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"लोकसभेच्या सेमीफायनल मध्ये भाजपची मुसंडी तर काँग्रेस एका राज्यात".....
देशातील राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगड आणि तेलंगणा या चार राज्यांमधील विधानसभा निवडणुकांचा निकाल जाहीर झाला आहे. तर मिझोरममध्ये सोमवार (दि.०४) रोजी मतमोजणी होणार आहे.
Desember ६ ,२०२३
प्रतीक लांबट
मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगणा आणि छत्तीसगडमधील निवडणूक निकाल जाहीर झाले आहेत . मध्य प्रदेश, राजस्थान आणि छत्तीसगडमध्ये भाजपला प्रचंड बहुमत मिळाले आहे. तेलंगणात केसीआरचे सिंहासन डळमळीत झाले आहे. तिकडे काँग्रेसने गड जिंकला आहे. चार राज्यांच्या २०२३ च्या विधानसभा निवडणुकांचे निकाल अनेक अर्थाने धक्कादायक होते. भारतीय निवडणूक आयोगाने (ECI) सोमवारी (04 डिसेंबर) मिझोराममध्ये मतमोजणी करण्याचा निर्णय घेतला आहे. बहुतांश एक्झिट पोलमध्ये मध्य प्रदेशात भाजपची आघाडी असल्याचे दिसून आले आहे . राजस्थानमध्ये दोन्ही पक्षांमध्ये निकराची लढत असल्याची चर्चा होती . मात्र, दोन्ही राज्यात भाजपने मोठ्या फरकाने विजय मिळवला. छत्तीसगडमध्येही तीच स्थिती होती. अंदाजानुसार तेलंगणात काँग्रेसने बाजी मारली आहे. या निवडणुकांना 2024 च्या सार्वत्रिक निवडणुकीची सेमीफायनल म्हटले जात आहे.
देशातील राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगड आणि तेलंगणा या चार राज्यांमधील विधानसभा निवडणुकांचा निकाल जाहीर झाला आहे. तर मिझोरममध्ये सोमवार (दि.०४) रोजी मतमोजणी होणार आहे. आज चार राज्यांमध्ये जाहीर झालेल्या निवडणूक निकालात सायंकाळपर्यंत हाती आलेल्या कलानुसार काँग्रेसने (Congress) दोन राज्यातील सत्ता गमावली आहे. तर भाजप (BJP)तीन राज्यांमध्ये सरकार स्थापन करत आहे. यात मध्यप्रदेश राजस्थान आणि छत्तीसगडमध्ये या राज्यांचा समावेश आहे. तर तेलंगणात कॉंग्रेस बीआरएसची १० वर्षांची सत्ता उलथवून लावत पूर्ण बहुमतात सत्ता स्थापन करतांना दिसत आहे...
निवडणूक आयोगाने दिलेल्या आकडेवारीनुसार, संध्याकाळी सात वाजेपर्यंत मध्यप्रदेशातील (Madhya Pradesh) २३० जागांपैकी ९४ जागांवर भाजपचे तर २७ जागांवर कॉंग्रेसचे उमेदवार विजयी झाले आहेत. तर एका जागेवर भारत आदिवासी पक्षाचा उमेदवार विजयी झाला असून अजूनही १०८ जागांचा निकाल येणे बाकी आहे. तसेच राजस्थानमधील (Rajasthan) १९९ जागांपैकी १७७ जागांचे निकाल जाहीर झाले असून यात भाजपचे १०७, कॉंग्रेसचे ६०, भारत आदिवासी पक्ष ०३, बहुजन समाज पक्ष ०२ आणि अपक्ष ०५ जागांवर विजयी झाले आहेत. तर २२ जागांचे निकाल अद्याप येणे बाकी
आहे.
��सेच छत्तीसगडमध्ये (Chhattisgarh) भाजप आणि कॉंग्रेस यांच्यात अटीतटीची लढत सुरु असून येथील ९० पैकी ४० जागांचे निकाल जाहीर झाले आहेत. त्यातील २४ जागांवर भाजपचे आणि १६ जागांवर कॉंग्रेसचे उमेदवार विजयी झाले आहेत. तर ५० जागांचा निकाल अद्याप हाती आलेला नाही. यासोबतच तेलंगणातील (Telangana) ११९ जागांपैकी ८७ जागांचे निकाल हाती आले असून याठिकाणी कॉंग्रेसचे ४९ बीआरएस २८, भाजप ०७, एमआयएम ०२ आणि सीपीआयचा उमेदवार एका जागेवर विजयी झाला आहे.
सध्या भाजप-कॉंग्रेसची या राज्यांत सत्ता
केंद्रात सत्तेत असलेला भाजप सध्या उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, गुजरात, गोवा, आसाम, त्रिपुरा, मणिपूर, अरुणाचलप्रदेश या राज्यांमध्ये सत्तेत आहे. तर महाराष्ट्र, मेघालय, नागालँड आणि सिक्कीम या चार राज्यांत सत्ताधारी आघाडीचा भाग आहे. त्यानंतर आता मध्यप्रदेश, राजस्थान आणि छत्तीसगडमध्ये सत्तेत येणार आहे. तसेच कॉंग्रेसची कर्नाटक आणि हिमाचलप्रदेशमध्ये स्वबळावर सत्ता आहे. यांनतर आता तेलंगणात सत्तेत येणार आहे. तर बिहार आणि झारखंडमध्ये सत्ताधारी आघाडीचा भाग असून तामिळनाडूमध्ये द्रविड मुन्नेत्र कळघम सोबत काँग्रेसची युती आहे. मात्र, याठिकाणी काँग्रेस सत्तेत सहभागी नाही.
निवडणूक विभागाची आकडेवारी..
