#उनके शरीर के स्थान पर सुगन्धित पुष्प
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#1Feb_GodKabir_NirvanaDiwas
कबीर साहेब लगभग 505 वर्ष पूर्व मगहर से सशरीर अपने अविनाशी धाम सतलोक गए थे, उनके शरीर के स्थान पर सुगन्धित पुष्प मिले थे.
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मगहर से सतलोक
#1Feb_GodKabir_NirvanaDiwasकबीर साहेब लगभग 505 वर्ष पूर्व मगहर से सशरीर अपने अविनाशी धाम सतलोक गए थे#उनके शरीर के स्थान पर सुगन्धित पुष्प
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मथुरा में धर्मदास को परमात्मा कैसे मिले? | 2D Animation | SA NEWS
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#506th_GodKabir_NirvanDiwas
कबीर साहेब मगहर से सशरीर सतलोक गये।
कीन्हा मगहर पियाना सतगुरु, कीन्हा मगहर पियाना हो।
दोनो दीन चले संग जाके, हिन्दू-मुसलमाना हो।।
माघ महीन��� शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी वि.सं.1575 सन् 1518 को अविनाशी परमात्मा कबीर साहेब मगहर से सशरीर सतलोक गये। उनके शरीर के स्थान पर केवल सुगन्धित पुष्प मिले थे।
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Sant Rampal Ji Maharaj
कबीर साहेब मगहर से सशरीर सतलोक गये।
कीन्हा मगहर पियाना सतगुरु, कीन्हा मगहर पियाना हो।
दोनो दीन चले संग जाके, हिन्दू-मुसलमाना हो।।
माघ महीना शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी वि.सं. 1575 सन् 1518 को अविनाशी परमात्मा कबीर साहेब मगहर से सशरीर सतलोक गये। उनके शरीर के स्थान पर केवल सुगन्धित पुष्प मिले थे।
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Satsang Ishwar TV | 19-02-2024 | Episode: 2303 | Sant Rampal Ji Maharaj ...
#MustListenSatsang
कबीर साहेब कलयुग में सशरीर आये थे व सशरीर अपने सतलोक चले गए। उनके शरीर के स्थान पर सुगन्धित पुष्प मिले थे जिन्हें बिना झगड़ा किये हिन्दू व मुसलमानों ने आधे-आधे बांटे और उस पर यादगार बना दी। आज भी मगहर में यह यादगार विद्यमान है।
गरीबदासजी महाराज ने कहा है-
चदरि फूल बिछाये सतगुरु, देखै सकल जिहांना हो।
च्यारी दाग सैं रहत जुलहदी, अविगत अलख अमाँना हो॥
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➜ श्रद्धा Tv 📺 दोपहर - 2:00 से 3:00
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#न_जन्मा_न_मरा
कबीर साहेब मगहर से सशरीर सतलोक गये।
कीन्हा मगहर पियाना सतगुरु, कीन्हा मगहर पियाना हो।
दोनो दीन चले संग जाके, हिन्दू-मुसलमाना हो।।
माघ महीना शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी वि.सं.1575 सन् 1518 को अविनाशी परमात्मा कबीर साहेब मगहर से सशरीर सतलोक गये। उनके शरीर के स्थान पर केवल सुगन्धित पुष्प मिले थे।
कबीर परमेश्वर निर्वाण दिवस
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#1Feb_GodKabir_NirvanaDiwas
कीन्हा मगहर पियाना सतगुरु, कीन्हा मगहर पियाना हो।
दोनो दीन चले संग जाके, हिन्दू-मुसलमाना हो।।
