#एलएचबी
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गरीबरथ एक्सप्रेस अब एलएचबी कोच के साथ चलेगी, इटारसी एवं हरदा के यात्रियों को मिलेगी सुविधा
इटारसी। रेल प्रशासन द्वारा अतिरिक्त यात्री यातायात तथा प्रतीक्षा सूची को क्लीयर करने एवं यात्री सुविधा को बढ़ाने के उद्देश्य से पश्चिम मध्य रेल से प्रारंभ/टर्मिनेट होने वाली गाडी संख्या 12187/88 जबलपुर (Jabalpur)-छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (Chhatrapati Shivaji Maharaj Terminus)-जबलपुर गरीबरथ एक्सप्रेस का रेक अब आईसीएफ से एलएचबी में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया है। पूर्व में यह गाडी 18…
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Chhattisgarh:अब यात्रा होगी और भी आरामदायक, छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली 19 ट्रेनों में मिलेगी ये बड़ी सुविधा - Lhb Coach Facility In 19 Trains Passing Through Chhattisgarh
सांकेतिक तस्वीर – फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी विस्तार रेल यात्रियों को बेहतर सुविधा और व्यवस्था देने के लिए रेलवे लगातार कार्य करता रहता है। इसी क्र�� में अब दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) की छत्तीसगढ़ में फिर एक नई सुविधा देने जा रहा है। अब पुराने आईसीएफ कोच को हटाकर नई तकनीक के एलएचबी कोच लगा रहा है, ताकि यात्रियों को बेहतर सुविधा मिल सके और उनका सफर आरामदायक रहे। अब छ्त्तीसगढ़ से होकर गुरजरने…
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Indian Railways: आखिर क्यों होती हैं ट्रेन के डिब्बों में सफेद, पीली और ग्रे धारियां, जानें रोचक वजह
Indian Railways: ट्रेन सफर करने के लिए एक बहुत ही सुगम साधन है. करोड़ों लोग ट्रेन से सफर करते हैं. भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक है. 16 अप्रैल, 1853 को पहली यात्री ट्रेन बोरीबंदर (बॉम्बे) और ठाणे के बीच 34 किमी की दूरी पर चली. आपने कई बार ट्रेन से सफर किया होगा.
लेकिन क्या आपने ट्रेन के डिब्बों में सफेद, पीली और ग्रे धारियों(Different coloured stripes on coaches) पर गौर किया है. आपकी नजर तो कई बार गई होगी.लेकिन आपने शायद ही कभी सोचा हो कि आखिर ये क्यों हैं. इनके पीछे होने की भी एक वजह है. तो चलिए जानते हैं कि आखिर रेल के डिब्बों में ये धारियां क्यों बनी होती हैं.
Indian Railways: नीले रंग के कोच पर सफेद पट्टी
किसी स्पेशल ट्रेन के अनारक्षित द्वितीय श्रेणी के डिब्बों को दर्शाने के लिए नीले रंग के रेलवे कोचों पर सफेद पट्टियां पेंट की जाती हैं.ये पट्टियां यात्रियों के लिए होती हैं जिससे सामान्य डिब्बों की पहचान आसानी से की जा सके.
क्यों नीले और लाल डिब्बों पर होती हैं पीली पट्टी
आपने अक्सर देखा होगा कि ट्रेन के नीले और लाल डिब्बों पर पीली पट्टियां होती हैं. ये पट्टियां विकलांग लोगों के लिए होती हैं, जो ��ारीरिक रूप से कमजोर हैं.ये डिब्बे उन यात्रियों के लिए भी होते हैं जो ��ुद को बीमार महसूस कर रहे हैं.
हरे रंग की धारियों वाले ग्रे कोच वाले डिब्बे महिलाओं के लिए होते हैं. ये डिब्बे केवल महिलाओं के लिए आरक्षित होते हैं.
ग्रे कोच पर लाल पट्टी लोकल ट्रेन या फिर यूं कहें ईएमयू/एमईमू ट्रेनों में प्रथम श्रेणी के डिब्बे में होती हैं.