राजस्थानचा अंतिम निकाल
भाजप- 115
काँग्रेस- 69
भा.आदिवासी पा.-3
बीएसपी- 2
राष्ट्रीय लोक दल- 1
रा. लोकतांत्रिक पा.-1
अपक्ष – 8
एकूण- 199
छत्तीसगडचा अंतिम निकाल
भाजप- 54
काँग्रेस- 35
जीजीपी- 1
एकूण- 90
मध्य प्रदेशचा अंतिम निकाल
भाजप- 163
काँग्रेस- 66
भा. आदिवासी पार्टी- 01
एकूण- 230
तेलंगणाचा अंतिम निकाल
काँग्रेस- 64
बीआरएस- 39
भाजप- 08
एमआयएम- 07
सीपीआय-01
एकूण- 119
एकूणच देशात मोदी मॅजिक पुन्हा येणारं आणि काँग्रेस मुक्त भारत लवकरात होईल. अशी अनेकांची भुमिका दिसतें.
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Morning News Brief : अमेरिका में सीजेरियन डिलीवरी की होड़, 20 फरवरी के बाद जन्मे बच्चों को नागरिकता नहीं; पत्नी के टुकड़े करके कुकर में उबाला
नमस्कार, कल की बड़ी खबर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के जन्मजात नागरिकता खत्म करने के आदेश से जुड़ी रही, अमेरिका में अवैध रूप से या वीजा पर रह रही प्रेग्नेंट महिलाएं समय से पहले डिलीवरी कराना चाहती हैं, ताकि उनके बच्चे को वहां की नागरिकता मिल जाए। हालांकि एक अदालत ने ट्रम्प के आदेश पर अस्थायी रोक लगा दी है। लेकिन कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... - दिल्ली सरकार के कामकाज से जुड़ी CAG रिपोर्ट्स पब्लिक करने की मांग वाली अर्जी पर हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। - राहुल गांधी पर मुस्लिम विरोधी टिप्पणी करने का आरोप है, यूपी की सुल्तानपुर MP-MLA कोर्ट में केस चलाने पर फैसला होगा। - देवी अहिल्या बाई होलकर की 300वी जयंती वर्ष पर मध्य प्रदेश सरकार की खरगोन में कैबिनेट मीटिंग होगी। इसमें 17 धार्मिक शहरों में शराबबंदी का ऐलान हो सकता है। अब कल की बड़ी खबरें... अमेरिका में 20 फरवरी से पहले सीजेरियन डिलीवरी की होड़, कोर्ट ने ट्रम्प के आदेश पर लगाई रोक
- ट्रम्प के आदेश के चलते महिलाएं समय से पहले डिलीवरी करा रहीं - अमेरिकी कोर्ट ने जन्मजात नागरिकता खत्म करने के फैसले पर 14 दिन की रोक लगाई - 18 हजार भारतीयों की अमेरिका से वापसी तय, H-1B वीजा बंद नहीं होगा क्या है मामला? अमेरिका में 20 फरवरी से पहले बच्चों को जन्म देने की होड़ मच गई है। कई गर्भवती महिलाएं, खासकर भारतीय, समय से पहले सीजेरियन डिलीवरी कराने की कोशिश कर रही हैं। इसकी वजह डोनाल्ड ट्रम्प का आदेश है, जिसमें उन्होंने जन्मजात नागरिकता (Birthright Citizenship) खत्म करने का फैसला किया था। कोर्ट का हस्तक्षेप गुरुवार देर रात, सिएटल फेडरल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने ट्रम्प के इस आदेश पर 14 दिनों की अस्थायी रोक लगा दी। कोर्ट ने इसे असंवैधानिक बताया और 4 राज्यों (वॉशिंगटन, एरिजोना, इलिनोइस और ओरेगन) की अपील पर यह फैसला सुनाया। मामले की अगली सुनवाई 5 फरवरी को होगी। ट्रम्प के फैसले का असर - रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में अवैध रूप से रह रहीं महिलाओं ने 2.55 लाख बच्चों को जन्म दिया था। - ट्रम्प के आदेश से हर साल 1.5 लाख नवजातों की नागरिकता पर संकट आ सकता है। - अमेरिकी संविधान का 14वां संशोधन जन्मजात नागरिकता की गारंटी देता है, लेकिन ट्रम्प इसे खत्म करना चाहते हैं। भारत पर क्या असर पड़ेगा? अमेरिका ने अ���ैध रूप से रह रहे 18 हजार भारतीयों को देश वापस भेजने का फैसला किया है। अमेरिकी दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत इसके लिए तैयार है और उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से इस मुद्दे पर चर्चा की है। भारत चाहता है कि इसका H-1B और स्टूडेंट वीजा पर कोई असर न पड़े। H-1B वीजा जारी रहेगा डोनाल्ड ट्रम्प ने यह स्पष्ट किया कि H-1B वीजा बंद नहीं किया जाएगा। - अमेरिका को टैलेंट की जरूरत है, इसलिए यह वीजा जारी रहेगा। - यह वीजा आईटी, हेल्थ, आर्किटेक्चर जैसी विशेष क्षेत्रों के पेशेवरों को दिया जाता है। - 2024 में जारी 2.80 लाख H-1B वीजा में से 2 लाख भारतीयों को मिले थे। पुष्पक एक्सप्रेस में आग की अफवाह बनी 13 मौतों की वजह https://youtu.be/tyfIwjMYgwg?si=ZY97KxXap_ELN6xl - चायवाले ने फैलाई आग लगने की झूठी खबर - घबराकर यात्री ट्रेन से कूदे, कई लोग ट्रैक पर उतर गए - तेज रफ्तार कर्नाटक एक्सप्रेस ने 23 यात्रियों को कुचल दिया कैसे हुआ हादसा? महाराष्ट्र के जलगांव में 22 जनवरी को एक भीषण रेल हादसा हुआ, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई। लखनऊ से मुंबई जा रही पुष्पक एक्सप्रेस में सफर कर रहे यात्रियों ने बताया कि एक चायवाले ने आग लगने की अफवाह फैलाई थी। इस खबर से घबराए लोग ट्रेन से कूदने लगे। - दो यात्री चलती ट्रेन से कूद गए। - किसी ने चेन पुलिंग कर ट्रेन रोक दी, जिससे कई लोग नीचे उतर आए। - तभी दूसरे ट्रैक पर तेज रफ्तार से आ रही कर्नाटक एक्सप्रेस ने 23 लोगों को कुचल दिया। मृतकों की पहचान - हादसे में मारे गए 13 लोगों में से 10 की पहचान हो चुकी है। - 3 शवों की शिनाख्त बाकी है। - मृतकों में 4 लोग नेपाल के नागरिक थे। रेस्क्यू ऑपरेशन हादसे के बाद कई शव टुकड़ों में बंट गए थे। रेस्क्यू टीम और स्थानीय लोगों ने चादरों में शवों के टुकड़ों को इकट्ठा किया। यह हादसा सिर्फ एक अफवाह के कारण हुआ, जिसने कई लोगों की जान ले ली। एंड्रॉयड और iPhone पर अलग किराया: सरकार ने ओला-उबर को भेजा नोटिस