माघ महीना शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी वि.सं.1575 सन् 1518 को अविनाशी परमात्मा कबीर साहेब मगहर से सशरीर सतलोक गये। उनके शरीर के स्थान पर केवल सुगन्धित पुष्प मिले।
मगहर से सतलोक
👉🏻More info watch the Sadhna Tv at 7:30PM to 8:30PM
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*#4DaysLeftKabirJiNirvanaDiwas
कीन्हा मगहर पियाना सतगुरु, कीन्हा मगहर पियाना हो।
दोनो दीन चले संग जाके, हिन्दू-मुसलमाना हो।।
माघ महीना शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी वि.सं.1575 सन् 1518 को अविनाशी परमात्मा कबीर साहेब मगहर से सशरीर सतलोक गये। उनके शरीर के स्थान पर केवल सुगन्धित पुष्प मिले।
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#मगहर_लीला
कीन्हा मगहर पियाना सतगुरु, कीन्हा मगहर पियाना हो।
दोनो दीन चले संग जाके, हिन्दू-मुसलमाना हो।।
माघ महीना शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी वि.सं.1575 सन् 1518 को अविनाशी परमात्मा कबीर साहेब मगहर से सशरीर सतलोक गये। उनके शरीर के स्थान पर केवल सुगन्धित पुष्प मिले।
God Kabir Nirvana diwas
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#1Feb_GodKabir_NirvanaDiwas
कीन्हा मगहर पियाना सतगुरु, कीन्हा मगहर पियाना हो।
दोनो दीन चले संग जाके, हिन्दू-मुसलमाना हो।।
माघ महिने की शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी वि.सं.1575 सन् 1518 को अविनाशी परमात्मा कबीर साहेब मगहर से सशरीर सतलोक गये। उनके शरीर के स्थान पर केवल सुगन्धित पुष्प मिले।
मगहर से सतलोक
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#1Feb_GodKabir_NirvanaDiwas
*कीन्हा मगहर पियाना सतगुरु, कीन्हा मगहर पियाना हो।
*दोनो दीन चले संग जाके, हिन्दू-मुसलमाना हो।।
माघ महीना शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी वि.सं.1575 सन् 1518 को अविनाशी परमात्मा कबीर साहेब मगहर से सशरीर सतलोक गये। उनके शरीर के स्थान पर केवल सुगन्धित पुष्प मिले।
प्रमाण आज भी विद्दमान है.....
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कबीर परमेश्वर मगहर से सशरीर सतलोक गए।
उनके शरीर के स्थान पर सुगंधित फूल पाए गए जो कबीर परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार दोनों धर्मों ने आपस में लेकर मगहर में 100 फुट के अंतर से एक-एक यादगार बनाई जो आज भी विद्यमान है।
यह दोनों धर्मों हिंदुओं और मुसलमान���ं में आपसी भाईचारे व सद्भावना की एक मिसाल का प्रमाण है।
*गरीब, बिरसिंघ बघेला करै बीनती, बिजली खाँन पठाना हो।
*दो चदरि बकसीस करी है, दीना यौह प्रवांना हो।।
👇👇👇
अधिक जानकारी के लिए देखिए साधना टीवी प्रतिदिन शाम 7:30 बजे से। पढ़िए अनमोल पुस्तक ज्ञान गंगा।
सत ज्ञान प्राप्त करने के लिए Satlok Ashram Youtube Channel पर Visit करें।
मगहर से सतलोक
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#Satlok
#SatlokAshram
🎯कीन्हा मगहर पियाना सतगुरु, कीन्हा मगहर पियाना हो।
दोनो दीन चले संग जाके, हिन्दू-मुसलमाना हो।।
