#इनफर्टिलिटी उपचार
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allaboutivf · 29 days ago
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पुरुष बांझपन और निःसंतानता का इलाज: मेलाटोनिन हार्मोन का रोल
आजकल की व्यस्त जीवनशैली और बदलते खान-पान के कारण निःसंतानता की समस्या तेजी से बढ़ रही है। पुरुषों में बांझपन एक आम समस्या बन चुकी है, और इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे खराब जीवनशैली, तनाव, और हार्मोनल असंतुलन। इस लेख में, हम पुरुष बांझपन के पीछे छिपे कारणों और पुरुष बांझपन का इलाज में मेलाटोनिन हार्मोन की भूमिका पर चर्चा करेंगे।
मेलाटोनिन हार्मोन क्या है?
मेलाटोनिन हार्मोन को अक्सर "स्लीप हार्मोन" के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह नींद को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन हाल के शोधों में पता चला है कि मेलाटोनिन न केवल नींद के लिए जरूरी है, बल्कि यह पुरुषों की प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में भी सहायक होता है। मेलाटोनिन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है जो शुक्राणुओं को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाता है, जिससे शुक्राणुओं की गुणवत्ता और संख्या में सुधार होता है।
पुरुष बांझपन और मेलाटोनिन का रोल
पुरुष बांझपन का एक प्रमुख कारण शुक्राणुओं की गुणवत्ता में कमी है। यहां मेलाटोनिन हार्मोन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मेलाटोनिन शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स को कम करता है जो शुक्राणुओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इससे शुक्राणुओं की गतिशीलता (मोबिलिटी) और जीवन क्षमता बढ़ती है, जिससे गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है।
पुरुष बांझपन का इलाज
पुरुष बांझपन का इलाज के लिए कई तरीके अपनाए जाते हैं, जिनमें लाइफस्टाइल में बदलाव, स्वस्थ आहार, और दवाएं शामिल होती हैं। मेलाटोनिन सप्लीमेंट्स को इनफर्टिलिटी के उपचार में शामिल किया जा सकता है क्योंकि यह हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है और शुक्राणुओं की गुणवत्ता में सुधार करता है।
इसके अलावा, नियमित व्यायाम और तनाव प्रबंधन तकनीकों को भी बांझपन के इलाज के रूप में प्रभावी माना जाता है। मेलाटोनिन का स्तर बढ़ाने के लिए नींद का सही शेड्यूल बनाए रखना जरूरी है, क्योंकि यह हार्मोन रात के समय सबसे ज्यादा उत्पन्न होता है।
निःसंतानता का इलाज और मेलाटोनिन
महिलाओं और पुरुषों दोनों में निःसंतानता का कारण हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। मेलाटोनिन हार्मोन को सही स्तर पर बनाए रखने से प्रजनन प्रणाली पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। निःसंतानता का इलाज के रूप में मेलाटोनिन सप्लीमेंट्स का उपयोग प्रजनन उपचारों में किया जा सकता है, क्योंकि यह न केवल शुक्राणुओं की गुणवत्ता को बढ़ाता है बल्कि शरीर में तनाव के स्तर को भी कम करता है, जो निःसंतानता का एक प्रमुख कारण हो सकता है।
मेलाटोनिन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस
ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, शरीर में फ्री रेडिकल्स के अत्यधिक बनने से होता है और यह शुक्राणुओं को नुकसान पहुंचा सकता है। मेलाटोनिन इस स्ट्रेस को कम करने में एक प्रमुख भूमिका निभाता है, जिससे शुक्राणुओं की डीएनए संरचना सुरक्षित रहती है और गर्भधारण की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इसलिए, मेलाटोनिन को पुरुष प्रजनन क्षमता को सुधारने के एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में देखा जा रहा है।
निष्कर्ष
मेलाटोनिन हार्मोन का पुरुष बांझपन और निःसंतानता के इलाज में महत्वपूर्ण योगदान है। यह न केवल नींद में सुधार करता है बल्कि शुक्राणुओं की गुणवत्ता और संख्या को भी बढ़ाता है। आज के युग में, जब बांझपन के कारणों का पता लगाना और उनका समाधान खोजना जरूरी हो गया है, मेलाटोनिन हार्मोन एक प्रभावी उपाय साबित हो सकता है। निःसंतानता का इलाज में इसका सही उपयोग करने से प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सकता है, जिससे दंपत्तियों के लिए माता-पिता बनने का सपना साकार हो सकता है।
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aurawomen · 7 months ago
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shanviivf · 1 year ago
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पुरुष निःसंतानता को मेल इनफर्टिलिटी भी कहा जाता है जिसमे पुरषों का स्पर्म काउंट लगातार काम होता रहता है, जिससे प्रजनन क्षमता में गिरावट आती है । ICSI , IUI , और IVF मेल इनफर्टिलिटी से सबसे असरदार उपचार हैं।
इन उपचारों की अधिक जानकारी के लिए आज ही एक्सपर्ट्स से जुड़ें और पूर्ण जानकारी लें!
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dubeyclinic · 1 year ago
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Leading Sexologist in Patna at Dubey Clinic | Dr. Sunil Dubey
पुरुष बांझपन के लिए इलाज के भारत के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉ सुनील दुबे अब समाज के सभी समुदायों के लिए फ़ोन पर उपलब्ध है। कोई भी निःसंतान दम्पति दुबे क्लिनिक को कॉल कर प्राकृतिक तरीको से अपना इलाज करवा सकता है।
जन्म प्रकृति में सबसे रचनात्मक और अनमोल चीजों में से एक है जहां सुंदर प्रकृति में एक नया जीवन अस्तित्व में आता है। मानव जीवन सभी जीवित प्राणियों में सबसे अनोखी बौद्धिक रचना है जो ईश्वर की सर्वोत्तम रचना एवं कृति है।
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सुख और दुःख दोनों बिल्कुल भाई-बहन की तरह हैं जो किसी भी व्यक्ति के जीवन में हमेशा मौजूद रहते हैं। यौन सुख ��िसी जोड़े के जीवन का सबसे खूबसूरत पल में से एक होता है जहां दोनों एक-दूसरे का आनंद लेते हैं। इस सुखी जीवन की अनुभूति हमेशा किसी भी दुःख को भुलाने में हमेशा मदद करती है।
पुरुष बांझपन एक यौन रोग है जिसमें पुरुष एक उपजाऊ महिला को एक वर्ष के अंदर गर्भवती करने में असमर्थ होता है। पुरुष के लिए यह स्थिति पैदा करने वाला असुरक्षित यौन संबंध पुरुष बांझपन का रूप लेता है। इस यौन रोग के मुख्य कारण हैं जैसे - कम शुक्राणु गिनती, कम टेस्टोस्टेरोन, एंडोमेट्रियोसिस और ओव्यूलेटरी डिसऑर्डर।
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विश्व विख्यात आयुर्वेदाचार्य और भारत के वरिष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. सुनील दुबे का कहना है कि लगभग 20% पुरुष इस बांझपन के लिए जिम्मेदार होता है, जबकि अन्य योगदान देने वाले कारक पूरे बांझपन के 30-40% मामले हैं। वर्तमान समय में, वह दुबे क्लिनिक में अभ्यास कर रहे हैं जो दुबे मार्केट, लंगरटोली चौराहा, पटना-04 में स्थित है। वह पटना के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्टों में से एक हैं जो विवाहित और अविवाहित दोनों प्रकार के यौन रोगियों को अपना इलाज प्रदान करते हैं। वह आयुर्वेद चिकित्सा और उपचार के माध्यम से पुरुष बांझपन रोगियों का भी इलाज सरलतापूर्वक करते हैं। हजारो-हजार बांझपन रोगियों ने अपना इलाज दुबे क्लिनिक से करवाया है और सफलता पायी है।
