#अदरक की चाय
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मौसम की फरमाइश थी
एक अदरक वाली चाय की
और किसी के साथ की जिसके साथ बैठ के
चाय और वो सुहानी बारिश का पल बिताए जाएं।
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चाय
Picture Credit: Alisha Ansari
चाय कब महज एक चाय हुई है
जब उबलते पानी में पत्ती घुली है
तब न जाने कितनी ही यादों से मिली है
जो रंग उतरा है इसका गरम पानी में
जैसे खुदा का नूर उतर आया है मासूम जवानी में
जब अदरक कूटकर डाला है तीन चार उबाल के बाद
खुश्क गलों की महफ़िलें बिन पिए ही हो गई हैं आबाद
चाय कब महज एक चाय हुई है
इसीके साथ किसी कि सुबह तो किसी कि शाम हुई है
इलायची की गिरियाँ जो मिली हैं जाकर
हर आमों ख़ास की अरदास हुई है
जब शक्कर के दानों को अपने आगोश में लेती है
जमाने भर की कडवाहट को काफूर यह कर देती है
चाय कब महज एक चाय हुई है
चाय पर तो न जाने कितने मसाइल हुए हैं
गिरा है दूध का कतरा जो इसकी स्याह सी रंगत पर
अमावास में यूँ लगा कि पूनम की रात हुई है
जब आई है यह प्याले में छन्नी से गुजरने के बाद
लगा कि बाबुल की बेटी अब ससुराल की हुई है
चाय कब महज एक चाय हुई है
लबों से जिसने भी लगाया
वो कहीं खो सा गया है
किसी को यार , किसी को दोस्त, किसी को प्यार , किसी अपने से तकरार बहुत याद आया है
चाय कब महज एक चाय हुई है
चाय पर मुलाकातें ,बातें ,समझौते , जीवन भर के नाते
क्या क्या नहीं हुए हैं
चाय कब महज एक चाय हुई है
चलो आज फिर चाय बनाते हैं
किसी अपने को बुलाते हैं
बैठ कर गप्पियातें हैं
��र कोई न मिले तो किसी गैर को आवाज लगाते हैं
और उसे इसी चाय के बहाने अपना बनाते हैं
चाय कब महज एक चाय हुई है
चाय कब महज एक चाय हुई है
चलो सभी फासले इसी चाय से मिटाते हैं
जो दूध की न पिए तो ब्लैक टी पिलाते हैं
जो ब्लैक टी न पिए तो उसे ग्रीन टी पिलाते हैं
जो ग्रीन टी भी न पिए तो उसे लेमन ग्रास टी पिलाते हैं
चलों सभी बिछड़ों , उखड़ों , रूठों को चाय पर बुलाते हैं
और मैं तो कहता हूँ कि हर सरहद पर एक चाय का टप्पर खुलवाते हैं
और सारी दुश्मनी , उल्फत, शिकायतें दर किनार कर चाय पीते और पिलाते हैं
चाय की चुस्कियों के साथ खुशनुमा माहौल बनाते हैं
क्यूंकि
चाय कब महज एक चाय हुई है
चाय से हमारी सुबह तो उनकी शाम हुयी है ||
रवि ��्रताप सिंह
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किसी अलसायी सी दोपहर के बाद ढलती हुई शाम के साथ आना
नुक्कड़ के दुकान से अपने पसंद के समोसे साथ ले आना
आते ही ये कह कर समोसे गरम है रसोई से मेरी पसंद के गुड़ और अदरक वाली चाय बना लाना
मैं अगर ना भी पुछु तो पिछले हफ्ता कैसा बीता ये बताना ये भी बताना, आज इधर आना कैसे हुआ करना इधर उधर की बाते करना फिर जिक्र थोड़ी बाजार के उथल पुथल की करना क्रिकेट पे कुछ बताना और थोड़ी राजनीती और प्रौद्योगिकी भी हाल सुनाना
हलकी सी मुस्कान के साथ चाय की चुस्की लेते हुए सब सुनकर भी चुप रहूं तो मेरी आँखों को धुप से बचाते हुए बालकनी के परदे खिसका हर मेरी बगिया का हाल पूछना, मुझसे गुलमोहर और हारश्रिंगार पूछना बारिश, संगीत और मेज पे पड़ी किताब के बारे में पूछना
यकीनन बोल पडूँगी, अलसायी सी दोपहर के बाद भी
