#उप मुखिया पति
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नवादा में उप मुखिया के पति की पीट पीटकर हत्या , गिरफ्तारी को छापेमारी
नवादा में उप मुखिया के पति की पीट पीटकर हत्या , गिरफ्तारी को छापेमारी
नवादा। जिले के पकरीबरावां थाने के कोनन्दपुर पंचायत की उप मुखिया शीला देवी के पति विपिन कुमार उर्फ टीपी की पीट पीटकर हत्या कर दी गयी. पंचायत के बढ़ौना गांव में वारदात को अंजाम दिया गया। मृतक के परिजन ने बुधवार को नवादा सदर अस्पताल में बताया बताया कि विपिन पकरीबरावां बाजार से अपने गांव बढ़ौना लौट रहे थे। इस दौरान गांव के पास ही पूर्व से घात लगाए बैठे लोगों ने उन्हें पीट-पीटकर अधमरा कर दिया । इलाज…
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#बिसाहिन_को_इंसाफ_दो
गांव के मुखिया तथा पंचों के द्वारा बुजुर्ग एवं बेसहाय आदिवासी महिला को टोनही समझकर जान से मारने को कोशिश की गई। अपराधियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए।
https://youtu.be/ZBH4tgO2hjM#बिसाहिन_को_इंसाफ_दो
ग्राम गुड़रुडीह (थाना-तुमगांव, जिला-महासमुंद) के निवासी बनवाली ध्रुव (67 वर्ष) तथा पत्नी बिसाहिन ध्रुव (56 वर्ष) के ऊपर 8 नवंबर रात 9 बजे के करीब गांव के मुखिया तथा पंचों के द्वारा की गई जान से मारने की कोशिश।
https://youtu.be/ZBH4tgO2hjM#बिसाहिन_को_इंसाफ_दो
बैगा-तांत्रिक दशरथ खैरवार द्वारा भड़काए जाने पर गांव के उप-सरपंच परमेश्वर ध्रुव तथा साथियों के द्वारा मासूम आदिवासी बुजुर्गों पर किया गया जानलेवा हमला। असहाय, गरीब दंपत्ति अब तक न्याय से कोसों दूर है।#बिसाहिन_को_इंसाफ_दो
ग्राम गुड़रुडीह (थाना-तुमगांव, जिला-महासमुंद) के निवासी बनवाली ध्रुव (67 वर्ष) तथा पत्नी बिसाहिन ध्रुव (56 वर्ष) के ऊपर 8 नवंबर रात 9 बजे के करीब गांव के मुखिया तथा पंचों के द्वारा की गई जान से मारने की कोशिश।#बिसाहिन_को_इंसाफ_दो
हमलावरों के नाम - परमेश्वर ध्रुव (उप सरपंच), उमेंद्र (पंच), परस (पंच), हरीश (पंच), तुलाराम (पंच)#बिसाहिन_को_इंसाफ_दो
मासूम आदिवासियों पर होने वाले अत्याचार बंद हों।#बिसाहिन_को_इंसाफ_दो
उच्च वर्गों के लोगों के द्वारा दलितों तथा गरीबों के शोषण का एक और उदाहरण।#बिसाहिन_को_इंसाफ_दो
गांव के मुखिया तथा पंचों के द्वारा बुजुर्ग एवं बेसहाय आदिवासी महिला को टोनही समझकर जान से मारने को कोशिश की गई। अपराधियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए।#बिसाहिन_को_इंसाफ_दो
उच्च वर्गों के लोगों के द्वारा दलितों तथा गरीबों के शोषण का एक और उदाहरण।
@DPRChhattisgarh
@ChanduLalSahu_
@NileshKumar_IAS
https://youtu.be/ZBH4tgO2hjM#बिसाहिन_को_इंसाफ_दो
घटना के डिटेल्स :-
पीड़िता - बिसाहिन ध्रुव (56 वर्ष) पति बनवाली ध्रुव (67 वर्ष)
ग्राम गुड़रुडीह थाना तुमगांव जिला महासमुंद
घटना 08/11/2022 रात लगभग 9 - 10 बजे
https://youtu.be/ZBH4tgO2hjM
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वैशाली जिले में एक बार फिर बेखौफ अपराधियों का तांडव।
वैशाली जिले में एक बार फिर बेखौफ अपराधियों का तांडव।
उप मुखिया के पति को गोली मार कर हत्या,दो दिन में दो की हत्या से पुलिस प्रशासन पर उठे सवाल हाजीपुर(वैशाली)। जिले के महुआ थाना क्षेत्र के सुंदर नगर पेट्रोल पंप के नज़दीक अज्ञात अपराधियों ने शुक्रवार की देर रात कन्हौली धनराज पंचायत के उप मुखिया पति जितेन्द्र साह को गोली मारकर हत्या कर दी। घटना की जानकारी होते ही इलाके में सनसनी फैल गई।घटना के बाद मौके पर पहुंची महुआ और सराय थाने की पुलिस ने शव क��…