- CCPA ने कंपनियों से मांगा स्पष्टीकरण - शिकायत: एक ही राइड के लिए iPhone और एंड्रॉयड पर अलग किराया - उबर ने आरोपों से किया इनकार, बताया किराया तय करने के पैमाने क्या है मामला? सरकार ने कैब सर्विस कंपनियों ओला और उबर को नोटिस भेजा है। आरोप है कि ये कंपनियां iPhone और एंड्रॉयड यूजर्स से अलग-अलग किराया वसूल रही हैं। सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने कंपनियों से इसका कारण स्पष्ट करने को कहा है। मामला कैसे उठा? दिसंबर में एक X (ट्विटर) यूजर ने दो अलग-अलग फोन की स्क्रीनशॉट शेयर किए, जिनमें उबर ऐप पर एक ही जगह के लिए अलग-अलग किराया दिखाया गया था। - पोस्ट वायरल होने के बाद सरकार ने लिया संज्ञान। - उबर ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि किराया तय करने के लिए कई फैक्टर्स देखे जाते हैं, जैसे: - पिक-अप पॉइंट - एस्टिमेटेड अराइवल टाइम (ETA) - ड्रॉप-ऑफ लोकेशन सरकार अब कंपनियों के जवाब का इंतजार कर रही है। यदि आरोप सही साबित होते हैं, तो इन कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है। पत्नी की हत्या कर शव के टुकड़े उबाले, फिर झील में फेंके; रिटायर्ड जवान गिरफ्तार
- तेलंगाना में सेना के रिटायर्ड जवान गुरुमूर्ति ने की पत्नी माधवी की हत्या - सबूत मिटाने के लिए शव के टुकड़े कर प्रेशर ��ुकर में उबाला और झील में फेंका - पुलिस को अभी तक शव के टुकड़े नहीं मिले, आरोपी ने गुनाह कबूला कैसे हुआ खौफनाक कत्ल? तेलंगाना में एक रिटायर्ड फौजी गुरुमूर्ति ने अपनी पत्नी माधवी की निर्मम हत्या कर दी। हत्या के बाद उसने शव को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा, उन्हें प्रेशर कुकर में उबाला और फिर पास की झील में फेंक दिया। - कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, हड्डियों से मांस अलग करने के लिए उसने मूसल से उन्हें कुचला। - हत्या के वक्त उसके बच्चे उसकी बहन के घर गए हुए थे। - उसने गुमशुदगी का नाटक किया और माधवी के मा���ा-पिता को इसकी सूचना दी। हत्या के बाद क्या हुआ? - गुरुमूर्ति ने शव के टुकड़ों को तीन दिन तक पकाया, फिर उन्हें थैले में भरकर झील में फेंक दिया। - पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन अभी तक शव के टुकड़े बरामद नहीं हुए हैं। - आरोपी ने जुर्म कबूल कर लिया है, लेकिन बिना सबूत पुलिस उसे दोषी साबित करने में मुश्किल झेल रही है। यह घटना निर्ममता की सारी हदें पार कर चुकी है, और पुलिस अब सबूत जुटाने में लगी हुई है। PM मोदी ने नेताजी जयंती पर बच्चों से की बातचीत, मज़ाकिया लहजे में पूछा- टिफिन लाए हो?
- PM मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती पर दी श्रद्धांजलि - संसद के सेंट्रल हॉल में स्कूली बच्चों से की मुलाकात - मजाकिया अंदाज में पूछा- टिफिन लाए हो? फिर बोले- बताओ, मैं खाऊंगा नहीं कैसा रहा कार्यक्रम? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान वे संसद के सेंट्रल हॉल में स्कूली बच्चों से भी मिले और हल्के-फुल्के अंदाज में बातचीत की। - मोदी ने बच्चों से पूछा, "क्या तुम टिफिन लेकर आए हो?" - जब बच्चों ने ना में जवाब दिया, तो उन्होंने हंसते हुए कहा, "बताओ, मैं खाऊंगा नहीं!" - उनकी इस बातचीत पर बच्चे और मौजूद लोग मुस्कुरा उठे। नेताजी को याद करने पहुंचे दिग्गज नेता इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में कई प्रमुख नेता मौजूद रहे, जिनमें शामिल थे: - लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला - कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे - रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह PM मोदी का यह हल्का-फुल्का अंदाज एक बार फिर चर्चा में आ गया और बच्चों के साथ उनकी यह बातचीत लोगों को काफी पसंद आई। Read the full article
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Bihar Election 2025: Tejashwi Follows Nitish's Path, Political Shift
Introduction
Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभा का कार्यकाल नवंबर महीने में खत्म होने वाला है. इससे पहले ही सियासी हलचल तेज हो गई है. RJD यानी राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने 5 जनवरी को एक बार फिर से एलान किया है कि चुनाव के बाद अगर सत्ता में उनकी सरकार आती है, तो उनकी पार्टी बिहार में ‘माई बहन मान योजना’ लाएगी. इसके तहत महिलाओं के खाते में सीधे 2.5 हजार रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे. तेजस्वी यादव ने कहा था कि चुनाव के बाद महागठबंधन की सरकार बनने के एक महीने के भीतर इस योजना की शुरुआत हो जाएगी.
