#आत्मखोजात्मकयात्रा
Explore tagged Tumblr posts
Link
विपश्यना :भारत की सबसे पुरानी योग की तकनीक है -
विपश्यना भारत की सबसे पुरानी ध्यान केंद्रित करने वाली तकनीक है |इसका सरल सा मतलब है की सभी चीजें को उनके वास्तविक रूप में देखना |ये एक संस्कृत शब्द है -विपश्यना= (वि + पश्य + ना)विशेष प्रकार से देखना|आज से करीब २५०० वर्ष पूर्व महात्मा बुद्ध ने इस तकनीक को पुनर्जीवित किया |महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं में से एक विपश्यना भी है। यह वास्तव में सत्य की उपासना है। सत्य में जीने का अभ्यास है। विपश्यना इसी क्षण में यानी तत्काल में जीने की कला है। भूत की चिंताएं और भविष्य की आशंकाओं में जीने की जगह भगवान बुद्ध ने अपने शिष्यों को आज के बारे में सोचने केलिए कहा।
विपश्यना :एक कला -
विपश्यना सम्यक् ज्ञान है। जो जैसा है, उसे ठीक वैसा ही देख-समझकर जो आचरण होगा, वही सही और कल्याणकारी सम्यक आचरण होगा। विपश्यना जीवन की सच्चाई से भागने की शिक्षा नहीं देता है, बल्कि यह जीवन की सच्चाई को उसके वास्तविक रूप में स्वीकारने की प्रेरणा देता है।योग साधना के तीन मार्ग प्रचलित हैं - विपश्यना, भावातीत ध्यान और हठयोग।
विपश्यना करने का सही तरीका -
मन और शरीर की सर्वसामान्य जड़ की यह अवलोकन-आधारित, आत्म-खोजात्मक यात्रा है, जो मानसिक अशुद्धता को पिघलाता है, जिसके परिणामस्वरूप एक संतुलित मन प्यार और करुणा से भरा होता है|विपश्यना अनुशासन बहुत जरुरी है और साथ में लगन |क्योकि खुद को शांत और ख़ुशी आदमी खुद के दवरा ही दे सकता है |इसलिए ये योग केवल इसे गंभीरता से लेने वाले के लिए उपयोगी होता है | ये 10 दिवसीय प्रक्रिया है |इसका पूरा एक कोड ऑफ़ डिसिप्लिन होता है जिसको तीन भागों में बाटा गया है पहला चरण - इस चरण में आपको हत्या ,चोरी ,यौन गतिविधि , गलत तरीके से बात और नशे की आदतों को छोड़ना होता है ये मन को शांत करता है |
दूसरे चरण - इस चरण में आपको अपने श्वास लेने की विधि पर काबू करके मन को शांत रखना होता है |इस क्रिया में व्यक्ति का मन खुद बे खुद शांत हो जाता है चौथे दिन तक |खुद को केंद्रित करके अपने शरीर के बारे में जानने और संवेदनाओं को समझना और संतुलित करना इसके ही अंग है |
तीसरा चरण -ये अंतिम चरण है |व्यक्ति दया के प्रति प्रेम और सभी के लिए अच्छे काम करना और अपनी सब अशुद्धि भुलाकर ध्यान केंद्रित करना सीख चूका होता है |
इस तकनीक को इस समय क्या राजनेता और क्या अभिनेता और बिज़नेस मैन सब अपना रहे है | ये पुरे विश्व में प्रसिद्ध है | अगर आप सुकून चाहते है तो इसे आजमाए जरूर क्योकि हमारा काम बताना है |
#हठयोग#10दिवसीयप्रक्रिया#vipassna#vipassnameditation#अनुशासन#अवलोकनआधारित#आत्मखोजात्मकयात्रा#जीनेकीकला#जीवनकीसच्चाई#भारतकीसबसेपुरानीयोगकीतकनीक#भावातीत#ध्यान#महात्माबुद्ध#महात्माबुद्धकीशिक्षाओं#विपश्यना#विपश्यनाक्या#विपश्यनासम्यक्ज्ञान#विशे��प्रकारसेदेखना#श्वासलेनेकीविधिपरकाबूकरके
1 note
