#काट रहा है
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agmsajida · 2 years ago
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mneel · 11 months ago
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Nowadays, where is morning, afternoon or evening?
I can't understand how the night passed.
And time is speeding up so fast as if it is in a hurry to reach somewhere.
So, Life, at the speed which you are moving, I think I should issue a challan for you too.
"आजकल सुबह दोपहर शाम कब कब हुई? ओर रात कैसे गुजरी कुछ समझ नही आ रहा।
और समय इतनी तेज रफ्तार पकड़ रहा है जैसे उसे कही पहुंचने की जल्दी है। जिस रफ्तार से तू चल रही है ना जिंदगी, सोचता हु एक चालान तेरा भी काट दूं।
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essentiallyoutsider · 9 months ago
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चाहिए थोड़ा दुख
खबरें देखता रहता हूं दिन भर और
कुछ नहीं लिखता मैं
देखता हूं रील, तस्‍वीर और वीडियो
दूसरों का नाच गाना सोना नहाना
सब कुछ पर बेमन
सीने में जाने किसका है वजन
जो काटे नहीं कटता वक्‍त की तरह
गोकि मैं हूं बहुत बहुत व्‍यस्‍त और
ऐसा सिर्फ दिखाने के लिए नहीं है चूंकि
मैं फोन नहीं उठाता किसी का
मैं वाकई व्‍यस्‍त हूं, और जाने
किन खयालों में मस्‍त हूं कि अब
कुछ भी छू कर नहीं जाता
निकल लेता है ऊपर से या नीचे से
या दाएं से और बाएं से
सर्र से पर मेरी रूह को तो छोड़ दें
त्‍वचा तक को कष्‍ट नहीं होता।
ये जो वजन है
यही दुख का सहन है
वैसे कारण कम नहीं हैं दुखी होने के
दूसरी सहस्राब्दि के तीसरे दशक में, लेकिन
दुख की कमी अखरती है रोज-ब-रोज
जबकि समृद्धि इतनी भी नहीं आई
कि खा पी लें दो चार पुश्‍तें
या फिर कम से कम जी जाएं विशुद्ध
हरामखोर बन के ही बेटा बेटी
या अकेले मैं ही।
मैंने सिकोड़ लिया खुद को बेहद
ति��ली से लार्वा बनने के बाद भी
फोन आ जाते हैं दिन में दो चार
और सभी उड़ते हुए से करते हैं बात
चुनाव आ गया बॉस, क्‍या प्‍लान है
मेरा मन तो कतई म्‍लान है यह कह देना
हास्‍यास्‍पद बन जाने की हद तक
संन्‍यस्‍त हो जाने की उलाहना को आमंत्रित करता
बेकल आदमी का एकल गान है।
एक कल्‍पना है
जिसका ठोस प्रारूप कागज पर उतारना
इतना कठिन है कि महीनों हो गए
और इतना आसान, कि लगता है
एक रोज बैठूंगा और लिख दूंगा
रोज आता है वह एक रोज
और बीत जाता है रोज
अब उसकी भी तीव्रता चुक रही है
तारीख करीब आ रही है और धौंकनी
धुक धुक रही है
कि क्‍या 4 जून के बाद भी करते रहना होगा
वही सब चूतियापा
जिसके सहारे काट दिए दस साल
अत्‍यंत सुरक्षित, सुविधाजनक
बिना खोए एक क्षण भी आपा
बदले में उपजा लिए कुछ रोग जिन्‍हें
डॉक्‍टर साहब जीवनशैली जनित कहते हैं
जबकि इस बीच न जीवन ही खास रहा
न कोई शैली, सिवाय खुद को
बचाने की एक अदद थैली
आदमी से बन गए कंगारू
स्‍वस्‍थ से हो गए बीमारू
कीड़े पनपते रहे भीतर ही भीतर
बाहर चिल्‍लाते रहे फासीवाद और
भरता रहा मन में दुचित्‍तेपन का
गंदा पीला मवाद।
यार, ऐसे तो नहीं जीना था
सिवाय इस राहत के कि
जीने की भौतिक परिस्थितियां ही
गढ़ती हैं मनुष्‍य को
यह दलील चाहे जितना डिस्‍काउंट दे दे
लेकिन मन तो जानता है (न) कि
दुनिया के सामने आदमी कितनी फानता है
और घर के भीतर चादर कितनी तानता है।
अगर ये सरकार बदल भी जाए तो क्‍या होगा मेरा
यही सोच सोच कर हलकान हुआ जाता हूं
जबकि सभी दोस्‍त ठीक उलटा सोच रहे हैं
जरूरी नहीं कि दोस्‍त एक जैसा सोचें
बिलकुल इसी लोकतांत्रिक आस्‍था ने दोस्‍त
कम कर दिए हैं और जो बच रहे हैं
वे फोन करते हैं और मानकर चलते हैं
मैं उनके जैसी बात कहूंगा हुंकारी भरूंगा
मैं तो अब किसी को फोन नहीं करता
न बाहर जाता हूं मिलने
बहुत जिच की किसी ने तो घर
बुला लेता हूं और जानता हूं कि
दस में से दो आ जाएं तो बहुत
इस तरह कटता है मेरा क्‍लेश और
बच जाता है वक्‍त
चूंकि मैं हूं बहुत बहुत व्‍यस्‍त
बचे हुए वक्‍त में मैं कुछ नहीं करता
यह जानते हुए भी लगातार लोगों से बच��ा
फिरता हूं क्‍योंकि वे जब मिलते हैं तो
ऐसा लगता है कि बेहतर होता कुछ न करते
घर पर ही रहते और ऐसा
तकरीबन हर बार होता है
हर दिन बस यही संतोष
मुझे बचा ले जाता है
कि मेरा खाली समय कोई बददिमाग
पॉलिटिकली करेक्‍ट
बुनियादी रूप से मूर्ख और अतिमहत्‍वाकांक्षी
लेकिन अनिवार्यत: मुझे जानने वाला मनुष्‍य
नहीं खाता है।
लोगों को ना करते दुख होता है
ना नहीं करने के अपने दुख हैं
आखिर कितनों की इच्‍छाओं, महत्‍वाकांक्षाओं
और मूर्खतापूर्ण लिप्‍साओं की आत्‍यंन्तिक रूप से
मौद्रिक परियोजनाओं में
आदमी कंसल्‍टेंट बन सकता है एक साथ?
आपके बगैर तो ये नहीं होगा
आपका होना तो जरूरी है
रोज दो चार लोग ऐसी बातें कह के मुझे
फुलाते रहते हैं और घंटे भर की ऊर्जा
उनके निजी स्‍वार्थों की भेंट चढ़ जाती है
इतने में दस आदमी कांग्रेस से भाजपा में और
चार आदमी भाजपा से कांग्रेस में चले जाते हैं
हेडलाइन बदल जाती है
किसी के यहां छापा पड़ जाता है
तो किसी को जेल हो जाती है
फिर अचानक कोई ऐसा नाम ट्रेंड करने लगता है
जिसे जानने में बची हुई ऊर्जा खप जाती है।
मुझे वाकई ये बातें जानने का शौक नहीं
ज्‍यादा जरूरी यह सोचना है कि अगले टाइम
क्‍या छौंकना है लौकी, करेला या भिंडी
और किस विधि से उन्‍‍हें बनना है
यह और भी अहम है पर संतों के कहे
ये दुनिया एक वहम है और मैं
इस वहम का अनिवार्य नागरिक हूं
और औसत लोगों से दस ग्राम ज्‍यादा
जागरिक हूं और यह विशिष्‍टता 2014 के बाद
अर्जित की हुई नहीं है क्‍योंकि उससे पहले भी
मैं जग रहा था जब सौ करोड़ हिंदू
सो रहा था इस देश का जो आज मुझसे
कहीं ज्‍यादा जाग चुका है और
मेरे जैसा आदमी बाजार से भाग चुका है
भागा हुआ आदमी घर में दुबक कर
खबरें ही देख सकता है और गाहे-बगाहे सजने वाली
महफिलों में अपने प्रासंगिक होने के सुबूत
उछाल के फेंक सकता है।
दरअसल मैं इसी की तैयारी करता हूं
इसीलिए खबरें देखता रहता हूं
पर लिखता कुछ नहीं
बस देखता हूं दूसरों का नाच गाना
सोना नहाना सब कुछ
नियमित लेकिन बेमन।
कब आ जाए परीक्षा की घड़ी
खींच लिया जाए सरेबाजार और
पूछ दिया जाए बताओ क्‍या है खबर
और कह सकूं बेधड़क मैं कि सरकार बहादुर
गरीबों में बांटने वाले हैं ईडी के पास आया धन।
छुपा ले जाऊं वो बात जो पता है
सारे जमाने को लेकिन कहने की है मनाही
कि एक स्‍वतंत्र देश का लोकतांत्रिक ढंग से
चुना गया प्रधानमंत्री कर रहा था सात साल से
धनकुबेरों से हजारों करोड़ रुपये की उगाही
खुलवाकर कुछ लाख गरीबों का खाता जनधन।
सच बोलने और प्रिय बोलने के द्वंद्व का समाधान
मैंने इस तरह किया है
बीते बरसों में जमकर झूठ को जिया है
स्‍वांग किया है, अभिनय किया है
जहां गाली देनी थी वहां जय-जय किया है
और सीने पर रख लिया है एक पत्‍थर
विशालकाय
अकेले बैठा पीटता रहता हूं छाती हाय हाय
कि कुछ तो दुख मने, एकाध कविता बने
लगे हाथ कम से कम भ्रम ही हो कि वही हैं हम
जो हुआ करते थे पहले और अकसर सोचा करते थे
किसके बाप में है दम जो साला हमको बदले।
ये तैंतालीस की उम्र का लफड़ा है या जमाने की हवा
छूछी देह ही बरामद हुई हर बार जब-जब
खुद को छुवा
हर सुबह चेहरे पर उग आती है फुंसी गोया
दुख का निशान देह पर उभर आता हो
मिटाने में जिसे आधा दिन गुजर जाता हो
दुख हो या न हो, दिखना नहीं चाहिए
ऐसी मॉडेस्‍टी ने हमें किस��� का नहीं छोड़ा
भरता गया मवाद बढ़ता गया फोड़ा
अल्‍ला से मेघ पानी छाया कुछ न मांगिए
बस थोड़ा सा जेनुइन दुख जिसे हम भी
गा सकें, बजा सकें और हताशाओं के
अपने मिट्टी के गमले में सजा सकें
और उसे साक्षी मानकर आवाहन करें
प्रकृति का कि लौट आओ ओ आत्‍मा
कम से कम कुछ तो दो करुणा कि
स्‍पर्श कर सकें वे लोग, वे जगहें, वे हादसे
जिनकी खबरें देखता रहता हूं मैं
दिन भर और कुछ भी नहीं लिख पाता।
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hindisoup · 8 months ago
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Do you think you can explain in simple terms and with examples (from Hindi) , what the oblique case is, and where it is used?
