Tumgik
#कर्नाटक सरकार
mwsnewshindi · 2 years
Text
उबेर, ओला और रैपिडो के साथ कर्नाटक सरकार की बैठक; उच्च ऑटो-रिक्शा किराए से अधिक
उबेर, ओला और रैपिडो के साथ कर्नाटक सरकार की बैठक; उच्च ऑटो-रिक्शा किराए से अधिक
कर्नाटक सरकार ने शनिवार को उच्च ऑटो-रिक्शा किराए को लेकर कैब एग्रीगेटर्स उबर, ओला और रैपिडो के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। हालांकि, ऑटो-रिक्शा संघ ने हंगामा किया और बैठक को सिर्फ एक “चश्मदीद” करार दिया। बैठक परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव एनवी प्रसाद और परिवहन विभाग के आयुक्त टीएचएम कुमार की अध्यक्षता में हुई. हालांकि बैठक का ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया गया, लेकिन सूत्रों ने कहा कि ऑटो रिक्शा के लिए…
View On WordPress
0 notes
news-trust-india · 2 years
Text
Karnataka Hijab Case: हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी
Karnataka Hijab Case: हिजाब मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी
नई दिल्ली। Karnataka Hijab Case:  सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को कर्नाटक के स्कूलों में हिजाब पर रोक मामले में सुनवाई पूरी हो गई। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की बेंच ने 10 दिन तक मामले की सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने हिजाब समर्थक याचिकाकर्ताओं के अलावा कर्नाटक सरकार और कॉलेज शिक्षकों की भी दलीलें सुनीं। उल्लेखनीय है कि मुस्लिम छात्राओं ने कर्नाटक…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
bharatlivenewsmedia · 2 years
Text
“एकीकडे सीमावाद पेटलाय, अन् मुंबईतील बेस्ट बसवर कर्नाटक सरकारच्या जाहिराती”, रोहित पवारांचं ट्विट
“एकीकडे सीमावाद पेटलाय, अन् मुंबईतील बेस्ट बसवर कर्नाटक सरकारच्या जाहिराती”, रोहित पवारांचं ट्विट
“एकीकडे सीमावाद पेटलाय, अन् मुंबईतील बेस्ट बसवर कर्नाटक सरकारच्या जाहिराती”, रोहित पवारांचं ट्विट रोहित पवार यांच्याकडून बेस्ट बसवरील कर्नाटक सरकारच्या जाहीरातीचे फोटो शेअर Go to Source
View On WordPress
0 notes
trendingwatch · 2 years
Text
केवल हिंदी और अंग्रेजी में 20,000 नौकरियों के लिए भर्ती परीक्षा, प्रो-कन्नड़ समूह चाहते हैं कि एसएससी सीजीएल बहुभाषी हो
केवल हिंदी और अंग्रेजी में 20,000 नौकरियों के लिए भर्ती परीक्षा, प्रो-कन्नड़ समूह चाहते हैं कि एसएससी सीजीएल बहुभाषी हो
कर्नाटक सरकार द्वारा व्यापक कन्नड़ विकास विधेयक पेश किए जाने के कुछ ही दिनों बाद, कर्नाटक में एक बार फिर भाषा युद्ध छिड़ गया है। कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) द्वारा आयोजित की जा रही संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा सवालों के घेरे में आ गई है। कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) परीक्षाओं में भाषा विकल्पों की कमी पर नागरिक और कन्नड़ समूह सवाल उठा रहे हैं। परीक्षा 20,000 पदों को भरने के लिए आयोजित की जा रही है…
View On WordPress
0 notes
mewaruniversity · 3 days
Text
Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media
भरतनाट्यम की प्रस्तुति देख अभिभूत हुए विद्यार्थी ✡️|| मेवाड़ विश्वविद्यालय में स्पिक मैके प्रोग्राम के तहत नृत्यांगना विदुषी शिवारंजनी हरीश ने भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी।🪷