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UP CM yogi Adityanath : समावेशी मंत्रिमंडल की कवायद और लोकसभा चुनावों के गणित के चलते योगी सरकार के गठन में देरी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सरकार चुनावी नतीजे आने के 15 दिनों के बाद भी नई सरकार (New Government) के गठन न हो पाने के पीछे किसी तरह की मजबूरी न होकर आगामी लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Elections) के समीकरण है जिन पर भलीभांति मंथन के बाद ही बीजेपी आगे बढ़ना चाहती है। पर्याप्त बहुमत पाने और सब कुछ मन मुताबिक होने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में यूपी सरकार के गठन को लेकर बैठकों का दौर जारी है। मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले अधिकांश नाम भी करीब करीब तय हैं, पर आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर बीजेपी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इसमें कोई दो राय नहीं कि बीजेपी ने यूपी विधानसभा का चुनाव योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के चेहरे को सामने रख कर लड़ा। प्रधानमंत्री मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने योगी के नाम पर ही जनता से वोट मांगे। जनता के बीच भी बतौर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही पहली पसंद बन कर उभरे हैं जिन्हें जनसमर्थन भी मिला है। सीएम योगी का कद बढ़ा खुद योगी आदित्यनाथ गोरखपुर, अपने गृह क्षेत्र से विधानसभा का चुनाव लड़े और भारी मतों से जीते भी। नतीजे आने के साथ ही यह तय हो गया था कि अगले मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ योगी आदित्यनाथ को ही दिलायी जाएगी और वही अब अगले पांच साल तक सरकार के मुखिया होंगे। भारी भरकम जीत से योगी का कद न केवल यूपी में बल्कि देश भर में बढ़ा है और बीजेपी के लिए वो मोदी के बाद दूसरे सबसे बड़े आकर्षण के तौर पर उभरे हैं। महिलाओं को दिया जा सकता है उचित प्रतिनिधित्व भाजपा यूपी के मंत्रिमंडल के गठन के जरिए जनता में यह संदेश देना चाहती है कि उसके ���हां योग्यता की कद्र है और असरदार लोगों को ही मंत्री बनाया जाता है। माना जा रहा है कि योगी के नए मंत्रिमंडल में बड़ी तादाद में विषय विशेषज्ञ, पूर्व काबिल नौकरशाह और तपे तपाए राजनेताओं का सामंजस्य होगा। इस बार बीजेपी के टिकट पर पूर्व नौकरशाह राजेश्वर सिंह और असीम अरुण चुनाव जीत कर आए हैं तो पीएमओ में काम कर चुके अरविंद शर्मा पहले से मौजूद हैं। योगी के नए मंत्रिमंडल में इनको जगह मिल सकती है। बीजेपी की कोशिश पिछड़ों और दलितों को भी उचित प्रतिनिधित्व देने की है जिनका बड़ी तादाद में वोट इसे विपरीत परिस्थितियों में भी मिला है। महिलाओं को वोटों की जीत में बड़ी भूमिका होने के चलते उन्हें भी उचित प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है। हो सकते हैं तीन उपमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने में जहां कोई संदेह नहीं है वहीं सरकार में उप मुख्यमंत्रियों को लेकर जरुर बीजेपी के भीतर उहापोह की स्थिति है। बीजेपी नेतृत्व का एक हिस्सा जहां किसी को भी उप मुख्यमंत्री न बनाए जाने की हिमायत कर रही है, वहीं बड़े हिस्से का मानना है कि जातीय संतुलन बिठाने के लिए कम से कम तीन उप मुख्यमंत्री बनाए जाने चाहिए। फिलहाल