Tumgik
#एक सर्वशक्तिमान
swimmingartisannut · 11 hours
Text
Tumblr media
0 notes
subhashdagar123 · 10 hours
Text
0 notes
rugbirdas · 1 day
Text
0 notes
sachindc · 22 hours
Text
Tumblr media
# शास्त्रविरुद्ध_शास्त्रनुकूल
शास्त्र विरुद्ध Vs शास्त्रानुकूल साधना
देवी-देवता की पूजा करना शास्त्र विरुद्ध साधना है।
शास्त्रों के अनुसार, एक सर्वशक्तिमान पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी की भक्ति पूर्ण संत द्वारा नाम उपदेश लेकर करना शास्त्र अनुकुल साधना है
Sant Rampal Ji Maharaj
5 notes · View notes
yogi-1988 · 6 months
Text
Tumblr media
#Facts_About_EasterSunday
अनेक प्रभुओं का प्रमाण
3:22. फिर यहोवा प्रभु ने (उत्पति अध्याय 3/22 तथा 17/1 तथा 18/1 से 5 तथा 16 से 23 तथा 26-29-32-33 में) कहा मनुष्य भले-बुरे का ज्ञान पाकर हम में से एक के समान हो गया है। इसलिए ऐसा न हो कि यह जीवन के वृक्ष वाला फल भी तोड़ कर खा ले और सदा जीवित रहे। उत्पति ग्रन्थ के अध्याय 17 श्लोक 1 (17:1) में कहा है कि जब अब्राम निन्यानवे (99) वर्ष का हो गया तब यहोवा ने उसको दर्शन दे कर कहा "मैं सर्वशक्तिमान हुँ। मेरी उपस्थिति में चल और सिद्ध होता जा" फिर उत्पति ग्रन्थ के अध्याय 18 श्लोक 1 से 10 तथा अध्याय 19 श्लोक 1 से 25 में तीन प्रभुओं का प्रमाण है।
उपरोक्त विवरण से स्पष्ट है कि आदम जी का प्रभु कह रहा है कि आदम को भले बुरे का ज्ञान होने से हम में से एक के समान हो गया है। इससे सिद्ध हुआ कि ऐसे प्रभु और भी हैं जब कि इसाई धर्म के श्रद्धालु कहते है परमात्मा एक है तथा यह भी प्रमाणित हुआ कि परमात्मा साकार है मनुष्य जैसा है।
Kabir Is God
🥀🥀 आध्यात्मिक जानकारी के लिए
𝐏𝐥𝐚𝐲𝐒𝐭𝐨𝐫𝐞 से 𝐈𝐧𝐬𝐭𝐚𝐥𝐥 करें 𝐀𝐩𝐩 :-
𝐒𝐚𝐧𝐭 𝐑𝐚𝐦𝐩𝐚𝐥 𝐣𝐢 𝐌𝐚𝐡𝐚𝐫𝐚𝐣
𝐯𝐢𝐬𝐢𝐭 :- ↪️ 𝐒𝐚𝐧𝐭 𝐑𝐚𝐦𝐩𝐚𝐥 𝐣𝐢 𝐌𝐚𝐡𝐚𝐫𝐚𝐣 𝐘𝐨𝐮 𝐓𝐮𝐛𝐞 𝐂𝐡𝐚𝐧𝐧𝐞𝐥
8 notes · View notes
sstkabir-0809 · 11 months
Text
( #MuktiBodh_Part117 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#MuktiBodh_Part118
हम पढ़ रहे है पुस्तक "मुक्तिबोध"
पेज नंबर 231
◆ वाणी नं. 146 :-
गरीब, बाण लगाया बालिया, प्रभास क्षेत्र कै मांहि।
सुक्ष्म देही स्वर्गहिं गये, यहां कुछ बिछर्या नाहिं।।146।।
◆ सरलार्थ :- श्री कृष्ण जी के पैर में बालिया नामक शिकारी ने तीर मारा। श्री कृष्ण जी की मृत्यु हो गई, परंतु सुक्ष्म शरीर स्वर्ग चला गया।(146)
◆ वाणी नं. 147- 149 :-
गरीब, दुर्बासा कोपे तहां, समझ न आई नीच।
छप्पन कोटि जादौं कटे, मची रुधिर की कीच।।147।।