पुरुष बांझपन के कारणों के बारे में:
इस विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य का कहना है कि इस पुरुष बांझपन के कई कारण हैं, जो निम्नलिखित हैं:
शुक्राणु विकार:
सूजी हुई नसें:
प्रतिगामी स्खलन:
इम्��ूनोलॉजिकल इनफर्टिलिटी:
हार्मोन:
गुणसूत्र:
दवा:
दमन:
अन्य:
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उपरोक्त सभी कारण मनुष्य को सदैव बांझपन की समस्या की ओर ले जाते हैं। डॉ. सुनील दुबे ने इस पुरुष बांझपन यौन रोग पर लंबे समय तक शोध किया है और उन्होंने पाया है कि मुख्य रूप से, यह समस्या पूरी तरह से इलाज योग्य है, अगर रोगी ठीक समय पर सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर से सलाह ले। इस यौन रोग की दवा मरीज़ की वर्तमान स्थिति पर निर्भर करती है। आयुर्वेद मेडिकेयर सबसे प्रभावी और अत्यधिक अनुशंसित प्राकृतिक उपचारों में से एक है जो रोगी की समस्या को समय पर ठीक करता है।
आज के समय में, बिहार के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट ने कहा कि एक पुरुष बांझपन रोगी को अपने प्रमाणित यौन स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए। दुबे क्लिनिक में अभ्यास कर, उन्होंने भारत में पचास हजार से अधिक पुरुष बांझपन यौन रोगियों को ठीक किया है। ज्यादातर निःसंतान दंपत्ति प्राकृतिक तरीके से दवा एवं इलाज चाहते थे, इसीलिए, वे इस क्लिनिक में आये।
पूरे भारत के यौन रोगी और निःसंतान दम्पति ने दुबे क्लिनिक का दौरा किया और अपने-अपने सकारात्मक परिणाम प्राप्त किए है। आयुर्वेद मेडिकेयर पर विश्वास करने वाले रोगियों को इस यौन रोग के मामलों में तेजी से रिकवरी मिली। अगर आप यौन रोगी हैं और कोई भी यौन समस्या से पीड़ित हैं तो चिंता न करें। बस दुबे क्लीनिक में अपनी अपॉइंटमेंट लें और जल्द ही अपनी प्राकृतिक चिकित्सा प्राप्त करें।
हार्दिक सम्मान के साथ:
दुबे क्लिनिक
भारत का एक आईएसओ प्रमाणित क्लिनिक
हेल्पलाइन नंबर: +91 98350 92586; +91 91555 55112
स्थान: सुबाष मार्केट, ग्लोब टाइम टेलीकॉम के पास, दरियापुर गोला, लंगर टोली, चौराहा, पटना, बिहार 800004
Web info: https://dubeyclinic.com/
Video: https://www.youtube.com/watch?v=o4R7JZ3ZS-I
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best-ivf-center-in-india · 2 years ago
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पीसीओडी (PCOD) क्या है?
आम भाषा में समझे तो PCOD ये महिलाओं में होने वाली एक कॉमन समस्या है जो मुख्य रूप से हॉर्मोनल असंतुलन का कारण होती है। जिससे महिलाओ में अनियमित माहवारी के लक्षण दिखने लगते हैं।
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PCOD किसे और कब होता है?
PCOD कि समस्या सामान्यता 18-44 वर्ष की महिलाओ में देखी जाती है। मुख्यता तब, जब महिलाएं फर्टिलिटी दौर से गुजर रही हो। ज्यादातर महिलाओं को जब गर्भवती होने में किसी प्रकार की कठनाईयाँ आती है, तब पीसीओडी की समस्या सामने आती है। इसलिए डॉक्टर से अपने रेगुलर चेकअप जरुर कराये।
PCOD वंशानुगत है, यानि अगर आपकी मां, बहन या मौसी को पीसीओडी की समस्या हो तो आपको पीसीओडी होने की संभावना बढ़ जाती है।
PCOD के लक्षण क्या है?
माहवारी की समस्याएं
इनफर्टिलिटी
शरीर पर एक्स्ट्रा बाल आना
वजन का बढ़ना
ब्लड प्रेशर बढ़ना
नींद न आना
थकान महसूस करना
सिर में दर्द होना
मूड में अचानक बदलाव आना
PCOD के कारण क्या है?
अस्वस्थ जीवनशैली
निष्क्रिय जीवनशैली
भरपूर भोजन न करना
Periods में असंतुलन होना
शरीर में इंसुलिन की मात्रा अधिक होना
सिगरेट और शराब का अत्याधिक सेवन
आनुवंशिक कारण
PCOD के उपचार कौनसे है?
हार्मोन का असंतुलित होना अनियमित पीरियड्स के मुख्य कारणों में से एक है। यह संतुलन बनाए रखने के लिए, कई घरेलु उपाय आप आजमा सकते हैं। जैसे:
नियमित रूप से व्यायाम करना।
अपनी दिनचर्या में ध्यान और योग को शामिल करना।
संतुलित आहार का सेवन करना जैसे - नट्स, फल और सब्जियाँ।
कैफीन, शराब और सिगरेट का सेवन न करना ।
प्रोसेस्ड फ़ूड, कार्बोनेटेड ड्��िंक और बहुत मीठा या बहुत नमकीन खाना न खाना।
PCOD से बचाव कैसे करे?
कुछ बातों को ध्यान में रखकर पीसीओडी से बचाव  किया जा सकता है। इसमें मुख्य रूप से:
हाई कोलेस्टेरोल, फैट,और कार्बोहाइड्रेट से परहेज करना
नियमित रूप से व्यायाम करना
समय पर दवाओं का सेवन करना
शराब और सिगरेट से  दूर रहना
वजन का खास ध्यान रखना
अधिक मसालेदार चीजों का परहेज करना
सारांश:
PCOD का कोई ट्रीटमेंट नहीं है। मगर योग्य उपचार और जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव करके पीसीओडी की समस्या पर नियंत्रण लाया जा सकता है पर गंभीर समस्याओ में महिलाओ को IVF की जरुरत पड़ सकती है।
अधिक जानकारी के लिए ये ब्लॉग पढ़िए: पीसीओडी (PCOD) के मुख्य कारण, लक्षण और योग्य उपचार
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सेक्स समस्या और गुप्त रोग का सफल इलाज डॉ रैना सेफ हैंड्स क्लिनिक
डॉ। रैना सेफ हैंड्स क्लिनिक में हर प्रकार की सेक्स और गुप्त रोग जैसी समस्या का इलाज किया जाता है। हम प्राइवेट पार्ट साइज, लो लिबिडो, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, शीघ्रपतन उपचार, प्रीमच्योर इजैक्युलेशन, इनफर्टिलिटी, स्वप्नदोष,  एसटीडी आदि जैसी समस्याओं  का उपचार देते है | इस प्रकार की समस्याएं आपके रिश्ते के लिए खतरनाक हैं। डॉ। विनोद रैना ने लगभग 2 लाख से अधिक मरीजो का सफल इलाज करके उनके शादीशुदा जिंदगी को सवारा ही नहीं बल्कि एक नई ज़िंदगी दी हैं | 
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डॉ विनोद रैना सफदरजंग अस्पताल में सीएमओ थे। डॉ विनोद रैना का उद्देश्य लोगों को गुप्त रोग जैसी समस्याओं से अवगत कराना और उनकी समस्याओं को दूर करना है। उनका मकसद सभी को विवाहित जीवन स्वस्थ बनाना है। अगर आप भी गुप्त रोग जैसी समस्या से जूझ रहे है तो आज ही डॉ रैना सेफ हैंड्स क्लिनिक से संपर्क करे। दिल्ली में डॉ। विनोद रैना सबसे अच्छे सेक्सोलॉजिस्ट हैं | आप डॉ विनोद रैना सेक्सोलॉजिस्ट  के पास आये और अपनी समस्या का जड़ से इलाज करवाएं |
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डॉ। रैना सेफ हैंड्स सेक्सोलॉजिस्ट क्लिनिक इन दिल्ली
बेस्ट सेक्सोलॉजिस्ट डॉ विनोद रैना
हमें -7687878787, 9871605858 पर कॉल करें
पता: - E-34,साकेत एकता अपार्टमेंट नीयर मालवीय नगर
          मेट्रो स्टेशन गेट नंबर -4 के पास नई दिल्ली -110017
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zealthy · 5 years ago
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आगरा में बांझपन उपचार के लिए आईवीएफ या टेस्ट ट्यूब बेबी प्रक्रिया के माध्यम से गर्भधारण की प्रक्रिया में शामिल खर्च व आईवीएफ लागत को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं? | Test tube baby cost and factors affecting ivf cost in agra in hindi
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ivfjunction · 3 years ago
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सही स्त्री रोग विशेषज्ञ कैसे चुने?
