#किसानों की आय दोगुनी
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बजट 2025: मोदी सरकार के 10 बड़े ऐलान, आम जनता को बड़ी राहत?
AIN NEWS 1: भारत सरकार ने बजट 2025 पेश कर दिया है, जिसमें आम जनता, किसानों, सीनियर सिटीजन और व्यापारियों को राहत देने के लिए कई बड़े ऐलान किए गए हैं। इस बार इनकम टैक्स में बड़ी छूट दी गई है, मेडिकल और शिक्षा क्षेत्र में सुधार किए गए हैं, और डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया गया है। आइए जानते हैं बजट 2025 के 10 बड़े फैसले जो आपकी जेब और जिंदगी दोनों पर असर डालेंगे। 1. 12 लाख तक इनकम टैक्स में पूरी छूट मोदी सरकार ने बड़ी राहत देते हुए घोषणा की है कि अब सालाना 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा। इससे लाखों नौकरीपेशा लोगों, व्यापारियों और मिडिल क्लास को सीधा फायदा होगा। 2. 4 साल तक अपडेटेड इनकम टैक्स रिटर्न भरने की सु���िधा अब करदाता पिछले चार साल तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न अपडेट कर सकेंगे। इससे अगर किसी से गलती हो जाती है तो उसे सुधारने का पर्याप्त मौका मिलेगा। 3. TDS की सीमा बढ़ाकर 10 लाख रुपये की गई टैक्स कटाैती (TDS) की सीमा बढ़ाकर अब 10 लाख रुपये कर दी गई है। इससे फ्रीलांसरों, स्टार्टअप्स और छोटे कारोबारियों को टैक्स कम कटने का फायदा मिलेगा। 4. सीनियर सिटीजन के लिए दोगुनी टैक्स छूट वरिष्ठ नागरिकों के लिए सरकार ने टैक्स छूट को दोगुना कर दिया है। इससे 60 साल से ऊपर के लोगों को आर्थिक राहत मिलेगी और उनकी बचत बढ़ेगी। 5. मोबाइल और इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) होंगे सस्ते सरकार ने मोबाइल फोन और इलेक्ट्रिक कारों (EV) पर टैक्स कम कर दिया है। इससे भारत में ई-मोबिलिटी को बढ़ावा मिलेगा और लोग ज्यादा किफायती दरों पर स्मार्टफोन खरीद सकेंगे। 6. LED और LCD टीवी होंगे सस्ते LED और LCD टीवी पर लगने वाले टैक्स में कटौती की गई है, जिससे ये अब पहले से ज्यादा किफायती होंगे। इससे डिजिटल मनोरंजन और स्मार्ट टीवी की पहुंच आम लोगों तक बढ़ेगी। 7. 36 जीवन रक्षक दवाएं टैक्स फ्री सरकार ने 36 जरूरी जीवन रक्षक दवाओं को पूरी तरह टैक्स फ्री कर दिया है। इससे कैंसर, हार्ट डिजीज, डायबिटीज और अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज में लागत कम होगी। 8. किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 5 लाख रुपये किसानों के लिए अच्छी खबर है। अब किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की लिमिट 5 लाख रुपये तक बढ़ा दी गई है। इससे किसान बिना ज्यादा ब्याज दर के आसानी से लोन ले सकेंगे। 9. मेडिकल कॉलेजों में 10,000 नई सीटें सरकार ने चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए मेडिकल कॉलेजों में 10,000 नई सीटें जोड़ने की घोषणा की है। इससे मेडिकल छात्रों को अधिक अवसर मिलेंगे और देश में डॉक्टरों की संख्या बढ़ेगी। 10. सभी सरकारी स्कूलों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी डिजिटल इंडिया मिशन को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने सभी सरकारी स्कूलों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी देने का ऐलान किया है। इससे छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा में मदद मिलेगी और डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा मिलेगा। बजट 2025 में मोदी सरकार ने आम जनता, व्यापारियों, किसानों और छात्रों के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं। इनकम टैक्स में राहत से लेकर सस्ते मोबाइल और इलेक्ट्रिक वाहनों तक, यह बजट कई लोगों की जिंदगी को प्रभावित करेगा। आने वाले दिनों में इन घोषणाओं का असर बाजार और अर्थव्यवस्था पर देखने को मिलेगा। https://youtube.com/shorts/l-DcmVzic2E?si=CjAGAXIkrjIsyJR4 Budget 2025 brings significant relief for taxpayers and businesses. The Modi government has announced income tax exemption up to ₹12 lakh, cheaper EV cars and mobile phones, tax-free life-saving medicines, and an increase in medical college seats. Senior citizens get double tax exemption, while farmers benefit from a ₹5 lakh limit on Kisan Credit Cards. Additionally, all government schools will receive broadband connectivity, boosting digital education. Stay updated with Budget 2025’s major announcements. Read the full article