गरीब, गूदड़ गर्भ बनाय करि, कीन्हीं बहुत मजाक।
डरिये सांई संत सैं, सुखदे बोलै साख।।148।।
गरीब, दश हजार पुत्र कटे, गोपी काब्यौं लूटि।
गनिका चढी बिवान में, भाव भक्ति सें छूटि।।149।।
◆ सरलार्थ :- एक समय दुर्वासा ऋषि द्वारिका नगरी के पास वन में आकर ठहरा। धूना अग्नि लगाकर तपस्या करने लगा। दुर्वासा ऋषि श्री कृष्ण जी के आध्यात्मिक गुरू थे।
{ऋषि संदीपनी श्री कृष्ण के अक्षर ज्ञान करवाने वाले शिक्षक (गुरू) थे।} दुर्वासा जी की ख्याति चारों ओर द्वारका नगरी में फैल गई कि ऐसे पहुँचे हुए ऋषि हैं। भूत, भविष्य तथा वर्तमान की सब जानते हैं। द्वारिका के निवासी श्री कृष्ण से अधिक किसी भी ऋषि व देव को नहीं मानते थे। उनको अभिमान था कि हमारे साथ श्री कृष्ण हैं। कोई भी देव, ऋषि व साधु हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता। श्री कृष्ण को सर्वशक्तिमान मान रखा था।
द्वारिका के नौजवानों को शरारत सूझी। आपस में विचार किया कि साधु लोग ढोंगी होते हैं। इनकी पोल खोलनी चाहिए। चलो दुर्वासा ऋषि की परीक्षा लेते हैं। श्री कृष्ण के पुत्र प्रधूमन ने गर्भवती स्त्री का स्वांग धारण किया। पेट के ऊपर छोटा कड़ाहा बाँधा। उसके ऊपर रूई-लोगड़ रखकर वस्त्र बाँधकर स्त्री के कपड़े पहना दिए। उसका एक पति बना लिया। सात-आठ नौजवान यादव उनके साथ दुर्वासा के डेरे में गए और प्रणाम करके
निवेदन किया कि ऋषि जी आपका बहुत नाम सुना है कि आप भूत-भविष्य तथा वर्तमान की जानते हैं। ये पति-पत्नी हैं। इनके विवाह के बारह वर्ष बाद परमात्मा ने संतान की आश पूरी की है। ये यह ���ानना चाहते हैं कि गर्भ में लड़का होगा या लड़की। ये यह जानने के लिए उतावले हो रहे हैं। कृपया बताने का कष्ट करें। दुर्वासा ऋषि ने ध्यान लगाकर देखा तो सब समझ में आ गया। क्रोध में भरकर बोला, बताऊँ क्या होगा? सबने एक स्वर में कहा कि हाँ! ऋषि जी बताओ। दुर्वासा बोला कि इस गर्भ से यादव कुल का नाश होगा। चले जाओ यहाँ से। सब भाग लिए। गाँव में बुद्धिमान बुजुर्गों को पता चला कि बच्चों ने ऋषि दुर्वासा के साथ मजाक कर दिया। ऋषि ने यादव कुल का नाश होने का शॉप दे दिया है। जुल्म हो गया। सब मरेंगे। अब क्या उपाय किया जाए? सब मिलकर अपने गुरू तथा राजा श्री कृष्ण जी के पास गए तथा सब हाल कह सुनाया। श्री कृष्ण जी से कहा कि इस कहर से आप ही बचा सकते हो। श्री कृष्ण जी ने कहा कि उन सब बच्चों को साथ लेकर ऋषि दुर्वासा के पास जाओ। इनसे क्षमा मँगवाओ। तुम भी बच्चों की ओर से क्षमा माँगो। सब मिलकर ऋषि दुर्वासा