यूपी में उप मुख्यमंत्री के लिए जिन नामों को लेकर सुगबुगाहट हो रही है उनमें पुराने नामों में केशव प्रसाद मौर्य शामिल हैं तो ब्राह्म्णों के प्रतिनिधि के तौर पर ब्रजेश पाठक और दलित व महिला कोटे से बेबीरानी मौर्य का नाम सबसे उपर है। तय है कि पहले की सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे दिनेश शर्मा को संगठन में भेजा जा सकता है। बैठकों के कई दौर चले योगी की पिछली सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे केशव प्रसाद मौर्य विधानसभा का चुनाव सिराथू से हार गए हैं तो दूसरे दिनेश शर्मा ने चुनाव ही नहीं लड़ा। बीजेपी में पिछड़ों के सबसे बड़े चेहरे के तौर पर स्थापित केशव प्रसाद मौर्य का उचित समायोजना सबसे बड़ी गुत्थी है जिसे सुलझाने में लंबा वक्त लगा और बैठकों के कई दौर चले। स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी के पार्टी छोड़ने के बाद केशव प्रसाद मौर्य का महत्व और भी बढ़ जाता है और उन्हें योगी कैबिनेट में स्थान देना बीजेपी की मजबूरी भी है। सहयोगी दलों को दो कैबिनेट और दो राज्य मंत्री का पद मिल सकता है इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा के सहयोगी रहे दलों में अपना दल (एस) के 12 तो निषाद पार्टी के 11 विधायक जीत कर आए हैं। अब इन दोन��ं दलों की मांग कम से कम दो मंत्री पद ��ी और बड़े विभागों की है। बीजेपी नेतृत्व की पूरी कोशिश इन दलों को एक-एक मंत्री पद देकर संतुष्ट करने की रही है। निषाद पार्टी के अध्यक्ष डा. संजय निषाद कम से कम अपने लिए एक कैबिनेट तो एक राज्य मंत्री की मांग कर रहे हैं। अपना दल की मुखिया अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल भी इतने की ही मांग कर रहे हैं। माना जा रहा है कि संख्याबल को देखते हुए सहयोगियों के लिए दो कैबिनेट और दो राज्य मंत्री का पद छोड़ा जा सकता है। Read the full article
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जमडीहापंचायत सचिव से मारपीट में पूर्व मुखिया समेत 14 पर एफआईआर दर्ज हुई, पुलिस जांच में जुटी [Source: Dainik Bhaskar]
जमडीहापंचायत सचिव से मारपीट में पूर्व मुखिया समेत 14 पर एफआईआर दर्ज हुई, पुलिस जांच में जुटी [Source: Dainik Bhaskar]
जमडीहा पंचायत के जमडीहा गांव में पीएम आवास याेजना के लाभुकों की सूची के सत्यापन के दौरान शुक्रवार को हुई मारपीट के मामले में पंचायत सचिव अवधेश कुम्हार के आवेदन पर गोविंदपुर पुलिस ने 14 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। आराेपियाें में पूर्व मुखिया फतेह अली अंसारी और वर्तमान उप मुखिया इशरत जहां के पति नयूब अंसारी शामिल हैं। इसके अलावा डिस्को अंसारी, दाऊद अंसारी, मुख्तार अंसारी, टिंकू अंसारी,…
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42 करोड़ की लागत से त्रिवेणी नहर पर कपरधिका से रामनगर तक स्वीकृत सड़क का शिलान्यास बगहा विधायक आर एस पांडेय व रामनगर विधायक भागिरथी देवी ने संयुक्त रूप से किया। समारोह की अध्यक्षता दिवाकर चौधरी और मंच संचालन चंद्रशेखर पांडेय ने किया। विधायक आरएस पांडेय ने कहा कि कपरधिका से रामनगर तक 10.2 किलोमीटर सड़क का निर्माण 2021 तक पूरा कर ल���या जाएगा। इसके लिए स्वीकृत 42 करोड़ की लागत में मसान नदी पर 12 मीटर चौड़ा और 216 मीटर लंबा पुल का निर्माण भी शामिल है। कार्यक्रम में विधायक प्रतिनिधि संजय सिंह, शंभू मणि तिवारी, सुनील दत्त पांडेय, टुन्ना चौबे, भाजपा मंडल अध्यक्ष