फिर चढ़ती रात से पहले ये कहते हुए, इस बार बर्तन तुम धो लेना तुम विदा लेना और फिर किवाड़ से मुड़ के ये कहते जाना की ढलती शाम संग मैं हर दिन यहाँ लौट आना चाहता हूँ, यहाँ से जाना नहीं
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पोचा और टेस्टी थेपला बनाना चाहते हैं? यहाँ नुस्खा
थेपला रेसिपी: थेपला एक ऐसी चीज़ है जिसका आनंद हमेशा चाय, दही, अचार, मुरब्बा या चटनी के साथ लिया जाता है। हालाँकि, अगर यह बैग बहुत ढीला और गर्म है, तो इसके बारे में बात नहीं की जाएगी। आज हम बिल्कुल पोचा थेपला बनाने की रेसिपी बताएंगे. आटा गूंथते समय उबले हुए आलू डालना न भूलें. परीक्षा अलग होगी. बैग बनाने की सामग्री गेहूं का आटा, हरी मेथी, दो उबले आलू धनिया, बेसन, हरी मिर्च, लहसुन, अदरक, सफेद…
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घरेलू नुस्खा का उपयोग कर के स्पर्म काउंट कैसे बढ़ाएं ?
स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे और जीवनशैली में बदलाव मदद कर सकते हैं। हालांकि, यह महत्���पूर्ण है कि किसी भी समस्या या चिंता के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। यहाँ कुछ घरेलू नुस्खे हैं:
1. सहिजन (Moringa) का सेवन:
सहिजन की पत्तियों में कई पोषक तत्व होते हैं जो पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। आप इसे सलाद में या चाय के रूप में ले सकते हैं।
2. अखरोट:
अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो स्पर्म के स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। रोजाना एक मुट्ठी अखरोट का सेवन करें।
3. अदरक:
अदरक की जड़ में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं, जो शक्ति बढ़ा सकते हैं। आप अदरक की चाय या कच्चा अदरक खा सकते हैं।
4. केला:
केला में ब्रोमेलिन होता है, जो टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकता है। इसे रोजाना अपने आहार में शामिल करें।
5. गाजर:
गाजर में विटामिन ए होता है, जो स्पर्म उत्पादन में सहायक होता है। इसे सलाद या जूस के रूप में लें।
6. दूध और डेयरी उत्पाद:
दूध और उसके उत्पाद, जैसे दही और पनीर, प्रोटीन और कैल्शियम के अच्छे स्रोत होते हैं, जो प्रजनन स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं।
7. लहसुन:
लहसुन में एलिसिन होता है, जो रक्त प्रवाह को बढ़ाता है और यौन स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है। इसे कच्चा या भोजन में डालकर सेवन कर सकते हैं।
8. ध्यान और योग:
तनाव भी स्पर्म काउंट को प्रभावित कर सकता है। ध्यान और योग करने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
9. स्वस्थ जीवनशैली:
नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और संतुलित आहार का पालन करें। धूम्रपान, शराब और ड्रग्स से दूर रहें।
10. पानी पीना:
शरीर को हाइड्रेटेड रखना भी आवश्यक है। उचित मात्रा में पानी पिएं।
नोट:
यदि आप लंबे समय तक समस्या का अनुभव कर रहे हैं या स्पर्म काउंट को बढ़ाने ��े उपायों का कोई असर नहीं दिख रहा है, तो चिकित्सकीय सलाह लेना महत्वपूर्ण है। डॉक्टर उचित परीक्षण और सलाह देकर आपकी मदद कर सकते हैं।
Advocate Karan Singh (Kanpur Nagar) [email protected] 8188810555, 7007528025
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खांसी में बलगम आ रहा है इसे घर पर कैसे ठीक करूं?