के पास गए तथा बच्चों से गलती की क्षमा याचना करवाई। स्वयं भी क्षमा याचना की। ऋषि दुर्वासा बोले कि वचन वापिस नहीं हो सकता। सब वापिस श्री कृष्ण के पास आए तथा कहा कि दुर्वासा के शॉप से बचने का उपाय बताऐं। श्री कृष्ण ने कहा कि जो-जो वस्तु गर्भ स्वांग में प्रयोग की थी। उनका नामों-निशान मिटा दो। उन्हीं से अपने कुल का नाश होना कहा है। कपड़े-रूई-लोगड़ को जलाकर उनकी राख को प्रभास क्षेत्रा में नदी में डाल दो। जो लोहे की कड़ाही है, उसे पत्थर पर घिसा-घिसाकर चूरा बनाकर प्रभास क्षेत्र में दरिया में डाल दो। न रहेगा बाँस, न बजेगी बाँसुरी। द्वारिकावासियों ने अपने गुरू श्री कृष्ण जी के आदेश का पालन किया। लोहे की कड़ाही का एक कड़ा एक व्यक्ति को घिसाने के लिए दिया था। उसने कुछ घिसाया, पूरा नहीं घिसा। वैसे ही जमना दरिया में फैंक दिया।
घिसने से उस कड़े में चमक आ गई थी। एक मछली ने उसे खाने की वस्तु समझकर खा लिया। उस मछली को एक बालिया नाम के भील ने पकड़कर काटा तो कड़ा निकला। उसका लोहा पक्का था। बालिया ने उससे अपने तीर का आगे वाला हिस्सा विषाक्त बनवा
लिया। कड़ाहे का जो लोहे का चूर्ण दरिया में डाला था, उसका तेज-तीखे पत्तों वाला घास उग गया। पत्ते तलवार की तरह पैने थे। कपड़ों तथा रूई-लोगड़ (पुरानी रूई) की राख का
भी घास उग गया।
क्रमशः_________________
••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। साधना चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
Tumblr media
10 notes · View notes
rajender-kumar · 1 month
Text
#AlmightyGodKabir
सर्वशक्तिमान परमेश्वर कबीर
सतगुरु की शक्ति
सतगुरू साहेब एक शरीरा, सतगुरू बिना न लागे तीरा।
सतगुरू व परमात्मा एक ही शक्ति होते हैं। सतगुरू के बिना भक्त संसार से पार नहीं हो सकता ।
Kindly visit
(SANT RAMPAL JI MAHARAJ )Youtube Channel for more information
Tumblr media
2 notes · View notes
arpitkumar1 · 3 months
Text
एक बार कबीर साहेब सत्संग कर रहे थे, शेख तकी ने कबीर साहेब को सैनिकों से कोड़े मरवाये। लेकिन कबीर साहेब के शरीर पर कोई निशान नहीं था। क्योंकि कबीर साहेब का शरीर अमर है और कबीर साहेब सर्वशक्तिमान हैं। यह देख वहां बैठे लोग हैरान रह गए और कबीर साहेब की महिमा के नारे लगाने लगे।
#अत्याचार_की_अति
#KabirParmatma_PrakatDiwas
#KabirPrakatDiwas #KabirisGod #kabir #SaintRampalJiQuotes
#SaintRampalJi
3 notes · View notes
sapandas · 5 months
Text
देवी दुर्गा के पिता कौन हैं?
