#एआईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप
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इस्तांबुल महिला मुक्केबाजी विश्व चैंपियनशिप की मेजबानी करेगा, पुरुषों के समान पुरस्कार राशि की पेशकश करेगा | बॉक्सिंग न्यूज - टाइम्स ऑफ इंडिया
इस्तांबुल महिला मुक्केबाजी विश्व चैंपियनशिप की मेजबानी करेगा, पुरुषों के समान पुरस्कार राशि की पेशकश करेगा | बॉक्सिंग न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
लुसाने: The महिला मुक्केबाजी विश्व चैंपियनशिप दिसंबर की शुरुआत में इस्तांबुल में आयोजित किया जाएगा और कुल 2.6 मिलियन डॉलर की पुरस्कार राशि की पेशकश करेगा, जो पुरुषों के आयोजन के लिए चिह्नित है, क्योंकि खेल का वैश्विक शासी निकाय लैंगिक समानता हासिल करना चाहता है। खेल के शीर्ष निकाय और तुर्की के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद यह घोषणा हुई मुक्केबाज़ी संघ के दौरान पास होना अध्यक्ष उमर…
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#उमर क्र��मलेव#एआईबीए महिला विश्व म���क्केबाजी चैंपियनशिप#पास होना#महिला मुक्केबाजी विश्व चैंपियनशिप#मुक्केबाज़ी
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एशियाई युवा और जूनियर मुक्केबाजी चैंपियनशिप में 21 पदकों का भारत को आश्वासन Divya Sandesh
#Divyasandesh
��शियाई युवा और जूनियर मुक्केबाजी चैंपियनशिप में 21 पदकों का भारत को आश्वासन
नई दिल्ली। भारत को दुबई में पुरुषों और महिलाओं के लिए एशियाई युवा और जूनियर मुक्केबाजी चैंपियनशिप में 21 पदकों का आश्वासन दिया गया है, क्योंकि कई मुक्केबाज कोविड से संबंधित यात्रा प्रतिबंधों के कारण इस आयोजन में भाग लेने में विफल रहे। ड्रा के अनुसार, पदक दौर में 21 में से नौ बॉक्सरों ने सीधे फाइनल में जगह बनाई है।
बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) ने प्रतिष्ठित एएसबीसी एशियन यूथ एंड जूनियर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में एक मजबूत दल को मैदान में उतारा है। यह पहली बार होगा जब दो आयु वर्ग – जूनियर और युवा – एशियाई चैंपियनशिप में एक साथ खेलेंगे।
युवा पुरुष और महिला टीमों में क्रमशः 13 और 12 खिलाड़ी शामिल होंगे क्योंकि आगामी कार्यक्रम एआईबीए के नए शुरू किए गए वजन वर्गीकरण के अनुसार खेला जाएगा। हालांकि, 26 मुक्केबाज, समान संख्या में लड़के और लड़कियों के साथ, जूनियर स्पर्धाओं में भाग लेंगे।
2019 एशियाई स्कूलबॉय चैंपियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता यशवर्धन सिंह (60 किग्रा), रोहित चमोली (48 किग्रा), उस्मान मोहम्मद सुल्तान (50 किग्रा), अंशुल (57 किग्रा), प्रीत मलिक (63 किग्रा), अंकुश (66 किग्रा), गौरव सैनी (70 किग्रा), नक्श बेनीवाल (75 किग्रा) और ऋषभ सिंह (81 किग्रा) शुक्रवार को प्रतियोगिता के शुरुआती दिन जूनियर लड़कों के वर्ग में भारतीय चुनौती का नेतृत्व करेंगे।
यह खबर भी पढ़ें: अनोखी परम्परा: यहां सिर्फ जिंदा ही नहीं बल्कि मर चुके लोगों की भी की जाती है शादी
2021 यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता विश्वामित्र चोंगथम (51 किग्रा) युवा पुरुष टीम की अगुवाई करेंगी, जबकि उत्तराखंड की निवेदिता कार्की (48 किग्रा), जिन्होंने विश्व चैंपियन गीतिका को हराकर नेशनल में स्वर्ण पदक जीता था, वह भारतीय आक्रमण का नेतृत्व करेंगी।
एशियाई चैंपियनशिप महामारी के कारण लगभग दो साल के अंतराल के बाद एशियाई स्तर पर होनहार युवा प्रतिभाओं को बहुत आवश्यक प्रतिस्पर्धी टूर्नामेंट प्रदान करेगी।
यह खबर भी पढ़ें: हाईकोर्ट अधिवक्ता ने हनुमान मंदिर में पेश की याचिका, की केन्द्र की भाजपा सरकार को सत्ता से बेदखल करने की मांग
युवा आयु वर्ग के स्वर्ण पदक विजेताओं को 6,000 अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि मिलेगी, जबकि रजत और कांस्य पदक विजेताओं को क्रमशः 3,000 अमेरिकी डॉलर और 1,500 अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि मिलेगी।
हालांकि, जूनियर चैंपियन को क्रमशः रजत और कांस्य पदक विजेताओं के लिए 4,000 अमरी��ी डालर और 2,000 अमरीकी डालर और 1,000 डॉलर का पुरस्कार दिया जाएगा। कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और किर्गिस्तान जैसे मजबूत मुक्केबाजी देशों के मुक्केबाजों की उपस्थिति के कारण महाद्वीपीय आयोजन कुछ रोमांचक कार्रवाई का गवाह बनेगा।
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यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप- भारतीय मुक्केबाज सचिन ने जीता देश के लिए आठवां गोल्ड मेडल [Source: Patrika : India's Leading Hindi News Portal]
यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप- भारतीय मुक्केबाज सचिन ने जीता देश के लिए आठवां गोल्ड मेडल [Source: Patrika : India’s Leading Hindi News Portal]
एआईबीए यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारतीय महिला मुक्केबाजों का दबदबा रहा तो पुरुष वर्ग में भी भारत को गोल्ड मेडल मिला। भारत के पुरुष मुक्केबाज सचिन ने 56 किग्रा भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीता। सचिन ने पोलैंड के किल्से में आयोजित हुई आएआईबीए यूथ पुरुष और महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में फाइनल में जीत दर्ज की। बता दें कि इस चैंपियनशिप में भारत ने अपना अब तक का बेस्ट प्रदर्शन किया है। इस…
