#कच्चे पपीता खाने से क्या होता है?
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कच्चा पपीता चोखा यकृत बंधु खाद्य व्यंजन | Raw Papaya Chokha Recipe in Hindi
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परिचय पपीता चोखा रेसिपी बिल्कुल आसान है जिससे यह पौष्टिक शाकाहारी व्यंजन को कम समय में तैयार किया जा सकता है। ��यह व्यंजन की मुख्य सामग्री ताज़ा हरा पपीता है। कच्चा पपीता चोखा,यह सब्ज़ी स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। प्रधानतः यह व्यंजन भारत के पूर्वीय क्षेत्रों में जैसे कि पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा में अधिक लोकप्रिय है।यह व्यंजन पूर्णतः सात्विक है एवं एक उपादेय खाद्य है।यह व्यंजन को…
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Pregnancy में क्या खाएं? | Pregnancy Food in Hindi
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Pregnancy Food in Hindi : नमस्कार दोस्तों, मैं आपको बताने वाली हूँ, कि Pregnancy में क्या खाएं? हर औरत का सपना होता है। कि उसका बच्चा दुनिया मे आए, तो वह हेल्थी और स्ट्रोंग हो। महिलाएं जब Pregnant होती है। तो वह अपने बेबी के हेल्थी होने के ��िए न जाने कितने नुस्खे ढूंढती है। ना जाने क्या-क्या खाती है। फिर भी उनका बेबी हेल्थी नही होता। और इस वजह से वह टेंशन भी बहुत ज्यादा लेती है। जबकि Pregnancy में महिलाओं को खुश रहना चाहिए। और खुद का और अपने बेबी का अच्छे से ख्याल रखना चाहिए। एक Pregnant महिला के लिए पौष्टिक आहार लेना बहुत जरूरी है। क्योंकि बच्चे और माँ दोनो की हेल्थ पर बुरा असर न पड़े। आइये दोस्तों, मैं आपको बताती हूँ। कि आप Pregnancy में क्या खाएं? जिससे आपका बेबी हेल्थी हो। Pregnancy में फल खाएं। Pregnency में हर महिला को पूरे दिन में अपने खाने में फल जरूर शामिल करने चाहिए। कम से कम 5 तरह के फल खाने चाहिए। अनार, सेब, केला, नाशपाती, संतरा। आप चाहे तो फलो का जूस भी पी सकती हैं। इससे आपका बेबी हेल्थी होगा। और आप भी हेल्थी रहोगी। सूखे मेवे खाए। Pregnancy के दौरान हर महिला को पूरे दिन में अलग अलग तरह के सूखे मेवे खाने चाहिए। जैसे काजू, किशमिश, बादाम, खजूर आदि। सूखे मेवे में पोषक तत्व अधिक मात्रा में मौजूद होते है। इनमे विट��मिन्स, मिनिरल्स, आयरन इत्यादि होते है। जो आपके शिशु और आपके लिए बहुत फायदेमंद है। इससे आपका खून भी बढ़ेगा। और आपके बेबी और आपकी हड्डियां मजबूत होगी। हरी पत्तेदार सब्जियां खाए। Pregnancy में बच्चे की हेल्थ व माँ दोनो के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां बहुत जरूरी होती है। हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी, फली, बिन्स आदि खाएं। क्योंकि इनमें विटामिन, केल्शियम, पोटेशियम, आयरन, फाइवर, प्रोटीन भरपूर मात्रा में मिलते है। जो बच्चे और माँ दोनो के लिए जरूरी है। बच्चे के विकास के लिए उसकी हड्डियों की मजबूती के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां प्रेग्नेंट महिला के आहार में जरूर शामिल करें। Pregnancy में दाल खाएं। Pregnancy के दौरान महिला को अपने भोजन में अलग-अलग तरह की दालों को शामिल करना चाहिए। जैसे मूंग दाल, मसूर दाल, अरहर की दाल ,दालों से बनी खिचड़ी, राजमा, छोले आदि अपने भोजन में जरूर शामिल करनी चाहिए। क्योंकि इनमें भरपूर मात्रा में फाइवर केल्शियम आयरन प्रोटीन आदि पाए जाते है। जो कि बच्चे के हेल्थ के लिए जरूरी है। और इससे महिला व बच्चे में रोगो की समस्या दूर रहती है। दूध व अंडा खाएं। Pregnancy में महिला को प्रतिदिन अंडा और दूध अपने आहार में जरूर शामिल करने चाहिए। क्योंकि इनमें प्रोटीन कैलोरी पोषक तत्व वसा विटामिन खनिज लवण शामिल होते है। जो कि Pregnancy में बहुत लाभदायक होते है। Pregnancy में सबूत अनाज खाए। Pregnancy में महिला को दूसरे तीसरे माह में अपने आहार में साबुत अनाज जैसे ओट्स, भूरे चावल, किनोआ आदि जरूर शामिल करना चाहिए। क्योंकि इनमें अधिक मात्रा में कैलोरी, विटामिन बी, मैग्नीशियम प्रोटीन आदि भरपूर मात्रा में मिलते है। जो कि बच्चे के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। शुद्ध जल का सेवन करे। Pregnancy के दौरान महिला को शुद्ध जल का सेवन करना चाहिए। इससे उसके गर्भ में परेशानी नहीं होती। बच्चा भी गर्भ में सही से ��हता है। और जल को उबाल कर पीना चाहिए। पूरे दिन में थोड़े-थोड़े अंतराल में पानी का सेवन करना चाहिए। इससे आपको डिलीवरी के टाइम परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। और पानी की कमी भी नही होगी। बिना वसायुक्त मांस खाएं। प्रेगनेंट महिला को बिना वसा युक्त मास का सेवन जरूर करना चाहिए। क्योंकि इनमें प्रचुरमात्रा में आयरन जिंक लोह तत्व विटामिन बी आदि पाए जाते है। जो कि हीमोगलिबिन व आयरन की कमी को दूर करता है। क्योंकि आमतौर पर Pregnant महिलाओं में ये कमी हो जाती है। इसलिए अपने आहार मे वसायुक्त मास जरूर शामिल करें। प्रेगनेंसी में ये चीजें भूल कर भी न खाए। * कच्चा पपीता न खाएं। *नशीले पदार्थ से दूर रहे। * जंक फूड से बचे। *ज्यादा तेल मसाले वाले पदार्थ न खाए। *अंगूर, अनानास न खाए। *ब्लैक टी, कॉफी न पिए। *कच्चे अंडे, कच्चा मास न खाएं। * मिट्टी चोक भी न खाएं। – जेनब खान Read the full article
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हाई ब्लड प्रेशर के घरेलू उपाय
जैसा की सर्वविदित है कि हमारी इस दुनिया में आने पर हमें कोई ना कोई समस्या बनी ही रहती हैं फिर वह सामाजिक, शारीरिक, मानसिक किसी भी रूप में हो सकती है। अगर शारीरिक रूप से बात की जाए तो कई सारी बीमारी की समस्या हमें घेरे रहती है। इन बीमारियों को बढ़ने से रोकना हमारे ही हाथों में होता है। आज हम बात करेंगे हाई ब्लड प्रेशर के बारे में, जो आज एक सामान्य शारीरिक समस्या नजर आती है।
क्या है हाई ब्लड प्रेशर | Kya Hai High Blood Pressure
सामान्य सी नजर आने वाली यह बीमारी कभी-कभी अपना घातक स्वरूप भी दिखा देती है। जिसमें दिल की धमनी में रक्त का प्रवाह सामान्य से कहीं ज्यादा हो जाता है। सही समय पर इस बीमारी का पता लगाना और उस पर नियंत्रण होना जरूरी होता है। सामान्य से दिखने वाली बीमारी बाद में बड़ी बीमारी का रूप ले लेती है और हमें पता भी नहीं चलता। ऐसे में अपना ध्यान रखें।
हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण | High Blood Pressure Ke Lakshan In Hindi
इस बीमारी से बचाव के लिए इसके लक्षणों का पता होना जरूरी है ताकि नियमित इलाज कराया जा सके।
1) थकान महसूस होना – कभी-कभी बहुत काम करते करते थक जाते हैं और इस बात को गंभीरता से नहीं लेते पर क्या आप जानते हैं कि बार-बार थकान होना हाई ब्लड प्रेशर के शुरुआती लक्षण होते हैं।
2) सिर दर्द होना — कई बार ऐसा भी होता है कि बार-बार सिर दर्द होता है और हमें ऐसा लगता है कि ऐसा थकान या किसी और वजह से हो रहा है लेकिन एक सर्वे के अनुसार लगातार सिर दर्द बना रहना हाई ब्लड प्रेशर के लक्षणों में से एक होता है।
3) दिल की धड़कनों का अनियमित होना — कभी-कभी हमें ऐसा महसूस होता है कि दिल की धड़कन सामान्य गति से कहीं ज्यादा चल रही है। यह गति कुछ अनियमित हो गई है ऐसे में सचेत हो जाएं क्योंकि यह बढ़े ब्लड प्रेशर का ही संकेत है।
4) सांस लेने में तकलीफ होना — कई बार सांस लेने में तकलीफ होना भी देखा गया है। शुरुआत में तो हम समझ नहीं पाते पर यह भी कहीं ना कहीं हाई ब्लड प्रेशर का ही लक्षण है।
क्या है हाई ब्लड प्रेशर होने की वजह
1) खाने में नमक की अधिकता — कई बार लोग अधिक नमक युक्त भोजन करना पसंद करते हैं बिना इस बात की परवाह किए कि यह हमारे लिए बहुत नुकसानदायक है। जब भी किसी व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है, तो इसकी सबसे बड़ी वजह खाने में अधिक नमक का होना है।
2) मोटापा — अगर आपका वजन पिछले कुछ दिनों से बढ़ता ही जा रहा है, तो यह चिंता का विषय है। क्योंकि मोटापा हाई ब्लड प्रेशर की एक मुख्य वजह है। यही कारण है कि डॉक्टर भी हमेशा मोटापा कम करने की सलाह देते हैं।
3) व्यायाम ना करना — लोग अपनी दिनचर्या में इतना व्यस्त होते हैं कि व्यायाम करने का समय नहीं मिलता और हाई ब्लड प्रेशर का शिकार हो जाते हैं। कोशिश करके आधे घंटे ही सही व्यायाम अवश्य ही करें।
4) तनाव लेना — जो लोग किसी न किसी समस्या से तनाव में रहते हैं, उन्हें हाई ब्लड प्रेशर की समस्या आसानी से हो सकती है। ऐसे में तनाव से दूर रहने की कोशिश करें।
5) धूम्रपान करना — आज की युवा पीढ़ी धूम्रपान की आदि होती जा रही है, जो बाद में घातक रूप धारण कर लेती है। यह कई बीमारियों को भी न्योता देती हैं और उनमें एक मुख्य बीमारी हाई ब्लड प्रेशर की भी है।
हाई ब्लड प्रेशर को ठीक करने के घरेलू उपाय | High blood Pressure ko thik karne ke gharelu upay
आप अगर चाहे तो अपनी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को हमारे बताएं gharelu नुस्खे से भी ठीक कर सकते हैं।
1) नींबू — इस समस्या से बचने के लिए एक गिलास गर्म पानी में यदि आप एक नीबू निचोड़ कर उसका 1 दिन में 2 बार सेवन करे, तो इससे आपको बहुत ही फायदा होने वाला है।
