#अंक विद्या आज
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tgop123 · 7 months ago
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Learn Astrology Signs And Horoscope Signs by Date of Birth
जन्मतिथि के अनुसार ज्योतिष (Astrology by Date of Birth)
ज्योतिष एक प्राचीन विद्या है जो जन्मतिथि, समय और स्थान के आधार पर व्यक्ति का भविष्य जानने में मदद करती है। जन्म कुंडली या जन्म पत्रिका एक चार्ट होता है जिसमें ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति का वर्णन होता है। यह कुंडली व्यक्ति की जीवन यात्रा, विशेषताओं और संभावित चुनौतियों के बारे में जानकारी प्रदान करती है।
Janmatithi ke Anusar Jyotish (Astrology by Date of Birth)
Jyotish ek prachin vidya hai jo janmatithi, astrology by date of birth samay aur sthan ke adhar par vyakti ka bhavishya jaanne mein madad karti hai. Janm Kundli ya Janm Patrika ek chart hota hai jisme grahon aur nakshatron ki sthiti ka varnan hota hai. Yeh Kundli vyakti ki jeevan yatra, visheshataon aur sambhavit chunautiyon ke baare mein jankari pradan karti hai.
जन्मतिथि के अनुसार राशिफल (Horoscope by Date of Birth)
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Janmatithi ke Anusar Rashifal (Horoscope by Date of Birth)
Rashifal janmatithi ke adhar horoscope signs dates par vyakti ke bhavishya ki jankari deta hai. Isme grahon ki chaal aur unki sthiti ke adhar par bhavishyavaniyan ki jaati hain. Dainik, saptahik, masik aur varshik rashifal vyakti ke jeevan ke vibhinn pehluon jaise swasthya, career, prem jeevan adi par prakaash dalte hain.
भारत के सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषी (Best Astrologer in India)
भारत में कई प्रसिद्ध ज्योतिषी हैं जिन्होंने अपनी सटीक भविष्यवाणियों और ज्ञान के लिए ख्याति प्राप्त की है। इनमें से कुछ प्रमुख नाम हैं:
बेजान दारूवाला
के.एन. राव
जनार्दन पंडित
डॉ. प्रेम कुमार शर्मा
पं. अजय भाम्बी
Bharat ke Sarvashreshth Jyotishi (Best Astrologer in India)
Bharat mein kai prasiddh jyotishi hain jinhone apni sahi bhavishyavaniyon aur gyaan ke liye khyati prapt ki hai. Inmein se kuch pramukh naam hain:
Bejan Daruwalla
K.N. Rao
Janardhan Pandit
Dr. Prem Kumar Sharma
Pt. Ajai Bhambi
अंक ज्योतिष संख्या (Numerology Number)
अंक ज्योतिष एक विद्या है जो अंकों के माध्यम से व्यक्ति के जीवन के बारे में जानकारी प्राप्त करती है। जन्मतिथि और नाम के अंकों का उपयोग करके मुख्य अंक ज्योतिष संख्या निकाली जाती हैं:
लाइफ पाथ नंबर: जन्मतिथि से निकाला जाता है।
एक्सप्रेशन नंबर: जन्म के समय पूरे नाम से निकाला जाता है।
सोल अर्ज नंबर: नाम के स्वरों से निकाला जाता है।
पर्सनैलिटी नंबर: नाम के व्यंजनों से निकाला जाता है।
Anka Jyotish Sankhya (Numerology Number)
Ank Jyotish ek vidya hai jo Free Astrology Kundli by Date of Birth ankon ke madhyam se vyakti ke jeevan ke baare mein jankari prapt karti hai. Janmatithi aur naam ke ankon ka upayog karke mukhya ank jyotish sankhya nikali jaati hain:
Life Path Number: Janmatithi se nikala jata hai.
Expression Number: Janm ke samay poore naam se nikala jata hai.
Soul Urge Number: Naam ke swaron se nikala jata hai.
Personality Number: Naam ke vyanjanon se nikala jata hai.
जन्मतिथि के अनुसार मुफ्त ज्योतिष कुंडली (Free Astrology Kundli by Date of Birth)
जन्म कुंडली व्यक्ति की जन्मतिथि, समय और स्थान के आधार पर बनाई जाती है। यह व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी प्रदान करती है। कई वेबसाइट्स मुफ्त कुंडली सेवाएं प्रदान करती हैं:
AstroSage
Astrobix
Indian Astrology Portals
Janmatithi ke Anusar Muft Jyotish Kundli (Free Astrology Kundli by Date of Birth)
Janm Kundli vyakti ki janmatithi, samay aur sthan ke adhar par banai jati hai. Yeh vyakti ke jeevan ke vibhinn pehluon ke baare mein jankari pradan karti hai. Kai websites muft kundli sevaayen pradan karti hain:
AstroSage
Astrobix
Indian Astrology Portals
आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang)
पंचांग एक पारंपरिक हिन्दू कैलेंडर है जो दैनिक आधार पर महत्वपूर्ण ज्योतिषीय डेटा प्रदान करता है, जैसे:
तिथि: चंद्र दिवस
नक्षत्र: चंद्र मण्डल
योग: ग्रहों का विशेष संयोजन
करण: आधा चंद्र दिवस
वार: सप्ताह का दिन
आज का पंचांग विभिन्न गतिविधियों के लिए शुभ और अशुभ समय की जानकारी देता है।
Aaj Ka Panchang
Panchang ek paramparik Hindu Aaj Ka Panchang calendar hai jo dainik adhar par mahatvapurn jyotishiya data pradan karta hai, jaise:
Tithi: Chandra divas
Nakshatra: Chandra mandal
Yoga: Grahon ka vishesh sanyojan
Karana: Aadha Chandra divas
Vaar: Saptah ka din
Aaj ka Panchang vibhinn gatividhiyon ke liye shubh aur ashubh samay ki jankari deta hai.
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sharpbharat · 1 year ago
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Jamshedpur tata motors sports : टाटा मोटर्स स्पोर्ट्स 2023-24 की हुई विधिवत शुरुआत,  पहले दिन इंटर टीम व इंटर स्कूल हैंडबॉल प्रतियोगिता के मैच खेले गये
जमशेदपुर : टाटा मोटर्स स्पोर्ट्स 2023-24 के तहत इंटर टीम एवं इंटर स्कूल बास्केट बॉल प्रतियोगिताएं बुधवार को शुरू गुईं. इंटर स्कूल वर्ग में आज पहला मैच शिक्षा निकेतन एवं लोयोला स्कूल के बीच खेला गया. इसमें लोयोला स्कूल ने 18-14 अंक से मैच जीत लिया. (न��चे भी पढ़ें)  वर्ग का दूसरा मैच विद्या भारती चिन्मया विद्यालय एवं विवेक विद्यालय के बीच खेला गया.  वीबीसीबी ने 52 – 18 अंकों से मैच जीत लिया.…
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nationalnewsindia · 2 years ago
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mwsnewshindi · 2 years ago
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अंक ज्योतिष आज, 11 जनवरी, 2023: बुधवार का राशिफल यहां देखें
अंक ज्योतिष आज, 11 जनवरी, 2023: बुधवार का राशिफल यहां देखें
नंबर 1 संख्याओं का एक साथ संयोजन आज भावनात्मक स्थिरता, जनसंचार, अभिव्यक्ति, कौशल, प्रतिस्पर्धा का सामना करने या साक्षात्कार की तैयारी का निर्माण करता है, लेकिन योजनाओं को क्रियान्वित करने में दूसरों का सहयोग लेना याद रखें। आज आप हर तरह के इनाम का आनंद लेंगे। आप कंपनी में प्रसिद्धि या लक्ष्य हासिल करेंगे, जिससे दूसरे आपसे ईर्ष्या करेंगे। नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए मंत्र जाप करना चाहिए और…
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sanathanadharmasblog · 7 years ago
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भगवान श्रीगणेश के 8 अवतार :-
8 Incarnation (Avtar) of Lord Ganesha :- आज हम आपको भगवान गणेश के प्रमुख 8 अवतारों के बारे में बताएंगे। अन्य सभी देवताओं के समान भगवान गणेश ने भी आसुरी शक्तियों के विनाश के लिए विभिन्न अवतार लिए। श्रीगणेश के इन अवतारों का वर्णन गणेश पुराण, मुद्गल पुराण, गणेश अंक आदि ग्रंथो में मिलता है।जानिए श्रीगणेश के अवतारों के बारे में-
1. वक्रतुंड (Vakratunda)-
