#किस
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mmulnivasi · 2 years ago
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*सम्प्रदाय का #स्थायी_नामकरण_नही, फिर भी व्यवस्था पर #घमंड 👈* *ज्ञात काल (ईसा के 600 वर्ष पूर्व) से जो प्रामाणिक जानकारी मिलता है, व�� इस प्रकार है|* *ज्ञात काल से लेकर पालवंश तक (दसमी सताब्दी) तक लगभग जितने भी शासक हुए, सभी ने #सम्यक_संस्कृति (बुद्ध की संस्कृति) वाली व्यवस्था का अनुयाई होने का अभिलेखिये वर्णन किया है|* *भगवान बुद्ध के अलावा कुछ और दार्शनिको का मिलना हुआ है, जो इस प्रकार है:- मोखली घोसाल, निगण्ठ नाथ पुत्त, संजय बेलीपुत्त, अजित केसकम्बली, पूरण कस्सप, चारवाक* *ये सब जो दार्शनिक ज्ञात काल मे थे, उनका मत और संप्रदाय आज कही नही दिखता है|* *फिर आज वाली #मत_सम्प्रदाय का उदय कब? #किस दार्शनिक द्वारा?* *#शैव_सम्प्रदाय का पहला उदय, जिसका दार्शनिक शंकर (आदि शंकर का जन्म 788 ईस्वी) यानी आज वाली व्यवस्था का नौंवी सताब्दी बाद पहला नामकरण :- #शिव_लिंग_सम्प्रदाय* *#वैष्णव_सम्प्रदाय का उदय, जिसका दार्शनिक रामानुज (रामानुजाचार्य का जन्म 1017 ईस्वी) नामकरण:- #वैष्णव_सम्प्रदाय* *#रामानंदी_सम्प्रदाय का उदय, जिसका दार्शनिक रामानुज (जन्म 1400 ईस्वी) नामकरण:- #रामानंदी_सम्प्रदाय* *इसी प्रकार चौदह सम्प्रदाय बना|* *मुगल काल मे सबो ने मिलकर #वर्णागत_सम्प्रदाय (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र) का नामकरण किया, जिसका लिखित प्रमाण अंग्रेजी काल का पहली #जनगणना 1872 ईस्वी का है, जो वर्णागत सम्प्रदाय आधारित है|* *इसी बीच केदारनाथ नाथ पांडे उर्फ दयानंद सरस्वती द्वारा वेद की प्रमुखता बताते हुए #आर्य_समाज का नामकरण|* *इसके काउंटर मे पौराणिक मतो (पुराण) के अनुयायियो द्वारा #सनातनी_समाज का नामकरण|* *अंग्रेजी सरकार के बाद मुस्लिम लीग से मजबूत बनने हेतु मदन मोहन मालवीय द्वारा 1915 ईस्वी मे #हिन्दू_महासभा का नामकरण|* *उसके पूर्व हिन्दू नाम एक झंड था|* *भ्रमवंशियो का सबसे बडा हथियार हवा की रुख को समझते हुए अपनाई गयी नामकरण होती है|* *वह अपने बेहतरी के लिए जब जैसा जरूरत समझता है, वैसा नामकरण का रुख कर लेता है|* *जैसे नदी की घास|* *पानी की धार अनुसार घास अपना स्थिति बदल लेता है और पानी जब खत्म हो जाती है तो अकड कर खडा हो जाता है|* *इसी को कहते है कि अपना कोई नाम नही है फिर भी झूठा #झंड है|👈* *किसी के घमंड को ठेस पहुँचा हो तो फिर ज्ञात काल से लेकर अभी तक किसी एक शासक का #अभिलेख बताओ, जिसमे उसका हिन्दू शासक होने की पुष्टि होता हो?* -- राजीव पटेल जी की FB वॉल से साभार (at Delhi दिल्ली) https://www.instagram.com/p/CoFNEvzM_ba/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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rajadas111 · 7 months ago
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काशी में एक लहरतारा तालाब था। गंगा नदी का जल लहरों के द्वारा नीची पटरी के ऊपर से उछल कर एक सरोवर में आता था। इसलिए उस सरोवर का नाम लहरतारा पड़ा। उस तालाब में बड़े-2 कमल के फूल उगे हुए थे। नीरू-नीमा(नि:सन्तान दम्पत्ति थे) ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रमी संवत् 1455 (सन् 1398) सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के लिए गए हुए थे। वहां नीरू - नीमा को कमल कंद फूल पर शिशु रूप में कबीर परमात्मा मिले थे। उसी दिन को कबीर प्रकट दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।
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shantidasi · 7 months ago
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#किसीभी_संत_ने_मांस_नहीं_खाया
मांस खाना महापाप
कबीर, मांस मछलिया खात हैं, सुरापान से हेत।
ते नर नरकै जाहिंगे, माता पिता समेत।
परमात्मा कबीर जी कहते हैं जो मनुष्य मांस, मछली खाते हैं वह नरक में माता पिता के साथ जाते हैं। मांस खाना महापाप है। यह हमारे किसी भी धर्म की पवित्र पुस्तक में नही लिखा है।
Stop Killing Animals
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leenakumbhkar · 6 months ago
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What is the place of Salvation (Moksha) ❓
Satlok is the place of Moksha (liberation). The soul attains complete liberation from the cycle of birth and death in Satlok.
