#उल्कापिंड गिरा
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newsaryavart · 5 years ago
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राजस्थान के सांचौर में आसमान से गिरा पौने तीन किलो का ‘रहस्यमयी’ धातु Edited By Sambrat Chaturvedi | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 19 Jun 2020, 12:57:00 PM IST सांचौर में गिरा धातु।
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realtimesmedia · 3 years ago
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घर में सो रही थी महिला, तभी छत छीरकर बिस्तर पर गिरा उल्कापिंड, बाल-बाल बची जान
घर में सो रही थी महिला, तभी छत छीरकर बिस्तर पर गिरा उल्कापिंड, बाल-बाल बची जान
घर में सो रही थी महिला, तभी छत छीरकर बिस्तर पर गिरा उल्कापिंड कभी आपके साथ ऐसा हो कि आप अपने कमरे में बिस्तर पर गहरी नींद में सो रहे हैं, और आपके बेड पर कोई उल्कापिंड आकर गिर जाए, तो आपको कैसा लगेगा ? ऐसा ही कुछ हुआ कनाडा (Canada) की एक महिला के साथ. महिला की जान उस वक्त खतरे में पड़ गई जब वो अपने बिस्तर पर सो रही थी. अचानक, अंतरिक्ष (Space) से एक उल्‍कापिंड (Meteorite) आकर उसके बिस्तर पर गिरा.…
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bollywoodpapa · 3 years ago
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आसमान से ऐसा खजाना गिरा कि कारपेंटर बन गया करोड़पति, जानिए पूरा मामला!
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आसमान से ऐसा खजाना गिरा कि कारपेंटर बन गया करोड़पति, जानिए पूरा मामला!
दोस्तों जब ऊपर वाला किसी पर मेहरबान होता है तो उसे इतना दे दे देता है की उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा, ऐसा ही कुछ हुआ इंडोनेशिया के एक युवक जोसुआ हुतागलंगु के साथ जो ताबूत बनाने का काम करता था और चंद मिनटों में एक कारपेंटर सीधे करोड़पति बन गया।
अंग्रेजी वेबसाइट इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक 33 साल के जोसुआ जब अपने घर में एक दिन काम कर रहे थे। उसी दौरान उनके घर में आसमान से एक ऐसी चीज गिरी जिसने उन्हें 10 करोड़ रुपये का मालिक बना दिया। जोसुआ के घर में आकाश से बेहद दुर्लभ उल्कापिंड का एक ऐसा टुकड़ा गिरा जिसने उन्हें कंगाल से करोड़पति बना दिया। यह उल्कापिंड का टुकड़ा करीब 4 अरब साल पुराना था जिस वजह से इसकी कीमत 10 करोड़ रुपये आंकी गई।
उल्कापिंड के गिरने से जोउसा के कोलांग स्थित घर की छत में छेद हो गया. जिस वक्त ये पत्थर आसमान से गिरा उस वक्त जोउसा ताबूत बनाने का ही काम कर रहे थे। उल्कापिंड का वजन 2 किलो से ज्यादा और जब यह छत तो तोड़ते हुए गिरा तो यह 15 सेंटीमीटर तक जमीन में धंस गया। इस उल्कापिंड के बदले जोसुआ को करीब 14 लाख पाउंड ( 10 करोड़ रुपये) मिले। यह अत्यंत ही दुर्लभ प्रजाति गपाना का बताया जाता है जिसकी वजह से इसकी कीमत 857 डॉलर प्रति ग्राम ��ै। जोसुआ ने बताया कि पत्थर जिस वक्त गिरा उस वक्त बेहद गर्म था लेकिन बाद में वो ठंडा हो गया।
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khsnews · 3 years ago
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बाप रे! छत से टकराया उल्का, सिर के पास महिला के बिस्तर पर जा गिरा। वायरल खबर
बाप रे! छत से टकराया उल्का, सिर के पास महिला के बिस्तर पर जा गिरा। वायरल खबर
जैसा कि कनाडा में अधिक से अधिक लोग रात के आकाश में तेज रोशनी का आनंद ले रहे थे, ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत की एक महिला ने उल्कापिंड सहित, निकट-मृत्यु का अनुभव करने का दावा किया। द गोल्डन स्टार की एक रिपोर्ट के अनुसार, रूथ हैमिल्टन रात भर अपने घर में सो रही थीं, तभी एक उल्का छत से टकराकर उनके बिस्तर पर गिर गई। दुर्घटना की आवाज ने उसे जगाया और उसे अपने चेहरे पर मलबा महसूस हुआ। भयभीत और भ्रमित,…
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abhay121996-blog · 4 years ago
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सहारा रेगिस्तान में मिला 4.5 अरब साल पुराना पत्थर, जब धरती नहीं थी तो यह कहां से आया? Divya Sandesh
#Divyasandesh
सहारा रेगिस्तान में मिला 4.5 अरब साल पुराना पत्थर, जब धरती नहीं थी तो यह कहां से आया?