Table Of Content
क्यों पड़ी तेजस्वी यादव को जरूरत?
क्या कहते हैं पिछले चुनाव के आंकड़े?
किन-किन राज्यों में लागू है इस तरह की योजना?
क्या है नीतीश कुमार का ब्रह्मास्त्र?
क्यों पड़ी तेजस्वी यादव को जरूरत?
बिहार में जैसे ही तेजस्वी यादव ने इस बात का एलान किया, वैसे सियासी हलचल तेज हो गई. बिहार में सत्ता पक्ष के नेताओं ने तेजस्वी यादव के इस एलान को झूठा बताते हुए दावा किया कि महिलाएं उनके वादों पर यकीन नहीं करेंगी. वहीं, सियासी जानकारों का भी दावा है कि साल 2005 में नीतीश कुमार महिला सशक्तिकरण के वादे पर बिहार (Bihar Election 2025) की सत्ता पर काबिज हुए थे. इसके बाद से खुद नीतीश कुमार और उनकी पार्टी JDU यानी जनता दल यूनाइटेड के नेता भी इस बात को दोहराते रहते हैं कि बिहार में महिलाओं के लिए जितना काम नीतीश कुमार ने किया उतना अभी तक किसी ने भी नहीं किया था.
ऐसे में माई-बहन मान योजना के एलान के बाद से यह समझा जा रहा है कि तेजस्वी यादव की रणनीति में कहीं न कहीं महिला वोटर्स को साधने की जरुरत पड़ गई है. बेरोजगारी, अपराध और नौकरी के मुद्दे पर तेजस्वी यादव ने सरकार को खूब घेरा है और कई तरह के वादे भी कर चुके हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि RJD और तेजस्वी यादव के लिए यह रणनीति साल 2025 के चुनावों के लिए एक बहुत बड़ा दांव है. गौरतलब है कि बिहार की आधी आबादी यानी महिला वोटर्स का दबदबा सबसे अधिक है. इस बात के गवाह खुद पिछले कुछ चुनाव में मतदान के आंकड़े हैं. हालांकि, यह प्रयोग बिहार से बाहर कुछ राज्यों में पहले किया जा चुका है, जिसका लाभ भी राजनीतिक पार्टियों को मिलते हुए देखा गया है.
क्या कहते हैं पिछले चुनाव के आंकड़े?
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निर्वाचन आयोग के मुताबिक बिहार में साल 2020 में कुल मतदाताओं की संख्या 7 करोड़ 79 लाख थी. इसमें महिलाओं की संख्या 3 करोड़ 39 लाख थी. वहीं , पुरुष वोटर्स की संख्या 3 करोड़ 79 लाख थी. फिर भी महिलाओं ने 59.7 फीसदी वोट किया था. वहीं, पुरुषों ने 54.7 प्रतिशत मतदान किया था. साल 2015 के चुनाव में 56.66 फीसदी मतदान पूरे बिहार में देखने को मिला थी. इसमें भी अकेले महिलाओं ने 54.49 फीसदी वोट कास्ट किया था और पुरुषों का वोट प्रतिशत 51.12 प्रतिशत ही था. इसी तरह साल 2015 के चुनावों में 56.66 फीसदी मतदान हुआ और इसमें महिलाओं का वोट प्रतिशत जहां 60.48 फीसदी रहा. वहीं, पुरुष का वोट प्रतिशत 53.32 फीसदी था. आंकड़ों के आधार पर यह पूरी तरह से साफ है कि महिला वोटर्स जिसे चाहें उसे बिहार के सत्ता की चाबी सौंप सकती हैं.
किन-किन राज्यों में लागू है इस तरह की योजना?
बता दें कि देश के किसी राज्य में यह प्रयोग पहली बार नहीं होगा. इससे पहले पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक और हिमाचल में भी इस तरह की योजनाओं का एलान किया जा चुका है. हिमाचल प्रदेश में इस समय इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना लागू की गई है. इसके तहत कांग्रेस की सरकार महिलाओं को 1500 रुपये की आर्थिक मदद दे रही है. कांग्रेस शासित कर्नाटक में भी गृह लक्ष्मी योजना शुरू की गई है. इसके योजना में कर्नाटक सरकार 2,000 रुपये महिलाओं को दे रही है. यह कांग्रेस के चुनावी वादे का हिस्सा था.
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साल 2021 में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लक्ष्मी भंडार योजना को शुरू किया था. इस योजना के तहत महिलाओं क�� 1200 रुपये तक की मदद दे रही है और इसका असर भी चुनाव में देखने को मिला था. मध्य प्रदेश की लाडली बहन योजना भी इस लिस्ट में शामिल है. साल 2023 में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने चुनाव से ठीक पहले इस योजना का एलान किया था, जिसके तहत हर महीने 1250 रुपया उनके खाते में भेजा जा रहा है. इसके बल पर ही एंटीकबेंसी के बावजूद राज्य में BJP यानी भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन गई. झारखंड में मईंया सम्मान योजना की शुरुआत हेमंत सोरेन की ओर से की गई है. इसके तहत एक हजार रुपये की मदद दी जा रही है. पिछले साल हुए चुनाव में इस राशि को बढ़ाकर 2.5 हजार करने का एलान किया गया. इसका असर चुनाव में दिखा और हेमंत सोरेन एक बार फिर से सत्ता पर काबिज हो गए.
क्या है नीतीश कुमार का ब्रह्मास्त्र?
दूसरी ओर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी साल 2005 की तरह बिहार की आधी आबादी को साधने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं. आधी आबादी के लिए उन्होंने भी कई तरह की योजनाएं चला रखी हैं. इसके तहत स्कूल जाने वाली बच्चियों को साइकिल खरीदने के लिए मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना, गर्भवती महिलाओं को 3 हजार तक की वित्तीय मदद, पति की मौत या तलाकशुदा महिलाओं के 2 बच्चों के लिए 4 हजार रुपये, मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना, बेटी पैदा होने पर अभिभावकों को 5 हजार रुपये की मदद की जाती है. इन सभी योजनाओं का मकसद भी आधी-आबादी का वोट हासिल करना है.
