#उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022
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Why Milkipur Seat Elections Delayed: Gorakhnath Baba's Role Explained
Introduction
Milkipur Seat Bypolls Election 2024: भारत के निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों का एलान कर दिया है. इसके साथ ही 48 विधानसभा सीटों, 2 लोकसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों का भी एलान कर दिया है. उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर उपचुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गई है. हालांकि, अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर सभी की नजरें बनी हुई थी. लेकिन इस सीट पर तारीखों का एलान नहीं हुआ. चुनाव आयोग ने इसका जवाब भी दिया है कि इस सीट पर उपचुनाव की तारीखों का एलान क्यों नहीं किया गया है .
Table of Content
क्यों नहीं हुआ चुनाव की तारीखों का एलान
क्या पूरा मामला
SP ने साधा निशाना
क्या है वोटरों की संख्या
अजित प्रसाद को दिया जा सकता है टिकट
किन-किन सीटों पर हो रहा उपचुनाव
क्या है जातीय समीकरण
मिल्कीपुर सीट का इतिहास
लोकसभा में पहुंचने वाले दूसरे नेता बने अवधेश प्रसाद
SP को लग सकता है बड़ा झटका
सीएम योगी ने संभाली कमान
BJP की बढ़ी टेंशन
क्यों नहीं हुआ चुनाव की तारीखों का एलान
चुनाव आयोग का कहना है कि इस सीट पर चुनाव की तारीखों का एलान इसलिए नहीं किया गया क्योंकि BJP के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने समाजवादी पार्टी विधायक अवधेश प्रसाद के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है और कोर्ट में पिटीशन अभी पेंडिंग है. ऐसे में मिल्कीपुर सीट पर चुनाव की तारीखों का एलान नहीं किया जा सकता है. वहीं, समाजवादी पार्टी ने इसको लेकर चुनाव आयोग पर निशाना साधा है. समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग BJP के पक्ष में काम कर रही है. अगर ऐसा है तो फिर कानपुर की सीसामऊ सीट का मामला भी कोर्ट में चल रहा है, लेकिन वहां चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है.
बता दें कि इस सीट से समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद विधायक थे. लेकिन 2024 में लोकसभा चुनाव उन्होंने लड़ा और जीत हासिल कर ली. 7 हजार वोटों से जीत हासिल कर वो संसद पहुंच गए. ऐसे में मिल्कीपुर सीट खाली हो गई.
क्या पूरा मामला ?
साल 2022 में BJP प्रत्याशी बाबा गोरखनाथ ने समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. उन्होंने अवधेश प्रसाद के चुनावी हलफनामे पर सवाल उठाए था और उनके निर्वाचन को चुनौती दी थी. बाबा गोरखनाथ का कहना था कि अवधेश प्रसाद ने जो हलफनामा दाखिल किया. उसमें नोटरी ऐसे शख्स से कराई गई, जिसका लाइसेंस पहले ही खत्म हो चुका था. ऐसे में उनका हलफनामा वैध नहीं माना जाएगा. उनका हलफनामा अवैध था. BJP प्रत्याशी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अवधेश प्रसाद के नामांकन को रद्द किए जाने की गुहार लगाई थी.
SP ने साधा निशाना
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फकरूल हसन चांद ने दूसरी तरफ चुनाव आयोग पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पक्षपात कर रहा है. मिल्कीपुर का मामला कोर्ट में चल रहा है, तो वहां चुनाव नहीं हो रहा. लेकिन वैसा ही एक मामला सीसामऊ विधानसभा सीट का है, तो फिर वहां चुनाव कैसे हो रहा है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के विधायक रहे इरफान सोलंकी ने भी कोर्ट में याचिका दायर की है. उन्होंने निचली अदालत के फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दी है.
क्या ��ै वोटरों की संख्या ?
अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर 34% OBC और 36% जनरल वोटर हैं. मुस्लिम वोटरों की संख्या 9.48% है. SC के 20% वोटर हैं. सामान्य वर्ग को वोटरों की बात करें तो उनकी हिस्सेदारी 36.04% है. इस सीट पर कुल 3.69 लाख वोटर हैं. इस सीट पर BJP के लिए ब्राह्मण और ठाकुर मजबूत वोट बैंक माने जाते हैं तो समाजवादी पार्टी के लिए यादव-SC और मुस्लिम वोट बैंक है. पिछले 5 चुनावों की अगर बात करें तो इस सीट पर 3 बार समाजवादी पार्टी, एक बार BJP और एक बार BSP को जीत मिली है.
अजित प्रसाद को दिया जा सकता है टिकट
इस सीट पर जब भी चुनाव होगा समाजवादी पार्टी और BJP में सीधा मुकाबला होना तय है. अगर समाजवादी पार्टी की बात करें तो कहा जा रहा है कि अवधेश प्रसाद के बेटे अजित प्रसाद को टिकट दिया जाएगा. जबकि BJP ने अभी अपना प्रत्याशी फाइनल नहीं किया है.
किन-किन सीटों पर हो रहा उपचुनाव
यूपी की मैनपुरी की करहल, कानपुर की सीसामऊ, प्रयागराज की फूलपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, मिर्जापुर की मझवां, गाजियाबाद सदर, अलीगढ़ की खैर, मुजफ्फरनगर की मीरापुर और मुरादाबाद की कुंदरकी सीट पर विधानसभा उपचुनाव होना है. 13 नवंबर को 9 सीटों पर उपचुनाव होंगे.
क्या है जातीय समीकरण ?
मिल्कीपुर विधानसभा सीट के जातीय समीकरण की अगर बात करें तो इस सीट पर सबसे ज्यादा यादव मतदाता हैं. यादव मतदाताओं की संख्या करीब 65 हजार है. वहीं, 60 हजार पासी, 50 हजार ब्राह्मण, 35 हजार मुस्लिम, 25 हजार ठाकुर, गैर-पासी दलित 50 हजार, मौर्य 8 हजार, चौरासिया 15 हजार, पाल 8 हजार, वैश्य 12 हजार हैं. इस सीट पर यादव, पासी और ब्राह्मण वोटर अहम भूमिका निभाते हैं. समाजवादी पार्टी इस सीट पर यादव-मुस्लिम-पासी समीकरण के सहारे चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है तो BJP को सवर्ण और दलित वोटरों का सहारा है. बता दें कि मिल्कीपुर एक सुरक्षित सीट है.
यह भी पढ़ें : बारामती सीट पर होगा ‘चाचा बनाम भतीजे’ का मुकाबला, NCP ने किन उम्मीदवारों को दिया टिकट
मिल्कीपुर सीट का इतिहास
मिल्कीपुर विधानसभा सीट 1967 में वजूद में आई थी. इस सीट पर कांग्रेस, जनसंघ और CPI, BJP, BSP और समाजवादी पार्टी जीत हासिल कर चुकी है. हालांकि इस सीट पर सबसे ज्यादा समाजवादी पार्टी और लेफ्ट को जीत मिली है. साल 2008 में परिसीमन के बाद मिल्कीपुर सीट SC के लिए रिजर्व हो गई थी.
लोकसभा में पहुंचने वाले दूसरे नेता बने अवधेश प्रसाद
मिल्कीपुर से विधायक रहते हुए लोकसभा में पहुंचने वाले मित्रसेन यादव पहले नेता हैं तो वहीं अवधेश प्रसाद लोकसभा पहुंचने वाले दूसरे नेता हैं. बता दें कि मिल्कीपुर में साल 1998 में पहली बार विधानसभा उपचुनाव हुआ था तो मित्रसेन यादव उस समय समाजवादी पार्टी से विधायक थे. उन्होंने विधायक रहते हुए लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी. इस सीट पर दूसरी बार साल 2004 में उपचुनाव हुआ था. उस सम�� समाजवादी पार्टी के के तत्कालीन विधायक आनंदसेन यादव विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देकर BSP का दामन थाम लिया था. हालांकि वो यह चुनाव हार गए थे.