एक स्त्री रोग विशेषज्ञ किसी भी स्त्री के महिला अंगों की डॉक्टर होती है। किसी भी महिला के जीवन के पहले महीने के बारे में बताने से लेकरउसके जीवन के आखरी महीने या मेनोपॉज (menopause) से संबंधित सभी लक्षणों में उसकी सहायता करने तक, एक स्त्री रोग विशेषज्ञ किसी भी महिला के जीवन के प्रत्येक चरण पर उसकी सहायता करती है।   बहुत से देशों में प्रसूति या प्रेगनेंसी (pregnancy) के डॉक्टर और स्त्री रोग विशेषज्ञ एक ही डॉक्टर होते हैं, जो महिलाओं के अंगों से जुडी सभी बीमारियों और प्रेगनेंसी का इलाज करते हैं। 
 विषय–सूची 
 1.    स्त्री रोग विशेषज्ञ क्या करते हैं।  2.    सही स्त्री रोग विशेषज्ञ का चयन कैसे करें  3.    टेक आवे
 स्त्री रोग विशेषज्ञ क्या करती है? किसी भी महिला का स्वास्थ्य एक बहुत ही महत्वपूर्ण है जिसमे कई चीजे आती हैं, जैसे उनके महीने या पीरियड्स (periods), प्रेगनेंसी, बच्चे की डिलीवरी, और उसके बाद बच्चे और मां की देख रेख। किसी भी स्वस्थ समाज के लिए, एक स्त्री रोग विशेषज्ञ बहुत जरूरी है क्योंकि औरतों के स्वास्थ्य को अकसर नज़रंदाज़ किया जाता है। एक स्त्री रोग विशेषज्ञ बनने में कई साल की मेहनत लगती है।   सबसे पहले 5.5 साल की एम.बी.बी.एस (MBBS) की पढ़ाई खत्म करनी होती है। इसमें एक साल की इंटर्नशिप भी मौजूद होती है जिसके बाद ही कोई व्यक्ति एक डॉक्टर कहलाया जाता है। उसके बाद स्त्री रोग विशेषज्ञता में पोस्ट ग्रेजुएशन करके ही आप एक स्त्री रोग विशेषज्ञ बन सकते हैं। बहुत से डॉक्टर आगे भी पढ़ाई करते रहते हैं ताकि उन्हें इस विशेषज्ञता में और महारत हासिल हो।  नीचे कुछ आम बीमारियां दी हैं, जिनका इलाज एक स्त्री रोग विशेषज्ञ करता है।
  महीनों से संबंधित बीमारियां बहुत सी महिलाएं महीनों से संबंधित बीमारियों का सामना करती हैं जैसे बहुत ज्यादा खून बहना, हर महीने सही वक्त पर महीना ना आना, पीसीओएस (PCOS), गर्भ में फायब्रॉयड्स (fibroids) होना, आदि। इसके साथ साथ एक स्त्री रोग विशेषज्ञ महिलाओं को अपने महीने के दौरान सही तरीके से सफाई कैसे रखनी है और महीने के दौरान होने वाले लक्षणों के बारे में भी बताती है। हमारे देश में महीनों को ले कर कई गलत जानकारी फैली हुई हैं। एक स्त्री रोग विशेषज्ञ सुनिश्चित करती है की वो लोगों को सही जानकारी दे पाए।
  महिला रेपेरोडक्टीव सिस्टम से संबंधित बीमारियां  एक स्त्री रोग विशेषज्ञ महिला के रेपेरोडक्टीव सिस्टम से संबंधित बीमारियों का भी इलाज करती है। उससे जुड़ी किसी भी परेशानी को एक स्त्री रोग विशेषज्ञ ही पहचान कर ठीक कर सकती है।
  बांझपन या इनफर्टिलिटी (infertility) आज के ज़माने में कई दम्पति को बांझपन का सामना करना पड़ता है। इसके कई कारण हो सकते हैं। अगर महिला में किसी बीमारी की वजह से बांझपन होता है तो उसे एक स्त्री रोग विशेषज्ञ ही ढूंढ कर ठीक करते है। 
 यौन संक्रमण या STI
यौन संक्रमण ��सी बीमारियां हैं जो किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ संबंध बनाने से हो सकती है। एक स्त्री रोग विशेषज्ञ ही ऐसे यौन संक्रम���ों का इलाज करते है। इसके साथ साथ वो लोगों को सुरक्षित तरह से संबंध बनाने पर भी सलाह देती हैं।
  श्रोणि तल (पेल्विक फ्लोर) हेल्थ 
स्त्री रोग विशेषज्ञ पेल्विक फ्लोर हेल्थ का भी ध्यान रखती है और कई बीमारियां जैसे योनि में संक्रमण, यूटेराइन प्रोलैप्स (गर्भाशय खिसककर बच्चेदानी का बाहर आना), यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस और पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन आदि को होने से रोकते है
   प्रेगनेंसी 
 एक स्त्री रोग विशेषज्ञ, प्रेगनेंसी के हर चरण में एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वह समय समय पर कई टेस्ट और सोनोग्राफी कर के सुनिश्चित करती है की मां और बच्चा दोनो स्वस्थ है। डिलीवरी के समय, मां की प्रेगनेंसी के अनुसार वह यह निर्णय भी लेते है की डिलीवरी किस माध्यम से की जाएगी। अगर कोई जोड़ा बांझपन से पीड़ित है तो वह उसके इलाज में भी सहायता करते है।
  कैंसर के लिए स्क्रीनिंग  
 स्त्री रोग विशेषज्ञ विभिन्न प्रकार के रेपेरोडक्टीव सिस्टम  के कैंसर की जांच करते है और उसके अनुसार एक ऑन्कोलॉजिस्ट को संदर्भित करते हैं।
 परिवार नियोजन या फैमिली प्लानिंग
  स्त्री रोग विशेषज्ञ गर्भनिरोधक तरीकों, सर्जरी और प्रक्रियाओं का सुझाव देकर परिवार नियोजन में मदद करते है। इन सब बातों से पता चलता है कि एक स्त्री रोग विशेषज्ञ सिर्फ एक महिला के लिए ही नहीं बल्कि पूरे परिवार के लिए महत्वपूर्ण है। जिन महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान और बच्चा पैदा होने के बाद एक दम सही इलाज और जानकारी मिली है, वो खुद तो स्वस्थ होती ही है और साथ में उनके बच्चे भी ज्यादा स्वस्थ होते हैं। इस के साथ साथ, समय समय पर एक स्त्री रोग विशेषज्ञ को दिखाने से कई बीमारियां जैसे पीसीओएस, कैंसर, आदि सही समय पर पकड़े जा सकते हैं।
  सही स्त्री रोग विशेषज्ञ का चुनाव कैसे करें?