I've found explanations but they all make no sense to me
In Hindi, there are three main noun cases: nominative, oblique, and vocative.
Nominative is the basic form of the word, used as the subject of a sentence: लड़का दौड़ रहा है - The boy is running.
Oblique is used whenever an explicit or an implicit postposition follows the noun: लड़के ने एक सेब खाया - The boy ate an apple.
Vocative is used when addressing someone directly: अरे लड़के! - Hey boy!
The oblique can be thought of as the essential building block we need, when we want to use Hindi nouns in any other case than in the basic nominative case. With the combination of an oblique noun and a correct post position we can form the dative, accusative, genitive, possessive, ablative, instrumental, comitative and locative cases we're used to in many other languages - and the ergative case that is more rare but not unique to Hindi.
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Here's how it works:
Dative (indicates the recipient or beneficiary of an action)
मैंने लड़के को सेब दिया - I gave the apple to the boy.
Accusative (indicates a direct object of a transitive verb)
कुत्ते ने लड़के को काट लिया - The dog bit the boy.
Oblique + को is used with all animate direct and indirect objects. The postposition को is optional when talking about inanimate objects, they can remain in the nominative.
Genitive (possessive) (indicates an attributive relationship)
यह लड़के का कुत्ता है - It's the boy's dog.
Ablative (indicates motion away from somewhere)
लड़का घर से निकला - The boy came out of the house.
Instrumental (indicates a noun that is used as an instrument)
लड़का कलम से लिखता है - The boy writes with a pen.
Comitative (indicates an action done together with someone)
लड़का एक लड़की से बात कर रहा है - The boy is talking to a girl.
Locative (indicates location)
लड़का स्कूल में है - The boy is at school.
Ergative (indicates the subject of a past tense transitive verb)
लड़के ने बहुत कुछ सीखा - The boy learned a lot.
What I am trying to do here is to demonstrate that the oblique + postposition is the way we can use Hindi nouns in various scenarios beyond the nominative case - it is not necessary to learn the names of these cases - it is more important to study the different postpositions and their various uses.
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Here’s the basic rule: If there's a postposition after the noun, switch the noun to its oblique form. The oblique form varies depending on the gender and number of the noun but a common transformation for masculine singular nouns is from आ ending to ए: लड़का > लड़के.
Even the nouns that do not change in appearance (eg. consonant ending masculine nouns) are still considered to be in the oblique form before a postposition (like घर in घर से).
With adverbs of time and place the postposition is often dropped and the oblique form alone indicates adverbial use:
मैं पिछले हफ़्ते वहाँ था - I was there last week.
हमारे यहाँ आओ? - Come to our place?
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The conclusion here can be that the oblique alone doesn't really mean anything but it is an important indicator that the noun that is in the oblique has some kind of a special relationship with the other nouns or verbs in that sentence. Using it correctly ensures clarity in the relationship between the nouns and their actions or descriptions.
Hope this is of some help. Thanks for the ask and happy learning!
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iskconchd · 10 months ago
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@spdailyquotes There is a story that one fool was sitting on a branch of a tree and he was cutting off. And somebody said, "You'll fall down." "Ha, fall down." But when he fell down he said, "Oh, you are a great astrologer." So who goes to the astrologer? Only fools and rascal. No sane man goes. What is to happen, that will happen. Why shall I go to astrologer? Mayapur, March 14, 1976 एक बार एक मूर्ख एक पेड़ की टहनी पर बैठा था और उसी को काट रहा था। किसी ने उससे कहा, 'अरे, तुम गिर जाओगे।' 'हाह, गिर जाऊँगा?' किन्तु जब वह गिर गया तो उसने कहा, 'अरे आप तो कोई महान् ज्योतिष हैं।' तो ज्योतिष के पास कौन जाता है? केवल मूर्ख लोग। कोई बुद्धिमान व्यक्ति नहीं जायेगा। जो होना है वह तो होकर ही रहेगा। क्यों मैं किसी ज्योतिष के पास जाऊँ? मायापुर, 14 मार्च 1976 #krishna #iskconphotos #motivation #success #love #vaishnav #india #creativity #inspiration #life #spdailyquotes #devotion
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perfecttheoristbluebird · 1 year ago
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( #Muktibodh_part177 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#MuktiBodh_Part178
हम पढ़ रहे है पुस्तक "मुक्तिबोध"
पेज नंबर 341-342
◆ ‘‘कबीर परमेश्वर वचन’’
◆ पारख के अंग की वाणी नं. 958-975 का सरलार्थ :- जिंदा रूप में परमेश्वर कबीर जी ने तर्क-वितर्क करके यथार्थ अध्यात्म ज्ञान समझाया। प्रश्न किया कि जो शालिगराम (मूर्तियाँ) लिए हुए हो, ये किस लोक से आए ���ैं? अड़सठ तीर्थ के स्नान व भ्रमण से किस लोक में साधक जाएगा? यह तत्काल बता। राम तथा कृष्ण कौन-से लोक में रहते हैं?
जिनको आप शालिगराम कहते हो, ये तो जड़ (निर्जीव) हैं। इनके सामने घंटा बजाने का कोई लाभ नहीं। ये न सुन सकते हैं, न बोल सकते हैं। ये तो पत्थर या अन्य धातु से ब��े हैं। हे धर्मदास! कहाँ भटक रहे हो? (निजपद निहकामी) सतलोक को (चीन्ह) पहचान। जिस परमेश्वर की शक्ति से प्रत्येक जीव बोलता है, हे धर्मदास! उसको नहीं जाना। चिदानंद परमेश्वर को पहचान। इन पत्थर व धातु को पटक दे। परमेश्वर कबीर जी जिंदा बाबा ने कहा कि हे धर्मदास! राम-कृष्ण तो करोड़ों जन्म लेकर मर लिए। (धनी) मालिक सदा से एक ही है। वह कभी नहीं मरता। आप विवेक से काम लो। ये आपके पत्थर व पीतल धातु के भगवानों को दरिया में छोड़कर देखो, डूब जाएँगे तो ये आपकी क्या मदद करेंगे? इनको मूर्तिकार ने काट-पीट, कूटकर इनकी छाती पर पैर रखकर (तरासा) काटकर रूप दिया।
इनका रचनहार तो कारीगर है। ये जगत के उत्पत्तिकर्ता व दुःख हरता कैसे हैं? ऐसी पूजा कौन करे? जिस परमेश्वर ने माता के गर्भ में रक्षा की, खान-पान दिया, सुरक्षित जन्म दिया,
उसकी भक्ति कर। यह पत्थर-पीतल तथा तीर्थ के जल की पूजा की (बोदी) कमजोर आशा त्याग दे। जिंदा बाबा ने कहा कि जो पूर्ण परमात्मा सब सृष्टि की रचना करके इससे भिन्न रहता है। अपनी शक्ति से सब ब्रह्माण्डों को चला व संभाल रहा है, उसका विचार कर।
उसका शरीर श्वांस से नहीं चलता। वह सबसे ऊपर के लोक में रहता है। आपकी समझ में नहीं आता है। उसकी शक्ति सर्वव्यापक है। उसका आश्रम (स्थाई स्थान) अधर-अधार यानि सबसे ऊपर है। वह अजर-अमर अविनाशी है।
धर्मदास जी ने कहा :-
◆ पारख के अंग की वाणी नं. 976-981 :-
बोलत है धर्मदास, सुनौं जिंदे मम बाणी।
कौन तुम्हारी जाति, कहांसैं आये प्राणी।।976।।
ये अचरज की बात, कही तैं मोसैं लीला।
नामा के पीया दूध, पत्थरसैं करी करीला।।977।।
नरसीला नित नाच, पत्थर के आगै रहते।
जाकी हूंडी झालि, सांवल जो शाह कहंते।।978।।
पत्थर सेयै रैंदास, दूध जिन बेगि पिलाया।
सुनौ जिंद जगदीश, कहां तुम ज्ञान सुनाया।।979।।
परमेश्वर प्रवानि, पत्थर नहीं कहिये जिंदा।
नामा की छांनि छिवाई, दइ देखो सर संधा।।980।।
दोहा-सिरगुण सेवा सार है, निरगुण सें नहीं नेह।
सुन जिंदे जगदीश तूं, हम शिक्षा क्या देह।।981।।
‘‘धर्मदास वचन’’
◆ पारख के अंग की वाणी नं. 976-981 का सरलार्थ :- धर्मदास जी कुछ नाराज होकर परमेश्वर से बोले कि हे (प्राणी) जीव! तेरी जाति क्या है? कहाँ से आया है? आपने मेरे से
बड़ी (अचरज) हैरान कर देने वाली बातें कही हैं, सुनो! नामदेव ने पत्थर के देव को द���ध पिलाया। नरसी भक्त नित्य पत्थर के सामने नृत्य किया करता यानि पत्थर की मूर्ति की पूजा करता था। उसकी (हूंडी झाली) ड्रॉफ्ट कैश किया। वहाँ पर सांवल शाह कहलाया।
रविदास ने पत्थर की मूर्ति को दूध पिलाया। हे जिन्दा! तू यह क्या शिक्षा दे रहा है कि पत्थर की पूजा त्याग दो। ये मूर्ति परमेश्वर समान हैं। इनको पत्थर न कहो। नामदेव की छान
(झोंपड़ी की छत) छवाई (डाली)। देख ले परमेश्वर की लीला। हम तो सर्गुण (पत्थर की मूर्ति जो साक्षात आकार है) की पूजा सही मानते हैं। निर्गुण से हमारा लगाव नहीं है। हे जिन्दा! मुझे क्या शिक्षा दे रहा है?