Tumblr media
कबीर सागर में सृष्टि रचना,
क्षर पुरुष/काल और दुर्गा की उत्पत्ति बताई गई है।
सर्वशक्तिमान परमात्मा कविर्देव / कबीर जी ने अपनी वचन शक्ति से एक अंडे से इस क्षर पुरुष की उत्पत्ति की और बाद में दुर्गा का जन्म परमेश्वर कबीर/कविर्देव की वचन शक्ति से हुआ तो दुर्गा के पिता सर्वशक्तिमान कविर्देव के अतिरिक्त कोई नहीं है।
2 notes · View notes
jayshrisitaram108 · 8 months
Text
Tumblr media
एक अनीह अरूप अनामा अज सच्चिदानंद पर धामा
ब्यापक बिस्वरूप भगवाना तेहिं धरि देह चरित कृत नाना
जो परमेश्वर एक है जिनके कोई इच्छा नहीं है जिनका कोई रूप और नाम नहीं है जो अजन्मा सच्चिदानन्द और परमधाम है और जो सबमें व्यापक एवं विश्व रूप हैं उन्हीं भगवान ने दिव्य शरीर धारण करके नाना प्रकार की लीला की है
सो केवल भगतन हित लागी परम कृपाल प्रनत अनुरागी
जेहि जन पर ममता अति छोहू जेहिं करुना करि कीन्ह न कोहू
वह लीला केवल भक्तों के हित के लिए ही है क्योंकि भगवान परम कृपालु हैं और शरणागत के बड़े प्रेमी हैं जिनकी भक्तों पर बड़ी ममता और कृपा है जिन्होंने एक बार जिस पर कृपा कर दी उस पर फिर कभी क्रोध नहीं किया
गई बहोर ग़रीब नेवाजू सरल सबल साहिब रघुराजू
बुध बरनहिं हरि जस अस जानी करहिं पुनीत सुफल निज बानी
वे प्रभु श्री रघुनाथजी गई हुई वस्तु को फिर प्राप्त कराने वाले ग़रीब नवाज (दीनबन्धु) सरल स्वभाव सर्वशक्तिमान और सबके स्वामी हैं यही समझकर बुद्धिमान लोग उन श्री हरि का यश वर्णन करके अपनी वाणी को पवित्र और उत्तम फल (मोक्ष और दुर्लभ भगवत्प्रेम) देने वाली बनाते हैं
जय श्री राम🏹ᕫ🌷🙏
3 notes · View notes
brijpal · 9 months
Text
Tumblr media
#AlmightyGodKabir
सर्वशक्तिमान परमेश्वर कबीर
देवी दुर्गा के पिता कौन हैं?
कबीर सागर में सृष्टि रचना,
क्षर पुरुष/काल और दुर्गा की उत्पत्ति बताई गई है।
सर्वशक्तिमान परमात्मा कविर्देव / कबीर जी ने अपनी वचन शक्ति से एक अंडे से इस क्षर पुरुष की उत्पत्ति की और बाद में दुर्गा का जन्म परमेश्वर कबीर/कविर्देव की वचन शक्ति से हुआ तो दुर्गा के पिता सर्वशक्तिमान कविर्देव के अतिरिक्त कोई नही है।
Kindly visit
(SANT RAMPAL JI MAHARAJ )Youtube Channel for more information about way of worship.
4 notes · View notes
omprakashs-stuff · 1 year
Text
कबीर जी ने गरीब दास जी को सतज्ञान दिया था
भगवान कबीर जी समय समय पर आकर अपनी प्यारी आत्माओं से मिलते हैं उन्हें सच्चा ज्ञान देते हैं। भगवान कबीर जी संत गरीबदास जी से मिले। कबीर परमेश्वर जी ने संत गरीबदास जी से कहा,
मैं रोवत हूं सृष्टि को, ये सृष्टि रोवे मोहे |
गरीबदास इस वियोग को, समझ न सकता कोये ||
इस वाणी में संत गरीबदास जी कह रहे हैं कि कबीर परमेश्वर जी ने कहा- हे गरीब दास! मैं दुनिया के लिए रोता हूं कि तुम सब मेरे बच्चे हो। मैं तुम्हारा बाप हूँ। आप यहाँ इस बुरे काल लोक में अपनी गलती के कारण आए हैं। काल तुम्हारा दुरुपयोग कर रहा है। आप यहाँ पीड़ित हैं। आप मेरे कहे अनुसार पूजा करें और अपने मूल स्थान सतलोक में चले जाएं, जहां कोई दुख नहीं है।
और, यह दुनिया मेरे लिए रोती है कि हे भगवान! आप सर्वशक्तिमान, निर्माता, सभी के पालनहार हैं। कृपया हमें खुशी दें। कृपया हमारे कष्टों को दूर करें। हम आपकी भक्ति, पूजा करते हैं।आप हमें दर्शन क्यों नहीं दे रहे हैं?
