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यूपी शिक्षक भर्ती 2021: एडेड जूनियर हाईस्कूल शिक्षा भवन में बिस्तर उम्मीदवारों के लिए 50 प्रतिशत अंक होने चाहिए
यूपी शिक्षक भर्ती 2021: एडेड जूनियर हाईस्कूल शिक्षा भवन में बिस्तर उम्मीदवारों के लिए 50 प्रतिशत अंक होने चाहिए
उत्तर प्रदेश के गैर-सरकारी सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में 1894 प्रिंसिपलों और सहायक अध्यापकों की भर्ती के संबंध में आधिकारिक वेबसाइट updeled.gov.in पर एक नया नोटिस जारी किया गया है। इसके अनुसार, भर्ती में केवल वही बीएड उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं, जिनके स्नातक में कम से कम 50% अंक हों। नोटिस में यह भी कहा गया है कि स्नातक में 50% से कम अंक वाले उम्मीदवारों के आवेदन को रद्द माना जाएगा और वे…
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यूपी: केबीसी में 25 लाख जीतने वाली उषा बनगी मिर्जापुर में शिक्षक प्रयागराज के मेजा तहसील के रामनगर की रहने वाली व केबीसी में 25 लाख की विजेता उषा यादव भी प्राथमिक शिक्षक बनने की कतार में शामिल हैं। अपनी कुशाग्र बुद्धि ��े कारण ही उषा यादव ने टीईटी की परीक्षा में ...। Source link
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68500 Shikshak Bharti News :-जिला आवंटन 41556 आगे क्या
68500 Shikshak Bharti News :-जिला आवंटन 41556 आगे क्या:-*
1.सबसे पहले सभी MRC अर्थात RESERVED CATEGORY CANDIDATES को बधाई 2.सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी विचलित न हो, ये ऑर्डर कुछ ऐसा लेकर आया है,जिसने ,6000 के मास्टरमाइंड अम्बरीष त��वारी और आशीष त्रिवेदी की नींद हराम कर दी है।
3. आपको यह जानकार बहुत प्रसन्नता होगी कि:- अम्बरीष तिवारी व आशीष त्रिवेदी जिन्होंने 19737 को रद्द कराने के लिए न जाने कहा कहा के जजमेंट और दलीले IA द्वारा कोर्ट के सामने रखी,वह सारी दलीले जज साहब ने सुप्रीम कोर्ट के REFERENCE ORDERS को बेस बनाकर गलत साबित कर दी। *जिनमे मुख्य दलीले* :- 1.याचिओ ने बिना किसी PROTEST के जोइनिंग की और जब 6000 की नियुक्ति हो गई तब याचिओ ने कोर्ट के समक्ष अपनी बात रखी 2. याचिओ ने COUNSELLING में भाग लिया ,जोइंनिग की, और इस प्रकार याचिओ को कोई अधिकार नही है कि वो अब चयन प्रक्रिया को CHALLENGE करे याचिओ ने जो वरीयता दी उसी के अनुसार याचिओ को ज़िला मिला ,इसलिए उनका कोई भी GRIEVANCE ACCEPTABLE नही है। 3. याचिओ ने हलफनामा दिया है कि वो ट्रांसफर की मांग नही करेंगे 4. याचिओ ने फॉर्म भरते वक्त सारी कंडीशन्स ACCEPT की थी 5. याचिओ को कहा पोस्टिंग दी जानी चाहिए ये परिषद का DISCRETION है ,इस पर याचिओ का कोई भी GRIEVANCE ACCEPTABLE नही है। 6. अमन चंदेल की same matter की याचिका पहले ही कोर्ट से रद्द हो चुकी है ,इसलिए 19737 को भी रद्द कर दिया जाए। 7. आवंटन प्रक्रिया के लिए एक computer software को employ किया गया था,जिसने सभी के लिए समान रूप से बिना discrimination के ज़िले आवंटित किए ,इसलिए याचिओ का grievance unacceptable है। ये सभी दलीले सरकार व 6000 के वकीलो ने WRITTEN ARGUEMENT,बहस के दौरान व अपने COUNTER AFFIDAVIT में भी बार बार कही ,जिसे जज साहब ने सुप्रीमकोर्ट के एक ऑर्डर को आधार बनाकर सिरे से नकार दिया, और सभी दलीलो को निराधार माना और अंततः ज़िला आवंटन में गड़बड़ हुई और authorities ने discrimination किया ये बात जजमेंट में लिखी गई है। ये बात अब सरकार और 6000 दोनो को बहुत परेशान करेगी, आगे की कोर्ट की लड़ाई में 6000 के पास कुछ भी बोलने को नही होगा। साफ एवं क��� शब्दो मे 6000 व सरकार के गलत काउंटर का एनकाउंटर जज साहब ने ऐसा कर दिया है कि आगे की कोर्ट कार्यवाही में ये लोग बहस करने की स्थिति में नही आ पाएंगे। 4.MRC अभ्यर्थियो की दो विचारधारा हो सकती है,बड़े शहरो में ओबीसी की सीटे MRC अभ्यर्थियो के सापेक्ष कम पड़ेंगी। वही छोटे शहरो में ओबीसी की पर्याप्त सीटे बची हुई है। एससी/एसटी अभ्यर्थियो को उनके ज़िले आराम से मिलेंगे। परन्तु सत्र का बहाना बनाकर JULY से पहले सरकार आपको कुछ लाभ नही देगी 5. *जज साहब ने MRC अभर्थियो की ज़िला आवंटन सूची को रद्द कर दिया है, आइए इसको समझते है:-* 1.शेखर एक GEN CANDIDATE 2.नीतू एक OBC CANDIDATE 3.अंकित एक SC CANDIDATE शेखर का गुणांक 60 नीतू का गुणांक 70 अंकित का गुणांक 65 पहली सूची जो 31 अगस्त 2018 को जारी हुई थी उसमे नीतू को सामान्य वर्ग में चयनित होने के कारण अलीगढ़ मिला, वही अंकित को भी सामान्य वर्ग में चयनित होने के कारण बदायूं मिला और शेखर को बहराइच मिला अब MRC ADVANTAGE के अंतर्गत नीतू और अंकित को उनके मनपसन्द ज़िले दिए जाने है ,अर्थात अलीगढ़ और बदायूं में 1-1 सीट खाली होंगी ,और हो सकता है शेखर ने अलिगढ़ को प्रथम व बदायूं को द्वितीय वरीयता पर रखा हो, और अब सीट खाली होने के कारण शेखर भी कोर्ट मे कहेगा कि नीतू और अंकित के जाने के कारण पहली सूची में उसकी रैंक AUTOMATICALLY सुधर गयी है ,इसलिए उसे भी अलीगढ़ में तैनाती दी जाए। 