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एआईबीए युवा विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के लिए भारत ने की जोरदार घोषणा बॉक्सिंग न्यूज़
एआईबीए युवा विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के लिए भारत ने की जोरदार घोषणा बॉक्सिंग न्यूज़
बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) ने शनिवार को पोलैंड के किल्से में 10-24 अप्रैल तक आयोजित होने वाली आगामी 2021 एआईबीए युवा पुरुष और महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए मजबूत 20 सदस्यीय दल की घोषणा की। हाल ही में एड्रियाटिक पर्ल टूर्नामेंट 2019 में एशियाई युवा चैंपियन नोरम बेबीरोजिना चानू (51 किग्रा), विंका (60 किग्रा), सनमचा चानू (75 किग्रा), अल्फिया पठान (+ 81 किग्रा), और…
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एशियाई युवा और जूनियर मुक्केबाजी चैंपियनशिप में 21 पदकों का भारत को आश्वासन Divya Sandesh
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एशियाई युवा और जूनियर मुक्केबाजी चैंपियनशिप में 21 पदकों का भारत को आश्वासन
नई दिल्ली। भारत को दुबई में पुरुषों और महिलाओं के लिए एशियाई युवा और जूनियर मुक्केबाजी चैंपियनशिप में 21 पदकों का आश्वासन दिया गया है, क्योंकि कई मुक्केबाज कोविड से संबंधित यात्रा प्रतिबंधों के कारण इस आयोजन में भाग लेने में विफल रहे। ड्रा के अनुसार, पदक दौर में 21 में से नौ बॉक्सरों ने सीधे फाइनल में जगह बनाई है।
बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) ने प्रतिष्ठित एएसबीसी एशियन यूथ एंड जूनियर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में एक मजबूत दल को मैदान में उतारा है। यह पहली बार होगा जब दो आयु वर्ग – जूनियर और युवा – एशियाई चैंपियनशिप में एक साथ खेलेंगे।
युवा पुरुष और महिला टीमों में क्रमशः 13 और 12 खिलाड़ी शामिल होंगे क्योंकि आगामी कार्यक्रम एआईबीए के नए शुरू किए गए वजन वर्गीकरण के अनुसार खेला जाएगा। हालांकि, 26 मुक्केबाज, समान संख्या में लड़के और लड़कियों के साथ, जूनियर स्पर्धाओं में भाग लेंगे।
2019 एशियाई स्कूलबॉय चैंपियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता यशवर्धन सिंह (60 किग्रा), रोहित चमोली (48 किग्रा), उस्मान मोहम्मद सुल्तान (50 किग्रा), अंशुल (57 किग्रा), प्रीत मलिक (63 किग्रा), अंकुश (66 किग्रा), गौरव सैनी (70 किग्रा), नक्श बेनीवाल (75 किग्रा) और ऋषभ सिंह (81 किग्रा) शुक्रवार को प्रतियोगिता के शुरुआती दिन जूनियर लड़कों के वर्ग में भारतीय चुनौती का नेतृत्व करेंगे।
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2021 यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता विश्वामित्र चोंगथम (51 किग्रा) युवा पुरुष टीम की अगुवाई करेंगी, जबकि उत्तराखंड की निवेदिता कार्की (48 किग्रा), जिन्होंने विश्व चैंपियन गीतिका को हराकर नेशनल में स्वर्ण पदक जीता था, वह भारतीय आक्रमण का नेतृत्व करेंगी।
एशियाई चैंपियनशिप महामारी के कारण लगभग दो साल के अंतराल के बाद एशियाई स्तर पर होनहार युवा प्रतिभाओं को बहुत आवश्यक प्रतिस्पर्धी टूर्नामेंट प्रदान करेगी।
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युवा आयु वर्ग के स्वर्ण पदक विजेताओं को 6,000 अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि मिलेगी, जबकि रजत और कांस्य पदक विजेताओं को क्रमशः 3,000 अमेरिकी डॉलर और 1,500 अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि मिलेगी।
हालांकि, जूनियर चैंपियन को क्रमशः रजत और कांस्य पदक विजेताओं के लिए 4,000 अमरीकी डालर और 2,000 अमरीकी डालर और 1,000 डॉलर का पुरस्कार दिया जाएगा। कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और किर्गिस्तान जैसे मजबूत मुक्केबाजी देशों के मुक्केबाजों की उपस्थिति के कारण महाद्वीपीय आयोजन कुछ रोमांचक कार्रवाई का गवाह बनेगा।
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एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप/ शानदार जीत के साथ फाइनल में पहुंचीं मैरी कोम, सेमीफाइनल में हारीं मोनिका Divya Sandesh
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एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप/ शानदार जीत के साथ फाइनल में पहुंचीं मैरी कोम, सेमीफाइनल में हारीं मोनिका
नई दिल्ली| छह बार की विश्व चैम्पियन भारत की एमसी मैरी कोम दुबई में जारी 2021 एएसबीसी एशियाई महिला एवं पुरुष मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंच गई हैं। टाप सीड मैरी कोम ने 51 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में मंगोलिया की लुटसैखान अल्टानसेतसेग को 4-1 से हराया। लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुकीं मैरी कोम अब अपने लिए कम से कम रजत पदक पक्का कर लिया है। मैरी कोम का एशियाई चैम्पियनशिप में यह सातवां पदक है। 2008 में गुवाहाटी में रजत पदक जीतने के अलावा मैरी कोम ने 2003, 2005, 2010, 2012 और 2017 में इस इवेंट में स्वर्ण पदक हासिल किया है।
