किडनी पथरी में क्या नहीं खाना चाहिए - लक्षण। घरेलु नुस्खे।
किडनी पथरी (Kidney Stones) तब बनती है जब खनिज और लवण मूत्र में क्रिस्टल के रूप में जमा हो जाते हैं, जिससे गुर्दों में कठोर पथरी का निर्माण होता है। किडनी पथरी का प्रबंधन और रोकथाम करने में आहार का महत्वपूर्ण योगदान होता है। और इस समस्या को लेकर लगभग सभी लोग परेशान है। आइए जानते हैं इस ब्लॉग के माध्यम से किडनी पथरी में क्या नहीं खाना चाहिए। इसमें आपको जानकारी मिलेगी की आप किडनी पथरी की समस्या में क्या खाना चाहिए क्या नहीं खाना चाहिए। और उसके लक्षण और घरेलु नुस्खे के बारे में पता चलेगा और आप इस समस्या से कैसे छुटकारा पा सकते है तो धयान से पढ़ना और जैसा बताया जाएगा वैसा करना आप इस समस्या से कैसे छुटकारा पा सकते है। किडनी में स्टोन है, यह पता चलने पर डॉक्टर स्टोन के साइज के हिसाब से दवाई या ऑपरेशन की सलाह देता है। ऐसे में मरीज़ को किडनी स्टोन डाइट (Kidney stones diet) का पूरा ध्यान रखना चाहिए। read more
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किडनी की समस्याओं का आयुर्वेदिक इलाज
किडनी के लिए आयुर्वेद में सबसे अच्छी दवा: HappyMillions Nephroshield
आयुर्वेद एक प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है जो प्राकृतिक तत्वों और जड़ी-बूटियों के उपयोग से स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करती है। किडनी के लिए आयुर्वेद में कई प्रभावी दवाइयाँ हैं, लेकिन आज हम विशेष रूप से HappyMillions Nephroshield के बारे में चर्चा करेंगे, जो किडनी के स्वास्थ्य के लिए एक उत्कृष्ट आयुर्वेदिक दवा है।
HappyMillions Nephroshield: किडनी के लिए श्रेष्ठ आयुर्वेदिक समाधान
HappyMillions Nephroshield एक प्रीमियम गुणवत्ता का आयुर्वेदिक उत्पाद है जो किडनी को डिटॉक्सीफाई और स्वस्थ रखने के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। इसमें मौजूद जड़ी-बूटियाँ और प्राकृतिक तत्व किडनी की कार्यक्षमता को बेहतर बनाने और उसे सुरक्षित रखने में मदद करते हैं।
निष्कर्ष
किडनी की देखभाल के लिए HappyMillions Nephroshield एक बेहतरीन विकल्प है। इसका प्राकृतिक और आयुर्वेदिक सूत्र किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसके साथ ही, स्वस्थ जीवनशैली और सही खान-पान भी किडनी के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। HappyMillions Nephroshield को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और किडनी की समस्याओं से निजात पाएं।
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प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने पथरी का ऑपरेशन करने गए अधेड़ की किडनी चुराई, सदमे से गई जान; जानें पूरा मामला
Rajasthan News: 56 साल के रमेश सरगरा के साथ हादसा हुआ। उसके दामाद ने बताया कि 3 जुलाई को ससुर के पेट में दर्द हुआ। इस सिलसिले में सुमेरपुर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां जांच में पता चला गॉलब्लैडर में पथरी है और साथ में पित्त की थैली में कैंसर भी है। पूरा परिवार घबरा गया। लेकिन डॉक्टरों ने कहा यहां दोनों चीजों का इलाज हो जाएगा।
रमेश का ऑपरेशन किया गया। 15 जुलाई तक अस्पताल में ही रखा गया।…
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braayophilm: ek praakrtik chikitsa ka khajaana
परिचय
प्रकृति में कई ऐसे पौधे होते हैं जिनके औषधीय गुण अद्वितीय होते हैं। ऐसे ही एक महत्वपूर्ण पौधे का नाम है 'ब्रायोफिलम'। यह पौधा अपने विशेष गुणों और औषधीय उपयोग के कारण सदियों से मानव सभ्यता के लिए वरदान साबित हुआ है। इस ब्लॉग में हम ब्रायोफिलम को परिभाषित करेंगे, इसके अर्थ को समझेंगे और जानेंगे कि यह पौधा क्यों महत्वपूर्ण है।
ब्रायोफिलम क्या है?