6. *जज साहब ने जो MRC की आवंटन सूची रद्द की है ,जिसे साफ शब्दो में कहे तो पहली सूची ही रद्द कर दी गयी है ,क्योंकि अगर MRC अभर्थियो को पहली सूची से हटाया जाएगा तो स्वतः ही बाकी बचे सामान्य अभर्थियो की RANK ऊपर हो जाएगी ,जिसका सीधा सा मतलब है कि पहली सूची नियमतः खुद ही रद्द हो जाएगी* 7. सबसे बड़ी मुश्किल अम्बरीष,आशीष त्रिवेदी & टीम के लिए आ खड़ी हुई है, उन लोगों को ये समझ नही आ रहा कि DB में इस ऑर्डर का विरोध करना है या फिर इसे बचाना है। 8.सभी ज़िला आवंटन पीड़ित 6000 की तरह एक साथ रहे, और जैसे अम्बरीष और आशीष त्रिवेदी उनके PERMANENT मुख्य पैरवीकर्ता है, ज़िला आवंटन पीड़ित भी कुछ लोगों के पैनल बनाकर एक टीम की तरह कार्य करे। 9. अभी कोई भी ज़ल्दबाज़ी में याचिका न डाले और अभी 3 महीने का समय है इसलिए कोई भी MRC अभ्यर्थी अभी प्रत्यावेदन भी न भेजे। MRC अभ्यर्थी सर्व प्रथम एक पैनल बनाकर रेणुका मैम से मिलकर उनका पक्ष जानने की कोशिश करे। 10. पहले ज़िला आवंटन पीड़ितों से कुछ गलतिया हुई थी, क्योंकी पैरवीकार भी बॉर्डर ज़िलों में न��करी कर रहे है ,ऐसे में हमेशा कोर्ट में उपस्थित रहना सम्भव नही होगा।जबकि 6000 लखनऊ व इलाहाबाद के आसपास ही तैनात है। 11. ऐसे वकीलो को HIRE कीजिएगा जिन्हें आप घर बैठकर भी CONTROL कर सके। 12. *कुछ CASES में SINGLE BENCH से आदेश के बाद PETITIONER/RESPONDENTS DIRECTLY सुप्रीम कोर्ट गए है, सुप्रीम कोर्ट के वकीलो से इस विषय में परामर्श लिया जाए।* 13. निदेशालय व सचिवालय के कुछ अधिकारी व कर्मचारी 6000 का हर स्तर पर सहयोग करते रहे है और आगे भी करेंगे। इसलिए इन लोगों से सतर्क रहे। 14. *सभी ज़िला आवंटन पीड़ित इतना जानले कि याची बनने से कुछ नही होता,आप मुख्य टीमो का सहयोग कीजिए,यह आदेश भी सभी MRC पर लागू होगा,इसलिए याची बनने के खेल से बाहर निकलिए।* 15. रेणुका मैम प्रभात सर से बिल्कुल अलग है, एक MEETING आप लोग रेणुका मैम से भी कीजिए,वो न्याय प्रिय है, 16. *सभी ज़िला आवंटन पीड़ित इतना समझ ले कि दुश्मन की जड़ पर वर करना चाहिए न कि इधर उधर, एक केस सीधा डालिए अपने लिए अर्थात 68500 के सापेक्ष ज़िला आवंटन की मांग करते रहिए और दूसरा 6000 को हिलाने के लिए ,सीधा 6000 की नियुक्ति के विरुद्ध* 17. वर्तमान स्थिति की बात करे तो ज़िला आवंटन की प्रथम सूची वेंटिलेटर पर है,इसलिए अब केस पर कार्य करने की ज़्यादा ज़रूरत नही है, अब सिर्फ सही रणनीति से आवंटन को रद्द कराना एक लक्ष्य बनाइए । 18. *अम्बरीष व आशीष त्रिवेदी की चाल ये है कि पहले MRC और GENERAL को लड़वा दिया जाए और फिर कुछ दिन बाद सरकार के माध्यम से कोर्ट मे हलफनामा लगवा दे कि RTE ACT 2009 के अनुसार शिक्षको की ज़रूरत MRC अभ्यर्थियो के इच्छित जनपदों में वर्तमान में नही है, इसलिए MRC को इच्छित जनपदों में नही भेजा जा सकता,क्योंकि अगर MRC इच्छित जनपदों में गए तो INDIRECTLY आवंटन की प्रथम सूची नियमतः स्वतः ही रद्द हो जाएगी ,जो दोबारा आवंटन का कारण बन सकता है। धन्यवाद जिला आवंटन पीड़ित
Read full post at: https://www.cnnworldnews.info/2019/08/68500-shikshak-bharti-news-41556.html
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यूपी: शिक्षक भर्ती के नाम पर सोशल मीडिया में चंदे का खेल
यूपी: शिक्षक भर्ती के नाम पर सोशल मीडिया में चंदे का खेल
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शिक्षक भर्ती के नाम पर सोशल मीडिया के माध्यम से चंदा बढ़ाने का खेल जोरों पर है। कानूनी लड़ाई का भरोसा दिलाकर बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों से चंदा वसूला जा रहा है। इनमें से कई याची ऐसे हैं, जिन्हें नौकरी मिली या नहीं लेकिन कोई नया स्कूल नहीं खोल सका। कोई चंदे से जुटाए पैसों से ठेकेदार बनकर तीन-चार गाड़ियों से चलने वाला है।
��नमें से कुछ शिक्षक भी हैं, जो बच्चों को तो ईमानदारी का पाठ पढ़ाते…
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69000 Shikshak Bharti: जानिए क्या होता आर्डर रिज़र्व का अर्थ
69000 Shikshak Bharti: जानिए क्या होता आर्डर रिज़र्व का अर्थ
1) आर्डर रिज़र्व का अर्थ होता है कि जज साहब ने सारे आर्ग्यूमेंट्स अपनी डायरी में नोट कर लिए है। अब कुछ भी सुनने को बाकी नहीं रहा है। . . 2) उन नॉटिंग्स को जज साहब आर्डर में लिखवाएंगे। घर, चैम्बर कोर्ट कहीं भी अपने PA को लिखवा देते हैं। . .