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बदला ढंग, आमदनी बढ़ी तो जिंदगी में छाए रंग
योगी सरकार में यूपी में आधुनिक खेती के तरीके अपना कर किसान दोगुनी आमदनी कर रहे हैं। वहीं किसान कल्याण योजनाओं की वजह से यूपी में कृषि विकास रफ्तार पकड़ रहा है। शायद इसी वजह से पिछले सात वर्षों में उत्तर प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य में लगातार बढ़ोतरी हुई है। परिणामस्वरूप प्रदेश में फसलों की सरकारी खरीद के नए-नए कीर्तमान बन रहे हैं।
किसानों को बदलहाली के दौर से ��िकालने के लिए मुख्यमंत्री बनते ही योगी आदित्यनाथ ने यूपी में किसान कल्याण की तमाम योजनाएं लागू की। जिसकी वजह से यूपी में कृषि विकास के साथ किसानों की आर्थिक हालात में सुधार हुआ। अपनी पहली कैबिनेट बैठक में वर्ष 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने किसानों का एक लाख रुपये तक का कर्ज माफी का फैसला लिया था। प्रदेश सरकार के इस फैसले से 86 लाख लघु-सीमांत किसानों को कर्ज माफी का लाभ मिला। वहीं, किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य पाने के लिए प्रयासों का असर भी अब दिखने लगा है। योगी सरकार के इन फैसलों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार होने के साथ ही किसानों ने आत्मनिर्भरता की ओर भी कदम बढ़ाए। इसके पीछे यूपी में किसान कल्याण योजनाएं ज्यादा असरदार साबित हुई।
न्यूनतम समर्थन मूल्य में लगातार वृद्धि की वजह से गेहूं व धान के अलावा मक्का, दलहन व तिलहन की सरकारी खरीद बढ़ी और बाजार में किसानों को बेहतर दाम मिले। सरकारी क्रय केंद्रों पर रजिस्ट्रेशन कराने जैसी औपचारिकताएं तो बढ़ी है, लेकिन इससे किसानों के खातों में विभिन्न योजनाओं के तहत करीब 1803 करोड़ रुपये का अनुदान के रूप में पहुंचा ।कृषि उपज की बिक्री के लिए मंडियों की उपयोगिता और अधिक बढ़ी है।
योगी सरकार ने यूपी में आधुनिक खेती के तरीके के प्रमोशन के लिए तकनीक से कृषि विकास को रफ्तार देने का अभियान चलाया। प्रदेश के किसानों को खेती -किसानी संबंधी नवीनतम जानकारियां व तकनीकी लाभ उनके करीब में उपलब्ध कराने के लिए किसान पाठशालाओं का आयोजन किया गया। किसान पाठशालाओं के माध्यम से प्रदेश के 55 लाख किसानों को प्रशिक्षित किया गया। इसी प्रकार प्रदेश में 20 नए कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना की गई। कृषि क्षेत्र में सौर ऊर्जा के अधिकतम उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 50 हजार से अधिक सोलर पंप लगाने का काम किया।
कुसुम योजना के माध्यम से किसानों को नलकूप के कनेक्शन प्रदान किए गए। जिससे प्रदेश में सिंचित खेती का रकबा बढ़ा। सरकार किसानों को गेहूं और धान की परंपरागत खेती के स्थान पर बहुफसली खेती की पद्धति अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इससे भी किसानों की आमदनी सुधारने में अहम भूमिका निभाई। मृदा स्वास्थ्य कार्ड , प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, कृषि सिंचाई, किसान सम्मान निधि जैसी यूपी में किसान कल्याण योजनाएं भी इसमें बहुत सहायक हुईं। जिसके परिणामस्वरूप कुछ वर्षों में ही किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना दाम मिलना प्रारंभ हुआ।
बुंदेलखंड के किसानों के लिए जलवायु की अनुकूलता के मुताबिक औषधीय खेती और बागवानी से भी जोड़ा गया। सीमैप के माध्यम से संगीधय और औषधीय पौधों की खेती के लिए किसानों को प्रशिक्षित किया गया और उनको प्रशिक्षित भी किया। इसके अलावा उनके हर्बल उत्पादों की मार्केटिंग भी की गई। किसानों को कारोबारी एवं उद्यमशील बनाकर प्रशिक्षित किया गया। इससे उन्हें कृषि उत्पाद का कई गुना दाम मिल रहा है।
बीते वर्ष अगस्त 2023 में पूर्वांचल के वाराणसी एयरपोर्ट से खाड़ी देशों के लिए 91 मीट्रिक टन फल और सब्जियों का निर्यात किया गया। पहली बार पूर्वांचल के गाजीपुर के केले के फल, फूल और पत्ते निर्यात हो रहे हैं जबकि पहले ये दक्षिण भारत से ही निर्यात होता था. इसके अलावाअब पहली बार अमड़ा और कर��ंदा खाड़ी देशों के लिए निर्यात किया गया ।
