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#कमर दर्द के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट
khulkarjiyo · 8 months
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Back Pain Yoga: कमर दर्द में कौन सा आसन नहीं करना चाहिए? (Expert की मानें)
Back pain कमर दर्द एक आम स्वास्थ्य समस्या है जो बहुत लोगों को प्रभावित कर सकती हैं इसके लिए कुछ योगाभ्यास करके जीवन शैली में एक सकारात्मक बदलाव किया जा सकता है और कमर दर्द से राहत प्राप्त की जा सकता है। लेकिन अगर सही तरीके से योगासन नहीं किए जाएं तो कमर दर्द ज्यादा बढ़ सकता है। इस लेख में हम इसी बारे में बात करेंगे की कमर दर्द में कौन सा आसान नहीं करने चाहिए और क्यों? कमर दर्द में कौन सा आसन…
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कमर दर्द का घरेलू उपाय | Kamar Dard Ke Gharelu Upay
इंसान का शरीर एक मशीन की तरह है जिसके प्रत्येक अंग हमारे शरीर को चलाने का काम करते हैं। ऐसे में कोई एक ही अंग छतिग्रस्त हो जाए तो मुश्किल बढ़ जाती हैं चाहे वह अंदरूनी अंग हो या फिर बाहरी। ऐसा भी होता है कि हम अपने दर्द (kamar) और परेशानी को छुपा लेते हैं यह सोच कर कि ठीक हो जाएगा पर ऐसा होता नहीं है। हमारी लापरवाही ही किसी भी रोग को बढ़ाने का काम करती हैं, ऐसे में संभल कर रहना होगा।
आज  हम आपको कमर दर्द के (kamar dard ke) बारे में बताएंगे जिससे हम सभी कभी ना कभी ग्रसित रहते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि हमारी जानकारी आपको फायदा पहुंचाएंगी।
क्यों होता है कमर दर्द | kyu hota hai kamar mein dard
आपने महसूस किया होगा कि kamar dard कई बार इतना बढ़ जाता है कि हम किसी भी काम को करने में सक्षम नहीं होते हैं। हमें अपने कमर दर्द के कारण का भी पता होना जरूरी है जिससे जल्द से जल्द कमर दर्द का इलाज किया जा सके।
1). रात में हमेशा सोने की स्थिति पर भी कमर दर्द निर्भर करता है।
2). कई बार कमर के आसपास के इलाकों में वसा का अत्यधिक जमाव होने लगता है जिससे मांसपेशीय खींच जाती है और दर्द का भी अनुभव होता है।
3). कई बार किसी दुर्घटना में अंदरूनी चोट के कारण भी कमर दर्द हो सकती हैं।
4). सोते समय अत्यधिक नरम गद्दे के इस्तेमाल से भी कमर दर्द हो सकती है। ऐसे में थोड़ा कठोर गद्दा ही सही रहता है।
5).  कमर या  पैर के ऑपरेशन के कारण भी कमर दर्द हो सकती है।
6).  कई बार उम्र बढ़ जाने के कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और दर्द का बड़ा कारण बनता है।
7). ज्यादा तनाव लेने के कारण भी तंत्रिका तंत्र से दर्द होता हुआ कमर तक पहुंचता है।
8). लगातार एक ही जगह पर बैठकर काम करते रहने से भी कमर दर्द हो सकती है।
9). किसी दुर्घटना में रीढ़ की हड्डी सिकुड़ने से भी दर्द का अनुभव होता है।
कमर दर्द के घरेलू उपाय | kamar dard ke gharelu upay
1).   सेंधा नमक— आज तक  सेंधा नमक का उपयोग खाने के रूप में किया जाता है  लेकिन अगर आप बहुत ज्यादा कमर दर्द से परेशान हैं, तो आप सेंधा नमक को नहाने वाले पानी में डालकर नहाए। अगर पानी गर्म हो तो और भी अच्छ��� होगा। कुछ दिनों में आपकी सेहत में सुधार आएगा।
