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CAA और NRC पर घमासान के बीच NPR लाने की तैयारी में मोदी सरकार! जानें क्या है NPR और इसका उद्देश्य
चैतन्य भारत न्यूज राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC - National Register for Citizens) और नागरिकता कानून (Citizenship Act 2019 - CAA) के बाद अब नरेंद्र मोदी सरकार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) लाने की तैयारी कर रही है। इसकी जानकारी भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त विवेक जोशी ने दी थी। लेकिन सवाल यह है कि आखिर ये एनपीआर है क्या? और इसके आने से जनगणना में क्या बदल जाएगा? साथ ही सरकार एनपीआर क्यों लाना चाहती है? आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); क्या है एनपीआर राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के जरिए सरकार देश के हर नागरिक की जानकारी रख सकेगी। इस प्रक्रिया के तहत भारतीय नागरिकों के बायोमेट्रिक और वंशावली का दर्ज किया जाएगा। ऐसे निवासी जो छह महीने या उससे ज्यादा समय से किसी क्षेत्र में रह रहा है, उसके ��िए एनपीआर में पंजीकरण कराना अनिवार्य हो जाएगा। सरकार एनपीआर रिपोर्ट राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर, जिला, उप-जिला व स्थानीय स्तर पर तैयार करेगी। केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी 1 अप्रैल 2020 से 30 सितंबर 2020 तक असम के अलावा देशभर में घर- घर जाकर जरूरी आंकड़े जुटाएंगे। एनपीआर का उद्देश्य एनपीआर का मूल उद्देश्य भारत के हर निवासी की पहचान के लिए एक विस्तृत आंकड़ा तैयार करना है। इसमें हर व्यक्ति की जनसांख्यिकी (Demographic) जानकारी के साथ-साथ उनका बायोमेट्रिक भी दर्ज रहेगा। सरकारी योजनाओं के अंतर्गत दिया जाने वाला लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचे और व्यक्ति की पहचान की जा सके। एनपीआर द्वारा देश की सुरक्षा में सुधार किया जा सके और आतंकवादी गतिविधियों को रोकने में सहायता प्राप्त हो सके। ये जानकारियां देनी होंगी व्यक्ति का नाम घर के मुखिया से रिश्ता पिता का नाम मां का नाम पति / पत्नी का नाम लिंग जन्मतिथि शादी हुई या नहीं जन्मस्थान राष्ट्रीयता (जो घोषित किया हो) वर्तमान पता जहां रह रहे हों वर्तमान पते पर निवास का समय स्थायी आवासीय पता पेशा शैक्षणिक योग्यता कैसे होगा सर्वे एनपीआर सर्वे तीन प्रक्रिया होगा। पहला चरण 1अप्रैल 2020 लेकर से 30 सितंबर के बीच होगा। दूसरा चरण 9 फरवरी से 28 फरवरी 2021 के बीच पूरा होगा। तीसरे व अंतिम चरण में संशोधन की प्रक्रिया 1 मार्च से 5 मार्च के बीच होगी। कैसे शुरू हुई थी जनगणना आजादी के बाद साल 1951 में सबसे पहले जनगणना की गई थी। हर 10 साल में होने वाली जनगणना अब तक 7 बार हो चुकी है। आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, जनगणना के लिए आखिरी बार साल 2010 में भारत सरकार ने आंकड़े जुटाएं थे। यह जनगणना 2011 के लिए की जा रही थी। फिर इन आंकड़ों को 2015 में रजिस्टर्ड किया गया था। इसके लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया गया था। इस बार 2021 की जनगणना पर काम चल रहा है। यह भी पढ़े... नागरिकता संशोधन बिल : देश की नागरिकता के क्या हैं नियम? सरकार ने क्या बदलाव किए, जानें इसके बारे में सबकुछ Read the full article
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CAA और NRC पर घमासान के बीच NPR लाने की तैयारी में मोदी सरकार! जानें क्या है NPR और इसका उद्देश्य
चैतन्य भारत न्यूज राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC - National Register for Citizens) और नागरिकता कानून (Citizenship Act 2019 - CAA) के बाद अब नरेंद्र मोदी सरकार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) लाने की तैयारी कर रही है। इसकी जानकारी भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त विवेक जोशी ने दी थी। लेकिन सवाल यह है कि आखिर ये एनपीआर है क्या? और इसके आने से जनगणना में क्या बदल जाएगा? साथ ही सरकार एनपीआर क्यों लाना चाहती है? आइए जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); क्या है एनपीआर राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के जरिए सरकार देश के हर नागरिक की जानकारी रख सकेगी। इस प्रक्रिया के तहत भारतीय नागरिकों के बायोमेट्रिक और वंशावली का दर्ज किया जाएगा। ऐसे निवासी जो छह महीने या उससे ज्यादा समय से किसी क्षेत्र में रह रहा है, उसके लिए एनपीआर में पंजीकरण कराना अनिवार्य हो जाएगा। सरकार एनपीआर रिपोर्ट राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर, जिला, उप-जिला व स्थानीय स्तर पर तैयार करेगी। केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी 1 अप्रैल 2020 से 30 सितंबर 2020 तक असम के अलावा देशभर में घर- घर जाकर जरूरी आंकड़े जुटाएंगे। एनपीआर का उद्देश्य एनपीआर का मूल उद्देश्य भारत के हर निवासी की पहचान के लिए एक विस्तृत आंकड़ा तैयार करना है। इसमें हर व्यक्ति की जनसांख्यिकी (Demographic) जानकारी के साथ-साथ उनका बायोमेट्रिक भी दर्ज रहेगा। सरकारी योजनाओं के अंतर्गत दिया जाने वाला लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचे और व्यक्ति की पहचान की जा सके। एनपीआर द्वारा देश की सुरक्षा में सुधार किया जा सके और आतंकवादी गतिविधियों को रोकने में सहायता प्राप्त हो सके। ये जानकारियां देनी होंगी व्यक्ति का नाम घर के मुखिया से रिश्ता पिता का नाम मां का नाम पति / पत्नी का नाम लिंग जन्मतिथि शादी हुई या नहीं जन्मस्थान राष्ट्रीयता (जो घोषित किया हो) वर्तमान पता जहां रह रहे हों वर्तमान पते पर निवास का समय स्थायी आवासीय पता पेशा शैक्षणिक योग्यता कैसे होगा सर्वे एनपीआर सर्वे तीन प्रक्रिया होगा। पहला चरण 1अप्रैल 2020 लेकर से 30 सितंबर के बीच होगा। दूसरा चरण 9 फरवरी से 28 फरवरी 2021 के बीच पूरा होगा। तीसरे व अंतिम चरण में संशोधन की प्रक्रिया 1 मार्च से 5 मार्च के बीच होगी। कैसे शुरू हुई थी जनगणना आजादी के बाद साल 1951 में सबसे पहले जनगणना की गई थी। हर 10 साल में होने वाली जनगणना अब तक 7 बार हो चुकी है। आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, जनगणना के लिए आखिरी बार साल 2010 में भारत सरकार ने आंकड़े जुटाएं थे। यह जनगणना 2011 के लिए की जा रही थी। फिर इन आंकड़ों को 2015 में रजिस्टर्ड किया गया था। इसके लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया गया था। इस बार 2021 की जनगणना पर काम चल रहा है। यह भी पढ़े... नागरिकता संशोधन बिल : देश की नागरिकता के क्या हैं नियम? सरकार ने क्या बदलाव किए, जानें इसके बारे में सबकुछ Read the full article
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