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Kamalnath Cabinet took oath today new MLA were not given chance
कमलनाथ की 28 मंत्रियों की सेना तैयार - दिग्विजय सिंह के पुत्र बने मंत्री, गुटीय संतुलन का ध्यान रखा गया, 55 नए चेहरों में से किसी को भी स्थान नहीं मिला
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल के 28 मंत्रियों ने राजभवन में आयोजित समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ ली। इनमें एक निर्दलीय, दो महिलाओं और अल्पसंख्यक वर्ग से एक मुस्लिम को मंत्री बनाया गया है। मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले 15 चेहरे ऐसे हैं जो विधायक के चुनाव तो पहले भी जीत चुके हैं, लेकिन मंत्री बनने का मौका पहली बार मिला। वहीँ, पहली बार विधायक बने 55 नए चेहरों में से किसी को भी मंत्रिमंडल में स्थान नहीं दिया गया है। यह कमलनाथ ने शुरू से ही साफ़ कर दिया था, तो इसपर किसी ने भी ख़ास नाराज़गी और विरोध नहीं जताया।
मंत्रिमंडल में कांग्रेस संगठन में सक्रिय विभिन्न गुटौ, क्षेत्र और धर्म के् आधार पर मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया है। मंत्रिमंडल काफी मंथन बे बाद बनाया गया और गुटीय संतुलन का बहुत ध्यान रखा गया, जिसमें कमलनाथ, दिग्विजय और सिंधिया के विधायकों को संतुलित तरीके से स्थान दिया गया है। राहुल ने तय किए थे मंत्रियों के नाम इससे पहले मंत्रिमंडल को लेकर चार दिन तक दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया आदि से बैठक ��र इन नामों को अंतिम रूप दिया था। मंत्रिमंडल के गठन मे सभी वर्गों को संतु��्ट करने का प्रयास किया गया था। इन 28 मंत्रियों ने ली शपथ सर्वप्रथम डॉ. विजयलक्ष्मी साधो ने शपथ ग्रहण की। इसके बाद सज्जन सिंह वर्मा, हुकुम सिंह करदा, डॉ. गोविन्द सिंह (लहार), बाला बच्चन (राजपुर) , आरिफ अकील( भोपाल उत्तर ) , ब्रजेन्द्र सिंह राठोड, प्रवीण जायसवाल(वारसौनी), लखन सिंह यादव, तुलसी राम सिलावट (सांवेर), गोविन्द सिंह राजपूत, इमरती देवी (डबरा), ओमकार सिंह मरकाम, डॉ प्रभुराम चौधरी, प्रियव्रत सिंह, सुखदेव पांसे (मुलताई), उमंग सिंघार, जयवर्धन सिंह (राधोगढ), जीतू पटवारी (राऊ), कमलेश्वर पटेल, लखन घंघोरिया, महेंद्र सिंह सिसोदिया (बमोरी), पी की शर्मा (भोपाल उत्तर) ,प्रदुम्न सिंह तोमर, सचिन सुभाष यादव (कसरावत), सुरेंद्र सिंह बघेल (कुक्खी), और तरुण भनोट ने शपथ ग्रहण की ।
विधानसभा सत्र 7 जनवरी से विधानसभा का सत्र 7 जनवरी से शुरू हो रहा है, जिसमें सभी विधायकों को प्रोटेम स्पीकर शपथ दिलाएंगे। प्रोटेम स्पीकर सदन के वरिष्ठ नेता को बनाया जाता है। इस पद के लिए फिलहाल भाजपा से गोपाल भार्गव का नाम लिया जा रहा है। यह सत्र 11 जनवरी तक चलेगा। सरकार 10 संसदीय सचिव बना सकती है। इन्हें कैबिनेट या राज्यमंत्री का दर्जा होगा।
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कोरोना वारियर्स की सेवा 31।मार्च तक समाप्त करने के आदेश आ गए है, जिस मुश्किल वक़्त में मरीजों को हाथ लगाने से डर रहे थे और हालात के।मद्देनजर आयुष डॉक्टर्स ,लेब टेक्नीशियन और अन्य नर्सिंग लोगों ने जिस तन मन से काम किया और फ्रंट लाइन वर्कर बनकर कई।जाने बचाई ,
कल उनकी सेवा का आखरी दिन हो सकता है क्योंकि अनुबन्ध शुरू में 3-3 महीने का बढ़ता रहा और फिर 2 महीने का बढ़ाया जो कल 28 फरवरी को खत्म हो।रहा है,
कई ज्ञापन देने और हड़ताल के बाद भी निर्दयी और निर्लज स��कार के कान पर जूं तक।नही रेंगी और कंस मामा शिवराज सिंह को तो कोई असर नही पड़ता ,अगर कमलनाथ जी।मुख्यमंत्री होते तो यकीनन सबका भला कर देते लेकिन मामा को हम लोगो की कोई फिक्र नही है, आज आप हर जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर देखे वहाँ ना डॉ है ना लैब टेक्नीशियन और ना नर्सिंग स्टाफ, ऐसे।में अगर हम।लोगो।की पोस्टिंग कर दी।जाती।है तो कई।लोगो को। इलाज।के लिए भटकना नही पड़ेगा और नीम हकीम के चक्कर से भी बच जाएंगे,लेकिन सरकारी विभाग और सरकार के।मंत्रियों को आम जनता की।परवाह कहाँ है और सरकार को अपने मंत्रियों की सुविधाएं और उनकी अय्याशीयो के लिए साधन जुटाना जरूरी है ।