2).  आइस पैक— दर्द को कम करने के लिए आइस पैक का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। 10 से 15 मिनट तक आइस पैक को रखने से फायदा होगा।
3).  अनार का जूस— किसी भी जूस को पीना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। ऐसे में आप अनार जूस का सेवन करके कमर दर्द से छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं। आप चाहे तो घर में भी अनार का जूस निकाल सकते हैं। कोशिश करें कि बीज पूरे तरीके से पीस ना पाए।
4).  हल्दी—   हल्दी मे  एंटी ऑक्सीडेंट व एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण है, जो किसी भी दर्द से छुटकारा देते हैं ।अगर आप रात को सोते समय गर्म दूध में हल्दी डालकर पिए तो इससे फायदा होगा और जल्द ही आप का दर्द ठीक हो जाएगा।
5).  एलोवेरा जूस-– एलोवेरा हर घर में उगाया जाता है जो कई बीमारियों को दूर करने का काम करता है अगर आप एलोवेरा जेल में पानी डालकर रोजाना सेवन करें तो इससे भी फायदा होगा।
6).  पारिजात की पत्ती-–  पारिजात का पेड़ बहुत सी बीमारियों से दूर रखता है। ऐसे में कमर दर्द के लिए भी फायदेमंद है। पारिजात की पत्तियों को कूटकर बारीक पाउडर बना लिया जाए  और उसमें पानी डालकर रोज सुबह खाली पेट सेवन किया जाए तो इससे निश्चित रूप से ही फायदा होगा।
7).  गर्म पानी से नहाना– कमर दर्द के होने पर ठंडे के बजाय गर्म पानी से नहाए। यह आपको अंदरुनी रूप से आराम देगा।
8). लहसुन— यह औषधि रूप से बहुत ही गुणकारी है जो किसी भी दर्द से छुटकारा देता है। ऐसे में लहसुन को पीस लें और उसके रस को दर्द वाली जगह पर लगाएं इसे थोड़ी देर के लिए छोड़ दें। इससे आपको फायदा होगा।
9)  अरंडी का तेल— दर्द से राहत देने में कोई भी तेल फायदेमंद है। ऐसे में अगर आप अरंडी के तेल से कमर दर्द में मालिश करें तो इससे फायदा होगा। आपको मालिश नियमित रूप से करना होगा तभी दर्द में सुधार आएगा।
10).  तुलसी— ऐसे कमर दर्द में तुलसी भी फायदेमंद है। घर में लगी तुलसी का रस निकालकर यदि कमर दर्द में लगाया जाए तो यह फायदेमंद होगा। अगर आप चाहे तो तुलसी के पत्तों को चबाकर भी फायदा प्राप्त कर सकते हैं।
सेहत बनाने के घरेलू नुस्खे
कमर दर्द से बचाव | Prevention of Back Pain in Hindi
अगर कमर दर्द हो रहा हो, तो बचाव भी जरूरी है, नहीं तो समस्या बढ़ जाती है।
1).  हमेशा कुर्सी में सीधे होकर बैठना।
2).  हल्का व्यायाम या योग करना।
3).  संतुलित भोजन का उपयोग करना।
4).  एक ही जगह ना बैठना। थोड़े थोड़े देर में जगह बदलते रहना।
5).  भारी सामान ना उठाना।
6).  हमेशा सीधा चलना।
7).   कमर में बेल्ट का उपयोग करना।
कमर दर्द में पेन किलर है नुकसान दायक | kamar dard painkiller hai nuksan dayak
कई बार ऐसा होता है कि किसी भी दर्द के होने पर हम पेन किलर का सेवन करने लगते हैं। काम की व्यस्तता के कारण हमें यह आसान और सुविधाजनक लगता है लेकिन कमर दर्द में पेन किलर नुकसानदायक है। ऐसा भी माना गया है कि ज्यादा पेन किलर का सेवन किडनी के लिए खतरनाक हो सकता है और दूसरी नई समस्याओं का भी जन्म होता है। ऐसे में कमर दर्द के होने पर घरेलू उपाय करें और ज्यादा पेन किलर के सेवन से बचें।