फुन्नी मिश्रा, उप प्रमुख सुशीला देवी, पूर्व प्रमुख मिथिलेश पति तिवारी, जिला पार्षद सिकंदर चौधरी, पूर्व जिला मंत्री राकेश चंद्र राव, पूर्व मुखिया जितेंद्र सिंह, मुखिया प्रतिनिधि डॉ रामू चौधरी, उमेश सिंह, राम सिंह, विक्की मिश्रा, पथ निर्माण विभाग के एसडीओ प्रफुल्ल कुमार, संजीव कुमार, एसक्यूटिव श्याम शरण तिवारी, कंपनी के इंजीनियर अरविंद कुमार सिंह, संवेदक चुन्नू सिंह, र|ेश पांडेय समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। कार्यक्रम के आरंभ में माल्यार्पण किया गया। इसके अलावा त्रिवेणी नहर पर कपरधिका गांव के सामने एक ब्रिज बनवाने की मांग करते हुए ग्रामीणों की ओर से आवेदन विधायक को सौंपा गया। चंद्रशेखर पांडेय ने कहा कि बिजली विभाग के तरफ से किसानों के सिंचाई के लिए खेतों में मोटर और बिजली पोल नहीं लगाए गए हैं। परंतु बिल आ रहा है। संयुक्त रूप से शिलान्यास करते रामनगर व बगहा विधायक। गड़बड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा शिकायतकर्ताओं ने कहा कि किसानों के लिए बिजली और मोटर की समस्या पर एक्जीक्यूटिव से बात की गई। उनसे आश्वासन मिला है कि गलत करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने एस्क्यूटीव और ठेकेदार को सम्मानित करते हुए उपस्थित लोगों से कहा कि सम्मान इसलिए किया गया है कि सड़क गुणवत्तापूर्ण बनाई जाय। गड़बड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
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Bagha News - bagaha and ramnagar mla laid the foundation stone for the road being built from kapradhika to ramnagar from 42 crore
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मोदी कैबिनेट ने दी NPR को हरी झंडी, 1 अप्रैल से शुरू होगी नागरिकों की गिनती
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के विरोध में देशभर में बवाल हो ही रहा है कि इसी बीच मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। मोदी कैबिनेट ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) पर भी मुहर लगा दी है। कैबिनेट ने यह मंजूरी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानी NPR को अपडेट करने के लिए दी गई है। मंगलवार को करीब दो घंटे की बैठक के बाद मोदी कैबिनेट ने NPR को हरी झंडी दी। मोदी कैबिनेट ने NPR को अपडेट करने के लिए 8500 करोड़ रुपए के बजट को भी मंजूरी दे दी है। सूत्रों के मुताबिक, 1 अप्रैल 2020 से इसपर काम शुरू कर दिया जाएगा। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); क्या है NPR? बता दें NPR में देश के 'सामान्य नागरिकों' की गणना की जाती है। 'सामान्य नागरिकों' का अर्थ उस व्यक्ति से है, जो किसी स्थानीय क्षेत्र में पिछले छह महीने या उससे अधिक समय से रह रहा हो या अगले छह महीने या उससे अधिक समय तक उस क्षेत्र में रहने की उसकी योजना हो। ऐसे हर नागरिक को रजिस्टर में अपना नाम दर्ज कराना अनिवार्य होगा। यदि कोई बाहरी व्यक्ति भी देश के किसी हिस्से में छह महीने से रह रहा है तो उसे भी एनपीआर में दर्ज होना है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के जरिए सरकार देश के हर नागरिक की जानकारी रख सकेगी। इस प्रक्रिया के तहत भारतीय नागरिकों के बायोमेट्रिक और वंशावली का दर्ज किया जाएगा। सरकार एनपीआर रिपोर्ट राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर, जिला, उप-जिला व स्थानीय स्तर पर