2) दालचीनी — अगर आप दालचीनी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग खाने के रूप में करें तो यह आपको फायदा पहुंचाएगा। अगर आप चाहे तो इस का पाउडर बनाकर भी रखा जा सकता है।
3) कढ़ी पत्ते — आपने देखा होगा कि घर में बनने वाले कुछ व्यंजनों में कढी़ पत्ते डाले जाते हैं। यह सिर्फ जायका हीं नहीं बदलते बल्कि हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करते हैं। आप चाहे तो कड़ी पत्तों को गरम पानी में उबालकर और उसे छानकर भी पी सकते हैं इससे निश्चित रूप से आप को फायदा होगा।
4) कद्दू के बीज — जब भी कोई व्यंजन बनाया जाए तो उनमें कद्दू के बीज डालने पर ब्लड प्रेशर में सुधार आता है। इसमें उपस्थित मैग्नीशियम यूरिन के अतिरिक्त सोडियम को ��ाहर निकालने का काम करते हैं ऐसे में कद्दू के बीज आवश्यक रूप से ले।
5) प्याज और शहद — अगर आप एक प्याज को पीसकर उसमें शहद का सेवन करें तो निश्चित रूप से इससे आपका हाई ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहेगा।
6) ओटमील — अगर आप अपने नाश्ते में नियमित रूप से या दो दिन में एक बार ओटमील का सेवन करें इससे आपको फायदा होगा। ओटमील में हाई फाइबर और लो फैट होता है, जो ब्लड प्रेशर को सही रखता है।
7) दही — अपने बढ़ते हुए ब्लड प्रेशर को कम करने के इच्छुक हैं, तो रोजाना दही का सेवन करें इससे आपको फायदा होगा और ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहेगा।
8) चुकंदर — अगर आप चुकंदर का उपयोग करें तो यह भी फायदेमंद होगा। चुकंदर में नाइट्रिक एसिड है, जो ब्लड वेसल में प्रेशर को कम करने का काम करता है। इसका सेवन आप सलाद या जूस के रूप में भी कर सकते हैं।
9) लहसुन — अगर आप नियमित रूप से लहसुन का उपयोग करें तो आपको इस में उपस्थित नाइट्रिक ऑक्साइड की वजह से बढ़ता हुआ ब्लड प्रेशर को कम करने में मददगार होगा। आप चाहे तो कच्चे लहसुन का सेवन भी कर सकते हैं।
10) आंवला — अगर आप लगातार High blood Pressure से दो-चार हो रहे हो, तो आंवला का सेवन किया जा सकता है। आप चाहे तो इसका उपयोग पाउडर के रूप में या कच्चा ही खाया जा सकता है।
11) हल्दी — हल्दी कई रोगों के लिए कारगर है। ऐसे में अगर आप हल्दी का सेवन करें तो इसमें उपस्थित तत्व करक्यूमिन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखता है। आप अगर दूध में हल्दी डालकर पिए तो यह भी फायदेमंद होगा।
12) सेब का सिरका — अगर आप गर्म पानी के साथ सेब के सिरके का उपयोग करें तो यह भी ब्लड प्रेशर को कम करने का काम करता है।
यह जूस भी है फायदेमंद हाई ब्लड प्रेशर में
अगर आप खानपान के अलावा कुछ विशेष जूस का उपयोग करें तो इस से भी अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखा जा सकता है।
1) अनार का जूस – अगर आप High blood Pressure के शिकार हैं, तो अनार का जूस फायदेमंद होगा। दरअसल अनार में विटामिन और पोटेशियम भरपूर मात्रा में होता है, जो ब्लड प्रेशर को कम करने में सहायक है। इसमें पाया जाने वाला एंजाइम ब्लड प्रेशर को बढ़ने से भी रोकता है।
2) संतरे का जूस – संतरे में विटामिन भरपूर मात्रा में होती है साथ ही साथ फोलेट, पोटेशियम, बायोफ्लेवोनाइड्स भी होते हैं, जो बढे़ हुए ब्लड प्रेशर को कम करने में सहायक है। अतः ऐसे संतरे के जूस का इस्तेमाल अवश्य करें।
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हाई ब्लड प्रेशर मरीज का कैसा हो आहार
हाई ब्लड प्रेशर के मरीज को अपना आहार सोच समझ कर लेना होगा जिससे कम से कम नुकसान हो सके।
1) ऐसे में मरीजों को कम से कम नमक का सेवन करना चाहिए।
2) ऐसे में हल्का भोजन ही करें साथ ही साथ कम से कम मसालेदार भोजन ही करें।
3) अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा फल और हरी सब्जियों का उपयोग करना चाहिए ताकि सेहत में सुधार हो सके।
4) अपने आहार में अजवाइन, मुनक्का और अदरक का सेवन आवश्यक रूप से करें।
5) फलों में भी अंगूर, ��पीता, सेब, संतरा, आवंला का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें।
6) दिन में 8 से 10 गिलास पानी का सेवन करें इससे शरीर को पोषण की कमी नहीं हो पाती है।
7) अगर आपको पसंद हो तो बाजरा, ज्वार, मूंग, अंकुरित दालों का सेवन करना चाहिए।
8) सब्जियों के रूप में तोरई, पुदीना, परवल, कद्दू, करेला आदि का सेवन करना आवश्यक माना गया है।
युवा आए हाई ब्लड प्रेशर की चपेट में
आज के समय में High blood Pressure की समस्या बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में खान-पान का ध्यान रखने की आवश्यकता है। ऐसा देखा जा रहा है कि ज्यादातर युवा वर्ग 25 से 30 वर्ष के लोग इस से पीड़ित हो रहे हैं इसका कारण उनका खान-पान और जीवनशैली है। अक्सर युवा वर्ग लापरवाही करते हुए खाना खा लेते हैं जो स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। एक वजह है कि एक ही जगह पर बैठकर घंटों काम करते रहते हैं। जो सही नहीं है। ऐसे में युवाओं में यह समस्या बढ़ती ही जा रही है तो उन्हें अपनी दिनचर्या और खान-पान को व्यवस्थित रखना होगा तभी इस बीमारी को दूर किया जा सकेगा।
कितना ब्लड प्रेशर होता है अनिवार्य
ब्लड प्रेशर उम्र के हिसाब से भी नियंत्रित होना अनिवार्य है। ऐसा देखा गया है कि 50 वर्ष से अधिक पुरुषों का ब्लड प्रेशर 131- 87mmhg और महिलाओं का 130– 86 Mmhg होना चाहिए।
वही 60 साल से अधिक के लोगों का ब्लड प्रेशर पुरुषों में 135 — 88 Mmhg और महिलाओं में 134 –84 Mmhg होना चाहिए। समय समय पर अपना ब्लड प्रेशर जांच करवाना चाहिए।
युवा वर्ग में देखा जाए तो 15 से 18 वर्ष की उम्र के लड़कों का 117 — 77 Mmhg और लड़कियों का 120 — 85 Mmhg होना अनिवार्य माना गया है।
19 से 24 वर्ष के लड़कों और लड़कियों का 120 — 79 Mmhg तक ब्लड प्रेशर होना जरूरी है।
इसके बाद 30 से 40 वर्ष के पुरुषों का ब्लड प्रेशर 122– 81 Mmhg और महिलाओं का 123 — 82 Mmhg होना चाहिए।
निष्कर्ष
इस प्रकार से High blood Pressure ke gharelu upay में हमने जाना कि ब्लड प्रेशर को सामान्य रखना आवश्यक है जिससे कई बीमारियों से बचा जा सके। इसके लिए अपने जीवनशैली और खानपान का विशेष ध्यान रखे और पूरा आराम करें। जब तक आप खुद का ख्याल नहीं रखेंगे, तब तक परिवार का ध्यान नहीं रख पाएंगे। स्वस्थ रहें और सुरक्षित रहें, हमारी यही कामना है।
Source : https://www.ghareluayurvedicupay.com/high-blood-pressure-ke-gharelu-upay/
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हरे सेब के फायदे और नुकसान – Green Apple Benefits and Side Effects in Hindi
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हरे सेब के फायदे और नुकसान – Green Apple Benefits and Side Effects in Hindi
आहार में सेब को शामिल करने के फायदे आपने जरूर सुने होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि लाल सेब की तरह ही हरे सेब भी सेहत के लिए लाभकारी होते हैं। माना जाता है कि हरे सेब का सेवन आंतरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ त्वचा पर भी सकारात्मक प्रभाव दिखा सकता है। आप सोच रहे होंगे कि इन लाभ के लिए हरे सेब काम कैसे करते हैं? इस सवाल का जवाब आपको स्टाइलक्रेज के इस लेख में मिलेगा। इस लेख को पढ़कर आपको हरे सेब के फायदे और इसके उपयोग संबंधी जानकारी मिलेगी। साथ ही लेख के अंत में हरे सेब के नुकसान भी बताए गए हैं। लेख में आगे बढ़ने से पहले, पाठक इस बात पर जरूर ध्यान दें कि हरा सेब लेख में बताई गई किसी भी समस्या का इलाज नहीं है, लेकिन यह इनके प���रभाव को कुछ हद तक कम करने में एक सहायक भूमिका जरूर निभा सकता है।
लेख में आगे बढ़ने से पहले आइये जानते हैं कि शरीर के लिए हरे सेब के फायदे क्या हैं।
विषय सूची
हरे सेब के फायदे – Benefits of Green Apple in Hindi
सेब के विभिन्न प्रकार माने गए हैं। बेशक, ये रंग और रूप में अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन हमें स्वस्थ रखने में ये सभी लगभग समान रूप से काम करते हैं। हालांकि, इनमें मौजूद पोषक तत्व लगभग एक जैसे ही होते हैं, लेकिन उनकी मात्रा में थोड़ा फर्क हो सकता है। सेब का ऐसा ही एक प्रकार है “ग्रैनी स्मिथ एप्पल (Granny Smith apples)”, जिसे आम भाषा में हरा सेब कहा जाता है। आइए, विस्तार से जानते हैं सेहत के लिए हरे सेब के फायदे।
1. लिवर के लिए हरे सेब के फायदे
सेब में कई प्रकार के फाइटोकेमिकल्स पाए जाते हैं और इन्हीं में से एक है क्वेरसेटिन (Quercetin)। यह एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो लिवर को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने और स्वस्थ रखने में लाभदायक हो सकता है। इसके साथ ही, सेब के छिलकों में पाए जाने वाले खास एंटीऑक्सीडेंट गुण लिवर को कैंसर के खतरे से बचाने में भी लाभदायक हो सकते हैं (1)। लिवर के लिए हरे सेब के फायदे उठाने के लिए रोज सुबह एक सेब खाया जा सकता है (2)।
2. फेफड़ों के लिए हरे सेब के फायदे
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन (NCBI) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में पाया गया है कि फल और सब्जियों का सेवन महिलाओं में लंग्स कैंसर के खतरे को 21 प्रतिशत तक कम कर सकता है। लंग्स कैंसर के इस खतरे को कम करने में हरे सेब में मौजूद फ्लावोनोइड प्रभावी पाया गया है। वहीं, शोध में शामिल 10,000 पुरुषों और महिलाओं पर किए गए परीक्षण में फ्लेवोनॉयड के सेवन और फेफड़ों के कैंसर के मध्य विपरीत संबंध देखा गया है। फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन एक ग्रीन एप्पल का सेवन किया जा सकता है (1)। ध्यान रहे कि कैंसर जैसी स्थितियों में घरेलू उपाय की जगह डॉक्टरी इलाज करवाएं।