वक्रतुंड का अवतार राक्षस मत्सरासुर के दमन के लिए हुआ था। मत्सरासुर शिव भक्त था और उसने शिव की उपासना करके वरदान पा लिया था कि उसे किसी से भय नहीं रहेगा। मत्सरासुर ने देवगुरु शुक्राचार्य की आज्ञा से देवताओं को प्रताडि़त करना शुरू कर दिया। उसके दो पुत्र भी थे सुंदरप्रिय और विषयप्रिय, ये दोनों भी बहुत अत्याचारी थे। सारे देवता शिव की शरण में पहुंच गए। शिव ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे गणेश का आह्वान करें, गणपति वक्रतुंड अवतार लेकर आएंगे। देवताओं ने आराधना की और गणपति ने वक्रतुंड अवतार लिया। वक्रतुंड भगवान ने मत्सरासुर के दोनों पुत्रों का संहार किया और मत्सरासुर को भी पराजित कर दिया। वही मत्सरासुर कालांतर में गणपति का भक्त हो गया।
2. एकदंत (Ekadanta)-
महर्षि च्यवन ने अपने तपोबल से मद की रचना की। वह च्यवन का पुत्र कहलाया। मद ने दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य से दीक्षा ली। शुक्राचार्य ने उसे हर तरह की विद्या में निपुण बनाया। शिक्षा होने पर उसने देवताओं का विरोध शुरू कर दिया। सारे देवता उससे प्रताडि़त रहने लगे। मद इतना शक्तिशाली हो चुका था कि उसने भगवान शिव को भी पराजित कर दिया। सारे देवताओं ने मिलकर गणपति की आराधना की। तब भगवान गणेश एकदंत रूप में प्रकट हुए। उनकी चार भुजाएं थीं, एक दांत था, पेट बड़ा था और उनका सिर हाथी के समान था। उनके हाथ में पाश, परशु और एक खिला हुआ कमल था। एकदंत ने देवताओं को अभय वरदान दिया और मदासुर को युद्ध में पराजित किया।
3. महोदर (Mahodar)-
जब कार्तिकेय ने तारकासुर का वध कर दिया तो दैत्य गुरु शुक्राचार्य ने मोहासुर नाम के दैत्य को संस्कार देकर देवताओं के खिलाफ खड़ा कर दिया। मोहासुर से मुक्ति के लिए देवताओं ने गणेश की उपासना की। तब गणेश ने महोदर अवतार लिया। महोदर का उदर यानी पेट बहुत बड़ा था। वे मूषक पर सवार होकर मोहासुर के नगर में पहुंचे तो मोहासुर ने बिना युद्ध किये ही गणपति को अपना इष्ट बना लिया।
4. गजानन (Gajanan)-
एक बार धनराज कुबेर भगवान शिव-पार्वती के दर्शन के लिए कैलाश पर्वत पर पहुंचा। वहां पार्वती को देख कुबेर के मन में काम प्रधान लोभ जागा। उसी लोभ से लोभासुर का जन्म हुआ। वह शुक्राचार्य की शरण में गया और उसने शुक्राचार्य के आदेश पर शिव की उपासना शुरू की। शिव लोभासुर से प्रसन्न हो गए। उन्होंने उसे सबसे निर्भय होने का वरदान दिया। इसके बाद लोभासुर ने सारे लोकों पर कब्जा कर लिया और खुद शिव को भी उसके लिए कैलाश को त्यागना पड़ा। तब देवगुरु ने सारे देवताओं को गणेश की उपासना करने की सलाह दी। गणेश ने गजानन रूप में दर्शन दिए और देवताओं को वरदान दिया कि मैं लोभासु��� को पराजित करूंगा। गणेश ने लोभासुर को युद्ध के लिए संदेश भेजा। शुक्राचार्य की सलाह पर लोभासुर ने बिना युद्ध किए ही अपनी पराजय स्वीकार कर ली।
5. लंबोदर (Lambodar)-
समुद्रमंथन के समय भगवान विष्णु ने जब मोहिनी रूप धरा तो शिव उन पर काम मोहित हो गए। उनका शुक्र स्खलित हुआ, जिससे एक काले रंग के दैत्य की उत्पत्ति हुई। इस दैत्य का नाम क्रोधासुर था। क्रोधासुर ने सूर्य की उपासना करके उनसे ब्रह्मांड विजय का वरदान ले लिया। क्रोधासुर के इस वरदान के कारण सारे देवता भयभीत हो गए। वो युद्ध करने निकल पड़ा। तब गणपति ने लंबोदर रूप धरकर उसे रोक लिया। क्रोधासुर को समझाया और उसे ये आभास दिलाया कि वो संसार में कभी अजेय योद्धा नहीं हो सकता। क्रोधासुर ने अपना विजयी अभियान रोक दिया और सब छोड़कर पाताल लोक में चला गया।
6. विकट (Vikata)-
भगवान विष्णु ने जलंधर के विनाश के लिए उसकी पत्नी वृंदा का सतीत्व भंग किया। उससे एक दैत्य उत्पन्न हुआ, उसका नाम था कामासुर। कामासुर ने शिव की आराधना करके त्रिलोक विजय का वरदान पा लिया। इसके बाद उसने अन्य दैत्यों की तरह ही देवताओं पर अत्याचार करने शुरू कर दिए। तब सारे देवताओं ने भगवान गणेश का ध्यान किया। तब भगवान गणपति ने विकट रूप में अवतार लिया। विकट रूप में भगवान मोर पर विराजित होकर अवतरित हुए। उन्होंने देवताओं को अभय वरदान देकर कामासुर को पराजित किया।
7. विघ्नराज (Vighnaraj)-
एक बार पार्वती अपनी सखियों के साथ बातचीत के दौरान जोर से हंस पड़ीं। उनकी हंसी से एक विशाल पुरुष की उत्पत्ति हुई। पार्वती ने उसका नाम मम (ममता) रख दिया। वह माता पार्वती से मिलने के बाद वन में तप के लिए चला गया। वहीं उसकी मुलाकात शम्बरासुर से हुई। शम्बरासुर ने उसे कई आसुरी शक्तियां सीखा दीं। उसने मम को गणेश की उपासना करने को कहा। मम ने गणपति को प्रसन्न कर ब्रह्मांड का राज मांग लिया।
शम्बर ने उसका विवाह अपनी पुत्री मोहिनी के साथ कर दिया। शुक्राचार्य ने मम के तप के बारे में सुना तो उसे दैत्यराज के पद पर विभूषित कर दिया। ममासुर ने भी अत्याचार शुरू कर दिए और सारे देवताओं के बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया। तब देवताओं ने गणेश की उपासना की। गणेश विघ्नराज के रूप में अवतरित हुए। उन्होंने ममासुर का मान मर्दन कर देवताओं को छुड़वाया।
8. धूम्रवर्ण (Dhoomvarna)-
एक बार भगवान ब्रह्मा ने सूर्यदेव को कर्म राज्य का स्वामी नियुक्त कर दिया। राजा बनते ही सूर्य को अभिमान हो गया। उन्हें एक बार छींक आ गई और उस छींक से एक दैत्य की उत्पत्ति हुई। उसका नाम था अहम। वो शुक्राचार्य के समीप गया और उन्हें गुरु बना लिया। वह अहम से अहंतासुर हो गया। उसने खुद का एक राज्य बसा लिया और भगवान गणेश को तप से प्रसन्न करके वरदान प्राप्त कर लिए।
उसने भी बहुत अत्याचार और अनाचार फैलाया। तब गणेश ने धूम्रवर्ण के रूप में अवतार लिया। उनका वर्ण धुंए जैसा था। वे विकराल थे। उनके हाथ में भीषण पाश था जिससे बहुत ज्वालाएं निकलती थीं। धूम्रवर्ण ने अहंतासुर का पराभाव किया। उसे युद्ध में हराकर अपनी भक्ति प्रदान की।
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satyam-mathematics · 4 years ago
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1.वैदिक गणित (Vedic Mathematics),वैदिक गणित क्या है? (What is Vedic Maths?):
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वैदिक गणित (Vedic Mathematics) एक ऐसी विधा है जिसके ज्ञान से गणित के प्रति विद्यार्थियों का भय समाप्त हो जाता है।बुद्धि कुशाग्र होती है और गणित की जटिल गणनाएं सरल हो जात��� है।
वैदिक गणित भारतीय वैदिक साहित्य का शाश्वत ज्ञान का आदि स्रोत है।वैदिक ऋचाओं में गणित,ज्योतिष,खगोल विद्या,आयुर्वेद पद्धति के ज्ञान-विज्ञान की मानव के लिए उपयोगी पद्धतियों का विशद वर्णन है।
गणितज्ञ पुरी के शंकराचार्य भारतीकृष्ण तीर्थ द्वारा महान् गणितज्ञ भास्कराचार्य (द्वितीय) के लीलावती नामक ग्रंथ की जटिल गणितीय प्रश्नोत्तरी का शुगम हल 8 सूक्ष्म उदाहरणों द्वारा प्रस्तुत किया।
आधुनिक गणित में विद्यार्थियों को बने बनाए सूत्र दिए जाने से विद्यार्थियों की बुद्धि तथा तार्किक क्षमता का विकास नहीं हो पाता है।वैदिक गणित के सूत्र इस प्रकार के सूत्र हैं जो सूत्र निर्माण के साधन है,अतः विद्यार्थियों के बौद्धिक कौशल का विकास होता है।
स्वामी भारती कृष्णतीर्थ जी का वृहद् वैदिक मैथमेटिक्स जब 1981 लन्दन में “Introducing Lectures on Vedic Mathematics” प्रकाशित हुआ तो पाश्चात्य देशों के गणितज्ञ चकित रह गए।वैदिक गणित की गणनाएं कंप्यूटर के अनुकूल है।साथ ही वैदिक गणित में गणना मानसिक रूप से की जाती है जिससे मस्तिष्क का विकास होता है।
इसलिए वैदिक गणित को मानस गणित भी कहा जाता है।वैदिक गणित के सूत्र-उपसूत्रों आधारित विधियों के अभ्यास से गणित के कठिनतम प्रश्नों को हल किया जा सकता है। एक ही संक्रिया के लिए अनेक विधियों के उपलब्ध होने के कारण प्रश्न के प्रकार के अनुसार श्रेष्ठ विधि का चयन करके उत्तर शीघ्र प्राप्त किया जा सकता है।
