#अटल पेंशन योजना
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Atal Pension Yojana 2024: आपकी रिटायरमेंट को सुरक्षित करने का बेहतर तरीका
Atal Pension Yojana की शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री ने 1 जून 2015 को की थी। इसका उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को बुढ़ापे में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। इस योजना के तहत, 60 वर्ष की उम्र पूरी होने पर लाभार्थियों को ₹1000 से ₹5000 तक की मासिक पेंशन मिलती है। पेंशन की राशि लाभार्थी की आयु और निवेश पर निर्भर करती है। क्या है अटल पेंशन योजना 2024? Atal Pension Yojana के तहत 18 से 40 वर्ष…
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सरकारी योजनाओं और नौकरियों की ताज़ा जानकारी
1. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना: युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना युवाओं को विभिन्न कौशल में प्रशिक्षित करती है ताकि वे रोजगार के नए अवसर पा सकें। मुख्य लाभ:
मुफ्त कौशल प्रशिक्षण।
प्रमाणपत्र और नौकरी के अवसर।
अधिक जानकारी के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना पर जाएं। Source link: मुख्य स्रोत
2. सरकारी नौकरी की तैयारी कैसे करें: बेस्ट टिप्स और गाइड
सरकारी नौकरी की तैयारी के लिए सही मार्गदर्शन और रणनीति बहुत ज़रूरी है। मुख्य बातें:
टाइम मैनेजमेंट और सही अध्ययन सामग्री।
नियमित मॉक टेस्ट और रिवीजन।
विस्तृत जानकारी सरकारी नौकरी की तैयारी कैसे करें पर पढ़ें। Source link: मुख्य स्रोत
3. अटल पेंशन योजना: असंगठित श्रमिकों के लिए पेंशन सुविधा
अटल पेंशन योजना का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को वृद्धावस्था में पेंशन की सुविधा देना है। मुख्य लाभ:
नियमित पेंशन की सुविधा।
सरल और त्वरित आवेदन प्रक्रिया।
जानें कैसे करें आवेदन अटल पेंशन योजना पर। Source link: मुख्य स्रोत
4. रेलवे भर्ती 2024: महत्वपूर्ण तिथियां और आवेदन प्रक्रिया
रेलवे में नौकरी करने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए 2024 की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मुख्य बिंदु:
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया।
विभिन्न पदों के लिए योग्यता और चयन प्रक्रिया।
अधिक जानकारी के लिए रेलवे भर्ती 2024 पर जाएं। Source link: मुख्य स्रोत
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UPS vs NPS : यूनिफाइड पेंशन स्कीम से लाख गुना बेहतर हो सकती थी एनपीएस, गड़बड़ी कहां हुई?
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को अटल बिहारी वाजपेयी सरकार लाई थी। 2009 में इसे निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी खोल दिया गया। इसका मकसद पुरानी पेंशन योजना (OPS) की जगह लेना था जो सरकारी खजाने पर भारी बोझ डाल रही थी। हालांकि सरकारी कर्मचारियों ने इसका शुरू से ही विरोध किया जो अब तक जारी था। यही वजह है कि सरकार अब यूनिफाइड पेंशन स्कीम लाई है। सरकार ने हाल ही में यूनिफाइड पेंशन योजना (यूपीएस) नाम…
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रिटायरमेंट के बाद पेंशन का लाभ पाने के लिए अभी से इन स्कीमों में निवेश करना करें शुरू : Pension Scheme for Investment
News Desk | Pension Scheme for Investment : नौकरी के साथ साथ भविष्य की प्लैनिंग कर लेना भी काफी जरूरी हो जाता है क्युकी जब रिटायरमेंट का समय आता है उसके बाद आप फिर से नौकरी नहीं कर सकते है क्युकी तब तक आपकी आयु 60 वर्ष तक हो जाती है और इस उम्र में ज्यादा काम नहीं किया जा सकता है ऐसे में यह जरूरी हो जाता है की रिटायरमेंट के बाद पैसों का लाभ पाते रहने के लिए नौकरी के साथ निवेश करना शुरू कर देना चाहिए ।