3. हड्डियों के लिए हरे सेब के फायदे
हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए कई तरह के पोषक तत्वों की आवश्यकता होता है, जैसे कैल्शियम, प्रोटीन, मैग्नीशियम, फास्फोरस और पोटेशियम। इनके साथ ही कुछ अन्य खनिज जैसे कॉपर, आयरन, जिंक, विटामिन-ए और विटामिन-के भी हड्डियों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। ये पोषक तत्व बोन मास बढ़ाने के साथ-साथ हड्डियों को मजबूत रखने में सहायक माने जाते हैं (3) यहां हरे सेब के लाभ देख��� जा सकते हैं, क्योंकि यह उपरोक्त बताए गए सभी पोषक तत्वों से समृद्ध होता है (4)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि हरे सेब के उपयोग से हड्डियों को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है।
4. वजन कम करने में सहायक
सेब का सेवन वजन कम करने के उपाय के रूप में किया जा सकता है। सेब की इस कार्यप्रणाली के पीछे इसमें मौजूद पॉलीफेनोल्स काम करते हैं। ये पॉलीफेनोल्स एंटी-ओबेसिटी गुण को प्रदर्शित करते हैं और शरीर से फ्री रेडिकल्स और फैट टिश्यू को कम करके वजन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। फिलहाल, वजन नियंत्रण में हरे सेब के बेहतर प्रभाव जानने के लिए अभी और शोध की आवश्यकता है (5)।
5. त्वचा के लिए हरे सेब के फायदे
कच्चे हरे सेब के उपयोग की बात करें तो इसके फल का सिर्फ गूदा ही नहीं, बल्कि छिलका भी त्वचा के लिए फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, इसमें मौजूद टैनिन एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट तो होता ही है, साथ ही यह त्वचा के लिए एक प्रभावी एसट्रिनजेंट की तरह भी काम करता है। एसट्रिनजेंट, त्वचा के रोमछिद्रों को छोटा करने में मदद करते हैं। इसके साथ ही, हरे सेब के छिलके का उपयोग त्वचा से सीबम के स्राव को नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है (6)। त्वचा को स्वस्थ रखने के उपाय के रूप में हरे सेब का उपयोग नीचे बताए गए तरीकों से किया जा सकता है –
सामग्री :
दो से तीन हरे सेब के छिलके
छाछ (आवश्यकतानुसार)
विधि :
सेब के छिलकों को धूप में सूखा लें।
जब वे अच्छी तरह सूख जाएं तो उन्हें पीस कर पाउडर बना लें।
अब एक बाउल में इस पाउडर को लें और उसमें जरूरत अनुसार छाछ मिलाकर पेस्ट बना लें।
इस पेस्ट को ब्रश या उंगलियों की मदद से चेहरे पर लगाएं।
लगभग 15 से 20 मिनट के बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
इसके अलावा, त्वचा के लिए हरे सेब के गुदे का भी उपयोग किया जा सकता है।
सामग्री :
आधा हरा सेब (कटा हुआ)
आधा चम्मच शहद
एक चम्मच दही
विधि :
हरे सेब को ब्लेंडर में डाल कर पेस्ट बना लें।
अब इस पेस्ट को एक बाउल में निकाल लें और बची हुई दोनों सामग्री डालकर अच्छी तरह मिला लें।
इसके बाद, इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और लगभग 20 मिनट के लिए छोड़ दें।
20 मिनट के बाद चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें।
अंत में तौलिये से थपथपा पर चेहरा पोंछें और मॉइस्चराइजर लगाएं।
लेख के अगले भाग में जानिए हरे सेब में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में।
हरे सेब के पौष्टिक तत्व – Green Apple Nutritional Value in Hindi
नीचे ��िए गए टेबल की मदद से जानिए हरे सेब में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में (4)।
पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम पानी 85.46 ग्राम ऊर्जा 58 kcal प्रोटीन 0.44 ग्राम फैट 0.19 ग्राम कार्बोहाइड्रेट 13.61 ग्राम फाइबर 2.8 ग्राम शुगर 9.59 ग्राम मिनरल कैल्शियम 5 मिलीग्राम आयरन 0.15 मिलीग्राम मैग्नीशियम 5 मिलीग्राम फास्फोरस 12 मिलीग्राम पोटेशियम 120 मिलीग्राम सोडियम 1 मिलीग्राम जिंक 0.04 मिलीग्राम कॉपर 0.031 मिलीग्राम सिलेनियम 0.1 माइक्रोग्राम मैंगनीज 0.044 मिलीग्राम विटामिन थियामिन 0.019 मिलीग्राम राइबोफ्लेविन 0.025 मिलीग्राम नियासिन 0.126 मिलीग्राम पैंटोथैनिक एसिड 0.056 मिलीग्राम विटामिन-बी 6 0.037 मिलीग्राम फोलेट, टोटल 3 माइक्रोग्राम कोलीन 3.4 मिलीग्राम विटामिन-ए RAE 5 माइक्रोग्राम विटामिन-ए, आईयू 100 आईयू विटामिन-ई 0.18 मिलीग्राम विटामिन-के 3.2 माइक्रोग्राम
लेख के अगले भाग में जानिए हरे सेब के उपयोग के बारे में।
हरे सेब का उपयोग – How to Use Green Apple in Hindi
कैसे करें उपयोग :
रोज सुबह एक साबुत हरे सेब का सेवन किया जा सकता है।
सेब का जूस निकालकर भी पी सकते हैं।
ओटमील और ड्राई फ्रूट्स के साथ हरे सेब के छोटे छोटे टुकड़े मिलाकर खाए सकते हैं।
दूध में पपीता, संतरा और हरा सेब डालकर स्मूदी बनाई जा सकती है।
एक बाउल में ग्रेपफ्रूट, हरा सेब और ड्राई फ्रूट्स (अखरोट और बादाम) मिलाकर खा सकते हैं।
कब और कितना करें उपयोग :
सुबह नाश्ते में एक हरे सेब का सेवन किया जा सकता है (7)।
इस लेख के आखिरी भाग में जानिए कि क्या हरे सेब के नुकसान भी हो सकते हैं?
हरे सेब के नुकसान – Side Effects of Green Apple in Hindi
कुछ मामलों में हरे सेब के उपयोग से निम्नलिखित दुष्प्रभाव सामने आ सकते हैं (8) (9) –
ओरल एलर्जी सिंड्रोम (होठों, जुबान और गले में सूजन व खुजली)
हे फीवर (एक तरह की एलर्जी, जिसमें आंखों और नाक में खुजली होती है और पानी आता है)
इसके साथ ही, गर्भावस्था में सेवन करने से हरे सेब के नुकसान हो सकते या नहीं, इस पर ज्यादा शोध उपलब्ध नहीं है। इसलिए, इस दौरान हरे सेब के उपयोग से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य कर लें।
इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद आप हरे सेब के फायदे से अच्छी तरह परिचित हो गए होंगे। फायदों के साथ, अब आपको हरे सेब के उपयोग से जुड़ी जानकारी भी मिल चुकी होगी और आप समझ गए होंगे कि इसका इस्तेमाल कितनी मात्रा में किया जा सकता है। अनियंत्रित रूप से उपयोग करने के कारण हरे सेब के नुकसान भी हो सकते हैं, जिसके बारे में भी हमने इस लेख में बताया है। तो अब देर किस बात की, आज ही से अपने आहार में इसे शामिल करें और इसके लाभ उठाएं।
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सौम्या व्यास ने माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय, भोपाल से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बीएससी किया है और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ जर्नलिज्म एंड न्यू मीडिया, बेंगलुरु से टेलीविजन मीडिया में पीजी किया है। सौम्या एक प्रशिक्षित डांसर हैं। साथ ही इन्हें कविताएं लिखने का भी शौक है। इनके सबसे पसंदीदा कवि फैज़ अहमद फैज़, गुलज़ार और रूमी हैं। साथ ही ये हैरी पॉटर की भी बड़ी प्रशंसक हैं। अपने खाली समय में सौम्या पढ़ना और फिल्मे देखना पसंद करती हैं।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/hare-seb-ke-fayde-aur-nuksan-in-hindi/
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दवा से कम नहीं कच्चा #पपीता, होते हैं कई फायदे
दवा से कम नहीं कच्चा #पपीता, होते हैं कई फायदे
दवा से कम नहीं कच्चा #पपीता, होते हैं कई फायदे
#पपीता विटामिनका अच्छा स्त्रोत माना जाता है क्योंकि पपीते में विटामिन ए, सी, ई मैग्नीशियम और पोटेशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है. पका पपीता सेहत के लिए फायदेमंद होता है और खाने में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है. पके पपीते के फायदे तो हममें से ज्यादातर लोग जानते ही हैं, लेकिन क्या आप कच्चे पतीते (Raw Papaya) के फायदों के बारे जानते हैं? कच्चे पपीते…
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#Not less than raw Papaya#Papaya#HINDI NEWS IN JAIHINDTIMES#JAIHIND TIMES IN HINDINEWS#JAIHINDTIMES JAIHINDTIMES#contains many benefits
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मिनटों में हो जायेगा चेहरा सुन्दर
सुंदर दिखना हर किसी की चाहत होती है। इसके लिए जरूरी नहीं है कि आप मंहगे उत्पाद का प्रयोग करें या ब्यूटी पार्लर का रुख करें। चेहरे की खूबसूरती को निखारने के लिए जरूरी है कि आप इसका खास खयाल रखें। जानिए कुछ आसान उपाय जिनसे आपकी खूबसूरती निखार जाएगी और रौनक बरकरार रहेगी।
कच्चे दूध में रूई का फाहा भिगोकर चेहरा साफ़ करने से कील मुहाँसे और झाँई दूर होकर त्वचा स्वस्थ बनती है।
हल्दी और चंदन का चूर्ण दूध में भिगोकर चेहरे पर लगाने से थकी और मुरझाई त्वचा स्वस्थ होती है।
तरबूज़ के रस को चेहरे पर लगाएँ और सूख जाने पर धो दें। इससे दाग धब्बे दूर होते हैं तथा त्वचा साफ़ होकर निखर जाती है।
मसूर की दाल और दूध के उबटन में घी मिलाकर शरीर पर लगाने से त्वचा नर्म और चमकदार बन जाती है।
एक एक-एक चम्मच ग्लिसरीन, गुलाबजल और नींबू का रस मिलाकर हाथों से मलें और सूख जाने पर धो दें। इससे सख्त हाथ मुलायम हो जाएँगे।
उँगलियों पर ज़रा-सा बादाम या जैतून का तेल लेकर नियमित रूप से भौंहों और बरौनियों पर लगाने से वे घनी और चमकदार बन जाती हैं।