सरकार की किसान कल्याण योजनाओं के क्रियान्वयन का पर���णाम है कि उत्तरप्रदेश कुल कृषि योग्य भूमि में 24% शेयर अकेले इन औद्यानिक कृषि फसलों के माध्यम से किसानों और प्रदेश को प्राप्त होता है। खाद्यान्न उत्पादन में 20 प्रतिशत का योगदान उत्तर प्रदेश करता है। ऑर्गेनिक खेती में भी उत्तर प्रदेश के किसानों की भागीदारी 24 प्रतिशत हैं।
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किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में बड़ा कदम; जानिए सरकार के इस धाँसू प्लान के बारे में
नई दिल्ली: केंद्र सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य के तहत कई योजनाएं चला रही है। इन्हीं में से एक है प्रधानमंत्री किसान एफपीओ योजना (Pradhan Mantri Kisan FPO Scheme), जिसका उद्देश्य किसानों को संगठित करना और उनके कृषि व्यवसाय को मजबूत करना है। इस योजना के तहत किसानों के समूहों को 15 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। क्या है प्रधानमंत्री किसान एफपीओ योजना? प्रधानमंत्री किसान…
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रबी महाभियान 2024 के अंतर्गत राज्यस्तरीय रबी कार्यशाला का उद्घाटन
कृषि मंत्री ने किया रबी महाभियान अंतर्गत राज्यस्तरीय रबी कार्यशाला का उद्घाटन,मुख्यमंत्री के निर्देश पर किसानों की आय दोगुनी करने के लिए विभाग की विभिन्न योजना अंतर्गत अनुदान उपलब्ध,किसानों के प्रषिक्षण से उत्पादन में होगी वृद्धि व आएगी पारदर्शिता Patna:राज्य के कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय ने बामेती पटना में आयोजित रबी महाभियान 2024 के अंतर्गत राज्यस्तरीय रबी कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस अवसर पर…
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#lallulal #lallulalnews @lallulalnews किसान क्रेडिट कार्ड 2024: ऑनलाइन अप्लाई कैसे करें, ब्याज दर, ज़रूरी दस्तावेज #kisancreditcard #kisancreditcardonlineapply #kisancreditcardloan #kisancreditcardscheme #kisancreditcardkaisebanaye किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए चाहिए ये जरूरी दस्तावेज, एक भी कम होने पर हो सकती है दिक्कत भारत में किसान क्रेडिट कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन करें किसान क्रेडिट कार्ड 2024: ऑनलाइन अप्लाई कैसे करें, ब्याज दर, ज़रूरी दस्तावेज सरकार द्वारा किसानों की आय को दोगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना का आरंभ किया है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से किसान क्रेडिट कार्ड योजना से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं। इस लेख को पढ़कर आपको इस ��ोजना से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी। जैसे कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना क्या है?, इसके लाभ, उद्देश्य, विशेषताएं, पात्रता, महत्वपूर्ण दस्तावेज, आवेदन प्रक्रिया आदि। तो दोस्तों यदि आप Kisan Credit Card Yojana से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं kisan credit card,kisaan credit card,pm kisan credit card,kishan credit card,kisan credit card loan,kisan credit card upsc,kisan kredit card,kisan credit card apply,pashu kisan credit card,kisan credit card tamil,kisan credit card hindi,apply kisan credit card,kisan credit card (kcc),nepal kisan credit card,kisan credit card scheme,kisan credit card yojana,kisan credit card kya hai,about kissan credit card,kisan credit card online #viralvideo #pmmodi #bjp #congressparty #priyankagandhi #rahulgandhi #aap #aapneta #delhiaap Lallu Lal (लल्लू लाल)- हे भैया सच्ची खबर तो लल्लू लाल ही देंगे..भारत के हर कोने से चुनी गई खबरों का संग्रह। भारत के राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर गहराई से जानकारी देना हमारा लक्ष्य है। हम यहाँ पर हर विषय को गहराई से देखते हैं, ताकि भारत के करोड़ों Online User के पास सही खबर मिले।
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किसानों को मिलेंगे 1.80 लाख कृषि कनेक्शन, आय दोगुनी करने के लिए ये है सरकार का प्लान