खांसी में बलगम आने की समस्या को घर पर ठीक करने के लिए आप कुछ प्राकृतिक और घरेलू उपाय आजमा सकते हैं। ये उपाय बलगम को निकालने और गले की सफाई में ��दद करेंगे। नीचे दिए गए उपायों को अपने दिनचर्या में शामिल करें:
1. गुनगुना पानी पिएं (Warm Water)
दिनभर गुनगुना पानी पिएं। यह बलगम को पतला करने और गले से बाहर निकालने में मदद करता है।
2. भाप लें (Steam Inhalation)
गर्म पानी में कुछ बूंदे यूकेलिप्टस ऑयल डालकर भाप लें। यह साइनस को खोलने और बलगम निकालने में मदद करता है।
3. अदरक और शहद (Ginger & Honey)
अदरक का रस निकालकर उसमें शहद मिलाएं और दिन में 2-3 बार लें। अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गले को राहत देते हैं।
4. हल्दी वाला दूध (Turmeric Milk)
रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में एक चुटकी हल्दी डालकर पिएं। हल्दी एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर होती है।
5. नमक वाले पानी से गरारे (Salt Water Gargle)
गुनगुने पानी में चुटकीभर नमक डालकर दिन में 2-3 बार गरारे करें। यह गले में जमी बलगम को निकालने में मदद करता है।
6. मुलेठी (Mulethi)
मुलेठी चूसें या मुलेठी की चाय पिएं। यह गले की सूजन कम करने और बलगम को ढीला करने में मदद करता है।
7. तुलसी और काली मिर्च (Tulsi & Black Pepper)
तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालें और उसमें काली मिर्च डालें। इस पानी को चाय की तरह पिएं। यह बलगम को हटाने में मदद करता है।
8. फलों का रस (Citrus Juices)
विटामिन सी युक्त फलों जैसे नींबू, संतरा, या मौसमी का रस पिएं। यह इम्यूनिटी बढ़ाता है और बलगम को कम करता है।
9. पर्याप्त आराम करें (Rest)
शरीर को आराम दें और ज्यादा काम करने से बचें। पर्याप्त नींद से शरीर जल्दी रिकवर करता है।
10. तेज मसाले (Spices)
हल्का मसालेदार खाना, जैसे मिर्च या अदरक, बलगम को जल्दी बाहर निकालने में मदद करता है।
यदि समस्या एक हफ्ते से ज्यादा बनी रहे, या बलगम में खून दिखाई दे, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
Contact us For more information:
Dr Premchandani's GI Surgery Clinic | Dr Dhiraj Premchandani Gastrointestinal & Laparoscopic Surgeon in Raipur
Dr Premchandani's GI Surgery Clinic | Dr Dhiraj Premchandani Gastrointestinal & Laparoscopic Surgeon in Raipur
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Call : 91659 43000
Address: 1st floor, NAVBODH TOWER, beside INDIAN OIL PETROL PUMP, Geetanjali Colony, Shankar Nagar, Raipur, Chhattisgarh 492001
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Jukam Ka Desi Ilaj
जुकाम का देसी इलाज ( jukam ka desi ilaj )घरेलू उपायों से किया जा सकता है, जो बिना किसी साइड इफेक्ट के राहत देते हैं। अदरक और शहद का मिश्रण, हल्दी वाला दूध, तुलसी की चाय और भाप लेना कुछ प्रभावी उपचार हैं। गर्म पानी से गरारे और काढ़ा पीने से भी सर्दी के लक्षण कम हो सकते हैं। ये उपाय इम्यूनिटी बढ़ाते हैं और सर्दी-खांसी जैसी समस्याओं से जल्दी राहत दिलाते हैं।
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सर्दी और खांसी के लिए प्रभावी आयुर्वेदिक घरेलू उपचार
सर्दी और खांसी दुनिया भर में लोगों को प्रभावित करने वाली सबसे आम बीमारियों में से एक है, खासकर मौसमी बदलावों के दौरान। जबकि पारंपरिक चिकित्सा त्वरित राहत प्रदान करती है, आयुर्वेद प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान प्रदान करता है जो न केवल लक्षणों को कम करता है बल्कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को भी मजबूत करता है। यह लेख सर्दी और खांसी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सिद्ध आयुर्वेदिक उपचारों पर चर्चा करता है।
सर्दी और खांसी का कारण क्या है?