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Conclusion
गौरतलब है कि साल 2016 में जीविका दीदी की मांग पर ही बड़ा फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरे राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू की थी. शराबबंदी के फैसले ने उन्हें बिहार की महिलाओं के बीच हीरो बनाया है. ऐसे में कई फैसलों को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि नीतीश कुमार को सत्ता में आने के बाद शुरू से ही आधी आबादी का भरपूर सहयोग मिलता रहा है. इसके साथ ही नीतीश कुमार भी राज्य की आधी आबादी को अपने पक्ष में रखने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं. साथ ही साल 2005 से ही वह कई योजनाओं के सहारे उनको साधने की जुगत में रहते हैं.
दूसरी ओर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तेजस्वी यादव ने बहुत बड़ा एलान करते हुए नीतीश कुमार की चिंता बढ़ा दी है. तेजस्वी यादव ने बिहार की महिलाओं से वादा किया कि सत्ता में आने के एक महीने के भीतर इस योजना को अमली जामा पहना दिया जाएगा. इससे बिहार की हर माता, बहन को स्वांलबी, सुखी, समृद्ध, सम्पन्न, स्वस्थ और उनके जीवन को सुगम बनाने का काम किया जाएगा. बिहार की महिला वोटर्स को भरोसा दिलाने में जुटे हुए हैं कि महिला सशक्तिकरण में की दिशा में एक सीधा और प्रभावशाली कदम होगा. उनका कहना है कि घर की महिला अगर सुख-समृद्ध होगी, तभी परिवार भी तरक्की करेगा और जब हर घर तरक्की करेगा तो पूरा गांव भी तरक्की करेगा. और पूरे गांव के तरक्की में बिहार कि तरक्की होगी.
ऐसे में राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि तेजस्वी यादव की इस योजना के काट के लिए नीतीश कुमार राज्य की 2 करोड़ महिलाओं से संवाद कर रहे हैं. बता दें कि बिहार में नवंबर तक विधानसभा के चुनाव हो सकते हैं और इस बीच नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव कई तरह की अन्य योजनाओं का भी एलान कर सकते हैं. ऐसे में यह चुनाव बेहद दिलचस्प हो सकते हैं और देखना यह भी होगा कि महिलाएं इस बार किसे बिहार के सत्ता की चाबी सौंपती हैं.
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'किसी राजनीतिक बदलाव की जरूरत नहीं': कर्नाटक के डिप्टी सीएम शिवकुमार ने सत्ता संघर्ष से इनकार किया
नई दिल्ली: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की अटकलों को खारिज कर दिया सत्ता संघर्ष कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के भीतर, दृढ़ता से कह रहे हैं कि वह और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पूरे पांच साल क��� कार्यकाल के लिए अपनी संबंधित भूमिकाओं में बने रहेंगे। शनिवार को बोलते हुए शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस पार्टीके निर्देश उनके कार्यों का मार्गदर्शन करेंगे, और उन्होंने नेतृत्व परिवर्तन की अफवाहों को…
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कर्नाटक सरकार बीयर की कीमत बढ़ाने पर विचार कर रही है, शराब के शौकीनों में चिंता बढ़ी - कर्नाटक समाचार
कर्नाटक सरकार बीयर की कीमतों में संभावित बढ़ोतरी पर विचार कर रही है, जिससे राज्य में शराब के शौकीनों में चिंता बढ़ गई है। यह हाल ही में बस किराए में बढ़ोतरी और पानी और मेट्रो टैरिफ में प्रस्तावित बढ़ोतरी के बाद आया है। आबकारी मंत्री आरबी थिम्मापुर ने गुरुवार को खुलासा किया कि बीयर की कीमत में बढ़ोतरी को लेकर चर्चा चल रही है, लेकिन अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। “बीयर को छोड़कर, हम फिलहाल…
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Nagpur पहुंचा HMPV Virus, Corona की तरह तेजी से पांव पसार रहा है ये China Virus
HMPV Virus ने नागपुर में भी अपनी दस्तक दे दी है। Corona की तरह फैल रहा यह वायरस भारत में सबसे पहले कर्नाटक में आया इसके बाद राजस्थान के डूंगरपुर में इसका एक केस आया और अब ये वायरस नागपुर आ चुका है। देश में HMPV यानी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। नागपुर में भी इस वायरस के संक्रमण के दो नए मामले सामने आए हैं। देश में अब तक इस वायरस का शिकार 7 लोग हो चुके हैं। केंद्र सरकार का…
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Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar Date 07 January 2025 Time 11.00 to 11.05 AM Language Marathi आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर प्रादेशिक बातम्या दिनांक: ०७ जानेवारी २०२५ सकाळी ११.०० वाजता.
देशात एच एम पी व्ही या विषाणूचे रुग्ण आढळल्याच्या पार्श्वभूमीवर केंद्रीय आरोग्य सचिवांनी आज सद्य:स्थितीचा आढावा घेतला. देशातल्या श्वसनाच्या आजारांची सद्य:स्थिती आणि त्यांच्या व्यवस्थापनासाठी सार्वजनिक आरोग्य उपायांसंबंधी त्यांनी माहिती जाणून घेतली. राज्यांनी श्वसनाच्या आजारांवर आणि त्यांच्या प्रसारांवर देखरेख ठेवावी आणि योग्य उपाययोजना करण्याचे निर्देश त्यांनी यावेळी दिले.