इससे पहले, 48 किग्रा वर्ग में भारत की मोनिका को सेमीफाइनल में हार मिली। मोनिका को दूसरी सीड कजाकिस्तान की अलुआ बाल्कीबेकोवा ने 5-0 से हराया। मोनिका को कांस्य से संतोष करना पड़ा। फाइनल में बाल्कीबेकोवा का सामना उजबेकिस्तान की गुलासाल सुल्तोनालिएवा से होगा। गुलासाल ने पहले सेमीफाइनल में टाप सीड फिलपींस की जोसी गाबुको को 4-2 से हराया।
बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) और यूएई बॉक्सिंग फेडरेशन द्वारा संयुक्त रूप से होस्ट किए जा रहे इस आयोजन में एक रजत सहित कुल 15 पदक सुरक्षित करने के साथ, भारतीय दल ने अपना अब तक का सर्वोत्तम प्रदर्शन किया है। भारतीय दल ने बैंकॉक में 2019 में आयोजित बीते संस्करण में 13 पदक हासिल किए थे, जिनमें दो स्वर्ण, चार रजत और सात कांस्य पदक थे। भारतीय टीम पदक तालिका में तीसरे स्थान पर रही थी।
यह खबर भी पढ़ें: एक दुल्हन ��े शादी रचाने के लिए बारात लेकर पहुंचे दो दूल्हे, फिर हुआ कुछ ऐसा…
इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन ( एआईबीए) ने एशिया के इस प्रतिष्ठित आयोजन के लिए 4,00,000 अमेरीकी डालर की पुरस्कार राशि आवंटित की है। पुरुषों और महिलाओं की श्रेणियों के स्वर्ण पदक विजेताओं को 10,000 अमेरीकी डालर से सम्मानित किया जाएगा, जबकि रजत और कांस्य पदक विजेताओं को क्रमश: 5,000 अमेरीकी डालर और 2,500 अमेरीकी डालर का पुरस्कार दिया जाएगा।
गुरुवार को मैरी कोम और मोनिका के अलावा सिमरनजीत (60 किग्रा), साक्षी (54 किग्रा), जैस्मीन (57 किग्रा), लालबुतसाई (64 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), पूजा रानी (75 किग्रा), स्वीटी (81 किग्रा) और अनुपमा (+81 किग्रा) अपने-अपने वर्ग का सेमीफाइनल मुकाबला खेलेंगी।
इसके अलावा गत चैंपियन अमित पंघल (52 किग्रा), शिव थापा (64 किग्रा), विकास कृष्ण (69 किग्रा), वरिंदर सिंह (60 किग्रा) और संजीत (91 किग्रा) के रूप में पांच पुरुष मुक्केबाज शुक्रवार को अंतिम-4 चरण में प्रतिस्पर्धा करते नजर आएंगे।
यह खबर भी पढ़ें: अनोखी शादी: बाराती में आए युवक को दूल्हे की जगह मंडप पर बैठा करा दिया विवाह
एशियाई चैंपियनशिप में लगातार पांचवां पदक हासिल करने वाले शिव थापा ताजिकिस्तान के शीर्ष वरीयता प्राप्त बखोदुर उसमोनोव से भिड़ेंगे। पंघल का सामना कजाख मुक्केबाज साकेन बिबोसिनोव से होगा, जिन्हें उन्होंने 2019 विश्व चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में हराया था, जबकि विकास का सामना उज्बेकिस्तान के बोबो उस्मोन बटुरोव से होगा, जो अपने वर्ग में बीते संस्करण के विजेता रहे हैं।
इस बीच, बुधवार की देर रात खेले गए पुरुषों के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में भारतीय मुक्केबाज आशीष कुमार (75 किग्रा) और नरेंद्र (+91 किग्रा) को मजबूत कजाख विरोधियों के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। आशीष एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता अबिलखान अमानकुल से 3-2 से हार गए, जबकि नरेंद्र दो बार की विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता कांशीबेक कुंकाबायेव से 0-5 से हार गए।
इस आयोजन में अब भारत, उज्बेकिस्तान, फिलीपींस और कजाकिस्तान जैसे मजबूत मुक्केबाजी देशों सहित 17 देशों के 150 मुक्केबाज अपनी श्रेष्ठता साबित करने का प्रयास कर रहे हैं। शुरूआत में इस टूर्नामेंट में 27 से अधिक देशों की भागीदारी की उम्मीद थी। हाल ही में लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों के कारण, हालांकि कुछ देश इसमें भाग नहीं ले सके। –आईएएनएस
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एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप/ शानदार जीत के साथ फाइनल में पहुंचीं मैरी कोम, सेमीफाइनल में हारीं मोनिका Divya Sandesh
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एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप/ शानदार जीत के साथ फाइनल में पहुंचीं मैरी कोम, सेमीफाइनल में हारीं मोनिका
नई दिल्ली| छह बार की विश्व चैम्पियन भारत की एमसी मैरी कोम दुबई में जारी 2021 एएसबीसी एशियाई महिला एवं पुरुष मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंच गई हैं। टाप सीड मैरी कोम ने 51 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में मंगोलिया की लुटसैखान अल्टानसेतसेग को 4-1 से हराया। लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुकीं मैरी कोम अब अपने लिए कम से कम रजत पदक पक्का कर लिया है। मैरी कोम का एशियाई चैम्पियनशिप में यह सातवां पदक है। 2008 में गुवाहाटी में रजत पदक जीतने के अलावा मैरी कोम ने 2003, 2005, 2010, 2012 और 2017 में इस इवेंट में स्वर्ण पदक हासिल किया है।