सर्दी और खांसी वायरल संक्रमण, एलर्जी, मौसम में बदलाव या कमजोर प्रतिरक्षा जैसे विभिन्न कारकों से शुरू हो सकती है। आयुर्वेद के अनुसार, ये बीमारियाँ मुख्य रूप से कफ दोष में असंतुलन के कारण होती हैं। जब कफ बढ़ जाता है, तो यह श्वसन पथ में बलगम जमा होने की ओर ले जाता है, जिससे कंजेशन, खांसी और गले में जलन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
सर्दी और खांसी से निपटने के लिए आयुर्वेदिक उपचार
1. तुलसी (पवित्र तुलसी) की चाय: एक शक्तिशाली प्रतिरक्षा बूस्टर
तुलसी अपने एंटीवायरल, जीवाणुरोधी और विरोधी भड़काऊ गुणों के लिए जानी जाती है। यह कफ को खत्म करके और प्रतिरक्षा को बढ़ाकर श्वसन प्रणाली को साफ करने में मदद करती है।
बनाने की विधि:
10-12 ताज़ी तुलसी की पत्तियाँ लें।
इन्हें 2 कप पानी में तब तक उबालें जब तक कि तरल आधा न रह जाए।
चाय को छान लें, उसमें शहद मिलाएँ और राहत के लिए दिन में दो बार पिएँ।
2. अदरक और शहद: प्रकृति की सूजन-रोधी जोड़ी
अदरक एक शक्तिशाली सूजन-रोधी एजेंट है जो गले को आराम पहुँचाने, सूजन को कम करने और खाँसी को कम करने में मदद करता है। शहद के साथ मिलाने पर, यह एक शक्तिशाली मिश्रण बनाता है जो बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है।
उपयोग करने की विधि:
एक चम्मच ताज़ा अदरक को कद्दूकस कर लें।
इसे ��क चम्मच शहद के साथ मिलाएँ।
जल्दी राहत के लिए इसे दिन में 2-3 बार पिएँ।
3. हल्दी वाला दूध: स्वर्ण अमृत
हल्दी में करक्यूमिन होता है, जिसमें मजबूत एंटीवायरल और सूजन-रोधी गुण होते हैं। हल्दी वाला दूध पीने से न केवल गले की खराश दूर होती है बल्कि वायरल संक्रमण से लड़ने में भी मदद मिलती है।
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सिर में चोट लगने पर घरेलू उपाय के रूप में सबसे पहले आराम करें और चोट पर बर्फ का सेक करें ताकि सूजन कम हो। हल्का दर्द होने पर हल्दी और दूध का सेवन करें, जो प्राकृतिक रूप से सूजन और दर्द को कम करता है। दर्द बढ़ने पर डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है। इसके अलावा अदरक और तुलसी की चाय पीने से भी राहत मिल सकती है।
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बिछुआ चाय का जादू: इसके फायदों का अवलोकन और इसे बनाने का तरीका
बिछुआ चाय क्या है?
परिचय
स्वास्थ्य पेय उद्योग में बिछुआ चाय एक छिपा हुआ रत्न है। यह कभी-कभी अधिक लोकप्रिय जड़ी-बूटियों द्वारा ग्रहण कर लिया जाता है। स्टिंगिंग नेटल (अर्टिका डियोइका) की पत्तियों से बनी इस स्वादिष्ट हर्बल चाय के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। बिछुआ चाय अपनी पोषण संबंधी बहुमुखी प्रतिभा और पारंपरिक चिकित्सा में ऐतिहासिक उपयोग के कारण स्वास्थ्य प्रेमियों के बीच प्रसिद्ध हो गई है।
इस ब्लॉग में हम आपको बिछुआ चाय बनाने का आदर्श तरीका बताने जा रहे हैं। इसमें बिछुआ चाय के सात आश्चर्यजनक लाभों पर भी प्रकाश डाला गया है जो अपने स्वस्थ आहार में सुधार करने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति को निश्चित रूप से आज़माना चाहिए।
बिछुआ चाय कैसे बनाएं
सामग्री
- ताजी या सूखी बिछुआ पत्तियां (1-2 चम्मच सूखी या एक मुट्ठी ताजी)
- 2 कप पानी
- वैकल्पिक: स्वाद के लिए शहद, नींबू या अदरक
निर्देश
कटाई या खरीदारी - यदि आप ताजी बिछुआ का उपयोग कर रहे हैं तो दस्ताने पहनें और पत्तियों को सावधानी से काटें। यदि आप हेल्थ फ़ूड स्टोर्स या ऑनलाइन में सूखे बिछुआ पत्तों की तलाश करना चाहते हैं।
तो आप हिमालयन मोनाल एग्रो की वेबसाइट से खरीद सकते हैंhttp://www.himalayanmonals.com
पानी उबालें - एक बर्तन में 2 कप पानी उबालें।
केतली में बिछुआ की पत्तियां डालें - उबलते ��ानी में बिछुआ की पत्तियां डालें। आंच कम करें और 10 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं
एक छलनी डुबोएं, चाय बनाएं और पत्तियां निकाल दें।
स्वाद - स्वाद बढ़ाने के लिए शहद, नींबू या अदरक मिलाएं।
आनंद लें - ठंडे पेय के लिए गर्म या आइस्ड नेटल चाय की चुस्की लें
बिछुआ चाय के स्वास्थ्य लाभ
पोषक तत्वों से भरपूर - बिछुआ चाय विटामिन ए, सी, के और विटामिन बी से भरपूर होती है। जिसमें आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे खनिज शामिल हैं।
सूजन रोधी गुण - बिछुआ में ऐसे यौगिक होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसलिए, यह गठिया या अन्य सूजन संबंधी स्थितियों वाले लोगों के लिए फायदेमंद है।
पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है - चाय पाचन में मदद कर सकती है और अक्सर इसका उपयोग सूजन और गैस से राहत पाने के लिए किया जाता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली के कामकाज में सुधार करता है - उच्च मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट के साथ। बिछुआ चाय इस प्रकार आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकती है और बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकती है।
त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है - बिछुआ एक्जिमा और मुँहासे जैसी त्वचा की स्थिति में सुधार करने की क्षमता के लिए जाना जाता है, इसके सूजनरोधी और रोगाणुरोधी गुणों के लिए जाना जाता है ।
पथरी में लाभ दायक - बिछुआ में गुण होते हैं जो किडनी के कार्य को समर्थन देने के कार्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।
एलर्जी के लक्षणों से राहत दिला सकता है - कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि स्टिंगिंग नेटल हे फीवर और अन्य एलर्जी के लक्षणों से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। क्योंकि इसमें एंटीहिस्टामाइन गुण होते हैं।
निष्कर्ष
"बिछुआ चाय एक स्वादिष्ट, स्वास्थ्य वर्धक पेय है जो आपकी दैनिक दिनचर्या में आपके स्वास्थ्य के लिए लाभ है। इसे बनाना न केवल आसान है, बल्कि इसके ढेर सारे फायदे भी इसे आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए एक शक्तिशाली सहयोगी बनाते हैं।
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दिन में कई बार पीते हैं अदरक की चाय तो हो जाएं सावधान! फायदे की जगह हो सकते हैं ये नुकसान
Image Source : FREEPIK अदरक की चाय ठंड के दिनों में अदरक की चाय पीना सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। सुबह की चाय में अगर अदरक न पड़ा हो तो मजा नहीं आता। अदरक को सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है, लेकिन ज्यादा अदरक की चाय सेहत के लिए फायदेमंद होने की बजाय नुकसानदायक साबित हो सकती है। अदरक की चाय का ज्यादा सेवन पेट जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकती है। इसके अलावा ज्यादा अदरक वाली चाय आपका बीपी भी…
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*🚩🏵️ॐगं गणपतये नमः🏵️ 🚩*
🌹 *सुप्रभात जय श्री राधे राधे*🌹
📖 *आज का पंचांग, चौघड़िया व राशिफल (सप्तमी तिथि)*📖
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
#वास्तु_ऐस्ट्रो_टेक_सर्विसेज_टिप्स
#ह���_सबका_स्वाभिमान_है_मोदी
#योगी_जी_हैं_तो_मुमकिन_है
#देवी_अहिल्याबाई_होलकर_जी
#योगी_जी
#bageshwardhamsarkardivyadarbar
#kedarnath
#badrinath
#JaiShriRam
#yogi
#jodhpur
#udaipur
#RSS
#rajasthan
#hinduism
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
दिनांक :-11-अगस्त-2024
वार :------रविवार
तिथी :---07सप्तमी (अहोरात्र)
पक्ष:--------शुक्लपक्ष
माह:--------श्रावण
नक्षत्र:-----स्वाती (अहोरात्र)
योग:-----शुभ:-15:48
करण:-----गर:-18:54
चन्द्रमा:---तुला
सूर्योदय:-----06:12
सूर्यास्त:------19:13
दिशा शूल------पश्चिम