देशात बिहार, दिल्ली नोएडा, आणि सिक्कीमच्या काही भागात तसंच नेपाळमध्ये आज भूकंपाचे जोरदार धक्के बसल्याचं वृत्त आहे. सकाळी सहा वाजून ४० मिनिटांनी हा भूकंप जाणवला. नेपाळमधल्या लोबुचे पासून ९३ किलोमीटर अंतरावर ईशान्येकडे या भूकंपाचा केंद्रबिंदू आहे. नेपाळमध्ये या भूकंपाची तीव्रता सात पूर्णांक एक रिश्टर स्केल इतकी नोंदवली गेली.
केंद्रीय अन्वेषण विभागानं विकसित केलेल्या भारतपोल पोर्टलचा प्रारंभ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा यांच्या हस्ते आज नवी दिल्लीत होणार आहे. आंतरराष्ट्रीय सहाय्यासाठी येणार्या सर्व विनंत्यांची इंटरपोलद्वारे प्रक्रिया सुविहित करण्याचं काम भारतपोल पोर्टलच्या माध्यमातून करण्यात येईल. त्यामध्ये रेड नोटिस जारी करण्यासह इतर नोटिसांचा समावेश आहे.
केंद्रीय अर्थमंत्री निर्मला सीतारामन यांनी काल अर्थसंकल्पपूर्व चर्चेसाठी आठवी बैठक घेतली. या बैठकीत विविध संबंधित घटकांच्या प्रतिनिधींसह कामगार संघटनांचे प्रतिनिधी देखील सहभागी झाले होते.
ग्राहकांच्या मागणीनंतर चांदी आणि चांदीच्या वस्तूंसाठी हॉलमार्किंग बंधनकारक करण्याचा विचार करण्याची सूचना, ग्राहक व्यवहार मंत्री प्रल्हाद जोशी यांनी भारतीय मानक ब्युरोला केली आहे. नवी दिल्लीत भारतीय मानक ब्युरोच्या ७८ व्या स्थापना दिनानिमित्त आयोजित कार्यक्रमात ते काल बोलत होते. भारतीय मानक ब्युरोनं त्याच्या स्थापनेपासून विविध क्षेत्रांमध्ये मानके तयार करणं, त्याची अंमलबजावणी करणं आणि प्रोत्साहन देण्यात महत्त्वपूर्ण भूमिका बजावली असल्याचंही ते म्हणाले.
खाद्यतेल उत्पादनात स्वयंपूर्णतेचं उद्धिष्टं गाठण्यासाठी राष्ट्रीय खाद्यतेल अभियानांतर्गत सर्व राज्यांनी प्रयत्नांना अधिक गती द्यावी, असं आवाहन केंद्रीय कृषी आणि शेतकरी कल्याण मंत्री शिवराजसिंग चौहान यांनी केलं आहे. ते काल नवी दिल्लीत, याबाबत आयोजित बैठकीत बोलत होते. आयातीवरचं अवलंबित्व कमी करण्याच्या भारताच्या महत्वाकांक्षेचा भाग म्हणून या मोहिमेअंतर्गत २०२५-२६ पर्यंत साडेसहा लाख हेक्टर क्षेत्र ऑईलपामच्या लागवडीखाली आणण्याचं उद्धिष्ट असल्याचं, चौहान यांनी सांगितलं.
राज्याच्या लोकायुक्त कार्यालयानं २०२३ मधये चार हजार ५५५ प्रकरणं निकाली काढली, तर वर्षअखेर चार हजार ८१८ प्रकरणं प्रलंबित राहिली. राज्याचे लोक आयुक्त वि. मु. कानडे, आणि उप लोकआयुक्त संजय भाटिया यांनी काल राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन यांची भेट घेऊन आपल्या कामकाजासंबंधीचा ५१ वा वार्षिक एकत्रित अहवाल सादर केला. त्यात ही माहिती देण्यात आली.
राज्य सरकारच्या ४८५ सेवा ऑनलाईन उपलब्ध करून देणारं ‘आपलं सरकार’ हे वेब पोर्टल अधिक अद्ययावत करण्याचे, तसंच ‘आपलं सरकार’ चं मोबाईल ऍप तयार करण्याचे निर्देश माहिती तंत्रज्ञान मंत्री आशिष शेलार यांनी दिले. जम्मू काश्मीर, तमिळनाडू आणि कर्नाटक ही राज्ये ऑनलाईन सेवा देण्यात आघाडीवर आहेत. त्याचा अभ्यास करुन राज्य सरकारच्या अतिरिक्त २८५ सेवा ऑनलाईन देण्याची तयारी माहिती तंत्रज्ञान विभागाने केली आहे.
प्रत्यक्ष लाभार्थींपर्यंत गृहनिर्माण योजनेचा लाभ पोहोचवण्यासाठी अशा प्रकल्पांना गती द्यावी, प्रकल्पांची का��ं तातडीने सुरू करावीत, असे निर्देश, गृहनिर्माण राज्यमंत्री डॉ. पंकज भोयर यांनी दिले आहेत. विभागाच्या आढावा बैठकीत ते काल बोलत होते. ज्येष्ठ नागरिक धोरण २०२४, प्रधानमंत्री आवास योजना, गिरणी कामगारांना घरे, सर्वसमावेशक गृहनिर्माण योजना, धोकादायक इमारतींचा पुनर्विकास या विषयावरही यावेळी चर्चा करण्यात आली.
नांदेड इथं काल पत्रकार दिनानिमित्त कार्यक्रम घेण्यात आला. जिल्हा प्रशासन, पोलीस प्रशासन, विविध पत्रकार संघटना आणि जिल्हा माहिती कार्यालयामार्फत आयोजित या कार्यक्रमात जिल्हाधिकारी अभिजित राऊत यांनी, 'कृत्रिम बुद्धीमत्ता आणि बातमीदारी', या विषयावर मार्गदर्शन केलं. बदलत्या काळानुसार प्रत्येक क्षेत्रात एआय अर्थात कृत्रिम बुध्दीमत्ता वापरुन दैनंदिन कामं अधिक गतीमान आणि अचूक करण्यावर भर देण्यात येत आहे. माध्यम प्रतिनिधींनीही गुणवत्तापूर्ण बातमीदारीसाठी जागरूकतेने पत्रकारितेत कृत्रिम बुद्धीमत्तेचा वापर करावा, असं जिल्हाधिकारी म्हणाले.