लेकिन, जब मैं उनके पास जाता हूं और उन्हें बताता हूं कि मैं भगवान हूं। फिर ईश्वर निराकार होने के इस निराधार विश्वास पर दृढ़ होकर मुझ पर विश्वास नहीं करते। इस काल ने हमारे बीच अज्ञानता की दीवार खींच दी है। इस अलगाव को कोई नहीं समझ सकता।
इस अलगाव को समझने के लिए एक तीसरी इकाई की जरूरत थी। वह तीसरी इकाई है सतगुरु, जो ईश्वर को अपनी आत्माओं से जोड़ता है। संत रामपाल जी महाराज जी आज एकमात्र सतगुरु हैं। वे स्वयं कबीर जी के अवतार हैं। वह वही आध्यात्मिक ज्ञान बताते हैं और उसी तरह पूजा का उपदेश देते हैं जैसे कबीर परमात्मा। इसका प्रमाण वह पवित्र कबीर सागर से भी देते हैं।
कबीर परमेश्वर ज��� की आराधना सभी प्रकार के कष्टों को दूर करती है। संत रामपाल जी कबीर जी की शास्त्र आधारित उपासना का तरीका बताते हैं। नतीजतन, उनके हजारों भक्त अंतिम चरण में भी कैंसर और एड्स जैसी घातक बीमारियों से ठीक हो चुके हैं। भूत और पितृ उनके भक्तों को नुकसान नहीं पहुंचा सकते। उनके हर प्रकार के कष्ट समाप्त हो जाते हैं। संत रामपाल जी से दीक्षा लेने से व्यक्ति की अकाल मृत्यु नहीं होती है। बस, भक्ति मर्यादाओं को निभाना अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
Tumblr media
3 notes · View notes
sachindc · 22 hours
Text
Tumblr media
# शास्त्रविरुद्ध_शास्त्रनुकूल
शास्त्र विरुद्ध Vs शास्त्रानुकूल साधना
देवी-देवता की पूजा करना शास्त्र विरुद्ध साधना है।
शास्त्रों के अनुसार, एक सर्वशक्तिमान पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी की भक्ति पूर्ण संत द्वारा नाम उपदेश लेकर करना शास्त्र अनुकुल साधना है
Sant Rampal Ji Maharaj
3 notes · View notes
yogi-1988 · 6 months
Text
Sadhna TV Satsang 01-04-2024 || Episode: 2894 || Sant Rampal Ji Maharaj ...
#MustListenSatsang
अनेक प्रभुओं का प्रमाण
3:22. फिर यहोवा प्रभु ने (उत्पति अध्याय 3/22 तथा 17/1 तथा 18/1 से 5 तथा 16 से 23 तथा 26-29-32-33 में) कहा मनुष्य भले-बुरे का ज्ञान पाकर हम में से एक के समान हो गया है। इसलिए ऐसा न हो कि यह जीवन के वृक्ष वाला फल भी तोड़ कर खा ले और सदा जीवित रहे। उत्पति ग्रन्थ के अध्याय 17 श्लोक 1 (17:1) में कहा है कि जब अब्राम निन्यानवे (99) वर्ष का हो गया तब यहोवा ने उसको दर्शन दे कर कहा "मैं सर्वशक्तिमान हुँ। मेरी उपस्थिति में चल और सिद्ध होता जा" फिर उत्पति ग्रन्थ के अध्याय 18 श्लोक 1 से 10 तथा अध्याय 19 श्लोक 1 से 25 में तीन प्रभुओं का प्रमाण है।
उपरोक्त विवरण से स्पष्ट है कि आदम जी का प्रभु कह रहा है कि आदम को भले बुरे का ज्ञान होने से हम में से एक के समान हो गया है। इससे सिद्ध हुआ कि ऐसे प्रभु और भी हैं जब कि इसाई धर्म के श्रद्धालु कहते है परमात्मा एक है तथा यह भी प्रमाणित हुआ कि परमात्मा साकार है मनुष्य जैसा है।
🏷️ अधिक जानकारी के लिए "ज्ञान गंगा" पुस्तक फ्री में ऑर्डर करे ⤵️
https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSc2SCilCt8isyNVt97-LUUrIBX_JgG_fbAoMOoXgWMacEBqTg/viewform?usp=sf_link