जयपुर: प्रदेश में किसानों को खेत में कुआं व ट्यूबवेल लगाने के बाद बिजली कनेक्शन (electricity connection) के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। कई बार तो इंतजार का पीरियड 5 से 7 साल का हो जाता है, ऐसे में किसान की आय भला दोग���नी कैसे हो सकती है। किसानों की इसी समस्या के निवारण के लिए बनाई गई कमेटी ने ऊर्जा विभाग (Department of Energy) को अपनी रिपोर्ट दे दी है। आइये जाने, क्या है इस रिपोर्ट…
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मधुमक्खी पालन कैसे करे आमदनी और विकास का सुनहरा अवसर |
भारत में मधुमक्खी पालन ने देश को एक प्रमुख शहद निर्यातक देश बनने की संभावना प्रदान की है। यह एक ऐसा कम निवेश और कौशल से भरपूर उद्योग है जिसमें लाखों लोगों, विशेषकर पहाड़ी निवासियों, आदिवासी, बेरोजगार युवाओं, और किसानों को सीधे रोजगार देने का क्षमता है। इसलिए इस उद्योग की स्थिरता देश की आर्थिक भलाई और विकास के लिए महत्वपूर्ण है। भारत में मधुमक्खी पालन ने कई पीढ़ियों से इसकी परंपराओं को जिवंत रखा है। यह एक कम-निवेश व्यावसाय भी है जो भाग लेने वाले सदस्यों को सीधे आर्थिक लाभ प्रदान करता है और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों के लिए मुख्य आर्थिक गतिविधि बन गया है, यानी कृषि क�� साथ एकरूप। मधुमक्खी पालन अब भी स्थानीय गतिविधि के रूप में प्रचलित है, जो ज्यादातर पीढ़ियों से सजग होकर आ रही है। मधुमक्खी पालन करने वाले किसानों ने इसे एक व्यावसायिक उद्यम और आय सृजित करने का साधन बनाया है, जिसकी क्षमता और मूल्य की पूरी तरह से सराहना की जाती है।
मीठी क्रांति {Sweet Revolution}
मीठी क्रांति भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शहद और अन्य संबंधित उत्पादों के उत्पादन में तेजी लाने के लिए मधुमक्खी पालन, जिसे आम तौर पर 'मधुमक्खी पालन' के नाम से जाना जाता है, को बढ़ावा देना है। मधुमक्खी पालन एक कम निवेश और अत्यधिक कुशल उद्यम मॉडल है, जिसमें प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए एक महान प्रवर्तक के रूप में उभरा है। मधुमक्खी पालन से उत्पन्न होने वाले उत्पादों जैसे कि रॉयल जेली, मोम, पराग, आदि का उपयोग फार्मास्यूटिकल्स, भोजन, पेय, सौंदर्य और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक रूप से किया जाता है। मधुमक्खी पालन को बढ़ाने से किसानों की आय दोगुनी होगी, रोजगार पैदा होगा, खाद्य सुरक्षा और मधुमक्खी संरक्षण सुनिश्चित होगा, और फसल उत्पादकता और परागण में वृद्धि होगी। यह मीठी क्रांति हमारे देश को नए उच्चाधिकारिता और स्वावलंबी दिशा में प्रेरित कर सकती है।
भारत में मधुमक्खी पालन का चलन: मधुमक्खी पालन आदर्श रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के अनुकूल है और केवल उपलब्ध स्थानीय संसाधनों का उपयोग करता है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग इन संसाधनों का उपयोग करने और मानव के लाभ के लिए महत्वपूर्ण भूमिका नि��ा रहा है। भारत के कई भागों में पारंपरिक रूप से मधुमक्खी पालन मधुमक्खी कालोनियों से शहद की पैदावार हेतु किया जाता है, जिसका तात्पर्य मधुमक्खी कालोनियों हेरफेर से है। यह मधुमक्खियों की कुछ समझ पर आधारित है। प्रबंधन अभ्यास में अधिक परिष्कृत उपकरणों का उपयोग करते हुए, यह अभ्यास सरल, निम्न स्तर की प्रौद्योगिकियां या काफी जटिल प्रक्रियाएं हैं। मधुमक्खी पालन आदर्श रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के अनुकूल है और केवल उपलब्ध स्थानीय संसाधनों का उपयोग करता है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग इन संसाधनों का उपयोग करने और मानव के लाभ के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भारत के कई भागों में पारंपरिक रूप से मधुमक्खी पालन मधुमक्खी कालोनियों से शहद की पैदावार हेतु किया जाता है। मधुमक्खी पालन का तात्पर्य मधुमक्खी कालोनियों हेरफेर से है। ये भी पढ़ें... Aaj Ka Mausam