बालों में चमक लाने के लिए १ प्याला पानी मे ३ बडे चम्मच सफेद सिरका मिलाकर लगाएँ और १५ मिनट बाद धो दें।
आँखों के पास गहरे घेरों और सूजन के लिए खीरे के पतले टुकड़ों को आँखों पर रखकर बीस मिनट आराम करें, फिर चेहरा धो दें।
ऎसे हटाए चेहरे के दाग
सूखी हल्दी की गांठ को नींबू के रस में मिलाकर लगाने से भी दाग-धब्बे तेजी से मिटने लगते हैं। सूखी त्वचा के दाग-धब्बे मिटाने के लिए दूध में चंदन की लकड़ी घिसकर लगाएं।
तैलीय त्वचा के दाग-धब्बे मिटाने के लिए चंदन का बूरा गुलाब जल में मिलाकर लगाएं। यह प्रयोग हर मौसम में लाभकारी है। चोट के निशान पर लाल चंदन रोज पानी में घिस कर लगाएं 20 दिन में फायदा नजर आने लगेगा।
टमाटर में नींबू की दस-बारह ��ूंदे मिलाएं इस मिश्रण को चेहरे पर मलने से दाग-धब्बे दूर होते हैं। अक्सर पेट की खराबी से चेहरे पर दाग-धब्बे नजर आते हैं अत: दिन में कम से कम तीन बार नींबू पानी पिएं, कुछ ही हफ्तों में चेहरा चमकने लगेगा।
गुलाब जल को आइस ट्रे में जमाकर क्यूब्स को आंखों के इर्द-गिर्द घुमाने से आँखें तरोताजा तो होती हैं, उसकी जलन भी कम हो जाती है।
इसी तरह खीरे के रस का प्रयोग भी आँखों के लिए किया जा सकता है। साथ ही झुलसी त्वचा के लिए भी यह कारगर उपाय होगा।
एक चुटकी कपूर को शहद में मिलाकर चेहरा धोएं, चेहरा खिल जाएगा। साथ ही साबुन से चेहरा धोने के बाद गीले चेहरे पर चीनी और नमक लगाकर थोड़ी देर रखें और फिर उसे धो लें। यह चेहरे के लिए ��च्छा स्क्रबर होगा।
यदि आप स्थाई तौर पर अपने चेहरे को बेदाग व खूबसूरत बनाना चाहते हैं तो इन आसान टिप्सों को आजमाइएँ –
चेहरे पर हर रोज चंदन पावडर, गुलाब जल व हल्दी को मिलाकर इनका लेप लगाएँ। रोजाना यह लेप चेहरे पर लगाने से आपके चेहरे की रंगत निखरती है।
ऐलोवेरा के पत्तों की ऊपरी परत निकालकर उसके गूदे को चेहरे पर मलने से धीरे-धीरे दाग-धब्बे कम होने लगते हैं।
हर रोज त्वचा पर शहद लगाने से त्वचा के दाग-धब्बे कम पड़ने के साथ-साथ त्वचा का रूखापन भी दूर होता हैं।
आप चाहे तो मौसमी फलों जैसे केला, संतरा, पपीता, आम आदि का गूदा अपने चेहरे पर लगा सकते हैं। फलों के पैक को लगाने से भी चेहरे के दाग-धब्बे मिटते हैं।
अपने मुखड़े को चांद का टुकड़ा बनायें, मनुष्य का चेहरा उसके व्यक्तित्व का आईना होता है। शायद इसीलिए स्त्रियां अपने चेहरा निखारने के लिए प्रयासरत रहती हैं। इसके लिए महंगे सौंदर्य प्रसाधन इस्तेमाल करती हैं। पर मध्यवर्गीय महिलायें इसे आसानी से प्रयोग नहीं कर पातीं। तो फिर क्यों ना सस्ते व आसान तरीके से अपने मुखड़े को निखारा जाये।
चेहरे पर गुलाबीपन लाने के लिये कच्चे दूध में नींबू का रस व नमक मिलाकर नहाने से पहले मलें। दूध में ब्रेड के काटन (साइड) भिगा दें। कुछ देर बाद उससे मुंह पर मालिश करें। कुछ ही दिनों में चेहरा फूल की तरह खिल जायेगा।
शहद में जरा सी हल्दी मिलाकर चेहरे पर लगायें इससे चेहरे की मैल निकल जायेगी व चेहरा साफ व ताजातरीन होगा।
पुदीने की पत्तियों को उबलते पानी में डाले, फिर छान लें। इससे चेहरे की नियमित सफाई करने से चेहरा तरोताजा बना रहेगा।
केले को मैश करके एक चम्मच दूध मिलाएं। इसे चेहरे पर लगायें पंद्रहृ-बीस मिनट तक चेहरा थपथपा कर सुखा लेंफिर ठंडे पानी से धो लें इससे झुर्रियां दूर होंगी।
एक चम्मच सौंफ को पानी में अच्छी तरह से उबालें। जब गाढ़ी हो जाए तो थीड़ी मात्रा में शहद मिला लें।। इसे चेहरे पर लगाने के दस मिनट बाद धो लें। इससे झुर्रियां दूर होकर चेहरे पर चमक आयेगी।
आलू को कद्दूकस करके पूरे चेहरे पर लगायें। बीस मिनट रखें फिर धो लें। इससे चेहरा नरम होगा. अगर त्वचा तैलीय हो तो ज्यादा फायदेमंद होगा।
र्दन व आंखों के नीचे कालापन- कच्चा खीरा, आलू कद्दूकस करके चेहरे पर रगड़े, कालीमा दूर हो जाएगी।
टमाटर बहुत फायदेमंद है। टमाटर पीसकर लगायें, अगर त्वचा सूखी हो तो टमाटर में दही मिलाकर लगायें। चेहरा खिल उठेगा।
खीरा – त्वचा के लिए बेहतरीन है। खाने से या लगाने से चेहरे पर गहरा असर पड़ता है। नींबू त्वचा को कसता है। अगर आप इसमें नींबू मिलायें तो ना सिर्फ चेहरा कस जायेगा, बल्कि उसमें उज्ज्वलता आएगी।
तरबूज एक अच्छा मॉइश्चराइजर है। इसे थोड़ा मथ लें और चेहरे पर लगायें। सूखने पर धो लें ठंडे पानी से। गर्मी में त्वचा के लिए बहुत अच्छा है।
क्या आपकी त्वचा थकी-थकी व झुलसी है। तो घबरायें नहीं। एक आड़ू लेकर उसका छिलका निकाल कर गूदा शहद में मिला दें। थोड़ा सा दूध मिला लें। इसे चेहरे पर आधा घंटा तक लगातार लगाये रखें। फिर नींबू डालकर गुनगुने पानी से धो लें। देखेंगे कि आपका चेहरा किस तरह दमकता है।
झाईयों के लिए केले का पैक असर दिखाता है। एक पका केला दही के साथ मथ लें। इसे चेहरे व गले पर लगा लें, चेहरे की झाईयां और काले निशान इसके लगातार इस्तेमाल से दूर हो जाएंगे।
चोकर- क्या आपके चेहरे पर मुंहासें हैं। तो गेहूं का चोकर फेंकिए मत, इसे जमा करके थोड़ा सा चोकर इसमें थोड़ा शहद, मलाई मिला लें। इसे चेहरे पर लगातार धीरे-धीरे मलें-माथे पर, बाहों पर और पैरों पर भी लगायें और मलते रहें, जब सूखने लगे तो धो लें। यह मुंहासों को मिटाता है, त्वचा का सूखा मांस उतारता है।
गेंदे के फूलों की पत्तियों को पानी में भिगो लें। थोड़ी देर बाद मसल लें और ग्लिसरीन मिलाकर चेहरे पर लेप करें। थोड़ी देर बाद धो लें। यह त्वचा के लिए अनोखी खुराक है।
झुर्रियां- चेहरे पर झुर्रियां, दाग-धब्बे हों तो पपीते का गूदा, ताजा दही और कपूर मिलाकर लगायें।
झाईयां- चेहरे पर मुंहासों के दाग, झाईयां हों, आंखों के नीचे काले घेरे, चेहरा भद्दा, कुरूप दिखाई दे तो तुलसी के पत्तों का रस एक चम्मच, नींबू रस दो चम्मच मिलाकर हल्के-फुल्के अंगुलियों से या रूई से सुबह व रात को प्रभावित त्वचा पर लगाकर मलें और 20-25 मिनट लगा रहने दें, फिर गुनगुने पानी से धो लें ।
शरीर पर किसी भी जगह दाग का होना परेशानी पैदा करता है और यदि दाग चेहरे पर हो तो ज्यादा परेशानी सहनी पड़ती है। ऎसा माना जाता है चेहरा शरीर का सबसे मुख्य हिस्सा है और वो दागी हो तो परेशानी बड़ी हो जाती है। दाग एक तरह से सौंदर्य से संबंधित समस्या है और शोध बताते हैं ये दाग अक्सर जलने की वजह से, सड़क दुर्घटनाओं में लगी चोट की वजह से, या फिर किशोरावस्था में हॉर्��ोनल च ेजेस के साथ होने वाले मुंहासों की वजह से हो सकते हैं। दाग व धब्बे किसी भी कारण से हो सकते हैं। ऎसे दाग हटाने के लिए लोग अक्सर नई-नई क्रीम का इस्तेमाल करते हैं। पर कोई सुधार नजर नहीं आता। इन दवाओं और क्रिम को लगाने से ये दाग हल्के हो जाते हैं लेनि जड़ से नहीं हटते। अब इन्हें हटाने के लिए कई उपचार उपलब्ध हैं, जिनकी सहायता से इनमें ऎसे सुधार किए जाते हैं कि ये करीब-करीब गायब ही हो जाते हैं। दाग धब्बों को हटाने के लिए जो चिकित्सा उपलब्ध हैं, उनमें स्कार रिवीजन सर्जरी, फैट इंजेक्शन सर्जरी और लेजर ट्रीटमेंट को खास तौर अपनाया गया है और उसका लाभ भी हुवा है। हम यहां आपको उन्हीं में से कुछ इलाज की विधियों के बारे में बता रहे हैं- एक्सपर्टस ने बताया सबसे आधुनिक फैट इंजेक्शन सर्जरी है। यह चोट के दाग-धब्बों के साथ-साथ जलने के कारण बने दागों व निशानों और मुंहासे के कारण बने दाग-धब्बों को मिटाने में कारगर साबित हुई है। यह इलाज का तरीका धब्बे को ठीक करने के लिए बेहद उपयोगी है। फैट इंजेक्शन सर्जरी के अंतर्गत रोगी की वसा कोशिकाओं को ही इंजेक्शन के जरिए इस्तेमाल किया जाता है। फैट ग्राफ्टिंग की यह प्रक्रिया रोगी के शरीर से लाइपोसक्शन विधि के माध्यम से वसा प्राप्त करने के साथ शुरू होती है। यह वसा पेट या कूल्हे के पास से ली जाती है। इसकी प्रोसेसिंग करने के बाद सर्जन इसे दोबारा धब्बे वाली त्वचा के नीचे इंजेक्ट कर देता है। इसके बाद दूसरा तरीका जो आजकल चलन में है वो है स्कार रिवीजन सर्जरी। चोट की वजह से होने वाले ज्यादातर धब्बों को परंपरागत स्कार रिवीजन सर्जरी के जरिए ठीक किया जा सकता है। चेहरे के धब्बों के लिए यह सर्जरी बेहोश किए बगैर की जा सकती है। इस विधि से धब्बे को सर्जरी की सहायता से हटा दिया जाता है।
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पपीता खाने के फायदे - Benefits of eating papaya in Hindi
Benefits of eating papaya in Hindi : दोस्तो आज हम आपको अपने इस लेख में बताने वाले हैं कि पपीता खाने से आपको क्या-क्या फायदे हो सकते है? पपीता एक ऐसा पोषण से भरपूर फल है। जिसमे औषधि वाले गुण भी है। पपीता उन कई फलों में से एक है जिसे खाने की सलाह डॉक्टर भी मरीजों को देते हैं। जो सबसे ज्यादा बीमारियों में मरीजों के लिए फायदेमंद साबित होता है। खाली पपीता ही नहीं अपितु इसकी पत्तियों भी काफी लाभदायक होती है। पपीता पक्का हो या कच्चा हर तरह का पपीता फायदेमंद ही होता है। फिर चाहे वो पाचन के लिए हो या भूख न लगने की समस्या के लिए या फिर आँखों के लिए हर प्रकार की दृष्टि से पपीता फायदेमंद ही साबित होता है। स्वास्थ्य की दृष्टि के साथ साथ त्वचा के निखार के लिए भी पपीता बहुत ही ज्यादा फायदेमंद है। आइए जानते हैं कैसे …. * पपीते से मिलने वाले तत्व : पपीते से हमें कई सारे तत्व प्राप्त होते हैं जैसे - विटामिन ए, विटामिन ई, प्रोटीन, फोलेट, पाचन एंजाइम, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, कैलोरी, कैरोटीन, फाइबर, नियासिन, कॉपर और ऐसे कई सारे एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं।