सही स्त्री रोग विशेषज्ञ का चयन करते समय आपको कुछ चीजों का ध्यान रखना होगा। जरूरी नहीं है कि एक डॉक्टर जो किसी के लिए सही वो वही आपके लिए भी सही हो। इसलिए जरूरी है की आपको अच्छे से पता हो की आप किस कारण से एक स्त्री रोग विशेषज्ञ को दिखाना चाहते हैं। नीचे कुछ ऐसे बातों के बारे में चर्चा की गई है जिनका आपको ध्यान रखना चाहिए। 
  आप एक स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श क्यों कर रहे हैं?
 क्या आप सामान्य महिला रेपेरोडक्टीव हेल्थ  के लिए दिखा रहे हैं, या प्रेगनेंसी या गर्भनिरोधक, या फैमिली प्लानिंग, आदि। इस प्रश्न का जवाब आपको एक दम साफ़ तरह से पता होना चाहिए।
   आपके स्त्री रोग विशेषज्ञ किन अस्पतालों में काम करते हैं?
  यह जानना बहुत जरूरी है की आपके स्त्री रोग विशेषज्ञ किस किस अस्पताल में काम करते हैं। ऐसा करना और भी आवश्यक है ��गर आप प्रेगनेंसी के लिए एक स्त्री रोग विशेषज्ञ ढूंढ रहे हैं क्योंकि प्रेगनेंसी में कभी भी आपको अस्पताल जाना पड़ सकता है और इसलिए जरूरी है की वह अस्पताल आपके आस पास हो और वहां सब सुविधाएं आपके लिए किफायती हो। यह पता करना भी जरूरी है की उस अस्पताल में क्या इलाज किये जाते हैं।
   क्या आप एक पुरुष स्त्री रोग विशेषज्ञ के साथ सहज हैं?  
 वैसे तो हर व्यक्ति को, चाहे पुरुष हो या महिला, स्त्री रोग विशेषज्ञ बनने के लिए एक जैसी ट्रेनिंग ही मिलती है, परंतु अगर आप अपने इलाज के लिए एक महिला डॉक्टर ही चाहते हैं तो वो आपकी मर्जी है। इसके साथ साथ यह भी सुनिश्चित कर लें की अगर आपके डॉक्टर कहीं और व्यस्त हो तो उनकी जगह कौनसा स्त्री रोग विशेषज्ञ लेता है और क्या वो पुरुष है या महिला।
 स्त्री रोग विशेषज्ञ की संबद्धता और प्रमाणन 
  एक स्त्री रोग विशेषज्ञ की संबद्धता और प्रमाणन( Affiliation and Certification) बहुत महत्वपूर्ण प्रमाण हैं और स्त्री रोग विशेषज्ञ को चुनने से पहले उसकी जांच हमेशा करनी चाहिए।
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 स्त्री रोग विशेषज्ञ की वेबसाइट और सोशल मीडिया पर जाके देखें।
 कुछ स्त्री रोग विशेषज्ञ समय समय पर अपने वेबसाइट और सोशल मीडिया को अपडेट करते हैं और  मरीजों के  विवरण भी डालते हैं। इन विवरण से आपको पता चलेगा की वह कैसे डॉक्टर है। परंतु यह याद रखें कि सब डॉक्टर अपनी वेबसाइट अपडेट नहीं करते हैं और इसलिए हो सकता है की आपको उनको वेबसाइट पर ऐसी मरीजों की  विवरण न मिले। इसलिए जरूरी है ऐसे स्थिति में डॉक्टर की साख और प्रशिक्षण को देखना ज्यादा जरूरी है।
 अतिरिक्त ट्रेनिंग  
कुछ स्त्री रोग विशेषज्ञ अतिरिक्त ट्रेनिंग लेते हैं ताकि वो ज्यादा रिस्क वाले प्रेगनेंसी को भी संभाल पाए। इसमें वो कुछ प्रक्रियाएं जैसे लेप्रोस्कोपी (laparoscopy), हिस्ट्रोस्कॉपी (hysteroscopy), आदि को सीखते हैं। कोई भी स्त्री विशेषज्ञ चुनने से पहले यह सब भी देख लें ताकि अगर आप सुनिश्चित रहें की अगर आपकी प्रेगनेंसी के दौरान कोई कठिनाई आती है तो वह स्त्री रोग विशेषज्ञ उसे संभाल पाए।
  स्त्री रोग विशेषज्ञ की विशेषज्ञता 
  स्वास्थ्य क्षेत्र में अनुभव का बहुत महत्व है। एक स्त्री रोग विशेषज्ञ जिसके पास वर्षों का अनुभव है, उसने अपने कौशल को पूर्ण करने में बहुत समय बिताया है। 
 उपलब्धता
  यह देखना बहुत जरूरी है कि क्या आपका और आपके स्त्री रोग विशेषज्ञ का उपलब्ध रहने का समय मेल खाता है या नही क्योंकि यह बहुत आवश्यक है कि आप समय समय पर जांच करवाते रहें, खास तौर पर अगर आप प्रेगनेंट हैं। 
 स्त्री रोग विशेषज्ञ का दृष्टिकोण
  स्त्री रोग की जांचें बहुत ही ज्यादा निजी होती हैं इसलिए यह जरूरी हैकि आप उनके साथ बिल्कुल सुरक्षित और सहज हो। अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ कोई भी प्रक्रिया करने से पहले आपको अच्छे से उसके बारे में बताएंगे और हर चरण पर आपकी सहमति लेंगे। आज के ज़माने में ज्यादातर स्त्री रोग विशेषज्ञ इस बात का ध्यान रखते हैं।
 अच्छा श्रोता 
 ज्यादातर महिलाओं को रे��ेरोडक्टीव सिस्टम से संबंधित बीमारियों के बारे में बात करने में झिझक और शर्म होती है। स्त्री रोग विशेषज्ञ ऐसे डॉक्टर हैं जिन्होंने इन सब के बारे में पढ़ाई कर उसमे महारत हासिल की है और इसलिए वो सुनिश्चित करते हैं की उनके मरीज खुल के अपनी तकलीफ सामने रख पाएं। यह सही इलाज के लिए बहुत आवश्यक है।  कोई भी स्त्री विशेषज्ञ चुनने से पहले, ऊपर दिए हुए सभी बातों पर सोचना बहुत जरूरी है। आप एक ऐसे स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास जाना पसंद करेंगे जो आपको सहज महसूस करवाते हैं। नहीं तो आप हमेशा अपॉइंटमेंट से डरते रहेंगे। हम आशा करते हैं कि इस लेख से आपको समझ आया होगा कि स्त्री रोग विशेषज्ञ क्या करते हैं? और आ��� यह भी जान गए होंगे कि यह भी जरूरी है किआपके डॉक्टर आपके साथ कैसा व्यवहार करते हैं। 
 टेक अवे 
 हर जगह गलत सूचना है – अपने पीरियड्स के दौरान ऐसा न करें, गर्भवती होने पर वह न खाएं, जब आप बड़े हों तो इस गर्भनिरोधक का उपयोग न करें, बेहतर प्रजनन स्वास्थ्य के लिए इसका सेवन करें – यदि आप एक ऐसी महिला है जो अपने रेपेरोडक्टीव सिस्टम के बारे में बातचीत करना चाहती है तो यह सब बकवास टिप्पणियाँ  कभी खत्म नहीं होती और सब लोग एक विशेषज्ञ के रूप में बात करने लगते हैं।  ऐसी स्थिति में यह महत्वपूर्ण है कि आपके साथ सम्मान और दयालुता का व्यवहार किया जाए।  आईवीएफ जंक्शन (IVF Junction) पर हम आपकी सही जानकारी पाने की इच्छा का सम्मान करते हैं। हम ऐसे डॉक्टरों से जुड़े हैं जिनका मुख्य ध्यान सिर्फ अपने मरीजों का सही इलाज है। आईवीएफ जंक्शन सपोर्ट फोरम सभी प्रकार के प्रश्नों का स्वागत करता है ताकि आप अपने प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में कोई भी प्रश्न प्रस्तुत कर सकें। आईवीएफ जंक्शन सब विशेषज्ञों से सूचनात्मक सामग्री लाने में मदद करता है। हम आपकी यात्रा के दौरान आपका समर्थन करने के लिए हैं – चाहे वह बेहतर प्रजनन स्वास्थ्य, आईवीएफ उपचार, बांझपन सहायता, और वित्तीय उपचार के लिए तैयारी हो।  
 Source: https://bit.ly/3xptrzh
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drvinodrainablog · 3 years ago
