#करवाचौथव्रत
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क्या करवाचौथ व्रत से सचमुच पति की सुरक्षा होती है?
जानने के लिए कृपया संत रामपाल जी महाराज के सतसङ्ग सुनिए शोसल मीडिया के विभिन्न apps में।
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#करवाचौथव्रत को#पाखंड बताते हुए#संतरामपालजीमहाराज केअनुयायियों ने#सोशलमी...
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करवा चौथ की पूजा के ये हैं कुछ जरूरी नियम, जानिए व्रत की पूजा-विधि और चांद निकलने का समय
चैतन्य भारत न्यूज सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता है और उन्हें इस व्रत का साल भर इंतजार रहता है। इस साल करवा चौथ व्रत 4 नवंबर को पड़ रहा है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और शाम के समय शिव परिवार की पूजा करती हैं। लेकिन इस व्रत का पारण चांद देखने के बाद किया जाता है। आइए जानते हैं इस व्रत के नियम, सामग्री, पूजा-विधि और चांद निकलने का समय। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
करवा चौथ व्रत के नियम इस व्रत को सूर्योदय से पहले शुरू कर चांद निकलने तक रखा जाता है। इस व्रत में चंद्रमा के दर्शन कर उसे अर्घ्य देना जरूरी होता है। इस व्रत में सांस अपनी बहू को सरगी देती है, जिससे व्रत वाले दिन बहुएं अपने व्रत की शुरुआत करती हैं। इस दिन शाम के समय शुभ मुहूर्त में चांद निकलने से पहले पूरे शिव परिवार की पूजा की जाती है। फिर चांद निकलने के बाद महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपने पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोलती हैं।
करवा चौथ व्रत पूजन सामग्री पीतल या मिट्टी का करवा, दीपक, कपूर, हल्दी, पानी का लोटा, गेहूं, लकड़ी का आसन, चलनी, कांस की 9 या 11 तीलियां, कच्चा दूध, अगरबत्ती, फूल, चंदन, शहद, शक्कर, फल, मिठाई, दही, गंगाजल, चावल, सिंदूर, महावर, मेहंदी, चूड़ी, कंघी, बिंदी, चुनरी, प्रसाद के हलुआ पूड़ी व मिठाई और दक्षिणा के लिए रुपए।
करवा चौथ व्रत पूजा-विधि सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करें और भगवान की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें। पूजन के लिए संध्या के समय एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना करें। इसमें 10 से 13 करवे रखें। एक थाली में धूप, दीप, चंदन, रोली, सिंदूर आदि रखें और घी का दीपक जलाएं। चंद्र-दर्शन के बाद पति के हाथ से जल और मीठा ग्रहण कर व्रत खोले।
करवा चौथ पूजा मुहूर्त संध्या पूजा का शुभ मुहूर्त 4 नवंबर (बुधवार)- शाम 05 बजकर 34 मिनट से शाम 06 बजकर 52 मिनट तक�� कहा जा रहा है कि चंद्रोदय शाम 7 बजकर 57 मिनट पर होगा। ये भी पढ़े... जानिए कब है शरद पूर्णिमा? इसका महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि त्योहारों से भरा है अक्टूबर का महीना, जानें किस दिन है दशहरा-दिवाली समेत कई महत्वपूर्ण तीज-त्योहार Read the full article
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करवा चौथ की पूजा के ये हैं कुछ जरूरी नियम, जानिए व्रत की पूजा-विधि और चांद निकलने का समय
चैतन्य भारत न्यूज सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता है और उन्हें इस व्रत का साल भर इंतजार रहता है। इस साल करवा चौथ व्रत 4 नवंबर को पड़ रहा है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और शाम के समय शिव परिवार की पूजा करती हैं। लेकिन इस व्रत का पारण चांद देखने के बाद किया जाता है। आइए जानते हैं इस व्रत के नियम, सामग्री, पूजा-विधि और चांद निकलने का समय। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