लातूर इथं सुरू असलेल्या २० व्या नांदेड परिक्षेत्रीय पोलिस क्रीडा स्पर्धांचा आज समारोप होत आहे. या चार दिवसीय स्पर्धांमध्ये हॉकी तसंच जलतरण आदी स्पर्धेत लातूर, नांदेड, परभणी आणि हिंगोलीच्या पोलीस खेळाडू सहभागी झाले आहेत.
नांदेड-मनमाड-नांदेड डेमू रेल्वे नांदेड ते पूर्णा दरम्यान अंशतः रद्द करण्यात आली आहे. आजपासून ते ३१ जानेवारी दरम्यान ही गाडी पूर्णा ते मनमाड अशी धावेल.
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HMPV Virus : एचएमपीवी संक्रमण की भारत में दस्तक, बंगलूरू में आठ महीने की बच्ची में दिखे संक्रमण के लक्षण, अलर्ट
HMPV Virus : चीन में फैल रहे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) संक्रमण की भारत में दस्तक हो गई। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि बंगलूरू में एक आठ महीने की बच्ची एचएमपीवी संक्रमित पाई गई है। हालांकि अभी तक भारत में एचएमपीवी का केस मिलने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। वहीं कर्नाटक सरकार का कहना है कि वायरस के स्ट्रेन के बारे में जानकारी नहीं है। Ayushman card : आयुष्मान से इलाज के लिए…
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डीएसपी ने अपने ऑफिस के बाथरूम में महिला के साथ की गंदी बात, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
Karnataka News: कर्नाटक की सरकार ने शुक्रवार को तूमकुरु जिले के मधुगिरी के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) बी रामचंद्रप्पा को निलंबित कर दिया है। उनका एक वीडियो वायरल हुए था, जिसमें वह अपने ऑफिस के बाथरूम में एक महिला के साथ अनुचित तरीके से व्यवहार करते हुए दिखाई दे रहे थे। रामचंद्रप्पा कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर के निर्वाचन क्षेत्र के डीएसपी थे। गुरुवार रात से 35 सेकंड का एक वीडियो सोशल मीडिया…
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jharkhand bjp attack jmm : पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का झामुमो का बड़ा हमला, कर्नाटक के नेता प्रतिपक्ष नारायण स्वामी भी रहे साथ, कहा जेएमएम का मतलब ही है जस्ट मनी मशीन
रांची : भाजपा सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भाजपा मीडिया सेंटर, रांची में प्रेस वार्ता की. इस दौरान कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ नेता नारायण स्वामी, राष्ट्रीय मीडिया सह प्रभारी संजय मयूख, प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक,सह मीडिया प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह मौजूद रहे. पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद अनुराग ठाकुर ने हेमंत सरकार को भ्र��्टाचारी और लूटेरी सरकार बताते हुए…
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कर्नाटक सरकार का बड़ा फैसला Swiggy, Ola, Uber पर गिग वर्कर्स के कल्याण के लिए लगाया नया शुल्क
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'जाकिर नाइक जैसा भगोड़ा FIR जोड़ने की मांग कैसे कर सकता है', शीर्ष कोर्ट में केंद्र की दलील
केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र, कर्नाटक और अन्य जगहों पर नफरत फैलाने वाले भाषणों से जुड़ी 2013 की एफआईआर को ��क साथ जोड़ने की मांग वाली भगोड़े जाकिर नाइक की याचिका की ��्वीकार्यता पर सवाल उठाया। केंद्र ने कहा कि एक भगोड़ा व्यक्ति स्थिति का हवाला देते हुए एफआईआर साथ जोड़ने की मांग कैसे कर सकता है। जस्टिस अभय एस ओका की पीठ के समक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि क्या कोई व्यक्ति जिसे भगोड़ा घोषित…
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Who is the Only Living Ex-PM to resign as CM and Lead India
Introduction
Former PM HD Deve Gowda : भारतीय राजनीति के इतिहास में 90 का दशक काफी उथल-पुथल भरा रहा. जहां पर देश में 1991 से लेकर अक्टूबर 1999 तक 8 सालों में 6 प्रधानमंत्रियों को शपथ दिलानी पड़ी थी. राजनीतिक अस्थिरता आने की वजह से देश के आर्थिक विकास में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था और उस वक्त राजनीतिक विश्लेषक भी दावा नहीं कर पा रहे थे कि यह संकट कब खत्म होगा. इसी संकट की घड़ी में थर्ड फ्रंट से प्रधानमंत्री पद के लिए एचडी देवगौड़ा का नाम सामने आया वह उस वक्त दक्षिण की राजनीति में एक बड़ा चेहरा थे और कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद पर भी विराजमान थे. उनसे पहले पामुलपर्थी वेंकट नरसिम्हा राव (PV Narasimha Rao) की अगुवाई वाली सरकार ने 1991-1996 तक 5 सालों का कार्यकाल पूरा किया.
Table Of Content
VP सिंह और ज्योति बसु को भी दिया ऑफर
पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा का जीवन
ऐसा रहा पूर्व प्रधानमंत्री का करियर
पीएम के लिए किसने आगे बढ़ाया नाम
राजनीति में आने से पहले क्या करते थे देवगौड़ा
VP सिंह और ज्योति बसु को भी दिया ऑफर
देश की दो राष्ट्रीय पार्टियों (BJP और कांग्रेस) की सरकार नहीं बनने के बाद देश में संयुक्त मोर्चा या थर्ड फ्रंड के रूप उभरकर आया जहां उन्होंने सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह और वामपंथी नेता ज्योति बसु को ऑफर दिया लेकिन दोनों नेताओं ने ऑफर को ठुकरा दिया. वहीं, वीपी सिंह से बार-बार अनुरोध किया गया कि वह प्रधानमंत्री पद ग्रहण करें लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया. इसी बीच जनता दल के वरिष्ठ नेता एचडी देवगौड़ा प्रधानमंत्री बनाने का फैसला लिया गया और उस दौरान वह कर्नाटक के मुख्यमंत्री भी थे. इसके बाद एचडी देवगौड़ा को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिलवाया गया और संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा का सदस्य बनाकर प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाया दिया.
पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा का जीवन
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ऐसा रहा पूर्व प्रधानमंत्री का करियर
साल 1962 में 28 साल की उम्र में देवगौड़ा ने कर्नाटक विधानसभा का निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीतने के बाद पहली बार विधानसभा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने वक्ता के रूप में अन्य राजनीतिक पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं को प्र��ावित किया. इसके बाद वह लगातार तीन बार होलेनारसिपुर निर्वाचन क्षेत्र से (1967-1971), (1972-1977) और (1978-1983) चुनाव जीतकर विधानसभा जाते रहें. इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री ने मार्च 1972 से मार्च 1976 और 1976 से दिसंबर 1977 तक प्रतिपक्ष नेता के रूप में भी लोगों को ध्यान का अपनी ओर आकर्षित किया. देवेगौड़ा ने 22 नवंबर 1982 को छठी विधानसभा की सदस्यता छोड़ दी. 7वीं और 8वीं विधानसभा के सदस्य रहते हुए लोक निर्माण और सिंचाई में मंत्री पद संभाला.
सिंचाई मंत्री रहते हुए उन्होंने कई परियोजनाओं को शुरू किया और 1987 में सिंचाई के लिए अपर्याप्त धन आवंटन करने के चलते उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा और उसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. स्वतंत्रता और समानता के समर्थक गौड़ा को 1975-76 में केंद्र सरकार की नाराजगी का सामना करना पड़ा और उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद जेल में डाल दिया जहां उन्होंने अपना पूरा समय अध्ययन में लगा दिया. जेल से छूटने के बाद उनके व्यक्तित्व में एक बड़ा बदलाव देखा गया जिसकी वजह से वह परिपक्व और दृढ व्यक्तित्व के साथ अपनी राजनीति का झंडा गाढ़ने में सफल रहे.
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पीएम के लिए किसने आगे बढ़ाया नाम
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राजनीति में आने से पहले क्या करते थे देवगौड़ा
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Conclusion
मध्यम वर्गीय परिवार से संबंधित रखने वाले एचडी देवगौड़ा भारत के 11वें प्रधानमंत्री बने और उन्होंने यह पद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद ग्रहण किया. समानता और किसानों के उत्थान के समर्थक रहे रहने वाले देवगौड़ा ने कर्नाटक में सिंचाई मंत्री के दौरान किसानों के लिए कई कार्य किए. इसके बाद वह कर्नाटक में चार बार विधायक का चुनाव जीते. यही वजह थी कि देवगौड़ा दक्षिण भारत की राजनीति का एक मुख्य चेहरा बन गए.
कर्नाटक में वह दो बार प्रतिपक्ष नेता भी रहे जहां उन्होंने अपने वक्तव्य से सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. आपको बताते चलें कि 91 वर्षीय एचडी देवगौड़ा वर्तमान की राजनीति में सक्रिय हैं और जनता दल सेक्युलर (JDS) के अध्यक्ष हैं. साथ ही मोदी लहर के दौरान 2014 में उन्होंने एक बार फिर हासन सीट से जीत दर्ज की, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में देवगौड़ा तुमकुर सीट से हार गए. उन्हें भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार रहे जीएस बासवराज ने हरा दिया था. हालांकि वह राज्यसभा के माध्यम से संसद में पहुंच गए. देवगौड़ की शादी चेन्नम्मा नाम की महिला से हुई है और उनके उससे 4 बेटे और 2 बेटियां हैं. देवगौड़ा का एक बेटा कुमारस्वामी कर्नाटक के दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं. एक समय ऐसा भी था जब देवगौड़ा की नेतृत्व वाली पार्टी JDS BJP के खिलाफ मुखर होकर चुना लड़ती थी लेकिन बदलते वक्त में उन्होंने उसी पार्टी के साथ गठबंधन करके विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़ा.
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कर्नाटक कैबिनेट ने 'बीजेपी-काल के कोविड घोटाले' की एसआईटी जांच को मंजूरी दी | भारत समाचार
कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया बेंगलुरु: अपने कार्यकाल के अठारह महीने पूरे होने पर, सिद्धारमैया सरकार ने गुरुवार को 2019 से 2023 तक भाजपा सरकार के दौरान कथित वित्तीय कुप्रबंधन और कोविड-19 फंड के दुरुपयोग की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन को मंजूरी दे दी।महानिरीक्षक (आईजीपी) रैंक के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की अध्यक्षता वाली एसआईटी, सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जॉन…
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अनुसूचित जाति के लिए आंतरिक आरक्षण का वादा किया, नेतृत्व परिवर्तन की अफवाहों को खारिज किया - कर्नाटक समाचार
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अनुसूचित जाति (एससी) के बीच आंतरिक आरक्षण प्रदान करने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। “सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आंतरिक आरक्षण देना होगा, लेकिन जैसा कि कुछ ने कहा है कि कोई अनुभवजन्य डेटा नहीं है, (न्यायमूर्ति) नागमोहन दास की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया गया है। सिद्धारमैया ने कहा, हम आंतरिक आरक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कर्नाटक सरकार ने…
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कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने की बदले की सियासत
कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार इन दिनों चर्चाओं में धोखाधड़ी की शिकायत करने वालों के विरुद्ध कराया मुकदमा क्या भ्रष्टाचार पर चोट करने वालों पर ऐसे ही होगा जुल्म? कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार इंतजार नहीं करती है। वह तत्काल हिसाब चुकता करती है। एक गैर सरकारी संगठन के सदस्यों ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके परिजनों के खिलाफ शिकायत की और आरोप लगाया कि धोखाधड़ी से मैसुरू शहरी विकास प्राधिकरण यानी…
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