वायरल तस्वीर अंतिम संस्कार सेवा स्टार्टअप वायरल हो गया है, लोगों ने कहा
वायरल तस्वीर अंतिम संस्कार सेवा स्टार्टअप वायरल हो गया है, लोगों ने कहा
आजकल लोग रोजगार के नए अवसरों की तलाश में लगे हुए हैं और कुछ लोग कुछ नया और लीक से हटकर कुछ नया करके अपना नया बिजनेस शुरू करते हैं। इसके लिए वे इनोवेटिव आइडियाज की तलाश में रहते हैं ताकि बिजनेस फल-फूल सके। कुछ नया सोच कर मुंबई के एक शख्स ने अंतिम संस्कार सेवा शुरू की है.
मुंबई ट्रेड फेयर में एक स्टार्टअप के स्टॉल की तस्वीर ने ऑनलाइन हलचल मचा दी है। फोटो को देखकर साफ पता चल रहा है कि यह एक ऐसी…
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वह ग्रुप के सच्चे सिपाही थे... कौन थे कृष्णकुमार जिनके निधन पर भावुक हुए रतन टाटा
नई दिल्ली : टाटा समूह में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे और रतन टाटा के करीबी आर के कृष्णकुमार (RK Krishnakumar) का निधन हो गया है। अधिकारियों ने बताया कि रविवार शाम कृष्णकुमार का निधन हो गया। पद्मश्री से सम्मानित कृष्णकुमार 84 साल के थे। रविवार को मुंबई स्थित उनके घर पर उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। रतन टाटा और टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कृष्णकुमार के इस तरह चले जाने पर शोक व्यक्त किया है। केरल में जन्मे कृष्णकुमार कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। वे टाटा संस के पूर्व डायरेक्टर थे। वे टाटा ग्रुप की आतिथ्य शाखा 'इंडियन होटल्स' के प्रमुख पद पर भी रहे। टाटा समूह के अधिकारियों ने कहा कि कृष्णकुमार का अंतिम संस्कार 3 जनवरी को शाम 4.30 बजे चंदनवाड़ी श्मशान घाट में किया जाएगा।
रतन टाटा ने इस तरह किया याद
अपने सहयोगी को याद करते हुए रतन टाटा (Ratan Tata) ने कहा, ‘मेरे दोस्त और सहयोगी आर के कृष्णकुमार के निधन पर मुझे जो दुख हुआ है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। समूह के भीतर और व्यक्तिगत रूप से हमने जो सौहार्दपूर्ण रिश्ते साझा किए, वो हमेशा मुझे याद रहेंगे। वह टाटा समूह के सच्चे सिपाही थे। टाटा समूह और टाटा ट्रस्ट के वफादार हमेशा सभी को बहुत याद आएंगे।’
केरल के मुख्यमंत्री ने भी जताया शोक
टाटा संस के वर्तमान अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) ने भी टाटा समूह में कृष्णकुमार के ‘विशाल योगदान’ को याद करते हुए शोक व्यक्त किया। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने ट्वीट किया कि थलास्सेरी में जन्मे कृष्णकुमार ने राज्य के साथ समूह के संबंधों को मजबूत करने में मदद की। मुख्यमंत्री ने उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।
50 साल तक ग्रुप के साथ किया काम
कृष्णकुमार रतन टाटा के काफी विश्वासपात्र थे। उन्हें 'केके' के नाम से जाना जाता था। वे ग्रुप में 50 साल तक सेवाएं देने के बाद 75 साल की उम्र में साल 2013 में रिटायर हुए थे। आर के कृष्णकुमार सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी भी थे, जिनकी टाटा संस में 66% हिस्सेदारी है। उन्होंने ग्रुप की कई कंपनियों में काम किया। बाद में वह आरएनटी एसोसिएट्स और टाटा ट्रस्ट्स के साथ सक्रिय रूप से जुड़े रहे। कृष्णकुमार बाद में टाटा ट्रस्ट के माध्यम से परोपकारी गतिविधियों में भी सक्रिय रूप से शामिल हुए।
(एजेंसी इनपुट के साथ) http://dlvr.it/SgFGCY
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जयपुर में राजस्थान शिक्षक संघ (अम्बेडकर) के राज्य स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन को सम्बोधित किया। शिक्षा के बिना जीवन अंधेरमय रहता है। समाज के उत्थान में शिक्षकों की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण होती है। डॉ. अम्बेडकर ने भी समाज को संगठित रहो, शिक्षित बनो, संघर्ष करो का नारा दिया था।
महात्मा गांधी और डॉ. अम्बेडकर के जीवन संघर्षों से समाज को प्रेरणा मिलती है। दक्षिण अफ्रीका में नस्लभेद झेलने के बाद गांधीजी ने सत्य और अंहिसा के बल पर देश को आजादी दिलाई। समाज में अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति का कल्याण गांधी जी का ध्येय था। डॉ. अम्बेडकर ने विभिन्न सामाजिक भेदभावों का सामना कर शिक्षा हासिल की और देश के संविधान की रचना की। आज देश के लिए डॉ. अम्बेडकर के योगदानों को सभी राजनीतिक दलों के द्वारा स्वीकार किया गया है।
आज पूरे देश में पदोन्नति में आरक्षण देने वाला राजस्थान एकमात्र राज्य है। विभिन्न कठिनाइयों का सामना करते हुए और लम्बी कानूनी लड़ाई लड़कर राजस्थान सरकार ने पदोन्नति में आरक्षण जारी रखा है ताकि वंचित तबके के कार्मिकों को पदोन्नत होने के अवसर मिलें और वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें।
दुनियाभर के देशों में भारत के संविधान की एक अलग पहचान है। डॉ. अम्बेडकर ने संविधान में सभी देशवासियों के लिए समानता का अधिकार निहित किया। महिलाओं को संविधान लागू होने के साथ ही मतदान का अधिकार मिला, जबकि अन्य लोकतंत्रों में इसमें काफी समय लगा। संविधान से ऐतिहासिक रूप से पिछड़े वर्गाें को आरक्षण का अधिकार मिला। छूआछूत जो मानवता के नाम पर एक कलंक है, जैसी बुराई को संविधान में अपराध घोषित किया गया। आज 75 साल बाद भी देश में संवैधानिक व्यवस्था कायम है। ये हमारे देश में लोकतंत्र की ताकत को दर्शाता है।
राज्य सरकार एक पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में उठाए गए कदमों से प्रदेश में कानून व्यवस्था बेहतर हुई है। प्रदेश में अनिवार्य एफआईआर का प्रावधान किया गया है ताकि आमजन सुगमता से कानूनी सेवाएं ले सकें। इससे प्रदेशवासियों का कानून व्यवस्था में विश्वास दृढ़ हुआ है एवं आपराधिक तत्वों में कानून का भय व्याप्त हुआ है।
राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से आज प्रदेश सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है। चिरंजीवी योजना से आमजन को महंगे इलाज की चिंता से मुक्ति मिली है। इसके अंतर्गत 10 लाख तक का इलाज निःशुल्क कर दिया गया है। अंग प्रत्यारोपण जैसे जटिल उपचारों में 10 लाख की सीमा समाप्त कर दी गई है। सभी प्रकार की दवाइयां और महंगी जांचें भी निःशुल्क कर दी गई हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेशवासियों को 5 लाख का दुर्घटना बीमा भी दिया जा रहा है। इन योजनाओं से स्वास्थ्य के क्षेत्र में राजस्थान एक मॉडल स्टेट बनकर उभरा है।
आईआईटी, आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थान राज्य में खुल चुके हैं। डॉ. भीमराव अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय का शिलान्यास हो चुका है। महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में गरीब बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है। 200 बच्चों को प्रतिवर्ष विदेश में निःशुल्क पढ़ाई करवाने का प्रावधान राज्य सरकार द्वारा किया गया है। कालीबाई भील योजना के अंतर्गत वितरित होने वाली स्कूटियों की संख्या बढ़ाई गई है। अनुप्रति कोचिंग योजना से हजारों आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क तैयारी करवाई जा रही है। बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरित किए गए हैं।
राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेलों से राज्य में एक नई खेल संस्कृति विकसित हुई है। राज्य सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने से प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों में अपने भविष्य को लेकर सुरक्षा की भावना आई है। इंदिरा रसोई योजना से आमजन को 8 रूपए में पौष्टिक भोजन मिल रहा है। राज्य सरकार द्वारा 1.35 लाख सरकारी नौकरियां दी जा चुकी हैं। लगभग इतनी ही प्रक्रियाधीन हैं तथा 1 लाख सरकारी पदों पर भर्ती की घोषणा की जा चुकी है। निजी क्षेत्र में भी रोजगार के नए अवसर सृजित किए जा रहे हैं।
आपदा प्रबंधन मंत्री श्री गोविन्दराम मेघवाल ने कहा कि देश के बच्चों के शिक्षित होने पर ही देश की प्रगति संभव है। शिक्षकों का दायित्व है कि बच्चों को शिक्षित बनाएं एवं उन्हें अच्छे संस्कार दें।
इस मौके पर सार्वजनिक निर्माण मंत्री श्री भजनलाल जाटव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री टीकाराम जूली, विधायक श्री रूपाराम मेघवाल, राजस्थान शिक्षक संघ (अम्बेडकर) के पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे।
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ये मरने के लिए सबसे अच्छे और सबसे खराब अमेरिकी स्थान हैं, रिपोर्ट से पता चलता है
ये मरने के लिए सबसे अच्छे और सबसे खराब अमेरिकी स्थान हैं, रिपोर्ट से पता चलता है
आप जहां रहते हैं उसके आधार पर आपका जीवन के अंत का अनुभव बहुत भिन्न हो सकता है, a . के अनुसार पॉलिसीजीनियस रिपोर्ट जो मरने के लिए देश की सबसे अच्छी और सबसे खराब जगहों की रैंकिंग करता है।
रिपोर्ट ने प्रत्येक राज्य और कोलंबिया जिले को सात कारकों के आधार पर एक संख्यात्मक स्कोर दिया, जिसमें अंतिम संस्कार की लागत और सेवाएं, हरे रंग की दफनियां, उपशामक देखभाल, चिकित्सा प्रदाता, घर पर होने वाली मौतें और…
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बडूखर में पति की मौत के बाद आइटीबीपी फोर्स ज्वाइन करने वाली इंदु शर्मा का देहांत #news4
बडूखर : जिला कांगड़ा की तहसील इंदौरा के गांव बडूखर की इंदु शर्मा अपने पति की मृत्यु के बाद आइटीबीपी फोर्स में अपनी सेवाएं दे रही थी उसका पंचकूला में हृदय गति रुकने से देहांत हो गया। इंदु शर्मा का पार्थिव शरीर मध्यरात्रि उनके निवास स्थान बडूखर में पहुंचा और आज सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उपमंडल अधिकारी इंदौरा सोमिल गौतम, आइटीबीपी के जवान, स्थानीय पंचायत सदस्य व कई लोग इंदु शर्मा की…
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डॉलर शेषाद्री का निधन। इन वजहों से सुर्खियों में आए थे शेषाद्री।
डॉलर शेषाद्री का निधन। हृदय गति रुकने से हुआ निधन
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड के ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी पर तैनात पी शेषाद्री का सोमवार, 29 नवंबर की सुबह हृदय गति रुकने से विशाखापत्तनम में निधन हो गया। इन्हें डॉलर शेषाद्री के नाम से भी जाना जाता था, । वह कथित तौर पर कार्तिक दीपोत्सवम के लिए बंदरगाह शहर में थे। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड के साथ वह कई दशकों से जुड़े हुए थे। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने एक बयान में उनके निधन पर दुख व्यक्त किया। शेषाद्रि 1978 से तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड के साथ काम कर रहे थे और 2007 में सेवानिवृत्त हुए, लेकिन ओएसडी के रूप में उन्होंने संगठन की सेवा करना जारी रखा।
डॉलर शेषाद्री का निधन। सुर्खियों में आए शेषाद्री
शेषाद्रि सबसे पहले तब सुर्खियों में आए जब टीटीडी के पांच ग्राम सोने के 300 सिक्कों की कथित हेराफेरी का कुख्यात मामला सामने आया था। मामला जून 2006 में टीटीडी के आधिकारिक खजाने ‘बोक्कसम’ से गायब हो जाने वाले सिक्कों से संबंधित है, जहां श्री वेंकटेश्वर का सामान रखा जाता है। मामला सार्वजनिक होने कारण शेषाद्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की सेवाएं 2008 में टीटीडी द्वारा समाप्त कर दी गईं थी। आपको बता दें कि शेषाद्री लगभग एक दशक तक कोषागार के एकमात्र संरक्षक थे। अगस्त 2017 में, एक सरकारी आदेश जारी किया गया था, जिसने शेषाद्री सहित मामले में नामित लोगों के खिलाफ कार्रवाई रद्द कर दी थी। हालांकि सेवानिवृत्त होने के बावजूद भी एक सलाहकार पद पर, शेषाद्रि ने टीटीडी में एक महत्वपूर्ण निभाई थी।