·
View note
Photo
विपश्यना :भारत की सबसे पुरानी योग की तकनीक है -
विपश्यना भारत की सबसे पुरानी ध्यान केंद्रित करने वाली तकनीक है |इसका सरल सा मतलब है की सभी चीजें को उनके वास्तविक रूप में देखना |ये एक संस्कृत शब्द है -विपश्यना= (वि + पश्य + ना)विशेष प्रकार से देखना|आज से करीब २५०० वर्ष पूर्व महात्मा बुद्ध ने इस तकनीक को पुनर्जीवित किया |महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं में से एक विपश्यना भी है। यह वास्तव में सत्य की उपासना है। सत्य में जीने का अभ्यास है। विपश्यना इसी क्षण में यानी तत्काल में जीने की कला है। भूत की चिंताएं और भविष्य की आशंकाओं में जीने की जगह भगवान बुद्ध ने अपने शिष्यों को आज के बारे में सोचने केलिए कहा।
विपश्यना :एक कला -
विपश्यना सम्यक् ज्ञान है। जो जैसा है, उसे ठीक वैसा ही देख-समझकर जो आचरण होगा, वही सही और कल्याणकारी सम्यक आचरण होगा। विपश्यना जीवन की सच्चाई से भागने की शिक्षा नहीं देता है, बल्कि यह जीवन की सच्चाई को उसके वास्तविक रूप में स्वीकारने की प्रेरणा देता है।योग साधना के तीन मार्ग प्रचलित हैं - विपश्यना, भावातीत ध्यान और हठयोग।
विपश्यना करने का सही तरीका -
मन और शरीर की सर्वसामान्य जड़ की यह अवलोकन-आधारित, आत्म-खोजात्मक यात्रा है, जो मानसिक अशुद्धता को पिघलाता है, जिसके परिणामस्वरूप एक संतुलित मन प्यार और करुणा से भरा होता है|विपश्यना अनुशासन बहुत जरुरी है और साथ में लगन |क्योकि खुद को शांत और ख़ुशी आदमी खुद के दवरा ही दे सकता है |इसलिए ये योग केवल इसे गंभीरता से लेने वाले के लिए उपयोगी होता है | ये 10 दिवसीय प्रक्रिया है |इसका पूरा एक कोड ऑफ़ डिसिप्लिन होता है जिसको तीन भागों में बाटा गया है पहला चरण - इस चरण में आपको हत्या ,चोरी ,यौन गतिविधि , गलत तरीके से बात और नशे की आदतों को छोड़ना होता है ये मन को शांत करता है |
दूसरे चरण - इस चरण में आपको अपने श्वास लेने की विधि पर काबू करके मन को शांत रखना होता है |इस क्रिया में व्यक्ति का मन खुद बे खुद शांत हो जाता है चौथे दिन तक |खुद को केंद्रित करके अपने शरीर के बारे में जानने और संवेदनाओं को समझना और संतुलित करना इसके ही अंग है |
तीसरा चरण -ये अंतिम चरण है |व्यक्ति दया के प्रति प्रेम और सभी के लिए अच्छे काम करना और अपनी सब अशुद्धि भुलाकर ध्यान केंद्रित करना सीख चूका होता है |
इस तकनीक को इस समय क्या राजनेता और क्या अभिनेता और बिज़नेस मैन सब अपना रहे है | ये पुरे विश्व में प्रसिद्ध है | अगर आप सुकून चाहते है तो इसे आजमाए जरूर क्योकि हमारा काम बताना है |
#हठयोग#श्वासलेनेकीविधिपरकाबूकरके#विशेषप्रकारसेदेखना#विपश्यनासम्यक्ज्ञान#विपश्यनाक्या#विपश्यना#महात्माबुद्धकीशिक्षाओं#महात्माबुद्ध#ध्यान#भावातीत#भारतकीसबसेपुरानीयोगकीतकनीक#जीवनकीसच्चाई#जीनेकीकला#आत्मखोजात्मकयात्रा#अवलोकनआधारित#अनुशासन#vipassnameditation#vipassna#10दिवसीयप्रक्रिया
1 note
·
View note
Text
विपश्यना क्या है ?