इससे पहले, 48 किग्रा वर्ग में भारत की मोनिका को सेमीफाइनल में हार मिली। मोनिका को दूसरी सीड कजाकिस्तान की अलुआ बाल्कीबेकोवा ने 5-0 से हराया। मोनिका को कांस्य से संतोष करना पड़ा। फाइनल में बाल्कीबेकोवा का सामना उजबेकिस्तान की गुलासाल सुल्तोनालिएवा से होगा। गुलासाल ने पहले सेमीफाइनल में टाप सीड फिलपींस की जोसी गाबुको को 4-2 से हराया।
बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) और यूएई बॉक्सिंग फेडरेशन द्वारा संयुक्त रूप से होस्ट किए जा रहे इस आयोजन में एक रजत सहित कुल 15 पदक सुरक्षित करने के साथ, भारतीय दल ने अपना अब तक का सर्वोत्तम प्रदर्शन किया है। भारतीय दल ने बैंकॉक में 2019 में आयोजित बीते संस्करण में 13 पदक हासिल किए थे, जिनमें दो स्वर्ण, चार रजत और सात कांस्य पदक थे। भारतीय टीम पदक तालिका में तीसरे स्थान पर रही थी।
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इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन ( एआईबीए) ने एशिया के इस प्रतिष्ठित आयोजन के लिए 4,00,000 अमेरीकी डालर की पुरस्कार राशि आवंटित की है। पुरुषों और महिलाओं की श्रेणियों के स्वर्ण पदक विजेताओं को 10,000 अमेरीकी डालर से सम्मानित किया जाएगा, जबकि रजत और कांस्य पदक विजेताओं को क्रमश: 5,000 अमेरीकी डालर और 2,500 अमेरीकी डालर का पुरस्कार दिया जाएगा।
गुरुवार को मैरी कोम और मोनिका के अलावा सिमरनजीत (60 किग्रा), साक्षी (54 किग्रा), जैस्मीन (57 किग्रा), लालबुतसाई (64 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), पूजा रानी (75 किग्रा), स्वीटी (81 किग्रा) और अनुपमा (+81 किग्रा) अपने-अपने वर्ग का सेमीफाइनल मुकाबला खेलेंगी।
इसके अलावा गत चैंपियन अमित पंघल (52 किग्रा), शिव थापा (64 किग्रा), विकास कृष्ण (69 किग्रा), वरिंदर सिंह (60 किग्रा) और संजीत (91 किग्रा) के रूप में पांच पुरुष मुक्केबाज शुक्रवार को अंतिम-4 चरण में प्रतिस्पर्धा करते नजर आएंगे।
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एशियाई चैंपियनशिप में लगातार पांचवां पदक हासिल करने वाले शिव थापा ताजिकिस्तान के शीर्ष वरीयता प्राप्त बखोदुर उसमोनोव से भिड़ेंगे। पंघल का सामना कजाख मुक्केबाज साकेन बिबोसिनोव से होगा, जिन्हें उन्होंने 2019 विश्व चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में हराया था, जबकि विकास का सामना उज्बेकिस्तान के बोबो उस्मोन बटुरोव से होगा, जो अपने वर्ग में बीते संस्करण के विजेता रहे हैं।
इस बीच, बुधवार की देर रात खेले गए पुरुषों के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में भारतीय मुक्केबाज आशीष कुमार (75 किग्रा) और नरेंद्र (+91 किग्रा) को मजबूत कजाख विरोधियों के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। आशीष एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता अबिलखान अमानकुल से 3-2 से हार गए, जबकि नरेंद्र दो बार की विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता कांशीबेक कुंकाबायेव से 0-5 से हार गए।
इस आयोजन में अब भारत, उज्बेकिस्तान, फिलीपींस और कजाकिस्तान जैसे मजबूत मुक्केबाजी देशों सहित 17 देशों के 150 मुक्केबाज अपनी श्रेष्ठता साबित करने का प्रयास कर रहे हैं। शुरूआत में इस टूर्नामेंट में 27 ��े अधिक देशों की भागीदारी की उम्मीद थी। हाल ही में लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों के कारण, हालांकि कुछ देश इसमें भाग नहीं ले सके। –आईएएनएस
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एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप/ शानदार जीत के साथ फाइनल में पहुंचीं मैरी कोम, सेमीफाइनल में हारीं मोनिका Divya Sandesh
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एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप/ शानदार जीत के साथ फाइनल में पहुंचीं मैरी कोम, सेमीफाइनल में हारीं मोनिका
नई दिल्ली| छह बार की विश्व चैम्पियन भारत की एमसी मैरी कोम दुबई में जारी 2021 एएसबीसी एशियाई महिला एवं पुरुष मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंच गई हैं। टाप सीड मैरी कोम ने 51 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में मंगोलिया की लुटसैखान अल्टानसेतसेग को 4-1 से हराया। लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुकीं मैरी कोम अब अपने लिए कम से कम रजत पदक पक्का कर लिया है। मैरी कोम का एशियाई चैम्पियनशिप में यह सातवां पदक है। 2008 में गुवाहाटी में रजत पदक जीतने के अलावा मैरी कोम ने 2003, 2005, 2010, 2012 और 2017 में इस इवेंट में स्वर्ण पदक हासिल किया है।
इससे पहले, 48 किग्रा वर्ग में भारत की मोनिका को सेमीफाइनल में हार मिली। मोनिका को दूसरी सीड कजाकिस्तान की अलुआ बाल्कीबेकोवा ने 5-0 से हराया। मोनिका को कांस्य से संतोष करना पड़ा। फाइनल में बाल्कीबेकोवा का सामना उजबेकिस्तान की गुलासाल सुल्तोनालिएवा से होगा। गुलासाल ने पहले सेमीफाइनल में टाप सीड फिलपींस की जोसी गाबुको को 4-2 से हराया।
बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) और यूएई बॉक्सिंग फेडरेशन द्वारा संयुक्त रूप से होस्ट किए जा रहे इस आयोजन में एक रजत सहित कुल 15 पदक सुरक्षित करने के साथ, भारतीय दल ने अपना अब तक का सर्वोत्तम प्रदर्शन किया है। भारतीय दल ने बैंकॉक में 2019 में आयोजित बीते संस्करण में 13 पदक हासिल किए थे, जिनमें दो स्वर्ण, चार रजत और सात कांस्य पदक थे। भारतीय टीम पदक तालिका में तीसरे स्थान पर रही थी।