शेषाद्रि के शरीर को तिरुपति ले जाया गया है, जहां लोग उनके अंतिम संस्कार से पहले उनके सम्मान के लिए पहुंचेंगे। उनके निधन के बाद विभिन्न इलाकों से उनके लिए संवेदनाएं उमड़ पड़ीं।
“टीटीडी के ओएसडी शेषाद्रि की आकस्मिक मृत्यु एक सदमे के रूप में आई है। वह दशकों से मंदिर की सेवा कर रहे थे। मैं उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं, ” टीडीपी महासचिव नारा लोकेश, जो की पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के बेटे भी हैं।
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ट्रैविस स्कॉट एस्ट्रोवर्ल्ड पीड़ितों के अंतिम संस्कार के लिए भुगतान करेगा, मुफ्त मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा
ट्रैविस स्कॉट एस्ट्रोवर्ल्ड पीड़ितों के अंतिम संस्कार के लिए भुगतान करेगा, मुफ्त मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा
रैपर और निर्माता के एक प्रतिनिधि द्वारा सोमवार को जारी एक बयान के अनुसार, ट्रैविस स्कॉट शुक्रवार को अपने एस्ट्रोवर्ल्ड फेस्टिवल में मारे गए आठ पीड़ितों के अंतिम संस्कार की सभी लागतों को कवर करेगा। ह्यूस्टन में जन्मी यह कलाकार त्रासदी से प्रभावित सभी लोगों को मुफ्त मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए बेटरहेल्प के साथ भी भागीदारी करेगी।
बयान में कहा गया है, “ट्रैविस ह्यूस्टन शहर, कानून…
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आयरलैंड ने कोविड प्रतिबंधों में ढील दी, पिछले क्रिसमस के बाद अब मिली यात्रा करने की अनुमति Divya Sandesh
#Divyasandesh
आयरलैंड ने कोविड प्रतिबंधों में ढील दी, पिछले क्रिसमस के बाद अब मिली यात्रा करने की अनुमति
डबलिन | आयरलैंड ने कई कोविड प्रतिबंधों में ढील दी है। लोगों को यात्रा करने की अनुमति दी गई है, जो पिछले क्रिसमस के बाद से प्रतिबंधित थी, लेकिन गैर-जरूरी अंतरराष्ट्रीय यात्रा को अभी भी प्रोत्साहित नहीं किया गया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार से सभी सार्वजनिक परिवहन को पिछले 25 प्रतिशत की सीमा से 50 प्रतिशत की क्षमता पर चलने की अनुमति दी गई थी।
सोमवार से, सभी व्यक्तिगत सेवाओं जैसे हेयरड्रेसर, नाई और ब्यूटीशियन को लगभग साढ़े चार महीने तक बंद रहने के बाद अपने व्यवसाय को फिर से शुरू करने की अनुमति दी गई थी।
सभी गैर-आवश्यक खुदरा आउटलेट क्लिक-एंड-कलेक्ट सेवाएं शुरू कर सकते हैं, लेकिन आयरिश सरकार द्वारा पूर्व में घोषित योजना के अनुसार, उन्हें 17 मई तक इनडोर सेवाएं प्रदान करने की अनुमति नहीं है।
सोमवार से सरकार ने पिछले साल के अंत से बंद पड़े सभी इनडोर खेल और सांस्कृतिक सार्वजनिक सुविधाओं जैसे कि जिम, गैलरी, संग्रहालयों और पुस्तकालयों को बंद करने के बाद फिर से खोलने की अनुमति दी।
इसने अधिक लोगों को बाहरी समारोहों, शादियों और अंतिम संस्कार के लिए भी अनुमति दी है। उनमें सामाजिक या प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए बाहरी समारोहों के लिए अधिकतम 15 लोग और शादी या अंतिम संस्कार के लिए अधिकतम 50 लोग शामिल हैं।
यह खबर भी पढ़ें: ‘मैथ टेस्ट’ में फेल होने की वजह से टूट गई दूल्हे की शादी
सोमवार से, अधिकतम तीन घरों या किसी भी संख्या में छह लोगों को बाहर मिलने की अनुमति दी गई थी, लेकिन जब तक लोगों को टीका नहीं लगाया जाता है, तब तक अन्य घरों में इनडोर यात्राओं पर प्रतिबंध है। आयरलैंड में कोरोना के 253,189 मामले और 4,921 मौत को दर्ज किये गये हैं।
आयरलैंड में 18,20,00,00 लाख से अधिक लोगों को कोविड के खिलाफ आंशिक या पूरी तरह से टीका लगाया गया है, जो देश की कुल आबादी का लगभग 37 प्रतिशत है।
–आईएएनएस
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बुधवार को निवास पर हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में कोरोना संक्रमण की चिंताजनक स्थिति पर गहन मंथन किया गया। मंत्रिपरिषद ने संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता पर बल देते हुए इसके लिए 5 मंत्रियों के एक समूह का गठन किया है। यह मंत्री समूह संभावित कदमों पर विचार कर गुरूवार को अपने सुझाव देगा। जिसके आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। नगरीय विकास मंत्री श्री शांति धारीवाल, जलदाय मंत्री श्री बीडी कल्ला, चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, शिक्षा राज्यमंत्री श्री गोविंद सिंह डोटासरा तथा चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग इस समूह में शामिल हैं।
बैठक में कहा गया कि कोरोना की दूसरी लहर से गांवों में एवं युवाओं में संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। उपचार के लिए शहर आते-आते रोगियों की स्थिति गंभीर हो रही है। ऐसे में बैठक में आम राय थी कि संक्रमण की इस चिंताजनक स्थिति पर अंकुश लगा��े के लिए कुछ समय तक विवाह आयोजनों को स्थगित कर दिया जाए। बहुत अधिक आवश्यकता हो तो केवल कोर्ट मैरिज ही की जाए।
बैठक में महामारी रेड अलर्ट-जन अनुशासन पखवाड़े की पालना, ऑक्सीजन कॉन्सन्ट्रेटर की खरीद तथा ऑक्सीजन एवं रेमडेसिविर एवं टोसिलीजुमैब दवाओं की आपूर्ति पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में संक्रमण के गहराते संकट से निपटने के लिए और भी कड़े कदम उठाने तथा चिकित्सा सुविधाओं के निरंतर विस्तार एवं सुदृढी़करण के लिए महत्वपूर्ण निर्णय किए गए। मंत्रिपरिषद ने संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए रेड अलर्ट कर्फ्यू की गाइडलाइन को सख्ती से लागू करते हुए आवागमन न्यूनतम किए जाने का सुझाव दिया। इस दौरान अधिकाधिक वैक्सीनेशन तथा कोविड प्रबंधन से जुड़े तमाम बिन्दुओं पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