शहद उत्पादन का वर्तमान: भारत, प्रमुख शहद निर्यातक देशों में से एक है और इस दिशा में स्थिति में 8वें स्थान पर है। मधुमक्खी पालन गतिविधि में लगे अधिकांश भारतीय मधुमक्खी पालक मुख्य रूप से उनके द्वारा बनाए गए मधुमक्खी कालोनियों से कच्चे शहद का निष्कर्षण कर रहे हैं। यहां, बहुत कम मधुमक्खी पालक मोम और पराग निकाल रहे हैं। मधुमक्खी पालकों द्वारा निकाले गए कच्चे शहद को मधुमक्खी पालक सहकारी समिति, मधुमक्खी पालन एनजीओ, शहद व्यापारियों, फार्मास्युटिकल कंपनियों आदि द्वारा खरीदा जाता है और इसे शहद प्रसंस्करण संयंत्र के माध्यम से प्रसंस्करण के लिए भेजा जाता है। अंत में, संसाधित शहद को उपयुक्त ब्रांड नाम के साथ पैक किया जाता है और इसे ग्राहकों के लिए बाजार में प्रस्तुत किया जाता है। ये भी पढ़ें... इंडिया में आज का बाजार भाव
शहद मिशन: माननीय प्रधानमंत्री द्वारा "मीठी क्रांति" के आह्वान के पश्चात, मई 2017 से 'हनी मिशन' के अंतर्गत मधुमक्खी पालन कार्यक्रम की शुरुआत की गई । केवीआईसी द्वारा 3 वर्षों के लिए मधुमक्खी पालन कार्यक्रम के कार्यान्वयन के बाद, यह व्यावहारिक रूप से महसूस किया गया कि व्यक्तिगत लाभार्थियों को मधुमक्खी बक्सों के वितरण की मौजूदा प्रणाली में प्रसंस्करण और गुणवत्ता नियंत्रण मापदंडों, ब्रांडिंग, मार्केटिंग टाई-अप, आदि में कमी है। इसके अलावा, वनस्पतियों और जीवों की भौगोलिक ताकत के मद्देनजर और देश भर में मधुमक्खी पालकों की आबादी को ध्यान में रखते हुए, 'क्लस्टर मोड' में एक समग्र कार्यक्रम तैयार करके मौजूदा मधुमक्खी पालन और शहद मिशन गतिविधियों का विस्तार करने की आवश्यकता महसूस की गई। किसानों/मधुमक्खी पालकों के लिए सुनिश्चित आय सृजन के साथ-साथ शहद और अन्य मधुमक्खी उत्पादों का निरंतर उत्पादन सुनिश्चित करना।
मधुमक्खी पहल के उद्देश्य:
उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग
स्थायी रोजगार पैदा करना
किसानों के लिए पूरक आय प्रदान करना
वैज्ञानिक मधुमक्खी प्रबंधन प्रथाओं को अपनाना
शहद और अन्य हाइव उत्पादों के बारे में जागरूकता पैदा करना
पर-परागण में मधुमक्खी पालन के लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करना
समान विचारधारा वाले संगठनों के साथ संबंध विकसित करना।
मधुमक्खी पालन व्यवसाय की मुख्य विशेषताएं एवं लाभ:
यह एक सरल तकनीक से किया जाने वाला व्यवसाय है, जो गरीबी को दूर करने और गांव के उत्थान के लिए अत्यंत उपयुक्त है।
मधुमक्खी पालन में प्रयुक्त उपकरणों के निर्माण से अन्य ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा मिलता है।
शहद के अलावा, मधुमक्खी मोम, मधुमक्खी विष, मधुमक्खी गोंद, राज अवलेह और रानी मधुमक्खियों का उत्पादन करके धन कमाया जा सकता है।
मधु और अन्य मौन पदार्थों का प्रसंस्करण, डिब्बा-बंदी और बिक्री एक उत्कृष्ट व्यवसाय है। मधु का उपयोग बेकरी, कन्फेक्शनरी, पेय-पदार्थों आदि में इसे नई ऊँचाइयों तक पहुंचाता है।
यह गरीब, भूमिहीन, और छोटे किसानों, बेरोजगारों, और ग्रामीण युवाओं के लिए एक शानदार आजीविका साधन है।
प्रौद्योगिकी कैसे मधुमक्खी पालन में मदद करती है? मधुमक्खी पालन में प्रौद्योगिकी के क्षेत्र को बढ़ाने और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। स्थानीय से लेकर उच्च तकनीक वाले मधुमक्खियाँ पालने वाले संगठित मधुमक्खी पालन क्षेत्र का विकास इस संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। IoT, AI, मोबाइल सेंसर और स्मार्टफोन ऐप मधुमक्खी पालकों को स्वस्थ मधुमक्खी कालोनियों को बढ़ाने और गुणवत्तापूर्ण शहद और अन्य उत्पादों को समय पर निकालने में मदद कर सकते हैं। लागत प्रभावी स्वदेशी तकनीक का विकास जो किसानों को खेतों पर स्वस्थ मधुमक्खियों को पालने और सेंसर या क्लाउड जानकारी के माध्यम से उनके छत्ते की फिटनेस का आकलन करने में सक्षम बनाता है, उसे भी इस क्षेत्र में पेश किया जा सकता है। प्रौद्योगिकी मधुमक्खी संरक्षण को संरक्षित और समर्थन करेगी, बीमारियों या मधुमक्खी कालोनियों के नुकसान को रोकेगी और मधुमक्खी पालन उत्पादों की भरपूर ��ुणवत्ता और मात्रा प्रदान करेगी। वाणिज्यिक मधुमक्खी पालन के लिए हाई-टेक मधुशालाओं से उच्च मात्रा में विपणन योग्य उत्पादों के निर्माण को बढ़ावा मिलेगा। मधुमक्खी पालन, मधुमक्खी-व्यवहार आदि के क्षेत्रों में अनुसंधान से स्वस्थ मधुमक्खी कालोनियों और मधुमक्खी पालन उत्पादों के व्यावसायिक पालन की गुंजाइश बढ़ जाएगी।