राजधानी को दूसरे शहरों से जोड़ने के लिए राजधानी एक्सप्रेस चलाई जाती है. वे पूरी तरह से वातानुकूलित ट्रेनें हैं जिनमें एलएचबी स्लीपर कोच डिफ़ॉल्ट रूप से लाल रंग के होते हैं, पहले लाल रंग केवल राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों में किया जाता था अब इस रंग का इस्तेमाल दूसरी ट्रेनों के लिए होता है.
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रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी, अक्टूबर से आसानी से मिलेगी आरक्षित सीट, रेलवे अपनाएगा ये तकनीक
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. ट्रेन में यात्रा करने वाले लोगों को ज्यादातर आरक्षित सीट न मिलने की शिकायत रहती है। लेकिन अक्टूबर तक यात्रियों की ये शिकायत कुछ हद तक कम होने की उम्मीद है। दरअसल रेलवे ने ऐसा उपाय निकाला है जिससे अक्टूबर से ट्रेनों में आरक्षित यात्रा के लिए रोजाना चार लाख से अधिक सीटें (बर्थ) बढ़ेंगी। ऐसे में यात्रियों को आसानी से आरक्षित सीटें मिल जाएंगी। इससे यात्रियों को भी किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी और रेलवे की भी आय में बढ़ोतरी होगी। इस सुविधा के लिए रेल विभाग ऐसी तकनीक अपनाने जा रहा है जिससे डिब्बों में रोशनी और एयर कंडीशनिंग के लिए बिजली को लेकर अलग से पावर कार (जनरेटर डिब्बा) लगा��े की जरूरत नहीं होगी बल्कि इस जरुरत को इंजन के माध्यम से ही पूरी कर लिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, 'लिंक हाफमैन बुश' (एलएचबी) डिब्बों वाली हर ट्रेन में एक से दो जनरेटर बोगी लगी होती है। ये जनरेटर डीजल से चलते हैं और इससे सभी कोच में बिजली की सप्लाई की जाती है। इसे ‘एंड ऑन जनरेशन’ (ईओजी) तकनीक के तौर पर जाना जाता है। अधिकारियों ने कहा कि, 'आने वाले समय में रेल विभाग दुनिया भर में प्रचलि�� ‘हेड ऑन जेनरेशन’ (एचओजी) तकनीक का इस्तेमाल शुरू करने जा रहा है। इस तकनीक में रेलगाड़ी के ऊपर से जाने वाली बिजली तारों से ही डिब्बों के लिए भी बिजली ली जाती है।' अधिकारियों के मुताबिक, अक्टूबर महीने से भारतीय रेल के करीब 5,000 डिब्बे एचओजी तकनीक से परिचालित होने लगेंगे। इसके जरिए ट्रेनों में से जनरेटर बोगियों को हटा दिया जाएगा और उनके स्थान पर अतिरिक्त डिब्बे लगाए जाएंगे। इतना ही नहीं इससे रेलवे की ईंधन पर सालाना 6,000 करोड़ रुपए से अधिक की बचत होगी। अधिकारियों ने यह भी बताया कि, यह नई प्रणाली पर्यावरण अनुकूल भी है। इससे वायु और ध्वनि प्रदूषण नहीं होगा। साथ ही यह प्रत्येक रेलगाड़ी के हिसाब से कार्बन उत्सर्जन में 700 टन वार्षिक की कमी लाएगी। अधिकारियों के मुताबिक, 'उदाहरण के तौर पर देखे तो सभी शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन में दो जनरेटर बोगियां लगाई जाती हैं। जब हम एचओजी प्रणाली को इस्तेमाल करना शुरू कर देंगे तो ऐसी ट्रेनों में स्टैंडबाय के लिए मात्र एक जनरेटर बोगी की जरूरत होगी।' Read the full article
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इन दो ट्रेनों में नहीं लगेंगे डीजल जेनरेटर, नई तकनीक से सप्लाई होगी बिजली
इन दो ट्रेनों में नहीं लगेंगे डीजल जेनरेटर, नई तकनीक से सप्लाई होगी बिजली