मंत्रिपरिषद ने केंद्र सरकार से लगातार आग्रह के बावजूद राज्य को एक्टिव केसेज के अनुपात में मेडिकल ऑक्सीजन एवं रेमडेसिविर की आपूर्ति नहीं मिलने पर चिंता व्यक्त की और देश के सुदूर स्थानों से ऑक्सीजन का उठाव करने के लिए पर्याप्त संख्या में केंद्र से टैंकर उपलब्ध करवाने की मांग रखी। साथ ही राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत बर्नपुर तथा कलिंगानगर की बजाय जामनगर एवं भिवाड़ी से ऑक्सीजन का आवंटन बढ़ाने पर बल दिया। इससे ऑक्सीजन का जल्द उठाव किया जाना संभव हो सकेगा।
मंत्रिपरिषद ने इस बात पर भी विचार किया कि एक्टिव केसेज की संख्या के अनुसार राज्य को वर्तमान में 615 मैट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकता है, जबकि उपलब्धता मात्र 351 मैट्रिक टन ही है। यदि संक्रमण की यही रफ्तार रही तो 15 मई तक ऑक्सीजन की आवश्यकता करीब 795 मैट्रिक टन हो जाएगी। साथ ही ऑक्सीजन के उठाव के लिए प्रदेश में 26 अतिरिक्त टैंकरों की आवश्यकता है।
बैठक में कहा गया कि दूसरी लहर के साथ-साथ तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखते हुए प्रदेशवासियों की जीवन रक्षा के लिए राज्य सरकार को कोविड प्रबंधन के लिए जरूरी संसाधन समय रहते जुटा लेने चाहिएं। बैठक में ऑक्सीजन कॉन्सन्ट्रेटर की जल्द से जल्द खरीद सुनिश्चित किए जाने, राज्य में ऑक्सीजन के अधिक से अधिक प्लांट स्थापित करने तथा दवाओं का भी स्थानीय स्तर पर उत्पादन करने के लिए सभी संभव प्रयास करने पर सहमति व्यक्त की गई।
बैठक में गृह विभाग की ओर से महामारी रेड अलर्ट-जन अनुशासन पखवाडे़ की गाइडलाइन, कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर की जा रही कार्रवाई तथा आगामी समय में उठाए जाने वाले संभव कदमों के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया गया। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोविड संक्रमण एवं वैक्सीनेशन की स्थिति तथा उपचार की व्यवस्थाओं से अवगत कराया गया। साथ ही कोविड प्रबंधन से जुड़े नोडल अधिकारियों ने ऑक्सीजन की आपूर्ति, ऑक्सीजन कॉन्सन्ट्रेटर खरीद की प्रगति के संबंध में जानकारी दी।
मंत्रिपरिषद ने कोविड से मृत व्यक्तियों की पार्थिव देह के सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार का व्यय राज्य सरकार द्वारा वहन करने, राज्य में 18 से 44 आयु वर्ग के युवाओं को निशुल्क टीकाकरण की अहम घोषणा, आरटीपीसीआर टेस्ट की दरें घटाने, अस्थि विसर्जन के लिए रोड़वेज में निशुल्क यात्रा की सुविधा जैसे संवेदनशील निर्णयों के लिए मुख्यमंत्री द्वारा की गई पहल को सराहा और कहा कि मुसीबत की इस घड़ी में इन फैसलों से प्रदेशवासियों को बड़ी राहत मिल रही है। साथ ही कोविड से लड़ने का हमारा संकल्प और मजबूत हुआ है।
बैठक में बताया गया कि नगरीय विकास तथा स्वायत्तशासन विभाग ने राज्य के 59 निकाय क्षेत्रों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की महत्वपूर्ण योजना तैयार की है। इस पर करीब 125 करोड़ रूपए व्यय किए जाने अनुमानित हैं। करीब दो माह में ये प्लांट स्थापित हो सकेंगे। इनसे ऑक्सीजन की उपलब्धता में सुधार आएगा। मंत्रिपरिषद ने इस कार्य को प्राथमिकता से पूरा करने पर जोर दिया।
मंत्रिपरिषद ने राजस्थान आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्योपैथिक एवं प्राकृतिक चिकित्सा अधीनस्थ सेवा नियम-1966 में संशोधन के प्रस्तावों का अनुमोदन किया। इससे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर तथा राज्य में चलाए जा रहे आयुष प्रोजेक्टों एवं एनएचएम आदि में संविदा पर कार्यरत नर्स एवं कंपाउण्डर कार्मिकों को बोनस अंक दिए जाकर सीधी भर्ती में वरीयता दी जा सकेगी। मंत्रिपरिषद ने आयुर्वेद नर्स एवं कंपाउण्डर जूनियर ग्रेड की सीधी भर्ती में निर्धारित योग्यता रखने वाले विभागीय कार्मिकों को उच्च पद का लाभ दिए जाने के उद्देश्य से 5 प्रतिशत के वर्तमान प्रावधान के स्थान पर 10 प्रतिशत के प्रावधान को मंजूरी दी है। इससे विभाग में कार्यरत परिचारकों को लाभ मिलेगा और अनुभवी कार्मिकों की सेवाएं मिल सकेगी। साथ ही आयुष नर्स एवं कंपाउण्डर जूनियर ग्रेड की सीधी भर्ती के लिए डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर द्वारा दी जाने वाली बीएससी (आयुर्वेद नर्सिंग) डिग्री को भी निर्धारित योग्यता में शामिल करने की मंजूरी दी है।
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UP TOP News : ये हैं यूपी की आज की प्रमुख खबरें, कहीं आपसे मिस तो नहीं हो गईं [Source: Patrika : India's Leading Hindi News Portal]
UP TOP News : ये हैं यूपी की आज की प्रमुख खबरें, कहीं आपसे मिस तो नहीं हो गईं [Source: Patrika : India’s Leading Hindi News Portal]
कानपुर : गंगा किनारे खुले में हो रहा अंतिम संस्कार,पीपीई किट और मास्क से संक्रमण का खतरा– लखनऊ समेत कई अन्य जिलों में श्मशान घाट से आवासीय इलाकों में उड़कर पहुंच रही राख
लखनऊ : निजी अस्पतालों में होगा ऑक्सीजन का ऑडिट, आइआइटी और आइआइएम की ली जाएंगी सेवाएं– सरकारी अस्पतालों के लिए 5000 जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदने के निर्देश– कोरोना से जुड़ी निगेटिव खबरें फैलाने पर एफआआर के निर्देश– सीएम योगी ने…
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चीन से आए व्यक्ति की कोरोना से मौत, पुलिस ने रीति-रिवाज से किया अंतिम संस्कार
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इंदौर में 30 अप्रैल तक सख्ती: बेवजह घूमने वालों की होगी गिरफ्तारी, सिर्फ ये सेवाएं रहेंगी चालू
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कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम के उद्देश्य से संपूर्ण प्रदेश में 19 अप्रेल से 3 मई की प्रातः 5 बजे तक जन अनुशासन पखवाड़े के तहत विभिन्न गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय किया है। इस दौरान सरकारी कार्यालय, बाजार, मॉल्स तथा कार्यस्थल बंद रहेंगे। लेकिन श्रमिकों के रोजगार से जुड़ी गतिविधियां जैसी फैक्ट्री तथा निर्माण कार्य पर रोक नहीं होगी। साथ ही ठेला एवं फेरी लगाकर जीवनयापन करने वाले लोगों को जीविकोपार्जन की छूट दी जाएगी।