◆ पारख के अंग की वाणी नं. 982-988 :-
बौलै जिंद कबीर, सुनौ बाणी धर्मदासा।
हम खालिक हम खलक, सकल हमरा प्रकाशा।।982।।
हमहीं से चंद्र अरू सूर, हमही से पानी और पवना।
हमही से धरणि आकाश, रहैं हम चौदह भवना।।983।।
हम रचे सब पाषान नदी यह सब खेल हमारा।
अचराचर चहुं खानि, बनी बिधि अठारा भारा।।984।।
हमही सृष्टि संजोग, बिजोग किया बोह भांती।
हमही आदि अनादि, हमैं अबिगत कै नाती।।985।।
हमही माया मूल, हमही हैं ब्रह्म उजागर।
हमही अधरि बसंत, हमहि हैं सुखकै सागर।।986।।
हमही से ब्रह्मा बिष्णु, ईश है कला हमारी।
हमही पद प्रवानि, कलप कोटि जुग तारी।।987।।
दोहा-हम साहिब सत्यपुरूष हैं, यह सब रूप हमार।
जिंद कहै धर्मदाससैं, शब्द सत्य घनसार।।988।।
‘‘परमेश्वर कबीर वचन’’
◆ पारख के अंग की वाणी नं. 982-988 का सरलार्थ :- हे धर्मदास! आपने जो भक्त बताए हैं, वे पूर्व जन्म के परमेश्वर के परम भक्त थे। सत्य साधना किया करते थे जिससे उनमें भक्ति-शक्ति जमा थी। किसी कारण से वे पार नहीं हो सके। उनको तुरंत मानव जन्म मिला। जहाँ उनका जन्म हुआ, उस क्षेत्रा में जो लोकवेद प्रचलित था, वे उसी के आधार से
साधना करने लगे। जब उनके ऊपर कोई आपत्ति आई तो उनकी इज्जत रखने व भक्ति तथा भगवान में आस्था मानव की बनाए रखने के लिए मैंने वह लीला की थी। मैं समर्थ परमेश्वर हूँ। यह सब सृष्टि मेरी रचना है। हम (खालिक) संसार के मालिक हैं। (खलक) संसार हमसे ही उत्पन्न है। हमने यानि मैंने अपनी शक्ति से चाँद, सूर्य, तारे, सब ग्रह तथा ब्रह्माण्ड उत्पन्न किए हैं। ब्रह्मा, विष्णु तथा महेश की आत्मा की उत्पत्ति मैंने की है। हे धर्मदास! मैं सतपुरूष हूँ। यह सब मेरी आत्माएँ हैं जो जीव रूप में रह रहे हैं। यह सत्य वचन है।
धर्मदास जी ने अपनी शंका बताई। कहा कि :-
◆ पारख के अंग की वाणी नं. 989-994 :-
बोलत हैं धर्मदास, सुनौं सरबंगी देवा। देखत पिण्ड अरू प्राण, कहौ तुम अलख अभेवा।।989।।
नाद बिंद की देह, शरीर है प्राण तुम्हारै। तुम बोलत बड़ बात, नहीं आवत दिल म्हारै।।990।।
खान पान अस्थान, देह में बोलत दीशं। कैसे अलख स्वरूप, भेद कहियो जगदीशं।।991।।
कैसैं रचे चंद अरू सूर, नदी गिरिबर पाषानां।
कैसैं पानी पवन, धरनि पृथ्वी असमानां।।992।।
कैसैं सष्टि संजोग, बिजोग करैं किस भांती।
कौन कला करतार, कौन बिधि अबिगत नांती।। 993।।
दोहा-कैसैं घटि घटि रम रहे, किस बिधि रहौ नियार।
कैसैं धरती पर चलौ, कैसैं अधर अधार।।994।।
क्रमशः_______________
••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। संत रामपाल जी महाराज YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
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ombirdass · 1 year ago
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#FreedomFromEvils#कबीर ❤️💕
खोद-खाद धरती सहे , काट कूट बनराय ।
कुटिल वचन साधु सहे , औरों से सहा न जाय ।।
🙏🙏🙇🙇😥😥🙇🙇🙏🙏
#SantRampalJiMaharaj
#गुरू #satlokashramdhanusha #SaintRampalJi #gyangangabook #KabirisGod #ladla_gurudev_ji_ka
#kabirissupremegod #saintrampalji_truesaintसंत रामपाल जी महाराज ने अपने शिष्यों को परमात्मा की अमर वाणी के माध्यम से माया की दौड़ से आज़ादी दिलवाई।
साईं इतना दीजिये, जा में कुटुम्ब समाय।
हम भी भूखे न रहे, अतिथि न भूखा जाय।।
🏳विश्व प्रसिद्ध समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज के प्रयास से समाज को नशे से मिल रही है आज़ादी, जिससे भारत बन रहा है नशा मुक्त।
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crzayfrog · 2 years ago
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भाभी के साथ हसीन रात
राधिका 35, एक बड़े घराने की घरेलू महिला था, बिलकुल अपने संस्कृति और धर्म को मानने वाली महिला थी, उनका पति एक बैंक के मैनेजर पोस्ट पर काम करते थे, और उनका नया नया सादी हुआ था, और वो अपने मायके और ससुराल से दूर असम आई हुई थी क्योंकि उनके हब्बी विक्रांत का ट्रांसफर वहीं हुआ था
कबीर 23, ग्रेज्यूशन पहला पार्ट में दाखिला करा कर, छोटे मोटे ��फिस में काम करके अपना पढ़ाई का खर्चा उठा रहा था, परिवार सामर्थ नही था की कबीर को पढ़ा सके या उसके लिए कुछ कर सके, और शायद ये बात कबीर भी कुछ हद्द तक जानता था, समय बीतता गया और कबीर भी सही ट्रैक पर आ गया
बीते दो तीन साल
कबीर शुरू से शर्मिला था और वो उसका लगाव औरतों और लड़कियों में कम था, अब यूं कहे की उसे अपने कैरियर का खतरा लगता या वो ये सब चक्कर में नही फसना चाहता था
कुछ दिन बाद एक कंपनी का कॉल आया, कबीर ने बहुत ही सोच समझ कर उत्तर देते गया और उसकी नौकरी फ्लिपकार्ट में लग गई , अच्छे सैलरी पैकेज के साथ, ये बात उसने पहले अपने मां बाबूजी को बताया फिर अपने दोस्तों के साथ जश्न किया
करीब एक साल बाद वो ऑफिस के लिए रोजमर्रा की तरह निकलता और शाम को लौटता, उसे इतना तक पता नही की कोई उसे लंबे समय से ताड़ रहा है
वो ठहड़ा सीधा साधा, काम पी जाता और शाम को लौटता, एक दिन ऐसा समय आया की भाभी ने जानकर कबीर के तरफ इशारा की, तो कबीर को वहम लगा और उस दिन भी बिना देखे कबीर ऑफिस चला गया
अचानक से राधिका अपना सारी का पल्लू को कमर में बांधे हुए, कबीर के पास पहुंची और बोली बहरा है क्या, सुनाई नही देता है
4 दिन से चिल्ला रही हूं और तुम हो की इग्नोर किए जा रहे हो, किस बात का इतना घमंड है तुझ में, ये पकड़ो तुम्हारा चड्डी उस दिन हवा में उर के हमारे बालकनी में आ गिरा था, मुझे भी कोई शौक नही है तुम्हे बुलाने का पर किसी के मेहनत का मैं फिजूल बर्बाद नही होना देना चाहती
राधिका वही गरम मिजाज में वहां से चली गई और ढेड़ सारा बात कबीर को सुना दी, उसे समझ नही आ रहा था की क्या बोले, वो शांत से उस भाभी को देखे जा रहा था, ऐसे जैसे उसकी शिक्षिका ने कवीर को किसी बात को लेकर ताना मार कर गई हो
अब कबीर को समझ नही आ रहा था की जो चड्डी सामने वाला भाभी से मिला है वो उसका है भी या नहीं उसे समझ नही आ रहा था, क्योंकि कबीर सब अपना सामान बहुत संयोज के रखता है
खैर उसने उठाया और चला गया, क्योंकि वो इतना सुन लिया था की उसे बाहर में रहने की हिम्मत नही हुई, समय उस दिन कैसे काट गया, कुछ भी पता नही चला
अगले दिन सुबह करीब 5 बजे रोज की तरह कबीर निकला और बाहर टहलने लगा, ठीक 5 मिनट बाद भाभी भी बालकनी में खुले बाल के साथ आ गई, बड़े गले का मैक्सी और काजल का अध���रापन जैसे दिखना ये कबीर के जहन में छा गई
कभी कबीर देखता तो कभी वो, धीरे धीरे दोनो में नजदीकियां आने लगी, और रोज की तरह भाभी समय पर आ जाती, एक दिन रविवार का समय था, राधिका अपने कमरे तक से बाहर नहीं निकली
इधर कबीर पूरा परेशान, समझ नही आ रहा था क्या करे, फिर उसने जैसे तैसे खुद को संभाला और अपने कमरे में बिना कुछ खाए सो गया
शाम करीब 5:15 हो रहा था तभी राधिका उसके कमरे में आई और बोली, आज बाहर क्यूं नही आए