☑️ पुस्तक और डिलीवरी चार्ज बिल्कुल निःशुल्क (फ्री) है।
अपना नाम ,पूरा पता, पिनकोड ,मोबाइल नंबर हमें Whatsapp करें +91 7496801825
➡️ आध्यात्मिक जानकारी के लिए PlayStore से Install करें App :-
"Sant Rampal Ji Maharaj"
➡️ सुनिए जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन :-
➜पापुलर टीवी 📺 पर शाम 7:30 से 8:30
➜ श्रद्धा टीवी 📺 दोपहर - 2:00 से 3:00
अधिक जानकारी के लिए Satlok Ashram Youtube Channel Visit करें।
4 notes · View notes
singhmanojdasworld · 1 year
Text
🍃 *ज्ञान गंगा* 🍃
*(Part - 43)*
*यथार्थ ज्ञान प्रकाश विषय*
*परमेश्वर के विषय में शास्त्र क्या बताते हैं ?*
प्रभु - स्वामी - ईश - राम - खुदा - अल्लाह - रब - मालिक - साहेब - देव - भगवान
गौड। यह सर्व शक्ति बोधक शब्द हैं जो भिन्न-भिन्न भाषाओं में उच्चारण किए व लिखे जाते हैं।
‘‘प्रभु‘‘ की महिमा से प्रत्येक प्राणी प्रभावित है कि कोई शक्ति है जो परम सुखदायक व कष्ट निवारक है। वह कौन है? कैसा है? कहाँ है? कैसे मिलता है? यह प्रश्नवाचक चिन्ह अभी तक पूर्ण रूप से नहीं हट पाया। यह शंका इस पुस्तक से पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगी।
जो शक्ति अन्धे को आँखें प्रदान करे, गूंगे को आवाज, बहरे को कानों से श्रवण करवा दे, बाँझ को पुत्र दे, निर्धन को धनवान बना दे, रोगी को स्वस्थ करे, जिस के यदि दर्शन हो जायें तो अति आनन्द हो, जो सर्व ब्रह्मण्डों का रचनहार, पूर्ण शान्तिदायक जगत गुरु तथा सर्वज्ञ है, जिसकी आज्ञा बिना पत्ता भी नहीं हिल सकता अर्थात् सर्वशक्तिमान जिसके सामने कुछ भी असम्भव नहीं है। ऐसे गुण जिसमें है वह वास्तव में प्रभु (स्वामी, ईश, राम, भगवान, खुदा, अल्लाह, रहीम, मालिक, रब, गौड) कहलाता है।
यहाँ पर एक बात विशेष विचारणीय है कि किसी भी शक्ति का ज्ञान किसी शास्त्र से ही होता है। उसी शास्त्र के आधार पर गुरुजन अपने अनुयाइयों को मार्गदर्शन करते हैं। वह शास्त्र (धार्मिक पुस्तकें) हैं चारों वेद (ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद), श्री मद्भागवत गीता, श्री मद्भागवत सुधासागर, अठारह पुराण, महाभारत, बाईबल, कुरान आदि प्रमाणित पवित्र शास्त्र हैं। चारों वेद स्वयं पूर्ण परमात्मा के आदेश से ज्योति निरंजन (काल) ने समुद्र के अन्दर अपने स्वांसों के द्वारा गुप्त छिपा दिया तथा प्रथम बार सागर मन्थन के समय यह चारों वेद श्री ब्रह्मा जी को प्राप्त हुए। जो ब्रह्मा जी (क्षर पुरुष के ज्येष्ठ पुत्र) ने पढे़ तथा जैसा समझ सका उसी आधार पर संसार में ज्ञान का प्रचार अपने वंशजों (ऋषियों) के द्वारा करवाया। पूर्ण परमात्मा ने पाँचवां ‘‘स्वसम‘‘ (सूक्ष्म) वेद भी ब्रह्म (काल) को दिया था जो इस ज्योति निरंजन ने अपने पास गुप्त रखा तथा उसे समाप्त कर दिया।