करवा चौथ व्रत के नियम इस व्रत को सूर्योदय से पहले शुरू कर चांद निकलने तक रखा जाता है। इस व्रत में चंद्रमा के दर्शन कर उसे अर्घ्य देना जरूरी होता है। इस व्रत में सांस अपनी बहू को सरगी देती है, जिससे व्रत वाले दिन बहुएं अपने व्रत की शुरुआत करती हैं। इस दिन शाम के समय शुभ मुहूर्त में चांद निकलने से पहले पूरे शिव परिवार की पूजा की जाती है। फिर चांद निकलने के बाद महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपने पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोलती हैं।
करवा चौथ व्रत पूजन सामग्री पीतल या मिट्टी का करवा, दीपक, कपूर, हल्दी, पानी का लोटा, गेहूं, लकड़ी का आसन, चलनी, कांस की 9 या 11 तीलियां, कच्चा दूध, अगरबत्ती, फूल, चंदन, शहद, शक्कर, फल, मिठाई, दही, गंगाजल, चावल, सिंदूर, महावर, मेहंदी, चूड़ी, कंघी, बिंदी, चुनरी, प्रसाद के हलुआ पूड़ी व मिठाई और दक्षिणा के लिए रुपए।
करवा चौथ व्रत पूजा-विधि सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करें और भगवान की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें। पूजन के लिए संध्या के समय एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना करें। इसमें 10 से 13 करवे रखें। एक थाली में धूप, दीप, चंदन, रोली, सिंदूर आदि रखें और घी का दीपक जलाएं। चंद्र-दर्शन के बाद पति के हाथ से जल और मीठा ग्रहण कर व्रत खोले।
करवा चौथ पूजा मुहूर्त संध्या पूजा का शुभ मुहूर्त 4 नवंबर (बुधवार)- शाम 05 बजकर 34 मिनट से शाम 06 बजकर 52 मिनट तक। कहा जा रहा है कि चंद्रोदय शाम 7 बजकर 57 मिनट पर होगा। ये भी पढ़े... जानिए कब है शरद पूर्णिमा? इसका महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि त्योहारों से भरा है अक्टूबर का महीना, जानें किस दिन है दशहरा-दिवाली समेत कई महत्वपूर्ण तीज-त्योहार Read the full article
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करवा चौथ-दिवाली समेत नवंबर में आने वाले हैं ये प्रमुख तीज त्योहार, यहां देखें पूरी लिस्ट
चैतन्य भारत न्यूज आज से नवंबर माह की शुरुआत हो चुकी है। इसी के साथ हिंदू धर्म के पर्व व त्योहारों का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। नवंबर के पूरे माह लोग उत्सव व पर्वों का आनंद लेंगे। आइए जानते हैं नवंबर माह में कौन-कौन से प्रमुख तीज-त्योहार आने वाले हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); नवंबर माह में आने वाले मुख्य त्योहार 1 नवंबर - मप्र-छग स्थापना दिवस 4 नवंबर - गणेश चतुर्थी, करक चौथ, करवा चौथ व्रत 6 नवंबर - स्कंद षष्ठी व्रत 8 नवंबर - अहोई अष्टमी 11 नवंबर - रंभा (रमा) एकादशी 12 नवंबर - धनतेरस, प्रदोष व्रत, यम दीपदान 13 नवंबर - शिव चतुर्दशी, रूप चौदस, नरक चतुर्दशी 14 नवंबर - दीपावली, लक्ष्मी-कुबेर पूजन, बाल दिवस, जवाहरलाल नेहरू जयंती 15 नवंबर - गोवर्द्धन पूजा, हिंगोट युद्ध 16 नवंबर - भाई दूज, चंद्रदर्शन, चित्रगुप्त पूजा, वृश्चिक संक्रांति 18 नवंबर - विनायकी चतुर्थी 19 नवंबर - सौभाग्य पंचमी, गुरु गोविंद सिंह, इंदिरा गांधी जयंती, रानी लक्ष्मीबाई जयंती 20 नवंबर - छठ पूजा 22 नवंबर - गोपाष्टमी, गौ पूजन, झलकारी बाई जयंती 23 नवंबर - आंवला/अक्षय नवमी 25 नवंबर - देवउठनी एकादशी, तुलसी विवाह 27 नवंबर - प्रदोष व्रत 28 नवंबर - ज्योतिराव फुले पुण्य. 29 नवंबर - वैकुंठ चतुर्दशी व्रत 30 नवंबर - कार्तिक पूर्णिमा, गुरु नानक जयंती, कार्तिक स्नान Read the full article
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करवा चौथ-दिवाली समेत नवंबर में आने वाले हैं ये प्रमुख तीज त्योहार, यहां देखें पूरी लिस्ट