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इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन ( एआईबीए) ने एशिया के इस प्रतिष्ठित आयोजन के लिए 4,00,000 अमेरीकी डालर की पुरस्कार राशि आवंटित की है। पुरुषों और महिलाओं की श्रेणियों के स्वर्ण पदक विजेताओं को 10,000 अमेरीकी डालर से सम्मानित किया जाएगा, जबकि रजत और कांस्य पदक विजेताओं को क्रमश: 5,000 अमेरीकी डालर और 2,500 अमेरीकी डालर का पुरस्कार दिया जाएगा।
गुरुवार को मैरी कोम और मोनिका के अलावा सिमरनजीत (60 किग्रा), साक्षी (54 किग्रा), जैस्मीन (57 किग्रा), लालबुतसाई (64 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), पूजा रानी (75 किग्रा), स्वीटी (81 किग्रा) और अनुपमा (+81 किग्रा) अपने-अपने वर्ग का सेमीफाइनल मुकाबला खेलेंगी।
इसके अलावा गत चैंपियन अमित पंघल (52 किग्रा), शिव थापा (64 किग्रा), विकास कृष्ण (69 किग्रा), वरिंदर सिंह (60 किग्रा) और संजीत (91 किग्रा) के रूप में पांच पुरुष मुक्केबाज शुक्रवार को अंतिम-4 चरण में प्रतिस्पर्धा करते नजर आएंगे।
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एशियाई चैंपियनशिप में लगातार पांचवां पदक हासिल करने वाले शिव थापा ताजिकिस्तान के शीर्ष वरीयता प्राप्त बखोदुर उसमोनोव से भिड़ेंगे। पंघल का सामना कजाख मुक्केबाज साकेन बिबोसिनोव से होगा, जिन्हें उन्होंने 2019 विश्व चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में हराया था, जबकि विकास का सामना उज्बेकिस्तान के बोबो उस्मोन बटुरोव से होगा, जो अपने वर्ग में बीते संस्करण के विजेता रहे हैं।
इस बीच, बुधवार की देर रात खेले गए पुरुषों के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में भारतीय मुक्केबाज आशीष कुमार (75 किग्रा) और नरेंद्र (+91 किग्रा) को मजबूत कजाख विरोधियों के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। आशीष एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता अबिलखान अमानकुल से 3-2 से हार गए, जबकि नरेंद्र दो बार की विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता कांशीबेक कुंकाबायेव से 0-5 से हार गए।
इस आयोजन में अब भारत, उज्बेकिस्तान, फिलीपींस और कजाकिस्तान जैसे मजबूत मुक्केबाजी देशों सहित 17 देशों के 150 मुक्केबाज अपनी श्रेष्ठता साबित करने का प्रयास कर रहे हैं। शुरूआत में इस टूर्नामेंट में 27 से अधिक देशों की भागीदारी की उम्मीद थी। हाल ही में लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों के कारण, हालांकि कुछ देश इसमें भाग नहीं ले सके। –आईएएनएस
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यूथ मुक्केबाजी : भारत को लगातार दूसरा स्वर्ण, गीतिका और चानू ने जीते स्वर्ण Divya Sandesh
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यूथ मुक्केबाजी : भारत को लगातार दूसरा स्वर्ण, गीतिका और चानू ने जीते स्वर्ण
नई दिल्ली| साल 2019 की एशियन यूथ चैंपियन भारतीय महिला मुक्केबाज बेबीरोजीसाना चानू (51 किग्रा) और गीतिका (48 किग्रा) ने पोलैंड के किल्से में जारी एआईबीए यूथ पुरुष और महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में अपना शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में गुरुवार को जीत हासिल करके स्वर्ण पदक जीत लिया। टूर्नामेंट में भारत का यह लगातार दूसरा स्वर्ण पदक है। उनसे पहले गीतिका (48 किग्रा) ने पोलैंड की नतालिया डोमिनिका को एकतरफा अंदाज में 5-0 से शिकस्त देकर स्वर्ण पदक जीता।
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मणिपुर की बॉक्सर चानू ने बहुत ही तीव्रता के साथ पूरे बाउट पर हमला किया, जिसकी बदौलत 5-0 से फैसला उनके पक्ष में रहा। उन्होंने फाइनल में रूस की वेलेरिया लिंकोवा को शिकस्त दी। बेबीरोजीसाना चानू (51 किग्रा) इससे पहले, ने इटली की एलन अयारी को आसान से मात देकर स्वर्ण पदक मुकाबले में अपनी जगह पक्की की थी। चानू से पहले, गीतिका (48 किग्रा) ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया। गीतिका ने स्वर्ण पदक मुकाबले में पोलैंड की नतालिया डोमिनिका को एकतरफा अंदाज में 5-0 से शिकस्त दी। गीतिका ने 30-27, 30-27, 30-27, 30-27,30-27 से यह मुकाबला जीता। गीतिका ने इससे पहले, इटली की एरिका प्रिस्किनाड्रो पर 5-0 की शानदार जीत के साथ फाइनल में प्रवेश किया था।- -आईएएनएस
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यूथ मुक्केबाजी : सचिन को स्वर्ण, भारत ने 8 स्वर्ण सहित 11 पदक लेकर किया समापन [Source: Patrika : India's Leading Hindi News Portal]
यूथ मुक्केबाजी : सचिन को स्वर्ण, भारत ने 8 स्वर्ण सहित 11 पदक लेकर किया समापन [Source: Patrika : India’s Leading Hindi News Portal]