इन स्कीमों में निवेश कर मिलेगा पेंशन का लाभ
रिटायरमेंट के बाद पेंशन का लाभ पाने के लिए आप बताए गए स्कीम में निवेश कर सकते है जो की खास तौर पर पेंशन का लाभ देने के लिए बनाया गया है जिसमे आप अटल पेंशन स्कीम से लेकर नेशनल पेंशन स्कीम तक निवेश कर सकते है । नेशनल पेंशन योजना में प्राइवेट कर्मचारी भी क�� सकते है निवेश नेशनल पेंशन स्कीम का लाभ पहले केवल सरकारी कर्मचारियों को दिया जाता था लेकिन अब इसका लाभ प्राइवेट क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को भी दिया जाता है इस स्कीम में 18 से लेकर 70 वर्ष की आयु तक निवेश कर सकते है जिसमे निवेश किए गए पैसे में 60 फीसदी पैसे का लाभ पहले दे दिया जाता है बाकी 40 फीसदी पैसे का लाभ आपको आपके रिटायरमेंट के समय में पेंशन के रूप में दिया जाता है । राष्ट्रीय पेंशन योजना के फ्रेमवर्क पर आधारित पेंशन योजना सरकार ने नौकरी पेशे व्यक्तियों के लिए अटल पेंशन योजना कि शुरुआत की थी जो की राष्ट्रीय पेंशन योजना के फ्रेमवर्क पर आधारित है इस योजना में 60 वर्ष की आयु तक निवेश कर सकते है जिसमे आपके निवेश किए गए पैसे के आधार पर आपको 1000 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक की राशि रिटायरमेंट के समय पर पेंशन के रूप में दी जाती है । कर्मचारियों का बनाया जाता पीएफ अकाउंट पेंशन के लिए नौकरी पेशे व्यक्तियों का कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के द्वारा पीएफ अकाउंट बनाया जाता है जिसमे कर्मचारियों के वेतन का 12% हिस्सा इस पेंशन में निवेश किया जाता है कर्मचारी जितने पैसे का निवेश करते है उतने ही पैसे का निवेश आपकी कंपनी आपके अकाउंट में करती है जिससे की निवेश की रकम डबल हो जाती है जिसका लाभ आपको आपके रिटायरमेंट के समय पर दिया जाता है । Read the full article
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अटल पेंशन योजना क्या है और इसके क्या लाभ हैं?
अटल पेंशन योजना क्या है और इसके क्या लाभ हैं? अटल पेंशन योजना (APY) भारत सरकार की एक सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसका उद्देश्य गरीब असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को उनके वृद्धावस्था में नियमित पेंशन प्रदान करना है। यह योजना उन सभी भारतीय नागरिकों के लिए खुली है, जिनकी आयु 18 से 40 वर्ष के बीच है और जो किसी अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना के सदस्य नहीं हैं। APY के तहत, अंशधारक को अपनी पसंद के अनुसार…
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APY Calculation New Rule in 2023 |अटल पेंशन योजना की गणना क्या है और इससे कैसे फ़ायदा मिल सकता है?
अटल पेंशन योजना या एपीवाई एक सरकारी पेंशन स्कीम है, जिसमें निवेश कर आप अपना बुढ़ापा सुरक्षित कर सकती हैं. मूल रूप से ये स्कीम असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले गरीब, वंचित श्रमिकों को ध्यान में रखकर शुरू किया गया है. आइए जानते हैं क्या है यह योजना और इसका फ़ायदा कैसे उठाया जा सकता है?
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#APYregistration#APYIndia#AtalPensionScheme#GovernmentPensionScheme#NationalPensionSystem#PensionYojana
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अटल पेंशन योजना कैसे प्राप्त करे👍 How to get Atal pension yojna ?