कमर दर्द के लिए आवश्यक योगासन | kamar dard ke liye avashyak yoga asana
कमर दर्द के ज्यादा होने पर अगर इलाज करवाने पर भी आराम ना मिले तो आप इस योगासन के माध्यम से कमर दर्द को ठीक कर सकते हैं। यह आसान है अर्ध उत्तानासन। इससे मांसपेशियां और कमर दर्द में आराम मिलता है इसे जरूर आजमाएं।
सबसे पहले आप सीधे खड़े हो जाएं। हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं। धीरे से नीचे की ओर झुके और पैरों को छूने की कोशिश करें।  अब सिर को जमीन की ओर रखें और कूल्हों को ऊपर की ओर उठाएं।  इस स्थिति में कम से कम 30 सेकंड तक रहे। अपने शरीर के भार को अपने तलवो पर छोड़ दें। इस समय घुटना बिल्कुल सीधा होना चाहिए। अब धीरे से ऊपर की ओर आए और पूर्व स्थिति में आ जाएं इससे आपको फायदा होगा।
इस आसन से कमर दर्द और पैर दर्द में आराम मिलता है इसके साथ ही रीड की हड्डी मजबूत होती है तथा ब्लड प्रेशर में भी सहायक होता है।  इसे जरूर नियमित रूप से करें।
प्रेगनेंसी में कमर दर्द | pregnancy me kamar dard
ऐसा देखा जाता है कि प्रेग्नेंसी के समय में महिलाओं को कमर दर्द होता है। जिसकी वजह से उनका चलना और बैठना भी मुश्किल होता है। ऐसे में कुछ उपाय के माध्यम से इस दर्द को कम किया जा सकता है।
देखा जाता  है कि जैसे दिन बढ़ते हैं, वैसे वैसे बच्चे का विकास होने लगता है। ऐसे में कमर दर्द की समस्या सामान्य है। साथ ही साथ हारमोंस के रिलीज होने पर जोड़ भी ढीले होने लगते हैं और कमर दर्द होने लगता है। ऐसे में आसान तरीका एक्सरसाइज ही है। अगर प्रेगनेंसी में कमर दर्द से राहत चाहिए तो सुबह या शाम टहलने से भी फायदा होगा।
लो बीपी के घरेलू उपाय
आॅफिस मे कमर दर्द | office me kamar dard
कई बार ऐसा भी होता है ऑफिस में लगातार एक जगह बैठे बैठे भी कमर दर्द सताने लगता है। काम की व्यवस्तता आराम नहीं करने देती और लोग लापरवाही बरतने लगते हैं।
ऐसे में कमर दर्द को दूर करने के लिए सही कुर्सी का चुनाव करें और बैठने के तरीके पर भी गौर करना जरूरी है। पैरों को नीचे लटका कर बैठे। हो सके तो पैर के नीचे कुछ ऐसा सामान रखें जिससे पैर को लटकाना  ना पड़े। जब भी समय मिले तो एक्यूप्रेशर का प्रयोग किया जा सकता है जिससे खास पॉइंट के माध्यम से इलाज किया जाता है।
कमर दर्द को गंभीरता से लें | kamar dard ko gambhirta se le
ऐसा होता है कि इन दर्द से परेशान रहते हुए उसे नजरअंदाज करते हैं। ऐसा माना जाता है कि दर्द ही तो है कुछ दिन में ठीक हो जाएगा। अगर दर्द ठीक हो जाए फिर भी थोड़े दिन बाद फिर से उभर जाता है। ऐसे में दर्द को गंभीरता से लें। शुरुआती समय में ही इलाज व ��रेलू उपचार अपनाए  ताकि दर्द बढ़ने ना पाए। ज्यादा उम्र के दर्द को ठीक होने में समय लगता है, जो परेशानी का सबब है। ऐसे में खासतौर से घर में बुजुर्ग हो तो जरूर ध्यान दे। कमर  ही नहीं बल्कि किसी भी दर्द को हल्के में ना लें और खानपान भी बिल्कुल सही रखें।
विज्ञापनों से दूर रहे | vigyapan se dur rahe