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देवेन्द्र फडणवीस ने भूपेश बघेल को गजनी बोलकर छत्तीसगढ़ का अपमान किया कल महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को गजनी कहा गजनी एक विलेन था उसकी तुलना छत्तीसगढ़ की जनता के दो तिहाई बहुमत से बनी सरकार के मुखिया से करना छत्तीसगढ़ की जनता का अपमान है।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के किसानों के, युवाओं के, आदिवासियों सर्वसमाज के नायक है, वे राज्य की ओबीसी समाज का अभिमान है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को गजनी बोलकर देवेन्द्र फडणवीस राज्य के सर्वहारा वर्ग का अपमान किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तो जनता से किये अपने सारे वायदो को पूरा किया। हमारी सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र के 95 प्रतिशत वायदों को पूरा किया है।हम किसी भी जनप्रतिनिधि को गजनी की उपाधि देने के खिलाफ है लेकिन यदि फडणवीस वायदो को भूलने का आधार बनाते है तो उन्हें गजनी की तुलना मोदी जी से करनी चाहिये l जो जनता से किये हर वादे को भूल चुके हैं। 15-15 लाख रुपया खाता में आएगा, अच्छे दिन आएंगे, 100 दिन में महंगाई कम होगी, 30 रु. 35 रु. में डीजल-पेट्रोल मिलेगा, हवाई चप्पल पहनने वाले गरीबो को हवाई यात्रा कराने का वादा किये थे, भारत के एक सैनिक के बदले पाक के दस सैनिको के सिर काट कर लाने का वादा किये थे।2022 में किसानों की आय दोगुनी होगी, स्वामीनाथन कमेटी के सिफारिश के अनुसार उपज की लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य मिलेगायुवाओं को दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष मिलेगा, 100 दिन में महंगाई कम होगी। बेटी सुरक्षित होगी।बुलेट ट्रेन चलेगा सहित अनेक वादा किया गया था और सत्ता मिलते ही उन वादों को जुमला बताकर जनता का उपहास उड़ाया गया है। कांग्रेस जो कहती है उसको पूरा करती है। 2018 में किए वादों में से को पूरा की है और 2023 के चुनाव में जो वादा किया जा रहा है वह भी पूरा किया जाएगा।जनता की खुशहाली से भाजपा के पेट में दर्द हो रहा है कि कांग्रेस प्रदेश की जनता के हित में घोषणा कर रही है और भाजपा के पास प्रदेश की जनता के लिए ना कोई विजन है, ना कोई योजना है, सिवाय जुमला के।देवेन्द्र फडणवीस चोरी की सरकार में उपमुख्यमंत्री है। मुख्यमंत्री से उपमुख्यमंत्री बनाने के बाद वे अपना मानसिक संतुलन खो बैठे है। इस लिये वे अनर्गल बयानबाजी कर रहे है। चोरी की सरकार में उपमुख्यमंत्री बने देवेंद्र फडणवीस को कांग्रेस की छत्तीसगढ़ सरकार से सीखना चाहिये ���ि जनता से किया गया वायदा कैसे निभाया जाता है।कांग्रेस ने 2018 में जनता से जो वायदा किया था मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उसमें 95 प्रतिशत से अधिक वायदों को पूरा किया।यही कारण है प्रदेश में फिर से कांग्रेस की सरकार बनने वाली है। कांग्रेस ने जो कहा था भूपेश सरकार ने वह सब किया। जनता को इसीलिये कांग्रेस के वायदों पर भरोसा भी हो रहा है। इस चुनाव में भी कांग्रेस जो घोषणा कर रही जनता उसको पूरा होने की गारंटी मान रही है।
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मोदी@9 | प्रधानमंत्री की किसान योजना सफल, लेकिन सरकार कृषि आय दोगुनी करने के लक्ष्य से अभी भी दूर
इस साल 23 मार्च को संसद में पेश की गई एक रिपोर्ट में कृषि पर एक संसदीय पैनल ने कहा कि सरकार किसानों की कृषि आय दोगुनी करने के लक्ष्य से बहुत दूर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के दूसरे कार्यकाल में देश का कृषि क्षेत्र कई उतार-चढ़ाव से गुजरा। जबकि भारत के खाद्य उत्पादन में वृद्धि देखी गई, वित्त वर्ष 2012 में भारत के कृषि निर्यात में $ 50 बिलियन के ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंचने के साथ, तीन विवादास्पद कृषि कानूनों की शुरूआत के बाद हजारों किसानों के विरोध में सड़कों पर आने के बाद सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा।
किसानों की आय दोगुनी करने का मोदी सरकार का सबसे बड़ा वादा किसानों को सीधे नकद हस्तांतरण शुरू करने के बावजूद पूरा नहीं हुआ है।
बड़ा वादा
पिछले चार वर्षों में, किसानों की आय को दोगुना करना इस क्षेत्र का मुख्य विषय रहा है, क्योंकि मोदी ने 2017 में अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान इसकी घोषणा की थी। भारतीय जनता पार्टी के टर्म 2.0 घोषणापत्र में इसे फिर से दोहराया गया। पार्टी ने क्षेत्र के लिए बढ़ती कृषि क्षेत्रीय आय और समृद्धि का वादा किया।