तैयार करेगी। केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी 1 अप्रैल 2020 से 30 सितंबर 2020 तक असम के अलावा देशभर में घर- घर जाकर जरूरी आंकड़े जुटाएंगे। Sources: Union Cabinet has given approval to the National Population Register (NPR) pic.twitter.com/UM29F6Impg — ANI (@ANI) December 24, 2019 कैसे होगा ��र्वे एनपीआर सर्वे तीन प्रक्रिया होगा। पहला चरण १ अप्रैल 2020 लेकर से 30 सितंबर के बीच होगा। दूसरा चरण 9 फरवरी से 28 फरवरी 2021 के बीच पूरा होगा। तीसरे व अंतिम चरण में संशोधन की प्रक्रिया 1 मार्च से 5 मार्च के बीच होगी। ये जानकारियां देनी होंगी व्यक्ति का नाम घर के मुखिया से रिश्ता पिता का नाम मां का नाम पति / पत्नी का नाम लिंग जन्मतिथि शादी हुई या नहीं जन्मस्थान राष्ट्रीयता (जो घोषित किया हो) वर्तमान पता जहां रह रहे हों वर्तमान पते पर निवास का समय स्थायी आवासीय पता पेशा शैक्षणिक योग्यता NRC और NPR में अंतर NRC का मकसद जहां देश में अवैध नागरिकों की पहचान करना है, तो वहीं NPR में 6 महीने या उससे अधिक समय से स्थानीय क्षेत्र में रहने वाले किसी भी निवासी को अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यदि कोई विदेशी भी भारत के किसी हिस्से में छह महीने से रह रहा है, तो उसे भी NPR में अपनी डिटेल दर्ज करानी होगी। एनपीआर का उद्देश्य एनपीआर का मूल उद्देश्य भारत के हर निवासी की पहचान के लिए एक विस्तृत आंकड़ा तैयार करना है। इसमें हर व्यक्ति की जनसांख्यिकी (Demographic) जानकारी के साथ-साथ उनका बायोमेट्रिक भी दर्ज रहेगा। सरकारी योजनाओं के अंतर्गत दिया जाने वाला लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचे और व्यक्ति की पहचान की जा सके। एनपीआर द्वारा देश की सुरक्षा में सुधार किया जा सके और आतंकवादी गतिविधियों को रोकने में सहायता प्राप्त हो सके। यह भी पढ़े... CAA और NRC पर घमासान के बीच NPR लाने की तैयारी में मोदी सरकार! जानें क्या है NPR और इसका उद्देश्य नागरिकता संशोधन बिल : देश की नागरिकता के क्या हैं नियम? सरकार ने क्या बदलाव किए, जानें इसके बारे में सबकुछ Read the full article
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बिहार के समस्तीपुर ज़िले में एक युवक को उसके ही रिश्ते के भाई ने पीट पीटकर मौत के घाट उतार दिया. बताया जा रहा है कि खानदान के बीच ज़मीन को लेकर लंबे समय से झगड़ा चल रहा था. मामले के मुताबिक ज़िले के एक गांव की उप मुखिया की डेज़ी देवी के पति मुकेश कुमार का अपने खानदान के साथ ज़मीनी विवाद था, इसी रंजिश को लेकर मुकेश के चचेरे भाई ने अपने साथियों के साथ हमला बोल दिया और मुकेश को इतना पीटा कि मुकेश की मौत हो गई. बताया गया कि पहले भी दोनों पक्षों में मारपीट हो चुकी थी. देखें तफ्तीश. from Latest News क्राइम News18 हिंदी https://ift.tt/2CkDvjs via IFTTT
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बिहार के समस्तीपुर ज़िले में एक युवक को उसके ही रिश्ते के भाई ने पीट पीटकर मौत के घाट उतार दिया. बताया जा रहा है कि खानदान के बीच ज़मीन को लेकर लंबे समय से झगड़ा चल रहा था. मामले के मुताबिक ज़िले के एक गांव की उप मुखिया की डेज़ी देवी के पति मुकेश कुमार का अपने खानदान के साथ ज़मीनी विवाद था, इसी रंजिश को लेकर मुकेश के चचेरे भाई ने अपने साथियों के साथ हमला बोल दिया और मुकेश को इतना पीटा कि मुकेश की मौत हो गई. बताया गया कि पहले भी दोनों पक्षों में मारपीट हो चुकी थी. देखें तफ्तीश. from Latest News क्राइम News18 हिंदी https://ift.tt/2EYCjCR