कबीर को तेज गुस्सा आया और वो निगल गया, जान गया था की अभी गुस्सा करना ठीक नहीं, उसने बस एक बात कहा, सुबह से आप कहां थी, बस यही कारण था की हम आपको इग्नोर करते थे और मुझे ये भी पता था, की वो चड्डी हमारा नही था
राधिका मुस्कुराते हुए बोली, मैं जानती हूं पर तुम्हे पता है की मैं 6 महीना से परेशान थी तुम्हारे लिए, किसी का कैसे होने दूं और फाई राधिका बड़े ही बेशर्म होकर गले लगा ली
अब इनबॉक्स में चर्चा कर सकते हैं
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sapnekaarth · 2 years ago
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सपने को सांप को देखना शुभ या अशुभ - Sapne Ka Arth
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका "Sapne Ka Arth" ब्लॉग मे।
आज की इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से हम जानेंगे कि सपने में सांप देखना, सपने में सांप का काटना, नागपंचमी के दिन सपने में सांप देखना, सपने में सांप देखना शुभ या अशुभ इन सबकी सच्चाई क्या है।
सांप को ज्ञान सत्य और बुद्धि का प्रतीक माना जाता है इसे अलग-अलग धर्मों और संस्कृतियों में अलग-अलग तरीकों से समझा जाता है। हिंदू धर्म में सांप को अज्ञान और अंधविश्वास का प्रतीक माना जाता है जबकि अन्य धर्मों में सांप को ज्ञान और सत्य का प्रतीक माना जाता है।
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सपने में एसडीएम को देखना
सपने में शेर को देखना
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सपने में सांप देखने के शुभ और अशुभ संकेतों के बारे में जाने- Sapne KA Arth 
सपने में सांप देखना 12 शुभ संकेत 
दोस्तों यदि आपको सपने में सांप मरा हुआ दिखाई देता है तो आपको समझ जाना चाहिए कि आपके अच्छे दिन आने वाले हैं आप राहु नामक दोष से मुक्ति पाने वाले हैं आपके सारे कष्ट एवं दुख दूर होने वाले हैं।
रात में सपने में चमकीला सांप दिखाई देना इस बात की ओर संकेत करता है कि आपकी किस्मत खुलने वाली है और आपके पूर्वज आप पर मेहरबान होने वाले हैं।
दोस्तों यदि आप सपने में कहीं पर जा रहे हैं और आप को सपने में सांप जाता हुआ दिखाई देता है फिर वह आपको देखकर कहीं पर छुप जाता है तो यह संकेत इस बात की ओर संकेत करता है की आपके पूर्वज आपकी रक्षा कर रहे हैं।
दोस्तों यदि आपको सपने में सांप फन उठाए हुए दिखाई दे तो इसका मतलब है कि आपके घर में धन दौलत की बरसात होने वाली है।
दोस्तों यदि आप सपने में किसी जगह पर खुदाई कर रहे हैं और खुदाई में से सांप निकलता है तो इसका मतलब है कि आपके धन प्राप्ति के योग हैं।
सपने में सफेद सांप को देखने का मतलब है कि ���पको ढेर सारे धन की प्राप्ति होने वाली है।
सपने में सांप के काटने का मतलब है की लंबी आयु तक जीवित रहने वाले है।
दोस्तों यदि आप सपने में कहीं पर जा रहे हैं और सांप आपका रास्ता काट लें तो यह संकेत है कि आपकी विजय और आपके शत्रुओं की पराजय होने वाली है।
सपने में सिर पर सांप का बैठा हुआ दिखाई देने  मतलब है कि आप जहां कहीं भी जाएंगे आपको हर तरफ से मान सम्मान और इज्जत की प्राप्ति होगी।
दोस्तों यदि आपको सपने में सांप खा जाए मतलब कि निगल जाए तो इसका मतलब है कि आपके व्यापार में उन्नति होने वाली है।
सपने में सांप को बिल में जाते हुए देखना का मतलब है कि आपको अचानक धन की प्राप्ति होगी आप खुद हैरान कर रह जाएंगे। 
दोस्तों यदि आपको सपने में कोई सफेद सांप दिखाई देता है तो इसका मतलब है कि आप बहुत भाग्यवान है आपका भविष्य बहुत सुनहरा होने वाला है।
दोस्तों नाग पंचमी के दिन सपने में सांप देखने का मतलब है कि जल्द ही आप उन्नति की सीढ़ियां चढ़ने वाले हैं।
सपने में सांप के बच्चे को मारते हुए देखने का मतलब है कि आपके घर में से नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाएगी और सकारात्मक ऊर्जा का वास होगा
सपने में सांप दिखाई देना 10 अशुभ संकेत 
दोस्तों यदि आपको सपने में ढेर सारे सांप दिखाई दे रहे हैं तो यह अशुभ है लेकिन इसका तोड़ भी है यदि आप उन सांपों को सपने में मार देते हैं तो आप आने वाले सभी संकट को हरा देंगे और जीत आपकी ही होगी।
दोस्तों यदि आप सपने में कहीं पर जा रहे हैं और सांप आपका पीछा करने लग जाए तो इसका मतलब है कि आप अपने भविष्य के प्रति डरे हुए हैं आपको डर लग रहा है कि मेरा भविष्य कैसा होगा आप अपने भविष्य को लेकर के हिम्मत नहीं जुटा पा रहे है या आपको किसी राज के खुल जाने ��ा डर है। 
दोस्तों यदि आपको सपने में कोई सांप डस ले तो इसका मतलब है कि आपको कोई बड़ी बीमारी होने वाली है आपको अभी से आगाह हो जाना चाहिए और अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए। 
दोस्तों यदि आपको सपने में कोई काला सांप दिखाई देता है तो यह सपना आपको किसी आने वाले खतरे की ओर संकेत कर रहा है।
दोस्तों यदि आपको सपने में आपके ऊपर कोई सांप गिरता हुआ दिखाई देता है यह तो इसका मतलब है कि आप गंभीर रूप से बीमार होने वाले हैं आपको अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए अपने घर के आसपास की सफाई अच्छे से करनी चाहिए अच्छा भोजन करना चाहिए। 
दोस्तों यदि आपको अपने सपने में कोई सांप बिल में से निकलता हुआ दिखाई दे तो यह संकेत है कि आपको धन हानि हो सकती है। 
दोस्तों यदि आपको अपने सपने में बार बार सांप दिखाई देता है तो यह संकेत है कि आपको पितृ दोष है आपके पूर्वज आपसे नाराज हैं आपको अपने घर में पूजा पाठ, हवन कराना चाहिए। 
दोस्तों यदि आपको सपने में सांप और नेवले की लड़ाई होती हुई दिखाई देती हैं तो यह इस बात का संकेत है कि आप को कानूनी मामले में पड़ना पड़ सकते हैं। 
दोस्तों यदि आपको सपने में सांप आपको दांत दिखाता है तो आपको समझ जाना चाहिए की आपके रिश्तेदार, दोस्त या ऑफिस के कर्मचारियों में से कोई धोखा दे सकता है।
 दोस्तों यदि आप सपने में नाग नागिन को साथ में देख लेते हैं तो यह सपना आपको किसी आने वाले संकट की ओर संकेत कर रहा है आप सावधान हो जाइए।
सपने में सांप देखने से संबंधित अक्सर पुछे जाने वाले सवाल 
Q.1. सांप के सपने क्यों आते है?
 ज्योतिषियों का मत है कि जिन व्यक्तियों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है या राहु केतु का काल चल रहा होता है उन्हें साँप का सपना आता है वहीं अगर हम स्वप्न शास्त्र की माने तो सांप के सपने हमें भविष्य में होने वाली घटनाओं का संकेत देते हैं।
Q.2. सपने में सांप देखना शुभ है या अशुभ?
सपने में सांप देखना शुभ और अशुभ दोनों ही तरह के संकेत देता है।
Q.3. सपने में काले सांप को देखने से क्या होता है?
सपने में यदि आपको कोई काला सांप दिखाई देता है तो यह किसी आने वाले खतरे की तरफ संकेत कर रहा है।
Q.4. सपने में चमकीला सांप दिखाई देने से क्या होता है?
 सपने में चमकीला सांप दिखाई देना इस बात की ओर संकेत करता है कि आपकी किस्मत खुलने वाली है और आपके पूर्वज आप पर मेहरबान होने वाले हैं।
Q.5. सपने में बहुत सारे सांपों को देखने से क्या होता है?