3) जिस हिसाब से बहस हुई है यदि सभी बिंदु नोट कराते हैं तो आर्डर 40 पेज से ऊपर रहने का अनुमान है।..4) 6 से 14 वर्षीय बच्चों के भविष्य को देखते हुए जज साहब ऑर्डर जल्द ही लिखवाएंगे और उसके बाद प्रोननसमेन्ट के लिए ऑर्डर लिस्ट में आजायेगा।..5) 2 दिन की छुट्टी है हो सकता है जज साहब ऑर्डर मंगल को डिलीवर कर दें। बाकी समय बतायेगा कोई फिक्स टाइम लिमिट नहीं होती है।..6) किसके पक्ष में ऑर्डर रहा यह ऑर्डर आने के बाद ही पता चलेगा बाकी पलड़ा किसका भारी है किसका हल्का इस विषय में कई बार बता चुके हैं।
Read full post at: http://www.cnnworldnews.info/2019/02/69000-shikshak-bharti_81.html
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69000 Shikshak Bharti में 60/65 कटऑफ मामले पर AG की पोस्ट, पढें कैसे बच सकती है कटऑफ और भी बहुत कुछ
69000 Shikshak Bharti में 60/65 कटऑफ मामले पर AG की पोस्ट, पढें कैसे बच सकती है कटऑफ और भी बहुत कुछ
1) 60/65 विरोधियों द्वारा हमारी IA के विरोध में ऑब्जेक्शन फ़ाइल किया गया है जिसमें उन्होंने जज साहब से ये याचना की है कि हमें थर्ड पार्टी न बनाया जाए उसके लिए उन्होंने नाना प्रकार के कुतर्क कोर्ट के सामने रखे हैं। . . 2) इनके ऑब्जेक्शन के अगेंस्ट काउंटर फ़ाइल कर दिया गया है जिसमें इनके कुतर्को का मुंह तोड़ जवाब दिया गया है साथ ही एक नई IA 28.01.2019 को दूसरे सीनियर के साथ और अधिक मजबूती से सरकार के काउंटर में जिन पॉइंट्स को मिस कर दिया गया है उन ग्राउंड्स के साथ फ़ाइल करने का निर्णय लिया गया है पर यह आपके सहयोग के बिना नहीं हो पायेगा। . . 3) ऑब्जेक्शन में जज साहब को गुमराह करने का प्रयास किया गया है और कहा गया है कि हम तो 60/65 से ऊपर तब भी रहेंगे जब 60/65 कटऑफ लगेगी और तब भी रहेंगे जब कोई कटऑफ नहीं रहेगी इसलिए 07 जनवरी के GO के रद्द होने से हमें कोई फर्क नहीं पड़ना और हमें रेस्पोंडेंट न बनाया जाए। . . 4) इसका उत्तर तो सभी 60/65 समर्थकों को पता है अतः लिखने की आवश्यकता नहीं है कि 07 जनवरी का GO हमारे लिए अमृत है या विष है, कोर्ट को भी मजबूती से इसके बारे में बताया गया है। . . 5) No Doubt इस कॉउंटर को सरकार ने 30/33 के बचाव में दाखिल काउंटर से बेहतर रखने का प्रयास किया है, लेकिन वह बेटर है पर बेस्ट नहीं है। इसलिए केवल सरकार के काउंटर से 60/65 बच जाएगी ऐसा सोचने वाले कुएं में रहने वाले मेढ़क की तरह हैं। . . 6) जीत केवल और केवल इस ग्राउंड से मिलेगी की खेल शुरू होने के बाद खेल बदल सकते हैं या नहीं यह अभी लॉ नहीं है और अपैक्स कोर्ट की संवैधानिक पीठ के समक्ष पेंडिंग है। इस सम्बंध में पहले पोस्ट कर चुके हैं। . . 7) 29 जनवरी को ही केस फाइनल होने के चान्सेस न के बराबर हैं इसलिए रिजल्ट जनवरी में आना असम्भव सा है। मेंटली prepare रहिये। . . 8) कोर्ट के समक्ष हमारे ग्राउंड्स रखने के लिए केवल एक सीनियर एडवोकेट हैं, सी��ित संसाधनों में जितना बेहतर हो सकता है किया जा रहा है। यदि एक सीनियर और हो जा��े हैं तो 29 जनवरी को केस पेंडिंग कराकर रिजल्ट जारी करवाने में जी जान लगा दी जाएगी। सफलता मिलती है या नहीं यह समय पर भी निर्भर है और आप पर भी निर्भर है। . . 9) अतएव लालच न करें। कंजूसी न करें। एक दिन की सैलरी 1400₹ बैठती है जितने दिन डिले होगा उतने दिन की सैलरी आपकी खत्म हो रही है। आप सभी समझदार हैं, विपक्ष के पास जबरदस्त फंडिंग है सीनियर की फौज है, दूसरी ओर सरकार की ओर से बेस्ट काउंटर नहीं है, ज्ञापन देने के कारण संज्ञान लिया गया अच्छा कॉउंटेर फ़ाइल किया गया but it is not best and will not be solely able to defend the impugned GO dated 07.01.2019. So please wake up from hibernation and support. . . . PS: सरकारी वकील को और शासन प्रशासन को बार बार बताने पर भी रूल ऑफ the गेम वाले ग्राउंड को use नहीं किया गया है इसलिए कोर्ट को यह समझाना बहुत आवश्यक है। आप लोगों के सहयोग से पिछली बार विरोधियो की मंशा को फेल कर दिया गया और 07 जनवरी 2019 के GO पर स्टे नहीं आने दिया अन्यथा 22 जनवरी को परीक्षा में बैठने वाला हर व्यक्ति उत्तीर्ण घोषित होता चाहे उसका 150 में से एक अंक होता। स्वास्थ्य खराब होने के कारण अधिक समय नहीं दे पा रहे हैं उसके लिए क्षमा प्रार्थी हैं।