In contrast, souls that go to Swarglok (heaven) or Brahmlok remain in the cycle of birth and death on Earth.
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strangetyphoonearthquake · 7 months ago
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मुसलमान नहीं समझे ज्ञान कुरान। Musalman nhi Samjhe Gyan Quran Audiobook ...
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purpledestinygardener · 7 months ago
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Shri Nanak Dev Ji was bathing in the Bei river flowing past Sultanpur city where he was living. After bathing, he sat on the shore for some time. God Kabir went there in the form of a Jinda sage and discussed spiritual Knowledge with him.
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uapsna · 7 months ago
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दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोदी को जलन का असाध्य रोग था जो कहीं ठीक नहीं हो रहा था। सिकंदर राजा का जलन का रोग भी कबीर साहेब के केवल दर्शन मात्र से ही ठीक हो गया था।
कबीर दर्शन दीन्हा जबै, तपन भई सब दूर।
शाह कहा तुम साँच हो, औ अल्लाहका नूर।।
God Kabir Prakat Diwas 22June
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ghnashyam · 7 months ago
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muralidasbarapatre · 7 months ago
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#किस_किस_को_मिले_भगवान
#KabirisGod
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akashdash2004 · 7 months ago
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गुजरात के भरूच शहर के पास अकलेश्वर गांव के पास जीवा दत्ता नामक दो भक्तो द्वारा पूर्ण संत को खोज में लगाई गई सुखी वृक्ष की टहनी को कबीर परमेश्वर ने अपने चरणामृत सेहरी भरी कर दी थी
#किस_किस_को_मिले_भगवान
#KabirParmatma_Prakat Diwas
#SantRampalJiMaharaj
#KabirPrakatDiwas #KabirisGod #kabir #god #incarnation #Moksha #meeting #witness #SupremeGodKabir #supreme
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shobhitmehta · 7 months ago
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किस_किस_को_मिले_भगवान
नानकदेव जी को कबीर परमात्मा बेई नदी पर मिले। नानक जी को सत्यलोक व सतभक्ति से परिचित कराया। इसका प्रमाण श्री गुरुग्रंथ साहिब पृष्ठ 721, राग तिलंग महला 1 पर है।
यक अर्ज गुफतम पेश तो दर गोश कुन करतार । हक्का कबीर करीम तू बेएब परवरदिगार ।।
22 June God Kabir Prakat Diwas
➡️⛲ PlayStore से Install करें :-
"Sant Rampal Ji Maharaj" ऐप्प🙏
➡️⛲अवश्य सुनिए जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन निम्न टीवी चैनलों पर :-
➜ साधना चैनल 📺 शाम 7:30 से 8:30
🔔Visit- "Satlok Ashram" on YouTube.
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transparentdestinypaper · 1 year ago
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shantidasi · 7 months ago
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God Kabir Sahib Ji met Hanuman ji in Kabir Sagar, on page 113 there is twelfth Chapter "Hanuman Bodh".
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pujajadhav55 · 3 days ago
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ratansingh002 · 6 days ago
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astroclasses · 14 days ago
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