पेरिस वै���्ञानिकों ने अफ्रीका के में धरती की उम्र से भी पुराने पत्थर की खोज की है। इस पत्थर की उम्र करीब 4.5 अरब साल से भी ज्यादा है। बताया जा रहा है कि यह पत्थर दरअसल एक उल्कापिंड का हिस्सा है, जो अंतरिक्ष में घूमते समय धरती के गुरुत्वाकर्षण के कारण खिंचा चला आया। यह उल्कापिंड हमारे ग्रह यानी पृथ्वी के अस्तित्व में आने से पहले से ही मौजूद था। अभी तय यह पता नहीं चल सका है कि यह पत्थर धरती पर कब गिरा था।
अबतक खोजा गया सबसे पुराना पत्थर शोधकर्ताओं के अनुसार, इस उल्कापिंड को Erg Chech 002 या EC 002 नाम दिया गया है। यह टुकड़ा किसी पुरातन ग्रह के मूल हिस्से का बताया जा रहा है। ऐसे पत्थरों को बिल्डिंग ब्लॉक के रूप में जाना जाता है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह अबतक खोजा गया सबसे पुराना पत्थर है, जो बाहरी दुनिया से हमारी धरती पर आया है। यह पत्थर हमारे सोलर सिस्टम के शुरुआती दिनों के दौरान ग्रहों के बनने के तरीके पर भी एक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।
अल्जीरिया के समुद्र में खोजा गया यह पत्थर इस चट्टान की खोज अल्जीरिया के एर्ग चेच ड्यून समुद्र में की गई थी। इसी कारण इस पत्थर को Erg Chech का नाम दिया गया है। इसमें वास्तव में कई सारे उल्कापिंड शामिल हैं, जिनका कुल वजन करीब 31 किलोग्राम के आसपास है। इस पत्थर की खोज के बाद वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि आखिर कब किसी पुराने ग्रह के क्रस्ट का लावा जो पिघला हुआ था वह ठोस में परिवर्तित हो गया।
4.5 अरब साल पहले हुआ था निर्माण स्टडी के अनुसार, मैग्नीशियम और एल्यूमीनियम आइसोटोप की जांच से पता चला है कि यह पत्थर लगभग 4.5 अरब साल पहले ठोस में बदल गया था। यह अबतक मिले किसी भी आग्नेय चट्टा का सबसे पुराना टुकड़ा है। इससे पहले NWA 11119 नाम के एक आग्नेय उल्कापिंड को खोजा गया था जो Erg Chech 002 से उम्र में करीब12 लाख साल छोटा है। बताया जाता है कि इन चट्टानों के अस्तित्व में आने के लाखों साल बाद धरती का निर्माण हुआ था।
फ्रांसीसी रिचर्स टीम ने किया दावा इस अध्ययन का नेतृत्व फ्रांस के यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ब्रिटनी के भू-रसायन विज्ञान के प्रोफेसर जीन-एलिक्स बाराट ने किया। उन्होंने प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित अध्ययन में बताया कि ईसी 002 सभी क्षुद्रग्रह समूहों से स्पष्ट रूप से अलग है। उन्होंने यह भी कहा कि ईसी 002 के समान वर्णक्रमीय विशेषताओं वाली कोई भी वस्तु आज तक पहचानी नहीं गई है।
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indianlocalnews · 4 years ago
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ब्रिटेन में आकाश से गिरा उल्कापिंड अत्यंत दुर्लभ है, यह पृथ्वी पर जीवन के इतिहास को दिखाएगा
ब्रिटेन में आकाश से गिरा उल्कापिंड अत्यंत दुर्लभ है, यह पृथ्वी पर जीवन के इतिहास को दिखाएगा
ब्रिटेन में आकाश से गिरा उल्कापिंड बहुत दुर्लभ है, पृथ्वी पर जीवन का इतिहास जानेंगे 28 फरवरी को, ब्रिटेन और उत्तरी यूरोप में आसमान से आग की कुछ लपटें गिरीं, जिसके बाद दुनिया के वैज्ञानिक इस बात से डर गए कि प्रकृति क्या करने जा रही है, लेकिन, उल्कापिंड की जांच के दौरान वैज्ञानिक खुद हैरान रह गए। क्योंकि, इस उल्कापिंड के माध्यम से हम पृथ्वी के बारे में बहुत सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 28…
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newsaryavart · 5 years ago
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राजस्थान में 2 किलो 788 ग्राम का रहस्यमयी धातु गिरा, देखें- तस्वीरें
राजस्थान में 2 किलो 788 ग्राम का रहस्यमयी धातु गिरा, देखें- तस्वीरें
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नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 19 Jun 2020, 01:54:42 PM IST
धरती पर यूं तो हर साल 17 हजार से ज्यादा उल्कापिंड टकराते हैं लेकिन शुक्रवार सुबह राजस्थान के जालोर जिले के सांचौर में तेज आवाज और धमाके के साथ एक रहस्यमयी धातु गिरने से लोगों में हड़कंप मच गया। करीब पौने तीन किलो के इस धातु को प्रथमदृष्या उलकापिंड बताया जा रहा है लेकिन अधिकारिकतौर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है। वैज्ञानिकों की एक टीम…
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digimakacademy · 4 years ago
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Meteorite ने शख्स को बनाया करोड़पति, आखिर सोने से ज्यादा कीमती क्यों होते हैं उल्कापिंड?