ब्रायोफिलम एक सुकुलेंट पौधा है जो मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Bryophyllum pinnatum है, जिसे आमतौर पर 'पथरचट्टा' या 'भाजपत्ता' के नाम से भी जाना जाता है। यह पौधा मोटी और मांसल पत्तियों वाला होता है, जो अपनी पत्तियों के किनारों पर छोटे-छोटे पौधे उत्पन्न करता है। यह पौधा अपने आप में एक अद्भुत जीवन चक्र को समेटे हुए है।
ब्रायोफिलम का अर्थ और परिभाषा
ब्रायोफिलम दो ग्रीक शब्दों से मिलकर बना है - 'ब्रायो' जिसका अर्थ है 'अंकुर' और 'फिलम' जिसका अर्थ है 'पत्ता'। इस प्रकार, ब्रायोफिलम का शाब्दिक अर्थ होता है 'अंकुरित पत्ते वाला पौधा'। यह नाम इस पौधे के विशेष गुण को दर्शाता है, जिसमें यह अपनी पत्तियों से नए पौधे उत्पन्न करता है।
ब्रायोफिलम के औषधीय गुण
ब्रायोफिलम को उसकी औषधीय गुणों के लिए आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा में विशेष स्थान प्राप्त है। इसके कुछ प्रमुख औषधीय गुण निम्नलिखित हैं:
घाव भरने में मददगार: ब्रायोफिलम के पत्तों का रस घावों पर लगाने से वे जल्दी भरते हैं। यह एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर होता है।
पथरी के उपचार में उपयोगी: इस पौधे का रस पथरी के उपचार में बहुत प्रभावी होता है। यह किडनी और ��ूरिनरी ट्रैक्ट की समस्याओं में राहत दिलाने में मदद करता है।
सूजन और दर्द निवारक: ब्रायोफिलम के पत्तों का प्रयोग सूजन और दर्द को कम करने के लिए भी किया जाता है। यह पौधा एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है।
खांसी और बुखार में राहत: इसका रस खांसी, बुखार और सर्दी-जुकाम के लक्षणों को कम करने में सहायक होता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाना: ब्रायोफिलम में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
ब्रायोफिलम का महत्व
ब्रायोफिलम का महत्व न केवल इसके औषधीय गुणों में है, बल्कि इसके पर्यावरणीय लाभों में भी है। यह पौधा पर्यावरण को स्वच्छ और शुद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा, इसे उगाना और देखभाल करना भी आसान होता है, जिससे यह हर घर के लिए एक आदर्श पौधा बन जाता है।
प्राकृतिक शुद्धिकारक: ब्रायोफिलम वायु को शुद्ध करता है और हवा में मौजूद विषाक्त पदार्थों को अवशोषित करता है। यह घर के अंदर की हवा को शुद्ध और ताजगी भरी बनाए रखता है।
मिट्टी की सेहत में सुधार: ब्रायोफिलम की जड़ें मिट्टी की संरचना को सुधारती हैं और उसकी उर्वरता को बढ़ाती हैं। यह पौधा मिट्टी के कटाव को रोकने में भी मदद करता है।
जल संरक्षण: ब्रायोफिलम का जल संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। यह पौधा कम पानी में भी जीवित रह सकता है और इसकी पत्तियां जल को संचित करती हैं, जिससे जल की बचत होती है।
निष्कर्ष
ब्रायोफिलम एक अद्वितीय और बहुपयोगी पौधा है, जो न केवल औषधीय गुणों से भरपूर है बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। इसके उपयोग से न केवल स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान होता है बल्कि पर्यावरण की सुरक्षा में भी मदद मिलती है। इसलिए, ब्रायोफिलम को अपने जीवन का हिस्सा बनाना एक समझदारी भरा कदम होगा, जिससे हम प्राकृतिक चिकित्सा का लाभ उठा सकते हैं और पर्यावरण को संरक्षित रख सकते हैं।
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क्या आप महिला मूत्र संबंधी समस्याओं का सामना कर रही हैं? जानिए महिला मूत्र विज्ञान देखभाल (Women's Urology Care) के बारे में और लखनऊ में सर्वश्रेष्ठ एंडोयूरोलॉजी देखभाल, मूत्रविज्ञान ऑन्कोलॉजी, और डॉ. आदित्य शर्मा के साथ देखभाल के विकल्पों के बारे में।
मूत्र प्रणाली के स्वास्थ्य को बनाए रखना महिलाओं के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है जितना पुरुषों के लिए। हालांकि, महिलाओं की मूत्र संबंधी समस्याएं अक्सर अनदेखी कर दी जाती हैं या गलत समझी जाती हैं। महिला मूत्र विज्ञान (Women's Urology) का क्षेत्र विशेष रूप से महिलाओं के मूत्र प्रणाली के स्वास्थ्य पर केंद्रित है।
महिला मूत्र विज्ञान विशेषज्ञ क्या करते हैं? (What Does a Female Urologist Do?)