भारतीय गणित के इतिहास में 1000 ईसा पूर्व से 500 ईसा पूर्व का काल शुल्व काल अथवा वेदांत ज्योतिष काल कहा जाता है।इस काल में बौधायन,आपस्तम्ब,कात्यायन आदि अनेक भारतीय गणितज्ञों ने शुल्व सूत्रों की रचना कर रेखागणित के व���कास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।इसी काल में बौधायन द्वारा रेखागणित की एक प्रसिद्ध प्रमेय की रचना की गई।यह प्रमेय बौधायन प्रमेय कहलाती है।
इस प्रमेय को बाद में पाइथागोरस ने 540 ईसा पूर्व में प्रतिपादित किया था।बौधायन ने पाइथागोरस से 450 वर्ष पूर्व उक्त प्रमेय को प्रतिपादित किया था।इसलिए इस प्रमेय को पाइथागोरस प्रमेय के स्थान पर बौधायन प्रमेय कहा जाना चाहिए।
महान् आर्यों ने हजारों वर्ष पूर्व शून्य व दशमलव पद्धति अंकों का आविष्कार किया।आज विश्व में आधुनिक गणित इसी शून्य व दशमलव अंक पद्धति के आधार पर विकसित हुई है।समस्त वैज्ञानिक खोजों तथा आविष्कारों में इसी गणित की गणनाओं का प्रयोग किया जाता है।यदि यह कहा जाए कि आधुनिक विज्ञान का विकास ��सी शून्य व दशमलव अंक पद्धति के आधार पर हुआ है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
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svmkaushal · 5 years ago
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🍁🏯🌺👏🕉️👏🌺🏯🍁 🌞~*आज का हिन्दू पंचांग*~🌞 🚩✊जय हिंदुत्व✊🚩 🌈 *दिनांक 26 अगस्त 2020* 🌈 *दिन - बुधवार* 🌈 *विक्रम संवत - 2077 (गुजरात - 2076)* 🌈 *शक संवत - 1942* 🌈 *अयन - दक्षिणायन* 🌈 *ऋतु - शरद* 🌈 *मास - भाद्रपद* 🌈 *पक्ष - शुक्ल* 🌈 *तिथि - अष्टमी सुबह 10:40 तक तत्पश्चात नवमी* 🌈 *नक्षत्र - अनुराधा दोपहर 01:04 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा* 🌈 *योग - वैधृति रात्रि 07:33 तक तत्पश्चात विष्कम्भ* 🌈 *राहुकाल - दोपहर 12:28 से दोपहर 02:03 तक* 🌈 *सूर्योदय - 06:21* 🌈 *सूर्यास्त - 18:59* 🌈 *दिशाशूल - उत्तर दिशा में* 🌈 *व्रत पर्व विवरण - अदु:ख नवमी, गौरी पूजन, बुधवारी अष्टमी (सूर्योदय से सुबह 10:40 तक)* ✨ *विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)* ✨ *अष्टमी तिथि के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)* 🌞~*आज का हिन्दू पंचांग*~🌞 🚩✊जय हिंदुत्व✊🚩 🌻 *भगवान श्रीगणेश* 🌻 🚩*22 अगस्त से दस दिवसीय गणेशोत्सव प्रारंभ हो चुका है। इन दस दिनों में गणेशजी की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व होता है। श्रीगणेश अंक में भगवान गणेश के 12 नामों का वर्णन किया गया हैं, जिनको बोलकर श्रीगणेश की पूजा करने से मनुष्य के सभी दुखों का नाश हो जाता है और उसकी सभी इच्छा पूरी होती हैं।* ⏩ *ये 12 नाम बोलकर करें श्रीगणेश की पूजा, हर काम में मिलेगा किस्मत का साथ* 🕉️🚩 *श्लोक-* *प्रथमं वक्रतुण्ड च एकदन्तं द्वितीयकम्, तृतीयं कृष्णपिड्गाक्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम्।।* *लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च, सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टमम्।।* *नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम्, एकादशं गणपतिं द्वादर्श तु गजाननम्।।* *द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्यं यः पठेन्नरः, न च विध्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं परम्।।* 🚩 *श्लोक का अर्थ-* *पहला नाम है वक्रतुण्ड, दूसरा एकदन्त, तीसरा कृष्णपिड्गाक्ष, चौथा गजवक्त्र, पांचवां लम्बोदर, छठा विकट, सातवां विघ्नराजेन्द्र, आठवां धूमवर्ण, नौवां भालचन्द्र, दसवां विनायक, ग्यारहवां गणपति और बारहवां नाम गजाजन है। जो मनुष्य प्रतिदिन भगवान गणेश के इन बारह नामों का जप करता है, उसके सभी विघ्न (परेशानियां) खत्म हो जाती हैं।* 🍁 *इन 12 नामों का पाठ करने से मिलते हैं कौन-से लाभ-* 🍁 *श्लोक-* *विद्यार्थी लभते विद्यां, धनार्थी लभते धनम्।* *पुत्रार्थी लभते पुत्रान्, मोक्षार्थी लभते गतिम्।।* 🚩 *अर्थात- भगवान गणेश के इन बारह नामों का पाठ करने से विद्या चाहने वा https://www.instagram.com/p/CEV0Zr3hfgx/?igshid=r2i3mebmkel7
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jindnews24x7 · 5 years ago
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जींद न्यूज:- 13.07.2020 सावर गर्ग के बेटे दिव्यांश गर्ग ने जीन्द में 12वीं कक्षा में नान मेडिकल में किया टाप। पूरे परिवार को बहुत बहुत बधाई। जीन्द : इण्डस स्कूल के दिव्यांश गर्ग ने 12वीं कक्षा में नान मेडिकल में जीन्द शहर में टाप किया है। उसने कुल 97.6 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। दिव्यांश गर्ग अखिल भारतीय अग्रवाल समाज के वरिष्ठ उप प्रधान एवं साड़ी एसोसिएशन के प्रधान सावर गर्ग के सुपुत्र है। दिव्यांश की इस उपलब्धि पर पूरे परिवार में खुशी का माहौल है। इस खुशी में परिवार में लड्डू बांटे गए। दिव्यांश की दादी विद्या देवी ने पौते को तिलक कर बधाई दी और उसे मंगल शुभकामनाएं दी। दादा वेदप्रकाश भी पौते की उपलब्धि पर पूरे खुश हैं। मां वन्दना गर्ग का कहना है कि दिव्यांश गर्ग ने पूरे वर्ष मेहनत की और आज इसी मेहनत का नतीजा आया है। https://www.instagram.com/p/CClSlZLJO4P/?igshid=ntcx8a743tgf
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vedicpanditji · 5 years ago
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#क्या_आज_आपका_जन्मदिन_है 10 जून 🎁 कैसा बितेगा वर्ष 2020 लाभदायक रंग दिन जीवनसहायक स्वत्यस्तु ते कुशल्मस्तु चिरयुरस्तु॥ विद्या विवेक कृति कौशल सिद्धिरस्तु ॥ ऐश्वर्यमस्तु बलमस्तु राष्ट्रभक्ति सदास्तु॥ वन्शः सदैव भवता हि सुदिप्तोस्तु ॥ #अर्थ – आप सदैव आनंद से, कुशल रहे तथा दीर्घ आयु प्राप्त करें. विद्या, विवेक तथा कार्यकुशलता में सिद्धि प्राप्त करें. ऐश्वर्य व बल को प्राप्त करें तथा राष्ट्र भक्ति भी सदा बनी रहे. आपका वंश सदैव तेजस्वी बना रहे." जन्मदिन की हार्दिक शुभकामना यह लेख नियमित रूप से उन पाठकों के व्यक्तित्व और भविष्य के बारे में जानकारी देगा जिनका आज जन्मदिन होगा। अंक ज्योतिष शास्त्र अनुसार आप का मूलांक 1 होता है। इस अंक का स्वामी सूर्य है अंत: इस अंक व्याक्तियों पर सूर्य और युरेनस का प्रभाव होता है । वाले व्यक्ति स्वाभिमान, दृढ़निश्चयी, स्वतन्त्रता प्रेमी, स्पष्टवादी, उदार आत्मविश्वासी तथा नेतृत्व की जन्मजात प्रतिभा वाले सोते है । इनमें शासन करने तथा नेतागिरी करने जन्मजात शक्ति होती है. कभी-कभी अपनी शक्ति का दुरुपयोग करते हैं जिसने काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. मूलांक 1 वाले लोगों में पिता सुख की कमी देखी जाती है. #शुभ_दिनांक : 1, 10, 19, 29 #शुभ_वर्ष : 2026, 2044, 2053, 2062 #ईष्टदेव : सूर्य उपासना तथा मां गायत्री #शुभ_रंग : लाल, केसरिया, क्रीम #कैसा_रहेगा_यह_वर्ष. 2020 यह वर्ष आपके लिए अत्यंत सुखदायक खुशियों भरा सुखद रहेगा। पिछले कई वर्षो से अधूरे कार्यों में सफलता मिलेगी। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह वर्ष उत्तम रहेगा। सामाजिक और पारिवारिक मामलों में महत्वपूर्ण कार्य होंगे। अविवाहितों के लिए सुखद स्थिति बन रही है। विवाह के योग बनेंगे। व्यापर और नौकरीपेशा के लिए समय उत्तम हैं। धनलाभ पदोन्नति के योग हैं। बेरोजगारों के लिए भी खुशखबर है इस वर्ष आपकी मनोकामना पूरी होगी। "पराविज्ञान " श्रद्धा का विषय है. (at New Delhi) https://www.instagram.com/p/CBPRygoAmkX/?igshid=1888r4qb6nfrp
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onlinekhabarapp · 5 years ago
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कलियुगका द्रोणाचार्य, जो विद्यार्थीका हात चिर्छन् !