माघ महीने की शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी वि.सं.1575 सन् 1518 को अविनाशी परमात्मा कबीर साहेब मगहर से सशरीर सतलोक गये। उनके शरीर के स्थान पर केवल सुगन्धित पुष्प मिले।
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🎈 *कबीर परमेश्वर निर्वाण दिवस* 🎈 पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब प्रत्येक युग मे आते हैं, माता के गर्भ से जन्म नहीं लेते हैं, सशरीर आते हैं, सशरीर जाते हैं। सतलोक से आते हैं शिशु रूप में प्रकट होते हैं। सभी धर्मों में फैली कुरीतियों को दूर कर सद्भक्ति बताकर जाति, धर्म का का भेद मिटाकर मानव धर्म की स्थापना करते हैं। 505 वर्ष पहले कबीर साहेब जी जब सतलोक जा रहे थे तब हिन्दू-मुस्लिम उनके शरीर को लेकर लड़ने को तैयार हो रहे थे, तब कबीर तब परमेश्वर कबीर जी ��े समझाया मेरा शरीर नहीं मिलेगा, जो मिलेगा उसको आधा-आधा बांट लेना। उनके शरीर के स्थान पर सुगन्धित पुष्प मिले। आज भी मगहर में इसका प्रमाण है। वहाँ एक ही स्थान पर हिन्दू मुस्लिमों ने मजार बना रखी है। पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब माँ के गर्भ से जन्म नहीं लेते हैं। सतलोक से सशरीर आते हैं, सशरीर जाते हैं। ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रमी संवत् 1455 (सन् 1398) को काशी के लहरतारा तालाब में कमल के पुष्प पर प्रकट हुए तथा माघ मास की शुक्ल एकादशी वि.सं. 1575 सन् 1518 को मगहर से सशरीर सतलोक गये। कबीर साहेब के अतिरिक्त जितने भी देव/साहब/भगवान हैं सभी जन्म मृत्यु में हैं। अर्थात अविनाशी नहीं हैं। अर्थात सभी अवतार, तीनों प्रधान देव (रजगुण ब्रह्मा जी, सतगुण विष्णु जी, तमगुण शिव जी ) तथा इनके पिता ब्रह्म (काल) भी जन्म मृत्यु में हैं। जबकि पूर्ण परमात्मा कविर्देव/ कबीर साहेब अविनाशी, जन्म-मृत्यु से परे हैं, सर्व सृष्टि रचनहार हैं, कुल के मालिक हैं। पूर्ण परमात्मा कबीर जी चारों युगों में आते हैं, मां के गर्भ से जन्म नहीं लेते हैं। शिशु रूप में कमल के फूल पर प्रकट होते हैं। इसके अतिरिक्त जिंदा महात्मा के रूप में कहीं भी प्रकट होकर अपनी प्यारी आत्माओं को मिलते हैं। परमात्मा अपना तत्वज्ञान शब्दों, दोहों तथा चौपाईयों द्वारा बताते हैं। तथाअपने साधकों के तीन ताप का कष्ट, पाप कर्मों को काट कर साधक को सर्व सुख, शांति और पूर्ण मोक्ष प्रदान करते हैं। #कबीरपरमेश्वर_निर्वाणदिवस 1 फरवरी 2023 #मगहर_लीला #SantRampalJiMaharaj अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj > App Play Store से डाउनलोड करें और Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें। संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें। ⬇️⬇️ https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry https://www.instagram.com/p/Cn2LEw6ou0P/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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#मगहर_लीला
कबीर परमेश्वर निर्वाण दिवस
कौन है पूर्ण परमात्मा/अविनाशी भगवान जो कभी माँ के गर्भ से जन्म नहीं लेते, ना ही मृत्यु को प्राप्त होते, सशरीर आते हैं, सशरीर जाते हैं?