* पक्का पपीता खाने के फायदे
![Tumblr media](https://64.media.tumblr.com/170da169b46e460668f4c10b9f79aecf/f2fe21054cd50e95-2f/s540x810/53ee76077bd872dc407bee0a4a7ceba15703c866.jpg)
1. खाली पेट पपीता खाने का फायदा : खाली पेट पपीता खाने से यह हमारे पाचन तंत्र को सुरक्षित रखता है। यह हमारे शरीर के विषाक्त पदार्थ को भी शरीर से बाहर निकलने में मदद करता है। पपीते से प्राप्त होने वाले पाचन एंजाइमों की उपस्थिति से हमारे शरीर के आंत को भी हेल्दी रखने में मदद करता है। यह कई प्रकार की पाचन संबंधी समस्याओं के विकार को भी दूर रखने में सहायक होता है। जैसे - कब्ज, पेट फूलना, पेट खराब होना आदि। 2. पाचन में फायदेमंद : पपीता एक ऐसा फल है जो पाचन तंत्र के लिए काफी लाभदायक होता है क्योंकि पपीते में पपेन, पाचक एंजाइम्स, बीटा कैरोटीन, विटामिन ई, फोलेट और बहुत सारे डायट्री फाइबर्स पाए जाते हैं। जो पाचन तंत्र को उत्तेजित करने का काम करते है और पाचन तंत्र को पूरी तरह से सक्रिय रखता है। इससे हम पेट खराब और कब्ज जैसी समस्याओं से दूर रहते हैं। 3. आँखों के लिए फायदेमंद : पपीता खाने से हमारे आँखों को भी काफी लाभ पहुँचता है क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन ए होता है। जो हमारी आंखों की रक्षा करता है नीली रोशनी से क्योंकि इसमें कैरोटिनॉइड प्यूटिन भी पाया जाता है। जो हमारी रेटिना का बचाव तथा मोतियाबिंद की खिलाफ भी लड़ता है। 4. इम्यूनिटी मजबूत करने में फायदेमंद : पपीते का सेवन करने से हमें कई सारी जरूरी पौष्टिक तत्वों की पूर्ति हो जाती है जैसे - प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन ई आदि। पपीता खाने से हमारे शरीर को विटामिन ए की भरपूर मात्रा में प्राप्ति हो जाती हैं। जो हमारे शरीर के सफेद कोशिकाओं के निर्माण में बहुत सहायक साबित होता है। 5. वजन को नियंत्रित करने में फायदेमंद : प्रायः मध्य आकार का पपीते का सेवन करने से भी आप अपने वजन को नियंत्रित कर सकते हैं क्योंकि एक मध्य आकार के पपीते में केवल 120 कैलोरी होती हैं। साथ ही इसमें पाए जाने वाले ओर भी तत्व जैसे प्रोटीन, फोलेट आदि भी लाभकारी होते हैं। इसमें वसा और कोलेस्ट्रॉल तो होता ही नहीं है। जिससे आप अपना वजन नियंत्रित आराम से कर सकते हैं।
* कच्चे पपीता खाने का फायदा
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1. मजबूत हड्डियों के लिए फायदेमंद : पपीता खाना तो लाभकारी होता ही है साथ ही यदि कच्चा पपीता का सेवन करें तो वह और भी लाभकारी सिद्ध होती है क्योंकि हमारे शरीर की हड्डियों में दर्द और कमजोरी का एक कारण विटामिन की कमी होती हैं। जो कच्चा पपीते का सेवन कर हम प्राप्त कर सकते हैं। इसका सेवन करने से कई प्रकार के विटामिन्स हमें प्राप्त हो जाते हैं। 2. जॉन्डिस के लिए फायदेमंद : कच्चा पपीते का लाभ ज्यादातर जॉन्डिस से ग्रसित मरीजों को होता है क्योंकि जॉन्डिस से ग्र��ित व्यक्ति के लिवर पर ज्यादा असर पड़ता है। इसलिए ऐसे समय में कच्चा पपीता जॉन्डिस और लीवर दोनों के लिए लाभदायक सिद्ध होता है। जॉन्डिस से ग्रसित व्यक्ति को कच्चे पपीते का सेवन करना चाहिए और इसका सेवन जरूरी भी है।
* पपीते के अन्य फायदे
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- पपीता ही नही अपितु, पपीते का पत्ता भी काफी लाभदायक होता है। इसका कड़ा बना कर पीने से डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है। - पपीते के पत्ते से हम कंडीशनर बनाकर उसका उपयोग कर सकते हैं। जैसे पत्ते का रस बनाकर उसे बालों पर लगाये और धो लें। यह एक कंडीशनर का काम करने में काफी कारगर साबित हुई है। जो आपके बालों को मुलायम बना देगी। - वैसे तो पपीते में काफी सारे तत्व मौजूद हैं, किन्तु पपीते में जो पपेन नाम का एक एंजाइम जो होता है। वो हमारे बालों को मजबूती प्रदान करने में बहुत ही लाभकारी होता है और इससे हमारे बाल लंबे और खूबसूरत रहते हैं। - त्वचा के निखार के लिए भी पपीता बहुत ही कारगर सिद्ध हुआ है। यदि पके पपीते को हम च��हरे पर उसका पेस्ट बनाकर लगते हैं तो चेहरे पर निखार आता है। इससे त्वचा के दाग धब्बे हट जाते हैं। निष्कर्ष पपीता के बहुत लाभ होते हैं इसलिए हम अपनी दिनचर्या में एक समय निश्चित कर पपीते का सेवन रोजाना करना चाहिए। एक छोटा भाग भी पपीते का हमें 60 कैलोरी प्रदान करता है। यह स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद ही साबित होता है। आशा करती हूं कि आपको हमारा यह लेख पसंद आएगा। तो दोस्तों आपको हमारा ये लेख कैसा लगा। हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं। मैं ज्योति कुमारी, Lifestylechacha.com पर हिंदी ब्लॉग/ लेख लिखती हूँ। मैं दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक हूँ और मुझे लिखना बहुत पसंद है।
(ज्योति कुमारी ) Read the full article
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पीलिया रोग के लक्षण और घरेलू उपचार - Jaundice disease symptoms and home remedies in Hindi
Jaundice disease symptoms and home remedies in Hindi : आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बताने वाले हैं कि कैसे आप पीलिया रोग के लक्षणों के बारे में जान सकते है और इसके क्या घरेलू उपाय है? जिससे आप ठीक हो सकते हैं। इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी भी जो पीलिया रोग से ग्रसित किसी भी व्यक्ति के लिए एकदम कारगर साबित होती है। यह सारे उपाय अक्सर लोग अपने घर मे प्रयोग में लाते हैं।
पीलिया रोग के लक्षण :
यह एक ऐसा रोग है। जो देखने में सामान्य-सा लगता है लेकिन यह एक गंभीर रोग है और इसका इलाज समय पर होना आवश्यक होता हैं। नही तो यह और बढ़ जाता हैं। इस पीलिया रोग को इंग्लिश में जॉन्डिस कहते हैं। यह बीमारी हमें तब होती हैं। जब शरीर में बिलबीन की मात्रा बढ़ जाती हैं और आँख, नाखून और त्वचा आदि सभी सफेद भाग जो शरीर में होते है। वह पीला दिखने लगता है। इस रोग में सबसे ज्यादा असर लिवर पर पड़ता हैं। जिसमे वह कमजोर होकर काम करना बंद कर देता हैं। जब यह बीमारी होती हैं तो लोग अक्सर घबराने लगते हैं। इस बीमारी का इलाज फिर वो एलोपैथिक के साथ साथ और भी कई उपाय अपनाते हैं। उसी में से एक हैं, घरेलू उपाय। आइए जानते हैं। इसके घरेलू उपाय……
पीलिया रोग के घरेलू उपाय :
��ीलिया रोग के घरेलू उपाय वैसे तो बहुत सारे है। जिनमें से कुछ हम आपको बताने वाले हैं। #फिटकरी से पीलिया का घरेलू उपचार :
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फिटकरी एक ऐसा नमक है। जो हर बीमारी में ज्यादा तर उपयोग किया जाता है। यह पीलिया के लिए भी काफी लाभदायक है। बस आप इसे तवे पर सेक ले जब तक ये फूल न जाए, फिर इसे पीस कर रोज सुबह एक गिलास पानी में आधा चम्मच फिटकरी मिला दे। एक दो दिन में आराम मिलने लगेगा। #तुलसी से पीलिया का घरेलू उपचार :
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तुलसी भी एक ऐसा ही पौधा है। जिसे हम हर बीमारी के उपचार के लिए जो कड़ा बनाते हैं। उसमे यह काफ़ी लाभदायक सिद्ध होता है और खाने में भी। यह पीलिया के लिए भी काफी कारगर साबित हुआ है। बस 5 ग्राम तुलसी के पत्ते और 5 ग्राम पुनर्नवा की जड़े ले और इसे पीस कर सुबह शाम इसका सेवन करें। इसका सेवन करने से लाभ मिलता हैं। #मूली का सेवन पीलिया का घरेलू उपचार :
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मूली यह भी घरेलू उपाय में पाया जाने वाला एक खाद्य पदार्थ है। जिसे आप इसके पत्तों सहित पीस ले और इसका रस निकल ले। फिर इसमें 10 मि ली नींबू मिला दे और चीनी की मात्रा इच्छानुसार रखें। इस सब को मिलकर रो सुबह खाली पेट एक कप की मात्रा अनुसार एक कप सुबह और रात को सोने से पहले पी लें। देखिए एक सप्ताह में लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। इसका एक उपाय यह भी है कि आप 5 तोला मूली के पत्तों का रस निचोड़कर 1 तोला मिश्रा मिला ले। रोज प्रत्यकाल वासी मुह सेवन करने से भी काफी लाभ मिलता है। #पीलिया में प्याज का घरेलू उपचार :
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प्याज जिसका उपयोग हम अक्सर लू से बचने के लिए करते हैं। यह पीलिया के रोग में भी काफी कारगर साबित हुआ है। बस प्याज को लेकर उसके छोटे छोटे टुकड़े कर लें। फिर उसे एक मिट्टी या शीशे के बर्तन में रखें और इसमें इतना नींबू डाल दें कि वह इसमे अच्छे से भीग जाए। फिर इसमें कालीमिर्च और सेंघा नमक भी सही मात्रा में डाल दें। फिर रोज इसका सेवन करें। इसके सेवन से भी बहुत लाभ मिलता हैं। #पपीता से भी पीलिया का घरेलू उपचार :
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पपीता यह भी एक ऐसा लाभकारी फल है। जो ज्यादा तर बीमारी में लोग उपयोग करते हैं। वैसे ही पीलिया के रोग में कच्चा पक्का पपीता काफी लाभकारी होता है। कच्चे पपीते को बिना मसाले के सब्जी बनाकर खाए। यह काफी फायदेमंद होता है। साथ ही पक्का पपीता भी खाए। वह भी पीलिया को दूर र��ेगा। #गिलोय पीलिया का घरेलू उपाय : गिलोय जो काफी सारे बीमारी में कड़ा बना कर पीने के काम आता है। ठीक वैसे ही यह पीलिया रोग में भी फायदे मंद होता है। बस गिलोय के रस को शहद में मिलकर सुबह सुबह सेवन करें। इसका प्रयोग इस बीमारी को दूर रखने में लाभकारी है। #नारियल पानी से भी पीलिया का घरेलू उपचार :