SP को लग सकता है बड़ा झटका
अयोध्या में नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के मामले ने खूब तुल पकड़ा था. सीएम योगी ने विधानसभा में जोर-शोर से इस मुद्दे को उठाया था. इस मामले में SP नेता मोईद खान का नाम सामने आया था. इसके बाद BJP ने समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा रही है. दूसरी तरफ पीड़िता और उसके परिवार की मदद कर योगी सरकार जनता को खास संदेश देने की कोशिश में लगे हुए हैं. राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो अयोध्या दुष्कर्म कांड उपचुनाव में SP को बड़ा झटका दे सकता है.
सीएम योगी ने संभाली कमान
मिल्कीपुर उपचुनाव की कमान सीएम योगी आदित्यनाथ ने संभाल रखी है. पिछले कुछ दिनों की बात करें तो सीएम योगी तीन बार अयोध्या का दौरा कर चुके हैं. सीएम मिल्कीपुर में दो सभाएं भी कर चुके हैं. अयोध्या में दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद सीएम योगी ने बीकापुर विधायक अमित सिंह चौहान के साथ पीड़ित परिवार को मिलने के लिए बुलाया था और कठोर कार्रवाई का आश्वासन भी दिया था. इस घटना का जिक्र अपनी सभी सभाओं में भी सीएम योगी कर चुके हैं और समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है.
BJP की बढ़ी टेंशन
2012 के विधानसभा चुनाव में अवधेश प्रसाद यादव को इस सीट से जीत मिली थी. हालांकि साल 2017 में वो चुनाव हार गए थे, लेकिन 2022 में उन्हें दोबारा जीत मिली और 2024 लोकसभा चुनाव में उन्हें फैजाबाद सीट से जीत मिली. उनके सांसद चुने जाने के बाद मिल्कीपुर सीट खाली हो गई. ऐसे में इस सीट पर उपचुनाव होने जा रहा है. इस सीट पर एक बार फिर समाजवादी पार्टी और BJP के बीच सियासी टक्कर देखने को मिलेगी. लोकसभा चुनाव में जिस तरह से समाजवादी पार्टी को जीत मिली है, उसने BJP की टेंशन जरूर बढ़ा दी है. बता दें कि मिल्कीपुर में समाजवादी पार्टी ने BJP को 8 हजार वोटों से हरा दिया था. ऐसे में BJP के लिए इस सीट पर जीत हासिल करने के लिए रास्ता आसान नहीं होगा. BJP इस सीट पर हर हाल में जीत हासिल करना चाहती है. ऐसे में BJP ऐसा उम्मीदवार उतारना चाहती है, जो सियासी समीकरण में फिट बैठे और हार का हिसाब बराबर कर सकें.
Conclusion
लोकसभा चुनाव में यूपी में BJP का प्रदर्शन बेहद ही खराब रहा था, लेकिन इससे भी बड़ी टीस फैजाबाद सीट पर हार थी. अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद BJP की रणनीति थी कि इसी के सहारे न केवल पूरे यूपी बल्की हिंदी भाषी क्षेत्रों में दबदबा बनाना का था, लेकिन BJP के हाथ केवल हार आई. ऐसे में BJP की जख्मों पर मिल्कीपुर विधानसभा सीट मरहम लगाने का काम कर सकती है. अवधेश प्रसाद के फैजाबाद से सांसद बन जाने के बाद इस सीट पर होने जा रहा उपचुनाव काफी रोचक हो गया है. सभी के मन में यह सवाल है कि क्या समाजवादी पार्टी का इस सीट पर दबदबा बना रहेगा या फिर BJP को र��हत मिलने वाली है. इतिहास की नजरों से देखें तो मिल्कीपुर में अब तक के दो उपचुनावों में समाजवादी पार्टी को ही जीत मिली है. लेकिन इस बार BJP अपनी पूरी रणनीति के साथ तैयार है और समाजवादी पार्टी का दबदबा खत्म कर हर हाल में कमल खिलाना चाहती है.
यह भी पढ़ें : मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर क्यों नहीं हो रहा उपचुनाव, हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब
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करहल में सपा की साइकिल चली फुल रफ्तार, मुस्लिम बहुल सीटों पर कैसे लग गया ‘ब्रेक’?
उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है. पिछले चुनाव से 13 फीसदी कम हुए मतदान ने सियासी गणित को उलझा दिया है. सियासी दल अपनी-अपनी जीत के दावे भले ही करें लेकिन पूरी तरह आश्वस्त कोई भी नहीं है. 2022 चुनाव में बीजेपी की लहर के बाद भी सपा चार सीटें जीतने में कामयाब रही थी और 2024 में उसे छह सीटों पर बढ़त मिली थी. पांच महीने के बाद हुए…
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Uttar Pradesh ki Nau Seaton Par hi Honge Upachunaav, Sabase Hot Seat Milkeepur ke Lie Karana Hoga Intajaar
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटें फिलहाल खाली हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने नौ सीटों पर ही उपचुनाव की तारीखों की घोषणा की है। अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर चुनाव नहीं होंगे जिस पर पूर�� प्रदेश की निगाहें थीं।
जानकारी के अनुसार, हाईकोर्ट में दायर याचिका की वजह से मिल्कीपुर में उपचुनाव की तिथि की घोषणा नहीं हो सकी है। मिल्कीपुर के पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा ने 2022 आम चुनाव को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। साल 2022 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद गोरखनाथ बाबा ने अवधेश प्रसाद के चुनाव जीतने को लेकर याचिका दायर की थी। जो अभी अदालत में लंबित है।
Read More: https://www.deshbandhu.co.in/states/by-elections-will-be-held-in-nine-seats-in-uttar-pradesh-the-hottest-seat-will-have-to-be-waiting-for-milkipur-502324-1
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यूपी में मायावती शून्य, क्या दलित राजनीति का हो रहा है अंत? एग्जिट पोल के आंकड़ों ने दे दिया बड़ा संकेत
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर एग्जिट पोल का परिणाम सामने आया है। इसमें तमाम राजनीतिक दलों के चुनाव परिणाम से संबंधित सर्वेक्षण रिपोर्ट आए हैं। चुनावी सर्वेक्षणों में एक आम बात दिख रही है, वह है बहुजन समाज पार्टी को खाता न खुलना। दरअसल, 10 साल बाद एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी के सामने उत्तर प्रदेश में शून्य पर सिमटने जैसी नौबत बनती दिख रही है। लोकसभा चुनाव 2014 में बहुजन समाज पार्टी खाता नहीं खोल पाई थी। मोदी लहर में यूपी की 80 में से 73 सीटों पर एनडीए को जीत मिली थी। वहीं, सपा 5 और कांग्रेस 2 सीटों पर जीती थी। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बसपा ने प्रदेश की 403 सीटों में से केवल 1 सीट पर जीत दर्ज की। हालांकि, उसका वोट शेयर 12.9 फीसदी था, जो यूपी में जाटव वोट बैंक के आसपास था। यूपी में दलितों की आबादी 21 फीसदी के करीब है। इसमें जाटव वोटरों का शेयर करीब 13 फीसदी है।यूपी चुनाव 2022 में बसपा का सबसे कम वोट शेयरों में से एक था। लोकसभा चुनाव में जब बसपा को यूपी में एक भी सीट नहीं मिली थी, तब उसका वोट शेयर 19.77 फीसदी था। 2017 के विधानसभा चुनावों में जब उसने 19 सीटें जीतीं, तो उसे 22.23 फीसदी वोट मिले। लोकसभा चुनाव 2019 में बसपा ने सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने आगे बढ़कर के साथ चुनावी गठबंधन किया था। हालांकि, अब मायावती दलित पॉलिटिक्स पर अपनी पकड़ को उस स्तर पर बनाए रखने में कामयाब होती नहीं दिख रही हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में बसपा का वोट शेयर 2022 के भी नीचे जाने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है। राजनीतिक जमीन गंवा रहीं मायावती चुनाव सर्वेक्षण रिपोर्ट इस बात की तरफ इशारा कर रहे हैं कि मायावती अपनी दलित राजनीति की जमीन को गंवा रही हैं। यूपी की राजनीति में बहुजन समाज पार्टी एक बार फिर खाता नहीं खोल पाने की स्थिति में खड़ी दिख रही। वहीं, बसपा के कैडर वोटों का बंटवारा एनडीए और इंडिया के बीच होता दिख रहा है। बहुजन समाज पार्टी के वोट बैंक पर