२७ फागुन, काठमाडौं । परीक्षामा ७५ प्रतिशतभन्दा बढी अंक नल्याएको निहुँमा कक्षा ६ र ७ सातका ३४ बालबालिकाका हात ब्लेडले चिर्न लगाएकी शिक्षिकालाई गत शनिबार प्रहरीले नियन्त्रणमा लियो । काठमाडौं जडिबुटीस्थित जागृति एकेडेमीकी शिक्षिका सीतालक्ष्मी कर्माचार्य विरुद्ध किटानी जाहेरी भने परेको छैन ।
पीडितले जाहेरी नदिँदा मुद्दा कसरी अगाडि बढाउने भन्ने अन्योल भएको प्रहरीको भनाइ छ ।
सामाजिक शिक्षा पढाउने कर्माचार्यले २० पूर्णाङ्कको परीक्षामा १५ अंक भन्दा कम ल्याउने विद्यार्थीक��� हात ब्लेडले चिराचिरा पार्न लगाएकी थिइन् ।
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यो पनि पढ्नुहोस विद्यार्थीको हात चिर्न लगाउने शिक्षिकालाई विद्यालयले दियो अवकास
‘जागृति एकेडेमीमा जे भयो, त्यो सभ्य समाजले कल्पनै गर्न नसक्ने अपराध हो’ मनोविद शिशिर सुब्बा भन्छन्, ‘मानसिकरुपमा सामान्य अवस्थाको व्यक्ति बालबालिकामाथि यति क्रुर हुनै सक्दैन ।’
कतिपय शिक्षकहरूले आफ्नो घरको झगडा, ऋणको बोझ, अघिल्लो दिन भट्टीमा खाएको रक्सीको ह्याङ विद्यार्थीमाथि पोख्ने गरेका छन्
विद्यार्थीलाई अनुशासित र पढैया बनाउने नाममा दिइएको यो यातना पहिलो होइन । सबैभन्दा विचारणीय पक्ष के छ भने दिनहुँजतो हुने यस्तो अपराधका लागि शिक्षक मात्रै होइन, सरकार, शिक्षाविद्, विद्यालय व्यवस्थापन र स्वयं अभिभावकसमेत दोषी छन् ।
गुरु दक्षिणामा ज्यान
महाभारतमा एउटा पात्र छन्, एकलव्य । एकलव्यलाई असाध्यै धनुर्विद्या सिक्न मन लागेछ । त्यतिबेला धनुर्विद्याका धुरुन्धर गुरु थिए– द्रोणाचार्य । भारद्वाज ऋषि र घृतार्ची अप्सराका छोरा उनी कौरव कुमारहरूलाई धनुर्विद्या सिकाउन नियुक्त भएका थिए ।
एकलव्य पनि एक दिन धनुर्विद्या सिक्न द्रोणाचार्यकहाँ पुग्छन् । आफ्नो काम राजकुमारहरूलाई मात्रै धनुर्विद्या सिकाउनु भन्दै द्रोणाचार्यले एकलव्यलाई शिष्य बनाउन अस्वीकार गर्छन् ।
तर, एकलव्यले हार मान्दैनन् । द्रोणाचार्यको मूर्ति बनाएर अगाडि राखेर धनुर्विद्या सिक्न थाल्छन् । मन लगाएर सिकेका उनी धनुर्विद्यामा निपूर्ण हुन्छन्, गुरु शिक्षाविना नै ।
एकलव्यको सर्वत्र चर्चा हुन्छ । कौरव कुमारहरूलाई सबैभन्दा पारंगत बनाउने जिम्मा लिएका द्रोणाचार्यले एकलव्यको प्रतिभालाई आफ्नो लक्ष्यको बाधक ठान्छन् । कौरव कुमारहरूलाई एकलव्य भन्दा अब्बल बनाउन नसक्ने देखेपछि द्रोणाचार्यले गुरु दक्षिणा माग्छन्, त्यो पनि धनु चलाउन नभई नहुने दाहिने हातको बुढी औंला ।
आनाकानी नगरी एकलव्य पनि गुरु दक्षिणा दिन तयार हुन्छन् । द्रोणाचार्यको एक वचनमै उनले दाहिने हातको बुढी औंला च्वाट्टै काटेर दिन्छन् ।
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रोल्पामा शिक्षिकाको कुटाइबाट हात भाच्चिएका विद्यार्थीहरू ।
अहिले पनि गुरुभक्तिको अनुपम उदाहरण खोज्नु पर्दा एकलव्यको नाम पहिलो नम्बरमा लिने गरिन्छ । जागृति एकेडेमीका विद्यार्थीहरू पनि सीतालक्ष्मी कर्माचार्यरुपी द्रोणाचार्यको लक्ष्यमा बाधक नबन्न आफ्नो सुन्दर भविश्य कोर्ने कलिला हात छियाछिया पार्न तयार भए ।
१०–१२ वर्षका बालबालिकाले सामाजिक शिक्षा पढेवापत असामाजिक गुरुदक्षिणा बझुाउनुपरेको जागृति एकेडेमीको त्यो घटना केवल एउटा उदाहरण हो । आज पनि एकलव्यहरूले दिनहुँजसो देशभरि द्रोणाचार्यलाई औंला काटेर बुझाइरहेका छन् ।
औंला मात्रै किन, शिक्षाको उज्यालोले बालबालिकाको भविश्य उज्वल बनाउने प्रण गरेका हाम्रा गुरुहरूले ‘विद्यार्थीको ज्यानै गुरुदक्षिणा’ लिइरहेका छन् ।
सन् २०१९ मा देशभरि ४६ विद्यार्थीलाई चरम शारीरिक यातना दिइएको मानव अधिकारवादी संस्था अनौपचारिक क्षेत्र सेवा केन्द्र (इन्सेक) को तथ्यांक छ । इन्सेकका अनुसार उनीहरू मध्ये १९ छात्रा र २७ छात्र छन् ।
गत असारमा भीमदत्त नगरपालिकामा चारजना शिक्षक मिलेर कक्षा नौमा अध्ययनरत छात्रसँग ‘ज्यान गुरुदक्षिण’ मागे । भीमभक्त–१७ स्थित महाकाली बाल विद्यालयमा अध्ययनरत माधव कलौनीले १३ असारमा गुरुदक्षिणामा आफ्नै ज्यान दिनुपर्‍यो ।
विद्यालयका ��्रधानाध्यापक यशोदा जोशी, शिक्षकहरू लक्ष्मण भट्ट, दुर्गादत्त पाठक र हर्क जाग्रीलाई ज्यान मार्ने उद्योग गरेको भन्दै प्रहरीले नियन्त्रणमा लियो ।
शिक्षकहरूले ‘विद्या सिकाउने’ क्रममा विद्यार्थीको छाती, टाउकोमा गम्भीर चोट लाग्यो भने दायाँ खुट्टा भाँचिएको थियो । चारजना शिक्षकको सामूहिक शिक्षा धेरै भएर विद्यार्थीले उपचारका क्रममा ज्यान गुमाए ।
हिंस्रक गुरु
शिक्षाविदहरूका अनुसार कुटपिट नगरी विद्यार्थीलाई पढाउन नसक्नु शिक्षकमा हुनुपर्ने आधारभूत क्षमताको अभाव हो । शिक्षाविद् डा. विद्यानाथ कोइरालाका अनुसार ‘सही व्यक्ति सही स्थान’ मा नहुनुको सजायँ विद्यार्थीले भोग्नुपरेको छ ।
शिक्षाविद् विद्यानाथ कोइराला
‘भनेको नमान्ने वा नजान्ने विद्यार्थीलाई नपिटी पढाउन सक्नुहुन्न भने सम्झनुस् तपाईमा शिक्षक बन्ने ल्याकत छँदैछैन’ कोइराला भन्छन् । उनका अनुसार बालबालिकासँग कसरी व्यवहार गर्ने, उनीहरूले मान्ने गरी कसरी पढाउने भन्ने ज्ञान नहुनु भनेको शिक्षक बन्न अयोग्य हुनु हो ।
जुन भ्यागुतोले आफू बसेको कुवालाई संसार ठान्छ, उ मात्रै आक्रमणमा उत्रिन्छ । ‘प्याराडाइम सिफ्ट’ भएको थाहा नपाएका शिक्षकले मात्रै विद्यार्थी कुट्छन् । विगतमा बालबालिको दिमाग खाली हुन्छ, शिक्षकले भरिदिने हो भन्ने मान्यता थियो । अहिले प्रत्येक बालबालिकाको दिमाग सूचनाले भरिएको छ ।
