#अज
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ब्यापक ब्रह्म निरंजन निर्गुन बिगत बिनोद
सो अज प्रेम भगति बस कौसल्या कें गोद
जो सर्वव्यापक निरंजन (मायारहित) निर्गुण विनोदरहित और अजन्मे ब्रह्म हैं वही प्रेम और भक्ति के वश कौसल्या की गोद में (खेल रहे) हैं
जय श्री कौसल्या नंदन🏹ᕫ🙏
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🌞 श्री सीताराम सुप्रभातम 🌞
सकल द्विजन्ह मिलि नायउ माथा। धर्म धुरंधर रघुकुलनाथा॥गहे भरत पुनि प्रभु पद पंकज। नमत जिन्हहि सुर मुनि संकर अज॥ भावार्थ:-धर्म की धुरी धारण करने वाले रघुकुल के स्वामी श्री रामजी ने सब ब्राह्मणों से मिलकर उन्हें मस्तक नवाया। फिर भरतजी ने प्रभु के वे चरणकमल पकड़े जिन्हें देवता, मुनि, शंकरजी और ब्रह्माजी (भी) नमस्कार करते हैं॥ परे भूमि नहिं उठत उठाए। बर करि कृपासिंधु उर लाए॥स्यामल गात रोम भए ठाढ़े।…

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कभी सोचा है की प्रभु 🏹🏹श्री राम के दादा परदादा का नाम क्या था? नहीं तो जानिये-👇
1 - ब्रह्मा जी से मरीचि हुए, 2 - मरीचि के पुत्र कश्यप हुए, 3 - कश्यप के पुत्र विवस्वान थे, 4 - विवस्वान के वैवस्वत मनु हुए.वैवस्वत मनु के समय जल प्रलय हुआ था, 5 - वैवस्वतमनु के दस पुत्रों में से एक का नाम इक्ष्वाकु था, इक्ष्वाकु ने अयोध्या को अपनी ��ाजधानी बनाया और इस प्रकार इक्ष्वाकु कुलकी स्थापना की | 6 - ��क्ष्वाकु के पुत्र कुक्षि हुए, 7 - कुक्षि के पुत्र का नाम विकुक्षि था, 8 - विकुक्षि के पुत्र बाण हुए, 9 - बाण के पुत्र अनरण्य हुए, 10- अनरण्य से पृथु हुए, 11- पृथु से त्रिशंकु का जन्म हुआ, 12- त्रिशंकु के पुत्र धुंधुमार हुए, 13- धुन्धुमार के पुत्र का नाम युवनाश्व था, 14- युवनाश्व के पुत्र मान्धाता हुए, 15- मान्धाता से सुसन्धि का जन्म हुआ, 16- सुसन्धि के दो पुत्र हुए- ध्रुवसन्धि एवं प्रसेनजित, 17- ध्रुवसन्धि के पुत्र भरत हुए, 18- भरत के पुत्र असित हुए, 19- असित के पुत्र सगर हुए, 20- सगर के पुत्र का नाम असमंज था, 21- असमंज के पुत्र अंशुमान हुए, 22- अंशुमान के पुत्र दिलीप हुए, 23- दिलीप के पुत्र भगीरथ हुए, भागीरथ ने ही गंगा को पृथ्वी पर उतारा था.भागीरथ के पुत्र ककुत्स्थ थे | 24- ककुत्स्थ के पुत्र रघु हुए, रघु के अत्यंत तेजस्वी और पराक्रमी नरेश होने के कारण उनके बाद इस वंश का नाम रघुवंश हो गया, तब से श्री राम के कुल को रघु कुल भी कहा जाता है | 25- रघु के पुत्र प्रवृद्ध हुए, 26- प्रवृद्ध के पुत्र शंखण थे, 27- शंखण के पुत्र सुदर्शन हुए, 28- सुदर्शन के पुत्र का नाम अग्निवर्ण था, 29- अग्निवर्ण के पुत्र शीघ्रग हुए, 30- शीघ्रग के पुत्र मरु हुए, 31- मरु के पुत्र प्रशुश्रुक थे, 32- प्रशुश्रुक के पुत्र अम्बरीष हुए, 33- अम्बरीष के पुत्र का नाम नहुष था, 34- नहुष के पुत्र ययाति हुए, 35- ययाति के पुत्र नाभाग हुए, 36- नाभाग के पुत्र का नाम अज था, 37- अज के पुत्र दशरथ हुए, 38- दशरथ के चार पुत्र राम, भरत, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न हुए | इस प्रकार ब्रह्मा की उन्चालिसवी (39) पीढ़ी में श्रीराम का जन्म हुआ | शेयर करे ताकि हर हिंदू इस जानकारी को जाने..