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डॉ। रैना सेफ हैंड्स क्लिनिक में हर प्रकार की सेक्स और गुप्त रोग जैसी समस्या का इलाज किया जाता है। हम प्राइवेट पार्ट साइज, लो लिबिडो, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, शीघ्रपतन उपचार, प्रीमच्योर इजैक्युलेशन, इनफर्टिलिटी, स्वप्नदोष,  एसटीडी आदि जैसी समस्याओं  का उपचार देते है | इस प्रकार की समस्याएं आपके रिश्ते के लिए खतरनाक हैं। डॉ। विनोद रैना ने लगभग 2 लाख से अधिक मरीजो का सफल इलाज करके उनके शादीशुदा जिंदगी को सवारा ही नहीं बल्कि एक नई ज़िंदगी दी हैं |
डॉ विनोद रैना सफदरजंग अस्पताल में सीएमओ थे। डॉ विनोद रैना का उद्देश्य लोगों को गुप्त रोग जैसी समस्याओं से अवगत कराना और उनकी समस्याओं को दूर करना है। उनका मकसद सभी को विवाहित जीवन स्वस्थ बनाना है। अगर आप भी गुप्त रोग जैसी समस्या से जूझ रहे है तो आज ही डॉ रैना सेफ हैंड्स क्लिनिक से संपर्क करे। दिल्ली में डॉ। विनोद रैना सबसे अच्छे सेक्सोलॉजिस्ट हैं | आप डॉ विनोद रैना सेक्सोलॉजिस्ट  के पास आये और अपनी समस्या का जड़ से इलाज करवाएं |
डॉ। रैना सेफ हैंड्स सेक्सोलॉजिस्ट क्लिनिक इन दिल्ली बेस्ट सेक्सोलॉजिस्ट डॉ विनोद रैना हमें - 7687878787, 9871605858 पर कॉल करें पता: - E-34,साकेत एकता अपार्टमेंट नीयर मालवीय नगर          मेट्रो स्टेशन गेट नंबर -4 के पास नई दिल्ली -110017
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evahospital · 3 years ago
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आहार प्रकार। प्रजनन उपचार की प्रक्रिया में भाग लेने वाले पुरुषों को अपने आहार का विशेष ध्यान रखना चाहिए। लुधियाना की प्रमुख इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट डॉ शिवानी भूटानी कहती हैं, ”असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजीज (एआरटी) के जरिए फर्टिलिटी ट्रीटमेंट कराने वाले पुरुषों को बेहतरीन माइक्रोन्यूट्रिएंट्स वाले आहार का सेवन करना चाहिए। यह समुद्री खाद्य, अंडे, मुर्गा, सूखे मेवे, साबुत अनाज, फल और ताजी सब्जियों में प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।”
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mohakivf · 6 years ago
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Mohak IVF पर पाए निःसंतानता से मुक्ति, आईवीएफ एवं फर्टिलिटी उपचार एक छत के नीचे | निःसंतान दंपति सीधे फेसबुक पर इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट से परामर्श प्राप्त करे या आईवीएफ के एक्सपर्ट डॉ से बात करने के लिए कॉल करें 7898047572
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gaudiumivf · 3 years ago
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मातृत्व के सपने को साकार करने की और पहला कदम है – सही आईवीएफ सेंटर का चयन !!
माँ बनने का सपना हर महिला का होता है। क्योंकि बच्चे न सिर्फ परिवार को पूरा करते है बल्कि पूरे घर को खुशियों से भी  भर देते हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश कुछ दंपत्ति ऐसे होते हैं। जो काफी प्रयास के बाद भी प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने में असक्षम होते हैं और इसी वजह से काफी भावनात्मक अस्थिरता, चिंता से गुज़र रहे होते  हैं।
आप निराश न हो, क्योकि अब एडवांस्ड  मेडिकल साइंस की मदद से ज़्यादातर दंपत्ति अपने मातृत्व के सपने को साकार कर सकते हैं, बस जर्रूरत है सही सलाह और बेस्ट ट्रीटमेंट की।
अधिक जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें: https://bit.ly/34xdxqu
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dubeyclinic · 2 years ago
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Safest Treatment by Dubey Clinic – Best Sexologist in Patna
पटना के बेस्ट सेक्सोलॉजिस्ट से बांझपन का इलाज करवाएं - दुबे क्लिनिक
क्या आप महिला हो और लोग आपको ताने मार रहे हैं कि आप कभी मां नहीं बनोगी? यह वास्तव में एक बुरी स्थिति है जिसका आप सामना कर रहे हैं। महिला के इनफर्टिलिटी के लिए सिर्फ उसे ही नहीं बल्कि पुरुष को भी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। चिंता न करें, यह एक आयुर्वेद क्लिनिक है जिसका नाम है- दुबे क्लिनिक जो सभी यौन और वैवाहिक समस्याओं के रोगियों को 100% शुद्ध और प्रभावी दवा और उपचार विशेषाधिकार प्रदान करता है।
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यह वह समय है जब आप इस क्लिनिक का दरवाजा खटखटा सकते हैं। यह क्लिनिक पटना के सबसे अच्छे सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टरों में से एक है जो पटना के लंगर टोली चौराहा में स्थित है। यह क्लीनिक सप्ताह में प्रतिदिन खुला रहता है। इस क्लीनिक पर स्थानीय मरीज सुबह से शाम तक आते-जाते रहते हैं, लेकिन बाहर के मरीजों को अपॉइंटमेंट लेना पड़ता है। मुलाकात फोन पर उपलब्ध है। कोई भी अपने सगे संबंधियों के लिए अप्वाइंटमेंट ले सकता है।
ये हैं सबसे चर्चित सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. सुनील दुबे, जिन्हें इस सेक्सोलॉजिस्ट पेशे में 30 साल से ज्यादा का अनुभव है। वह प्रत्येक रोगी का इलाज करते हैं और उन्हें स्वस्थ जीवन के लिए सर्वोत्तम आयुर्वेदिक दवा और सावधानियां प्रदान करते हैं।
घबराएं नहीं। बस अपना फोन उठाएं और दुबे क्लिनिक डायल करें। अपॉइंटमेंट लें, अपने परिवार के सदस्यों के साथ आएं और संतुष्ट उपचार प्राप्त करें।
Dubey Clinic
Office Location: Dubey Market, Langar Toli Chauraha, Near Gold House Jewelers, Patna-04
Helpline No: +91 98350 92586; +91 91555 55112
Web info: https://dubeyclinic.com/ 
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shreyaraj773-blog · 5 years ago
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नॉर्मल डिलीवरी क्या है? सामान्य प्रसव के शुरूआती संकेत और लक्षण क्या हैं? वेजाइनल डिलीवरी के लिए बेस्ट विशेषज्ञ कौन हैं? |  Normal delivery in hindi
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zealthy03 · 5 years ago
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लैप्रोस्कोपी सर्जरी की प्रक्रिया
अगर कोई महिला काफी समय से गर्भवती होने का प्रयास करने के बावजूद सफल नही हो पा रही हो तो यह बांझपन की समस्या हो सकती है।
इसी बांझपन की समस्या को दूर करने के लिए लैप्रोस्कोपी सर्जरी की मदद ली जा सकती है।
लैप्रोस्कोपी से पहले कुछ टेस्ट जैसे एंडोस्कोपी (endoscopy), एक्स -रे (x-ray), सीटी (CT) आदि की जाती है।
लैप्रोस्कोपी के जरिये महिला के गर्भवती होने के आसार बढ़ जाते हैं क्योंकि इससे यह पता चल जाता है कि परेशानी क्या है ?