रविवार देर रात तक निवास पर चली उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। सार्वजनिक स्थलों, बाजारों, एवं कार्यस्थलों आदि में सामान्य गतिविधियां जारी रहने से भीड़भाड़ के चलते कोरोना संक्रमण अधिक बढ़ रहा है। इसे नियंत्रित करने के लिए सोमवार 19 अप्रेल से शुरू जन अनुशासन पखवाड़े में प्रदेशभर में सभी कार्यस्थल, व्यावसायिक प्रतिष्ठान एवं बाजार बंद रखे जाएं। साथ ही इस दौरान जन सामान्य की सुविधा एवं आवश्यक सेवाओं तथा वस्तुओं की निरंतर उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए कुछ गतिविधियां प्रतिबंधों से मुक्त रहेंगी।
कोविड के प्रसार को रोकने में मास्क पहनना एक आवश्यक निवारक उपाय है। इसको कड़ाई से लागू करने के लिए सार्वजनिक स्थानों और कार्य स्थलों पर मास्क नहीं पहनने वाले व्यक्तियों पर नियमानुसार कार्यवाही की जाए।
गृह विभाग द्वारा जन अनुशासन पखवाड़े के संबंध में जारी आदेश के अनुसार निम्न पर ये प्रतिबंध लागू नहीं होंगे:-
जिला प्रशासन, गृह, वित्त, पुलिस, जेल, होमगार्ड, कन्ट्रोल रूम एवं वॉर रूम, नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं सार्वजनिक परिवहन, आपदा प्रबंधन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, नगर निगम, नगर विकास प्रन्यास, विद्य���त, पेयजल, स्वच्छता, टेलीफोन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं चिकित्सा से जुड़े कार्मिक इत्यादि।
केन्द्र सरकार की आवश्यक सेवाओं से जुड़े कार्यालय एवं संस्थान अनुमत।
उपरोक्त के अलावा समस्त कार्यालय बंद रहेंगे।
बस स्टैण्ड, रेल्वे, मेट्रो स्टेशन और एयरपोर्ट से आने/जाने वाले व्यक्तियों को यात्रा टिकट दिखाने पर आवागमन की अनुमति होगी। राज्य में आने वाले यात्रियों को यात्रा शुरू करने के पिछले 72 घंटे के अंदर करवाई आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य होगी।
गर्भवती महिलाओं और रोगियों को चिकित्सकीय एवं स्वास्थ्य सेवाओं के परामर्श हेतु।
निजी चिकित्सालय, लैब एवं उनसे सम्बन्धित कार्मिक (उपयुक्त पहचान-पत्र के साथ) जैसे डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल एवं अन्य चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं।
खाद्य पदार्थ एवं किराने का सामान, मण्डियां, फल एवं सब्जियां, डेयरी एवं दूध, पशुचारे से सम्बन्धित खुदरा/थोक दुकानें सायं 5 बजे तक अनुमत होंगी एवं जहां तक संभव हो इनके द्वारा होम डिलीवरी की व्यवस्था की जायेगी।
सब्जियांे एवं फलों को ठेले/साइकिल रिक्शा/ऑटो रिक्शा/मोबाइल वैन द्वारा सायं 7 बजे तक बेचा जा सकेगा।
अन्तर्राज्यीय एवं राज्य के अन्दर माल परिवहन करने वाले भार वाहनों के आवागमन, माल के लोडिंग एवं अनलोडिंग तथा उक्त कार्य हेतु नियोजित व्यक्ति। राष्ट्रीय एवं राज्य मार्गों पर संचालित ढाबे एवं वाहन रिपेयर की दुकानें अनुमत होंगी।
वर्तमान में रबी की फसलों की आवक मण्डियों मे हो रही है तथा समर्थन मूल्य पर फसलों को क्रय किया जा रहा है। यह कार्यवाही भी अनुमत होगी। अतः ऐसे केन्द्रों पर भी कोविड उपयुक्त व्यवहार की पालना सुनिश्चित की जावेगी किन्तु कृषकों का मण्डी पहुंचने एवं वापस जाने के अतिरिक्त मण्डी परिसर से बाहर आवागमन पूर्णतः प्रतिबन्धित रहेगा, साथ ही कृषकों को मण्डी जाते समय अपने माल का सत्यापन एवं वापस जाते समय बिक्री की रसीद/बिल का सत्यापन करवाना अनिवार्य होगा।
राशन की दुकानें बिना किसी अवकाश के खुली रहेंगी।
45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को जिन्होंने टीकाकरण के लिए पहले से रजिस्ट्रेशन करवा रखा है, को टीकाकरण हेतु टीकाकरण स्थल पर जाने की अनुमति होगी किन्तु साथ में रजिस्ट्रेशन संबंधी दस्तावेज एवं अपना आई.डी. कार्ड साथ में रखना अनिवार्य होगा।
समाचार पत्र वितरण हेतु सुबह 4 बजे से 8 बजे तक छूट होगी।
इलेक्ट्रॉनिक्स, प्रिन्ट मीडिया के कार्मिकों को परिचय पत्र के साथ आने-जाने की अनुमति होगी।
विवाह समारोह एवं अंतिम संस्कार से सम्बन्धित गतिविधियां दिनांक 14.04.2021 में जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए अनुमत होंगी।
पूर्व में निर्धारित प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अभ्यर्थियों को प्रवेश-पत्र दिखाने पर परीक्षा केन्द्र पर आवागमन की अनुमति होगी।
फार्मास्यूटिकल्स, दवा एवं चिकित्सा उपकरणों से सम्बन्धित दुकानें।
दूरसंचार, इंटरनेट सेवाएं, डाक सेवाएं, कुरियर सुविधा, प्रसारण एवं केबल सेवाएं, आईटी एवं आईटी संबंधित सेवाएं।
बैंकिंग सेवाओं हेतु बैंक, एटीएम एवं बीमा कार्यालय।
सेबी/स्टॉक से सम्बन्धित व्यक्ति।
भोजन सामग्री, फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सकीय उपकरण आदि सभी आवश्यक वस्तुओं का ई-कॉमर्स के माध्यम से वितरण।
प्रोसेस्ड फूड/मिठाई व मिष्ठान/रेस्टोरेन्ट्स द्वारा होम डिलीवरी रात्रि 8ः00 बजे तक अनुमत होगी।
इंदिरा रसोई में भोजन बनाने एवं उसके वितरण का कार्य रात्रि 8 बजे तक कोविड गाइडलाइन के अनुसार अनुमत होगा।
मनरेगा एवं ग्रामीण विकास योजनाओं से जुड़े श्रमिक।
एलपीजी, पेट्रोल पम्प, सीएनजी, पेट्रोलियम एवं गैस से संबंधित खुदरा/थोक आउटलेट की सेवाएं रात्रि 8 बजे तक अनुमत होंगी।
कोल्ड स्टोरेज एवं वेयर हाउसिंग सेवाएं।
निजी सुरक्षा सेवाएं।
समस्त उद्योग एवं निर्माण से सम्बन्धित इकाइयों में कार्य करने की अनुमति होगी जिससे कि श्रमिक वर्ग का पलायन रोका जा सके। सम्बन्धित इकाई द्वारा अपने श्रमिकों को अधिकृत व्यक्ति द्वारा पहचान-पत्र जारी किया जाये जिससे कि आवागमन में सुविधा हो। संस्थान को अधिकृत व्यक्ति के हस्ताक्षर एवं विवरण जिला कलक्टर कार्यालय में प्रस्तुत करना होगा।
जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट/पुलिस आयुक्त द्वारा स्थानीय आवश्यकता के अनुसार प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं एवं लगाये गये प्रतिबंधों में शिथिलता प्रदान की जा सकती है।
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तपती धूप में 49 साल का एक आदमी एम्बुलेंस से शव निकाल रहा था। उसके शरीर पर न पीपीई किट थी, न हाथों में ग्लव्स थे। वो कोरोना के चलते मरने वाले उन शवों का अंतिम संस्कार कर रहा था, जिनके करीब परिजन भी बिना पीपीई किट पहने नहीं जा रहे।
वो शव को निकालता, फिर चिता पर रखता। परिजन को मृतक का चेहरा दिखाने के लिए पीपीई किट को थोड़ा सा खोलता। फिर आग देने के बाद चिता के करीब ही खड़ा रहता। बीच-बीच में डंडे से जल रही लकड़ियों को इधर-उधर करता।
भदभदा मुक्तिधाम में कोरोना मरीजों के शवदाह के लिए अलग से स्थान बनाया गया है। यहां आम लोग आते-जाते भी नहीं।
ऐसा करते हुए प्रदीप कनौजिया के चेहरे पर कोई डर नहीं था। वे पिछले 35 सालों से भोपाल के भदभदा मुक्तिधाम में सेवाएं दे रहे हैं। मुक्तिधाम में ही रहते हैं। यहीं खाते-पीते हैं। परिवार में दो बेटियां, पत्नी हैं। उनसे मिलना होता है तो उन्हें मुक्तिधाम में ही मिलने बुला लेते हैं।
कोरोना के बाद से घर जाना न के बराबर कर दिया। वे लोग आते भी हैं तो दूर से मिलते हैं। अपना खाना खुद बनाते हैं और दिन-रात शवों को अग्नि देने का ही काम करते हैं। शुक्रवार को प्रदीप ने रात पौने बारह बजे एक कोरोना मरीज के शरीर का अंतिम संस्कार करवाया था। फिर नहाया और खाना रात में डेढ़ बजे खाया।
ऐसा क्यों करना पड़ा? इस पर बोले, वो किसी साहब के रिश्तेदार का मामला था। घर में ही कोरोना से मौत हुई थी। शव मुक्तिधाम पहुंचते-पहुंचते रात के पौने बारह बज गए तो फिर रात में ही अंतिम संस्कार करना पड़ा।
प्रदीप को पहले भी कई दफा देर रात शवों का अंतिम संस्कार करना पड़ा है, क्योंकि वे कोरोना मरीज का शव रात में रोककर नहीं रखना चाहते। कहते हैं, वैसे तो हम शाम 7 बजे तक ही शव लेते हैं, लेकिन अब यदि कोई दरवाजे पर आ ही गया तो फिर उसे ये थोड़ी कहेंगे कि आप बॉडी लेकर वापस चले जाओ। कई बार एम्बुलेंस रातभर यहीं खड़ी हो जाती है तो सुबह-सुबह अंतिम क्रिया कर देते हैं।
प्रदीप अस्थियों को संभालने का काम भी कर रहे हैं। वे थैलियों में निशान लगाकर अस्थियां रखते हैं, ताकि सही थैली सही व्यक्ति को मिले।
भारत में अब तक कोरोना से 69 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। इनमें से प्रदीप अकेले अब तक 400 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं। आप पीपीई किट क्यों नहीं पहनते? इस सवाल पर प्रदीप कहते हैं, हमें हर तीन से चार दिन में दस-दस किट मिलती हैं। शवों का अंतिम संस्कार करने वाले हम तीन लोग हैं, इसलिए किट एक दिन में ही खत्म हो जाती है।
फिर अगले दो-तीन दिन बिना किट के ही काम करना पड़ता है। प्रदीप के मुताबिक, इतनी तेज धूप में किट पहनकर अंतिम संस्कार करना भी बहुत बड़ी मुश्किल है। पूरा शरीर पसीना-पसीना हो जाता है। घबराहट होने लगती है। प्रदीप को मुक्तिधाम से हर माह 6 हजार रुपए मिलते हैं, यानी 200 रुपए दिन। वहीं अन्य दो जो लोग हैं, उन्हें आम लोग जो पैसा देकर जाते हैं, उनमें से कुछ हिस्सा मिल जाता है।
पीपीई किट पहने हुए ये सभी पुलिसकर्मी हैं। इनके एक साथी की कोरोना से मौत हो गई थी, इसके बाद उन्हें पीपीई पहनकर सलामी दी गई।
प्रदीप सिर्फ शवों का अंतिम संस्कार ही नहीं कर रहे बल्कि अस्थियां संभालने का काम भी कर रहे हैं। दरअसल कोरोना के मरीजों के शव अलग-अलग जगहों के होते हैं। कोई दिल्ली, कोई मुंबई तो कोई ग्वालियर। शव को जलने में चार से पांच घंटे लगते हैं। कोरोना के चलते अधिकतर का परिवार क्वारैंटाइन होता है। कोई आता भी है तो पांच घंटे नहीं रुकता।
प्रदीप अलग-अलग थैलियों में अलग-अलग शवों की अस्थियां रखते हैं और उन पर पहचान के लिए अलग-अलग निशान लगा देते हैं। कहते हैं, जो आता है वो मेरा नंबर लेकर जाता है। अंतिम संस्कार होने के दस-पंद्रह दिनों बाद वो लोग आते हैं और अस्थियां ले जाते हैं। तब तक अस्थियों को संभालकर रखना पड़ता है।
परिजन भी बिना पीपीई किट के यहां नहीं पहुंच रहे लेकिन प्रदीप को बिना किट के ही दाह संस्कार करना पड़ रहा है।
मुक्तिधामों में कई दफा ऐसा भी हो रहा है कि शव तो आ गया लेकिन परिजन नहीं आए। ऐसे में परिजन के इंतजार में शव कई घंटों तक रखा जाता है। कई बार एक साथ कई शव आ जाते हैं तो फिर घंटों का इंतजार भी हो जाता है क्योंकि हर मुक्तिधाम में कोरोना मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए अलग से जगह बनाई गई है।
प्रदीप कहते हैं, पिछले महीने कई बार ऐसा भी हुआ कि एक दिन में मैंने दस से ग्यारह शवों का अंतिम संस्कार किया। दिन में चार से पांच बार नहाना पड़ता है। दिन में तो अच्छे से खाना भी नहीं हो पाता। नाश्ता ही करता हूं। खाना तो रात में ही होता है। हालांकि, उन्हें मुक्तिधाम समिति से पूरा सहयोग मिल रहा है।
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ये हैं 49 साल के प्रदीप कनौजिया, जिन्होंने मुक्तिधाम को ही अपना घर बना लिया है।