अटल पेंशन योजना(Atal pension yojna) 2015-16 में शुरुआत की गई एक सरकारी पहल है। इस सामाजिक सुरक्षा योजना का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के किसानो को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन देना है। इस योजना के तहत, सरकार उम्मीदवारों को मासिक योगदान करने के लिए प्रोत्साहित करती है। यह ₹1000 से 5000 तक की मासिक पेंशन प्राप्त करके 60 वर्ष (60 years)की आयु में वित्तीय स्थिरता को सुरक्षित करने में मदद करता है।क्या…
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जाने क्या? है अटल पेंशन योजना योग्यता,लाभ
जाने क्या? है अटल पेंशन योजना योग्यता,लाभ #chhttisgarhnews #govtschem #narendramodi #sarkariyojna
भारत सरकार कामकाजी गरीबों की वृद्धावस्था आय सुरक्षा के बारे में चिंतित है और उनकी सेवानिवृति हेतु बचत करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित एवं सक्षम बनाने पर केंद्रित है। इस योजना के तहत असंगठित क्षेत्र में कामगारों के बीच दीर्घायु जोखिमों को दूर करने और असंगठित क्षेत्र के कामगारों को उनकी सेवानिवृत्ति के लिए स्वेच्छा से बचत करने के लिए प्रोत्साहित करना है । इसलिए भारत सरकार ने 2015-16 के बजट में अटल…
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Atal Pension Yojana Benefits: मजदूरों को हर महीने 5000 रुपए देगी सरकार, आज ही खुलवाएं खाता
Atal Pension Yojana Benefits नई दिल्ली: Atal Pension Yojana Benefits केंद्र एवं राज्य की सरकार देश की जनता को आर्थिक फायदा पहुंचाने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं में से एक अटल पेंशन योजना है, जिसके तहत लोगों को अंशदान दिया जाता है। वहीं, सरकार ने हाल ही में अटल पेंशन योजना में कुछ बदलाव किए हैं। इन बदलावों के तहत 1 अक्टूबर से हुए बदलाव के तहत इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वाला…
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#Atal Pension Yojana#Atal Pension Yojana Benefits#Atal Pension Yojana Benefits: मजदूरों को हर महीने 5000 रुपए देगी सरकार#आज ही खुलवाएं खाता
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APY योजना के तहत, व्यक्ति 60 वर्ष की आयु तक पहुंचने तक हर महीने एक निश्चित राशि का योगदान कर सकते हैं और फिर किए गए योगदान और जिस उम्र में वे योजना में शामिल हुए, उसके आधार पर हर महीने एक निश्चित पेंशन राशि प्राप्त करते हैं। पेंशन की राशि 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये हो सकती है। केंद्र सरकार भी आपके कुल वार्षिक योगदान का 50% या 1000 रुपये प्रति वर्ष का सह-योगदान करेगी।
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पेंशन योजनाओं की विस्तृत जानकारी और आवेदन प्रक्रिया
1. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना: वृद्धों के लिए आर्थिक सहायता
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वृद्ध नागरिकों को पेंशन प्रदान की जाती है। मुख्य लाभ:
पात्र व्यक्तियों को मासिक पेंशन।
आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों उपलब्ध।
अधिक जानकारी के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना पर जाएं। Source link: मुख्य स्रोत
2. अटल पेंशन योजना: असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए पेंशन योजना
अटल पेंशन योजना का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के कामगारों को वृद्धावस्था में पेंशन की सुविधा प्रदान करना है। मुख्य विशेषताएँ:
60 वर्ष की आयु के बाद नियमित पेंशन।
मासिक योगदान के आधार पर पेंशन राशि।
अधिक जानकारी के लिए अटल पेंशन योजना पर पढ़ें। Source link: मुख्य स्रोत
3. प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना: श्रमिकों के लिए पेंशन योजना
इस योजना का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को 60 वर्ष के बाद मासिक पेंशन प्रदान करना है। मुख्य बिंदु:
श्रमिकों को 60 वर्ष के बाद 3000 रुपये मासिक पेंशन।
आसान और सरल आवेदन प्रक्रिया।
जानिए कैसे आवेदन करें प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना पर। Source link: मुख्य स्रोत
4. स्वावलंबन योजना: भविष्य के लिए सुरक्षित निवेश