2023 के आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि मोदी के दूसरे कार्यकाल के दौरान कृषि क्षेत्र में पिछले छह वर्षों में 4.6 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर देखी गई। कृषि वार्षिक बजट 2023 में पांच गुना बढ़कर 1.25 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 2013-14 में 30,223.88 करोड़ रुपये था।
इस वर्ष 21 मार्च को कृषि मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, कृषि क्षेत्र के लिए संस्थागत ऋण 2013-14 में 7.3 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2022-23 में 18.5 लाख करोड़ रुपये हो गया।
2019 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की शुरुआत, छोटी जोत वाले किसानों के लिए एक आय सहायता योजना, जो तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये प्रदान करती है, मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की सफलता की कहानी रही है। रुपये से अधिक। अब तक 11 करोड़ से अधिक किसानों को 2.24 लाख करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। सरकार का दावा है कि डिजिटल ट्रांसफर का मतलब है कि पैसा अंतिम उपयोगकर्ता तक पहुंचता है।
इसके अलावा, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना के माध्यम से एक वर्ष के भीतर ऋण चुकाने वाले सभी लोगों के लिए रियायती संस्थागत ऋण 4 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से बढ़ाया जा रहा है। यह किसानों को ऋण के अनौपचारिक स्रोतों के ऋणग्रस्तता से खुद को छुटकारा दिलाने का एक उपाय है, और अधिक सदस्यों को नामांकित करने के लिए फरवरी 2020 में एक विशेष अभियान शुरू किया गया था। कृषि मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 23 दिसंबर, 2022 तक 387.87 लाख से अधिक नए केसीसी आवेदन स्वीकृत किए गए थे, जिनकी स्वीकृत क्रेडिट सीमा रु. ड्राइव के हिस्से के रूप में 4,49,443 करोड़।
सरकार ने जैविक खेती और सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाए हैं, जिसमें नाबार्ड के साथ 5,000 करोड़ रुपये के प्रारंभिक कोष के साथ एक सूक्ष्म सिंचाई कोष का निर्माण शामिल है, साथ ही कृषि उपयोग के लिए ड्रोन जैसी नवीनतम तकनीक की शुरुआत भी की गई है। 2014-15 से मार्च 2022 की अवधि के दौरान, कृषि मशीनीकरण के लिए 5,490.82 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जैसा कि कृषि मंत्रालय ने 21 मार्च, 2023 को एक बयान में कहा था। किसानों को सब्सिडी के आधार पर 13,88,314 मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं।
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13 मार्च को राजभवन का घेराव करेगी कांग्रेस जीतू पटवारी बोले- सी एम शिवराज ने जो कहा, वो किया नहीं और जो कह रहे हैं, वो कर नहीं सकते
लोकतंत्र उद्धघोष: प्रदीप जैन भोपाल – – कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया है। जिसमें उन्होंने 13 मार्च को सभी कांग्रेसियों से भोपाल पहुंचने और राजभवन का घेराव करने को कहा है। उन्होंने कहा कि, जिस तरह शिवराज सरकार ने 20 सालों में किसानों की आय दोगुनी करने का वादा करके अब तक कुछ नहीं कराया। वहीं अब गेहूं का समर्थन मूल्य 3000 रुपए प्रति क्विंटल खरीदने के लिए सभी को एक…
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Up Budget 2023-24:अखिलेश बोले, बजट में युवाओं के लिए रोजगार नहीं, शिवपाल बोले- आंकड़ों की बाजीगरी - Akhilesh Yadav Comments On Up Budget 2023-24.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव। – फोटो : amar ujala विस्तार सपा अध्यक्ष व नेता विरोधी दल अखिलेश यादव ने कहा कि दिल्ली सरकार ने किसानों और गांव को निराश किया और अब राज्य सरकार बजट में ��ी किसानों और गांव के लिए कुछ नहीं है। सरकार बताएं क्या किसानों की आय दोगुनी हुई? क्या किसानों को उनकी फसलों की सही कीमत मिल रही है? डीजल की महंगाई से आवागमन ही नहीं महंगा होता बल्कि सड़क, अस्पताल के निर्माण से लेकर खेती…
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हरियाणा में हर 100 किसान पर बनेंगे किसान मित्र क्लब, आय दोगुनी करने के लिए करेंगे काम!
हरियाणा में हर 100 किसान पर बनेंगे किसान मित्र क्लब, आय दोगुनी करने के लिए करेंगे काम!