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CAA और NRC पर घमासान के बीच NPR लाने की तैयारी में मोदी सरकार! जानें क्या है NPR और इसका उद्देश्य
चैतन्य भारत न्यूज राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC - National Register for Citizens) और नागरिकता कानून (Citizenship Act 2019 - CAA) के बाद अब नरेंद्र मोदी सरकार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) लाने की तैयारी कर रही है। इसकी जानकारी भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त विवेक जोशी ने दी थी। लेकिन सवाल यह है कि आखिर ये एनपीआर है क्या? और इसके आने से जनगणना में क्या बदल जाएगा? साथ ही सरकार एनपीआर क्यों लाना चाहती है? आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); क्या है एनपीआर राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के जरिए सरकार देश के हर नागरिक की जानकारी रख सकेगी। इस प्रक्रिया के तहत भारतीय नागरिकों के बायोमेट्रिक और वंशावली का दर्ज किया जाएगा। ऐसे निवासी जो छह महीने या उससे ज्यादा समय से किसी क्षेत्र में रह रहा है, उसके लिए एनपीआर में ��ंजीकरण कराना अनिवार्य हो जाएगा। सरकार एनपीआर रिपोर्ट राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर, जिला, उप-जिला व स्थानीय स्तर पर तैयार करेगी। केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी 1 अप्रैल 2020 से 30 सितंबर 2020 तक असम के अलावा देशभर में घर- घर जाकर जरूरी आंकड़े जुटाएंगे। एनपीआर का उद्देश्य एनपीआर का मूल उद्देश्य भारत के हर निवासी की पहचान के लिए एक विस्तृत आंकड़ा तैयार करना है। इसमें हर व्यक्ति की जनसांख्यिकी (Demographic) जानकारी के साथ-साथ उनका बायोमेट्रिक भी दर्ज रहेगा। सरकारी योजनाओं के अंतर्गत दिया जाने वाला लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचे और व्यक्ति की पहचान की जा सके। एनपीआर द्वारा देश की सुरक्षा में सुधार किया जा सके और आतंकवादी गतिविधियों को रोकने में सहायता प्राप्त हो सके। ये जानकारियां देनी होंगी व्यक्ति का नाम घर के मुखिया से रिश्ता पिता का नाम मां का नाम पति / पत्नी का नाम लिंग जन्मतिथि शादी हुई या नहीं जन्मस्थान राष्ट्रीयता (जो घोषित किया हो) वर्तमान पता जहां रह रहे हों वर्तमान पते पर निवास का समय स्थायी आवासीय पता पेशा शैक्षणिक योग्यता कैसे होगा सर्वे एनपीआर सर्वे तीन प्रक्रिया होगा। पहला चरण 1अप्रैल 2020 लेकर से 30 सितंबर के बीच होगा। दूसरा चरण 9 फरवरी से 28 फरवरी 2021 के बीच पूरा होगा। तीसरे व अंतिम चरण में संशोधन की प्रक्रिया 1 मार्च से 5 मार्च के बीच होगी। कैसे शुरू हुई थी जनगणना आजादी के बाद साल 1951 में सबसे पहले जनगणना की गई थी। हर 10 साल में होने वाली जनगणना अब तक 7 बार हो चुकी है। आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, जनगणना के लिए आखिरी बार साल 2010 में भारत सरकार ने आंकड़े जुटाएं थे। यह जनगणना 2011 के लिए की जा रही थी। फिर इन आंकड़ों को 2015 में रजिस्टर्ड किया गया था। इसके लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया गया था। इस बार 2021 की जनगणना पर काम चल रहा है। यह भी पढ़े... नागरिकता संशोधन बिल : देश की नागरिकता के क्या हैं नियम? सरकार ने क्या बदलाव किए, जानें इसके बारे में सबकुछ Read the full article