नई दिल्ली। भारत के पुरुष मुक्केबाज सचिन (Sachin) (56 किग्रा) ने पोलैंड के किल्से में एआईबीए यूथ पुरुष और महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप (Youth World Boxing Championships) में शुक्रवार को अपना शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जीत दर्ज करके स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। इसके साथ ही भारत ने 8 स्वर्ण सहित 11 पदकों के साथ टूर्नामेंट का समापन किया। भारतीय महिला मुक्केबाजों ने सभी 7 स्वर्ण पदक अपनी…
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यूथ मुक्केबाजी : भारत को लगातार दूसरा स्वर्ण, गीतिका और चानू ने जीते स्वर्ण Divya Sandesh
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यूथ मुक्केबाजी : भारत को लगातार दूसरा स्वर्ण, गीतिका और चानू ने जीते स्वर्ण
नई दिल्ली| साल 2019 की एशियन यूथ चैंपियन भारतीय महिला मुक्केबाज बेबीरोजीसाना चानू (51 किग्रा) और गीतिका (48 किग्रा) ने पोलैंड के किल्से में जारी एआईबीए यूथ पुरुष और महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में अपना शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में गुरुवार को जीत हासिल करके स्वर्ण पदक जीत लिया। टूर्नामेंट में भारत का यह लगातार दूसरा स्वर्ण पदक है। उनसे पहले गीतिका (48 किग्रा) ने पोलैंड की नतालिया डोमिनिका को एकतरफा अंदाज में 5-0 से शिकस्त देकर स्वर्ण पदक जीता।
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मणिपुर की बॉक्सर चानू ने बहुत ही तीव्रता के साथ पूरे बाउट पर हमला किया, जिसकी बदौलत 5-0 से फैसला उनके पक्ष में रहा। उन्होंने फाइनल में रूस की वेलेरिया लिंकोवा को शिकस्त दी। बेबीरोजीसाना चानू (51 किग्रा) इससे पहले, ने इटली की एलन अयारी को आसान से मात देकर स्वर्ण पदक मुकाबले में अपनी जगह पक्की की थी। चानू से पहले, गीतिका (48 किग्रा) ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया। गीतिका ने स्वर्ण पदक मुकाबले में पोलैंड की नतालिया डोमिनिका को एकतरफा अंदाज में 5-0 से शिकस्त दी। गीतिका ने 30-27, 30-27, 30-27, 30-27,30-27 से यह मुकाबला जीता। गीतिका ने इससे पहले, इटली की एरिका प्रिस्किनाड्रो पर 5-0 की शानदार जीत के साथ फाइनल में प्रवेश किया था।- -आईएएनएस
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यूथ मुक्केबाजी/ यूथ पुरुष और महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन, 11 पदक पक्के Divya Sandesh
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यूथ मुक्केबाजी/ यूथ पुरुष और महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन, 11 पदक पक्के
नई दिल्ली| भारत के आठ मुक्केबाजों ने पोलैंड के किल्से में जारी एआईबीए यूथ पुरुष और महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में अपना शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में अपनी जगह बना ली है। इनमें सात महिला और एक पुरुष मुक्केबाज शामिल हैं। सभी 7 भारतीय महिला मुक्केबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और जीत हासिल करते हुए फाइनल में जगह बनाई और वे स्वर्ण पदक पर कब्जा करना चाहेंगी।
दिन के पहले मुकाबले में गितिका (48 किग्रा) ने इटली की एरिका प्रिस्किनाड्रो पर 5-0 की शानदार जीत के साथ फाइनल में प्रवेश किया, जहां अब उनका सामना पोलैंड की नतालिया डोमिनिका से होगा।
एक अन्य मुकाबले में साल 2019 की एशियन यूथ चैंपियन बेबीरोजीसाना चानू (51 किग्रा) ने इटली की एलन अयारी को आसान से मात देकर स्वर्ण पदक मुकाबले में अपनी जगह पक्की की। मणिपुर की बॉक्सर ने बहुत ही तीव्रता के साथ पूरे बाउट पर हमला किया, जिसकी बदौलत 5-0 से फैसला उनके पक्ष में रहा। फाइनल में अब वह गुरुवार को रूस की वेलेरिया लिंकोवा के खिलाफ रिंग में उतरेंगी।
पूनम (57 किग्रा) ने अपने अजेय रहने के अंतर्राष्ट्रीय रिकॉर्ड को जारी रखते हुए उज्बेकिस्तान की सिटोरा टेर्डिबेकोवा को 5-0 से शिकस्त देकर फाइनल में प्रवेश किया। खिताबी मुकाबले में अब उनके सामने फ्रांस की स्टील्नी ग्रॉसी की चुनौती होगी।
विंका (60 किग्रा) ने चेक गणराज्य की वेरोनिका गजदोवा पर 4-1 से जीत दर्ज की। गोल्ड मेडल बाउट में अब वह कजाकिस्तान की झुलडीज श्याखेतोवा के खिलाफ रिंग में उतरेंगी। राजस्थान की अरुंधति चौधरी (69 किग्रा) ने भी उज्बेकिस्तान की खा��ीचोबोनू अब्दुल्लाएवा को 5-0 से आसानी से हराते हुए फाइनल में पोलैंड की बरबरा मासिंर्कोव्स्का से भिड़ना का रास्ता साफ किया।
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75 किलोग्राम मिडिलवेट सेमीफाइनल मुकाबले में, सनमचा चानू को पोलैंड की स्थानीय मुक्केबाज डारिया पारडा के खिलाफ कुछ शुरुआती चुनौती का सामना करना पड़ा। लेकिन अपने प्रतिद्वंद्वी की रणनीति का आकलन करने के बाद, चानू ने अंतिम दो राउंड में जोरदार वापसी की और 4-1 से मुकाबले को अपने पक्ष में कर लिया। चानू अब स्वर्ण पदक के लिए कजाकिस्तान की दाना दीया से भिड़ेंगी।
एक अन्य स्टार मुक्केबाज, अल्फिया पठान (81 किग्रा) को भी पोलैंड की ओलिविया टोबोरेक से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा। लेकिन दूसरे राउंड में उन्होंने ऑल-आउट हमला किया और अगले राउंड में भी अपने हमले जारी रखते रखा और एक कड़े मुकाबले में 3-2 के निर्णय से मुकाबला जीत लिया। फाइनल में अब अल्फिया का सामना मोल्दोवा की डारिया कोजोरव से होगा।