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कल राजेश सिंह चौहान जी के बेन्च ने 30-33% केश को 17 जनवरी को टाप टेन केश मे ऊपर पहले वरीयता के रूप मे सुनकर फाईनल करने का आदेश दिए है । अब 30-33% का आखिरी सुनवाई हो सकती है ।68500 Shikshak Bharti,
कल राजेश सिंह चौहान जी के बेन्च ने 30-33% केश को 17 जनवरी को टाप टेन केश मे ऊपर पहले वरीयता के रूप मे सुनकर फाईनल करने का आदेश दिए है । अब 30-33% का आखिरी सुनवाई हो सकती है ।68500 Shikshak Bharti,
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68500 शिक्षक भर्ती में 41556 पदों पर नियुक्ति के ऑनलाइन आवेदन आज से शुरू, सभी जिलों के लिए एक ही आवेदन होगा मान्य, साथ ही चयनितों का अ��तर जिला तबादला नहीं 68500 Shikshak Bharti,
68500 शिक्षक भर्ती में 41556 पदों पर नियुक्ति के ऑनलाइन आवेदन आज से शुरू, सभी जिलों के लिए एक ही आवेदन होगा मान्य, साथ ही चयनितों का अंतर जिला तबादला नहीं 68500 Shikshak Bharti,
इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों में 41556 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति देने के लिए ऑनलाइन आवेदन मंगलवार से होंगे। भर्ती की लिखित परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को आवेदन अपना नाम, पिता का नाम या फिर अन्य शैक्षिक ब्योरा नहीं देना होगा। आवेदन में लिखित परीक्षा का अनुक्रमांक, जन्म तारीख व मोबाइल नंबर का प्रयोग होगा। वेबसाइट पर यह दर्ज करते ही अभ्यर्थी को मोबाइल पर ओटीपी यानि वन टाइम पासवर्ड मिलेगा, जिसे भरने पर उसे आवेदन पत्र दिखेगा व वांछित सूचनाएं दर्ज करेंगे। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों के लिए 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा का परिणाम 13 अगस्त को जारी हुआ। इसमें 41556 अभ्यर्थी सफल हुए। शासन ने उन्हें नियुक्ति देने को कार्यक्रम 18 अगस्त को जारी किया। परिषद ने इस संबंध में विज्ञापन निर्गत कर दिया है। इसमें कहा गया है कि ऑनलाइन ई-आवेदन पत्र का प्रारूप, आवश्यक निर्देश व जिलावार रिक्तियों का विवरण वेबसाइट पर 21 अगस्त अपरान्ह से 28 अगस्त शाम पांच बजे तक भरा जा सकेगा। अभ्यर्थियों की ओर से लिखित परीक्षा के लिए भरे गए आवेदन पत्र पर ही नई सूचनाएं ली जाएंगी। केवल अन्य कॉलम पूर्ण करना है। अभ्यर्थी इसे पूरे मनोयोग से भरे, क्योंकि एक बार आवेदन पत्र पूर्ण करने के बाद उसमें संशोधन नहीं कर सकेंगे। चयनितों का अंतर जिला तबादला नहीं : परिषद सचिव ने स्पष्ट किया है कि 41556 अभ्यर्थियों को जिस जिले में तैनाती मिलेगी उनका अंतर जिला यानी दूसरे जिले में तबादला नहीं होगा। काउंसिलिंग में अभ्यर्थियों को सचिव उप्र बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद के पदनाम से निर्धारित आवेदन शुल्क का बैंक ड्राफ्ट लेकर प्रतिभाग करना होगा। सामान्य व ओबीसी को 500, एससी व एसटी को 200 और दिव्यांग को कोई शुल्क नहीं देना है।भर्ती के एक तिहाई पद विशेष जिलों को आवंटित1राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : विकास में पीछे छूटे प्रदेश के आठ जिलों पर बेसिक शिक्षा महकमा पूरी तरह से मेहरबान हो गया है। परिषदीय स्कूलों की 41556 सहायक अध्यापकों की भर्ती के एक तिहाई 13920 पद इन्हीं जिलों को आवंटित किए गए हैं। शासन के निर्देश पर परिषद मुख्यालय ने इन जिलों को पूर्व में आवंटित कुल पदों में 80 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। वहीं, भर्ती के दो तिहाई 27636 पदों को प्रदेश के अन्य 67 जिलों में बांट दिया है। इससे कई जिलों का आवंटन पूरी तरह से बदल गया है। अब अभ्यर्थियों ने नए पदों के अनुरूप ही वरीयता देनी होगी। केंद्र सरकार ने देश के 115 जिलों को एस्पिरेशनल जिला यानी विकास में पिछड़ा घोषित किया है, इन जिलों में तेजी से विकास ��ार्य कराने के प्रयास हो रहे हैं। एस्पिरेशनल जिला फतेहपुर में 2000, चंदौली में 1520, सोनभद्र में 1760, सिद्धार्थ नगर में 1840, चित्रकूट में 1040, बलरामपुर में 1600, बहराइच में 2720 और श्रवस्ती में 1440 पद आवंटित हुए हैं। गाजियाबाद जिले को सिर्फ पांच पद ही मिले हैं। पहले जौनपुर, सीतापुर व हरदोई जिले को दो-दो हजार पद आवंटित हुए थे और ये जिले पदों के लिहाज से ऊपर थे। अब सर्वाधिक पद वाला जिला बहराइच हो गया है।