स्पिक मैके के तत्वाधान में आयोजित भरतनाट्यम की कार्यशाला के तहत बुधवार को मेवाड़ विश्वविद्यालय में प्रसिद्ध कलाकार शिवारंजनी हरीश ने भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में प्रसिद्ध नृत्यांगना ने अपने चेहरे के हाव-भाव, उत्कृष्ट हस्त मुद्राएं, लयबद्ध पदचाप की सुंदर गतियों सेे भरतनाट्यम नृत्य शैली को बखूबी प्रस्तुत कर, वहां मौजूद सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर खूब तालियां बटोरी। कार्यक्रम की शुरुआत में कुलपति प्रो. (डॉ.) आलोक मिश्रा ने नृत्यांगना शिवारंजनी हरीश को दुशाला और चित्रकला विभाग द्वारा बनी फड पेंटिंग भेटकर स्वागत किया। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय नृत्य भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं की सर्वश्रेष्ठ अभिव्यक्ति है। इसलिए युवाओं को अपनी संस्कृति विरासत को संजोने का कार्य करना चाहिए। इसके बाद नृत्यांगना शिवारंजनी हरीश ने कार्यक्रम की शुरुआत पुष्पांजलि और भूमि प्रणाम से की। इसके बाद उन्होंने नृत्य के माध्यम से विद्यार्थियों को भरतनाट्यम की उत्पत्ति, आठ शास्त्रीय नृत्य क्यों अलग है और इनकी क्या महत्ता है को बताया। नृत्य में किस प्रकार खड़ा हुआ जाता है, अरमांडी और अर्धमंडल क्या होती है, आदि अन्य मुद्राओं के बारें मे भी बखूबी बताया। तुलसीदास कृत श्लोकी रामायण में राम जन्म व कैकेयी-मंथरा संवाद, राम वनवास, सीता हरण, मारीच वध, सुग्रीव वध, हनुमान मिलन, जटायु संवाद, हनुमान-सीता संवाद, राम-रावण युद्ध और राम का राज्याभिषेक प्रसंगों पर अभिनय किया, जिसे देखकर दर्शक अभिभूत हो गए। कार्यक्रम में स्पिक मैके के पूर्व चेयरपर्सन जे. पी. भटनागर ने स्पिक मैके का इतिहास व कला के बारे में बताया। कला और संस्कृति विभाग की महानिदेशिका प्रो. (डॉ.) चित्रलेखा सिंह ने अपने स्वागत उद्बोधन में बताया कि भरतनाटयम भारत में सबसे प्रसिद्ध और प्राचीन नृत्य शैलियों में से एक है। इससे शरीर में लचीलापन और संतुलन दोनों बना रहता है। मुख्य अतिथि कुलपति की पत्नी सुजाता मिश्रा ने कार्यक्रम की काफी प्रशंसा की। यह कार्यक्रम विशेष तौर पर विश्वविद्यालय के छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थियों और आवासीय शिक्षक और उनके परिवार के लिए आयोजित किया गया था। कार्यक्रम का संचालन अनुराधा कुमारी ने किया। जानकारी के मुताबिक शिवारंजनी हरीश कर्नाटक सरकार द्वारा युवा प्रतिभा व आर्यभट्ट अवार्ड और नृत श्री टाइटल भी प्राप्त कर चुकी है।
#spicmacay #Bharatnatyam #MewarUniversity #Society #FineArts #Promotion #FolkDance #Niritya #IndianClassicalMusic #Aryabhatt #Culture #Youth #bharatanatyam #indianclassicaldance #dance #classicaldance #dancer #kathak #indianclassicaldancers #classical #odissi #indian #art #kuchipudi #artist #indianclassical #music #bharatanatyamdance #narthanam #mohiniyattam #kathakdance #love #photography
0 notes
Text
'मुख्यमंत्री बदलने का सवाल ही नहीं उठता', CM पद को लेकर मचे सियासी घमासान पर गृह मंत्री परमेश्वर
कर्नाटक सरकार और कांग्रेस पार्टी में घमासान मचा हुआ है। वहां मुख्यमंत्री बदलने की मांग तेज हो गई है। राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर सियासी पारा चरम पर है। अब राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने साफ कह दिया है कि नेतृत्व परिवर्तन होने की स्थिति में कुछ कांग्रेस नेता सीएम पद के लिए विचार कर रहे हैं क्योंंकि वे शीर्ष पद पर रहने में सक्षम हैं। हालांकि, इस समय मुख्यमंत्री बदलने का सवाल ही नहीं…
0 notes
rightnewshindi · 15 days
Text