समाजवादी पार्टी और भाजपा कब्जा जमाती दिख रही है। खाद्यान्न योजना के तहत 5 किलोग्राम मुफ्त अनाज वितरण ने दलित वर्ग में बड़ा असर दिखाया है। पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की इस योजना को गरीब तबके में बड़ा प्रभाव डाला है। बदले समीकरणों ने डाला है असर कैडर वोट बैंक को बचाने के लिए बसपा की ओर से कोई ठोस प्रयास नहीं हो पाया। भाजपा की योजना ने असर डाला। यही वजह ��ही थी कि बसपा के युवा नेता आकाश आनंद ने भाजपा सरकार की खाद्यान्न योजना पर तगड़ा हमला बोला। यूपी चुनाव 2022 के दौरान खाद्यान्न योजना का यह असर दिखा था कि बसपा के कैडर भाजपा की तरफ शिफ्ट होते दिखे। लोकसभा चुनाव 2024 में समाजवादी पार्टी ने दलित वोटों के शिफ्ट होने को देखते हुए अपने माय(मुस्लिम+यादव) समीकरण को बदलकर पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक यानी पीडीए समीकरण के रूप में परिभाषित करना शुरू क��या। पार्टी की नजर दलित राजनीति को अपने पाले में लाने की रही। इसमें सबसे बड़ा झटका मायावती को लगता दिख रहा है। http://dlvr.it/T7j3jc
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UP Election Result 2022: यूपी में बड़ी जीत के बाद भाजपा दफ्तर पहुंचे सीएम योगी
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लखनऊ। UP Election Result 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजों के बाद विकासवाद की राजनीति के प्रतीक बनकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जरूर उभरे हैं। विधानसभा चुनाव में पहली बार मैदान में उतरे सीएम योगी ने गोरखपुर शहर सीट से न सिर्फ बड़ी जीत दर्ज की बल्कि 37 वर्ष बाद यूपी में पूर्ण बहुमत की सरकार की लगातार वापसी का इतिहास रच डाला। राज्य में फिर से भगवा लहराने के बाद प्रदेश भाजपा मुख्यालय…
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लखनऊ /उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के 7वें और आखिरी चरण के लिए मतदान जारी
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सौरभ निगम की रिपोर्ट लखनऊ से /उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के 7वें और आखिरी चरण के लिए मतदान जारी.आज 7वें और आखिरी चरण के लिए मतदान होगा. अंतिम चरण में मतदाता विधानसभा की 54 सीटों पर खड़े उम्मीदवारों का भाग्य 7 मार्च (आज )को EVM में बंद कर देंगे. अब तक हुए 6 चरण के चुनाव में लाखों मतदाताओं ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए प्रत्याशियों का भविष्य तय कर दिया है, जिसका पता 10 मार्च को चलेगा. …
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33 साल से भगवा खेमे का अभेद्य किला क्यों नहीं भेद सका विपक्ष आज तक बनी हुई है गोरखपुर सीट, कांग्रेस का सूरज निकला नहीं
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Gorakhpur Assembly Seat: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में देश के लिए सबसे हॉट सीट गोरखपुर मानी जा रही है. इसकी वजह ये है कि इस सीट से योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री रहते हुए ताल ठोंक रहे हैं. गोरखपुर सीट भगवा खेमे का ऐसा अभेद्य किला है, जिसे पिछले लगातार 33 साल से कोई भेद नहीं पाया है. साल 1989 के चुनाव में गोरखपुर सीट से कांग्रेस का सूरज डूबा तो अभी तक निकला ही नहीं. इस सीट पर समाजवादी पार्टी (SP)…
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UP Election 2022 Live : उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए कांग्रेस का युवा घोषणा पत्र जारी, प्रियंका ने बताया कैसे पूरा करेंगी 20 लाख नौकरियों का वादा - news 2022
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12:42 PM, 21-Jan-2022 प्रियंका ने बताया कैसे पूरा करेंगी 20 लाख नौकरियों का वादा वादे कैसे पूरे होंगे इस सवाल के जवाब में प्रियंका गांधी ने कहा कि 20 लाख नौकरियों में से 12 लाख नौकरियां ऐसी हैं जिनके सरकारी पद खाली पड़े हैं। इसका बजट भी सरकार के पास है। आठ लाख अन्य नौकरियों को स्वरोजगार के जरिए अवसर पैदा करेंगे। 12:33 PM, 21-Jan-2022 कांग्रेस का वादा- 20 लाख सरकारी नौकरियां देंगे, इनमें से आठ…