समस्या का पता चलने के कारण इसके सफल उपचार की संभावना अधिक हो जाती है।
आइये इस लेख माध्यम से लैप्रोस्कोपी सर्जरी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
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1.लैप्रोस्कोपिक सर्जरी क्या है?
What is laparoscopic surgery?
लैप्रोस्कोपी एक तरह की सर्जिकल डायग्नोस्टिक प्रक्रिया (diagnostic process) या ऑपरेटिव प्रक्रिया (operative process) होती है जिसके प्रयोग पेट के अंदरूनी अंगों को देखने के लिए किया जाता है।
यह प्रक्रिया ज्यादा जोखिम भी भरी नहीं होती है।
इस प्रक्रिया के दौरान अंदरूनी अंगों तक पहुँचने के लिए लैप्रोस्कोप नामक यंत्र (device) का प्रयोग किया जाता है।
यह 1-2 घंटे की प्रक्रिया है और इसके लिए हॉस्पिटल में एक दिन रुकना काफी रहता है।
अगर कुछ डायग्नोस्टिक प्रक्रिया की जाती है तो रोगी 7 दिनों के अंदर ही सामान्य महसूस करने लगता है।
2.लैप्रोस्कोपी क्यों की जाती है?
Why do you have laparoscopic surgery?
किसी भी महिला की लैप्रोस्कोपी उसके प्रजनन प्रणाली, मूत्राशय या पाचन तंत्र में किसी भी समस्या को जानने और उस समस्या का निदान करने के लिए की जाती है।
आइये जानते है किसी भी महिला की लैप्रोस्कोपी करने के विभिन्न कारण :
पेट दर्द या पेल्विक दर्द की जांच करने और उसका कारण पता लगाने के लिए अक्सर लैप्रोस्कोपी की जाती हैं।
इस विधि का प्रयोग तब किया जाता है जब बिना किसी अन्य प्रक्रिया से पेट की समस्या का ठीक से निरीक्षण ना हो पाए।
लैप्रोस्कोपी का उपयोग पेट मे ट्यूमर की जांच के लिए किया जाता है।
इसके अलावा किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या जैसे पीआईडी (PID), इनफर्टिलिटी का कारण,फाइब्रॉएड, एक्टोपिक प्रेगनेंसी, ओवेरियन सिस्ट, लिम्फ नोड्स आदि के लिए भी इस विधि का प्रयोग किया जाता है।
.लैप्रोस्कोपी सर्जरी की प्रक्रिया कैसे होती है?
What is the procedure of laparoscopic surgery?
लैप्रोस्कोपी सर्जरी की प्रक्रिया में तीन चरण होते हैं।
प्रक्रिया से पहले का चरण, प्रक्रिया के दौरान और प्रक्रिया के बाद का चरण।
लैप्रोस्कोपी प्रक्रिया के तीन चरण इस प्रकार हैं :
पहला चरण - प्रक्रिया से पहले (First step - Before surgery)
लैप्रोस्कोपी सर्जरी से पहले यह देखा जाता है कि महिला की सर्जरी डायग्नोस्टिक (diagnostic) है या ऑपरेटिव (operative) है।
सर्जरी के प्रकार के आधार सर्जरी से पहले की तैयारियां की जाती हैं।
सर्जरी वाले डॉक्टर के लिए यह जानना महत्वपूर्ण होता है कि महिला कौन सी दवाएं ले रही है ताकि प्रक्रिया से पहले डॉक्टर ��न दवाओं के साइड-इफेक्ट्स को जानकार उन्हें लेने या ना लेने की सलाह दे सकें।
प्रक्रिया से पहले कुछ टेस्ट - रक्त परीक्षण, मूत्र विश्लेषण, छाती का एक्स-रे और साथ ही इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (electrocardiogram) होते हैं।
लैप्रोस्कोपी सर्जरी से पहले महिला को कम से कम 8 घंटे बिना कुछ खाये -पिये रहना होता हैं।
इस प्रक्रिया को शुरु करने से पहले एनीमा (anima) दिया जाता है।
लैप्रोस्कोपिक प्रक्रिया शुरू होने से पहले एंटीकोआगुलंट्स (anticoagulants) और नॉन -स्टेरायडल एंटीबायोटिक्स (non-steroidal antibiotics) पेशेंट को दी जाती है।
डॉक्टर आपको सभी दवाओं को लेने का निर्देश देते हैं।
इसी के साथ डॉक्टर पेशेंट को प्रक्रिया शुरू होने से पहले क्या आहार या खुराक लेनी है, इसे भी निर्धारित करते हैं।
दूसरा चरण - प्रक्रिया के दौरान (Second step - During surgery)
लैप्रोस्कोपी की प्रक्रिया की शुरुआत पेशेंट को एनैस्थिसिआ (anesthesia) देकर की जाती है ताकि पेशेंट को प्रक्रिया के दौरान कोई दर्द महसूस ना हो।
सर्जन पेट में एक या एक से अधिक छोटे चीरे लगाते हैं।
इसके बाद इन चीरों के माध्यम से पेट में एक लेप्रोस्कोप और कुछ छोटे सर्जिकल उपकरण डालकर पेट के चारों ओर निरीक्षण किया जाता है।
पेट से गैस को बाहर निकालने के लिए भी पेट में एक ट्यूब डाली जाती है।
अब ऑपरेशन शुरू किया जाता है। पेट में कार्बन डाइऑक्साइड गैस भरी जाती है जिसके द्वारा प्रजनन अंगों और उसमें होने वाले परिवर्तनों को देखा जा सके।
इसी के साथ सर्जन लेप्रोस्कोपिक ट्यूब शरीर में लेकर जाते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रजनन प्रणाली के अन्य हिस्सों में कोई ओर रुकावट तो नहीं है।
इन उपकरणों की मदद से ओवेरियन सिस्ट (ovarian cyst), अल्सर (cysts), फाइब्रॉएड (fibroids), एक्टोपिक प्रेगनेंसी (ectopic pregnancy) और एडीनोइड (adenoids) के होने की जांच की जाती है।
सर्जन एक बायो कम्पेटिबल डाई (biocompatible dye) को गर्भाशय ग्रीवा के अंदर इंजेक्ट करते हैं।
इसकी मदद से फैलोपियन ट्यूब (fallopian tubes) को वीडियो मॉनिटर पर स्पष्ट रूप से देखा जाता है।
अगर आवश्यकता होती है तो सर्जन एंडोमेट्रियोसिस (endometriosis) करने के लिए एक टुकड़ा काट लेते हैं जिसको बायोप्सी के लिए माइक्रोस्कोप की मदद से जांचा जाता है।
प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद कार्बन डाइऑक्साइड गैस को पेट से बाहर निकाल दिया जाता है, टांके लगाकर चीरों को बंद कर दिया जाता है और ड्रेसिंग कर दी जाती है।
प्रक्रिया होने के एक दिन बाद ही पेशेंट घर जा सकते हैं और 7 दिनों के अंदर ही सामान्य महसूस करने लगते हैं।
कुछ मामलों में डॉक्टर पेशेंट को ऑब्जरवेशन के लिए एक से ज्यादा दिन के लिए हॉस्पिटल में रख सकते हैं।
सर्जरी के बाद पेशेंट को डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना होता है जैसे अधिक से अधिक फ्लुइड्स (fluids) लेना ताकि शरीर हाइड्रेट (hydrate) रह सकें और समस्या को जानकर उसका निदान किया जा सके और जल्द से जल्द उपचार प्रक्रिया शुरू हो सके।
तीसरा चरण - प्रक्रिया के बाद (Third step - After surgery)
लेप्रोस्कोपी प्रक्रिया होने के बाद आपको पेट के आस-पास थोड़ा दर्द महसूस हो सकता है।
सर्जरी के बाद कुछ महिलाओ को कंधे में भी दर्द की समस्या होती है।