निवारण उपाय:---जौं या पान का सेवन
ऋतु :---------वर्षा ऋतु
गुलीक काल:---16:00से 17:36
राहू काल:---17:36से19:12
अभीजित---11:55से12:45
विक्रम सम्वंत .........2081
शक सम्वंत ............1946
युगाब्द ..................5126
सम्वंत सर नाम:---कालयुक्त
🌞चोघङिया दिन🌞
चंचल:-07:48से09:26तक
लाभ:-09:26से11:04तक
अमृत:-11:04से12:42तक
शुभ:-14:22से16:00तक
🌗चोघङिया रात🌓
शुभ:-19:13से20:36तक
अमृत:-20:36से22:00तक
चंचल:-22:00से23:23तक
लाभ :-02:05से03:28तक
शुभ :-04:50से06:13तक
🙏आज के विशेष योग🙏 वर्ष का 125वाँ दिन, शीतला सप्तमी (सिंध प्रांत), आदित्य पूजन, भ��नु सप्तमी, वैधृति महापात 10:14 से14:53, कल्याणधणी डिग्गीपुरी पदयात्रा प्रारंभ (05दिन, जयपुर),
🌺👉 टिप्स 👈🌺
श्रावण मास में दही का सेवन ना करे।
सुविचार
ज़िन्दगी में मनुष्य के आँखे बन्द करने से कभी मुसीबत नही टला करती है, बल्कि उस मुसीबत का सामना करने से मनुष्य की आँखे खुला करती हैं।👍 सदैव खुश मस्त स्वास्थ्य रहे।
राधे राधे वोलने में व्यस्त रहे।
*💊💉आरोग्य उपाय🌱🌿*
*प्रदूषण से सेहत बचाने के आयुर्वेदिक उपाय -*
⚫.दिन में दो बार अदरक की चाय पीना फायदेमंद है। आधा चम्मच अदरक के रस में आधा चम्मच शहद मिलाकर लें। अदरक इम्यूनिटी को बढ़ाती है और सांस से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद है।
⚫. गले में खराश महसूस हो रही हो तो अदरक का काढ़ा पिएं। एक ��िलास में छोटा-सा अदरक का टुकड़ा बारीक काटकर, 4-5 पत्ते तुलसी और 2-3 दाने काली मिर्च के मिलाकर दो कप पानी में उबालें। पानी आधा रह जाए तो छानकर पी लें। ऐसा दिन भर में 2-3 बार करें। इससे गले की खराश कम होगी और श्वसन तंत्र दुरुस्त होगा। अगर बलगम की शिकायत है तो उस काढ़े में थोड़ा रॉक सॉल्ट मिला लें।
*🐏🐂 राशिफल🐊🐬*
🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
सरकारी कामकाज में वृद्धि के योग हैं। बाधाएं समाप्त होंगी। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। नए उपक्रम प्रारंभ हो सकते हैं। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। पार्टनरों से मतभेद दूर होंगे। जल्दबाजी से बचें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
नए मित्रों से लाभ होगा। ऐश्वर्य के साधन प्राप्त होंगे। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल होगी। धनार्जन होगा। जीवन सुखद व्यतीत होगा। व्यापार-व्यवसाय, निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
आवागमन में विशेष सावधानी रखें। चोट लग सकती है। विवाद से बचें। कार्यक्षमता में कमी रहेगी। भावना में बहकर कोई निर्णय न लें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। दूसरों की अपेक्षाएं बढ़ेंगी। तनाव रहेगा।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलेगी। तनाव रहेगा। थकान रह सकती है। रुका हुआ धन प्राप्ति के योग हैं। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। नए काम मिलेंगे। धन प्राप्ति सुगम होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
जीवनसाथी का सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा। कार्य की बाधा दूर होगी। नौकरी में चैन रहेगा। निवेश लाभदायक रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण निर्मित होगा।
👩🏻🦰 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
सही बात का भी विरोध हो सकता है। हित शत्रुओं से सावधान रहें। संपत्ति का कोई बड़ा सौदा बड़ा लाभ दे सकता है। प्रयास भरपूर करें। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। दुष्टजनों से दूर रहें। परिवार के किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