महिला मूत्र रोग विशेषज्ञ मूत्र प्रणाली के रोगों का निदान और उपचार करते हैं, जिसमें शामिल हैं:
मूत्र संक्रमण (Urinary Tract Infections - UTIs)
असंयमिता (Incontinence)
पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन (Pelvic Floor Dysfunction)
योनिच्छेद (Vaginal Prolapse)
गुर्दे की पथरी (Kidney Stones)
मूत्र असдержание (Urinary Retention)
मूत्र संबंधी जन्म दोष (Urogenital Anomalies)
मूत्रवाहिनी में संक्रमण (Ureteral Stenosis)
मूत्राशय अतिसक्रियता (Overactive Bladder)
महिलाओं को कब मूत्र विज्ञान विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए? (When to See a Female Urologist)
यदि आप निम्नलिखित में से किसी भी लक्षण का अनुभव कर रही हैं, तो महिला मूत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना उचित है:
बार-बार पेशाब आना (Frequent Urination)
पेशाब करने में जलन या कठिनाई (Burning or Difficulty Urinating)
रात में पेशाब करने की आवश्यकता (Nocturia)
पेशाब पर रक्त (Blood in Urine)
पेट के निचले भाग में दर्द (Pelvic Pain)
पेशाब का रिसाव (Urinary Leakage)
लखनऊ में सर्वश्रेष्ठ महिला मूत्र विज्ञान देखभाल (Best Women's Urology Care in Lucknow)
लखनऊ में कई मूत्र रोग विशेषज्ञ हैं जो महिलाओं की मूत्र संबंधी समस्याओं का इलाज करते हैं। हालांकि, सर्वोत्तम उपचार प्राप्त करने के लिए, एक बोर्ड- प्रमाणित महिला मूत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना महत्वपूर्ण है, जिनके पास महिला मूत्र विज्ञान में विशेषज्ञता है।
कुछ खोजशब्दों को ध्यान में रखते हुए आप इंटरनेट पर खोज कर सकते हैं, जैसे:
लखनऊ में सर्वश्रेष्ठ एंडोयूरोलॉजी देखभाल (Best Endo Urology Care in Lucknow)
मूत्रविज्ञान ऑन्कोलॉजी देखभाल (Uro Oncology Care)
डॉ. आदित्य शर्मा के साथ महिला मूत्र विज्ञान देखभाल (Women's Urology Care with Dr. Aditya Sharma)
अतिरिक्त सेवाएं (Additional Services)
कुछ मूत्र रोग विशेषज्ञ निम्नलिखित जैसी अतिरिक्त सेवाएं भी प्रदान करते हैं:
किडनी प्रत्यारोपण (Kidney Transplant)
पुरुष बांझपन ��ा इलाज (Male Infertility Care)
बाल मूत्र विज्ञान देखभाल (Pediatric Urology Care)
मूत्र संबंधी अस्पताल (Urological Hospital)
Dr Aditya Sharma MCh Urologist (Gold Medalist) Uro-oncology Kidney Transplant Robotic Surgeon
Address: Kanpur - Lucknow Rd, Sector B, Bargawan, LDA Colony, Lucknow, Uttar Pradesh 226012
Phone: 081300 14199
Website: https://dradityaurologist.com/
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किडनी स्टोन को कैसे बाहर निकाले (आयुर्वेदिक तरीका)
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क्या आपको किडनी स्टोन की समस्या है और आप इसे बिना सर्जरी के हल करना चाहते हैं?