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब प्रत्येक युग मे आते हैं, माता के गर्भ से जन्म नहीं लेते हैं, सशरीर आते हैं, सशरीर जाते हैं। सतलोक से आते हैं शिशु रूप में प्रकट होते हैं। सभी धर्मों में फैली कुरीतियों को दूर कर सद्भक्ति बताकर जाति, धर्म का का भेद मिटाकर मानव धर्म की स्थापना करते हैं।
505 वर्ष पहले कबीर साहिब सतलोक जा रहे थे तब हिन्दू-मुस्लिम उनके शरीर को लेकर लड़ने को तैयार हो रहे थे, तब कबीर जी ने समझाया मेरा शरीर नहीं मिलेगा, जो मिलेगा उसको आधा आधा बांट लेना।
उनके शरीर के स्थान पर सुगन्धित पुष्प मिले।
आज भी मगहर में इसका प्रमाण है। वहाँ एक ही स्थान पर हिन्दू मुस्लिमों ने मजार बना रखी है।
पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णमासी विक्रमी संवत् 1455 (सन् 1398) को काशी के लहरतारा तालाब में कमल के पुष्प पर प्रकट हुए तथा माघ मास की शुक्ल एकादशी वि.सं.1575 सन् 1518 को मगहर से सशरीर सतलोक गये।
कबीर साहेब के अतिरिक्त जितने भी देव/साहब/भगवान है सभी जन्म मृत्यु में हैं। अर्थात अविनाशी नहीं हैं।
कबीर साहेब की वाणी है:-
राम कृष्ण अवतार हैं, इनका नाहि संसार।
जिन साहब संसार किया, सो किनहु ना जनम्या नार।।
अर्थात सभी अवतार, तीनों प्रधान देव (रजगुण ब्रह्मा जी, सतगुण विष्णु जी, तमगुण शिव जी ) तथा इनके पिता ब्रह्म (काल) भी जन्म मृत्यु में हैं।
जबकि पूर्ण परमात्मा कविर्देव/ कबीर साहेब अविनाशी, जन्म-मृत्यु से परे हैं, सर्व सृष्टि रचनहार हैं, कुल के मालिक हैं।
कबीर साहेब की वाणी:-
ना मेरा जन्म ना गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया।
काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहां जुलाहे कूं पाया।।
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब 505 वर्ष पहले काशी में लहरतारा तालाब में सन 1398 में कमल के फूल पर शिशु रूप में प्रकट हुए थे वहां से नि:संतान दंपति नीरू नीमा उनको ले गए थे। 120 वर्ष तक लीला की, अपनी प्यारी आत्माओं को तत्वज्ञान बताया। सामाजिक कुरूतियों तथा पाखण्डवाद का विरोध किया। जातिवाद तथा साम्प्रदायिकता को मिटाकर सबको मानवता के सूत्र में पिरोया।
1518 में सशरीर अपने नि�� धाम सतलोक गये। जाते समय हिंदुओं तथा मुसलमानों के बीच होने वाले भयंकर गृहयुद्ध को टाल दिया।
कबीर परमेश्वर ने कहा था कि जब कलयुग 5505 वर्ष बीत जायेगा तब मैं पुनः पृथ्वी पर आऊँगा। सब धर्म / पंथों को मिटाकर एक कर दूँगा।
#कबीरपरमेश्वर_निर्वाणदिवस 1 फरवरी 2023
#मगहर_लीला
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*#506th_GodKabir_NirvanDiwas*
कबीर साहेब मगहर से सशरीर सतलोक गये।
माघ महीना शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी वि.सं.1575 सन् 1518 को अविनाशी परमात्मा कबीर साहेब मगहर से सशरीर सतलोक गये। उनके शरीर के स्थान पर केवल सुगन्धित पुष्प मिले थे।
*Sant Rampal Ji Maharaj*
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माघ महीने की शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी वि.सं. 1575 सन् 1518 को अविनाशी परमात्मा कबीर साहेब मगहर से सशरीर सतलोक गये। उनके शरीर के स्थान पर केवल सुगन्धित पुष्प मिले।
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#506th_GodKabir_NirvanDiwas
🛸कबीर साहेब मगहर से सशरीर सतलोक गये।
कीन्हा मगहर पियाना सतगुरु, कीन्हा मगहर पियाना हो।
दोनो दीन चले संग जाके, हिन्दू-मुसलमाना हो।।
माघ महीना शुक्ल पक्ष तिथि एकादशी वि.सं.1575 सन् 1518 को अविनाशी परमात्मा कबीर साहेब मगहर से सशरीर सतलोक गये। उनके शरीर के स्थान पर केवल सुगन्धित पुष्प मिले थे।
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