कभी-कभी पेट में गैस का दबाव होने से दर्द उठता है जो सामान्य है।
2-3 दिनों भीतर ही यह दर्द चला जाता है।
सर्जरी की रिपोर्ट आने के बाद अपने डॉक्टर से अवश्य प��छें कि आपके शरीर में सब कुछ सामान्य है या नहीं।
Originally Published in - https://zealthy.in/health-article/laparoscopic-surgery-process-in-hindi
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gethealthy18-blog · 5 years ago
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शिलाजीत के फायदे, उपयोग और नुकसान – Shilajit Benefits and Side Effects in Hindi
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शिलाजीत के फायदे, उपयोग और नुकसान – Shilajit Benefits and Side Effects in Hindi
शिलाजीत के फायदे, उपयोग और नुकसान – Shilajit Benefits and Side Effects in Hindi Somendra Singh Hyderabd040-395603080 November 15, 2019
शिलाजीत, हिमालयी क्षेत्र में पाया जाने वाला एक खास खनिज पदार्थ है। माना जाता है कि यह औषधीय गुणों से भरपूर होता है और कई शारीरिक समस्याओं से बचाव और उनके असर को कम करने में मदद कर सकता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको शिलाजीत के फायदे, शिलाजीत का प्रयोग और शिलाजीत खाने का तरीका बताने जा रहे हैं। साथ ही आपको शिलाजीत के नुकसान और शिलाजीत की पहचान कैसे करें, इस विषय में भी जानकारी देंगे। इस लेख में बताए गए शिलाजीत के फायदे आपको बीमारी से बचाने में मदद कर सकते हैं। वहीं, अगर किसी को कोई बीमारी है, तो उससे उबरने में मदद कर सकते हैं।
सबसे पहले आइए जानते हैं कि शिलाजीत क्या है?
विषय सूची
शिलाजीत क्या है? – What is Shilajit in Hindi
शिलाजीत एक प्राकृतिक खनिज पदार्थ है। यह मुख्य रूप से हिमालय पर्वत क्षेत्रों में पाया जाता है। इसका निर्माण प्राकृतिक रूप से अपने आप ही होता है, लेकिन इसे बनने में हजारों साल लगते हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि यूफोरबिया, रायलियाना और ट्राइफोलिया रेपेंस जैसी पौधों की प्रजातियों के अपघटन (Decomposition) क्रिया के बाद यह तैयार होता है। इस आधार पर शिलाजीत को प्रकृति का अनमोल उत्पाद भी माना जाता है (1)। यह चिपचिपा होता है और शुद्ध रूप में इसकी महक गौमूत्र की तरह होती है (2)।
आइए, अब लेख के अगले भाग में जानते हैं कि शिलाजीत आपके स्वास्थ्य के लिए किस प्रकार लाभदायक है।
शिलाजीत के फायदे – Benefits of Shilajit in Hindi
शिलाजीत के स्वास्थ्य फायदे आपको नीचे बताए जा रहे हैं।
1. हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित व्यक्ति को शिलाजीत के फायदे मिल सकते हैं। दरअसल, शिलाजीत में पोटैशियम की मात्रा पाई जाती है (3)। विशेषज्ञों के द्वारा किए गए वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह बताया गया कि पोटैशियम का सेवन ब्लड प्रेशर के जोखिम को कम कर सकता है (4)। इस प्रकार कहा जा सकता है कि शिलाजीत आपको उच्च रक्तचाप की समस्या से निजात दिलाने में मदद कर सकता है।
2. अर्थराइटिस के इलाज में
अगर कोई अर्थराइटिस की समस्या से परेशान है, तो शिलाजीत का प्रयोग उनके लिए लाभकारी हो सकता है। अर्थराइटिस दर्द और सूजन की ��ीमारी है, जो शरीर के जोड़ वाले हिस्सों को अपनी चपेट ले लेती है और पीड़ित को सूजन व दर्द की समस्या से गुजरना पड़ता है (5)। वहीं, शिलाजीत में फुलविक एसिड के रूप में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है (1)। एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण अर्थराइटिस में होने वाले दर्द और सूजन से आपको राहत दिला सकता है (6)।
3. डायबिटीज के उपचार में
शिलाजीत का प्रयोग डायबिटीज से बचने के लिए भी किया जा सकता है। दरअसल, शिलाजीत में एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं। यह ब्लड ग्लूकोज के स्तर को सुधारने में मदद करता है। इसलिए, शिलाजीत का सेवन डायबिटीज से बचने में फायदेमंद साबित हो सकता है (7)। वहीं, अगर किसी को डायबिटीज है, तो शिलाजीत का प्रयोग करने से उसके लक्षणों को कम किया जा सकता है।
4. कोलेस्ट्रॉल के संतुलन के लिए
कोलेस्ट्रॉल से बचने के लिए भी शिलाजीत का प्रयोग किया जा सकता है। कोलेस्ट्रॉल मोम जैसा वसा पदार्थ होता है, जो आपके शरीर की सभी कोशिकाओं में पाया जाता है (8)। शिलाजीत में सीरम कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने का प्रभावी गुण पाया जाता है (9)। इसलिए, अगर आप कोलेस्ट्रॉल से बचना चाहते हैं, तो डॉक्टर की सलाह पर शिलाजीत को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
5. अल्जाइमर की स्थिति में
अल्जाइमर रोग में मस्तिष्क की कार्यप्रणाली ठीक से कार्य नहीं करती, जिसका प्रभाव आपकी याददाश्त, सोच और व्यवहार पर पड़ता है (10)। इस स्थिति से बचने के लिए शिलाजीत का प्रयोग लाभदायक हो सकता है। दरअसल, शिलाजीत में पाए जाने वाले फुलविक एसिड में याददाश्त की क्षमता को बढ़ाने का गुण पाया जाता है, जो अल्जाइमर की स्थिति में लाभदायक हो सकता है। इसके अलावा, फुलविक एसिड में एंटी-एग्रीगेशन (Antiaggregation – एक चिकित्सकीय गुण) गुण पाया जाता है, जो अल्जाइमर के इलाज में आपके काम आ सकता है (11)।
6. हृदय स्वास्थ्य के लिए
अगर शिलाजीत खाने का तरीका सही रूप से इस्तेमाल किया जाए, तो यह हृदय को भी स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। शिलाजीत में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता है (12) (1)। एक वैज्ञानिक शोध में बताया गया है कि एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने के साथ-साथ कैंसर और हृदय रोग से भी बचाता है (13)।
7. एनीमिया की स्थिति में
एनीमिया की स्थिति में खून में रेड ब्लड सेल्स की कमी भी हो जाती है, साथ ही रक्त के साथ ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा शरीर के सभी हिस्सों तक नहीं पहुंचा पाती है (14)। ऐसे में शिलाजीत के जरिए इस रोग से बचा जा सकता है। शिलाजीत में आयरन की मात्रा पाई जाती है, जो ��नीमिया को होने नहीं देता और अगर किसी को एनीमिया है, तो उसके लक्षणों को करने में प्रभावी रूप से कार्य कर सकता है (12)।