किड क्लियर कैप्सूल (Kid Clear Capsule) प्राकृतिक तरीके से किडनी स्टोन को निकालने में मदद करता है। यह आयुर्वेदिक उपाय किडनी स्टोन के निर्माण को रोकने में सहायक होता है और पथरी को पिघलाने में मदद करता है।
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गुर्दे की पथरी कितनी आम है? (Kidney Stones Causes)
गुर्दे की पथरी अपेक्षाकृत सामान्य है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज (एनआईडीडीके) के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 11 में से 1 व्यक्ति को अपने जीवनकाल में गुर्दे की पथरी का अनुभव होगा। गुर्दे की पथरी का प्रसार संभवतः आहार और जीवनशैली कारकों में बदलाव के कारण बढ़ रहा है। Kidney stones causes
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🏥 पित्ते की पथरी का ऑपरेशन 🏥
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कैट हेल्थ चेकअप शिविर संपन्नकैट के कार्य अनुकरणीय - डॉ नवीन कालरा
सतना: व्यापारियों की शीर्ष संस्था टीम कैट सतना द्वारा हेल्थ चेकअप शिविर स्थानीय सिंधु विघा मंदिर रीवा रोड पर आज सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईएमए अध्यक्ष डॉ नवीन कालरा ने कैट द्वारा किए जा रहे समाजिक कार्यों की सराहना की।कार्यक्रम की अध्यक्षता सिंधु विद्या मंदिर के अध्यक्ष श्रीचंद दौलतानी ने की।मेडिकल कैंप में अनुभवी डाक्टरों ने किडनी, पथरी, मूत्र, हदय रोग, सुगर, बीपी, न्यूरो सर्जन,…
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SA True Story | पत्नी के दोनों किडनी में 9 और 12mm की बनी पथरी | Sanjay ...
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वर्ल्ड कांफ्रेंस दिल्ली में डॉक्टर भास्कर शर्मा ने होम्योपैथी पर दिया व्याख्यान
सिद्धार्थनगर। होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति में रोगों को जड़ से मिटाया जा सकता है। अपने इस कथन की पुष्टि में डॉ. भास्कर शर्मा ने एक इंटरनेशनल कांफ्रेंस सिससिलेवार विचार प्रकट करते हुए बताया है।
- डॉक्टर भास्कर शर्मा को कॉन्फ्रेंस में बनाया गया था गेस्ट स्पीकर
- कॉन्फ्रेंस में 600 से अधिक लोगों ने लिया हिस्सा
क्रॉनिक डिजीज के सफल उपचार के लिए मरीज के वर्तमान हिस्ट्री लक्षणों के विवरण के साथ मरीज के इलाज के पहले दिन से लेकर इलाज पूर्ण होने तक की सभी रिपोर्ट। उपचार का रिकॉर्ड के साथ ही इलाज से पूर्व करायी गयी जांच रिपोर्ट से लेकर रोगमुक्त होने तक की जांच रिपोर्ट अनिवार्य रूप से शामिल करें। क्योंकि यही रिपोर्ट्स वे सबूत होते हैं, जो आप द्वारा किये गये इलाज की सफलता की वैज्ञानिक रूप से पुष्टि करते हैं।
यह महत्वपूर्ण बातें शर्मा होम्योपैथिक चिकित्सालय एंड रिसर्च सेंटर इटवा सिद्धार्थनगर उत्तर प्रदेश के चीफ कंसल्टेंट डॉ भास्कर शर्मा ने हॉलिस्टिक मेडिसिन एंड रिसर्च फाऊंडेशन द्वारा 22 एवं 23 जुलाई 2023 को डॉ अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर दिल्ली में आयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेंस में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा।
कांफ्रेंस से लौटने के बाद उन्होंने बुधवार को इस बात की जानकारी एक प्रेसविज्ञप्ति में दिया है। आगे बताया कि इस वर्ल्ड लार्जेस्ट कांफ्रेंस में देश भर से आये हुए चिकित्सकों ने अनेक प्रकार के रोगों के इलाज को लेकर अपना मत प्रस्तुत किया।