पुरुषों के मुकाबले में सचिन (56 किग्रा) फाइनल में पहुंचने वाले एकमात्र भारतीय मुक्केबाज बने। उन्होंने 2018 यूरोपीय जूनियर चैंपियन इटली के मिशेल बाल्डसी को 5-0 से हराया। फाइनल में अब सचिन का सामना कजाखस्तान के यब्बोलबाट साबिर के साथ होगा।
तीन अन्य पुरुष मुक्केबाजों विश्वामित्र चोंगथोम (49 किग्रा), अंकित नरवाल (64 किग्रा) और विशाल गुप्ता (91 किग्रा) को सेमीफाइनल मुकाबलों में हारकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
कुल मिलाकर, भारतीय युवा मुक्केबाजी टीम ने अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए 11 पदक हासिल करके इतिहास रच दिया है। भारत का पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 10 पदकों का था, जो उसने 2018 में हंगरी में विश्व युवा चैंपियनशिप में जीता था। सभी महिला मुक्केबाज गुरुवार को अपने अंतिम मुकाबले खेलेंगी, जबकि सचिन शुक्रवार को फाइनल मुकाबले के लिए रिंग में उतरेंगे। –आईएएनएस
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मुक्केबाजी : भारत का स्वर्णिम छक्का, सनमचा चानू ने जीता स्वर्ण [Source: Patrika : India's Leading Hindi News Portal]
मुक्केबाजी : भारत का स्वर्णिम छक्का, सनमचा चानू ने जीता स्वर्ण [Source: Patrika : India’s Leading Hindi News Portal]
नई दिल्ली। भारतीय महिला मुक्केबाज सनमचा चानू (Sanamacha Chanu) (75 किग्रा) ने पोलैंड के किल्से में जारी एआईबीए यूथ पुरुष और महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप (AIBA Youth World Boxing Championships) में अपना शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जीत दर्ज करके गुरुवार को स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। टूर्नामेंट में भारत का यह लगातार छठा स्वर्ण पदक है। यूथ विश्व चैंपियनशिप में भारत का यह अब का बेस्ट और…
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मुक्केबाजी : भारत को लगातार दूसरा स्वर्ण, गीतिका और चानू ने जीते स्वर्ण [Source: Patrika : India's Leading Hindi News Portal]
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नई दिल्ली। साल 2019 की एशियन यूथ चैंपियन भारतीय महिला मुक्केबाज बेबीरोजीसाना चानू (51 किग्रा) और गीतिका (48 किग्रा) ने पोलैंड के किल्से में जारी एआईबीए यूथ पुरुष और महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में अपना शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में गुरुवार को जीत हासिल करके स्वर्ण पदक जीत लिया। यह भी देखें :IPL 2021 Purple cap: पर्पल कैप की रेस में अब तक हर्षल पटेल हैं सबसे आगे, जानिए टॉप 5 में कौन-कौन…
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नई दिल्ली| भारत के आठ मुक्केबाजों ने पोलैंड के किल्से में जारी एआईबीए यूथ पुरुष और महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में अपना शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में अपनी जगह बना ली है। इनमें सात महिला और एक पुरुष मुक्केबाज शामिल हैं। सभी 7 भारतीय महिला मुक्केबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और जीत हासिल करते हुए फाइनल में जगह बनाई और वे स्वर्ण पदक पर कब्जा करना चाहेंगी।
दिन के पहले मुकाबले में गितिका (48 किग्रा) ने इटली की एरिका प्रिस्किनाड्रो पर 5-0 की शानदार जीत के साथ फाइनल में प्रवेश किया, जहां अब उनका सामना पोलैंड की नतालिया डोमिनिका से होगा।
एक अन्य मुकाबले में साल 2019 की एशियन यूथ चैंपियन बेबीरोजीसाना चानू (51 किग्रा) ने इटली की एलन अयारी को आसान से मात देकर स्वर्ण पदक मुकाबले में अपनी जगह पक्की की। मणिपुर की बॉक्सर ने बहुत ही तीव्रता के साथ पूरे बाउट पर हमला किया, जिसकी बदौलत 5-0 से फैसला उनके पक्ष में रहा। फाइनल में अब वह गुरुवार को रूस की वेलेरिया लिंकोवा के खिलाफ रिंग में उतरेंगी।
पूनम (57 किग्रा) ने अपने अजेय रहने के अंतर्राष्ट्रीय रिकॉर्ड को जारी रखते हुए उज्बेकिस्तान की सिटोरा टेर्डिबेकोवा को 5-0 से शिकस्त देकर फाइनल में प्रवेश किया। खिताबी मुकाबले में अब उनके सामने फ्रांस की स्टील्नी ग्रॉसी की चुनौती होगी।
विंका (60 किग्रा) ने चेक गणराज्य की वेरोनिका गजदोवा पर 4-1 से जीत दर्ज की। गोल्ड मेडल बाउट में अब वह कजाकिस्तान की झुलडीज श्याखेतोवा के खिलाफ रिंग में उतरेंगी। राजस्थान की अरुंधति चौधरी (69 किग्रा) ने भी उज्बेकिस्तान की खादीचोबोनू अब्दुल्लाएवा को 5-0 से आसानी से हराते हुए फाइनल में पोलैंड की बरबरा मासिंर्कोव्स्का से भिड़ना का रास्ता साफ किया।
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75 किलोग्राम मिडिलवेट सेमीफाइनल मुकाबले में, सनमचा चानू को पोलैंड की स्थानीय मुक्केबाज डारिया पारडा के खिलाफ कुछ शुरुआती चुनौती का सामना करना पड़ा। लेकिन अपने प्रतिद्वंद्वी की रणनीति का आकलन करने के बाद, चानू ने अंतिम दो राउंड में जोरदार वापसी की और 4-1 से मुकाबले को अपने पक्ष में कर लिया। चानू अब स्वर्ण पदक के लिए कजाकिस्तान की दाना दीया से भिड़ेंगी।