किसी रचनात्मक कार्य में सफलता प्राप्त होगी। मन में नए विचार आएंगे। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक हो सकती है। स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। किसी तरह से धनहानि के योग हैं। सावधानी रखें।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। तनाव व चिंता बने रहेंगे। अप्रसन्नतादायक सूचना प्राप्त हो सकती है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। पुराना रोग बाधा का कारण बन सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। भागदौड़ रहेगी। धनार्जन होगा।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
अचानक बड़ा खर्च होगा। यात्रा में जल्दबाजी न करें। किसी अपने ही व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। लेन-देन में धोखा खा सकते हैं। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। व्यर्थ भागदौड़ से खिन्नता रहेगी। व्यापार-व्यवसाय से आवक बनी रहेगी।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। घर-बाहर सभी ओर से सहयोग प्राप्त होगा। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। आत्मविश्वास बना रहेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। कारोबार अच्छा चलेगा। जल्दबाजी न करें।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
दांपत्य जीवन सुखमय रहेगा। मित्रों के सहयोग से कार्य की बाधा दूर होगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। कोई बड़ा कार्य करने की इच्छा पूर्ण हो सकती है। घर-बाहर सभी ओर से सफलता प्राप्त होगी। लाभ होगा।
🐡 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
प्रयास सफल रहेंगे। सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा प्राप्त होगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। पारिवारिक सहयोग से कार्य बनेंगे। जीवन सुखद व्यतीत होगा। आय में वृद्धि होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। थकान रह सकती है।
※══❖═══▩राधे राधे▩═══❖══※
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CM Dhami in Nainital : सुबह की सैर पर निकले धामी; आम लोगों से किया संवाद
नैनीताल। CM Dhami in Nainital : प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मॉर्निंग वॉक के दौरान आम लोगों से मुलाकात की। चाय की दुकान पर रुककर खुद अपने हाथ से अदरक कूटकर चाय बनाने में सहयोग किया। इसी बीच मैदान में खेल रहे खिलाड़ियों के पास जाकर उन्होंने उनकी समस्याएं पूछीं और उनके त्वरित निस्तारण के निर्देश अधिकारियों को दिए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने बीपी पाण्डेय अस्पताल का औचक निरीक्षण…
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सुबह की सैर पर निकले धामी ने खुद बनाई अदरक की चाय, आम लोगों से किया सीधा संवाद, सुशासन और पारदर्शी प्��शासन की दिशा में और कदम उठाए जाने को ले��र लिए सुझाव
मैदान में खिलाड़ियों के बीच पहुंचे, समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को तत्काल निस्तारण के दिए निर्देश बीडी पाण्डेय अस्पताल का औचक निरीक्षण किया, मरीजों से मुलाकात की, कुशलक्षेम पूछी और अस्पताल प्रबंधन को दिए स्वास्थ्य सेवाओं में निरन्तर सुधार के निर्देश नैनीताल। नैनीताल प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मॉर्निंग वॉक के दौरान आम लोगों से मुलाकात की। चाय की दुकान पर रुककर खुद अपने…
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सामान्य पाचन समस्याओं के लिए शीर्ष 10 घरेलू उपचार
आजकल, कई लोग पाचन संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जैसे पेट दर्द, गैस, कब्ज और अपच। ये समस्याएँ अक्सर हमारी खान-पान की आदतों और जीवनशैली से जुड़ी होती हैं। यदि आप भी इन समस्याओं से परेशान हैं, तो यहां हम कुछ सरल और प्रभावी घरेलू उपचार साझा कर रहे हैं।
1. अदरक