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CAA और NRC पर घमासान के बीच NPR लाने की तैयारी में मोदी सरकार! जानें क्या है NPR और इसका उद्देश्य
चैतन्य भारत न्यूज राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC - National Register for Citizens) और नागरिकता कानून (Citizenship Act 2019 - CAA) के बाद अब नरेंद्र मोदी सरकार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) लाने की तैयारी कर रही है। इसकी जानकारी भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त विवेक जोशी ने दी थी। लेकिन सवाल यह है कि आखिर ये एनपीआर है क्या? और इसके आने से जनगणना में क्या बदल जाएगा? साथ ही सरकार एनपीआर क्यों लाना चाहती है? आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); क्या है एनपीआर राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के जरिए सरकार देश के हर नागरिक की जानकारी रख सकेगी। इस प्रक्रिया के तहत भारतीय नागरिकों के बायोमेट्रिक और वंशावली का दर्ज किया जाएगा। ऐसे निवासी जो छह महीने या उससे ज्यादा समय से किसी क्षेत्र में रह रहा है, उसके लिए एनपीआर में पंजीकरण कराना अनिवार्य हो जाएगा। सरकार एनपीआर रिपोर्ट राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर, जिला, उप-जिला व स्थानीय स्तर पर तैयार करेगी। केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी 1 अप्रैल 2020 से 30 सितंबर 2020 तक असम के अलावा देशभर में घर- घर जाकर जरूरी आंकड़े जुटाएंगे। एनपीआर का उद्देश्य एनपीआर का मूल उद्देश्य भारत के हर निवासी की पहचान के लिए एक विस्तृत आंकड़ा तैयार करना है। इसमें हर व्यक्ति की जनसांख्यिकी (Demographic) जानकारी के साथ-साथ उनका बायोमेट्रिक भी दर्ज रहेगा। सरकारी योजनाओं के अंतर्गत दिया जाने वाला लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचे और व्यक्ति की पहचान की जा सके। एनपीआर द्वारा देश की सुरक्षा में सुधार किया जा सके और आतंकवादी गतिविधियों को रोकने में सहायता प्राप्त हो सके। ये जानकारियां देनी होंगी व्यक्ति का नाम घर के मुखिया से रिश्ता पिता का नाम मां का नाम पति / पत्नी का नाम लिंग जन्मतिथि शादी हुई या नहीं जन्मस्थान राष्ट्रीयता (जो घोषित किया हो) वर्तमान पता जहां रह रहे हों वर्तमान पते पर निवास का समय स्थायी आवासीय पता पेशा शैक्षणिक योग्यता कैसे होगा सर्वे एनपीआर सर्वे तीन प्रक्रिया होगा। पहला चरण 1अप्रैल 2020 लेकर से 30 सितंबर के बीच होगा। दूसरा चरण 9 फरवरी से 28 फरवरी 2021 के बीच पूरा होगा। तीसरे व अंतिम चरण में संशोधन की प्रक्रिया 1 मार्च से 5 मार्च के बीच होगी। कैसे शुरू हुई थी जनगणना आजादी के बाद साल 1951 में सबसे पहले जनगणना की गई थी। हर 10 साल में होने वाली जनगणना अब तक 7 बार हो चुकी है। आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, जनगणना के लिए आखिरी बार साल 2010 में भारत सरकार ने आंकड़े जुटाएं थे। यह जनगणना 2011 के लिए की जा रही थी। फिर इन आंकड़ों को 2015 में रजिस्टर्ड किया गया था। इसके लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया गया था। इस बार 2021 की जनगणना पर काम चल रहा है। यह भी पढ़े... नागरिकता संशोधन बिल : देश की नागरिकता के क्या हैं नियम? सरकार ने क्या बदलाव किए, जानें इसके बारे में सबकुछ Read the full article
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