महाराष्ट्र और राजस्थान की जागृत एवम कर्मठ सरकारो।ने कोरोना वारियर्स को।संविदा के कर उनको सम्मान ही नहीं बेरोजगारी से भी बचाया है लेकिन हमारे कंस मामा तो 10000 की।प्रोत्साहन राशि भी।खा गए ।
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प्रदेश के 19 जिलों की 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के रुझान कुछ देर में आने शुरू हो जाएंगे। इन परिणामों से तय होगा कि भाजपा का कमल खिला रहेगा या फिर कमलनाथ सत्ता में आएंगे। वोटों की गिनती सुबह 8 बजे पोस्टल बैलेट के साथ शुरू हो गई है। इसके बाद 8:30 बजे से ईवीएम से मतों की गिनती होगी। अब तक पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी नहीं होने पर ईवीएम की मतगणना का अंतिम राउंड रोक दिया जाता था, लेकिन इस बार यह नियम हटा दिया गया है। राज्य में 3 नवंबर को मतदान हुआ था।
सबसे जल्दी रिजल्ट अनूपपुर जिले से आने की उम्मीद है। यहां 18 राउंड में काउंटिंग होगी। सबसे लेट ग्वालियर के रिजल्ट आएंगे। यहां 32 राउंड काउंटिंग होगी। उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी प्रमोद शुक्ला ने बताया कि इस बार सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए प्रत्येक राउंड में 14-14 टेबल होंगी।
प्रदेश में 46619 पोस्टल बैलेट डाले गए हैं। सबसे ज्यादा 3675 मेहगांव में और सबसे कम 491 करैरा में पड़े हैं। अनूपपुर में सबसे कम 18 राउंड हैं, इसलिए यहां नतीजा सबसे पहले, जबकि 32 राउंड वाली ग्वालियर पूर्व सीट का सबसे बाद में आ सकता है।
28 सीटों पर 12 मंत्री और 2 पूर्व मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर शिवराज सरकार के 12 मंत्रियों और 2 पूर्व मंत्रियों ( तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत पद से इस्तीफा दे चुके) की किस्मत का फैसला भी आज होगा। जानकार मानते हैं कि यदि मंत्री को हार का सामना करना पड़ा, तो भाजपा में उनकी राह आसान नहीं होगी। अनुमान इससे भी लगाया जा सकता है कि इससे पहले चौधरी राकेश सिंह और प्रेमचंद गुड्डू को राजनीतिक भविष्य बचाने के लिए कांग्रेस में वापसी करनी पड़ी थी।
सीटों की संख्या के मायने शिवराज सिंह चौहान: भाजपा को 20 से ज्यादा सीटें मिलती हैं, तो शिवराज का कद तो बढ़ेगा, लेकिन सत्ता और संगठन में सिंधिया का दखल ज्यादा होने से उन्हें फैसले लेने की पूरी आजादी नहीं होगी। 10 से 15 के बीच सीटें आती हैं, तो सरकार में फैसले करने में शिवराज पर संगठन का ज्यादा दबाव रहेगा।
ज्योतिरादित्य सिंधिया: भाजपा के खाते में 20 से अधिक सीटें आती हैं, तो सिंधिया की प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर धमाकेदार एंट्री होगी और भाजपा में बड़े नेता के तौर पर उभर सकते हैं। यदि 10 से 15 के बीच सीटें आती हैं, तो प्रदेश की राजनीति में कम, केंद्र में सक्रियता ज्यादा रहेगी।
कमलनाथ: कांग्रेस यदि सिंधिया के गढ़ को धराशायी कर 20 से ज्यादा सीटें हासिल कर लेती है, तो कमलनाथ का कद कांग्रेस में और बढ़ जाएगा। दूसरा पहलू यह है कि यदि वे सरकार बनाने में कामयाब न हो सके और 10 से 15 सीटें ही मिलीं, तो प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष में से एक पद छोड़ने का दबाव बढ़ जाएगा।
दांव पर 'सरकार': जीत का गणित विधानसभा की कुल सीटें 230 (दमोह से कांग्रेस विधायक राहुल लोधी के इस्तीफा देने के बाद एक सीट और रिक्त हो गई है)
अब कुल संख्या: 229
उपचुनाव: 28 सीटें
भाजपा: 107, (बहुमत के लिए 9 सीटें चाहिए)
कांग्रेस: 87 (बहुमत के लिए 28 सीटें चाहिए)
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Madhya Pradesh By-Election Result 2020 LIVE Update: Jyotiraditya Scindia | MP (Vidhan Sabha) Chunav Parinam Latest News Today; Jyotiraditya Scindia, Shivraj Singh Chouhan, Kamal Nath
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MP: अब तक नहीं हो सका विभागों का बंटवारा, शिवराज बोले- कल कर दूंगा