स्वावलंबन योजना का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के कामगारों को उनके वृद्धावस्था के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। मुख्य लाभ:
केंद्र सरकार की ओर से योगदान।
पेंशन की सुविधा।
विस्तृत जानकारी के लिए स्वावलंबन योजना पर जाएं। Source link: मुख्य स्रोत
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UP Budget 2023: यूपी बजट में किसानों के लिए योगी सरकार ने खोला खजाना, की गईं ये घोषणाएं
लखनऊ, 22 फरवरी (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बुधवार को विधानसभा में बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने बजट में किसानों,युवाओं,अधिवक्ताओं व महिलाओं का विशेष ध्यान रखा है। सुबह मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई है। कैबिनेट बैठक में बजट को अनुमोदन मिला है। उसके बाद सुरेश खन्ना ने विधानसभा में बजट पेश किया है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। यूपी के विकास दर में वृद्धि हुई है। बेरोजगारी दर घटकर 4.2 प्रतिशत हुई है। वहीं कानून व्यवस्था में भी सुधार हुआ है। बजट भाषण करते हुए सुरेश खन्ना ने कहा कि उत्तर प्रदेश आज देश के कई राज्यों से आगे है। कोविड वैक्सीनेशन में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर रहा है। विकास की ठोस नीति तैयार कर जमीन पर उतारने का काम हुआ है। उत्तर प्रदेश में निवेश बढ़ा है। तीन महिला पीएसी बटालियन का गठन किया गया है। सुरेश खन्ना ने कहा कि दुग्ध उत्पादन, गन्ना एवं चीनी उत्पादन तथा एथेनॉल की आपूर्ति में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर ��ै। कृषि निवेशों पर किसानों को देय अनुदान डीबीटी के माध्यम से भुगतान करने वाला देश में उत्तर प्रदेश पहला राज्य बना। कोरोना के बचाव हेतु वैक्सीनेशन के 39.20 करोड़ से अधिक डोज लगाने वाला देश में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है तथा चिकित्सा शिक्षण संस्थान स्थापित कर संचालित करने वाला देश का अग्रणी राज्य बन गया है। वहीं भारत सरकार द्वारा स्टार्टअप रैकिंग के तहत उत्तर प्रदेश को इनस्पायरिंग लीडर के रूप में सम्मानित किया गया है। उत्तर प्रदेश कौशल विकास नीति को लागू करने वाला देश का प्रथम राज्य बन गया है। अटल पेंशन योजना के अन्तर्गत पंजीकरण करने में उत्तर प्रदेश का देश में प्रथम स्थान पर है। आज हमारा प्रदेश न केवल देश के अन्दर बल्कि वैश्विक समुदाय के मध्य भी अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करा रहा है। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निरन्तर कठोर परिश्रम एवं अनुशासन से सम्भव हो सका है। वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने सायराना अंदाज में कहा योगी जी का बजट बना है यूपी की खुशहाली है, ये रंगीन करेगा आने वाली होली का।'' सुधर गई कानून व्यवस्था, उद्योगों की अलख जगी यूपी बना ग्रोथ इंजन,इस सब पहली दफा समझ, फकत किनारे बैठे-बैठे,लहरों से मत सवाल कर डूब के खुद गहरे पानी में पानी का फलसफा समझ दुग्ध, गन्ना एवं चीनी उत्पादन में प्रथम स्थान पर यूपी वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि दुग्ध उत्पादन, गन्ना एवं चीनी उत्पादन तथा एथेनॉल की आपूर्ति में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। कृषि निवेशों पर किसानों को देय अनुदान डीबीटी के माध्यम से भुगतान करने वाला देश में उत्तर प्रदेश पहला राज्य बना। भारत सरकार द्वारा स्टार्टअप रैकिंग के तहत उत्तर प्रदेश को इनस्पायरिंग लीडर के रूप में सम्मानित किया गया है। उत्तर प्रदेश कौशल विकास नीति को लागू करने वाला देश का प्रथम राज्य बन गया है। अटल पेंशन योजना के अन्तर्गत पंजीकरण करने में उत्तर प्रदेश का देश में प्रथम स्थान पर है। खन्ना ने कहा कि आज हमारा प्रदेश न केवल देश के अन्दर बल्कि वैश्विक समुदाय के मध्य भी अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करा रहा है। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निरन्तर कठोर परिश्रम एवं अनुशासन से सम्भव हो सका है। श्रम के जल से राह सदा सिंचती है गति मशाल आंधी में ही हंसती है छालों से ही श्रृंगार पथिक का होता है वो विपरीत परिस्थितियों में चलने के आदी हैं मंजिल की मांग लहू से ही सजती है। वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा अपने पिछले कार्यकाल तथा वर्तमान कार्यकाल में प्रदेश के सर्वांगीण विकास की ठोस नीतियां तैयार कर उन्हें घरातल पर प्रभावी रूप से मूर्त रूप प्रदान किया गया हैं । हमने न केवल प्रदेश में अवस्थापना विस्तार, निवेशानुकूल वातावरण तैयार करने और उद्योग स्थापित करने पर बल दिया अपितु समाज के विभिन्न समूहों, विशेषकर किसान, महिला, युवा, श्रमिक तथा आर्थिक एवं सामाजिक रूप से दुर्बल वर्ग के सशक्तिकरण एवं स्वावलम्बन की दिशा में निरन्तर कार्य किया। उत्तर प्रदेश ने की जी-20 सम्मेलन की बैठकों की मेजबानी वित्त मंत्री ने बताया कि विश्व के सबसे शक्तिशाली 20 देशों के समूह जी -20 के सम्मेलन की मेजबानी का गौरव भारत सरकार को प्राप्त हुआ है। इस सम्मेलन के अन्तर्गत भारत सरकार की अध्यक्षता में 200 से अधिक बैठकें होंगी, जिसमें उत्तर प्रदेश के 04 शहरों- लखनऊ, आगरा, वाराणसी एवं ग्रेटर नोएडा में 11 बैठकों का आयोजन किया जायेगा। जी-20 सम्मेलन की बैठकों की मेजबानी उत्तर प्रदेश के लिये बुनियादी ढांचे सांस्कृतिक विरासत तथा विकास के स्तर और सम्भावनाओं को दुनिया के सम्मुख प्रदर्शित करने का एक वृहद एवं व्यापक अवसर होगा जिसका लाभ प्रदेश की अर्थव्यवस्था एवं जनता को प्राप्त होगा। Read the full article
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राजस्थान विधा���सभा में बजट पर चर्चा के दौरान दिए गए जवाब में कहा कि राज्य सरकार के कुशल वित्तीय प्रबंधन से बजट 2023-24 में युवा, शिक्षा, चिकित्सा, कृषि, सड़क, सामाजिक सुरक्षा, पेंशनधारियों सहित हर क्षेत्र के सर्वोंगीण विकास के लिए घोषणाएं की गई हैं। बजट की पूरे देश में चर्चा और सराहना हो रही है। सभी घोषणाएं निश्चित रूप से धरातल पर उतरेगी। इस बजट डॉक्यूमेंट को हर राज्य के मुख्यमंत्री को भेजा जा रहा है, ताकि वे इसे आधार मानकर आमजन को लाभ पहुंचा सके। हमारे वित्तीय प्रबंधन से ही राजस्थान देश में जीडीपी की विकास दर में भी दूसरे स्थान पर आ गया है। बजट चर्चा का जवाब देते हुए आगामी वर्ष में 1 लाख भर्तियों की भी घोषणा की।
राज्य सरकार समावेशी बजट, कुशल वित्तीय प्रबंधन और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के बढ़ते दायरे के कारण प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी हुई है। प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाने के लिए सतत प्रयास कर रहे हैं। बताया कि वर्ष 2022-23 में राज्य की प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 56 हजार 149 रही, जो कि गत वर्ष से 14.85 प्रतिशत अधिक है। पिछले 11 वर्षों में प्रति व्यक्ति आय में सर्वाधिक वृद्धि गत वर्ष 18.10 प्रतिशत और इस वर्ष 14.85 प्रतिशत रही है। राजस्थान की प्रति व्यक्ति आय में पिछले 4 वर्षाें में 10.01 प्रतिशत की औसत वृद्धि हुई है, जबकि अखिल भारतीय स्तर पर यह वृद्धि 7.89 प्रतिशत ही रही है।
गत 3 वर्षों में राजस्थान अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक प्रति व्यक्ति आय वाले पिछडे़ राज्यों से निकलकर अग्रणी राज्यों में खड़ा हो गया है। सांख्यिकी कार्यक्रम इम्प्लीमेंटेशन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अगस्त, 2022 में जारी विभिन्न राज्यों की जीएसडीपी के अनुसार विभिन्न राज्यों में गत 10 वर्षों में रही वृद्धि दर के विश्लेषण से स्पष्ट होता है कि सर्वाधिक प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि वाले राज्यों में राजस्थान का स्थान अग्रणी रहा है।
पिछली सरकार के समय में वर्ष 2016-17 में 21वें, वर्ष 2017-18 में 30वें और वर्ष 2018-19 में 19वें स्थान पर रहा था। वहीं, राज्य सरकार की कुशल आर्थिक नीतियों के कारण सर्वाधिक प्रति व्यक्ति आय वाले राज्यों में राजस्थान वर्ष 2019-20 में 12वें, वर्ष 2020-21 में 10वें और वर्ष 2021-22 में 9वें स्थान पर रहा है। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा 5 साल के कार्यकाल में शिक्षा, खेल, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, जल एवं स्वच्छता, सामाजिक सुरक्षा एवं सेवाएं, सड़क एवं पुल आदि क्षेत्रों में कुल 3,06,479.23 करोड़ रुपए खर्च किए। वहीं, वर्तमान सरकार द्वारा 2,26,280 करोड़ रुपए अधिक खर्च किए गए है।