 यदि आपको सपने में ढेर सारे सांप दिखाई दे रहे हैं तो यह अशुभ है लेकिन यदि आप उन सांपों को सपने में मार देते हैं तो आप आने वाले सभी संकट को हरा देंगे और जीत आपकी ही होगी।
Q.6. सांप को किसका प्रतीक माना जाता है?
हिंदू धर्म में सांप को अज्ञान और अंधविश्वास का प्रतीक माना जाता है।
Q.7. नागपंचमी के दिन सपने में सांप देखने से क्या होता है?
नाग पंचमी के दिन सपने में सांप देखने का मतलब है कि आप उन्नति की सीढ़ियां चढ़ने वाले हैं।
Q.8. सपने में सांप का जोड़ा देखने का क्या मतलब है?
- सपने में सांप का जोड़ा देखने का मतलब है कि जल्द ही आपको कहीं से अच्छा समाचार सुनने को मिल सकता है अथवा आपके हाथ कोई खजाना लग सकता है।
Q.9. सपने में सांप को भागते हुए देखने का क्या मतलब है?
- सपने में सांप को भागते हुए देखना अच्छा संकेत है इसका मतलब है कि आपके काम की सराहना की जाएगी।
Q.10. सपने में सांप को मारते हुए देखने का क्या मतलब है?
- सपने में सांप को मारते हुए देखने का मतलब है कि आप अपने शत्रुओं को हरा देंगे।
Q.11. सपने में सांप को पानी में देखने का क्या मतलब है?
- सपने में सांप को पानी में देखने का मतलब है कि भविष्य में आपको सतर्क रहना पड़ेगा लापरवाही ना करें। एक भी लापरवाही आपको नुकसान पहुंचा स��ती है।
Q.12. सपने में सांप के अंडे देखने का क्या मतलब है?
- सपने में सांप के अंडे देखने का मतलब है कि आपके जीवन में सुख और वैभव बना रहेगा।
निष्कर्ष
तो दोस्तों आज की इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से हमने जाना कि सपने में सांप देखना, सपने में सांप का काटना, नागपंचमी के दिन सपने में सांप देखना, सपने में सांप देखना शुभ या अशुभ है इन सबकी सच्चाई क्या है।
 दोस्तों मुझे आशा है कि आपको अपने सभी सवालों का जवाब मिल गया होगा यदि अभी भी आपके मन में "सपने में सांप देखना" से संबंधित कोई सवाल है तो उसे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ लीजिएगा।
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indlivebulletin · 6 hours ago
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Asaram Bail: आसाराम बापू को मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च तक दी जमानत
यौन शोषण के मामले में सजा काट रहे आसाराम को कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कारणों के चलते आसाराम को 31 मार्च 2025 तक जेल से बाहर रहने की अनुमति दी है. हालांकि, कोर्ट ने जमानत देने से पहले कुछ शर्तें भी रखीं, जिसे आसाराम को माननी होंगी. 2013 में नाबालिग छात्रा से यौन शोषण के मामले में जेल गए आसाराम उम्र भर की सजा काट रहा है. कोर्ट ने मेडिकल कारणों के चलते अंतरिम जमानत दी है.…
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fitnessclasses · 1 day ago
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Quinoa a super-food + delicious recipe
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क्विनोआ: आपके आहार में शामिल होने वाला सुपरफूड + आसान रेसिपी
           क्विनोआ/Quinoa ने हाल के वर्षों में बहुत लोकप्रियता हासिल की है, परन्तु यह हमारे देश में हजारों सालोंसे खाया जाता आया है. इसको हम "बथुआ"  इसके असाधारण स्वास्थ्य लाभ और खाना पकाने में बहुमुखी प्रतिभा के कारण। इस प्राचीन अनाज को अक्सर "सुपरफूड/superfood" के रूप में जाना जाता है, यह पोषक तत्वों से भरपूर है और कई पारंपरिक अनाजों के लिए ग्लूटेन-मुक्त विकल्प प्रदान करता है।          चाहे आप अपने आहार में सुधार करना चाहते हों, वजन कम करना चाहते हों, या बस स्वादिष्ट, पौष्टिक भोजन का आनंद लेना चाहते हों, क्विनोआ एक उत्कृष्ट विकल्प है।         इस ब्लॉग में, हम क्विनोआ के स्वास्थ्य लाभों, इसे पूरी तरह से पकाने के तरीके और एक आसान, स्वादिष्ट रेसिपी के बारे में बात करेंगे जिसे आप आज ही आजमा सकते हैं।  
क्विनोआ क्या है? What is Quinoa?
       आज की व्यस्त जिंदगी में लोग अपने स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए स्वस्थ खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं और कुछ लोग क्विनोआ को अपने आहार में शामिल कर रहे हैं।        क्विनोआ (उच्चारण कीन-वा/KEEN-wah)) चेनोपोडियम/Chenopodium album क्विनोआ पौधे का बीज (यानि बथुआ के बीज)  है। हालाँकि यह तकनीकी रूप से अनाज नहीं है, लेकिन इसे अक्सर छद्म अनाज के रूप में वर्गीकृत किया जाता है क्योंकि इसे एक अनाज की तरह तैयार और खाया जाता है। दक्षिण अमेरिका से उत्पन्न, क्विनोआ सदियों से एंडियन क्षेत्र में एक मुख्य भोजन रहा है।        क्विनोआ को चावल और गेहूं की तरह ही एक अनाज के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, और इसे अक्सर सुपरफूड के रूप में संदर्भित किया जाता है। यह पदनाम इसकी उच्च पोषण सामग्री के कारण है, जिसमें विटामिन बी और सी, आयरन, प्रोटीन, पोटेशियम, फाइबर और आवश्यक अमीनो एसिड की महत्वपूर्ण मात्रा शामिल है।   क्विनोआ के स्वास्थ्य लाभ 1. पोषक तत्वों से भरपूर: क्विनोआ पोषक तत्वों का भंडार है। यह इनका एक बेहतरीन स्रोत है: - प्रोटीन: इसमें सभी नौ आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं, जो इसे एक संपूर्ण प्रोटीन बनाते हैं। - फाइबर: पाचन को बढ़ावा देता है और स्वस्थ आंत को बनाए रखने में मदद करता है। - विटामिन और खनिज: इसमें मैग्नीशियम, आयरन, पोटेशियम, जिंक और बी विटामिन शामिल हैं। 2. Gluten-Free      ग्लूटेन असहिष्णुता या सीलिएक रोग से पीड़ित लोगों के लिए, क्विनोआ गेहूं आधारित अनाज के लिए एक आदर्श विकल्प के रूप में कार्य करता है। 3. उच्च एंटीऑक्सीडेंट सामग्री       क्विनोआ एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो सूजन से लड़ने और पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद करता है। 4. वजन घटाने में सहायक      क्विनोआ में मौजूद उच्च फाइबर और प्रोटीन सामग्री तृप्ति बढ़ाने में मदद करती है, जिससे कुल कैलोरी का सेवन कम होता है। 5. पचाने में आसान क्विनोआ पाचन तंत्र पर सौम्य है, इसलिए यह संवेदनशील पेट वाले लोगों के लिए उपयुक्त है।
How to Cook Quinoa Perfectly
क्विनोआ/quinoa पकाना सरल है और यह एक Gluten-Free Recipes और चावल पकाने जैसा ही है। हर बार एकदम मुलायम क्विनोआ बनाने के लिए इन चरणों का पालन करें: Ingredients: - 1 cup quinoa - 2 cups water (or broth for added flavor) - A pinch of salt   निर्देश: - धोएं: क्विनोआ को एक महीन जाली वाली छलनी में रखें और ठंडे पानी से धो लें, ताकि इसकी प्राकृतिक परत, सैपोनिन, जो कड़वा स्वाद पैदा कर सकती है, निकल जाए। - उबाल लें: एक सॉस पैन में क्विनोआ, पानी और नमक डालें। मध्यम-तेज़ आँच पर उबाल लें। - धीमी आंच पर पकाएं: एक बार उबलने के बाद, आंच धीमी कर दें, ढक दें, और लगभग 15 मिनट तक पकने दें, जब तक कि पानी पूरी तरह से सोख न ले। - फुलाएँ: इसे आंच से उतार लें, 5 मिनट तक ढककर रखें, फिर कांटे से फुलाएँ। Easy Quinoa Salad Recipe Ingredients: - 1 cup cooked quinoa - 1 cup cherry tomatoes (halved) - 1 cucumber (diced) - 1/4 cup red onion (finely chopped) - 1/4 cup feta cheese (crumbled, optional) - 2 tbsp olive oil - 1 tbsp lemon juice - 1/2 tsp salt - 1/4 tsp black pepper - Fresh parsley or mint for garnish(धनिया/पुदीना के पत्ते)   Instructions: - सब्जियां तैयार करें: टमाटर, ककड़ी और लाल प्याज को धोकर काट लें। - सामग्री मिलाएं: एक बड़े कटोरे में पका हुआ क्विनोआ, सब्जियां और फ़ेटा चीज़ (यदि उपयोग कर रहे हैं) मिलाएं। - ड्रेसिंग बनाएं: एक छोटे कटोरे में जैतून का तेल, नींबू का रस, नमक और काली मिर्च को एक साथ फेंटें। - मिलाएँ और परोसें: ड्रेसिंग को सलाद पर डालें, अच्छी तरह मिलाएँ और ताज़ी जड़ी-बूटियों से सजाएँ। ठंडा या कमरे के तापमान पर परोसें।  
आपको अपने आहार में क्विनोआ क्यों शामिल करना चाहिए?