8. थकान की समस्या को दूर करने के लिए
शिलाजीत का सेवन इम्यून सिस्टम को मजबूत और थकान को दूर करने का काम कर सकता है। इससे आप हर समय खुद को तंदुरुस्त और तरोताजा महसूस कर सकते हैं। फिलहाल, यह कहना मुश्किल है कि शिलाजीत में ऐसे क्या गुण होते हैं, जो हमें हमेशा तंदुरुस्त रखते हैं। इस संबंध में वैज्ञानिक अभी शोध कर रहे हैं (9)।
9. इनफर्टिलिटी और टेस्टोस्टेरोन के लिए
इनफर्टिलिटी की समस्या से बचने के लिए भी शिलाजीत का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, शिलाजीत में सक्रिय एंड्रोजेनिक (Androgenic – एक हार्मोन) का गुण पाया जाता है, जो कैडमियम (Cadmium – एक रासायनिक तत्व) के कारण होने वाली इनफर्टिलिटी के विपरीत प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में आपकी मदद कर सकते हैं (15)।
टेस्टोस्टेरोन एक मेल हार्मोन है, जो यौन क्रिया से संबंधित होता है (16)। हंटिंगटन कॉलेज ऑफ हेल्थ साइंस (Huntington College of Health Sciences) के द्वारा किए गए एक वैज्ञानिक अध्ययन में देखा गया है कि शिलाजीत ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करके टेस्टोस्टेरोन और स्पर्म काउंट को बढ़ाने के साथ स्पर्म की गतिविधि को तेज करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर सकता है (17)।
10. यूरीनरी (Urinary) संबंधी समस्याएं
शिलाजीत के फायदे यूरीनरी संबंधी समस्याओं को दूर करने में लाभदायक साबित हो सकते हैं। दरअसल, शिलाजीत में फुलविक एसिड की मात्रा पाई जाती है। यह एसिड यूरीनरी संबंधी समस्याओं से बचाने में आपकी मदद कर सकता हैं (1)।
11. दिमाग तेज करने के लिए
शिलाजीत खाने का तरीका सही रूप से इस्तेमाल करके दिमाग को तेज किया जा सकता है। दरअसल, शिलाजीत कॉग्निटिव डिसऑर्डर (Cognitive Disorders – मस्तिष्क संबंधी विकार) के लक्षणों पर प्रभावि रूप से कार्य कर दिमाग की कार्यक्षमता को बढ़ा सकता है। वहीं, नियमित रूप से इसका सेवन करने से मस्तिष्क की कार्यक्षमता तेज हो सकती है (1)।
12. एंटी-एजिंग के रूप में
आज के समय में हर कोई युवा और जवां दिखने की चाहत रखता है। यहां शिलाजीत एक बेहतर विकल्प के रूप में साबित हो सकता है। दरअसल, शिलाजीत में एंटी-एजिंग गुण पाए जाते हैं। यह शरीर पर नजर आने वाले बढ़ती उम्र के प्रभाव को कुछ हद तक कम कर सकता है। यह कोशिकाओं को कमजोर होने से रोकने और उन्हें सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है (3)।
शिलाजीत के स्वास्थ्य लाभ जानने के बाद, इसे उपयोग के तरीके के बारे में बात करते हैं।
शिलाजीत का उपयोग – How to Use Shilajit in Hindi
यहां हम शिलाजीत को उपयोग करने के कुछ विकल्प दे रहे हैं। आप इसे उपयोग करने से पहले किसी आहार विशेष से एक बार जरूर ��ूछ लें।
इलाइची के दाने और शहद के साथ शिलाजीत पाउडर का सेवन किया जा सकता है।
शिलाजीत का सेवन घी या मक्खन के साथ भी कर सकते हैं।
शिलाजीत का सेवन दूध के साथ भी किया जा सकता है।
नारियल तेल के साथ भी शिलाजीत का सेवन किया जा सकता है।
कब खाएं : शिलाजीत का सेवन रात को सोने से पहले और व्यायाम करने से पहले किया जा सकता है।
कितनी मात्रा में खाएं : बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रतिदिन शिलाजीत की 300-500 मिलीग्राम मात्रा का उपयोग किया जा सकता है (18)। शिलाजीत की यह मात्रा प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक क्षमता के अनुसार कम या ज्यादा हो सकती है। इस बारे में आपको डॉक्टर बेहतर बता सकते हैं।
शिलाजीत के कुछ नुकसान भी हैं, जो कुछ स्थितियों में आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
शिलाजीत के नुकसान – Side Effects of Shilajit in Hindi
शिलाजीत के सेवन से निम्न प्रकार के दुष्प्रभाव नजर आ सकते हैं :
शिलाजीत की तासीर गर्म होती है, जिस कारण अधिक सेवन करने से आपको सिरदर्द की समस्या हो सकती है।
शिलाजीत का सेवन अगर अशुद्ध रूप में किया जाए, तो इससे आपको नशा भी हो सकता है, क्योंकि इसमें माइकोटॉक्सिन (फंगस द्वारा उत्पन्न एक विषैला पदार्थ) और फ्री रेडिकल्स आदि मौजूद होते हैं (1)।
अभी तक कई लोग शिलाजीत का सेवन केवल पुरुषत्व बढ़ाने के लिए ही कर रहे होंगे, लेकिन इसके विभिन्न फायदों को जानने के बाद शिलाजीत को अब कई स्वास्थ्य फायदों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, इस बात पर जरूर ध्यान दें कि यह बताई गई बीमारियों का सटीक इलाज नहीं है, लेकिन यह इनसे बचाव या फिर बीमार होने की अवस्था में इसमें सुधार करने में सहायक भूमिका निभा सकता है। इससे होने वाले किसी भी तरह के दुष्प्रभाव से बचने के लिए इसका सेवन डॉक्टरी परामर्श पर ही करें। अगर आप शिलाजीत के सेवन से जुड़ा कोई सवाल हमसे पूछना चाहते हैं, तो उसे नीचे दिए गए कॉमेंट बॉक्स के जरिए हम तक पहुंचा सकते हैं।
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Somendra Singh
सोमेंद्र ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से 2019 में बी.वोक इन मीडिया स्टडीज की है। पढ़ाई के दौरान ही इन्होंने पढ़ाई से अतिरिक्त समय बचाकर काम करना शुरू कर दिया था। इस दौरान सोमेंद्र ने 5 वेबसाइट पर समाचार लेखन से लेकर इन्हें पब्लिश करने का काम भी किया। यह मुख्य रूप से राजनीति, मनोरंजन और लाइफस्टइल पर लिखना पसंद करते हैं। सोमेंद्र को फोटोग्राफी का भी शौक है और इन्होंने इस क्षेत्र में कई पुरस्कार भी जीते हैं। सोमेंद्र को वीडियो एडिटिंग की भी अच्छी जानकारी है। इन्हें एक्शन और डिट���क्टिव टाइप की फिल्में देखना और घूमना पसंद है।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/shilajit-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
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