चैतन्य भारत न्यूज भोपाल. मध्यप्रदेश में शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार के एक हफ्ते बाद भी नए मंत्रियों में विभागों का बंटवारा नहीं हो सका है। मंत्रियों के विभागों के बंटवारे को लेकर काफी ज्यादा देरी देखने को मिल रही है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से इस संबंध में निर्देश भी मांगे हैं। कल हो सकता है बंटवारा शिवराज का कहना है कि कल विभागों का बंटवारा हो जाएगा। बता दें 2 जुलाई को कुल 28 नए मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। एक हफ्ते से ज्यादा बीत जाने के बाद विभागों का बंटवारा नहीं हो सका है। तमाम सवाल उठने के बाद शिवराज ने कल विभागों का बंटवारा करने की बात कही। 23 मार्च को ली थी मुख्यमंत्री पद की शपथ गौरतलब है कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिरने के बाद 23 मार्च को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। फिर 2 जुलाई को मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ जिसमें 20 कैबिनेट मंत्री और 8 राज्य मंत्री शामिल हैं। Read the full article
#jyotiradhityascindia#KamalNath#madhyapradeshgovernment#mpdistributionofdepartmenttoministers#ShivrajSinghChauhan#कमलनाथ#ज्योतिरादित्यसिंधिया#भाजपा#मुख्यमंत्रीशिवराजसिंहचौहान
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शिवराज सरकार में सिंधिया समर्थकों का पलड़ा भारी, विधायक पद से इस्तीफा देने वाले 19 में से 11 मंत्री बने
शिवराज सरकार में सिंधिया समर्थकों का पलड़ा भारी, विधायक पद से इस्तीफा देने वाले 19 में से 11 मंत्री बने
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गुरुवार को 28 मंत्रियों ने शपथ ली, इनमें 9 सिंधिया खेमे से हैं, 2 मंत्री पहले शपथ ले चुके हैं
कमलनाथ सरकार में 6 मंत्री सिंधिया समर्थक थे, शिवराज सरकार में 11 मंत्री हैं
दैनिक भास्कर
Jul 02, 2020, 04:32 PM IST
भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नई टीम में सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक फायदे में रहे हैं। गुरुवार को 28 मंत्रियों ने शपथ ली। इनमें 9 सिंधिया खेमे से हैं। 2 मंत्री पहले शपथ…
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#Cabinet expansion in MP#Jyotiraditya Scindia - देश न्यूज़#madhya pradesh#Madhya Pradesh Cabinet#MP Cabinet Expansion News#MP CM Shivraj Singh Chouhan#देश समाचार
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ज्योतिरादित्य सिंधिया के ‘टाइगर जिंदा है’ कमेंट पर कमलनाथ का ‘काउंटर अटैक’, पूछा-कौन सा टाइगर, कागज का या..
ज्योतिरादित्य सिंधिया के कमेंट पर कमलनाथ ने जोरदार जवाब दिया है (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
परिस्थितियां कब बदल जाती हैं, आप अनुमान नहीं लगा सकते. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के विधानसभा चुनाव में कमलनाथ (Kamal Nath) और ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia)ने कंधे से कंधा मिलाकर कांग्रेस की राज्य की सत्ता में वापसी का रा��्ता साफ किया था. कमलनाथ ने राज्य के सीएम पद की शपथ ली लेकिन सरकार और संगठन में लगातार अपनी कथित उपेक्षा से खफा ज्योतिरादित्य ने कांग्रेस को बाय-बाय कहकर बीजेपी का दामन थाम लिया. बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों के निष्ठा बदलने के बाद ही राज्य में शिवराज सिंह के नेतृत्व में बीजेपी सरकार के सत्ता संभालने का मार्ग प्रशस्त हुआ. कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया अब अलग पार्टी में तो स्वाभाविक है कि दोनों के बीच तीखी बयानबाजी का दौर चलेगा ही. शिवराज सिंह के गुरुवार को मंत्रिमंडल विस्तार के बाद सिंधिया ने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा था और एक फिल्म का लोकप्रिय डायलॉग ‘टाइगर अभी जिंदा है (Tiger abhi zinda hai)’ का प्रयोग किया था. उन्होंने अपनी अहमियत का अहसास कराते हुए यह कमेंट किया था. इस कमेंट का जवाब देने में कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ ने भी देर नहीं लगाई. ज्योतिरादित्य के इस डायलॉग पर कमलनाथ ने चुटकी ली. उन्होंने पूछा-कौन सा टाइगर जिंदा है….कागज का या सर्कस वाला.