हम कई बार समाचार पत्र और टेलीविजन में कई प्रकार के विज्ञापन देखते हैं जो किसी  भी दर्द को दूर करने का दावा करते हैं। ऐसे में इन विज्ञापनों से दूर ही रहें और अपना ध्यान सही उपचार में लगाएं। अगर आप किसी अनुभवी के पास है, तो उनसे सलाह भी लिया जा सकता है। कई बार यह विज्ञापन प्रचार  प्रसार के लिए ही होते हैं अतः ध्यान रखें।
निष्कर्ष
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हमने देखा कि कमर दर्द छोटी मोटी नहीं बल्कि बड़ी और गंभीर समस्या भी हो सकती है। बिना किसी लापरवाही के घरेलू उपाय करना फायदेमंद साबित हो सकता है।  अगर शुरुआत से ही आप सचेत रहें,तो  अच्छा होगा। एक पुराना दर्द भी उभरकर सामने आ जाता है इसलिए विशेष ध्यान रखे।
kamar dard ke gharelu upay मे हमने कोशिश की है जिससे हम आपकी कमर दर्द को लेकर मदद कर सके।  बताए गए kamar dard ke gharelu upay आप आजमा सकते हैं और फायदा ले सकते हैं। नियमित रूप से उपाय करके आप जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगे। खुद का ध्यान रखें और बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर रहें ,यही हमारी कामना है।
Source : http://www.ghareluayurvedicupay.com/kamar-dard-ke-gharelu-upay/
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gethealthy18-blog · 5 years
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एक्यूप्रेशर के फायदे और नुकसान – Acupressure Benefits And Side Effects In Hindi
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एक्यूप्रेशर के फायदे और नुकसान – Acupressure Benefits And Side Effects In Hindi
एक्यूप्रेशर के फायदे और नुकसान – Acupressure Benefits And Side Effects In Hindi Saral Jain Hyderabd040-395603080 December 27, 2019
चिकित्सा जगत में कई प्रकार से बीमारियों का इलाज किया जाता है। कहीं दवाइयों का उपयोग होता है, तो कहीं पर जड़ी-बूटियों का। वहीं, कुछ लोग शारीरिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए योग करते हैं। बीमारियों और शारीरिक समस्याओं को दूर करने का एक और भी तरीका है, जिसे एक्यूप्रेशर के नाम से जाना जाता है। एक्यूप्रेशर की उत्पत्ति प्राचीन काल में चीन में हुई थी और यह कई बीमारियों को ठीक करने में कारगर साबित हो सकता है (1)। वहीं, ध्यान देने वाली बात यह है कि यह तरीका लेख में बताई गई समस्याओं का पूर्ण इलाज नहीं है। किसी भी समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए डॉक्टरी सलाह जरूरी है। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम एक्यूप्रेशर के साथ-साथ एक्यूप्रेशर थेरेपी के फायदे और नुकसान के बारे में आपको विस्तार से बताएंगे।
सबसे पहले हम एक्यूप्रेशर के बारे में बता रहे हैं।
विषय सूची
एक्यूप्रेशर क्या है? – What Is Acupressure in Hindi
एक्यूप्रेशर एक प्रकार की थेरेपी है, जिसका उपयोग प्राचीन काल से ही चीन में कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है। इस थेरेपी को करने के लिए शरीर के कुछ विशेष बिंदुओं को दबाया जाता है। इन बिंदुओं को एक्यूपॉइंट कहा जाता है। एक्यूपॉइंट को दबाने से स्ट्रेस हार्मोन के साथ-साथ अन्य जरूरी हार्मोन को नियंत्रित किया जा सकता है, जो थकावट और दर्द से छुटकारा दिलाने में कारगर हो सकते हैं। इसके अलावा, एक्यूपॉइंट को दबाने पर मांसपेशियों में तनाव पैदा होता है, जो रक्त संचार में सुधार भी करता है (1)।