        क्विनोआ सिर्फ़ एक स्वस्थ विकल्प से कहीं ज़्यादा है; यह एक बहुमुखी सामग्री है जो किसी भी व्यंजन के साथ इस्तेमाल की जा सकती है। सलाद से लेकर सूप, नाश्ते के कटोरे से लेकर मिठाई तक, क्विनोआ सब कुछ कर सकता है।        इसकी पोषक तत्वों से भरपूर प्रोफ़ाइल इसे शाकाहारियों, शाकाहारी लोगों और स्वस्थ भोजन की तलाश करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनाती है। निष्कर्ष        क्विनोआ/quinoa स्वाद, पोषण और बहुमुखी प्रतिभा का एक बेहतरीन मिश्रण है। चाहे आप इस सुपरफ़ूड के लिए नए हों या क्विनोआ के पुराने प्रेमी हों, इसे अपने भोजन में शामिल करना आपके स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का एक शानदार तरीका हो सकता है। ऊपर दी गई क्विनोआ सलाद रेसिपी को आज़माएँ और इस पौष्टिक सामग्री के जादू का अनुभव करें। इस रेसिपी को अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करना न भूलें और हमें बताएँ कि यह कैसी बनी!       https://youtu.be/l9raWsaUh1o Read the full article
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mangesh1982 · 5 days ago
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गीता का ज्ञान किसने बोला? गीता वाला काल कौन है? जानने के लिए देखिए Factful Debates Youtube Channel
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कबीर बड़ा या कृष्ण?
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क्या राधास्वामी पंथ का प्रवर्तक प्रेत बना था?
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शिव और सदाशिव में क्या अंतर है?
शिव जी तीन लोक (स्वर्गलोक, पृथ्वी लोक और पाताल लोक) के और चार भुजा, सोलह कला के भगवान हैं।
सदाशिव 21 ब्रह्मांड का और एक हजार भुजा व एक हजार कला का भगवान है। इसे धर्मग्रंथों में ब्रह्म काल भी कहा गया है क्योंकि यह गीता अध्याय 11 श्लोक 32 में स्वयं कहता है कि मैं बढ़ा हुआ काल हूँ, सभी को खाने के लिए प्रकट हुआ हूँ।
अधिक जानकारी के लिए "शिव और सदाशिव में अंतर" से संबंधित वीडियो Factful Debates Youtube Channel पर देखिए।
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कौन है शिव से भी समर्थ?
जानने के लिए देखिए वीडियो "कौन है शिव से भी समर्थ: चौंकाने वाला खुलासा" Factful Debates Youtube Channel पर
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शिव जी अंतर्यामी भी नहीं हैं। उन्होंने तपस्या से खुश होकर भस्मासुर को भस्म कंडा दे दिया। वे ये भी नहीं जान पाए कि भस्मासुर के दिमाग में क्या चल रहा है। इससे साबित होता है कि शिव जी अंतर्यामी नहीं है।
ज्यादा जानकारी के लिए देखें वीडियो "शिव की समर्थता - Part 1" Factful Debates यूट्यूब चैनल पर
🥁जानें अनजाना सच
शिव जी स्वयंभू नहीं हैं बल्कि उनके माता-पिता हैं। जबकि कबीर परमात्मा के कोई माता-पिता नहीं हैं, वे स्वयं प्रकट होने वाले समर्थ परमात्मा हैं।
अधिक जानकारी के लिए देखिए वीडियो "कौन है शिव से भी समर्थ: चौंकाने वाला खुलासा" Factful Debates Youtube Channel पर
🥁जानें अनजाना सच
रानी मदालसा के कहने मात्र से भोली जनता ने श्राद्ध कर्म/ पितृ पूजा प्रारम्भ कर दी।
क्या रानी मदालसा भगवान थी, या तत्वदर्शी संत थी?
जबकि गीता(परमात्मा के संविधान) में श्राद्ध कर्म/पितृ पूजा तथा अपनी इच्छा से मनमाना आचरण को मना किया है।
अधिक जानकारी के लिए देखिए हमारा विशेष कार्यक्रम सनातनी पूजा के पतन की कहानी भाग - 4 केवल Factful Youtube Channel पर
🥁क्या पिण्डदान और जलदान से मोक्ष संभव है?
देखें सनातनी पूजा के पतन की कहानी भाग - 4 Factful debates Youtube channel पर
🥁पवित्र गीता जी के अध्याय 9 श्लोक 25 में लिखा है कि भूत पूजने वाले भूत बनेंगे, पितरों को पूजने वाले पितरों को प्राप्त होंगे। इससे सिद्ध है कि भूत पूजा, पितर पूजा, श्राद्ध, पिंडदान यह सभी शास्त्रविरुद्ध मनमाना आचरण है। जिससे गीता अध्याय 16 श्लोक 23 के अनुसार, न सुख होगा, न कार्य सिद्धि होगी, न गति मिलेगी और न ही पूर्वजों को गति होगी।
देखिए सनातनी पूजा के पतन की कहानी भाग - 4 Factful debates Youtube channel पर
🥁रामचरित मानस के बालकांड दोहा नंबर 143 में लिखा है:
द्वादस अच्छर मंत्र पुनि जपहिं सहित अनुराग। बासुदेव पद पंकरुह दंपति मन अति लाग॥143॥
रामचरित मानस के इस दोहे में तुलसीदास जी ने जिस द्वादश अक्षर मंत्र का जिक्र किया है वह कौन सा है?
जानने के लिए Factful Debates Youtube Channel पर देखिए वीडियो असली रामायण सार।
🥁सतनाम और सारनाम कौन से मंत्र हैं जिनके जाप से मोक्ष होता है? सतनाम और सारनाम की विस्तृत जानकारी जानने के लिए Factful Debates Youtube Channel पर देखिए वीडियो असली रामायण सार।
🥁सच्चिदानंद घन ब्रह्म कौन है, जिसकी भक्ति करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है? सच्चिदानंद घन ब्रह्म की सम्पूर्ण जानकारी जानने के लिए Factful Debates Youtube Channel पर देखिए वीडियो असली रामायण सार।
🥁आदि सनातन से हम कैसे अनेक धर्मों में बंट गए और अब पुनः कौन करेगा आदि सनातन को विश्व में प्रतिष्ठित?
जानने के लिए देखिये Factful Debates Youtube Channel पर वीडियो "सनातनी पूजा के पतन की कहानी भाग-1
🥁भविष्यमालिका पुराण के अनुसार वह महापुरुष कौन है जो 2032 तक पूरे विश्व में आदि सनातन धर्म को प्रतिष्ठित करेगा?
जानने के लिए देखिये Factful Debates Youtube Channel पर वीडियो "सनातनी पूजा के पतन की कहानी भाग-1"
🥁शिव जी प्रारब्ध कर्म को नहीं काट सकते जबकि कबीर परमात्मा प्रारब्ध कर्म को पूरी तरह समाप्त कर सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए देखिए वीडियो "कौन है शिव से भी समर्थ: चौंकाने वाला खुलासा" Factful Debates Youtube Channel पर
🥁शिव और सदाशिव में अंतर
शिव जी 4 भुजा और 16 कला के भगवान हैं जबकि सदाशिव (ब्रह्म काल) 1000 भुजा और 1000 कला के भगवान हैं।
अधिक जानकारी के लिए "शिव और सदाशिव में अंतर" से संबंधित वीडियो देखिए Factful Debates Youtube Channel पर।
🥁जानें अनजाना सच
क्या विष्णु जी अविनाशी हैं?
सृष्टि का रचनहार कौन है?