13 जिलों की जनता के लिए पानी उपलब्धता के लिए ईआरसीपी में 13 हजार 500 करोड़ रुपए का बजट आवंटन किया गया है। प्रधानमंत्री ने हाल ही ईआरसीपी में राजस्थान-मध्यप्रदेश को श��मिल कर नया विषय खड़ा कर दिया गया है। कर्नाटक में 21 हजार 450 करोड़ रुपए के ऊपरी भद्रा प्रोजेक्ट को हालांकि राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा तो नहीं दिया, लेकिन केंद्र द्वारा 5300 करोड़ रुपए देने का प्रावधान किया गया है। वहीं, राजस्थान को इस संबंध में राहत प्रदान नहीं की गई। वहीं, केंद्र सरकार की प्रस्तावित योजना में 2 लाख हैक्टेयर जमीन की सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलेगा।
मानवीय दृष्टिकोण से पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू की। इस बजट में बोर्ड, निगम सहित सभी के लिए ओपीएस की घोषणा की गई है। इससे कार्मिकों का भविष्य सुरक्षित होगा और उनकी चिंताएं दूर होंगी। राज्य सरकार द्वारा बजट में लम्पी रोग में अकाल मृत्यु प्राप्त गायों के परिवारों को 40 हजार रुपए प्रति गाय दिए जाने का प्रावधान किया गया है। साथ ही प्रति परिवार 2-2 दुधारू पशुओं का बीमा किया है। गत सरकार द्वारा 4 साल में 143 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया, जबकि वर्तमान में 2313 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जा रहा है।
केंद्र सरकार ने हर क्षेत्र के बजट में कटौती की है। पर्यावरण वानिकी में 40 प्रतिशत, सीमा क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम में 71.73 प्रतिशत, राष्ट्रीय शिक्षा मिशन में 17.54 प्रतिशत, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण में 30.47 प्रतिशत, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में 32.90 प्रतिशत, पशुधन सहायक और रोग नियंत्रण कार्यक्रम में 30 प्रतिशत, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य मिशन में 71.19 प्रतिशत, महात्मा गांधी नरेगा योजना में 32.88 प्रतिशत की लगभग कटौती की गई। इसके साथ ही मिड-डे मील में लगभग 10 प्रतिशत, यूरिया सब्सिडी में 14 प्रतिशत, अनुसंधान में 13 प्रतिशत, आईसीडीएफ में 38 प्रतिशत, एनएफएसए में 17 प्रतिशत, इलेक्ट्रोनिक एवं आईटी हार्डवेयर में 41 प्रतिशत, अटल पेंशन योजना में 28 प्रतिशत, पवन ऊर्जा में 14 प्रतिशत, आत्म निर्भर भारत रोजगार योजना में 7 प्रतिशत की लगभग कटौती की गई है।
केंद्र का सकल कर 33 लाख 52 हजार 79 करोड़ रुपए है। इसका राज्यों को देय 41 प्रतिशत यानी 13 लाख 74 हजार 352 करोड़ रुपए होता है। यह राज्यों में वितरित होना चाहिए, जबकि केंद्र द्वारा 30 से 33 प्रतिशत हिस्सा ही राज्यों को हस्तांतरित किया जाता है। इसमें राजस्थान का हिस्सा लगभग 6.026 प्रतिशत है, जिसमें 82 हजार 818 करोड़ रुपए राजस्थान को मिलने चाहिए। केंद्रीय बजट वित्तीय वर्ष 2023-24 में राजस्थान के लिए 61 हजार 552 करोड़ रुपए रखा गया। इसमें राजस्थान को 21 हजार 266 करोड़ रुपए कम मिलेंगे। इसके लिए पक्ष-विपक्ष को मिलकर राजस्थान के हित में केंद्र सरकार से मांग करनी चाहिए।
15वें वित्त आयोग ने राज्यों का हिस्सा 32 प्रतिशत से 42 प्रतिशत बढ़ाया, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा राज्यों का हिस्सा कम दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पहले राष्ट्रीय खाद सुरक्षा मिशन में केंद्र का शेयर 100 प्रतिशत था, जिसे अब राज्य का 40 और केंद्र का 60 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी प्रकार, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में केंद्र पर 100 प्रतिशत शेयर को अब 40ः60, समेकित बाल विकास सेवाएं में 10ः90 को अब 40ः60, प्रोजेक्ट टाइगर में 15ः85 को 40ः60, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में 25ः75 को 40ः60, मरूस्थलीय क्षेत्रों में सिंचाई निर्माण में 10ः90 को अब 40ः60, इंदिरा गांधी नहर परियोजना में 25ः75 को अब 50ः50, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 25ः75 को अब 40ः60, समेकित महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम में 0ः100 को अब 40ः60 और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 0ः100 शेयर पैटर्न को अब 40ः60 प्रतिशत कर दिया गया है।
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