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नोएडा में ऑड-इवन के आधार पर दुकानें खोलने पर सहमति के लिए प्रशासन और व्यापारियों के बीच बैठक Saravpreet Singh Lamba नोएडा :- लॉकडाउन-4 के लिए गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने बुधवार को अपने ��िशानिर्देश जारी किर दिये और यहां के बाजारों को ऑड-इवन के आधार पर खोलने की सहमति बन रही है जिनमें केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा। जिला प्रशासन, वाणिज्यकर व श्रम विभाग के अधिकारी तथा व्यापारी संगठनों केबीच बुधवार को इस संबंध में बैठक हो रही है जिसमें बाजारों को खोलने के संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा। जिला सूचना अधिकारी राकेश चौहान ने बताया कि जनपद गौतमबुद्ध नगर में दुकानों एवं बाजार को खोलने के लिए प्रशासनिक अफसरों व व्यापारिक संगठनों के बीच बुधवार को एक बैठक चल रही है। उन्होंने बताया कि यहां के बाजारों को ऑड-इवन के आधार पर खोलने की सहमति बन रही है। जिसमें सामाजिक दूरी तथा कोविड-19 से संबंधित अन्य सभी निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बाजार की 50 प्रतिशत दुकानें एक दिन तथा शेष 50 प्रतिशत दुकानें अगले दिन खुलेंगी। चौहान ने कहा कि शाम को दुकानें इस तरह से बंद की जाएंगी कि सभी दुकानदार अपने-अपने घर सायं 7 बजे से पहले पहुंच जाएं। कोई भी दुकान शाम 7 बजे के बाद नहीं खुलेगी। हालांकि आवश्यक वस्तुओं, दवा की दुकान आदि एवं आपातकालीन वस्तुओ एवं सेवाओं से संबंधित इकाइयों पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होंगे। उन्होंने बताया कि रेस्तरां में केवल होम डिलीवरी की व्यवस्था होगी। दुकान में बैठकर खाना खाने की अनुमति नहीं होगी। मिठाई की दुकान भी खोलने की अनुमति इस शर्त के साथ होगी कि सिर्फ मिठाई बेचने का कार्य किया जाए। चौहान ने बताया कि बारात घर खोलने की अनुमति होगी। लेकिन शादी समारोह के लिए पूर्व में अनुमति लेना आवश्यक होगा। अनुमति हेतु अपर जिलाधिकारी (भू0/अ0) नोडल अधिकारी होंग जिन्हें ई-मेल के माध्यम से आवेदन किया जाएगा, उसके पश्चात आवश्यक शर्तों के साथ अनुमति प्रदान की जाएगी। इसमें 20 से ज्यादा लोगों की शामिल होने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने बताया कि स्ट्रीट वेंडर, पटरी व्यवसाई अपना कारोबार कर सकते हैं, लेकिन ये लोग फेस मास्क और ग्लव्स का इस्तेमाल जरूर करेंगे तथा सामाजिक दूरी का पालन सुनिश्चित करेंगे। चौहान ने बताया कि स्थानिय प्राधिकरण द्वारा इनके लिए समुचित स्थान चिन्हित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नर्सिंग होम एवं प्राइवेट अस्पतालों के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा अलग से दिशानिर्देश जारी किये जाएंगे। चार पहिया वाहनों के संबंध में उन्होंने बताया कि चालक के अतिरिक्त दो लोगों को ही कार में बैठने की अनुमति होगी। उन्होंने कहा कि दोपहिया वाहन पर चालक ही बैठ सकता है। यदि पीछे महिला बैठी है तो उसे अनुमति दी जाएगी, लेकिन दोनों को हेलमेट पहनना अनिवार्य है। अधिकारी के अनुसार तिपहिया वाहन में ड्राइवर के अतिरिक्त दो व्यक्ति को ही चलने की अनुमति होगी, जिसमें समस्त यात्रियों को फेस माक्स, फेस कवर पहनना अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया कि शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक निषेधाज्ञा जारी रहेगी। समस्त जोन में 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, एक से अधिक बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति, गर्भवती स्त्रियाऔर 10 वर्ष की आयु तक के बच्चे को घर के अंदर ही रहना होगा। चौहान ने कहा कि सभी प्रकार की औद्योगिक गतिविधियों को कंटेंटमेंट जोन के बाहर चलाने की अनुमति होगी, लेकिन औद्योगिक इकाइयों को फेस मास्क, फेस कवर, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा, एवं औद्योगिक गतिविधियों के लिए बसों के इस्तेमाल में भी उपरोक्त सावधानी बरती जाएगी। उन्होंने कहा कि दुकानों पर जो ग्राहक मास्क पहनकर नहीं आएंगे, उन्हें सामान की बिक्री नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि नोएडा से दिल्ली आवागमन पूर्व की भांति अभी प्रतिबंधित है।चौहान के अनुसार प्रिंटिंग प्रेस व ड्राईक्लीन की दुकानें खुलेंगी। उन्होंने बताया कि राज्य के अंदर और राज्य के बाहर के चिकित्सा व्यवसाई, नर्स, एवं पैरामेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारी एवं एम्बुलेंसें को बिना किसी प्रतिबंध के आवागमन की अनुमति है। उन्होंने बताया कि समस्त प्रकार के माल वाहक, खाली ट्रकों आदि को अंतराज्यीय परिवहन की अनुमति होगी। उन्होंने कहा कि पार्क सुबह 7 बजे से 10 बजे और शाम 4 बजे से 7 बजे तक खुलेंगे। पार्क में टहलते समय फेस मास्क पहनना व सामाजिक दूरी का पालन करना अनिवार्य होगा। चौहान ने कहा कि पार्कों में लगी बेंचों को अनिवार्यता अनुरक्षण अधिकारी द्वारा समय-समय पर सैनिटाइज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर फेस कवर, फेस मास्क लगाना अनिवार्य होगा। चौहान ने बताया कि अंतिम संस्कार के समय 20 से अधिक लोग इकट्ठा नहीं होंगे। सार्वजनिक स्थानों पर थूकना जुर्माने के साथ दंडनीय होगा। सार्वजनिक स्थानों पर मदिरापान निषिद्ध होगा। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन-4 के तहत मेट्रो, रेल सेवाएं, समस्त स्कूल, शैक्षणिक संस्थान, प्रशिक्षण, कोचिंग संस्थान बंद रहेंगे। समस्त सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, जिम, स्वीमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थिएटर, बार एवं सभागार, असेंबली हॉल एवं इस प्रकार के समस्त स्थान बंद रहेंगे। उन्होंने बताया कि यात्री वाहनों एवं बसों के आवागमन के लिए अभी अनुमति नहीं है। इस हेतु राज्य सरकार द्वारा अलग से आदेश जारी किए जाएंगे।
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मध्य प्रदेश: जानिए Lockdown 3.0 में किन गतिविधियों को दी गई है अनुमति
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मध्य प्रदेश: जानिए Lockdown 3.0 में किन गतिविधियों को दी गई है अनुमति
Lockdown
भोपाल: देश में सोमवार से शुरू हो रहे लॉकडाउन के तीसरे चरण में और अधिक छूट दी जाएगी, लेकिन निषिद्ध क्षेत्रों में पाबंदियां जारी रहेंगी ताकि कोविड-19 के खिलाफ अब तक हासिल की गई उपलब्धियां बेकार न हो जाएं। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के आधार पर पूरे देश को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है- ‘रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन’। लॉकडाउन 3.0 चार मई से लेकर 17 मई तक है। मध्य प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन में दी जाने वाली रियायतों को लेकर लिस्ट जारी कर दी है। राज्य में शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक गैर जरूरी गतिविधियों हेतु लोगों का आवागमन निषिद्ध रहेगा।