डॉक्टर भास्कर शर्मा ने कहा कि होम्योपैथी के दम को साइंटिफिक कसौटी पर खरा साबित करने के लिए रोगी के दस्तावेजों को सबूत के तौर पर रखना होगा। डा. भास्कर शर्मा ने यह भी कहा कि सिर्फ रोगी के कथन को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सबूत नहीं माना जा सकता है।
ज्ञात हो कि डॉ भास्कर शर्मा के रिसर्च वर्क का सफर उनकी होम्योपैथी शिक्षा के दौरान ही प्रारम्भ हो गया था।अब तक विभिन्न प्रकार के रोग��� में एक्सपेरिमेंटल रिसर्च कर डॉ भास्कर शर्मा देश ही नहीं विदेशों में भी अपने कार्य का लोहा मनवा चुके हैं।
उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि कई रोगी उनके पास किडनी में पथरी की शिकायत लेकर आए हैं। मैंने उसका अल्ट्रासाउंड कराया तो पथरी होने की पुष्टि हुई। उसका उपचार शुरू किया गया।
कुछ दिन बाद आकर रोगी ने कहा कि उसकी पथरी निकल गयी है। उसने एक पत्थर दिखाते हुए कहा कि यह पेशाब में निकला है।
मैंने उससे कहा कि एक अल्ट्रासाउंड करा लीजिये तो मरीज का कहना था कि मुझे अब आराम है। मैं कह रहा हूं तो इसकी क्या आवश्यकता है। इस पर मैंने उस रोगी को अल्ट्रासाउंड जांच का शुल्क देते हुए उससे जांच कराने को कहा।
उसने जांच कराया तो अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में देखा कि पथरी नहीं थी। यह एक वैज्ञानिक सबूत हुआ कि उपचार से पूर्व अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में जो पथरी दिख रही थी। वह अब नहीं है। डॉ. भास्कर शर्मा ने कहा कि इस तरह डॉक्यूमेंटेशन करने के बाद इन्हें प्रतिष्ठित जर्नल में छपवाने के लिए भी आवेदन करें।
इसका लाभ यह होगा कि आपके कार्य को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलेगी। साथ ही चूंकि जर्नल में छपने की इस प्रक्रिया के लिए आपके दावे के दस्तावेजों को दूसरे विशेषज्ञों द्वारा अनेक प्रकार की कसौटी पर परखा जायेगा। जिसके बाद आपकी उपलब्धियों का वह दस्तावेज 24 कैरेट सोने जैसा खरा बन चुका होगा।
कॉन्फ्रेंस में बांग्लादेश, यूके, नेपाल, श्रीलंका, सिंगापुर, फिलिपींस, कनाडा, मलेशिया, इंडोनेशिया आदि देशों के चिकित्सकों ने लिया हिस्सा लिया।
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पथरी में क्या खाना चाहिए
"पथरी (किडनी स्टोन) के रोगियों के लिए आहार महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि सही आहार पथरी के निर्माण को कम करने और पथरी के बनने के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। निम्नलिखित आहार संबंधी सुझाव दिए जा सकते हैं:
पानी: अच्छे मात्रा में पानी पीना पथरी के लिए महत्वपूर्ण है। यह किडनी को साफ़ रखने में मदद करता है और पथरी के निर्माण को कम कर सकता है। रोज़ाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।
फल और सब्जियाँ: फल और सब्जियाँ आपको विटामिन सी, पोटैशियम और फाइबर प्रदान कर सकती हैं। इनमें नींबू, आंवला, अदरक, टमाटर, गाजर, कद्दू, तरबूज़ और शिमला मिर्च शामिल करें।
अखरोट और बादाम: अखरोट और बादाम में मैग्नीशियम होता है जो पथरी को कम करने में मदद कर सकता है।
पौष्टिक अनाज: अनाज और पूरे अनाज में फाइबर होता है जो पाचन को सुधारने में मदद कर सकता है और पथरी के निर्माण को कम कर सकता है।"
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