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अब इंजन की बिजली से ही रोशन होंगे कोच एचओजी तकनीक के अंतर्गत ट्रेन में लाइट्स, एसी, पंखें और अन्य यात्री सुविधाओं के लिए बिजली आपूर्ति की जाती है. नई तकनीक HOG में बिजली की लागत 6 रुपए प्रति यूनिट उपलब्ध होगी जबकि पुरानी EOG तकनीक में एक यूनिट…
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भारतीय रेलवे LHB AC 3 टियर इकोनॉमी क्लास कोच पहले प्रोटोटाइप
भारतीय रेलवे LHB AC 3 टियर इकोनॉमी क्लास कोच पहले प्रोटोटाइप
छवि स्रोत: फ़ाइलभारतीय रेलवे ने पहले प्रोटोटाइप एलएचबी एसी 3-टियर इकोनॉमी क्लास कोच का रोल किया भारतीय रेलवे ने पहले प्रोटोटाइप लिंके हॉफमैन बस (एलएचबी) एसी थ्री-टियर इकोनॉमी क्लास कोच को रोलआउट किया है। एक बयान में, रेल मंत्रालय ने कहा कि ये एलएचबी इकोनॉमी श्रेणी के कोच, आवश्यक प्रतिबंधों के बाद, एलएचबी कोचों (राजधानी, शताब्दी, दुरंतो और जन शताब्दी विशेष प्रकार की ट्रेनों को छोड़कर) के साथ चलने…
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भारतीय रेलवे भारत गौरव ट्रेन योजना के तहत केवल एलएचबी कोच आवंटित करेगा
भारतीय रेलवे भारत गौरव ट्रेन योजना के तहत केवल एलएचबी कोच आवंटित करेगा
बेहतर गुणवत्ता वाले कोचों और ज्यादा व्यावहारिक टूर पैकेजों के प्रावधान के जरिए रेल आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयासों को और तेज करने के लिए भारत गौरव ट्रेन योजना की समीक्षा की गई। संशोधित नीति की मुख्य विशेषताएं इस तरह ��ैं: अब से, भारत गौरव ट्रेन योजना के तहत केवल लिंके हॉफमैन बुश (एलएचबी) कोच आवंटित किए जाएंगे। रेल पर्यटन को बढ़ावा देने और उत्पादों को और अधिक व्यवहार्य बनाने के मकसद से…
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भारतीय रेलवे के लिए एलएचबी व्हील्स की पहली खेप रायबरेली में आरआईएनएल के फोर्ज्ड व्हील प्लांट (एफडब्ल्यूपी) से झंडी दिखाकर रवाना की गई
भारतीय रेलवे के लिए एलएचबी व्हील्स की पहली खेप रायबरेली में आरआईएनएल के फोर्ज्ड व्हील प्लांट (एफडब्ल्यूपी) से झंडी दिखाकर रवाना की गई
श्री संजय सिंह, सचिव (इस्पात) ने आत्मनिर्भर भारत और ब्रांड इंडिया को विकसित करने की प्रधानमंत्री की परिकल्पना को साकार करने के लिए आरआईएनएल के सामूहिक प्रयासों की सराहना की इस्पात मंत्रालय के सचिव श्री संजय सिंह ने आज रायबरेली में आरआईएनएल के फोर्ज्ड व्हील प्लांट (एफडब्ल्यूपी) में आयोजित एक समारोह में भारतीय रेलवे को एलएचबी व्हील्स की पहली खेप को झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर आरआईएनएल के…
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Indian Railways to Make 80,000 'Make in India' Wheels Every Year, Says Ashwini Vaishnaw
Indian Railways to Make 80,000 ‘Make in India’ Wheels Every Year, Says Ashwini Vaishnaw
भारतीय रेलवे अद्यतन: भारतीय रेल केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पहियों का निर्यातक बनने का खाका तैयार किया है और एक संयंत्र बनाने के लिए शुक्रवार को एक निविदा जारी की है जो हर साल कम से कम 80,000 पहियों का निर्माण करेगा। एक प्रेस वार्ता में, वैष्णव ने कहा कि हाई-स्पीड ट्रेनों और एलएचबी कोचों के लिए आवश्यक जाली पहियों का उत्पादन अब ‘मेक इन इंडिया’ प्लांट में किया जाएगा और प्रति वर्ष 600…