‘शिक्षकको काम विद्यार्थीको दिमागमा भएको ज्ञान काम थपघट गर्न सघाउनु मात्रै हो’ शिक्षाविद् डा. कोइराला भन्छन्, ‘सिर्जनशील र रचनात्मक बनाउन सिकाउने मात्रै हो ।’
कतिपय शिक्षकहरूले आफ्नो घरको झगडा, ऋणको बोझ, अघिल्लो दिन भट्टीमा खाएको रक्सीको ह्याङ विद्यार्थीमाथि पोख्ने गरेका छन् ।
शिक्षा मन्त्रालयका एक अधिकारी शिक्षक घरमा श्रीमान/श्रीमती वा प्रेमी/प्रेमिकासँग झगडा गरेर आएको विद्यार्थीले बढी कुटाइ खाने गरेको बताउँछन् । कतिपय शिक्षकहरूले व्यवस्थापनको रिस पनि विद्यार्थीमाथि नै पोख्ने गर्छन् ।
तीन दशक पहिला बनेको बालबालिका सम्बन्धी ऐनमा ‘बालबालिकाप्रति क्रुर र यातनापूर्ण व्यवहार गर्न नहुने’ उल्लेख छ । शिक्षा मन्त्रालयले निर्णय नै गरेर विद्यार्थीलाई शारीरिक तथा मानसिक सजाय दिन नपाइने निर्णय गरेको पनि दुई दशक पुग्न लागेको छ ।
बालबालिका सम्बन्धी ऐन, २०७५ मा बाल अधिकार, कसूर तथा सजाय सम्बन्धी स्पष्ट व्यवस्था छ । ‘तर हाम्रा शिक्षकहरूलाई यस्तो ऐन पढ्ने फुर्सद कहाँ ?’ अर्का शिक्षाविद् डा. मनप्रसाद वाग्ले भन्छन्, ‘बालअधिकारै नबुझ्ने शिक्षकको हातमा हाम्रा नानीहरूको भविष्य सुम्पिएका छौं ।’
सजायँले विद्यार्थी सुध्रिँदैन भन्ने कुरा घामजत्तिकै छर्लङ्ग छ । तर, पनि शिक्षकहरूले विद्यार्थीलाई मृत्युको मुखमा पुग्ने ��री कुट्ने पिट्ने क्रम रोकिएको छैन ।
अभिभावक संघ नेपालका अध्यक्ष केशव पुरी अविवेकी, मिचाह, पिट्दा ठूलो भइन्छ भन्ने बुझाइले गर्दा शिक्षकहरू हिंस्रक भएको बताउँछन् । जुन शिक्षक कक्षामा पस्दा ‘पिन ड्रप साइलेन्स’ हुन्छ त्यही शिक्षकलाई योग्य र सफल मान्ने मान्यताको अन्त्य गर्नुपर्ने उनको भनाइ छ ।
‘शिक्षकले आफ्नो असमक्षता लुकाउन विद्यार्थीलाई कडा सजायँ दिने गरेको देखिन्छ’ अध्यक्ष पुरी भन्छन्, ‘यो गैरकानूनी कार्यको हामीले निरन्तर विरोध गर्दै आइरहेका छौं, तर पनि विद्यालय र शिक्षकले विभिन्न तर्क दिएर विद्यार्थीलाई सजाय दिन छाडेका छैनन् ।’
सकेसम्म शत प्रतिशत, नभए पनि बढीभन्दा बढी प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण गराउने शिक्षकलाई सफल शिक्षक भन्ने चलन छ । विद्यार्थी ‘कमसल’ नपरोस् भनेर सुरुै प्रवेश परीक्षा लिइन्छ र धेरै अंक ल्याउने सम्भावना भएकालाई मात्रै भर्ना गरिन्छ । कतिपय विद्यालयले अभिभावकको शैक्षिक तथा आर्थिक अवस्थालाई विद्यार्थी छनोटको आधार मान्ने गरेका छन् ।
अर्कोतिर विद्यालयले शिक्षक छनोट गर्दा लिलाम घटाघटमा लिन्छ । जसले थोरै शुल्कमा पढाउँछ, त्यही शिक्षकलाई नियुक्ति दिइन्छ ।
विद्यालय व्यवस्थापन लिलाम घटाघटमा लिइने शिक्षकलाई ‘राम्रो’ नतिजा ल्याउने दबाव दिइरहेका हुन्छन् । शिक्षाविदहरूका अनुसार पढ्ने जान्ने विद्यार्थीलाई होइन नजान्नेलाई जान्ने बनाउन सक्नुचाहिँ बहादुरी हो ।
शिक्षाविद् डा. कोइरालाका अनुसार कमजोर विद्यार्थीलाई हात चिर्न होइन पढाउनु जान्नु शिक्षकको राम्रो शिक्षक हुनुको द्योतक हो । असल शिक्षकले विद्यार्थीको मनोविज्ञान बुझेर पढाउँछन् ।’
‘जस्तो– फुटबल खेल्न मन पराउने शिक्षकलाई फुटबलबाटै गणित सिकाउनुपर्छ । नाच्न रुचाउनेलाई नचाएरै पढाउने क्षमता चाहिन्छ’ कोइराला भन्छन् ।
विद्यार्थी कुट्न ‘बाउन्सर’
शिक्षकले मात्रै होइन, कतिपय विद्यालयहरू नीति बनाएरै विद्यार्थी कुटपिट गर्न लागेको देखिन्छ । हिंस्रक शिक्षकले नपुगेर केही विद्यालयले डीआई (डिसिप्लिन इञ्चार्ज) राख्ने गरेका छन् ।
नाम डीआई भए पनि कामका हिसाबले उनीहरू विद्यालयका ‘बाउन्सर’ हुन् । फरक के हो भने डान्स बार, क्लबमा बाउन्सरले गुण्डा तह लगाउँछ, भने डीआईले विद्यार्थी ।
‘विद्यालयहरूले राखेका डीआई विद्यार्थीलाई सम्झाई–बुझाई गर्न होइन, धम्काउन, तर्साउनै लागि हो’ शिक्षाविद् डा. वाग्ले भन्छन् ।
बालअधिकारसम्बन्धी राष्ट्रिय तथा अन्तराष्ट्रिय सन्धि सम्झौता, महासन्धि र प्रचलित शिक्षासँग सम्बन्धित कानूनले पनि विद्यार्थीमाथि हुने सबैखाले हिंसालाई अवैध मानेको छ । संविधानको धारा ३९ को ७ मा ‘कुनै पनि बालबालिकालाई घर, विद्यालय वा अन��य जुनसुकै स्थान र अवस्थामा शारीरिक, मानसिक वा अन्य कुनै किसिमिको यातना दिन पाइने छैन’ भनिएको छ ।
प्रचलित कानूनले दण्डनीय मानेको अपराध गराउन विद्यालयहरूले नयाँ तरिका अपनाएको देखिन्छ । गृहकार्य नगरेको, समयमा नआएको वा सुगा रटाई गर्न नसकेको निहुँमा उनीहरूले एउटा विद्यार्थीलाई अर्को विद्यार्थीमार्फत कुटपिट गर्न लगाइरहेका छन् ।
साथीलाई चिमोट्न, चड्कन हान्न, किक हान्न लगाउनुलाई विद्यालयहरूमा सामान्य रुपमा लिने गरिएको शिक्षा मन्त्रालयका एक अधिकारीको अनुभव छ । उनी भन्छन्, ‘जडिबुटीमा हात चिरेको घटनामा चोट बाहिर देखिएकाले सार्वजनिक भएको हो, नदेखिने तर त्योभन्दा कठोर सजायँहरू बाहिर आएकै छैन ।’
झट्ट हेर्दा विद्यार्थीलाई अर्को विद्यार्थीमार्फत कुटाउने सजायँको सिलसिला जस्तै देखिन्छ कर्माचार्यको सजाय दिने तरिका पनि । तर, यसरी सजायँ दिँदा बाहिर हातमा लागेको भन्दा बढी असर बालमनोविज्ञान पर्ने मनोविदहरू बताउँछन् । आफैंले आफैंलाई काट्न लगाउनु भनेको अपराधको पराकाष्ठा हो ।
प्रेममा ढोका पाउँदा वा आफ्नो जिद्दी पूरा नहुँदा कतिपय युवायुवतीले आफंैलाई सजाय दिने उपाय रोज्छन् । त्यही संस्कारबाट आएका शिक्षकले मात्रै आफैलाई काट्न लगाउन सक्ने एक मनोविद बताउँछन् । उनका अनुसार यस्तो कुरामा कुन संस्कारबाट हुर्किएको छ भन्ने कुराले पनि काम गर्छ ।