विपश्यना :भारत की सबसे पुरानी योग की तकनीक है -
विपश्यना भारत की सबसे पुरानी ध्यान केंद्रित करने वाली तकनीक है |इसका सरल सा मतलब है की सभी चीजें को उनके वास्तविक रूप में देखना |ये एक संस्कृत शब्द है -विपश्यना= (वि + पश्य + ना)विशेष प्रकार से देखना|आज से करीब २५०० वर्ष पूर्व महात्मा बुद्ध ने इस तकनीक को पुनर्जीवित किया |महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं में से एक विपश्यना भी है। यह वास्तव में सत्य की उपासना है। सत्य में जीने का अभ्यास है। विपश्यना इसी क्षण में यानी तत्काल में जीने की कला है। भूत की चिंताएं और भविष्य की आशंकाओं में जीने की जगह भगवान बुद्ध ने अपने शिष्यों को आज के बारे में सोचने केलिए कहा।
विपश्यना :एक कला -
विपश्यना सम्यक् ज्ञान है। जो जैसा है, उसे ठीक वैसा ही देख-समझकर जो आचरण होगा, वही सही और कल्याणकारी सम्यक आचरण होगा। विपश्यना जीवन की सच्चाई से भागने की शिक्षा नहीं देता है, बल्कि यह जीवन की सच्चाई को उसके वास्तविक रूप में स्वीकारने की प्रेरणा देता है।योग साधना के तीन मार्ग प्रचलित हैं - विपश्यना, भावातीत ध्यान और हठयोग।
विपश्यना करने का सही तरीका -
मन और शरीर की सर्वसामान्य जड़ की यह अवलोकन-आधारित, आत्म-खोजात्मक यात्रा है, जो मानसिक अशुद्धता को पिघलाता है, जिसके परिणामस्वरूप एक संतुलित मन प्यार और करुणा से भरा होता है|विपश्यना अनुशासन बहुत जरुरी है और साथ में लगन |क्योकि खुद को शांत और ख़ुशी आदमी खुद के दवरा ही दे सकता है |इसलिए ये योग केवल इसे गंभीरता से लेने वाले के लिए उपयोगी होता है | ये 10 दिवसीय प्रक्रिया है |इसका पूरा एक कोड ऑफ़ डिसिप्लिन होता है जिसको तीन भागों में बाटा गया है पहला चरण - इस चरण में आपको हत्या ,चोरी ,यौन गतिविधि , गलत तरीके से बात और नशे की आदतों को छोड़ना होता है ये मन को शांत करता है |
दूसरे चरण - इस चरण में आपको अपने श्वास लेने की विधि पर काबू करके मन को शांत रखना होता है |इस क्रिया में व्यक्ति का मन खुद बे खुद शांत हो जाता है चौथे दिन तक |खुद को केंद्रित करके अपने शरीर के बारे में जानने और संवेदनाओं को समझना और संतुलित करना इसके ही अंग है |
तीसरा चरण -ये अंतिम चरण है |व्यक्ति दया के प्रति प्रेम और सभी के लिए अच्छे काम करना और अपनी सब अशुद्धि भुलाकर ध्यान केंद्रित करना सीख चूका होता है |
इस तकनीक को इस समय क्या राजनेता और क्या अभिनेता और बिज़नेस मैन सब अपना रहे है | ये पुरे विश्व में प्रसिद्ध है | अगर आप सुकून चाहते है तो इसे आजमाए जरूर क्योकि हमारा काम बताना है |
पूरा जानने के लिए -http://bit.ly/3pboxSG
#10दिवसीयप्रक्रिया#vipassna#vipassnameditation#अनुशासन#अवलोकनआधारित#आत्मखोजात्मकयात्रा#जीनेकीकला#जीवनकीसच्चाई#भारतकीसबसेपुरानीयोगकीतकनीक#भावातीत#ध्यान#महात्माबुद्ध#महात्माबुद्धकीशिक्षाओं#विपश्यना#विपश्यनाक्या#विपश्यनासम्यक्ज्ञान#विशेषप्रकारसेदेखना#श्वासलेनेकीविधिपरकाबूकरके#हठयोग
1 note
·
View note