🏹रामचरित मानस के कुछ रोचक तथ्य🏹
1:~मानस में राम शब्द = 1443 बार आया है। 2:~मानस में सीता शब्द = 147 बार आया है। 3:~मानस में जानकी शब्द = 69 बार आया है। 4:~मानस में बैदेही शब्द = 51 बार आया है। 5:~मानस में बड़भागी शब्द = 58 बार आया है। 6:~मानस में कोटि शब्द = 125 बार आया है। 7:~मानस में एक बार शब्द = 18 बार आया है। 8:~मानस में मन्दिर शब्द = 35 बार आया है। 9:~मानस में मरम शब्द = 40 बार आया है।
10:~लंका में राम जी = 111 दिन रहे। 11:~लंका में सीताजी = 435 दिन रहीं। 12:~मानस में श्लोक संख्या = 27 है। 13:~मानस में चोपाई संख्या = 4608 है। 14:~मानस में दोहा संख्या = 1074 है। 15:~मानस में सोरठा संख्या = 207 है। 16:~मानस में छन्द संख्या = 86 है।
17:~सुग्रीव में बल था = 10000 हाथियों का। 18:~सीता रानी बनीं = 33वर्ष की उम्र में। 19:~मानस रचना के समय तुलसीदास की उम्र = 77 वर्ष थी। 20:~पुष्पक विमान की चाल = 400 मील/घण्टा थी। 21:~रामादल व रावण दल का युद्ध = 87 दिन चला। 22:~राम रावण युद्ध = 32 दिन चला। 23:~सेतु निर्माण = 5 दिन में हुआ।
24:~नलनील के पिता = विश्वकर्मा जी हैं। 25:~त्रिजटा के पिता = विभीषण हैं।
26:~विश्वामित्र राम को ले गए =10 दिन के लिए। 27:~राम ने रावण को सबसे पहले मारा था = 6 वर्ष की उम्र में। 28:~रावण को जिन्दा किया = सुखेन बेद ने नाभि में अमृत रखकर। यह जानकारी महीनों के परिश्रम केबाद आपके सम्मुख प्रस्तुत है । तीन आस्तिक हिंदू को भेज कर धर्म लाभ कमाये जय श्री राम 🙏जय श्री राम 🙏 Akshay Jamdagni 🌹
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श्री ब्रह्मा चालीसा
जय ब्रह्मा जय स्वयम्भू, चतुरानन सुखमूल। करहु कृपा निज दास पै, रहहु सदा अनुकूल। तुम सृजक ब्रह्माण्ड के, अज विधि घाता नाम।
श्री ब्रह्मा चालीसा ॥ दोहा॥जय ब्रह्मा जय स्वयम्भू,चतुरानन सुखमूल।करहु कृपा निज दास पै,रहहु सदा अनुकूल।तुम सृजक ब्रह्माण्ड के,अज विधि घाता नाम।विश्वविधाता कीजिये,जन पै कृपा ललाम। ॥ चौपाई ॥जय जय कमलासान जगमूला,रहहू सदा जनपै अनुकूला।रुप चतुर्भुज परम सुहावन,तुम्हें अहैं चतुर्दिक आनन।रक्तवर्ण तव सुभग शरीरा,मस्तक जटाजुट गंभीरा।ताके ऊपर मुकुट विराजै,दाढ़ी श्वेत महाछवि छाजै।श्वेतवस्त्र धारे तुम…
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Aaj Ka Love Rashifal 09 December 2024 Today Love Horoscope Astrology Prediction - Aaj Ka Love Rashifal 09 December 2024: आज रहेगी रोमांचक डेट सिंह राशि वालों के लिए लव होरोस्कोप होगा खास
Aaj Ka Love Rashifal : लव होरोस्कोप में आपके पास आज के दिन रहेगी खास स्थिति। अज आप के लिए प्रेमी रहेगा कुछ अलग ही मूड में. today love prediction के अनुसार आज आपका साथी आपको अपने साथ डेट पर ले जाने के लिए उत्सुक दिखाई दे सकता है।
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ਅੱਜ ਮਨ ਮੇਰਿਆ (अज मन मेरियाँ) (Aj Mun Meriyaan) (Punjabi Song: Mela Ram T...