एक्यूप्रेशर की परिभाषा जानने के बाद अब हम एक्यूप्रेशर के कुछ विशेष पॉइंट के बारे में बात कर लेते हैं।
विशेष एक्यूप्रेशर पॉइंट – Common Acupressure Point Pain in Hindi
माना जाता है कि संपूर्ण मानव शरीर एक्यूपॉइंट का एक समूह है। एक्यूपॉइंट त्वचा की सतह के सबसे करीब होते हैं। इन्हें एक्यूप्रेशर के द्वारा एक्टिव किया जाता है। इनकाे सक्रिय करके कई प्रकार की बीमारियों और शारीरिक समस्याओं का इलाज किया जा सकता है। अलग-अलग बिंदुओं पर दबाव से अलग-अलग प्रभाव होते हैं। एक्यूप्रेशर के तीन अलग-अलग एक्यूपॉइंट बताए गए हैं। इनमें लोकल पॉइंट (एलपी) और डिस्टल पॉइंट (डीपी) दो महत्वपूर्ण एक्यूपॉइंट हैं, जो एक्यूप्रेशर चिकित्सकों द्वारा रोगियों के इलाज के लिए उपयोग किए जाते हैं। एक्यूप्रेशर से इन बिंदुओं पर विभिन्न शारीरिक प्रभाव नजर आते हैं। वहीं, टेंडर पॉइंट (टीपी) तीसरे प्रकार का एक्यूपॉइंट हैं, जो दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है (1)।
एक्यूप्रेशर के पॉइंट के बाद जानते हैं कि इस थेरेपी को कैसे किया जाता है।
एक्यूप्रेशर कैसे करें? – How To Do Acupressure in Hindi
एक्यूपॉइंट को कोहनी, उंगलियों, पैरों, हथेलियों, अंगूठे या विशिष्ट उपकरणों के द्वारा सक्रिय किया जा सकता है। प्राचीन काल के दौरान चीन में पत्थरों की मदद से एक्यूपॉइंट को सक्रिय किया जाता था, जिन्हें बियान स्टोन्स (Bian Stones) के रूप में जाना जाता है। वर्तमान में एक्यूप्रेशर करने के कई उपकरण उपलब्ध हैं (1)। कहीं-कहीं पर मालिश को भी एक्यूप्रेशर की पद्धति में शामिल किया गया है। यहां हम एक्यूप्रेशर करने का तरीका विस्तार से बता रहे हैं (2):
सबसे पहले शरीर में मौजूद एक्यूपॉइंट के बारे में जानकारी सही जानकारी होना जरूरी है।
उसके बाद प्रत्येक एक्यूपॉइंट पर मालिश व दबाव डाला जाता है, ताकि एक्यूपॉइंट सक्रीय हो जाएं।
एक्यूपॉइंट की मालिश कराते समय शांत रहना और सामान्य रूप से सांस लेते रहना जरूरी है।
इन एक्यूपॉइंट पर खुद पर मालिश करने के साथ ही कोई अन्य जानकार भी मालिश करने में मदद कर सकता है।
नोट- एक्यूप्रेशर को हमेशा योग्य प्रशिक्षक की देखरेख में ही करना चाहिए। वह हाथ के साथ-साथ उपकरणों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ध्यान रहे कि अगर आपको इसकी जानकारी नहीं है, तो इसे स्वयं से न करें। एक्यूप्रेशर की जानकारी के बाद आगे आप जानेंगे एक्यूप्रेशर थेरेपी के फायदे के बारे में।
एक्यूप्रेशर के फायदे – Benefits of Acupressure in Hindi
अगर इसे सही तकनीक के साथ किया जाए, तो एक्यूप्रेशर के फायदे शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार से हो सकते हैं। यहां पर एक्यूप्रेशर थेरेपी के फायदे के बारे में बताया जा रहा है, जो इस प्रकार हैं:
1. पीठ दर्द से राहत के लिए एक्यूप्रेशर के फायदे