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गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस के एक अन्य दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह भी सिंधिया के ‘टाइगर जिंदा है’ के कमेंट पर जवाब दे चुके हैं. उन्होंने कहा था कि एक समय था जब वे (दिग्विजय) और ज्योतिरादित्य के पिता (स्वर्गीय) माधवराव सिंधिया साथ टाइगर का शिकार किया करते थे. कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया का वर्ष 2001 में एक विमान दुर्घटना में निधन हो गया था.
शिवराज सिंह के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार का कल विस्तार किया गया है. गुरुवार को 20 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की जिसमें 20 कैबिनेट और 8 राज्य स्तर के मंत्री हैं. नए मंत्रियों में 9से 10 सिंधिया समर्थक शामिल हैं. इन 28 मंत्रियों के साथ शिवराज सिंह कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या 33 हो गई है.
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मध्यप्रदेश की भ���जपा सरकार में अब 41% पूर्व कांग्रेसी; 28 नए मंत्रियों में 7 शिवराज की टीम से; 9 सिंधिया खेमे से
मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार में अब 41% पूर्व कांग्रेसी; 28 नए मंत्रियों में 7 शिवराज की टीम से; 9 सिंधिया खेमे से
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शिवराज की पुरानी टीम से गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, यशोधरा राजे और विश्वास सारंग मंत्री बने
प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिसोदिया, इमरती देवी और प्रद्युम्न सिंह कमलनाथ सरकार में मंत्री रह चुके हैं
शिवराज की टीम में अब सीएम समेत 34 मंत्री, पिछली बार मिनी कैबिनेट में 5 मंत्रियों ने शपथ ली थी
दैनिक भास्कर
Jul 02, 2020, 01:00 PM IST
भोपाल. शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनने के 71 दिन बाद…
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#Imarti Devi - मध्य प्रदेश न्यूज़#Jyotiraditya Scindia#KamalNath All You#Shivraj Singh Chouhan Cabinet#Shivraj Singh Chouhan Cabinet Expansion#Shivraj Singh Chouhan Cabinet Expansion Vs Jyotiraditya Scindia Loyalist#Shivraj Singh Chouhan Latest News#मध्य प्रदेश समाचार
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एमपी में शिवराज सिंह का कैबिनेट विस्तार, 28 मंत्रियों ने ली शपथ
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह की कैबिनेट का विस्तार हुआ, जिसमें कार्यकारी राज्यपाल आनंदीबेन ने 28 विधायकों को मंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। मंत्रिमंडल विस्तार में ज्योतिरादित्य समर्थकों को खास तरजीह दी गई।
सिंधिया के करीब दर्जनभर नेताओं को मंत्री बनाया गया है। शपथ लेने वाले प्रमुख मंत्रियों में कमलनाथ की कांग्रेस सरकार के दौरान नेता प्रतिपक्ष रहे गोपाल भार्गव, विजय शाह, जगदीश देवड़ा, यशोधरा राजे सिंधिया, भूपेंद्र सिंह और विश्वास सारंग शामिल हैं। सिंधिया खेमे से मंत्री पद की शपथ लेने वालेां में इमरती देवी, प्रमुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसोदिया शामिल हैं।
मध्यप्रदेश के राज्यपाल लाल जी टंडन के अस्वस्थ होने के कारण यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को मध्य प्रदेश के राज्यपाल पद का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था। उन्होंने नए मंत्रियों को शपथ ली। मंत्रिमंडल के आज के इस विस्तार के साथ शिवराज सिंह कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या 33 हो गई है। शिवराज सिंह चौहान के सीएम के रूप में शपथ ग्रहण करने के समय उनके साथ पांच मंत्रियों ने शपथ ली थी।
राज्यमंत्री भरत सिंह कुशवाह, इंदर सिंह परमार, रामलेखावन पटेल, राम किशोर कांवरे, बृजेंद्र सिंह यादव, गिर्राज दंडौतिया, सुरेश धाकड़, ओपीएस भदौरिया
कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव, विजय शाह, जगदीश देवड़ा, बिसाहू लाल सिंह, यशोधरा राजे सिंधिया, भूपेंद्र सिंह, एदल सिंह कंषाना, बृजेंद्र प्रताप सिंह, विश्वास सारंग, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसौदिया(संजू ��ैया), प्रद्युमन सिंह तोमर, प्रेम सिंह पटेल, ओमप्रकाश सकलेचा, उषा ठाकुर, अरविंद भदौरिया, डॉ. मोहन यादव, हरदीप सिंह डंग, राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव।
https://kisansatta.com/shivraj-singhs-cabinet-expansion-in-mp-28-ministers-sworn-in/ #28MinistersSwornIn, #ShivrajSinghSCabinetExpansionInMP 28 ministers sworn in, Shivraj Singh's cabinet expansion in MP State, Top, Trending #State, #Top, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