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SAHASRANAMA OF VISHNU: 521 of 1,000
AJAḤ {अज:} Desire they say is at the heart of all evil – wasn’t that what they said about Duryodhana and his desire for wealth, vengeance, and power? Wasn’t his own father a victim of it? If his father Śāntanu had not fallen for the charms of his stepmother Satyavatī, and desired to become a youth again, would any of this have happened? Then again, wasn’t his own Pratijñā (oath) that had given…
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नमः+अज = नमाज
अज= नजन्मने भएका (जन्म तथा मृत्यु भन्दा पर रहेका) ईश्वर प्रति, नम:= झुक्नु
= नमाज पढ्नु
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एक अनीह अरूप अनामा अज सच्चिदानंद पर धामा
ब्यापक बिस्वरूप भगवाना तेहिं धरि देह चरित कृत नाना
जो परमेश्वर एक है जिनके कोई इच्छा नहीं है जिनका कोई रूप और नाम नहीं है जो अजन्मा सच्चिदानन्द और परमधाम है और जो सबमें व्यापक एवं विश्व रूप हैं उन्हीं भगवान ने दिव्य शरीर धारण करके नाना प्रकार की लीला की है
सो केवल भगतन हित ला��ी परम कृपाल प्रनत अनुरागी
जेहि जन पर ममता अति छोहू जेहिं करुना करि कीन्ह न कोहू
वह लीला केवल भक्तों के हित के लिए ही है क्योंकि भगवान परम कृपालु हैं और शरणागत के बड़े प्रेमी हैं जिनकी भक्तों पर बड़ी ममता और कृपा है जिन्होंने एक बार जिस पर कृपा कर दी उस पर फिर कभी क्रोध नहीं किया
गई बहोर ग़रीब नेवाजू स��ल सबल साहिब रघुराजू
बुध बरनहिं हरि जस अस जानी करहिं पुनीत सुफल निज बानी
वे प्रभु श्री रघुनाथजी गई हुई वस्तु को फिर प्राप्त कराने वाले ग़रीब नवाज (दीनबन्धु) सरल स्वभाव सर्वशक्तिमान और सबके स्वामी हैं यही समझकर बुद्धिमान लोग उन श्री हरि का यश वर्णन करके अपनी वाणी को पवित्र और उत्तम फल (मोक्ष और दुर्लभ भगवत्प्रेम) देने वाली बनाते हैं
जय श्री राम🏹ᕫ🌷🙏
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Aja Ekadashi 2024: जानिए अजा एकादशी की सही तिथि और शुभ मुहूर्तपंचांग के अनुसार एक मास में दो एकादशी की तिथियां पड़ती हैं. 29 अगस्त 2024 को भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है. इस एकादशी को ही अजा एकादशी कहा जाता है. इस एकादशी को विशेष महत्व प्रदान किया गया है
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श्री ब्रह्मा चालीसा (Brahma Chalisa)
श्री ब्रह्मा चालीसा विडियो श्री ब्रह्मा चालीसा (Brahma Chalisa) ।। दोहा ।। जय ब्रह्मा जय स्वयम्भू, चतुरानन सुखमूल। करहु कृपा निज दास पै, रहहु सदा अनुकूल।। तुम सृजक ब्रह्मांड के, अज विधि घाता नाम। विश्वविधाता कीजिये, जन पै कृपा ललाम।। ।। चौपाई ।। जय जय कमलासान जगमूला, रहहू सदा जनपै अनुकूला। रुप चतुर्भुज परम सुहावन, तुम्हें अहैं चतुर्दिक आनन। रक्तवर्ण तव सुभग शरीरा, मस्तक जटाजूट गंभीरा। ताके ऊपर…
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चैतन्य को कर भिन्न तन से, शांति सम्यक पाएगा।होगा तुरत ही तूं सुखी, संसार से छुट जाएगा।आश्रम तथा वर्णादि का, किंचित ना तूं अभिमान कर।संबंध तज दे देह का, हो जा अमर हो जा अमर॥
ज्यों सीप की चाँदी लुभाती, सीप के जाने बिना।त्यों ही विषय सुनकर लगे हैं, आत्म पहचाने बिना।अज, अमर आत्मा जानकर, जो आत्म में तल्लीन हो।सब रस विरस लगते उसे, कैसे भला फिर दीन हो॥ जिस तत्त्व को कर प्राप्त, पर्दा मोह का फट जाय है।जल जाय हैं सब कर्म, चित्-जड़ ग्रन्थि जड़ कट जाय है।सो ब्रह्म है, तूं है वही, पुतला नहीं तू माँस का।भोले स्वयं हो तृप्त, बंधन काट दे भव-पाश का॥
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#सत_भक्ति_संदेश़,
संत रामपाल जी माहाराज अज पूर्ण संत हे अव उनसे नाम दीक्षा लेकर अपना कलान कराय
देकीय श्याम को साधना TV पर 7.30.ते 8.30 भजे तक सतसंग
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Sri RamCharit Manas, Lanka Kand15 | पद पाताल सीस अज धामा । अपर लोक | लंक...
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