एक अन्य स्टार मुक्केबाज, अल्फिया पठान (81 किग्रा) को भी पोलैंड की ओलिविया टोबोरेक से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा। लेकिन दूसरे राउंड में उन्होंने ऑल-आउट हमला किया और अगले राउंड में भी अपने हमले जारी रखते रखा और एक कड़े मुकाबले में 3-2 के निर्णय से मुकाबला जीत लिया। फाइनल में अब अल्फिया का सामना मोल्दोवा की डारिया कोजोरव से होगा।
पुरुषों के मुकाबले में सचिन (56 किग्रा) फाइनल में पहुंचने वाले एकमात्र भारतीय मुक्केबाज बने। उन्होंने 2018 यूरोपीय जूनियर चैंपियन इटली के मिशेल बाल्डसी को 5-0 से हराया। फाइनल में अब सचिन का सामना कजाखस्तान के यब्बोलबाट साबिर के साथ होगा।
तीन अन्य पुरुष मुक्केबाजों विश्वामित्र चोंगथोम (49 किग्रा), अंकित नरवाल (64 किग्रा) और विशाल गुप्ता (91 किग्रा) को सेमीफाइनल मुकाबलों में हारकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
कुल मिलाकर, भारतीय युवा मुक्केबाजी टीम ने अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए 11 पदक हासिल करके इतिहास रच दिया है। भारत का पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 10 पदकों का था, जो उसने 2018 में हंगरी में विश्व युवा चैंपियनशिप में जीता था। सभी महिला मुक्केबाज गुरुवार को अपने अंतिम मुकाबले खेलेंगी, जबकि सचिन शुक्रवार को फाइनल मुकाबले के लिए रिंग में उतरेंगे। –आईएएनएस
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यूथ मुक्केबाजी : 8 भारतीय फाइनल में पहुंचे, भारत का अब तक का बेस्ट प्रदर्शन Divya Sandesh
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नई दिल्ली| भारत के आठ मुक्केबाजों ने पोलैंड के किल्से में जारी एआईबीए यूथ पुरुष और महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में अपना शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में अपनी जगह बना ली है। इनमें सात महिला और एक पुरुष मुक्केबाज शामिल हैं। दिन के पहले मुकाबले में गितिका (48 किग्रा) ने इटली की एरिका प्रि���्किनाड्रो पर 5-0 की शानदार जीत के साथ फाइनल में प्रवेश किया, जहां अब उनका सामना पोलैंड की नतालिया डोमिनिका से होगा। एक अन्य मुकाबले में साल 2019 की एशियन यूथ चैंपियन बेबीरोजीसाना चानू (51 किग्रा) ने इटली की एलन अयारी को आसान से मात देकर स्वर्ण पदक मुकाबले में अपनी जगह पक्की की। मणिपुर की बॉक्सर ने बहुत ही तीव्रता के साथ पूरे बाउट पर हमला किया, जिसकी बदौलत 5-0 से फैसला उनके पक्ष में रहा। फाइनल में अब वह गुरुवार को रूस की वेलेरिया लिंकोवा के खिलाफ रिंग में उतरेंगी। पूनम (57 किग्रा) ने अपने अजेय रहने के अंतर्राष्ट्रीय रिकॉर्ड को जारी रखते हुए उज्बेकिस्तान की सिटोरा टेर्डिबेकोवा को 5-0 से शिकस्त देकर फाइनल में प्रवेश किया। खिताबी मुकाबले में अब उनके सामने फ्रांस की स्टील्नी ग्रॉसी की चुनौती होगी।
विंका (60 किग्रा) ने चेक गणराज्य की वेरोनिका गजदोवा पर 4-1 से जीत दर्ज की। गोल्ड मेडल बाउट में अब वह कजाकिस्तान की झुलडीज श्याखेतोवा के खिलाफ रिंग में उतरेंगी। राजस्थान की अरुंधति चौधरी (69 किग्रा) ने भी उज्बेकिस्तान की खादीचोबोनू अब्दुल्लाएवा को 5-0 से आसानी से हराते हुए फाइनल में पोलैंड की बरबरा मासिंर्कोव्स्का से भिड़ना का रास्ता साफ किया। 75 किलोग्राम मिडिलवेट सेमीफाइनल मुकाबले में, सनमचा चानू को पोलैंड की स्थानीय मुक्केबाज डारिया पारडा के खिलाफ कुछ शुरूआती चुनौती का सामना करना पड़ा। लेकिन अपने प्रतिद्वंद्वी की रणनीति का आकलन करने के बाद, चानू ने अंतिम दो राउंड में जोरदार वापसी की और 4-1 से मुकाबले को अपने पक्ष में कर लिया। चानू अब स्वर्ण पदक के लिए कजाकिस्तान की दाना दीया से भिड़ेंगी।
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एक अन्य स्टार मुक्केबाज, अल्फिया पठान (81 किग्रा) को भी पोलैंड की ओलिविया टोबोरेक से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा। लेकिन दूसरे राउंड में उन्होंने ऑल-आउट हमला किया और अगले राउंड में भी अपने हमले जारी रखा और एक कड़े मुकाबले में 3-2 के निर्णय से मुकाबला जीत लिया। फाइनल में अब अल्फिया का सामना मोल्दोवा की डारिया कोजोरव से होगा। पुरुषों के मुकाबले में सचिन (56 किग्रा) फाइनल में पहुंचने वाले एकमात्र भारतीय मुक्केबाज बने। उन्होंने 2018 यूरोपीय जूनियर चैंपियन इटली के मिशेल बाल्डसी को 5-0 से हराया। फाइनल में अब सचिन का सामना कजाखस्तान के यब्बोलबाट साबिर के साथ होगा। तीन अन्य पुरुष मुक्केबाजों विश्वामित्र चोंगथोम (49 किग्रा), अंकित नरवाल (64 किग्रा) और विशाल गुप्ता (91 किग्रा) को सेमीफाइनल मुकाबलों में हारकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। कुल मिलाकर, भारतीय युवा मुक्केबाजी टीम ने अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए 11 पदक हासिल करके इतिहास रच दिया है। भारत का पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 10 पदकों का था, जो उसने 2018 में हंगरी में विश्व युवा चैंपियनशिप में जीता था।
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