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पीलिया के रोग से ग्रसित व्यक्ति के लिए नारियल पानी को पीना काफी फायदेमंद होता है। यह हमारे पाचन तंत्र को ठीक रखता है और लिवर को भी स्वस्थ रखता है। इसका प्रयोग डेंगू आदि बीमारियों में भी होता है। #दही से पीलिया का घरेलू उपाय :
पीलिया रोग में दही का सेवन करने से बैक्टीरिया वाले संक्रमण को दही के सेवन से रोका जा सकता है और दही पीलिया में काफी फायदेमंद होता है। छाछ और मठ्ठा का भी रोजाना 1 गिलास सेंधा नमक मिलाकर सेवन करने से भी पीलिया को जल्दी ठीक करने में भी सहायक होता है। #गन्ने से भी पीलिया का घरेलू उपाय :
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गन्ने का रस जो कि पीलिया में काफी लाभकारी होता है। इसका दिन में तीन चार बार बस एक सप्ताह तक आप सेवन करें। फिर देखिएगा। पीलिया में कैसे आराम पड़ता है। यदि पीलिया से ग्रसित व्यक्ति सत्तू खाकर गन्ने का रस पिए। तो यह भी काफी फायदेमंद होता है और एक सप्ताह में पीलिया ठीक हो जाता है। आशा करती हूं कि आपको हमारे बताए गए पीलिया रोग के घरेलू उपाय से आपको अवश्य लाभ होगा और आप इसका प्रयोग अवश्य करेंगे। आपको यह आर्टिकल कैसे लगा। आप हमें हमारे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बता सकते हैं। - ज्योति कुमारी Read the full article
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क्या गर्भावस्था में पपीता खाना सुरक्षित है? – Papaya for Pregnancy in Hindi
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क्या गर्भावस्था में पपीता खाना सुरक्षित है? – Papaya for Pregnancy in Hindi
क्या गर्भावस्था में पपीता खाना सुरक्षित है? – Papaya for Pregnancy in Hindi Saral Jain Hyderabd040-395603080 January 8, 2020
गर्भावस्था का समय महिला के साथ-साथ गर्भ में पल रहे भ्रूण के लिए नाजुक होता है। इस स्थिति में दोनों को पर्याप्त देखभाल के साथ ही अच्छे पोषण की भी जरूरत होती है। अच्छे पोषण के लिए फल व सब्जियों पर खास ध्यान दिया जाता है, लेकिन क्या गर्भावस्था में सभी फल व सब्जियां सुरक्षित होती हैं? कुछ ऐसा ही संदेह पपीते को लेकर है। कई लोगों के अनुसार पपीते को गर्भावस्था के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता है। अब इस बात में कितनी सच्चाई है, यह जानने के लिए स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि क्या प्रेगनेंसी में पपीता खाना चाहिए? अगर हां, तो कैसे? साथ ही यह भी जानेंगे कि गर्भावस्था के दौरान पपीता खाने से किस-किस प्रकार के प्रभाव नजर आ सकते हैं। साथ ही यह जानना भी जरूरी है कि सभी की गर्भावस्था अलग-अलग होती है। इसलिए, पपीता हर किसी को सूट करे संभव नहीं है।
आर्टिकल में सबसे पहले हम यह जानते हैं कि प्रेगनेंसी में पपीता खाना सुरक्षित है या नहीं।
क्या गर्भावस्था में पपीता खाना सुरक्षित है?
अभी तक सभी की यही मान्यता रही है कि गर्भावस्था के दाैरान पपीते या पपीते के पत्ते का सेवन करने से गर्भपात हो सकता है या फिर भ्रूण को नुकसान हो सकता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या प्रेगनेंसी में पपीता खाना चाहिए? एनीसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) ने गर्भावस्था में पपीता खाने के संबंध में एक रिसर्च पेपर प्रकाशित किया है। यह शोध चूहों पर किया गया था। रिसर्च के दौरान पाया गया कि पका हुआ पपीता खाने से किसी प्रकार का दुष्प्रभाव नजर नहीं आए। इसलिए, इस आधार पर कहा जा सकता है कि गर्भावस्था में पपीता खाना सुरक्षित हो सकता है। साथ ही शोध में इस बात की भी पुष्टि की गई है कि प्रेगनेंसी में कच्चा पपीता नहीं खाना चाहिए, क्योंकि उसके हानिकारक परिणाम देखने मिल सकते हैं (1)। इस वैज्ञानिक प्रमाण के बावजूद हम यही कहेंगे कि पके हुए पपीते का सेवन डॉक्टर से पूछकर ही करना चाहिए।
यह तो स्पष्ट हो गया कि प्रेगनेंसी में पपीता खा सकते हैं। आगे हम प्रेगनेंसी में पपीता खाने के फायदे बता रहे हैं।
प्रेगनेंसी में पपीता खाने के फायदे- Benefits of Eating Papaya in Pregnancy In Hindi
प्रेगनेंसी में पपीता खा सकते हैं, यह जानने के बाद मन में तमाम तरह के सवाल उठना लाजमी है कि प्रेगनेंसी में पपीता खाने के लाभ क्या-क्या हो सकते हैं। यहां हम कुछ ऐसे ही प्रमुख फायदों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
1. रोग प्रतिरोध क्षमता को बेहतर करे
गर्भावस्था में पपीता खाना प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर करने का सुरक्षित तरीका हो सकता है। जर्नल ऑफ मेडिसिनल प्लांट्स स्टडी के शोध के अनुसार, पपीते में एंटीऑक्सीडेंट के साथ ही विटामिन-ए और विटामिन-सी भी पाया जाता है। पपीते में पाए जाने वाले ये ��ाेषक तत्व खांसी और जुकाम जैसी कई बीमारियों से लड़ने और उनके प्रभाव को कम करने के लिए प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं (2)।
2. मधुमेह में पपीते के फायदे
कुछ गर्भवती महिलाओं को मधुमेह होने की समस्या रहती है। इससे निपटने के लिए पपीते का सेवन किया जा सकता है। एक शोध के अनुसार, पपीता विटामिन, प्रोटीन, पॉलीसेकेराइड, लेक्टिन, सैपोनिन और फ्लेवोनोइड से भरपूर होता है और ये सभी कंपाउंड मधुमेह से बचाने में मदद कर सकते हैं (3)। एक अन्य शोध में पाया गया कि पपीते में फाइबर पाया जाता है। इसे ग्लाइसेमिक इंडेक्स (रक्त में मौजूद शुगर के स्तर को मापने की इकाई) में मध्यम स्तर पर रखा गया है। इसका मतलब यह है कि पपीता शुगर के स्तर को बढ़ने से रोकने और इसे नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है (4)।
3. मार्निंग सिकनेस की अवस्था में लाभदायक
प्रारंभिक गर्भावस्था के दौरान मतली और उल्टी की समस्या एक आम बात है। इसे मेडिकल भाषा में मॉर्निंग सिकनेस कहा जाता है, क्योंकि ऐसा अक्सर सुबह होते है, लेकिन कुछ गर्भवती महिलाओं को यह समस्या दिनभर रह सकती है (5)। डिपार्टमेंट ऑफ फूड साइंस एंड न्यूट्रीशियन द्वारा किए गए शोध में पाया गया कि भोजन के बाद पपीते के सेवन से पाचन में सुधार हो सकता है। पपीते के सेवन से इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व और गुणों के कारण गर्भवती महिलाओं में मतली, उल्टी और मॉर्निंग सिकनेस को रोकने में मदद मिल सकती है (6)। हालांकि, अभी यह शोध का विषय है कि ये समस्याएं पपीते में पाए जाने वाले किन गुणों के कारण दूर हो सकती हैं।
4. फोलिक एसिड से भरपूर
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान फोलेट (फोलिक एसिड) की जरूरत होती है। यह शिशुओं को न्यूरल ट्यूब दोष (मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी के जन्म दोष) और गर्भवती महिला को एनीमिया से बचाने में मदद कर सकता है। इस समस्या को दूर करने और फोलिक की अच्छी मात्रा प्राप्त करने के लिए पपीते का सेवन लाभदायक हो सकता है। मैक्सिको में किये गये शोध के अनुसार, पपीता में फोलेट पाया जाता है। इसके सेवन से गर्भवती महिलाएं फाेलेट को आसानी से प्राप्त कर सकती हैं (7)। एक मध्यम आकार के पपीते में लगभग 116 मिलीग्राम फोलिक एसिड की मात्रा पाई जाती है (8)।
गर्भावस्था में पके पपीते से होने वाले लाभ जानने के बाद अब हम कच्चे पपीते से होने वाले नुकसान के बारे में बात करते हैं।
गर्भावस्था में कच्चा पपीता खाने के जोखिम कारक
जहां एक ओर गर्भावस्था में पपीता फायदेमंद हो सकता है, तो वहीं कच्चे पपीते का सेवन कई प्रकार के जोखिमों का कारण बन सकता है। यहां हम कच्चे पपीते से होने वाले जोखिम कारकों के बारे में ही बता रहे हैं।
एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित चूहों पर किए गए एक शोध के अनुसार, कच्चे पपीते में लेटेक्स (latex) नामक कंपाउंड पाया जाता है। यह गर्भाशय की मांसपेशियों को संकुचित करने का कारण बन सकता है, जिसे गर्भावस्था में असुरक्षित माना जाता है (1)।
कच्चे पपीते में एंटीफर्टिलिटी गुण पाए जाते हैं, जिस कारण यह गर्भधारण करने में बाधा उत्पन्न करने के साथ ही गर्भपात की समस्या का कारण बन सकता है (9)।
एक वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार पपीता एक दूधिया लेटेक्स सैप का उत्पादन करता है, जिसमें पपाइन और काइमोपैन शामिल हैं। ये यौगिक त्वचा संबंधी कई परेशानी का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा, जिनकी त्वचा संवेदनशील होती है या फिर जिन्हें लेटेक्स एलर्जी की समस्या है उन्हें कच्चे पपीते के कारण एलर्जी होने की आशंका रहती है (10)।
कच्चे पपीते के दुष्प्रभाव जानने के बाद आर्टिकल में आगे हम गर्भावस्था में पपीता खाने से होने वाले नुकसान के बारे में बता रहे हैं।
गर्भावस्था में पपीता खाने के दुष्प्रभाव
कुछ शोधों के अनुसार गर्भावस्था में पपीता खाने के दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स के शोधकर्ताओं ने शोध में पाया कि तीन दिन तक लगातार पपीते का सेवन गर्भपात का कारण बन सकता है (11)।
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स के शोधकर्ताओं ने शोध में यह भी पाया कि पीपते में पपाइन (Papain) नामक रसायन पाया जाता है, जो भ्रूण के विकास को रोक सकता है (11)। साथ ही पपाइन भ्रूण के लिए टॉक्सिक यानी जहर का काम भी कर सकता है (12)।