Meteorite ने शख्स को बनाया करोड़पति, आखिर सोने से ज्यादा कीमती क्यों होते हैं उल्कापिंड?
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इंडोनेशिया के में 33 साल के जोशुआ हुतागलुंग के घर पर आसमान से एक अनमोल खजाना आ गिरा और मालामाल हो गए। दरअसल, उनके घर गिरा था अंतरिक्ष से आया Meteorite जिसने उन्हें 10 करोड़ रुपये दिला दिए। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर Meteorites में ऐसा क्या होता है जो ये इतने कीमती होते हैं। यहां तक कई कुछ की कीमत सोने को भी पीछे छोड़ देती है। इस सवाल का जवाब खोजने से पहले जानते हैं कि आखिर Meteorites…
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abhay121996-blog · 4 years ago
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मंगल ग्रह के इस रहस्यमय गड्ढे में ही क्यों उतरा NASA का रोवर? मिलेंगे एलियन के निशान? Divya Sandesh
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मंगल ग्रह के इस रहस्यमय गड्ढे में ही क्यों उतरा NASA का रोवर? मिलेंगे एलियन के निशान?
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के Perseverance रोवर ने मंगल की सतह पर सफलतापूर्वक कदम रख लिया है और अपना काम भी शुरू कर दिया है। नासा का यह मिशन Jezero Crater में उतरा है। क्रेटर के बीच में कहीं पहाड़ी ऊंचाई है तो कहीं चट्टानी मैदान, कहीं रेत के पहाड़ और गड्ढे की ऊंची दीवारें भी हैं। अगर इनमें से किसी से भी लैंडर टकरा जाता तो पूरा मिशन फेल हो सकता था। बावजूद इसके पांच साल तक मंगल पर 60 अलग-अलग जगहों के गहन अनैलेसिस के बाद मिशन टीम के सदस्यों और दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने Jezero को ही इस ऐतिहासिक खोज के लिए क्यों चुना? Jezero Crater: अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA का Perseverance रोवर Jezero Crater पर क्यों उतरा है? यहां ऐसा क्या है जो वैज्ञानिकों को जीवन मिलने की उम्मीद है?अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के Perseverance रोवर ने मंगल की सतह पर सफलतापूर्वक कदम रख लिया है और अपना काम भी शुरू कर दिया है। नासा का यह मिशन Jezero Crater में उतरा है। क्रेटर के बीच में कहीं पहाड़ी ऊंचाई है तो कहीं चट्टानी मैदान, कहीं रेत के पहाड़ और गड्ढे की ऊंची दीवारें भी हैं। अगर इनमें से किसी से भी लैंडर टकरा जाता तो पूरा मिशन फेल हो सकता था। बावजूद इसके पांच साल तक मंगल पर 60 अलग-अलग जगहों के गहन अनैलेसिस के बाद मिशन टीम के सदस्यों और दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने Jezero को ही इस ऐतिहासिक खोज के लिए क्यों चुना? कहां है यह क्रेटर?यह क्रेटर 28 मील चौड़ा ह और यह Isidis Planitia नाम के मैदानी इलाके के ��श्चिमी छोर पर है। यह मंगल के ईक्वेटर से उत्तर में हैं। माना जाता है कि Isidis Planitia में एक प्राचीन उल्कापिंड आ गिरा था जिससे 750 मील का गड्ढा बन गया था। बाद में एक छोटा उल्कापिंड यहां गिरा और Jezero Crater बन गया। बाद में इसमें पानी भर गया और सूखा पड़ा डेल्टा जीवन के लिए अनुकूल हो गया। यहां से 2300 मील दूर Gale Crater पर नासा के Curiosity रोवर ने लैंडिंग की थी।कैसे बनी झील?वैज्ञानिकों का मानना है कि Jezero कभी पानी से भरा हुआ करता था और यहां किसी प्राचीन नदी का डेल्टा था। 3.5 अरब साल पहले नदियों के पानी से ये झील बनी थी। वैज्ञानिकों ने ऐसे सबूत हासिल किए हैं जिनसे पता चलता है कि ये पानी आसपास के इलाके से मिनरल झील में लेकर आता था। हो सकता है कि इस दौरान वहां सूक्ष्मजीवी रहे हों। अगर ऐसा हुआ होगा तो झील के तल में या तट के सेडिमेंट में इसके निशान मिल सकेंगे।