विद्यार्थीलाई ‘राम्रो’ बनाउने नाममा गरिने यस्तो सजायले विद्यार्थीसँगै सिंगो समाजलाई बर्बादीतर्फ डोर्‍याईरहेको उनको बुझाई छ । उनी भन्छन्, ‘यस्ता सजायँले विद्यार्थीलाई आत्महत्यातर्फ समेत प्रोत्साहित गरिरहेको हुन्छ ।’
शिक्षकले हानेको लट्ठीको चोट भौतिक शरीरमा भन्दा बढी विद्यार्थीहरूको मनमा पर्छ । मनोविद् शिशिर सुब्बा कक्षामा अपमानित हुँदा उनीहरूको आत्मबल छियाछिया हुने बताउँछन् । अपमानित हुँदा विद्यार्थीले पेट, टाउको दुख्ने जस्ता मनोशारीरिक लक्षण समेत देखाउने गर्छन् ।
कठोर सजायको असर
‘सबै बालबालिकालाई विद्यालय पठाऔं, नेपाललाई शिक्षित देश बनाऔं’ भन्ने नारा दिएर सरकारले विद्यार्थी भर्ना अभियान सञ्चालन गरेको छ । विद्यालय देख्न नपाएका बालबालिका संख्या उल्लेख भएपछि सरकारले यस्तो अभियान चलाएको हो ।
तर, विद्यालय भर्ना भएका सबै विद्यार्थीले पनि पढाइ पूरा गर्दैनन् । शिक्षा मन्त्रालयका अनुसार कक्षा १–५ सम्म ३.६, कक्षा ६–८ सम्म ४.४ र ९–१० सम्मका ३.७ प्रतिशत विद्यार्थीले बिचैमा पढाइ छाड्छन् ।
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यो पनि पढ्नुहोस पाँच विद्यार्थीको हात भाँच्ने शिक्षिका पक्राउ
विद्यार्थीले बिचैमा पढाइ छाड्नु (ड्रप–आउट) को प्रमुख कारण विद्यालयले दिने सजायँ पनि हो । जस्तो– गत पुसमा गृहकार्य नगरेको निहुँमा देब्रे आँखा फुट्ने गरी कुटाइ खाएका रुपन्देहीका एक विद्यार्थीले विद्यालय जानै छाडे । सम्मरीमाई–६ स्थित ज्ञानदीप बोर्डिङमा कक्षा ५ मा पढ्ने ती विद्यार्थीलाई कम्युटर शिक्षक शैलेन्द्र बरईले कुटेका थिए ।
लामो समय शिक्षा मन्त्रालयमा कार्यरत राष्ट्रिय चिकित्सा शिक्षा आयोगका सदस्य सचिव हरि लम्साल विद्यालयमा दिइने सजायँले विद्यार्थीहरूको बिचैमा पढाइ छाड्ने दर बढाएको बताउँछन् । उनी भन्छन्, ‘मानसिक सजायँका कारण कति र शारीरिक सजायँका कारण कतिले छन् भन्ने अध्ययन भएको छैन । तर, यस्ता सजाय ‘स्कूल ड्रप आउट’को ठूलो कारण पक्का हो ।’
विद्यार्थीलाई अंक धेरै ल्याउने र अनुशासित बनाउने दिइने यस्ता सजायले विद्यार्थीको पढाइ वा वृत्तिविकासमा मात्रै होइन, सिंगो समाजलाई हिंसात्मक बनाइरहेको विज्ञहरू बताउँछन् । मनोविद् शिशिर सुब्बाका अनुसार स्वभावैले जिज्ञासु उमेर समूहका बालबालिकाले गर्ने चकचकलाई बदमासीका रुपमा अथ्र्याउनु हुँदैन । सिक्ने उमेरका बालबालिका गमक्क पर्नु वा छुकछुक गर्नुलाई अन्यथा लिन नहुने उनको भनाइ छ ।
‘सजायँले बालबालिका नकरात्मक मनोविज्ञानको विकास गराउँछ’ सुब्बा भन्छन्, ‘पिटाइ खाएर हुर्किएका विद्यार्थीमा शक्ति भयो भने निरीहलाई सजायँ दिन सकिँदो रहेछ भन्ने पर्छ र जीवन उनीहरू यही कुरा लागु गर्छन् ।’
समाज हिंस्रक बन्नबाट रोक्ने हो भने सजायँको मनोविज्ञान हटाउनुपर्ने सुब्बाको सुझाव छ ।
ब्राजिलका दर्शनशास्त्री पाउले फ्रेयरीले आफ्नो पुस्तक ‘पेडागोगी अफ दि अप्रेस्ड’ मा लेखेका छन्, ‘माथिल्लो वर्गको दमनमा बाँचेको व्यक्ति जब आफू माथिल्लो वर्गको ओहदामा पुग्छ, उ आफूभन्दा तल्लो वर्गलाई आफूले भोगेको भन्दा पनि बढी दमन गर्न उद्यत हुन्छ ।’
अभिभावकको अनावश्यक अपेक्षा
घरमा आफूले भनेको नमान्ने छोराछोरीलाई ‘तह’ लगाउन विद्यालय पठाएको भन्ने अभिभावकको संख्या पनि सानो छैन । घरमा ‘मोवाइल फोन’ दिन नमान्दा होस् वा खाना खान नमान्दा, शिक्षकको नाम लिएर तर्साउने गरिन्छ । यसले नजानिँदो पाराले विद्यालय र शिक्षकहरूलाई ‘अनुशासनको डण्डा’ चलाउने संस्थाका रुपमा चित्रण गरिरहेको हुन्छ ।
‘अभिभावकहरू नै ‘कडा’ विद्यालयलाई नै पहिलो प्राथमिकतामा राख्ने गर्छन्’ राजधानीको एक निजी विद्यालयका प्राचार्य भन्छन्, ‘उहाँहरू सार्वजनिक विदाको दिन पनि आफ्ना छोरोछोरीको जिम्मा विद्यालयले लिइदेओस् भन्ने अपेक्षा राख्छन् ।’
अभिभावकले आफ्नो जीवनमा प्राप्त नभएको सफलता आफ्ना छोराछोरीमा लाद्ने गर्दा पनि समस्या आएको ती प्राचार्यको गुनासो छ । उनी भन्छन्, ‘छोराछोरीको चाहना र क्षमता नहेरी अभिभावकहरूको ��ोजाइ हावी हुँदा समस्या हुँदोरहेछ ।’
धेरै अंक प्राप्त गर्ने विद्यार्थीलाई मेघावी मान्ने गलत संस्कारका कारण निजी विद्यालयहरूले सुगा रटाइ गराइरहेको र त्यही क्रममा कठोर सजायँका घटना देखा परेको शिक्षकहरूको भनाइ छ ।
‘पिटपाट गरेर भए पनि मेरो छोराछोरीले धेरै अंक ल्याउनुपर्छ भन्ने अभिभावकीय सोच पनि गलत छ’ शिक्षाविद् डा. कोइराला भन्छन्, ‘गायक बन्ने लक्ष्य लिएका सन्तानसँग गणित र विज्ञान ९८ प्रतिशत खोइ भनिरहेका छौं ।’
यद्यपि शिक्षा प्रणाली, सामाजिक चिन्तन लगायतलाई कारण देखाएर विद्यार्थी कुट्ने कुरालाई सही मान्न भने नसकिने उनको भनाइ छ । शैक्षिक क्रियाकलापका नापमा विद्यालय हाताभित्र हुने कतिपय अपराध शिक्षा ऐनले समेट्न सक्दैन ।
बालबालिका सम्बन्धी ऐन २०७६ ले घर, विद्यालय वा जुनसुकै स्थानमा बालबालिकालाई शारीरिक तथा मानसिक दण्ड दिने वा अमर्यादित व्यवहार गर्न निषेध गरेको छ । यस्तो सजाय गर्नेलाई पचास हजार रुपैयाँसम्म जरिवाना र एक वर्षसम्म कैदको व्यवस्था छ ।
क्रुर अमानवीय व्यवहार गर्ने वा यातना दिनेलाई एक लाख जरिवाना र पाँच वर्ष कैद सजायँको व्यवस्था छ । पछिल्लो पटक जागृति एकेडेमीमा भएको अपराधमा पनि ऐनका यिनै दफा आकर्षित हुने देखिन्छ ।
समाधान के त ?