COVID Fund Scam: कर्नाटक कोविड फंड में बड़ा घोटाला, 13000 करोड़ में से 1000 करोड़ गायब; कई फाइलें भी लापता
Karnataka Covid Fund scam: कर्नाटक में कोविड-19 के दौरान इस्तेमाल किए गए फंड में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का मामला सामने आया है। सरकार द्वारा खर्च किए गए 13,000 करोड़ रुपये में से करीब 1,000 करोड़ रुपये का घोटाला होने की आशंका है। जस्टिस जॉन माइकल डी’कुन्हा की रिपोर्ट में कई अनियमितताओं का जिक्र है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कैबिनेट बैठक में इस मामले पर चर्चा की। रिपोर्ट के मुताबिक, कई महत्वपूर्ण…
0 notes
newshawkers · 16 days
Text
youtube
कर्नाटक सरकार का यू टर्न|
0 notes
pniindia · 17 days
Text
Dengue Cases in Karnataka: कर्नाटक में डेंगू से 'महामारी', सिद्धारमैया सरकार एक्शन मोड पर; नियमों के उलंघन पर होगा जुर्माना
Dengue Cases in Karnataka: लगातार डेंगू के मामलों को लेकर कर्नाटक में वृद्धि होती नजर आ रही है. ऐसे में सिद्धारमैया सरकार भी तेजी से बढ़ते मामलों को लेकर एक्शन मोड में आ चुकी है, जिसमे सरकार ने डेंगू को एक 'महामारी रोग' घोषित कर दिया है.
Tumblr media
0 notes
realtimesmedia · 18 days
Text
BOCI के प्रवास 4.0 में रॉयल ट्रेवल्स रायपुर को मिला दो प्रतिष्ठित पुरस्कार
छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का क्षण रायपुर. कर्नाटक के बेंगलुरु में बस ऑपरेटर कॉनफेडरेशन ऑफ इंडिया (BOCI) द्वारा आयोजित प्रवास 4.0 के भव्य कार्यक्रम में तमिलनाडु सरकार के परिवहन मंत्री, टी एस एस शिवाशंकर, मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में देश के वेस्ट जोन के बस ऑपरेटरों के बीच रॉयल ट्रेवल्स रायपुर को सबसे लोकप्रिय बस ऑपरेटर के रूप में सम्मानित किया गया। इसके साथ ही, स्टेज कैरिज ऑपरेटर…
0 notes
sharpbharat · 25 days
Text
tata group recruitment : टाटा समूह की यह कंपनी ने 4 हजार महिलाओं के लिए निकाली बहाली, ये लोग ले सकते है हिस्सा
जमशेदपुर : टाटा समूह की कंपनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से महिलाओं के लिए बहाली निकाली गयी है. उत्तराखंड की चार हजार महिलाओंको यह कंपनी कर्नाटक स्थित अपने प्लांट में बहाली करेगी. उत्तराखंड राज्य सूचना पदाधिकारी की ओर से इसको लेकर अधिकारिक जानकारी साझा की गयी है और बताया गया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयास से उत्तराखंड सरकार के प्रयास से युवाओं को रोजगार मिल रहा है. इसके…
0 notes
mahatvapoorna · 1 month
Text
कर्नाटक सरकार का बड़ा फैसला, विभागों को दिया SBI-PNB से नाता तोड़ने का आदेश
कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने आज देश के दो प्रमुख बैकों को लेकर बड़ा फैसला किया है। सरकार ने अपने सभी विभागों को आदेश दिया है कि वे PNB यानी पंजाब नेशनल बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी SBI के खातों से अपना लेन-देन खत्म कर दें। राज्य सरकार के इस आदेश के बाद अब सभी विभागों को इन दोनों ही बैंकों में जमा अपना पैसा निकालना होगा, और खाते को पूरी तरह से बंद करना होगा। दरअसल, कर्नाटक सरकार द्वारा…
0 notes
livenews24x7hindi · 2 months
Text
कर्नाटक में सब-इंस्पेक्टर की रहस्यमयी मौत, पत्नी का आरोप- ट्रांसफर रुकवाने के लिए 30 लाख रुपये मांग रहा था कांग्रेस नेता