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Shivraj Singh Chouhan New Cabinet Minister List With Names and Detailed Portfolios Regional and caste balance in MP Cabinet | शिवराज की नई टीम में 24 सीटों के उपचुनाव पर फोकस; जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को साधने की कवायद
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Shivraj Singh Chouhan New Cabinet Minister List With Names and Detailed Portfolios Regional and caste balance in MP Cabinet | शिवराज की नई टीम में 24 सीटों के उपचुनाव पर फोकस; जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को साधने की कवायद
ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की जिन 16 सीटों पर चुनाव होने हैं, वहां से 8 को मंत्री बनाया
हर जाति और वर्ग को साधने की कोशिश, उमा भारती ने कैबिनेट को असंतुलित बताया
दैनिक भास्कर
Jul 02, 2020, 06:09 PM IST
भोपाल. शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार में सोशल इंजीनियरिंग की झलक साफ देखी जा रही है। फोकस सितंबर में 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर है। जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को साधने के लिए मंत्रिमंडल में अगड़े-पिछड़े और दलित वर्ग को बराबर तवज्जो दी गई है। ग्वालियर चंबल की 16 सीटों पर उपचुनाव को देखते हुए यहां 8 सिंधिया समर्थकों को मंत्री बनाया गया है।
वहीं, इस बार जबलपुर से एक भी विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया। जबकि दो दिन पहले तक अजय विश्नोई और अशोक रोहाणी के नाम प्रमुखता से सामने आ रहे थे। इस बीच, उमा भारती ने कहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार संतुलित नहीं है। इसमें क्षेत्रीय असंतुलन साफ दिख रहा है। जो लोग मुझसे जुड़े हैं, उनकी पूरी तरह से अनदेखी की गई है।
मंत्रिमंडल में सिंधिया समर्थकों का 60% दबदबा मंत्रिमंडल में ज्योतिरादित्य सिंधिया का पलड़ा भारी है। इसमें कोई शक नहीं है कि प्रदेश में दोबारा भाजपा सरकार बनाने का पूरा श्रेय सिंधिया को ही जाता है, इसलिए विस्तार में भी इसका असर साफ देखने को मिला। इसका सीधा-सा समझने लायक गणित भी है। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि मंत्रिमंडल में सिंधिया समर्थक 19 पूर्व कांग्रेस विधायकों में से 11 को मंत्री बनाया गया है। यानी सिंधिया समर्थक 60% को मंत्रिमंडल में स्थान दिया गया है।
भाजपा के 101 विधायकों में 19 ही मंत्री बने भाजपा के 101 विधायक होने के बावजूद सिर्फ 19 को मंत्री बनाया गया है। यह नए मंत्रिमंडल में 20% होता है। मंत्रिमंडल विस्तार में एक और बात खासतौर पर झलकती है कि कमलनाथ सरकार गिरने से पहले शिवराज और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच जो सहमति बनी थी, उसे शिवराज ने पूरी तरह से निभाया है। भले ही उन्हें पार्टी के अंदर ही आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है। मंत्रिमंडल विस्तार ने यह संकेत दे दिया कि जिस तरह 1967 में डीपी मिश्र की कांग्रेसी सरकार गिराने के बाद राजमाता विजयाराजे सिंधिया का जनसंघ और बाद में भाजपा में दखल बढ़ा, उसी तरह अब ज्योतिरादित्य का भी प्रभाव बढ़ेगा और उनकी मर्जी चलेगी।
ग्वालियर चंबल से 8 मंत्री, यहां 16 सीटों पर उपचुनाव ग्वालियर-चंबल की 16 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। इस क्षेत्र में सिंधिया की मजबूत पकड़ है। यहां से 8 नेता गिर्राज दंडोतिया, ऐंदल सिंह कंसाना, सुरेश धाकड़, ओपीएस भदौरिया, महेंद्र सिंह सिसोदिया, इमरती देवी, प्रद्युम���न सिंह तोमर, भारत सिंह कुशवाह मंत्री बनाए गए हैं। हालांकि, ऐसा पहली बार हुआ है कि एक ही जिले सागर से तीन कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। जबलपुर को एक भी मंत्री नहीं मिल पाया है। जबकि कमलनाथ मंत्रिमंडल में यहां से दो-दो कैबिनेट मंत्री थे।
क्षेत्रीय संतुलन में सिंधिया की चली भाजपा सूत्र बताते हैं कि ग्वालियर-चंबल की सबसे ज्यादा सीटों पर उपचुनाव होना है, इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार में सिंधिया की पूरी तरह से चली है। उन्होंने जिसे कहा, मंत्रिमंडल में उसको शामिल कर लिया गया, ताकि चुनाव में जाते समय किसी तरह की कोई हिचकिचाहट न रह जाए। सिंधिया समर्थक गिर्राज दंडोतिया, ऐंदल सिंह कंसाना, सुरेश धाकड़, ओपीएस भदौरिया, महेंद्र सिंह सिसोदिया, इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, भारत सिंह कुशवाह मंत्री बनाए गए हैं। इसमें ऐंदल सिंह कंसाना सिंधिया समर्थक नहीं माने जाते हैं।