अपराधीलाई कानूनी सजायँ त छँदैछ । यो सँगै दीर्घकालीन समाधानका उपाय पनि खोज्नुपर्ने सरोकारवालाहरू बताउँछन् । मनोविद् सुब्बा कक्षामा पस्नु अगाडि प्रत्येक शिक्षकलाई बालबालिकासँग कसरी व्यवहार गर्ने भन्ने शिक्षा दिनुपर्ने बताउँछन् । शिक्षण पेशामा प्रवेश गर्नका लागि आपराधिक मनोवृत्ति छ कि छैन, परीक्षण हुनुपर्ने उनको सुझाव छ ।
विद्यालयमा डीआई होइन, मनोपरामर्शदाता र शिक्षक अनुसन्धानदाता अनिवार्य व्यवस्था गर्नुपर्छ । जसले विद्यार���थी र शिक्षकबीचको सम्बन्ध सुमधुर बनाउन निरन्तर प्रसार जारी राखोस् ।
कुनै शिक्षकलाई सजायँ दिनै मन लागेको छ भने नयाँ पाठ पढ्न, हेन्ड राइटिङ लेख्न लगाउन सकिन्छ । ‘सबैभन्दा ठूलो कुरा १०० प्रतिशत अंक ल्याउने विद्यार्थी मात्रै योग्य हो र ३२ प्रतिशत पनि नल्याउनु अयोग्यताको द्योतक होइन भन्ने सबैले बुझ्नु जरुरी छ’ डा. कोइराला भन्छन्, ‘ग्रेडिङ सिस्टममा आएको परीक्षाको नतिजालाई पनि अंकमा तुलना गरेर हेर्ने सोचको अन्त्य हुनुपर्‍यो।’
‘मेरो विद्यालयमा आउने प्रत्येक बालबालिका आफ्नै सन्तान जस्ता हुन, मेरो छोराछोरीलाई शिक्षकले मैले गरेकै व्यवहार गर्दा कस्तो लाग्थ्यो भन्ने सम्झे पुग्छ’ शिक्षाविद् डा. वाग्लेको सुझाव छ ।
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mwsnewshindi · 2 years ago
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अंक ज्योतिष आज, 10 जनवरी: ज्ञान प्राप्ति या उच्च अध्ययन के लिए
अंक ज्योतिष आज, 10 जनवरी: ज्ञान प्राप्ति या उच्च अध्ययन के लिए
आखरी अपडेट: 10 जनवरी, 2023, 00:30 IST अंक ज्योतिष आज, 10 जनवरी, 2023: अंक 4 अलग चरित्र और हर चीज को अलग-अलग कोणों से देखने की क्षमता देता है। (प्रतिनिधि छवि: शटरस्टॉक) अंक ज्योतिष आज, 10 जनवरी, 2023: ज्ञान प्राप्ति या उच्च अध्ययन के लिए आपकी जन्मतिथि में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अंक 1, 4, 8 और 9 की उपस्थिति होनी ��ाहिए। नंबर 1 1 रचनात्मकता और आविष्कारशील विचारों की संख्या है जो उच्च…
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cnnworldnewsindia · 7 years ago
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68500 शिक्षक भर्ती लिखित परीक्षा मामले में आज हाई कोर्ट इलाहाबाद में हुई सुनवाई, एनसीटीई की गाइडलाइंस का उल्लंघन करके एक और पात्रता परीक्षा कैसे, कोर्ट ने सरकार की लगाई फटकार, अब सुनवाई कल
68500 शिक्षक भर्ती लिखित परीक्षा मामले में आज हाई कोर्ट इलाहाबाद में हुई सुनवाई, एनसीटी�� की गाइडलाइंस का उल्लंघन करके एक और पात्रता परीक्षा कैसे, कोर्ट ने सरकार की लगाई फटकार, अब सुनवाई कल
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68500सहायक अध्यापक लिखित परीक्षा कोर्ट मामले में आज हाई कोर्ट इलाहाबाद में सुनवाई हुई,हमारे सिनियर अधिवक्ता HN सिंह ने कोर्ट को अवगत कराया कि सरकार विना काउंटर दाखिल किए 27 में परीक्षा कराने जा रही है,और NCTE के गाइडलाइन के अगेंस्ट एक और पात्रता परीक्षा लगा रही है जो कि पूर्णता गलत है,जिसपर कोर्ट ने कहा स्टेट NCTE की गाइडलाइन्स का उलंघन करके एक और पात्रता कैसे लगा सकती है,कल सभी केसों को एक साथ लगाकर कल कोर्ट इस केस की सुनवाई करेगी, कोर्ट ने सभी केस कल लिस्टेड करने के लिए बोला है।परीक्षा का भविष्य अब कल की हियरिंग पर निर्भर है/
 लिखित परीक्षा से सम्बन्धित सभी केश कल CJकोर्ट में फ्रेश में सुने जायेंगे 
    CJने कहा की सरकार NTCE की गाइड लाइन का उल्लंघन कर दूसरी पात्रता नही करा सकती 
   कल होगी सुनवाई 
    विद्या चरण शुक्ल 
            कौशाम्बी                                  याचिकाकर्ता की अपडेट पर आधारित सूचना/
📌📌📌📌📌📌📌📌📌📌 
*आज दिनांक - 24 मई को प्रातः 10:30 पर, इलाहाबाद हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश की पूर्ण पीठ में लिखित परीक्षा को निरस्त कराने को लेकर विद्या चरण शुक्ल व अन्य की तरफ से दाखिल याचिका पर जोरदार बहस हुई, उक्त पक्ष की तरफ से बहस करते हुए, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री एच. एन.  सिंह जी ने कोर्ट को बताया के यूपी सरकार लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण करने के लिए 40/45 अंको की न्यूनतम अर्हक अंक की बाध्यता को लेकर 27 मई परीक्षा करा रही है, जबकि दूसरी पात्रता परीक्षा लेने व लागू करने क��� अधिकार यूपी सरकार को नियमत:नहीं है, उक्त बहस से मुख्य न्यायाधीश जी पूर्णतः सहमत हुए और कल ही यूपी सरकार को इस अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दे दिये, जिसकी कल दिनांक - 25 मई को अन्तिम निर्णायक सुनवाई व बहस होगी, यूपी सरकार के लिखित जवाब से संतुष्ट न होने पर, मुख्य न्यायाधीश की पूर्ण पीठ उक्त परीक्षा व परिणाम पर स्टे लगा सकती है*
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Read full post at: http://www.cnnworldnews.info/2018/05/68500_46.html
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moneycontrolnews · 5 years ago
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जीवन मंत्र डेस्क. 22 जनवरी, बुधवार यानी आज धनु राशि में चंद्रमा और मकर राशि में सूर्य होने से व्यघात योग बन रहा है। इसके साथ ही राहु-केतु के कारण चंद्रमा पीड़ित हो रहा है। जिससे ग्रहण योग बन रहा है। इन 2 अशुभ योगों के प्रभाव से कुछ लोग जॉब और बिजनेस में गलत फैसले ले सकते हैं। दिनभर तनाव और दौड़-भाग रहेगी। वहीं धन हानि होन के भी योग बन रहे हैं। एस्ट्रोलॉजर बेजान दारूवाला के अनुसार आज 12 में से 7 राशियों को संभलकर रहना होगा, वहीं अन्य 5 राशियों के लिए दिन ठीक-ठाक रहेगा। एस्ट्रोलॉजर बेजान दारूवाला के अनुसार आज आपकी राशि के लिए कुछ ऐसा रहेगा दिन पॉजिटिव - समय आपके लिए काफी अनुकूल रहेगा और इस दौरान आपको आशा अनुरूप परिणामों की प्राप्ति होगी। कुछ लोगों को अपने मकान के स्थान पर किसी किराए के मकान में सुख मिल सकता है। यदि आपका पैसा कहीं लंबे समय से अटका हुआ था तो उसकी प्राप्ति की संभावना रहेगी। नेगेटिव - पारिवारिक जीवन उतार-चढ़ाव से भरा रह सकता है। ग्रहो की स्थिति आप को पूर्ण रूप से घर का सुख लेने से रोकने का प्रयास करेगी। आप काम में भी अधिक व्यस्त रहेंगे जिससे घर परिवार में समय कम दे पाएंगे। इस दौरान किसी भी प्रकार के लेन-देन से बचने का प्रयास करें। लव - आपकी लव लाइफ और रिश्तों के नकारात्मक पहलू उड़ान-छू हो जायेंगे। आप उन नए रिश्तों में प्रवेश कर सकते हैं जो आपके पूरे जीवन को महका देंगे। आप में से कुछ लोग प्यार में पड़ सकते हैं और विवाह के बंधन में बंध सकते हैं। व्यवसाय - अधिक लाभ कमाने की आपकी इच्छा पूरी होगी। आज का दिन आपको आर्थिक रूप से उन्नत बनाने में सफल होगा और आप अच्छा धनार्जन कर पाएंगे। स्वास्थ्य - स्वास्थ्य से संबंधित मिश्रित परिणामों की प्राप्ति होगी क्योंकि आपके स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव की स्थिति