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69000 शिक्षाकर्मी: 69 हजार शिक्षक भर्ती में सिर्फ चार सवाल पर विवाद नहीं, 142 सवाल 20 हजार से
69000 शिक्षाकर्मी: 69 हजार शिक्षक भर्ती में सिर्फ चार सवाल पर विवाद नहीं, 142 सवाल 20 हजार से
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प्राथमिक प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार शिक्षक भर्ती के लिए 6 जनवरी 2019 को हुई लिखित परीक्षा के सिर्फ चार प्रश्नों पर विवाद नहीं है। परीक्षा और डेवलपरारी कार्यालय ने परीक्षा के बाद 8 जनवरी 2019 को अंतरिम उत्तरकुंजी जारी कर आपत्तियां मांगी थी। कुल 150 में से 142 सवालों पर 20 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने साक्ष्यों के साथ ई-मेल से आपत्ति दर्ज कराई थी। हालांकि कटऑफ को लेकर विवाद के कारण…
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69000 शिक्षा भवन: बेरोजगारों के लिए नासूर बन गए परीक्षाओं के गलत प्रश्न
69000 शिक्षा भवन: बेरोजगारों के लिए नासूर बन गए परीक्षाओं के गलत प्रश्न
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भर्ती परीक्षाओं में पूछे जाने वाले गलत प्रश्न बेरोजगारों के लिए नासूर बन गए हैं। पहले तो कोई भर्ती जल्दी शुरू नहीं होती है और किसी तरह से शुरू भी हो जाए तो उनमें पूछे जाने वाले गलत सवाल उसे जल्दी पूरा नहीं होने देते हैं। बात पसंद प्राइमरी स्कूल में शिक्षक भर्ती की हो या फिर प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस, हर भर्ती में सवालों का विवाद बना रहता है। सवाल है…
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69000 शिक्षक भर्ती पर रोक लगा दी गई, अभ्यर्थियों को आपत्ति दर्ज करने के लिए 1 सप्ताह का समय दिया गया
69000 शिक्षक भर्ती पर रोक लगा दी गई, अभ्यर्थियों को आपत्ति दर्ज करने के लिए 1 सप्ताह का समय दिया गया
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उत्तर प्रदेश परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने रोक लगा दी है। परीक्षा और डेवलपरारी कार्यालय ने 9 मई को संशोधित उत्तरमाला और 12 मई को परिणाम जारी किया था लेकिन एक-दो नंबर से फेल हो रहे सैकड़ों अभ्यर्थियों ने तकरीबन एक दर्जन सवालों के उत्तर को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट की इलाहाबाद और लखनऊपीपीठ में 200 से अधिक याचिकाएँ दाखिल की…
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69000 Shikshak Bharti सहायक अध्यापक भर्ती : कोर्ट को फाइल में छेड़छाड़ का शक, शासन से मांगा जवाब
69000 Shikshak Bharti सहायक अध्यापक भर्ती : कोर्ट को फाइल में छेड़छाड़ का शक, शासन से मांगा जवाब
जब क्वालिफाइंग मार्क्स तय किये जाने से सम्बंधित मूल फाइल न्यायालय के समक्ष पेश की गई तो न्यायालय ने पाया कि फाइल के एक पन्ने को दूसरे पन्ने के ऊपर चिपका दिया गया है। सहायक शिक्षक के 69 हजार पदों पर भर्ती मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चल रही सुनवाई के दौरान सोमवार को जब