कुछ समय उपरान्त अर्थात् एक कल्प (एक हजार चतुर्युग) के बाद तीन लोक (पृथ्वी लोक, स्वर्गलोक, पाताललोक) के सर्व प्राणी प्रलय (विनाश) हो जाते हैं। फिर ज्योति निरंजन (काल) के निर्देश से ब्रह्मा अपनी रात्री समाप्त होने पर (ब्रह्मा की रात्री एक हजार चतुर्युग की होती है तथा इतना ही दिन) जब दिन प्रारम्भ होता है, रजोगुण से प्रभावित करके प्राणियों की उत्पत्ति तीनों लोकों में शुरू करता है।
तब सतयुग की शुरुआत में वही चारों वेद काल (ब्रह्म) स्वयं ब्रह्मा को फिर प्रदान करता है तथा फिर प्राकृतिक उथल-पुथल के कारण चारों पवित्र वेदों का ज्ञान समाप्त हो जाता है। उसके पश्चात् फिर समय अनुसार अन्य ऋषियों में प्रवेश करके दोबारा लिखवाता है। फिर भी समय अनुसार प्राकृतिक उथल-पुथल के बाद स्वार्थी लोगों के द्वारा वेदों में बदलाव करके वास्तविक ज्ञान संसार से लुप्त कर दिया जाता है। वही काल (ब्रह्म-ज्योति निरंजन) महाभारत युद्ध के समय श्री कृष्ण में प्रवेश करके चारों वेदों का संक्षिप्त विवरण श्रीमद्भागवत गीता के रूप में दिया तथा कहा कि अर्जुन यही ज्ञान मैंने पहले सूर्य से कहा था। उसने अपने पुत्र वैवश्वत् अर्थात् मनु से तथा वैवश्वत् अर्थात् मनु ने अपने पुत्र इक्ष्वाकु से कहा था। परन्तु बीच में यह उत्तम ज्ञान प्राय समाप्त हो गया था।
इस काल (ब्रह्म-ज्योति निरंजन) ने श्री वेदव्यास ऋषि के शरीर में प्रवेश करके चारों वेद, महाभारत, अठारह पुराण, ��्रीमद्भागवतगीता, श्री सुधासागर को पुनः लिपिबद्ध (संस्कृत भाषा में) करवाया जो आज सभी को उपलब्ध हैं। ये सर्व शास्त्र श्रेष्ठ हैं। अब इन शास्त्रों को कलयुगी ऋषियों ने भाषा-भाष्य अर्थात् हिन्दी अनुवाद करके अपने विचार मिलाने की कोशिश की है, जो स्पष्ट गलत दिखाई देते हैं और व्याख्या से मेल नहीं खाते हैं। यह सर्व शास्त्र महर्षि व्यास जी द्वारा लगभग 5300 (पाँच हजार तीन सौ) वर्ष पूर्व दोबारा लिखे गए थे। उस समय हिन्दु धर्म, इसाई धर्म, मुसलमान धर्म व सिक्ख धर्म आदि कुछ भी नहीं थे। एक वेदों के मानने वाले आर्य ही हुआ करते थे। कर्म आधार पर जाति होती थी तथा केवल चार वर्ण (क्षत्रि-वैश्य-ब्राह्मण तथा शुद्र) ही थे।
इससे एक तो यह प्रमाणित हो जाता है कि यह सर्व शास्त्र किसी धर्म या व्यक्ति विशेष के लिए नहीं है। यह केवल मानव मात्र के कल्याण हेतु हैं। दूसरे यह प्रमाणित होता है कि हमारे पूर्वज एक थे। जिनके संस्कार आपस में मिले जुले हैं।
सर्व प्रथम पवित्र शास्त्र गीता जी पर विचार करते हैं।
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे।
संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
2 notes · View notes
prahlads-stuff · 1 year
Text
Sat Sahib satguru rampal ji Maharaj ji ki jai एक बार कबीर साहेब सत्संग कर रहे थे, शेख तकी ने कबीर साहेब को सैनिकों से कोड़े मरवाये। लेकिन कबीर साहेब के शरीर पर कोई निशान नहीं था। क्योंकि कबीर साहेब का शरीर अमर है और कबीर साहेब सर्वशक्तिमान हैं। यह देख वहां बैठे लोग हैरान रह गए और कबीर साहेब की महिमा के नारे लगाने लगे।
https://pic.twitter.com/HbJJHMu8T8
Tumblr media
2 notes · View notes