जानने के लिए देखिए Factful Debates Youtube Channel
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rightnewshindi · 9 days ago
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लड़कियों की उम्र 21 साल करने में फंसा पेंच, दफ्तरों के चक्कर काट रहा विधेयक; सरकार ले रही कानूनी सलाह
लड़कियों की उम्र 21 साल करने में फंसा पेंच, दफ्तरों के चक्कर काट रहा विधेयक; सरकार ले रही कानूनी सलाह #News #RightNewsIndia
Himachal News: हिमाचल प्रदेश बाल विवाह प्रतिषेध विधेयक-2024 का विभागीय पेच फंस गया है। लड़कियों के विवाह की उम्र 21 साल करने का विधेयक तीन महीने से दफ्तरों में ही चक्कर काट रहा है। मानसून सत्र में इस विधेयक को पारित किया गया था। यह मामला संविधान की समवर्ती सूची से संबंधित होने के चलते केंद्र और राज्य सरकार दोनों से ही संबंधित है, इसलिए इस पर गहन चिंतन किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि राज्यपाल…
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essentiallyoutsider · 2 years ago
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अपना हाता
मेरे आसपास आजकल बहुत कुछ घट रहा है
और बहुत तेजी से
कुछ दोस्तों ने मुखौटे बदल लिए हैं
कुछ दुश्मनों ने चेहरे।
एक बस है जो लगता है छूटने वाली है
एक और बस है ठसाठस भरी हुई
उसका खलासी गायब है
चलने का वक़्त भी नहीं पता
लोग भाग रहे हैं बेतहाशा
इधर से उधर
उधर से इधर
कुछ खड़े हैं जो असमंजस में
छूट जाने के डर से अकेले
दांव तौल रहे हैं
इधर जाएं
या उधर
किसी को मिल गए हैं बारहमासा टिकाऊ जूते
किसी ने तान ली है छतरी धूप में।
मुझसे कहता है पकी दाढ़ी वाला घुटा हुआ एक आदमी
बेटा जी लो अपनी ज़िन्दगी, कमा लो पैसे
फिर नहीं आने का सुनहरा मौका
क्यों जी रहे हो जैसे तैसे
वह अभी अभी चढ़ा है एक बस में
और पुकार रहा है मुझे सीढ़ी से ही
वो छूटने वाली बस का है मुसाफिर
उसकी दौड़ ज़्यादा लंबी नहीं, जानते हुए भी
दे रहा है मुझे आखिरी आवाज़
दिस इज़ द लास्ट कॉल फॉर पैसेंजर नंबर फलां फलां
मैं असमंजस में हूं
पैरों के नीचे की धरती कर सकता हूं महसूस
थोड़ा और शिद्दत के साथ
वह मुझे गुब्बारे दिखाता है
गुब्बारे रंग बिरंगे उसकी छतरी हैं गोया उल्��ा पैराशूट
आकाश की ओर उतान जिनमें भरी है
निष्प्राण, निरर्थक, नीरस गैस
मेरे सिर के ठीक ऊपर चमकाता है वह
अपने बारहमासा जूते
जिनसे अगले पांच माह वह काट लेगा कम से कम
ऐसा दावा करता है।
मेरे साथी कह रहे हैं चढ़ जाओ
मेरी संगिन कहती है तोड़ दो दीवारें जो
बना रखी हैं तुमने अपने चारों ओर।
एक देश है जहां उत्तेजना ऐसी है गोया
सोलह मई को नेहरू जी संसद से करेंगे
ट्रिस्ट विद डेस्टिनी का भाषण
और आज़ाद हो जाएंगे सवा अरब लोग
चौक चौराहों और ट्रेनों में बैठे लोग किसी को
देख रहे हैं आता हुए सवार सफेद घोड़े पर
उसके पीछे उड़ती हुई एक चादर है और उसके
हाथों में जादू की एक छड़ी
बिल्कुल ऐसा ही हुआ था पांच साल पहले
लेकिन कोई याद नहीं करना चाहता उस घोड़े को
जिसकी टाप ने कर दिया था हमें बहरा
जिसके खुरों से उड़ने वाली धूल का कण अब भी
गड़ता है हमारी आंखों में और घुड़सवार के उतरते ही
हुई थी आकाशवाणी
हार कर जीतने वाले को बाज़ीगर कहते हैं
उसने हवा में जो रुमाल लहराया था उसमें लगी इत्र
की मादकता अब भी सिर चढ़ कर बोलती है
आदमी पागल
औरत पागल
बच्चे पागल
पागल बुज़ुर्ग
भीतर से दरकता हुआ एक दुर्ग
बाहर सवारियों को समेटती खचाखच भरी बस
कोई छूटने न पाए
सबका साथ ही सबका विकास है।
मेरे आसपास आजकल बहुत कुछ घट रहा है
और बहुत तेजी से
और मैं असमंजस में हूं और यह कोई नई बात न���ीं है
क्योंकि शादियों में उदास हो जाना अचानक बचपन से मेरी फितरत रही है
कोई मर जाए तो निस्संग हो कर मलंग हो जाना पुरानी
अदा रही है अपनी
एकाध बार पूछते हैं, कहते हैं लोग हाथ बढ़ाकर-
चढ़ जाओ
फिर प्रेरणा के दो शब्द कह कर हो लेते हैं फरार
अबकी बार मजबूत सरकार।
मैंने पिछले एक हफ्ते में दर्जनों लोगों से पूछा है कि प्रियंका गांधी के आने से कांग्रेस का वोट कैसे बढ़ेगा
सबके मन में केवल विश्वास है
पूरा है विश्वास हम होंगे कामयाब वाला
विश्वास पर दुनिया कायम है तो कांग्रेस क्यों नहीं?
एक बस में अंधविश्वास का भरा है पेट्रोल
दूसरे में विश्वास का
संदेह वर्जित है
विरासत में मिला जो कुछ भी है वही अर्जित है
��ाउ इज़ द जोश
सब महामिलावट का है दोष।
मेरे आसपास आजकल बहुत कुछ घट रहा है
और बहुत तेजी से
इसीलिए
मैंने किया है निश्चय बहुत धीरे धीरे
ऐन चुनाव के बीच बच्चों को गणित पढ़ाऊंगा
तेजी से घटती हुई दुनिया में उन्हें जोड़ना सिखाऊंगा
न इस बस से आऊंगा
न उस बस से जाऊंगा
अपनी हदों में रहूंगा
पकी दाढ़ी वाले घुटे हुए आदमी की बातों में
नहीं आऊंगा
न पहनूंगा जूता न तानूंगा छाता
किसी के बाप का क्या जाता
अपना खेल
अपना हाता।
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glitteryalpacaartisan · 12 days ago
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ईसा मसीह पूर्ण परमात्मा नहीं है।
ईसा मसीह का जन्म एक देवता से हुआ।
प्रमाण : पवित्र बाईबल मती रचित सुसमाचार मती=1ः25 पृष्ठ नं. 1-2 पर।
ईसा मसीह की पूज्य माता जी का नाम मरियम तथा पूज्य पिताजी का नाम यूसुफ था। परन्तु मरियम को गर्भ एक देवता से रहा था। इस पर यूसुफ ने आपत्ति की तथा मरियम को त्यागना चाहा तो स्वपन में (फरिश्ते) देवदूत ने ऐसा न करने को कहा तथा यूसुफ ने डर के मारे मरियम का त्याग न करके उसके साथ पति-पत्नी रूप में रहे। देवता से गर्भवती हुई मरियम ने ईसा को जन्म दिया।
✝️ ईसा जी भगवान नहीं थे, वह तो एक ईश्वर की भक्ति बताते थे
हजरत ईसा जी को भी पूर्ण परमात्मा सत्यलोक से आकर मिले तथा एक परमेश्वर का मार्ग समझाया। इसके बाद ईसा जी एक ईश्वर की भक्ति समझाने लगे। लोगों ने बहुत विरोध किया।बीच-बीच में ब्रह्म(काल) के फरिश्ते हजरत ईसा जी को विचलित करते रहे तथा वास्तविक ज्ञान को दूर रखा।
✝️ ईसा मसीह पूर्ण परमात्मा नहीं है। क्योंकि
हजरत ईसा जी पाप नहीं काट सकते।
हजरत यीशु का जन्म तथा मृत्यु व जो जो भी चमत्कार किए वे पहले ब्रह्म(ज्योति निरंजन) के द्वारा निर्धारित थे। यह प्रमाण पवित्र बाईबल में है कि एक व्यक्ति जन्म से अंधा था। वह हजरत यीशु मसीह के आशीर्वाद से वह ठीक हो गया। शिष्यों ने पूछा इस व्यक्ति ने कौन-सा पाप किया था। यीशु जी ने कहा कि इसका कोई पाप नहीं है। यह तो इसलिए हुआ है कि प्रभु की महिमा प्रकट करनी है। भावार्थ यह है कि यदि पाप होता तो हजरत यीशु आँखे ठीक नहीं कर सकते थे।
✝️ ईसा जी परमेश्वर नहीं थे, उनके द्वारा किये गये चमत्कार भी पूर्व निर्धारित थे
हजरत ईसा मसीह के चमत्कारों में लिखा है कि एक प्रेतात्मा से पीड़ित व्यक्ति क�� ठीक कर दिया। यह काल स्वयं ही किसी प्रेत तथा पितर को प्रेरित करके किसी के शरीर में प्रवेश करवा देता है। फिर उसको किसी के माध्यम से अपने भेजे दूत के पास भेजकर प्रेत को भगा देता है। अपने अवतार की महिमा करवाकर कर हजारों को उसका अनुयाई बनवा कर काल जाल में फंसा देता है तथा उस पूर्व भक्ति कमाई युक्त साधक की कमाई को समाप्त करवा कर नरक में डाल देता है।
✝️ ईसा मसीह परमेश्वर नहीं
वह काल के भेजे अवतार थे, उनके द्वारा किये चमत्कार व उनकी मृत्यु पहले से ही निर्धारित थी।
यह सब काल ज्योति निरंजन (ब्रह्म) का सुनियोजित जाल है। जिस कारण उसके द्वारा भेजे अवतारों की महिमा बन जाए तथा
आस पास के सभी प्राणी उस पर आसक्त होकर उसके द्वारा बताई ब्रह्म साधना पर अटल हो जाऐं। जब परमेश्वर का संदेशवाहक आए तो कोई भी विश्वास न करे।
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chaoticfurywhispers · 15 days ago