एक्यूप्रेशर कई प्रकार के दर्द को कम करने में कारगर हो सकता है। उन्हीं में से एक है पीठ का दर्द। शोध के अनुसार, आरिकुलर पॉइंट (कान के बाहरी हिस्से पर मौजूद कुछ प्रमुख हिस्से) पर वैक्सीरिया बीजों (vaccaria seeds) को सावधानीपूर्वक टेप किया गया। परिणाम में पाया गया वैक्सीरिया बीजों की सहायता से सही तरीके से एक्यूपॉइंट के ऊपर दबाव बनाकर पीठ के गंभीर दर्द में (खासकर कमर के निचले हिस्से में) राहत मिल सकती है। हालांकि, इस एक्यूपॉइंट के जरिए पीठ दर्द में किस प्रकार राहत मिलती है, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है (3)।
2. तनाव को दूर करने के लिए एक्यूप्रेशर थेरेपी के फायदे
तनाव को दूर करने के लिए एक्यूप्रेशर एक आसान और सुरक्षित तकनीक हो सकती है। यह नसों पर दबाव के माध्यम से मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। साथ ही यह स्ट्रेस हार्मोन को नियंत्रित करने में भी सहायक साबित होती है, जिससे तनाव को कम किया जा सकता है (1)। वहीं, एक अन्य शोध में पाया गया कि एक्यूप्रेशर से तनाव के साथ-साथ हेमोडायलिसिस की प्रक्रिया के दौरान किडनी रोगियों में होने वाले अवसाद, चिंता और सामान्य मनोवैज्ञानिक समस्या को भी कम किया जा सकता है (4)। किडनी की समस्या से ग्रस्त मरीजों के रक्त को साफ करने के लिए की जानी वाली प्रक्रिया को हेमोडायलिसिस कहा जाता है।
3. लेबर पेन में एक्यूप्रेशर के फायदे
प्रसव के दौरान होने वाली पीड़ा को कम करने में भी एक्यूप्रेसर कारगर हो सकता है। एक वैज्ञानिक शोध में पाया गया कि एड़ी से कुछ इंच ऊपर सानिन्जियाओ (Sanyinjiao) नामक एक्यूपॉइंट होता है। इस पॉइंट पर एक्यूप्रेशर के उपयोग से लेबर पेन को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। ऐसे में यह माना जा सकता है कि एक्यूप्रेशर गर्भवती महिलाओं को प्रसव के दौरान दी जाने वाली देखभाल में फायदेमंद हो सकता है (5)।
4. प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए एक्यूप्रेशर थेरेपी के फायदे
एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, एक्यूप्रेशर के जरिए रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करने में कारगर होता है। एक्यूप्रेशर द्वारा त्वचा की सतह पर उंगलियों के उपयोग से प्रमुख बिंदुओं को दबाए जाने पर मेरिडियन (शरीर के अंदर ऊर्जा को प्रवाहित करने वाली शृंखला) और चक्रों (मानव शरीर में शक्ति के केंद्र) के माध्यम से शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को नियंत्रित किया जा सकता है। माना जाता है कि ऊर्जा का प्रभाव प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान करता है। यह प्रभाव प्रतिरक्षा प्रणाली को बूस्ट करने के साथ-साथ अन्य शारीरिक समस्याओं को भी दूर करने में कारगर हो सकता है (6)।
5. झुर्रियाें को दूर करने के लिए एक्यूप्रेशर के फायदे
एक्यूप्रेशर सेहत के साथ-साथ त्वचा के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। माना जाता है कि दोनों आंखों के किनारों पर एक एक्यूपॉइंट होता है, जिसे टोंग जी लियाओ पॉइंट (Tong Zi Liao Point) कहते हैं। इस एक्यूपॉइंट पर एक्यूप्रेशर करने पर आंखों के रक्त संचार में सुधार होने के साथ-साथ झुर्रियों को दूर करने में मदद मिल सकती है (7)।