जातीय समीकरण को ऐसे साधा ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से गिर्राज दंडोतिया (ब्राह्मण), ऐंदल सिंह कंसाना (गुर्जर), सुरेश धाकड़ (किरार समाज), ओपीएस भदौरिया (ठाकुर), महेंद्र सिंह सिसोदिया (ठाकुर), इमरती देवी (अनूसूचित जाति), प्रद्युम्न सिंह तोमर (ठाकुर), भारत सिंह कुशवाह (कुशवाह समाज) को साधने की कोशिश की गई है।
जाटव समाज को नहीं मिली जगह सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ने वाले अनुसूचित जाति के कई विधायक थे। इनमें कमलेश जाटव, जसवंत जाटव और रणवीर जाटव के नाम प्रमुख हैं। ग्वालियर-चंबल संभाग में जाटव समाज का वर्चस्व भी है। उम्मीद लगाई जा रही थी कि इन तीन जाटवों में किसी को मौका मिलेगा। गोहद से रणवीर जाटव तो दूसरी बार चुनाव जीते थे। रणवीर को मंत्री बनाए जाने की अटकलें भी लगाई जा रहीं थी। सिंधिया समर्थकों की दलील है कि अनुसूचित जाति से इमरती देवी और प्रभुराम चौधरी को मंत्री बनाया गया है। हालांकि ये दोनों अहिरवार उपजाति के हैं।
गोपीलाल ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करके मंत्री पद गंवाया भाजपा सूत्रों का ये भी कहना है कि शिवराज गुना से भाजपा विधायक गोपीलाल जाटव को मंत्री बनाना चाहते थे। राज्यसभा चुनाव से पहले तक उनका नाम पक्का माना जा रहा था। लेकिन गोपीलाल ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग कर दी। बात आलाकमान तक पहुंची और गोपीलाल मंत्री बनते-बनते रह गए।
भाजपा के 16 मंत्री, 9 नए चेहरे मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा के 16 मंत्रियों में 7 पुराने और 9 नए चेहरे शामिल किए गए हैं। कांग्रेस के बागी खेमे से कुल 14 मंत्री हो गए हैं। इसी साल मार्च में कुल 22 विधायकों ने इस्तीफा दिया था।
शिवराज के चौथे कार्यकाल में सीएम समेत 34 मंत्री मंत्रिमंडल विस्तार में 28 मंत्रियों ने शपथ ली। इनमें 9 सिंधिया खेमे से हैं। 3 कांग्रेस छोड़कर आने वाले नेता हैं। जबकि भाजपा के 16 विधायक मंत्री बने हैं। आज शपथ लेने वाले में से 20 को कैबिनेट और 8 को राज्य मंत्री बनाया गया है। शिवराज की टीम में अब सीएम समेत 34 मंत्री हो गए। पिछली बार मिनी कैबिनेट में 5 मंत्रियों ने शपथ ली थी।
सिंधिया के 11 मंत्री, 3 कमलनाथ से नाराज होकर आने भी शामिल सिंधिया खेमे से तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत पहले ही मंत्री बनाए जा चुके हैं। अब सिंधिया समर्थक 11 मंत्री हो गए हैं। इसके अलावा, कांग्रेस छोड़कर आए हरदीप सिंह डंग, बिसाहूलाल सिंह और एंदल सिंह कंसाना को भी मंत्री बनाया गया।
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शिवराज सरकार में सिंधिया समर्थकों का पलड़ा भारी, विधायक पद से इस्तीफा देने वाले 19 में से 11 मंत्री बने
शिवराज सरकार में सिंधिया समर्थकों का पलड़ा भारी, विधायक पद से इस्तीफा देने वाले 19 में से 11 मंत्री बने
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नई टीम में सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक फायदे में रहे हैं। गुरुवार को 28 मंत्रियों ने शपथ ली। इनमें 9 सिंधिया खेमे से हैं। 2 मंत्री पहले शपथ ले चुके हैं। बीते 100 दिन में सिंधिया समर्थकों और कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। कमलनाथ सरकार में 6 मंत्री सिंधिया समर्थक थे। शिवराज सरकार में 11 मंत्री सिंधिया कोटे से हैं। इसके अलावा, कांग्रेस…
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MP: अब तक नहीं हो सका विभागों का बंटवारा, शिवराज बोले- कल कर दूंगा
चैतन्य भारत न्यूज भोपाल. मध्यप्रदेश में शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार के एक हफ्ते बाद भी नए मंत्रियों में विभागों का बंटवारा नहीं हो सका है। मंत्रियों के विभागों के बंटवारे को लेकर काफी ज्यादा देरी देखने को मिल रही है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से इस संबंध में निर्देश भी मांगे हैं। कल हो सकता है बंटवारा शिवराज का कहना है कि कल विभागों का बंटवारा हो जाएगा। बता दें 2 जुलाई को कुल 28 नए मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। एक हफ्ते से ज्यादा बीत जाने के बाद विभागों का बंटवारा नहीं हो सका है। तमाम सवाल उठने के बाद शिवराज ने कल विभागों का बंटवारा करने की बात कही। 23 मार्च को ली थी मुख्यमंत्री पद की शपथ गौरतलब है कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिरने के बाद 23 मार्च को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। फिर 2 जुलाई को मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ जिसमें 20 कैबिनेट मंत्री और 8 राज्य मंत्री शामिल हैं। Read the full article
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क्या विजयाराजे की तरह सिंधिया का कद भी भाजपा में बढ़ेगा? NEET और JEE पर क्या आज फैसला आएगा?