अदरक एक प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी है जो पाचन में मदद करता है। अदरक की चाय पीने से पेट दर्द और गैस से राहत मिलती है। एक कप गर्म पानी में अदरक का टुकड़ा डालकर उबालें और पी लें।
2. पुदीना
पुदीने की पत्तियाँ पेट के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं। पुदीने की चाय या पत्तियों का रस पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है।
3. नींबू पानी
नींबू पानी पाचन तंत्र को संतुलित रखने में मदद करता है। एक गिलास गर्म पानी में नींबू का रस और थोड़ा शहद मिलाकर सुबह-सुबह पीने से फायदा होता है।
4. दही
दही में प्रॉबायोटिक्स होते हैं जो आंतों के स्वास्थ्य को सुधारते हैं। रोजाना एक कटोरी दही का सेवन करना पाचन समस्याओं से राहत दिला सकता है।
5. जीरा
जीरा पाचन में मदद करता है। इसे ताजा पानी में उबालकर पीने से गैस और अपच की समस्याओं से राहत मिलती है।
6. हल्दी
हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से पाचन तंत्र को स्वस्थ रखा जा सकता है।
7. फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ
फाइबर युक्त भोजन जैसे दलिया, फल और सब्जियाँ कब्ज को रोकने में मदद करते हैं। अप��ी डाइट में फाइबर शामिल करना न भूलें।
8. हाइड्रेशन
पर्याप्त मात्रा में पानी पीना पाचन के लिए बहुत जरूरी है। यह विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और पाचन क्रिया को सुधारता है।
9. योग और व्यायाम
नियमित योग और व्यायाम पाचन तंत्र को सुचारू रखता है। कुछ सरल आसनों जैसे पवनमुक्तासन और भुजंगासन से पेट की समस्याओं में सुधार हो सकता है।
10. तनाव प्रबंधन
तनाव पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है। ध्यान, प्राणायाम और मानसिक आराम से तनाव को कम करने में मदद मिलती है।
कब संपर्क करें चिकित्सक से?
यदि घरेलू उपायों के बाद भी आपकी पाचन संबंधी समस्याएं बनी रहती हैं, तो आपको एक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विशेषज्ञ रायपुर से परामर्श करना चाहिए। वे आपकी समस्या का सही निदान करेंगे और उचित उपचार की सलाह देंगे। रायपुर में सर्वश्रेष्ठ गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉक्टर की मदद लेना हमेशा एक अच्छा विकल्प है, खासकर जब पाचन की समस्याएँ गंभीर हो जाती हैं।
निष्कर्ष
गृह उपचार सरल और प्रभावी होते हैं, लेकिन यदि समस्याएँ बनी रहती हैं तो विशेषज्ञ की सलाह लेना आवश्यक है। अपने पाचन तंत्र का ध्यान रखें और इन घरेलू उपायों को अपनाएं। एक स्वस्थ पाचन तंत्र न केवल आपके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, बल्कि आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है।
इन उपायों को अपनाने से न केवल आप पाचन संबंधी समस्याओं से निजात पाएंगे, बल्कि अपनी जीवनशैली को भी स्वस्थ बनाएंगे। हमेशा याद रखें, स्वस्थ आंतें, स्वस्थ जीवन!
Read More: आंतों की सेहत: एक खुशहाल पाचन तंत्र को बनाए रखने के उपाय
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मेरी चाय की दुकान की सोच
ब्लॉग - मेरी चाय की दुकान की सोच अदरक, कालीमिर्च, चायमसाला और चायपत्ती प्रति कप कितनी मिलानी है ... यह सब इतना कर लिया है कि एक थीसिस लिख सकता हूं। और बात केवल चाय बना सकने की नहीं है। चाय प्रेम भी प्रकृति प्रेम से कम नहीं है।
मैं अढ़सठ साल का हो चुका हूं। छ महीने में उनहत्तर का हो जाऊंगा। मेरी कैरीयर की जद्दोजहद का काल पूरा हो चुका है। मैं अपनी कॉलिंग की छटपटाहट अनुभव करता हूं। कॉलिंग जिसमें रुचि हो, ध्येय हो और जिसमें अर्थ कम परमार्थ अधिक हो। साइकिल चलाना और घर में गोल गोल चलाते हुये पुस्तक सुनना उसी का एक हिस्सा है। अपना स्वास्थ्य सुधार कर शरीर और मन को आने वाले समय के लिये तैयार करना उसी तैयारी का भाग है। पर वह…
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