चैतन्य भारत न्यूज आज से नवंबर माह की शुरुआत हो चुकी है। इसी के साथ हिंदू धर्म के पर्व व त्योहारों का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। नवंबर के पूरे माह लोग उत्सव व पर्वों का आनंद लेंगे। आइए जानते हैं नवंबर माह में कौन-कौन से प्रमुख तीज-त्योहार आने वाले हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); नवंबर माह में आने वाले मुख्य त्योहार 1 नवंबर - मप्र-छग स्थापना दिवस 4 नवंबर - गणेश चतुर्थी, करक चौथ, करवा चौथ व्रत 6 नवंबर - स्कंद षष्ठी व्रत 8 नवंबर - अहोई अष्टमी 11 नवंबर - रंभा (रमा) एकादशी 12 नवंबर - धनतेरस, प्रदोष व्रत, यम दीपदान 13 नवंबर - शिव चतुर्दशी, रूप चौदस, नरक चतुर्दशी 14 नवंबर - दीपावली, लक्ष्मी-कुबेर पूजन, बाल दिवस, जवाहरलाल नेहरू जयंती 15 नवंबर - गोवर्द्धन पूजा, हिंगोट युद्ध 16 नवंबर - भाई दूज, चंद्रदर्शन, चित्रगुप्त पूजा, वृश्चिक संक्रांति 18 नवंबर - विनायकी चतुर्थी 19 नवंबर - सौभाग्य पंचमी, गुरु गोविंद सिंह, इंदिरा गांधी जयंती, रानी लक्ष्मीबाई जयंती 20 नवंबर - छठ पूजा 22 नवंबर - गोपाष्टमी, गौ पूजन, झलकारी बाई जयंती 23 नवंबर - आंवला/अक्षय नवमी 25 नवंबर - देवउठनी एकादशी, तुलसी विवाह 27 नवंबर - प्रदोष व्रत 28 नवंबर - ज्योतिराव फुले पुण्य. 29 नवंबर - वैकुंठ चतुर्दशी व्रत 30 नवंबर - कार्तिक पूर्णिमा, गुरु नानक जयंती, कार्तिक स्नान Read the full article
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रिश्ते तब दमकते हैं जब वो रौशन होते हैं, रिश्तों के निबाह का पर्व करवा चौथ
चैतन्य भारत न्यूज सुहागिन महिलाओं का सबसे बड़ा त्यौहार करवा चौथ इस बार 17 अक्टूबर को पड़ रहा है। चांद का यह त्यौहार रिश्तों का उत्सव है। इस दौरान जीवनसाथी के साथ करवा चौथ मनाई जाती है। हालांकि, ये सभी पर्व तो केवल यह झलक दिखला जाते हैं कि पारिवारिक संबंध कितने मजबूत हैं। रिश्तों के इस पर्व ��र आज हम आपको बताने जा रहे हैं परिवार और उनके बी�� रिश्ते से जुड़ी कुछ खास बातें जिसके जरिए आप अपने रिश्तों को और भी मजबूत कर सकते हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
रवैया अगर हम बात करें रवैए की तो पति के लिए पत्नी केवल काम करने की मशीन हो, बहू के लिए सास केवल त्योहारों पर याद आने वाला रिश्ता हो और सास के लिए बहू केवल बेटे की पत्नी हो, तो इस तरह के रिश्ते, रिश्ते नहीं बल्कि रिश्तों के लेबल कहें जाएंगे। बल्कि सच तो यह है कि सभी का आपस में जीवनभर का साथ है। इसलिए एक-दूसरे के साथ रवैया हमेशा एक समान रखें। संवाद संवाद एक ऐसा जरिया है जो सीधे मन के द्वार खोलता है। इसलिए इसका सीधा और साफ होना बहुत जरुरी है। दरअसल आधी अधूरी बात, चुभते शब्द और कितनी ही बार अबोला रिश्तों को जल्द ही खत्म कर देता है। क्योंकि शब्दों का चयन आपकी परवरिश बताता है।
समझ जाहिर से बात है पति और पत्नी दोनों ही अलग-अलग माहौल में पले-बढे होते हैं। इसलिए जीवनभर साथ रहने के लिए एक ��ूसरे को समझना बहुत जरुरी है। दो लोग एक जैसे सोच-विचार, आचार- व्यवहार के नहीं हो सकते हैं साथ ही दोनों के दृष्टिकोण भी अलग होंगे जिन्हें समझकर चलना पड़ता है। तालमेल तालमेल से मतलब समझौते से है। कौन नौकरी करेगा, कौन घर का काम करेगा। इसका फैसला एक निर्णय लेकर नहीं किया जा सकता। इस दौरान आप ध्यान रखें कि किसी का मन न दुखे, किसी के सपने न टूटे, कोई बोझ तले न दबे।
समझबूझ यह जिंदगी का वह पहलू है जिसे बुद्धिमान लोग अपने जीवन में लेकर न सिर्फ खुद के लिए जिंदगी आसान करते हैं बल्कि जीवनसाथी को भी परिवार के साथ मजबूती से जोड़ देते हैं। ये भी पढ़े... पार्टनर के करीब आने से पहले खुद से पूछे ये सवाल, मजबूत होगा रिश्ता शादी के बाद पार्टनर की इन हरकतों की वजह से बिखर जाता है पति-पत्नी का रिश्ता रिश्ते में प्यार और खुशहाली के लिए जरुरी नहीं पार्टनर का आकर्षक होना... Read the full article
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