भोजन से पहले और बाद में पपीता का सेवन रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकता है। इसलिए्, अगर कोई गर्भवती महिला मधुमेह की दवा ले रही है, तो उसे डॉक्टर की सलाह पर ही पपीते का सेवन करना चाहिए (12)।
दोस्तों, आपने इस आर्टिकल में जाना कि अगर गर्भावस्था में पपीता लिया जाता है, तो उसके क्या-क्या परिणाम हो सकते हैं। साथ ही क्या गर्भावस्था में पपीता खाना चाहिए, इसका जवाब आपको इस आर्टिकल के माध्यम से मिल ही गया होगा। यह तो स्पष्ट हो गया है कि जहां पपीता गर्भवती महिला और भ्रूण के लिए फायदेमंद है, वहीं दूसरी ओर इसके अधिक सेवन से कई नुकसान भी जुड़े हैं। अगर आप गर्भावस्था में पपीता खाना चाहती हैं या फिर इसे अपनी डाइट में शामिल करना चाहती हैं, तो बेहतर होगा कि पहले डॉक्टर से सलाह ली जाए। अगर आपके म�� में अभी भी पपीते को लेकर कोई सवाल है, तो उसे नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए हमारे साथ साझा करें। हम उस संबंध में विशेषज्ञों की राय आपके साथ शेयर करेंगे।
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Saral Jain
सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ. सी. वी. रमन विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ से पत्रकारिता में बीए किया है। सरल को इलेक्ट्रानिक मीडिया का लगभग 8 वर्षों का एवं प्रिंट मीडिया का एक साल का अनुभव है। इन्होंने 3 साल तक टीवी चैनल के कई कार्यक्रमों में एंकर की भूमिका भी निभाई है। इन्हें फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, एडवंचर व वाइल्ड लाइफ शूट, कैंपिंग व घूमना पसंद है। सरल जैन संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी व कन्नड़ भाषाओं के जानकार हैं।
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पेट में कीड़े होने के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Home Remedies for Intestinal Worms in Hindi
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पेट में कीड़े होने के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज – Home Remedies for Intestinal Worms in Hindi
vinita pangeni Hyderabd040-395603080 September 24, 2019
अगर आप अक्सर पेट दर्द, भूख न लगना या ज्यादा खाने का सेवन करने जैसी समस्या से जूझते रहते हैं, तो सतर्क हो जाइए। अगर आपको पेट से संबंधित ऐसी कोई भी समस्या है, तो आपके पेट में कीड़े हो सकते हैं। कई बार यह समस्या काफी गंभीर भी हो सकती है। ऐसे में क्या करना चाहिए और क्या नहीं स्टाइलक्रेज के इस लेख में आपको पूरी जानकारी मिलेगी। हम आपको पेट के कीड़े के घरेलू नुस्खे बताने के साथ ही इनके पनपने की वजह और अन्य अहम बातें भी बताएंगे।
सबसे पहले तो आपको यह बता देते हैं कि पेट के कीड़े के प्रकार क्या-क्या होते हैं।
विषय सूची
पेट के कीड़े के प्रकार – Types of Intestinal Worms in Hindi
वैसे तो पेट के कीड़े के प्रकार कई होते हैं, लेकिन मुख्य रूप ये तीन प्रकार के होते हैं (1)।
राउंडवॉर्म
व्हिपवॉर्म
हुकवॉर्म
पेट में कीड़े होने के कारण – Causes of Intestinal Worms in Hindi
पेट में कीड़े होने की वजह कई होती हैं। इन सभी वजहों के बारे में हम आपको नीचे बिंदुवार बताएंगे। आप इनसे बचकर खुद को पेट के कीड़े से बचा सकते हैं (2) (3) :
दूषित पानी पीना
साफ-सफाई की अनदेखी
अधपका मांस का सेवन
दूषित मिट्टी, पानी या मल के संपर्क में आना
पेट में कीड़े के कारण के बाद अब बात करते हैं पेट में कीड़े होने के लक्षण क्या-क्या हो सकते हैं। इसके बाद आगे हम आपके बताएंगे पेट में कीड़े के उपचार के बारे में।
पेट में कीड़े के लक्षण – Symptoms of Intestinal Worms in Hindi
पेट में जैसे-जैसे कीड़े पनपने लगते हैं, हमें शारीरिक तौर पर कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिसे हम आम भाषा में लक्षण भी कहते हैं। चलिए, तो अब बात करते हैं पेट में कीड़े पड़ने के लक्षणों के बारे में (4) (5)।
डायरिया
पेट दर्द
सामान्य अस्वस्थता
कमजोरी
एनीमिया
बलगम में खून
खांसी
गले में घरघराहट
हल्का बुखार
मल में कीड़ों का निकलना
सांस लेने में दिक्कत
त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ना
उल्टी या खांसते वक्त कीड़ों का निकलना
नाक या मुंह से कीड़ों का निकलना
पेट में कीड़े के लक्षण के बाद चलिए अब बात करते हैं पेट के कीड़ों से निपटने वाले घरेलू नुस्खों के बारे में।
पेट के कीड़े दूर करने के ल��ए घरेलू उपाय – Home Remedies For Intestinal Worms in Hindi
1. सेब का सिरक���
सामग्री :
एक कप पानी
1 चम्मच सेब का सिरका
1 छोटा नींबू
आधा चम्मच शहद (वैकल्पिक)
उपयोग का तरीका :
पानी में सेब के सिरके को डालें।
अब नींबू का रस निचोड़कर इसे पी लें।
आप स्वाद के लिए इसमें शहद भी मिला सकते हैं।
दिन में रोजाना इसे तीन बार पिएं।
कैसे लाभदायक है :
सेब के सिरके में एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो शरीर में बैक्टीरिया को खत्म करने के साथ ही इन्हें पनपने से रोकते हैं (6)। ऐसे में माना जाता है कि इसके सेवन से पेट में मौजूद कीड़े को बाहर निकालने में मदद मिल सकती है। हालांकि, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
2. लहसुन
सामग्री :
लहसुन की 2-3 कलियां
उपयोग का तरीका :
लहसुन की दो से तीन कलियों को रोजाना खाली पेट चबाएं। अगर आपका गला संवेदनशील है, तो आप लहसुन को बेक करके इस्तेमाल कर सकते हैं।
बेक करने पर आपको 2-3 की जगह, दिनभर में 6 लहसुन का सेवन करना होगा।
दरअसल, बेक करने के बाद पेट के कीड़ों के खिलाफ लड़ने की लहसुन की क्षमता लगभग आधी हो जाती है।
कैसे लाभदायक है :
लहसुन में एलिसिन (Allicin) और अजीन (Ajoene) जैसे कई महत्वपूर्ण यौगिक यानी कंपाउंड होते हैं (7)। इसके अलावा, लहसुन बतौर एन्थेलमेंटिक हमारे शरीर में काम करता है (8), जिसकी वजह से पेट के कीड़ों को खत्म करने में मदद मिलती है।
3. लौंग
सामग्री :
2-3 लौंग
1 कप पानी
स्वादानुसार शहद
उपयोग का तरीका :
एक कप पानी में दो से तीन लौंग डालकर उबाल लें।
5 मिनट तक उबलने के बाद इसे छान लें।
जब यह घोल गुनगुना हो जाए तो इसमें स्वाद के लिए थोड़ा शहद मिलाएं।
ठंडा होने से पहले इसे पी लें।
सप्ताह में तीन-चार आप इसे पी सकते हैं।
कैसे लाभदायक है :
लौंग में यूजेनॉल (Eugenol) नामक यौगिक होता है, जो रोगाणुनाशक के रूप में काम करता है (9)। इसके अलावा, इसमें एंटी पैरासिटिक गुण भी पाए जाते हैं (10)। इसलिए, इसके नियमित सेवन से पेट के कीड़ों और उनके अंडों को खत्म करने में मदद मिलती है।
4. हर्बल टी
सामग्री :
आवश्यकतानुसार पेपरमिंट या सौंफ
1 कप पानी
शहद
उपयोग का तरीका :
एक कप पानी में पेपरमिंट या सौंफ डालकर उबालें।
5 मिनट तक उबालने के बाद चाय में शहद मिलाएं।
एक हफ्ते तक इसे रोजाना 3 से 4 बार पिएं।
कैसे लाभदायक है :
सौंफ व पेपरमिंट से बनी हर्बल चाय पेट के कीड़ों को मारने में मदद कर सकत�� हैं। दरअसल, इनमें एंटी पैरासिटिक गुण पाए जाते हैं, जो आपके पेट से विषाक्त पदार्थों और कीड़ों को बाहर निकाल सकते हैं (11) (12)।
5. हल्दी
सामग्री :
1 चम्मच हल्दी पाउडर
1 गिलास गर्म नारियल का दूध
उपयोग का तरीका :
एक गिलास गर्म नारियल के दूध में एक चम्मच हल्दी पाउडर डालें।
इसे अच्छी तरह से मिलाकर पी लें।
चार-पांच दिनों तक रोजाना 1 से 2 बार पी सकते हैं।
कैसे लाभदायक है :
हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो पेट के कीड़ों से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। करक्यूमिन एंटीमाइक्रोबियल गुणों से भरपूर होता है, जो आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को भी निकालने में मदद करता है (13)।
6. पपीता
सामग्री :
पपीते के बीज का 1 बड़ा चम्मच
आधा कप पपीता
1 कप नारियल का दूध
उपयोग का तरीका :
एक ब्लेंडर में सभी सामग्रियों को डालकर अच्छे से ब्लेंड कर लें।
अब इस मिश्रण का सेवन हर तीन दिन में एक बार करें।
कैसे लाभदायक है :
पपीते के बीज में अनथलिमिंटिक (Anthelmintic) और एंटी-अमीबिक (Anti-Amoebic) गुण होते हैं, जो पेट के कीड़ों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। ये आंतों के कीड़े को मारने के साथ ही आपके पाचन को बढ़ाते हैं (14)।
7. अदरक
सामग्री :
1-2 चम्मच अदरक का पेस्ट
1 कप पानी
उपयोग का तरीका :
एक कप पानी में अदरक का पेस्ट डालकर 5 मिनट उबाल लें।
अब इसे छानकर चाय की तरह पिएं।
आप इस घोल को रोजाना 3 से 4 बार पिएं।
कैसे लाभदायक है :
अदरक में मौजूद यौगिक जिंजरॉल आपके पाचन को बढ़ाने के साथ ही पेट में मौजूद कीड़ों जैसे राउंडवॉर्म को निकालने में मदद करता है (15)।
8. नीम
सामग्री :
8-10 नीम के पत्ते
आवश्यक्तानुसार पानी
उपयोग का तरीका :
नीम के पत्तों को बारीक पीस लें।
करीब आधा चम्मच पेस्ट को खाली पेट एक गिलास पानी और शहद के साथ लें।
तीन हफ्ते तक इसका सेवन करें या जब तक कि पेट के कीड़े न मर जाएं।
कैसे लाभदायक है :
नीम के पत्ते में एंथेल्मिंटिक (Anthelmintic) गुण होते हैं, जो कीड़ों को आपके शरीर से पनपने से रोकते हैं। साथ ही मौजूद कीड़ों को खत्म करने और इनसे होने वाले इंफेक्शन से आपको बचाते हैं (16)। इसके सेवन से पेट में होने वाले एक तरह के राउड वॉर्म यानी नेमाटोड्स (Nematodes) से बचाता है (17)।