क्वालिफाइंग मार्क्स तय किये जाने से सम्बंधित मूल फाइल न्यायालय के समक्ष पेश की गई तो न्यायालय ने पाया कि फाइल के एक पन्ने को दूसरे पन्ने के ऊपर चिपका दिया गया है। न्यायालय ने पाया कि चिपके हुए नीचे के पन्ने पर कुछ नोटिंग है हालांकि वह पढने में नहीं आ रही। न्यायालय के पूछने पर राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ताओं ने किसी प्रकार की छेड़छाड़ से इंकार किया। इस पर न्यायालय ने सरकार को एक मौका देते हुए कहा कि अगली सुनवाई पर इसका स्पष्टीकरण दिया जाए और उसी दिन न्यायालय उक्त फाइल के सम्बंध में फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मद ले सकती है। मामले की अग्रिम सुनवाई 20 फरवरी को होगी।यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल सदस्यीय पीठ ने मोहम्मद रिजवान आदि की ओर से दाखिल कई याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया। उल्लेखनीय है कि सहायक शिक्षक के 69 हजार पदों पर भर्ती के लिए 6 जनवरी को लिखित परीक्षा हुई थी व परीक्षा के बाद 7 जनवरी को क्वालिफाइंग मार्क्स 60 व 65 प्रतिशत करने का शासनादेश जारी किया गया था। वर्तमान याचिकाओं में 7 जनवरी के इसी शासनादेश को चुनौती दी गई है।
Read full post at: http://www.cnnworldnews.info/2019/02/69000-shikshak-bharti_13.html
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69000 Shikshak Bharti कट ऑफ मामले में कोर्ट अपडेट
69000 Shikshak Bharti कट ऑफ मामले में कोर्ट अपडेट
69000 लखनऊ कोर्ट अपडेट: पल पल की कोर्ट अपडेट के लिए इसी पोस्ट को करें रिफ्रेश
👉मुद्दा कट-ऑफ शुरू👉अपडेट~ 11:23 AM
👉पिछले 40 मिनट से प्रशांत चन्द्रा जी डाइस पर उपस्थित हैं। यदि सुनवाई लंच के बाद भी कंटिन्यू होती है तो आज ऑर्डर रिज़र्व हो जाएगा।
👉प्रशांत चन्द्रा जी बहस कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आर्डर पर
👉प्रशांत_चन्द्रा_जी लगातार बहस कर रहे
👉आज सरकार के तरफ से चंद्रा साहब बहस कर रहे हैं जिन मुद्दों पर पहले बोल चुके हैं उन्हीं पर बात रख रहे हैं, उपेंद्र मिश्रा और चंद्रा के बीच तीखी नोक झोंक भी हो रही है।सरकार पूरा दम लगा रही है शिक्षामित्र को अयोग्य साबित करने के लिए ।
👉पिछली बातों को घुमा फिरा कर रखने का प्रयास किया जा रहा है टेट का उदाहरण दिया गया है कुल मिलाकर सरकार सुनवाई को और लम्बा खींचना चाहती है सप्लीमेंट्री काउंटर दाखिल किया गया है जिसके जवाब में सप्लीमेंट्री रिजॉइंडर दाखिल हो सकता है।
👉 उपेन्द्र नाथ मिश्रा जी खड़े हुए सरकारी वकील चन्द्रा का जबाब देने के लिए।
👉और जबाब दे रहे है
👉: चन्द्रा से जबाब माँग रहे होगे और तथ्य छिपाकर अगर कोर्ट में गलत कापी लगाई तो चन्द्रा के ऊपर कूटरचित कागजों को दाखिल करने की कार्यवाही होनी चाहिए
👉 एक पेपर पर कागज चिपकाये ��े फोटोस्टे कराने के लिए किसी तथ्य को छिपाने के लिए जिसे डा एल पी मिश्रा सर व उपेन्द मिश्र ने सरकार की पकड़वायी दोनो लोग इस समय प्रकाश चन्दा की बोलती बन्द
👉चंद्रा की फ़ाइल में चिपके पेज पे उपेन्द्र व L. p. mishra में जोरदार झड़प
👉लंच के बाद फिर से जारी रहेगी सुनवाई
👉कोर्ट नंबर 23 में लंच के बाद 2:15PM से आगे की बहस रहेगी जारी
👉अभी दोबारा शुरू नहीं हुई सुनवाई
👉3 बजे के बाद शुरू होगी
👉शुरू हो गयी सुनवाई
👉PC और उपेंद्र नाथ मिश्र बहस कर रहे है.
👉 उपेंद्र मिश्रा केस में लंबी बहस करते हुए
👉 शिक्षामित्र पक्ष के वकील एक पेज के मामले को लेकर बवाल मचा रहे हैं उनका कहना था की सरकार ने 40-45% की बात मानी लेकिन बाद में पेज में टेम्पर कर के बदल दिया गया और उनके पास इसका सबूत है लेकिन जब चन्द्रा जी ने उनसे ये कहा की अगर उनके पास सबूत हैं तो कोर्ट में दिखाए तब विरोधी वकील परीक्षा के पहले के शनिवार और रविवार की तिथि तो लेकर ड्रामा कर रहे हैं । विरोधी वकील साफ़ साफ़ मना कर रहे सबूत दिखाने के लिए ।
अब शिक्षामित्र के वकील कल के जारी लेटर के बारे में बात कर रहे हैं की सीतापुर का एक शिक्षा मित्र बाहर रह कर केस लड़ रहा है।
👉U मिश्रा जी कल के पेज पर बात कर रहे हैं जिसमें सीतापुर के sm की बात की गयी है।
👉 अनिल जी ने बहस की शुरू
👉 कोर्ट रूम में बहस थोड़ी लंबी खींचती हुई
👉फर्जी पेज टेम्पर बवाल के मामले पर अनिल जी ली चुटकी कहा बिना सबूत चले आये हैं।
👉शिक्षामित्रों के वकीलों की ओर से 3 दिन का समय मांगा गया पेज की जाँच के लिए ।
👉 कटऑफ मामला अंतिम पड़ाव पर, श्री अनिल जी "As a interviner" ने बहस प्रारम्भ की।
👉लखनऊ कोर्ट में अगली डेट लगी 20 फरवरी,10:15 बजे
👉लेटर जांच के लिए भेजा जाएगा.