सब-इंस्पेक्टर की पत्नी की शिकायत पर विधायक और उनके बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। कर्नाटक सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। कर्नाटक में एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर की मौत ने विवाद खड़ा कर दिया है। मृतक पुलिसकर्मी की पत्नी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस विधायक और उनके बेटे ने ट्रांसफर रुकवाने के लिए रिश्वत मांगकर उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया। सब-इंस्पेक्टर की पत्नी की शिकायत पर…
0 notes
bharatlivenewsmedia · 2 years
Text
“राम मंदिराचा प्रश्न न्यायालयात सुटतो, मग कर्नाटक सीमाप्रश्नासाठी तारीख पे तारीख का?”, संजय राऊतांचा सवाल
“राम मंदिराचा प्रश्न न्यायालयात सुटतो, मग कर्नाटक सीमाप्रश्नासाठी तारीख पे तारीख का?”, संजय राऊतांचा सवाल
“राम मंदिराचा प्रश्न न्यायालयात सुटतो, मग कर्नाटक सीमाप्रश्नासाठी तारीख पे तारीख का?”, संजय राऊतांचा सवाल मुंबई : सध्या महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमवाद (Maharashtra Karanataka Seemavad) दिवसेंदिवस चिघळत चालला आहे. त्यावर खासदार संजय राऊत यांनी भाष्य केलंय. न्यायालय राम मंदिराचा प्रश्न सलग सुनावणी लावून सोडवू शकतं. पण 20 ते 25 लाख नागरिकांचा प्रश्न असलेल्या महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमाप्रश्नाबाबत मात्र…
View On WordPress
0 notes
dainiksamachar · 2 months
Text
एससी कोटा में कोटा : पंजाब सरकार ने की थी शुरुआत, पढ़िए दशकों चली कानूनी लड़ाई का A टु Z
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए अनुसूचित जाति (SC) में कोटे के अंदर कोटे को मंजूरी दे दी। संविधान पीठ ने 7-1 के बहुमत से फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने इस तरह ईवी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश राज्य मामले में 2004 के अपने ही फैसले को पलट दिया। तब उसने अनुसूचित जातियों के भीतर कुछ उप-जातियों को विशेष लाभ देने से इनकार कर दिया था। लेकिन अब गुरुवार को सुनाए फैसले के बाद एससी कोटे के भीतर सब कैटिगरी बनाई जा सकती है। कोटे में कोटा की ये कानूनी लड़ाई कब शुरू हुई? कब-कब अहम पड़ाव आए? आइए समझते हैं। 1975 में पंजाब सरकार के लिए गए एक फैसले से पड़ा बीज कोटे के भीतर कोटे के मुद्दे की बुनियाद आज से 49 साल पहले पंजाब सरकार के एक फैसले से पड़ी। राज्य सरकार ने 25 प्रतिशत एससी कोटा को दो श्रेणियों में बांट दिया था। पहला- बाल्मिकी और मजहबी सिखों के लिए और दूसरा- अन्य अनुसूचित जातियों के लिए। ये बंटवारा ईवी चिन्नैया मामले में 2004 में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक जारी रहा। तब पांच जजों की बेंच ने आ��ध्र प्रदेश शेड्यूल्ड कास्ट (रैशनलाइजेशन ऑफ रिजर्वेशंस) ऐक्ट, 2000 को रद्द कर दिया था। 60 के दशक से ही उठने लगी थी मांग सुप्रीम कोर्ट में अनुसूचित जातियों के को लेकर बहस छिड़ी हुई है। इस बहस का केंद्र है, अनुसूचित जाति में भी उस समूह को आरक्षण का लाभ कैसे मिले जो बहुत ही ज्यादा पीछे रह गए हैं। दरअसल, 1960 के दशक से ही पिछड़े अनुसूचित जनजाति समूहों की शिकायत रही है कि आगे बढ़ चुके SC वर्ग आरक्षण का सारा लाभ हथिया लेते हैं।इस मुद्दे पर सबसे पहले आंध्र प्रदेश सरकार ने साल 2000 में एक कानून बनाया था। इस कानून के तहत, SC वर्ग को चार समूहों में बांटा गया था। साथ ही, आरक्षण में इन चारों समूहों की हिस्सेदारी भी तय की गई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने ईवी चिन्नैया मामले में इस कानून को रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि अनुसूचित जाति एक समरूप समूह है और इसे उप-श्रेणियों में नहीं बांटा जा सकता। अलग-अलग राज्यों ने अलग-अलग समय पर बनाए आयोग इसके बावजूद, कई राज्यों ने अपने यहां पिछड़े अनुसूचित जाति समूहों को आरक्षण का लाभ पहुंचाने के लिए समय-समय पर आयोगों का गठन किया और कानून भी बनाए।