100 किसानों पर एक किसान मित्र होगा कृषि विभाग की ओर से चलाई जाने वाली योजनाओं जानकारी किसान मित्र क्लबों के जरिए सीधे किसानों तक पहुंचेगी, 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के विजऩ को पूरा करने की दिशा में कदम
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देश के इस बड़े किसान संगठन ने मोदी सरकार के इस कदम को बताया साहसी कदम, जानिए क्या है पूरा मामला
देश के इस बड़े किसान संगठन ने मोदी सरकार के इस कदम को बताया साहसी कदम, जानिए क्या है पूरा मामला
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नई दिल्ली.केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज के तहत तीसरे चरण ब्योरा देते हुए कृषि क्षेत्र में बडे रिफार्म का एलान किया. एसेंशियल कमोडिटी एक्ट (Essential Commodities Act) में संशोधन करने का एलान किया है. इस एक्ट से अनाज, खाद्य तेल, तिलहन, दालें,…
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Lavender Farming: केंद्रीय मंत्री का दावा-लैवेंडर की खेती से चार गुना हो गई किसानों की आय
Lavender Farming: केंद्रीय मंत्री का दावा-लैवेंडर की खेती से चार गुना हो गई किसानों की आय
जम्मू-कश्मीर में लैवेंडर की खेती काफी लोकप्रिय हो रही है. Image Credit source: TV9 (फाइल फोटो) Lavender Festival: केंद्रीय राज्य मंत्री जीतेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर के भद्रवाह में देश के पहले लेवेंडर फेस्टिवल का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि लैवेंडर की खेती के जरिए घाटी के किसानों की आय दोगुनी नहीं चौगुनी हो गयी है. इसकी खेती के जरिए देश में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. केंद्रीय…
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रायपुर - प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में किसान हितैषी भूपेश सरकार के द्वारा प्रति एकड़ धान खरीदी की सीमा 15 क्विंटल से बढ़ाकर 20 क्विंटल किए जाने से जहां 38 लाख किसान परिवार जश्न मना रहे हैं तो वहीं पूर्वाग्रह से ग्रसित भाजपा के नेता छत्तीसगढ़ के किसानों को तस्कर करार देकर अपमानित कर रहे हैं। विगत 4 वर्षों में भूपेश सरकार के किसान हितैषी निर्णयों के चलते छत्तीसगढ़ का किसान समृद्ध हुआ है। कृषि विकास दर भी देश की तुलना में लगभग ��ोगुनी है, जहां देश में कृषि विकास दर 3.50 है वही छत्तीसगढ़ में 5.93 है। ना केवल समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की मात्रा बढ़ी है बल्कि पंजीकृत किसानों की संख्या 15 से बढ़कर 26 लाख और खेती का रकबा भी लगभग 10 लाख हेक्टेयर बढ़कर 31.17 लाख हैक्टेयर हो गया है। छत्तीसगढ़ में किसानों की समृद्धि से भाजपाइयों को पीड़ा हो रही है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में धान के अनुकूल जलवायु और परिस्थितियां हैं यहां सिंचित और असिंचित क्षेत्र में धान के उत्पादन के आंकड़े अलग-अलग हैं। जांजगीर, रायगढ़, धमतरी, कुरूद और रायपुर जिलों में भेट मुलाकात के दौरान प्रदेश के किसानों ने धान खरीदी में प्रति एकड़ सीमा 20 क्विंटल करने की मांग प्रदेश के किसान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से करते रहे थे, जिस पर अब भूपेश सरकार ने फैसला लिया है। छत्तीसगढ़ में धान का रकबा, उत्पादन, खरीदी और तस्करी का खेल पूवर्वर्ती रमन सरकार के सरंक्षण में हुआ करता था। नकली खाद, नकली बीज, नकली दवा और कोचियों, बिचौलियों को संरक्षण देने का काम पूर्ववर्ती रमन सरकार करती थी उस व्यवस्था को भूपेश बघेल सरकार ने बदला है। कृषि उपकरण की सब्सिडी के लिए चिन्हित काउंटर तहत है उसे भी खत्म किया गया है। किसानों के पंजीयन से लेकर गिरदावरी सत्यापन और अनावरी रिपोर्ट सभी कुछ पारदर्शी तरीके से हो रहा है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि एक तरफ भूपेश सरकार ने कर्जमाफी से लेकर समर्थन मूल्य तक किसानों से किए सभी वादे पूरे किए हैं। कोदो, कुटकी, रागी भी ₹3000 प्रति क्विंटल में खरीद रहे हैं। भाजपा यह बताएं कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के मोदी सरकार के वादे का क्या हुआ? एमएसपी की कानूनी गारंटी कब मिलेगी? स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार सी-2 फार्मूले से लागत पर 50 प्रतिशत लाभ का वादा 2014 में था उस पर मौन क्यों है?
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👓🙏👓 2023 के बजट में किसानों के खाद बीज और पैट्रोलियम की सब्सिडी में कटौती कर भाजपा सरकार ने किसान विरोधी होने का परिचय दिया है किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने का दम भरने वाली भाजपा सरकार अभी तक किसानों की आय तो दोगुनी तो क्या करना अपितु खेती की लागत को ही ��ोगुनी करने में सफल रही है वाह, वाह! भाजपा की किसान विरोधी नीतियों के कारण किसान आर्थिक रूप से कंगाल हो चुका है दूसरी तरफ़ बड़े शर्म की बात है कि भाजपा ने आठ साल के कार्यकाल में बड़े उद्योगपतियों का दस लाख सत्तर हजार करोड़ से भी ऊपर कर्जा माफ कर दिया है! किसान मज़दूर युवा महिलाओं का हित कब देखेगी यह सरकार 👓🙏👓 (at Sector 12, Panchkula) https://www.instagram.com/p/CoPFaZjIehl/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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