Read full post at: http://www.cnnworldnews.info/2019/02/69000-shikshak-bharti_84.html
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69000 Shikshak Bharti मामले में कल लखनऊ में ऑर्डर रिज़र्व होने की प्रबल संभावना
69000 Shikshak Bharti मामले में कल लखनऊ में ऑर्डर रिज़र्व होने की प्रबल संभावना
1) कल लखनऊ में ऑर्डर रिज़र्व होने की प्रबल संभावना है। मात्र 7 फ्रेश केसेस हैं और बैकलॉग एक भी नहीं है। वही अडिशनल लिस्ट में भी मात्र 2 आइटम्स है। . . 2) परमात्मा से प्रार्थना करते रहे प्रतिभा की जीत हो और जस्टिस राजेश कुछ एडवर्स ऑर्डर न करें क्योंकि निर्णय उनके विस्डम पर डिपेंड करता है। . .
3) टीम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता को लगातार ब्रीफ किया जा रहा है। एक मात्र प्लस पॉइंट यह है कि नियमो में परिवर्तन किया जा सकता है या नहीं यह अभी decided नहीं है और under judicial रिव्यु है।..4) इसके अलावा अन्य आधार भी हैं जैसे गुणवत्ता, शिक्षा का अधिकार, नियमावली नियम 2(1)(x) आदि पर सब कुछ जज साहब के विस्डम पर निर्भर करेगा कि वो इन सभी को किस तरह इन्टरप्रेट करते हैं।..5) कुल मिलाकर हमारे पक्ष में चीजे हैं पर जज साहब चाहे जो कह दें वो उनका डिस्क्रेशन है। जब तक उससे ऊपर की कोर्ट उसको गलत नहीं ठहरती तब तक के लिए वही सही होगा चाहे पक्ष में हो या विपक्ष में। आशा करते हैं कि प्रतिभा के साथ न्याय होगा और ऊपर की कोर्ट से डिले नहीं होगा। टीम अपना बेस्ट कर रही है और आगे भी करेगी।
Read full post at: http://www.cnnworldnews.info/2019/02/69000-shikshak-bharti_82.html
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69000 कटऑफ खतरे में, आगे क्या? जानिए AG की कलम से Shikshak Bharti,
69000 कटऑफ खतरे में, आगे क्या? जानिए AG की कलम से Shikshak Bharti,
1) 69000 भर्ती की 90/97 कटऑफ खतरे में आ गयी है। प्रयागराज में 23 याचिकाएं जिसमें एक से एक सीनियर है सुनवाई के लिए 21.01.2019 को आइटम 12 पर कोर्ट 18 में लगी हैं। लीडिंग याचिका Writ A - 713/19 Reena Singh है जिसका ऑर्डर संलग्न है। . . 2) इसी प्रकार लखनऊ में समस्या और गम्भीर हैं। वहां लीडिंग याचिका SERS 1188/19 MOHD RIZWAN के नाम से है इसका भी ऑर्डर संलग्न है। यहां भी 5 सीनियर कटऑफ के विरुद्ध खड़े हैं। . . 3) आगे बढ़ने से पहले बता दें जो लोग कटऑफ बचाना चाहते हैं वो हमसे अवश्य जुड़े।इस लिंक का प्रयोग करें👉https://www.facebook.com/1539413262801965/posts/2008776049199015/ . 4) जो लोग अंग्रेजी जानते हैं वो संलग्न ऑर्डर को पढलें और जो नहीं जानते हैं किसी जानकार से पढ़वा लें। कटऑफ विरोधियों ने आपका ब्रेन वाश कर डाला है कि सरकार बचा लेगी। ऑर्डर में क्या है आगे बताएंगे। पहले सरकारी वकीलों का बॉयोडाटा जान लीजिए। . . 5) बीजेपी सरकार आने के बाद सरकारी वकील उन लोगो को बनाया गया है जो ब���जेपी कार्यकर्ता रहे हैं और राम मंदिर मुद्दे में भी कोर्ट में लड़े थे। जरूरी नहीं है कि सिविल मैटर के एडवोकेट सर्विस मैटर में निपुण हो। . . 6) यदि आप लोग ये सोच रहे हैं कि सरकारी वकील AG राघवेंद्र, AAG रमेश कुमार सिंह और मनीष गोयल या CSC श्री प्रकाश सिंह या अडिशनल CSC रणविजय सिंह आपको बचा लेंगे तो मूर्खता है। . . 7) ये लोग 30/33 नहीं बचा पाए जबकि वो एग्जाम से पहले बदली गयी यहां तो एग्जाम से पहले कोई कटऑफ ही नहीं रखी गयी और उसके एक दिन बाद 07.01.2019 को रखी गयी यहां भले ये सरकारी वकील कैसे बचा लेंगे। . . 8) जब सरकारी वकीलों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम तो यही कहेंगे कि खेल शुरू ही नहीं हुआ है अभी तो विज्ञापन आना बाकि है और इसलिये खेल के बाद नियम बदलने का सवाल ही नहीं है। ये एक दम वाहियात तर्क है कोई भी वो ग्राउंड्स सुनने के लिए तैयार नहीं है जो कटऑफ को बचा सकते हैं। . . 9) शासन स्तर से जब अपर मुख्य सचिव और PNP सचिव से मिला गया तो उन्होंने भी यही बातें दोहराई। मतलब साफ है सरकार पर छोड़ा गया तो कटऑफ नहीं बचेगी। . . 10) वहीं स्तिथि प्रयागराज में भी है। वहां खरे, ओझा, एच इन सिंह आदि ने कोर्ट को लखनऊ के केस के स्टेटस quo के बारे में बताकर प्रयागराज में भी 21 को सुनवाई के लिए लगवा लिया। . . 