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यूपी विधानसभा चुनाव 2022: 7 चरणों में होंगे चुनाव, पूरी लिस्ट यहाँ है
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यूपी विधानसभा चुनाव 2022 तिथियां: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 सात चरणों में 10 फरवरी से 7 मार्च 2022 तक होंगे। सभी सात चरणों के परिणाम 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे। यूपी विधानसभा चुनाव 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 सात चरणों में 10 फरवरी से 7 मार्च, 2022 तक होंगे। यूपी चुनाव 2022 का परिणाम 10 मार्च को घोषित किया जाएगा। इसकी घोषणा मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने 8 जनवरी, 2022 को…
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Samajwadi Party के पीडीए का मतलब दंगाइयों और अपराधियों का प्रोडक्शन हाउस, Yogi Adityanath ने अखिलेश यादव पर साधा निशाना
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) की नई परिदेते हुए इसे दंगाइयों और अपराधियों का प्रोडक्शन हाउस करार दिय���। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने साल 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान पीडीए का नारा दिया था। पार्टी ने पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग को सम्बोधित इस नारे का इस्तेमाल इस साल सम्पन्न संसदीय चुनाव में भी किया था,…
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अखिलेश का यूपी 65 फॉर्मूला कितना कारगर? पिछली बार गठबंधन का दर्द नहीं भूल पाई ���ै सपा
लखनऊ: 2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी यूपी में कांग्रेस से गठबंधन की सूरत में भी सीटों के बंटवारे पर सख्त रुख ही अपनाएगी। सपा नेतृत्व ने इसके संकेत दिए हैं। बुधवार को प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पदाधिकारियों से साफ कहा कि सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनावी तैयारी पुख्ता रखें। गठबंधन की स्थिति में भी पार्टी 65 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।पार्टी कार्यालय पर तीन घंटे से अधिक चली बैठक में अखिलेश ने लोकसभा चुनाव की रणनीति पर पदाधिकारियों संग मंथन किया। सूत्रों के अनुसार कुछ पदाधिकारियों ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर चले घटनाक्रम व उसके बाद हुई आक्रामक बयानबाजी का भी जिक्र किया।एसपी के राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने को बताया कि 2024 के लोकसभा चुनाव की रणनीति और अन्य विषयों पर चर्चा के लिए यहां पार्टी राज्य मुख्यालय में सपा प्रदेश कार्यकारिणी की अहम बैठक हुई। उन्होंने बताया, 'पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी करें। इनमें से 65 सीटें समाजवादी पार्टी जीतनी चाहिए।'इस सवाल पर कि क्या अखिलेश ने यह कहकर उत्तर प्रदेश की 65 सीटों पर चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं, चौधरी ने कहा, 'हां, उन्होंने यही संकेत दिए हैं।' चौधरी के मुताबिक, अखिलेश ने बैठक में कहा कि कोई भी गठबंधन एसपी के सहयोग के बिना उत्तर प्रदेश में चुनाव नहीं जीत सकता है इसलिए कार्यकर्ता प्रदेश की सभी 80 सीटों के लिए तैयारी करें।इस सवाल पर कि क्या बैठक में विपक्ष के दलों के गठबंधन 'इंडियन नैशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलांयस' (इंडिया) के बारे में भी कोई बात हुई, तो एसपी प्रवक्ता ने कहा की अखिलेश ने कहा है कि जब सीटों के बंटवारे पर बातचीत होगी तब देखा जाएगा।पिछली बार गच्चा खा चुकी है सपाउनकी राय थी कि कांग्रेस से गठबंधन करने में कोई फायदा नहीं है, क्योंकि, यूपी में फिलहाल उसकी जमीन नहीं है। 