुछ पूछने लगे तो अच्छे से बताना कि ठीक है सब। मैं कर लूंगी.. अपने फ्यूचर प्लान बताना.. अच्छे से समझाना.. लेकिन मुझे गुस्सा आता है और मैं लाइफ में क्या कर रही हूं इसके बारे में मैं किसी को भी कुछ समझाना नहीं चाहती।
मेरे अंदर इतनी हिम्मत भी नहीं है दुनियां से लड़ने की, दुनियां वालों की सुनने की। मैंने मम्मी पापा को समझा लिया यही मेरे लिए पहाड़ तोड़ने के बराबर था अब मैं बस शांति से अपना काम करना चाहती हूं।
लोग मेरे काम को सराहें या यह बोलें कि अभी कला अपरिपक्व है.. यह मैं सुन सकती हूं। लेकिन क्यों कर रही है कुछ और करना चाहिए था यह बात मुझे गुस्सा दिलाती है।
आज तो मैं मम्मी से चिढ़ गई.. मैंने बोला आप जान बुझ कर लोगों को बुलाती हैं कि आएं और बच्चों को टॉर्चर करें सुना सुना कर। आने दीजिए अगर कोई आएगा तो मैं कायदे से बात नहीं करूंगी.. रुला कर भेज दूंगी वापस।
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मम्मी को यह बात बुरी लगी कि उनके पिता जी का सम्मान मैं कैसे नहीं करूंगी पर मम्मी ने मुझसे बहस नहीं किया। मुझे किसी से बात करने किसी को समझाने से परहेज़ नहीं है लेकिन मेरे अंदर अब इतनी एनर्जी ही नहीं बची है। क्योंकि यह बात मैं अच्छे से जानती हूं कि लोग मेरा perspective नहीं समझना चाहते हैं। बस अपनी चलाना चाहते हैं। लोग बात करते हैं केवल अपनी बात सुनने के लिए। और उम्र में बड़े हैं इसलिए आपको bully भी कर सकते हैं उल्टी सीधी बातें सुनाकर।
अगर बच्चे रिप्लाई कर दें तो संस्कारहीन हैं।
नाना जी की एडवाइस मेरे लिए बिल्कुल मायने नहीं रखती है वरना मैं जाने से पहले उन्ही से जाकर पूछती कि मैं जाऊं??
जब मैंने नहीं पूछा आपसे तो ज्ञान भी नहीं देना चाहिए। इस प्रकार के लोग वाकई में आपके लिए केयर नहीं करते हैं.. यह बस आपको बुरा फील कराना चाहते हैं आपके लाइफ चॉइसेस के लिए।
अगर वाकई में केयर करते तो कहते मैं तुम्हारी थोड़ी मदद कर दूंगा। मैं नहीं चाहता कि तुम इतना स्ट्रगल करो। सारी जायदाद, खेत, रुपए पैसे मर्दों को मिलेंगे और मुझे मिलेगी एडवाइस जिसे मुझे मानना ही चाहिए.. ऐसा सबको लगता है।
बुढ़ऊ को सबसे पहले यह बात बताई किसने थी यह भी पता करना है अभी.. एक बार मेरी बड़ी वाली मामी मेरी मम्मी को समझा रही थीं कि गलती उनसे कहां हुई?? बोली कि BHU में ही आगे की पढ़ाई करवाती तो अबतक कुछ बन गई होती.. दिल्ली नहीं भेजना चाहिए था। न दिल्ली जाती न थिएटर ज्वाइन करती न लाइन छोड़ती.. यही गलती हुई।
लाइन छोड़ दी?? लाइन छोड़ दी मतलब क्या होता है?? लाइन पकड़ना मतलब क्या होता है?? यह सब यही लोग जानते हैं।
यह सब मुझसे बोलने की हिम्मत किसी के पास नहीं है.. सब मेरी मम्मी को बोलते रहते हैं। फिर मम्मी के पेट में नहीं पचता वह मुझे सुनाती रहती हैं कि किसने क्या कहा?
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It's really hard to listen these things on a regular basis 😭😭😭 as If chasing your dreams and trying to do something worthwhile in life is a crime and you, your thoughts, beliefs, dreams, love for Art and life..all of these things are wrong.. you should do what everyone else is trying to teach you.
नाना जी से मुझे कोई शिकायत नहीं थी पर एक बार कोई तो बहुत जाने माने आदमी के घर से रिश्ता आ गया था मेरे लिए तो बस इन्होंने भरसक प्रयास किया कि वहां रिश्ता जुड़ ही जाए।
मुझे एहसास हुआ कि इनको वाकई में पड़ी नहीं है मेरी कि इसकी खुशी के लिए मैं कर रहा हूं वरना वह मुझसे पूछते कि बेटा तुम क्या चाहती हो। क्या तुम शादी करना भी चाहती हो ?? क्या तुम्हे पसंद है??
बस इनको यही जूनून चढ़ा था कि इतने इज्ज़तदार बड़े घर के हम समधी बन जाएंगे तो community में हमारा स्टेटस भी बढ़ जाएगा.. इसी बहाने वहां जाने का उनसे इंटरैक्ट करने का मौका मिल रहा है। सबसे ज्यादा उन्ही को मैने उत्साहित देखा था उस समय और जब मैंने मम्मी पापा को मना कर दिया तो कई दिनों तक पूछते रहे? कि क्या हुआ क्या हुआ??
तभी से मैं ज्यादा पसंद नहीं करती उनको। मुझे लगता है कि जो लोग आपकी एजुकेशन में, आपकी वेलबिंग में कंट्रीब्यूट नहीं करते...उन्हें इतना बड़ा डिसीजन आपके लिए लेने का हक़ कतई नहीं होना चाहिए।
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मेरा मानना यही है कि कई सालों तक मैने मम्मी पापा को समझाया है। रोना धोना, लड़ाई झगड़ा करके मैं थक गई हूं और अब जब मैं फाइनली काम कर रही हूं तो बस अब मैं किसी और को नहीं समझा सकती..मेरे अंदर ताकत ही नहीं है।
एक साल हो गए हैं मुझे शांति चाहिए। 🙏🏼🥹 अंत में बस यही लिखना चाहती हूं कि ये इश्क़ नहीं है आसान बस इतना समझ लीजिए.. इक आग का दरिया है और डूब के जाना है। ❤️🌼
Love 🌼 peace 🌼 power🌼 independence 🌼 happiness 🌼🌻🌻 claiming it all❤️❤️❤️
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nationalnewsindia · 2 years ago
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