कैसे मिले संकेत?वैज्ञानिक इस बात की स्टडी करेंगे कि कैसे इस क्षेत्र का विकास हुआ और क्या यहां जीवन था। मंगल की चट्टानों और मिट्टी के सैंपल लिए जाएंगे जिनमें इन सवालों के जवाब छिपे हो ���कते हैं। Mars Reconnaissance Orbiter के CRISM इंस्ट्रुमेंट ने पाया था कि यहां Clay मौजूद है जो सिर्फ पानी की मौजूदगी में बन सकती है। धरती पर Mississippi के डेल्टा में ऐसी ही Clay मिली है और यहां चट्टानों में लगा सूक्ष्मजीवी जीवन भी पाया गया है। इस वजह से उम्मीद की जा रही है कि मंगल पर भी जीवन के निशान संरक्षित होंगे।
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vsplusonline · 5 years ago
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बारिश के दौरान आसमान से गिरा आग का गोला, दहशत में आ गए लोग
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बारिश के दौरान आसमान से गिरा आग का गोला, दहशत में आ गए लोग
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Image Source : PTI (FILE) Representative Image
गाजियाबाद. राजधानी दिल्ली से सटे उतर प्रदेश के गाजियाबाद में बारिश के दौरान रेलवे स्टेशन के निकट आसमान से आग के गोले जैसी कोई वस्तु आकर गिरी जिससे आसपास के लोग दहशत में आ गए। शुरुआती जांच में उस वस्तु में सोडियम होने का पता चला है। दमकल विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को स्थानीय लोगों ने उन्हें उल्कापिंड जैसी वस्तु गिरने की सूचना दी। भारी बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में लोग उसके इर्दगिर्द जमा हो गए थे।
दरअसल जब यह वस्तु गिरी तब बहुत तेज आवाज हुई थी। दमकलकर्मियों ने बताया कि आग बुझाने के बावजूद भी वह वस्तु सुलगती रही। जिला मजिस्ट्रेट अजय शंकर पांडे ने बताया कि इस असामान्य घटना के बाद वस्तु की जांच करने के लिए भूविज्ञानी एस.सी.शर्मा और विज्ञान सह संयोजक विवेक को घटनास्थल पर भेजा गया। उन्होंने जो रिपोर्ट दी है, उसमें बताया गया है कि आसमान से गिरी वस्तु सोडियम के समान लग रही है क्योंकि पानी के संपर्क में आने पर इसमें से धुंआ निकल रहा है। पांडे ने बताया कि आगे की जांच के लिए नमूने लखनऊ की प्रयोगशाला में भेजे जाएंगे। उन्होंने बताया कि समूची कार्यवाही पर जिला मजिस्ट्रेट नजर रखेंगे। 
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theindianewstoday-blog · 5 years ago
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In A Bizarre But Interesting Incident, Meteoroid Fallen In Jaipur, Its Weight 2.788 ANN
https://theindianewstoday.com/in-a-bizarre-but-interesting-incident-meteoroid-fallen-in-jaipur-its-weight-2-788-ann/ In A Bizarre But Interesting Incident, Meteoroid Fallen In Jaipur, Its Weight 2.788 ANN
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omgdilipsoni · 5 years ago
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सांचौर में आसमान से 2.788 किलो वजनी उल्कापिंड (Meteorite) गिरा
सांचौर में आसमान से 2.788 किलो वजनी उल्कापिंड (Meteorite) गिरा
Sanchore / Jalore News: राजस्थान के जालोर जिले में स्थित सांचौर कस्बे में शुक्रवार सुबह 7 बजे उल्का (Meteoroid) का करीब तीन किलोग्राम वजनी टुकडा उल्कापिंड (Meteorite) धमाके के साथ गिरा. तेज धमाके के साथ लोगों ने चमकती वस्तु को आकाश से नीचे गिरते देखा.
प्रथम दृष्टया लोगो को लगा ये कोई वायुयान का हिस्सा अथवा कोई बम हो सकता है, क्यूंकि आसमान से ये तेज आवाज के साथ बहुत तेज गति से नीचे आ रहा था.
प्राप…
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