11) मैटर मुख्य यही है कि खेल के नियम खेल शुरू होने के बाद बदले नहीं जा सकते इसी को आधार बनाया गया है जबकि हम पिछली पोस्ट में बता चुके हैं कि यह मैटर सुप्रीम कोर्ट में 5 जजेस की संवैधानिक पीठ को decide करना है और आर्टिकल 141 के अंतर्गत हाई कोर्ट इसपर निर्णय नहीं दे सकती लेकिन जज साहब तक सरकारी वकील ये बात नहीं पहुंचा रहे हैं। . . 12) अभी तक वो केवल डेट ले रहे हैं। पहले दिन कहा कि सरकार से इंस्ट्रक्शन ले लें। अगले दिन यानी 18 जनवरी सुबह 10:30 पर भी उनका यही रवैया रहा और बोला कि 12:15 पर AAG आएंगे और उनके पास भी बचाने के तथ्य नहीं थे तो हम लोगो ने केस को रिक्वेस्ट करके मंडे लगवाया। . . 13) सरकारी वकील इसी बात पर अड़े हैं जो हमने पहले बताई वो उन 4 ऑर्डर्स का और आर्टिकल 141 को इग्नोर कर रहे हैं जो ग्राउंड्स हमने पिछली पोस्ट में बताए हैं। . . 14) शिक्षामित्रों ने सुप्रीम कोर्ट के आनंद कुमार यादव ऑर्डर को भी कोर्ट में रखा है और बोला है कि यह हमारे पास अंतिम अवसर है और 01 दिसंबर 2018 को इन्होंने कोई कटऑफ नहीं रखी। एग्जाम से पहले भी किसी GO द्वारा कोई कटऑफ नहीं रखी गयी। . . 15) एग्जाम कराने के बाद कटऑफ लगा कर हमें बाहर कर दिया गया जबकि हम टेट पास करके आये हैं। ये केवल बीएड बीटीसी को लुभाने के लिए किया गया ��ै। . . 16) उन्होंने 01 दिसंबर 2018 के सर्कुलर के क्लॉज़ 7 पर फोकस किया कि कटऑफ के बारे में कहीं नहीं लिखा गया। . . 17) 1981 नियमावली के नियम 2(1)(x) के अनुसार सरकार समय समय पर कटऑफ निर्धारित कर सकती है जब उन्होंने 01 दिसंबर में कटऑफ निर्धारित नहीं की तो सभी ने यही माना कि कटऑफ इस बार नहीं रखी गयी है। . . 18) और इसलिए ये अनुमान लगाया गया कि कटऑफ हुई भी तो 40/45% से अधिक नहीं रहेगी। इस पर जज साहब ने यह कहकर स्टेटस quo को आगे बढ़ा दिया कि ये अधिकारी भर्ती कराने के नियम ही नहीं जानते परीक्षा ही निरस्त कर देनी चाहिए। . . 19) अब मुख्य बिंदु यही है कि सरकार को जिस एंगल पर बहस करनी चाहिए उस पर नहीं कर रही है। बहस तेज प्रकाश पाठक केस पर होनी चाहिए वहीं उनका इरादा ये कहने का है कि खेल शुरू ही नहीं हुआ है। . . 20) स्थिति गम्भीर है। कटऑफ के समर्थन में कोर्ट के सामने केवल 4 लोग हैं जबकि कटऑफ विरोध में 800 से ऊपर लोग याची हैं। . . 21) अब कटऑफ समर्थक यदि अधिक होंगे तभी कोर्ट में हमारे अधिवक्ता को बोलने का अवसर मिलेगा सरकारी वकील चाहे AG, AAG, CSC, ACSC कोई भी हो वो वाहियात तर्को के साथ कोर्ट में बचाने उतरेंगे जबकि कोई बच्चा भी बता देगा कि खेल 01 दिसम्बर 2018 को शुरू हो चुका था। . . 22) ऐसा नहीं हो सकता है कि क्रिकेट में मैच होने के बाद बताया जाए कि चौके की बाउंड्री वहां से शुरू थी या गोल करने के बाद बताया जाए कि गोल पोस्ट तो इधर था। . . 23) समस्या गम्भीर है मंडे को कमसेकम 500 कटऑफ समर्थको के साथ IA डालनी होगी और अपने एडवोकेट्स से तेज प्रकाश पाठक के ग्राउंड्स को कोर्ट में रखना होगा। सरकार लुटिया डुबो देगी। याद रखियेगा। इसलिए ऊपर लिंक से फॉर्म भरिये ताकि कोर्ट में IA डालकर आप भी अपना पक्ष रख सकें। .
.24) आप खुद आकर कोर्ट में देख सकते हैं कि सरकारी वकील कैसे अजीबोग़रीब निराधार बातें कोर्ट में कह रहे हैं। 21 जनवरी को कोर्ट में आके अपने आप देख लीजिए पता चल जाएगा कि बाबा जो चाहेंगे वोही होगा का अनुसरण कोर्ट में कितना बढ़िया हो रहा है।..25) काउन्सलिंग कराने में कितना किराया लग जाता है, टेट और 69000 फॉर्म भरने में कितना पैसा लगता है, एग्जाम देने सेंटर पर जाने में कितना पैसा लग जाता है? सब कूड़े में जायेगा यदि कटऑफ नहीं रही। इसलिए सभी लोग सहयोग करिये और याची बनिये और जो अभी आर्थिक सहयोग नहीं कर सकता है वो भी फॉर्म भरके याची बन जाइये। पैसों के कारण संख्या कम नहीं दिखनी चाहिए। धन्यवाद।..~AG.PS : सभी लोगो को शेयर करें कोई भी कटऑफ समर्थक छूट न जाये। पेपर लीक को लेकर भी अनुराधा तिवारी के नाम से याचिका दाखिल की गई है जिसमें परीक्षा से 30 मिनट पहले पेपर लीक के सबूत दिए गए हैं। SSC CGL 2017 का मैटर सबके सामने हैं। यहां भी उदासीन रवैया रहा और जज साहब का दिमाग ठनका तो परीक्षा रद्द होते देर नहीं लगेगी।
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