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#बाइबल_अनुसारपरमात्मा_कैसा_है
Kabir Is God
✝️ईसा मसीह पूर्ण परमात्मा नहीं है।
ईसा मसीह का जन्म एक देवता से हुआ।
प्रमाण : पवित्र बाईबल मती रचित सुसमाचार मती=1ः25 पृष्ठ नं. 1-2 पर।
ईसा मसीह की पूज्य माता जी का नाम मरियम तथा पूज्य पिताजी का नाम यूसुफ था। परन्तु मरियम को गर्भ एक देवता से रहा था। इस पर यूसुफ ने आपत्ति की तथा मरियम को त्यागना चाहा तो स्वपन में (फरिश्ते) देवदूत ने ऐसा न करने को कहा तथा यूसुफ ने डर के मारे मरियम का त्याग न करके उसके साथ पति-पत्नी रूप में रहे। देवता से गर्भवती हुई मरियम ने ईसा को जन्म दिया।
✝️ ईसा जी भगवान नहीं थे, वह तो एक ईश्वर की भक्ति बताते थे
हजरत ईसा जी को भी पूर्ण परमात्मा सत्यलोक से आकर मिले तथा एक परमेश्वर का मार्ग समझाया। इसके बाद ईसा जी एक ईश्वर की भक्ति समझाने लगे। लोगों ने बहुत विरोध किया।बीच-बीच में ब्रह्म(काल) के फरिश्ते हजरत ईसा जी को विचलित करते रहे तथा वास्तविक ज्ञान को दूर रखा।
✝️ ईसा मसीह पूर्ण परमात्मा नहीं है। क्योंकि
हजरत ईसा जी पाप नहीं काट सकते।
हजरत यीशु का जन्म तथा मृत्यु व जो जो भी चमत्कार किए वे पहले ब्रह्म(ज्योति निरंजन) के द्वारा निर्धारित थे। यह प्रमाण पवित्र बाईबल में है कि एक व्यक्ति जन्म से अंधा था। वह हजरत यीशु मसीह के आशीर्वाद से वह ठीक हो गया। शिष्यों ने पूछा इस व्यक्ति ने कौन-सा पाप किया था। यीशु जी ने कहा कि इसका कोई पाप नहीं है। यह तो इसलिए हुआ है कि प्रभु की महिमा प्रकट करनी है। भावार्थ यह है कि यदि पाप होता तो हजरत यीशु आँखे ठीक नहीं कर सकते थे।
✝️ ईसा जी परमेश्वर नहीं थे, उनके द्वारा किये गये चमत्कार भी पूर्व निर्धारित थे
हजरत ईसा मसीह के चमत्कारों में लिखा है कि एक प्रेतात्मा से पीड़ित व्यक्ति को ठीक कर दिया। यह काल स्वयं ही किसी प्रेत तथा पितर को प्रेरित करके किसी के शरीर में प्रवेश करवा देता है। फिर उसको किसी के माध्यम से अपने भेजे दूत के पास भेजकर प्रेत को भगा देता है। अपने अवतार की महिमा करवाकर कर हजारों को उसका अनुयाई बनवा कर काल जाल में फंसा देता है तथा उस पूर्व भक्ति कमाई युक्त साधक की कमाई को समाप्त करवा कर नरक में डाल देता है।
✝️ ईसा मसीह परमेश्वर नहीं
वह काल के भेजे अवतार थे, उनके द्वारा किये चमत्कार व उनकी मृत्यु पहले से ही निर्धारित थी।
यह सब काल ज्योति निरंजन (ब्रह्म) का सुनियोजित जाल है। जिस कारण उसके द्वारा भेजे अवतारों की महिमा बन जाए तथा
आस पास के सभी प्राणी उस पर आसक्त होकर उसके द्वारा बताई ब्रह्म साधना पर अटल हो जाऐं। जब परमेश्वर का संदेशवाहक आए तो कोई भी विश्वास न करे।
✝️ ईसा मसीह की मृत्यु हुई जिससे यह स्पष्ट है कि ईसा मसीह पूर्ण परमात्मा नहीं है।
हजरत ईसा मसीह की मृत्यु 30 वर्ष की आयु में हुई जो पूर्व ही निर्धारित थी। स्वयं ईसा जी ने कहा कि मेरी मृत्यु निकट है।
(मत्ती 26ः24-55 पृष्ठ 42-44)
✝️ परमेश्वर अमर है, लेकिन ईसा मसीह जी की मृत्यु हुई
हजरत ईसा मसीह की मृत्यु पूर्व ही निर्धारित थी। स्वयं ईसा जी ने कहा कि मेरे बारह शिष्यों में से ही एक मुझे विरोधियों को पकड़वाएगा।  एक ईसा मसीह का खास यहूंदा इकसरौती नामक शिष्य था, जिसने तीस रूपये के लालच में अपने गुरु जी को विरोधियों के हवाले कर दिया।
(मत्ती 26ः24-55 पृष्ठ 42-44)
✝️ पुण्यात्मा ईसा मसीह जी को केवल अपना पूर्व का निर्धारित जीवन काल प्राप्त हुआ जो उनके विषय में पहले ही पूर्व धर्म शास्त्रों में लिखा था।
‘‘मत्ती रचित समाचार‘‘ पृष्ठ 1 पर लिखा है कि याकुब का पुत्र युसूफ था। युसूफ ही मरियम का पति था।
मरियम को एक फरिश्ते से गर्भ रहा था। तब हजरत ईसा जी का जन्म हुआ समाज की दृष्टि में ईसा जी के पिता युसूफ थे। (मत्ती 1ः1-18)
✝️ ईसा मसीह की दर्दनाक मौत से साबित होता है कि वह परमात्मा नहीं थे। परमात्मा तो अविनाशी है।
तीस वर्ष की आयु में ईसा मसीह जी को शुक्रवार के दिन सलीब मौत (दीवार) के साथ एक आकार के लकड़ के ऊपर खड़ा करके हाथों व पैरों में मेख (मोटी कील) गाड़ दी।
जिस कारण अति पीड़ा से ईसा जी की मृत्यु हुई।
✝️*यीशु जी की जन्म-मृत्यु पहले ही निर्धारित थी*
हजरत यीशु का जन्म तथा मृत्यु व जो भी चमत्कार किए वे पहले ही ब्रह्म (यहोवा) के द्वारा निर्धारित थे ताकि उसके भेजे अवतार की महिमा बनी रहे और जब पूर्ण परमेश्वर का संदेशवाहक आये तो कोई उसका विश्वास न करें
प्रमाण के लिए देखें- पवित्र बाइबल यूहन्ना 9:1-34 में
✝️ईसा जी में फरिश्ते प्रवेश कर बोलते थे
एक स्थान पर ईसा जी ने कहा कि मैं याकूब से भी पहले था। संसार की दृष्टि से याकूब ईसा जी का दादा था। यदि ईसा जी की आत्मा होती तो यह नहीं कहती कि मैं याकूब (अपने दादा) से भी पहले था। सिद्ध होता है ईसा जी में कोई अन्य फरिश्ता बोल रहा था जो प्रेतवत प्रवेश कर जाता था।
✝️परमेश्वर कबीर जी की भक्ति से ही रक्षा होती है
ईसा जी को उनके शिष्य ने सिर्फ 30 रुपए के लिए उनके विरोधियों को सौंप दिया। विरोधियों ने T आकार की लकड़ी में कील गाड़कर क्रश कर दिया। हज़रत ईसा जी ने मरते समय कहा कि हे मेरे प्रभु! आपने मुझे क्यों त्याग दिया। इससे स्पष्ट है कि काल प्रभु ��ंतिम समय में अकेला छोड़ देता है। (पवित्र बाईबल मत्ती 27 तथा 28/20 पृष्ठ 45 से 48 में)
✝️क्या वह यीशु थे जो कब्र से निकले थे?
नहीं, वह यीशु नहीं थे जो कब्र से निकले थे। वे पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब थे, जो उनके अनुयायियों का विश्वास बनाए रखने के लिए यीशु के रूप में प्रकट हुए थे। अन्यथा उनके अनुयायियों ने भगवान में विश्वास खो दिया होता और नास्तिक बन गए होते।
✝️ईसा जी का जीवन निर्धारित था
ईसा जी की मृत्यु 30 वर्ष की आयु में हुई जो पूर्व निर्धारित थी। ईसा जी ने कहा कि मेरी मृत्यु निकट है तथा तुम शिष्यों में से ही एक मुझे विरोधियों को पकड़वाएगा और वो मुझे मार देंगे। इससे सिद्ध है हज़रत ईसा जी ने कोई चमत्कार नहीं किया ये सब पहले से ही निर्धारित था। हज़रत ईसा जी किसी को सुखी भी नहीं कर सकते थे जिनको सुख हुआ था वो पहले से ही निर्धारित थे।
✝️ईसा जी परमेश्वर के पुत्र थे
ईसा जी ने स्वयं को परमेश्वर का पुत्र कहा, न कि स्वयं को परमेश्वर कहा। इससे सिद्ध हुआ कि परमेश्वर कोई और है। उसने जमीन और आसमान के बीच की कायनात 6 दिन में रची और सातवें दिन तख्त पर जा विराजा (प्रमाण- बाईबल उत्पत्ति ग्रंथ, पृष्ठ 1-3)
✝️क्या यीशु परमेश्वर हैं?
ईसाई त्रिदेवों में, जो पिता, पुत्र व पवित्र आत्मा के बारे में बताते हैं कि यीशु परमेश्वर का पुत्र था।
मार्क 1:11- और आकाश से एक आवाज़ आयी: "तुम मेरे प्यारे पुत्र हो, तुमसे मैं बहुत प्रसन्न हूँ।"
सिद्ध हुआ कि यीशु परमेश्वर का पुत्र था।
✝️यीशु का जन्म-मरण व चमत्कार सब काल (यहोवा) के द्वारा निर्धारित था
पवित्र बाईबल यूहन्ना 9:1-34 में है कि एक अंधे व्यक्ति को यीशु ने स्वस्थ कर दिया। यीशु बोले इसका कोई पाप नहीं था, यह इसलिए हुआ कि प्रभु की महिमा प्रकट करनी थी। यदि पाप होता तो यीशु उसकी आंखें ठीक नहीं कर सकते थे।
✝️ईसा जी की मृत्यु बाद परमेश्वर प्रकट हुए
ईसा जी को क्रश करने के बाद पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब, ईसा जी का रूप धारण करके अनेकों जगह प्रकट होकर शिष्यों को दिखाई देने लगे। यदि परमेश्वर नहीं आते तो ईसा जी के प��र्व चमत्कारों को देखते हुए‌ ईसा जी का अंत देखकर कोई भी व्यक्ति भक्ति साधना ��हीं करता, नास्तिक हो जाते।
(प्रमाण पवित्र बाईबल में यूहन्ना 16: 4-15)
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