क्या विजयाराजे की तरह सिंधिया का कद भी भाजपा में बढ़ेगा? NEET और JEE पर क्या आज फैसला आएगा?
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दैनिक भास्कर
Jul 03, 2020, 05:44 AM IST
1. सबसे पहले बात मध्यप्रदेश की… गुरुवार को जब मध्यप्रदेश में मंत्रियों का शपथ ग्रहण हुआ, तो यह समझ आ गया कि शिवराज ने आखिर कैसे विष पिया और अमृत कहां बंट गया। राजभवन में शपथ लेने के लिए मंच पर जो 28 नेता बैठे थे, उनमें से एक तिहाई यानी 9 नेता सिंधिया खेमे से ��े।
शिवराज की सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया जितने मजबूत हो गए हैं, उतने तो वे कमलनाथ…
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ज्योतिरादित्य सिंधिया के ‘टाइगर जिंदा है’ कमेंट पर कमलनाथ का ‘काउंटर अटैक’, पूछा-कौन सा टाइगर, कागज का या..
ज्योतिरादित्य सिंधिया के कमेंट पर कमलनाथ ने जोरदार जवाब दिया है (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
परिस्थितियां कब बदल जाती हैं, आप अनुमान नहीं लगा सकते. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के विधानसभा चुनाव में कमलनाथ (Kamal Nath) और ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia)ने कंधे से कंधा मिलाकर कांग्रेस की राज्य की सत्ता में वापसी का रास्ता साफ किया था. कमलनाथ ने राज्य के सीएम पद की शपथ ली लेकिन सरकार और संगठन में लगातार अपनी कथित उपेक्षा से खफा ज्योतिरादित्य ने कांग्रेस को बाय-बाय कहकर बीजेपी का दामन थाम लिया. बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों के निष्ठा बदलने के बाद ही राज्य में शिवराज सिंह के नेतृत्व में बीजेपी सरकार के सत्ता संभालने का मार्ग प्रशस्त हुआ. कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया अब अलग पार्टी में तो स्वाभाविक है कि दोनों के बीच तीखी बयानबाजी का दौर चलेगा ही. शिवराज सिंह के गुरुवार को मंत्रिमंडल विस्तार के बाद सिंधिया ने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह पर निशान�� साधा था और एक फिल्म का लोकप्रिय डायलॉग ‘टाइगर अभी जिंदा है (Tiger abhi zinda hai)’ का प्रयोग किया था. उन्होंने अपनी अहमियत का अहसास कराते हुए यह कमेंट किया था. इस कमेंट का जवाब देने में कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ ने भी देर नहीं लगाई. ज्योतिरादित्य के इस डायलॉग पर कमलनाथ ने चुटकी ली. उन्होंने पूछा-कौन सा टाइगर जिंदा है….कागज का या सर्कस वाला.
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गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस के एक अन्य दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह भी सिंधिया के ‘टाइगर जिंदा है’ के कमेंट पर जवाब दे चुके हैं. उन्होंने कहा था कि एक समय था जब वे (दिग्विजय) और ज्योतिरादित्य के पिता (स्वर्गीय) माधवराव सिंधिया साथ टाइगर का शिकार किया करते थे. कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया का वर्ष 2001 में एक विमान दुर्घटना में निधन हो गया था.
शिवराज सिंह के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार का कल विस्तार किया गया है. गुरुवार को 20 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की जिसमें 20 कैबिनेट और 8 राज्य स्तर के मंत्री हैं. नए मंत्रियों में 9से 10 सिंधिया समर्थक शामिल हैं. इन 28 मंत्रियों के साथ शिवराज सिंह कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या 33 हो गई है.
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क्या विजयाराजे की तरह सिंधिया का कद भी भाजपा में बढ़ेगा? NEET और JEE पर क्या आज फैसला आएगा?
क्या विजयाराजे की तरह सिंधिया का कद भी भाजपा में बढ़ेगा? NEET और JEE पर क्या आज फैसला आएगा?