देश में 25 मार्च से लागू लॉकडाउन का पहला चरण 14 अप्रैल तक था, जिसे बाद में बढ़ा कर तीन मई तक कर दिया गया था।
इनपर रहेगी पाबंदी
मध्य प्रदेश के नागरिक दूसरे राज्यों में नहीं जा सकेंगे
स्वास्थ पुलिस, सरकारी अधिकारी, आवश्यक अन्य सेवाएं जारी रहेगी
सिनेमा शापिंग मॉल, बार, ऑडिटोरियम सामुदायिक भवनों पर प्रतिबंध
सामाजिक, राजनैतिक, खेलकूद, साहित्य सांस्कृतिक धार्मिक कार्यक्रमों को अनुमति नहीं
दिव्यांग, बुजुर्ग, गर्भवती महिला और 10 साल उम्र से कम बच्चे घर पर रहेंगे
चिकित्सा संबंधी कार्य में घर के बाहर जा सकेंगे
शाम 7 से सुबह 7 बजे तक अतिआवश्यक सेवाएं छोड़कर लोगों का आवागमन प्रतिबंध
रेड जोन कंटेंटमेंट एरिया
चार पहिया वाहन में अधिकतर 3 लोग की अनुमति
SEZ चालू होंगी, निर्यात चालू
गांव में सभी निर्माण की गतिविधियां, मनरेगा, बाकी काम चालू रह सकेंगे
शहर में आवश्यक वस्तु का विक्रय करने वाली दुकानें चालू रहेगी
विवाह कार्यक्रम की जिला कलेक्टर से अनुमति लेने पर कंटेंटमेंट एरिया से बहुत दूर कर सकते हैं।
ऑरेंज जोन
सेफ गतिविधियां संचालित
टैक्सी या कैब में तीन लोग
आवासीय शापिंग काम्प्लेक्स, मार्केट के बाहर एकल दुकानें खुलेंगी
ऑटो रिक्शा, नगर सेवा बसें चलेगी
सभी उद्योग, निर्माण कार्य और सभी प्रकार की अनुमति
ग्रीन जोन
सभी दुकानें, शापिंग कॉम्प्लेक्स खुलेंगे
50 फीसदी क्षमता में बसें चलेंगी
विवाह कार्यक्रम में सिर्फ 50 व्यक्ति शामिल हो सकेंगे
अंतिम संस्कार में केवल 20 लोगों को अनुमति मिलेगी
किसान के उत्पाद को उसके घर से व्यापारी अनुमति लेकर खरीद सकता है
स्कूल-कॉलेज और कोचिंग बंद रहेगी
कोरोना से जंग : Full Coverage
!function (f, b, e, v, n, t, s) if (f.fbq) return; n = f.fbq = function () n.callMethod ? n.callMethod.apply(n, arguments) : n.queue.push(arguments); ; if (!f._fbq) f._fbq = n; n.push = n; n.loaded = !0; n.version = '2.0'; n.queue = []; t = b.createElement(e); t.async = !0; t.src = v; s = b.getElementsByTagName(e)[0]; s.parentNode.insertBefore(t, s); (window, document, 'script', '//connect.facebook.net/en_US/fbevents.js'); fbq('init', '1684841475119151'); fbq('track', "PageView");
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Corona Lockdown 2.0 : जाने किन सेवाओं में 3 मई तक रहेगी रोक
नई दिल्ली : देश में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन-2 को 19 दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया गया है | इसके तहत अब 3 मई तक देशभर में बंदी रहेगी | केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दूसरे पार्ट को लेकर नई गाइडलाइन भी जारी कर दी है | इसमें किसानों, ई-कॉमर्स, प्लंबर, मैकेनिक और कारपेंटर को राहत दी गई है, जबकि आईटी कंपनियों को कुछ शर्तों के साथ खोलने की परमिशन है |
सरकार ने कहा कि आवश्यक सामानों, दवाओं का उत्पादन जारी रहेगा | कुछ शर्तों के साथ ट्रकों को आने-जाने की इजाजत दी गई है | लॉकडाउन में फंसे लोगों के लिए होटल, लॉज खुले रहेंगे | हालांकि, लॉकडाउन के दूसरे फेज में ऐसी 13 सुविधाएं हैं, जिन्हें आप फिलहाल इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे |
आइए जानते हैं कौन से ये 13 सेवाएं……
1) आज से आप बिना मास्क पहने या मुंह को बिना कवर किए बाहर नहीं निकल सकते | सार्वजनिक जगहों पर थूकने पर भी पाबंदी है | ऐसा किया तो जुर्माना देना होगा |
2) 3 मई तक सभी डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट्स सस्पेंड रहेंगी | ऐसे में आप एक जगह से दूसरी जगह सफर नहीं कर सकते | जहां हैं वहीं रहना पड़ेगा |
3) आज से 19 दिन यानी 3 मई तक कोई पैसेंजर ट्रेन, स्पेशल ट्रेन या प्रीमियम ट्रेनें नहीं चलेंगी | ऐसे में ट्रेन सर्विस भी आपके लिए बंद है |
4) सभी तरह के पब्लिक ट्रांसपोर्ट, बसें आपके लिए बंद हैं |
5) अगर आप ओला-उबर या शेयर कैब लेकर अपने दोस्त के घर जाने की सोच रहे हैं, तो ऐसा नहीं कर पाएंगे | क्योंकि कैब सर्विस भी सस्पेंड है |
6) अगर आप मेट्रो से सफर करने की सोच रहे हैं, तो ये भी मुमकिन नहीं है | 3 मई तक दिल्ली और कोलकता मेट्रो समेत अन्य शहरों के मेट्रो सर्विस भी बंद है | मेट्रो में सिर्फ हेल्थ वर्कर्स या डॉक्टर, पुलिस ही सफर कर सकते हैं |
7) लॉकडाउन खत्म होने तक सभी एजुकेशन सेंटर, कोचिंग क्लासेस, कॉलेज, स्कूल, ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट भी बंद ही रहेंगे |
8) 3 मई तक जिम, सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, पार्क, मार्केट नहीं खुलेंगे | ऐसे में वर्कआउट घर पर ही करें |
9) लॉकडाउन खत्म होने तक कोई भी रेस्टोरेंट, होटल, फूड कोर्ट नहीं खुलेगा | हां आप चाहें तो खाने का ऑर्डर ऑनलाइन दे सकते हैं |
10) सभी धार्मिक जगहें जैसे मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च भी 3 मई तक बंद रहेंगे, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके |
11) ऐसे कॉमर्शियल एक्टिविटी जैसे प्रॉपर्टी डीलिंग वगैह भी आप नहीं कर पाएंगे | सरकार ने अपनी गाइडलाइन में जिन सेक्टर्स को परमिशन दी है, सिर्फ वो ही काम शुरू कर सकते हैं |
12) इस दौरान सार्वजनिक रूप से कोई सेलिब्रेशन भी नहीं किया जा सकता |
13) शादियों या अंतिम संस्कार पर रोक नहीं है | अंतिम संस्कार के लिए ज्यादा से ज्यादा 20 लोग जा सकते हैं | वहीं, शादी में कितने मेहमान आएंगे, इसके लिए आपको डीएम से परमिशन लेनी होगी |
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