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Scientists Find New Brain Mechanism That Could Help Manage Substance Abuse
Scientists Find New Brain Mechanism That Could Help Manage Substance Abuse
नशीली दवाओं के दुरुपयोग से संबंधित विकारों से निपटने के उपचार के लिए जो पर्याप्त साबित हो सकता है, उसमें वैज्ञानिकों ने एक नए मस्तिष्क तंत्र की खोज की है। अध्ययन, जो चूहों में कोकीन की मांग पर आधारित था, ने पाया कि कुछ एसिटाइलकोलाइन रिसेप्टर्स को बाधित करने से कोकीन चाहने वाले आग्रहों का विरोध करना अधिक कठिन हो गया। ये रिसेप्टर्स पार्श्व हेबेनुला (एलएचबी) में स्थित हैं, मस्तिष्क का एक क्षेत्र जो…
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नए रंग-रूप के साथ चलेगी देश की पहली लक्जरी ट्रेन, जानिये खासियत
नए रंग-रूप के साथ चलेगी देश की पहली लक्जरी ट्रेन, जानिये खासियत
नयी दिल्ली 5 जून 2022। मुंबई और पुणे के बीच चलने वाली ऐतिहासिक ट्रेन डेक्कन क्वीन ने अपने सफर के 92 साल पूरे कर लिए हैं इस मौके पर रेलवे की ओर से ट्रेन को पूरे नए रंग- रूप में उतारा गया है। इसमें रेस्त्रां कार और विस्ताडोम कोच जैसी सुविधाओं को जोड़ा गया है। जानिए क्या-क्या किए गए हैं अहम बदलाव.. नए LHB कोच जोड़े गए: रेलवे की ओर से पुराने सभी डिब्बों को हटाकर नए एलएचबी कोचों को जोड़ दिया गया है।…
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Indian Railways will run these Trains from Lucknow to Mumbai with LHB coach
Indian Railways will run these Trains from Lucknow to Mumbai with LHB coach
नई दिल्ली. रेलवे (Railways) की ओर से यात्रियों को ज्यादा सुरक्षित और आरामदायक यात्रा उपलब्ध कराने के ट्रेनों (Trains) के रेकों में बदलाव किया जा रहा है. आईसीएफ कोच वाली ट्रेनों के कोचों को एलएचबी रेक (LHB Rake) में तबदील किया जा रहा है. पूर्वोत्तर रेलवे (North Eastern Railway) की ओर से लखनऊ जंक्शन (Lucknow Junction) और पु���े के बीच चलने वाली लखनऊ-पुणे एक्सप्रेस (Lucknow-Pune Express) की…
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एलएचबी कोच से लैस 15 से अधिक ट्रेनें भारतीय रेलवे 110 किमी प्रति घंटे की गति से चलेंगी।
एलएचबी कोच से लैस 15 से अधिक ट्रेनें भारतीय रेलवे 110 किमी प्रति घंटे की गति से चलेंगी।
इंदौर. रेल प्रशासन ने यात्रियों के लिए यात्रा को और अधिक आरामदायक बनाने और ट्रेनों की गति तेज करने के उपायों को लागू किया है। इंदौर से अब 15 से अधिक ट्रेनें एलएचबी रैक पर चल रही हैं। नए रैक ने जहां यात्रियों के सफर को और आरामदायक बना दिया है, वहीं इन ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ गई है। ये ट्रेनें नागदा के फॉरवर्ड सेक्शन में 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही हैं। दरअसल, रेलवे ने हाल ही में…
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