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दैनिक भास्कर
Jul 03, 2020, 05:44 AM IST
1. सबसे पहले बात मध्यप्रदेश की… गुरुवार को जब मध्यप्रदेश में मंत्रियों का शपथ ग्रहण हुआ, तो यह समझ आ गया कि शिवराज ने आखिर कैसे विष पिया और अमृत कहां बंट गया। राजभवन में शपथ लेने के लिए मंच पर जो 28 नेता बैठे थे, उनमें से एक तिहाई यानी 9 नेता सिंधिया खेमे से थे।
शिवराज की सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया जितने मजबूत हो गए हैं, उतने तो वे कमलनाथ…
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��मलनाथ बोले-सिंधिया समर्थक 8 मंत्रियों ने नहीं दिया इस्तीफा, उन्हें किसी कीमत पर सफल नहीं होने देंगे
मध्य प्रदेश के मंत्रिमंडल में कुल 28 मंत्री हैं. बताया जा रहा है कि करीब 8 मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक हैं जो मंत्रिमंडल की बैठक में मौजूद नहीं थे. इन 8 मंत्रियों ने सीएम कमलनाथ को अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है.
भोपाल. वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित उनके 27 समर्थक विधायकों के मोबाइल फोन अचानक बंद हो गए. इसके बाद बुलाई गई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में मौजूद करीब 20 मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रति आस्था जताते हुए सोमवार देर रात को अपना इस्तीफा सौंप दिया. मध्य प्रदेश की मंत्रिमंडल में कुल 28 मंत्री हैं. बताया जा रहा है कि करीब आठ मंत्री सिंधिया के समर्थक हैं जो इस बैठक में मौजूद नहीं थे. उनके इस्तीफे आने बाकी हैं.
नए सिरे से मंत्रिमंडल का गठन कर सकते हैं:उमंग सिंघार मध्यप्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार ने बताया कि, ‘मंत्रिमंडल की बैठक में हमने मुख्यमंत्री को अपने-अपने इस्तीफे सौंप दिए हैं. अब कमलनाथ नए सिरे से मंत्रिमंडल का गठन कर सकते हैं.’ वहीं, इस्तीफा देने वाले एक अन्य मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने संवाददाताओं को बताया, ‘अभी-अभी हमने मंत्रिमंडल बैठक में मुख्यमंत्री को अपने-अपने इस्तीफे सौंपे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘लगभग 20 मंत्रियों ने इस्तीफे दिए हैं.’ वर्मा ने बताया, ‘मंत्रियों ने मुख्यमंत्री के प्रति आस्था व्यक्त करते हुए ये इस्तीफे दिए हैं.’ उन्होंने कहा कि अब मुख्यमंत्री अपने विवेक से मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं.
पूरे पांच साल चलेगी कांग्रेस सरकार:पीसी शर्मा
इसी बीच, जनसंपर्क मंत्री के पद से इस्तीफा देने वाले पी सी शर्मा ने बताया, ‘कांग्रेस सरकार पूरे पांच साल चलेगी और हमारी सरकार को कोई संकट नहीं है.’ इन मंत्रियों ने मुख्यमंत्री से मंत्रिमंडल का पुनर्गठन करने का अनुरोध किया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित उनके समर्थक 27 विधायकों के मोबाइल फोन बंद होने के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार रात 10 बजे मुख्यमंत्री निवास पर अचानक यह मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई थी.
‘सरकार को अस्थिर करने वाली ताकतों को सफल नहीं होने दूंगा’ इन मंत्रियों के इस्तीफा देने से पहले कमलनाथ ने सोमवार रात को एक बयान में कहा कि, ‘मैं अपनी सरकार को अस्थिर करने वाली ताकतों को किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने दूंगा.’ उन्होंने कहा, ‘प्रदेश की जनता का विश्वास और उनका प्रेम मेरी सबसे बड़ी ताकत है. जनता की जनता के द्वारा बनाई गई सरकार को किसी भी कीमत पर अस्थिर करने वाली ताकतों को सफल नहीं होने दूंगा.’
https://is.gd/z3aUYB #8Ministers, #ProScindiaDidNotResign, #WillNotLetThemSucceedAtAnyCost 8 ministers, pro-Scindia did not resign, will not let them succeed at any cost State #State KISAN SATTA - सच का संकल्प
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मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार में अब 41% पूर्व कांग्रेसी; 28 नए मंत्रियों में 7 शिवराज की टीम से; 9 सिंधिया खेमे से
शिवराज की पुरानी टीम से गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, य रेफरा राजे और विश्वास सारंग मंत्री बने द्रुपुराम चौधरी, महेंद्र सिसोदिया, इमरती देवी और प्रद्युम्न सिंह कमलनाथ सरकार में मंत्री रह चुके हैं शैशवराज की टीम में अब सीएम समेत 34 मंत्री, पिछली बार की मिनी काउंटर हैं। कलाकारों ने शपथ ली थी दैनिक भास्कर […]
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