एक्यूप्रेशर के फायदे के बाद हम यहां एक्यूप्रेशर के नुकसान के बारे में बता रहे हैं।
एक्यूप्रेशर के नुकसान – Side Effects of Acupressure in Hindi
एक्यूप्रेशर ऐसी थेरेपी है, जो सिर्फ फायदे ही देती है। इससे होने वाले नकारात्मक परिणामों पर शोध की कमी है, लेकिन व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर एक्यूप्रेशर के नुकसान हैं, जिनके बारे में नीचे बताया जा रहा है:
भोजन, अल्कोहल या नशीले पदार्थों के सेवन के बाद हानिकारक परिणामों से बचने के लिए एक्यूप्रेशर नहीं करना चाहिए (1)। यहां हम स्पष्ट कर दें कि अल्कोहल, धूम्रपान और नशीले पदार्थों का सेवन किसी भी तरह से लाभकारी नहीं है।
 सूजन, चोट व जख्म होने पर भी एक्यूप्रेशर नहीं करना चाहिए। इन स्थानों पर किया गया एक्यूप्रेशर कुछ दुष्परिणाम प्रदर्शित कर सकता है (1)।
गर्भवती महिलाओं को पेट पर एक्यूप्रेशर कराने से बचना चाहिए, नहीं तो हानिकारक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं (1)।
गंभीर हृदय संबंधी समस्याओं के मामले में व्यक्तियों को रक्तचाप में मामूली गिरावट के कारण एक्यूप्रेशर से बचना चाहिए (1)।
उच्च दबाव किसी भी अंग को नुकसान पहुंचा सकता है, जबकि कम तीव्रता का दबाव दर्द को ठीक करने में असफल साबित हो सकता है (1)।
अगर गलत एक्यूपॉइंट पर दबाव डाला जाए, तो जिस समस्या के लिए एक्यूप्रेशर किया जा रहा है, उस पर कोई असर नहीं होता। वहीं, संभव है कि इसकी वजह से कोई अन्य परेशानी हो जाए।
पुरानी और गंभीर बीमारी को ठीक करने में एक्यूप्रेशर फायदेमंद नहीं हो सकता।
इस आर्टिकल में आपने जाना कि एक्यूप्रेशर भी एक प्राचीन चिकित्सा पद्धती का प्रमुख भाग रहा है। यह ऐसी थेरेपी है, जो बिना किसी ऑपरेशन, एक्सरसाइज और दवाइयों के बीमारी को काफी हद तक कम करने में कारगर हो सकती है। आपने इस चिकित्सा और इसके लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की और साथ ही जाना कि यह थेरेपी कितनी फायदेमंद है। तो आज ही एक्यूप्रेशर के जानकार से एक्यूपॉइंट के बारे में जानकर लेकर इस थेरेपी का लाभ लें। साथ ही ध्यान रखें कि इसे स्वयं न करें, बल्कि प्रशिक्षित डॉक्टर से उपचार कराएं। यह आर्टिकल आपके लिए किस प्रकार से फायदेमंद रहा नीचे दिए कमेंट बॉक्स में अपनी बात शेयर करना न भूलें।
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Saral Jain
सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ. सी. वी. रमन विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ से पत्रकारिता में बीए किया है। सरल को इलेक्ट्रानिक मीडिया का लगभग 8 वर्षों का एवं प्रिंट मीडिया का एक साल का अनुभव है। इन्होंने 3 साल तक टीवी चैनल के कई कार्यक्रमों में एंकर की भूमिका भी निभाई है। इन्हें फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, एडवंचर व वाइल्ड लाइफ शूट, कैंपिंग व घूमना पसंद है। सरल जैन संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी व कन्नड़ भाषाओं के जानकार हैं।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/acupressure-ke-fayde-aur-nuksan-in-hindi/
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