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा ने कांग्रेस को गठबंधन में 105 सीटें दी थीं, लेकिन कांग्रेस महज 7 सीटें जीत पाई थी। उसके बाद भी सपा के भीतर सवाल उठे थे कि कांग्रेस को ज्यादा सीटें देने का पार्टी को नुकसान हुआ।बैठक में क्या तय हुआ ये भी जान लें?बैठक के बाद सपा प्रवक्ता फखरूल हसन चांद ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा है कि सपा I.N.D.I.A का हिस्सा है। यूपी में सबसे बड़ा विपक्षी दल है। 2022 के चुनाव में सर्वाधिक वोट शेयर था। इसलिए, पार्टी 65 सीटों पर चुनाव लड़ेगी व 15 सीटें गठबंधन सहयोगियों को देगी। बैठक में रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव जैसे वरिष्ठ नेता भी म��जूद थे। http://dlvr.it/SyGp3q
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UP Election EVM News: ईवीएम में छेड़छाड़ के आरोपों पर यूपी में घमासान
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लखनऊ। UP Election EVM News: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे आने में अब कुछ ही घंटे का समय बचा है। 10 मार्च को सुबह आठ बजे से मतगणना होनी है। इस बीच ईवीएम में छेड़छाड़ या अदला-बदली के आरोपों पर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कई जिलों में प्रदर्शन किया है। वाराणसी समेत राज्य के कई जिलों में स्ट्रांग रूम के बाहर निगरानी के लिए मौजूद सपा कार्यकर्ताओं ने हंगामा क��या। वहीं विपक्ष के…
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चंदौली जनपद पुलिस के कंट्रोल रूम से जुड़ी बिहार पुलिस, सातवां चरण का विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण कराने लिए पुलिस ने जमीन से आसमान तक सुरक्षा कवच तैयार किया
चंदौली जनपद पुलिस के कंट्रोल रूम से जुड़ी बिहार पुलिस, सातवां चरण का विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण कराने लिए पुलिस ने जमीन से आसमान तक सुरक्षा कवच तैयार किया
सियाराम मिश्रा, वरीय एडिटर की रिपोर्ट /चंदौली जनपद पुलिस के कंट्रोल रूम से जुड़ी बिहार पुलिस, सातवां चरण का विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण कराने लिए पुलिस ने जमीन से आसमान तक सुरक्षा कवच तैयार किया. कवच में सोमवार को मतदान, जमीन पर जवानों की निगाहें होंगी तो आसमान से ड्रोन निगरानी करेगा। अंतरराज्यीय सीमा पर सीसीटीवी की नजर रहेगी.सीमावर्ती राज्य बिहार की पुलिस भी इस दौरान अलर्ट रहेगी। खुराफात…
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यूपी में पीएम मोदी का वर्चुअल प्रचार, नमो एप से बीजेपी कार्यकर्ताओं को देंगे जीत का मंत्र - sarenews 2022
यूपी में पीएम मोदी का वर्चुअल प्रचार, नमो एप से बीजेपी कार्यकर्ताओं को देंगे जीत का मंत्र – sarenews 2022
UP Election 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कार्यकर्ताओं से वर्चुअली संवाद करेंगे. निर्वाचन आयोग द्वारा उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मोदी का यह पहला राजनीतिक कार्यक्रम होगा. बीजेपी की उत्तर प्रदेश इकाई ने कार्यक्रम की जानकारी अपने ट्विटर हैंडल पर दी और लोगों…
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Samajwadi Party के पीडीए का मतलब दंगाइयों और अपराधियों का प्रोडक्शन हाउस, Yogi Adityanath ने अखिलेश यादव पर साधा निशाना
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) की नई परिदेते हुए इसे दंगाइयों और अपराधियों का प्रोडक्शन हाउस करार दिया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने साल 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान पीडीए का नारा दिया था। पार्टी ने पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग को सम्बोधित इस नारे का इस्तेमाल इस साल सम्पन्न संसदीय चुनाव में भी किया था,…
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