9. दालचीनी पाउडर
सामग्री :
एक चम्मच दालचीनी पाउडर
1 गिलास गर्म पानी
शहद (वैकल्पिक)
उपयोग का तरीका :
एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच दालचीनी पाउडर डालकर अच्छी तरह मिलाएं।
अब इस घोल को तुरंत पी लें।
कुछ दिनों तक रोजाना कम से कम तीन बार इसका सेवन करें।
कैसे लाभदायक है :
दालचीनी में एंटीमाइक्रोबियल और एंटी पैरासिटिक गुण पाए जाते हैं (18)। यह गुण पेट में मौजूद कीड़ों को खत्म करने में मदद करते हैं। साथ ही उन्हें पनपने भी नहीं देते हैं।
10. विटामिन-सी
सामग्री :
2000 मिलीग्राम विटामिन-सी सप्लीमेंट
उपयोग का तरीका :
दो से तीन खुराक में आपको 2000 मिलीग्राम विटामिन-सी लेना होगा।
कुछ दिनों के लिए रोजाना इस���ा सेवन करें।
कैसे लाभदायक है :
विटामिन-सी बतौर एंटी-ऑक्सीडेंट हमारे शरीर में काम करता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही इसमें पेट के कीड़ों को मारने की क्षमता भी होती है (19)। पेट में कीड़े होने की वजह से आपको ज्यादा मात्रा में विटामिन-सी लेने की सलाह दी जाती है। विटामिन-सी का सहन करने योग्य ऊपरी सेवन स्तर 2000 mg ही है (20)। इससे अधिक का सेवन करना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
11. एलोवेरा
सामग्री :
एलोवेरा का एक कप जूस
उपयोग का तरीका :
एक कप एलोवेरा जूस का सेवन करें।
आपको यह जूस रोजाना 2 से 3 कप पीना होगा।
कैसे लाभदायक है :
एलोवेरा आपके पेट से सभी विषाक्त पदार्थों के साथ-साथ कीड़ों को बाहर निकालने में मदद करता है। दरअसल, एलोवेरा में एंथेल्मिंटिक (Anthelmintic) गतिविधि पाई जाती है। इसके अर्क का 20ml का सेवन कीड़ों के साथ ही इसके अंडो और लार्वा को खत्म करने में सहायक पाया गया है (21)।
12. कद्दू के बीज
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सामग्री :
एक कप कद्दू के कच्चे बीज
आधा कप नारियल का दूध
आधा कप पानी
उपयोग का तरीका :
एक कप कच्चे कद्दू के बीज को आधा कप पानी और नारियल के दूध के साथ ब्लेंड करें।
अब इस मिश्रण को खाली पेट पिएं।
पूरे दिन अपने आप को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखें।
कीड़े खत्म न होने तक या कुछ हफ्तों तक इसे रोजाना पिएं।
कैसे लाभदायक है :
कद्दू के बीजों में कुकुरबिटासिन (Cucurbitacin) नामक एक कंपाउंड होता है, जो आपके पेट के अंदर के कीड़ों को बाहर निकालने में मदद करता है। कुकुरबिटासिन की वजह से ही कद्दू में एंटी पैरासिटिक (Antiparasitic) और एंथेल्मिंटिक (Anthelmintic) गतिविधि पाई जाती है, जो कीड़ों के खिलाफ लड़ने में मदद करते हैं (22) (23)।
13. टी-ट्री ऑयल
सामग्री :
टी-ट्री ऑयल की 12 बूंदें
30 एमएल नारियल तेल
उपयोग का तरीका :
30 एमएल नारियल तेल में टी-ट्री ऑयल की 12 बूंदें मिला लें।
अब कुछ मिनट इससे अपने पेट में हल्के हाथों से मालिश करें।
आप इसे सीधे अपने गुदे (एनस) पर लगाकर रातभर के लिए छोड़ सकते हैं।
इस प्रक्रिया को आप अपनी जरूरत के हिसाब से रोजाना दोहरा सकते हैं।
कैसे लाभदायक है :
टी ट्री ऑयल अपने रोगाणुरोधी गुणों के लिए ���ाना जाता है। शायद यही वजह है कि यह हमारे पेट में मौजूद कीड़े से भी लड़ने में मदद करता है। इसके साथ ही इसमें एंटी पैरासिटिक गुण भी पाए गए हैं, जो कुछ कीड़ों से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं (24)।
14. अरंडी का तेल
सामग्री :
अरंडी के तेल का 1 बड़ा चम्मच
1 कप गर्म पानी
उपयोग का तरीका :
एक कप गुनगुने पानी में अरंडी का तेल मिलाएं।
इस घोल को धीरे-धीरे घूंट लेकर पिएं।
कैसे लाभदायक है :
अरंडी के तेल में लैक्सेटिव गुण होता है (25), जो पेट से मल के साथ विषाक्त पदार्थों और कीड़ों को बाहर निकालने में मदद कर सकता है (26)। इसके साथ ही इसमें रिसिनोलिक एसिड (Ricinoleic Acid) भी होता है, जो एंटीइंफ्लेमेटरी की तरह काम करता है। यह पेट में ��ीड़ों की वजह से होने वाले दर्द को भी कम करने में मदद करता है।
नोट: 100% प्रतिशत ऑर्गेनिक अरंडी के तेल का ही इस्तेमाल करें।
15. जैतून के पत्ते का अर्क
सामग्री :
जैतून के पत्ते का करीब 180 मिलीग्राम अर्क।
उपयोग का तरीका :
इस अर्क को तीन हिस्सों में बांट लें।
रोजाना इसे दिन में तीन बार पिएं।
कीड़ों की समस्या दूर न होने तक इसका सेवन करते रहें।
कैसे लाभदायक है :
जैतून के पत्तों के अर्क में मौजूद फ्लेवोनोइड्स की वजह से इसमें एंटीपैरसिटिक गुण पाये गए जाते हैं। एक अध्ययन के मुताबिक जैतून के पत्तों के अर्क के इस्तेमाल से लीशमैनिया (Leishmania) पैरासाइट (एक तरह का कीड़ा) से लड़ने में सहायक साबित हुआ है (27)।
16. अंगूर बीज का अर्क
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सामग्री :
अंगूर के बीज के अर्क की 8-12 बूंदें
1 गिलास पानी
उपयोग का तरीका :
एक गिलास पानी में अंगूर के बीज के अर्क की कुछ बूंदें डालें।
इसे अच्छी तरह से मिलाकर पी लें।
इस घोल को आप रोजाना 1 से 2 बार पी सकते हैं।
कैसे लाभदायक है :
अंगूर के बीज के अर्क में एंटीमाइक्रोबियल गतिविधि पाई जाती है। इसकी मदद से बैक्टीरिया को पनपने से रोका जा सकता है। इसके अलावा, एक शोध के मुताबिक अंगूर के बीज के अर्क में 800 से अधिक बैक्टीरिया, 100 फंगल और कई एकल व मल्टीसेल कीड़ों के खिलाफ लड़ने की क्षमता है (28)।
पेट के कीड़ों के घरेलू नुस्खे के बाद अब बात करते है उस आहार की, जिससे आपके पेट में कीड़े की समस्या बढ़ सकती है।
पेट में कीड़े होने पर इन खाद्य पदार्थों से करें परहेज – Foods to avoid For Intestinal Worms in Hindi
पेट में कीड़े होने पर नीचे दिए गए खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें, क्योंकि इनको आहार में शामिल करने से कीड़े की समस्या बढ़ सकती है। एक शोध के मुताबिक इन सभी खाद्य पदार्थों में किसी न किसी तरह के कीड़े पाए गए हैं (29)।
एवोकाडो
पत्तागोभी
गाजर
टमाटर
शिमला मिर्च
केला
आम
इसके अलावा, आपको अधपके मीट, मछली, पानी में होने वाली सब्जियां और सामान्य सब्जियों को बिना अच्छे से धोएं खाने से बचना चाहिए (30)।
पेट में कीड़े के जोखिम और जटिलताएं – Intestinal Worms Risks & Complications in Hindi
पेट में कीड़े होने की वजह से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसमें इंफेक्शन से लेकर कई सर्जिकल स्थितियां भी शामिल हैं। इनमें से कुछ बारे में हम यहां बता रहे हैं (31) (32) (1) :
एलर्जी।
��ीवर की नलिकाओं में रुकावट
आंत में बाधा
पेट से संबंधित समस्याएं
आंतों से रक्तस्राव
भूख न लगना
दस्त
पोषक तत्वों के अवशोषण में कमी
पेट में कीड़े का इलाज – Treatment of Intestinal Worms in Hindi
पेट के कीड़ों के घरेलू नुस्खे के बाद भी अगर समस्या कम नहीं होती है, तो आपको पेट में कीड़े के इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करना होगा। सबसे पहले तो डॉक्टर आपके मल व खून की जांच करके ये सुनिश्चित करेंगे कि आपके पेट में कीड़े हैं या नहीं। इसके अलावा, डॉक्टर आपको एंडोस्कोपी/कोलोनोस्कोपी या एमआरआई व अन्य जांच की भी सलाह दे सकते हैं (33)।
इसके बाद जब यह पक्का हो जाएगा कि आपके पेट में कीड़े हैं, तो डॉक्टर आपको अल्बेंडाजोल (Albendazole) जैसी कुछ दवाओं के सेवन की सलाह देगें, जिससे आपके पेट के कीड़े पेरालाइज हो जाएंगे या मर जाएंगे। हालांकि, अगर आपकी पेट के कीड़ों की वजह से आपकी आंत में कुछ समस्या आ गई है, तो एंडोस्कोपी से इन्हें हटाने की कोशिश की जाएगी और कुछ गंभीर मामलों में डॉक्टर सर्जरी की सलाह भी दे सकते हैं।
पेट में राउंड वॉर्म होने वाले लोगों को उपचार के 3 महीने बाद फिर से कीड़ों से संबंधित जांच करवाने की सलाह दी जाती है। इस दौरान देखा जाता है कि कही पेट में कीड़ों का अंड़ा या लार्वा मौजूद तो नहीं है। अगर ऐसा कुछ होता है, तो दोबारा से दवा दी जाती है (33)।
अगर आपके पेट में हूकवॉर्म हैं, तो पेट में कीड़े के इलाज दो से तीन दिन तक डॉक्टरी सलाह के अनुसार दवा लेने से पूरा हो जाता है। इसके अलावा, अगर आपको पेट के कीड़ों की वजह से आयरन की कमी या एनीमिया हो गया है, तो डॉक्टर आयरन की गोली लेने की भी सलाह दे सकते हैं (34)।
पेट में कीड़े किसी भी उम्र में और किसी को भी हो सकते हैं। इसलिए, आपको अपने आसपास सफाई रखने की काफी ज्यादा जरूरत है। इसके अलावा, अगर आप हाथों को धोएं बिना खाना खाने जैसी आदतों पर ध्यान दें, तो इस स्थिति से खुद को बचा सकते हैं। वो कहते हैं न इलाज से बेहतर रोकथाम है। अगर सावधानी बरतने के बावजूद पेट में कीड़े हो जाते हैं, तो आप इस लेख में दिए गए पेट के कीड़ों के घरेल��� नुस्खे को अपना सकते हैं। आशा करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अगर आपके जहन में इस विषय से संबंधित कुछ सवाल हैं, तो आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से हमारे साथ जुड़ सकते है। साथ ही पेट के कीड़ों से संबंधित इस तथ्यात्मक जानकारी को अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें।
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vinita pangeni
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/pet-me-keera-hone-ke-karan-lakshan-gharelu-ilaj-in-hindi/
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