आरक्षण के भीतर आरक्षण की मांग कोई नई नहीं है। अलग-अलग राज्यों में गठित आयोगों की रिपोर्ट बताती हैं कि आरक्षण का लाभ SC वर्ग के सभी समुदायों तक समान रूप से नहीं पहुंच पाया है।आंध्र प्रदेश ने 1997 में जस्टिस पी. रामचंद्र राजू आयोग का गठन किया गया था। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि आरक्षण का लाभ मुख्य रूप से SC वर्ग के एक खास समुदाय को मिला है। आयोग ने SC वर्ग को चार श्रेणियों में विभाजित करने की सिफारिश की थी।इसी तरह, उत्तर प्रदेश में 2001 में हुकुम सिंह समिति का गठन किया गया था। इस सम��ति ने पाया कि आरक्षण का लाभ सबसे पिछड़े वर्गों तक नहीं पहुंच पाया है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि नौकरियों में सबसे ज्यादा फायदा यादवों को हुआ है। समिति ने SC/OBC सूची का उप-वर्गीकरण करने की सिफारिश की थी।महाराष्ट्र में 2003 में लाहुजी साल्वे आयोग का गठन किया गया था। इस आयोग को SC सूची में शामिल मांग जाति की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का अध्ययन करने का काम सौंपा गया था। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जाति पदानुक्रम में सबसे निचले पायदान पर माने जाने वाले मांग समुदाय को आरक्षण का पर्याप्त लाभ नहीं मिला है।इसी तरह, कर्नाटक में 2005 में न्यायमूर्ति ए.जे. सदाशिव पैनल का गठन किया गया था। इस पैनल को उन SC जातियों की पहचान करने का काम सौंपा गया था जिन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिला था। पैनल ने अपनी रिपोर्ट में 101 जातियों को चार श्रेणियों में बांटने और प्रत्येक श्रेणी को SC आरक्षण का 15 प्रतिशत हिस्सा देने की सिफारिश की थी।बिहार में 2007 में महादलित पैनल ने SC सूची में शामिल 18 जातियों को अत्यंत कमजोर जातियों के रूप में शामिल करने की सिफारिश की थी।इसी वर्ष, राजस्थान में न्यायमूर्ति जसराज चोपड़ा समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि गुर्जर समुदाय अत्यंत पिछड़ा हुआ है और इसे OBC को मिलने वाली सुविधाओं से बेहतर सुविधाएं दी जानी चाहिए।तमिलनाडु में 2007 में न्यायमूर्ति एम.एस. जनार्दनम पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अरुंधतियार समुदाय को आरक्षण में अलग से प्रावधान किए जाने चाहिए।कर्नाटक में 2017 में के. रत्ना प्रभा समिति की सिफारिशों के आधार पर 2018 में एक कानून बनाया गया था। इस कानून के तहत, आरक्षण के आधार पर तरक्की पाने वाले सरकारी कर्मचारियों को वरीयता देने का प्रावधान किया गया था। कई अहम पड़ावों से होकर अंजाम तक पहुंची कानूनी लड़ाई * 1994: 27 जुलाई को आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले में मडिगा रिजर्वेशन पोराता समिति ने एससी के भीतर सब-कैटिगराइजेशन की… http://dlvr.it/TBP3pq
0 notes
asr24news · 2 months
Text
Toyota Kirloskar Motor महाराष्ट्र में करेगी 3300 करोड़ रुपये का निवेश
मुंबई, 1 अगस्त 2024। टोयोटा किर्लोस्कर (Toyota Kirloskar Motor ) मोटर ने छत्रपति संभाजी नगर में ग्रीन फील्ड निर्माण सुविधा की स्थापना की संभावना का पता लगाने के लिए महाराष्ट्र सरकार के साथ एमओयू किया है। कर्नाटक मुख्यालय वाली टीकेएम के पास पहले से ही विश्व स्तरीय विनिर्माण व्यवस्था है। इसमें बिदादी स्थित दो अत्याधुनिक इकाइयां हैं, जो वैश्विक आॅटोमोबाइल परिदृश्य में भारत की स्थिति को योगदान देने…
0 notes