रहने की संभावना है। भाग्यशाली रंग: गुलाबी, भाग्यशाली अंक: 7 पॉजिटिव - आप यदि कोई वाहन खरीदना चाहते हैं अथवा भवन का निर्माण कराना चाहते हैं तो आपकी यह इच्छा पूरी हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त परिवार की ख़ुशियों में पैसे ख़र्च हो सकते हैं। आप निवेश करने के बारे में विचार कर रहे हैं तो निश्चित रूप से आप इसे फलीभूत कर सकते हैं। नेगेटिव - आप प्रॉपर्टी को किराए पर देने से भी अच्छा लाभ अर्जित कर सकते हैं। हालांकि आपको उसके लिए थोड़े प्रयास भी करने पड़ेंगे। आपको अपने परिवार में मांगलिक कार्यों पर भी धन खर्च करने की स्थिति होगी इसलिए ख़र्चों पर भी विचार करें। लव - अभी आप कुछ प्रयोग करने और अपनी लव लाइफ को पुनर्जीवित करने के लिए ललचा सकते हैं। इसका मतलब यह भी हो सकता है कि आप अपनी सामान्य दोस्ती को अगले स्तर पर ले जाने की कोशिश करें। व्यवसाय - कार्यक्षेत्र में छोटी-छोटी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे मन चिंतित रहेगा। निर्णयशक्ति का अभाव रहेगा। स्वास्थ्य - मुख्य रूप से किसी गंभीर समस्या की संभावना ना के बराबर दिखती है फिर भी आपको स्वास्थ्य का ���्यान रखने की सलाह दी जाती है। भाग्यशाली रंग: आसमानी, भाग्यशाली अंक: 2 पॉजिटिव - आध्यात्मिकता की ओर रुझान बढ़ेगा। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा और परिजनों का सहयोग मिलेगा। मित्रों-स्वजनों से हुइ भेंट से मन आनंदित हो उठेगा। परिवारजनों के साथ पारिवारिक प्रश्नों की चर्चा होगी, जिसका निराकरण सोचने में सफल रहेंगे। नेगेटिव - आज का दिन सामान्य रहेगा। नकारात्मक विचारों को मन से निकाल होगा, वरना परेशानी का कारण बनेंगे। वाणी पर संयम रखें। विद्यार्थियों को विद्या प्राप्ति में विघ्न आ सकता है। परिवारजनों को असंतोष रह सकता है। मन एकाग्र करने का प्रयास करें। खर्च पर संयम रखना होगा। लव - आप अपने प्रेमी के गहरे और उत्साही पक्ष को खोजने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन हो सकता है कि आपका साथी इसके लिए तैयार न हो। अगर ऐसा है तो, धैर्य और दूसरों को प्रेरित करने की आपकी क्षमता ही आपके लिए आपकी सफलता की कुँजी रहेगी। व्यवसाय - कुछ नया करने की इच्छा भी होगी। कार्यों में सफलता मिलने से मन प्रसन्न रहेगा और भौतिक सुख सुविधाओं की ओर रुझान बढ़ेगा। जमीन-जायदाद खरीदने और निवेश की योजना बन सकती है। स्वास्थ्य - मानसिक रूप से आप काफी हद तक दृढ़ रहेंगे और इस कारण संतुष्टि का भाव भी रहेगा। भाग्यशाली रंग: केसरी, भाग्यशाली अंक: 5 पॉजिटिव - आप नए कोर्स में साइन-अप कर सकते हैं, कक्षाएँ ले सकते हैं या नौकरी प्रशिक्षण के लिए जा सकते हैं और नए कौशल प्राप्त कर सकते हैं। परिवेश में बदलाव की संभावना है, जैसे शायद एक बदलाव या नौकरी स्थानान्तरण या सिर्फ घरेलू मरम्मत ��र नवीनीकरण। नेगेटिव - आज का दिन मिला-जुला रहेगा। अपने प्रयासों से कार्यों में सफलता मिलेगी, लेकिन मानसिक और शारीरिक रूप से थकान का अनुभव होगा। क्रोध पर नियंत्रण एवं वाणी पर संयम रखें, अन्यथा किसी विवाद में फंस सकते हैं। परिवार में किसी से कलह होने की संभावना रहेगी। लव - आपके लिए एक पार्टनर के माध्यम से अपने बारे में बहुत कुछ जानना भी संभव है। अपने रिश्तों को बनाने और उन्हें सुधारने में कुछ समय का निवेश करें। व्यवसाय - निजी और व्यावसायिक दोनों रूप से ज्यादा बैठकें, विस्तृत मेल-मिलाप और अधिक मौके मिलेंगे क्योंकि आपके जीवन में कोई महत्वपूर्ण लोग प्रवेश कर सकते हैं। स्वास्थ्य - आराम करें, कायाकल्प करें और कुछ मज़ेदार गतिविधियों में संलग्न हों। भाग्यशाली रंग: हरा, भाग्यशाली अंक: 6 पॉजिटिव -आप भावनात्मक रूप से अधिक सुरक्षित महसूस करेंगे। उसका कारण यह है कि आपको अपने साथी / जीवनसाथी के साथ कुछ अच्छी गुणवत्ता का समय बिताने को मिलेगा। एक बच्चे की योजना बनाने के लिए एक शानदार दिन है, इसलिए उसी के साथ आगे बढ़ें। नेगेटिव - जमीन-जायदाद के मामले में पडऩे से बचें, अन्यता कानूनी विवाद में फंस सकते हैं। कार्यभार की अधिकता रहेगी, जिससे थकान का अनुभव कर सकते हैं। लेन-देन से बचें। क्रोध पर नियंत्रण रखें, अन्यता किसी विवाद में फंस सकते हैं। लव - आपका पार्टनर आपके प्रति अधिकारात्‍मक व्यवहार कर सकता है। यौन संबंध के अवसर भी उत्पन्न होंगे और आपके लिए अपने कार्यों में ईमानदार और जिम्मेदार होना अति आवश्यक है। व्यवसाय - कार्य में प्रचार, नए विकास और टाई-अपस अभी आपके मुख्य कामों में शामिल हैं। बॉस, पार्टनर और सुपरवाइज़र या ग्राहकों, आपूर्तिकर्ताओं और नियंत्रक एजेंसियों के साथ मतभेद उत्पन्न हो सकते हैं। स्वास्थ्य - आपका स्वास्थ्य स्तर अच्छा रहेगा। हालाँकि, आपको अपने जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर उचित ध्यान देना होगा। भाग्यशाली रंग: नीला, भाग्यशाली अंक: 2 पॉजिटिव - पारिवारिक वातावरण आनंदमय होगा क्योंकि आपका पूरा ध्यान आपके परिवार और संबंधों पर होगा। आपके देखभाल के रवैये के कारण घर के बुजुर्ग आपको प्यार और आशीर्वाद देंगे। लोग कई विषयों के बारे में आपके प्रत्यक्ष ज्ञान की प्रशंसा करेंगे। अपने जीवन को नया आकार दें और प्रसिद्धि और लोकप्रियता का मज़ा लेंगे। नेगेटिव - विदेशी संपर्कों और पारिवारिक कनेक्शन के माध्यम से अतिरिक्त आय होगी। अपने ख़र्चों का अपनी आय के साथ संतुलन बनाए रखने की कोशिश करें और आपके पास जो अतिरिक्त धन मौजूद है उसका सोच-समझ कर उपयोग करें। पेशगी या ऋण सौंपते समय सावधान रहें। लव - किसी नए रिश्ते में प्रवेश करने के लिए भी यह अच्छा समय है। इस बात को सुनिश्चित करें कि आप उन लोगों के साथ बहस न करें और उनका अपमान न करें, जिन्हे आप जानते नहीं हैं। व्यवसाय - ��सकी बहुत अधिक संभावनाएं हैं कि आप अपने एक मुख्य व्यापारिक गठबंधन में प्रवेश करेंगे या बेहतरीन अवसर प्राप्त करेंगे। यह समय आपके लिए भाग्यशाली होने वाला है। स्वास्थ्य - शांत रहने के लिए कुछ योग व्यायाम और ध्यान में अपने आपको सलंग्न करें। भाग्यशाली रंग: पीला, भाग्यशाली अंक: 8 पॉजिटिव - संदेह अभी दूर होंगे और सफलता की नयी ऊंचाई तक पहुँचने के लिए आप अपनी क्षमता का पूरी तरह से प्रयोग कर सकते हैं। अच्छा समय है जब आपको धन आसानी से मिलेगा इसलिए निवेश करें। यदि आप अपने किसी भी सपने को सच होने का इंतजार कर रहे थे तो अभी कोई अच्छी खबर सुन सकते हैं। नेगेटिव - आपके खुद के अंदर कई संसाधन हैं; हालाँकि आप हमेशा लापरवाह रहते हुए प्रतीत हो रहे हैं। उन संसाधनों को पहचाने और आपको उनमें से अच्छा पैसा मिलेगा। कार्यक्षेत्र में छोटी-छोटी परेशानियां आ सकती हैं, लेकिन कठिन परिश्रम से कार्यों में सफलता मिलेगी। लव - आपको क़रीबी रिश्तों और भागीदारों के प्रति अपने दृष्टिकोण पर फिर से काम करने की ज़रूरत हो सकती है। इससे आप अपने पार्टनर को समझने और मजबूत प्रतिबद्धता में आसानी होगी। व्यवसाय - आपके कार्य को पहचान मिलने की पूरी संभावनाएं हैं। व्यापार और फाइनेंस से संबंधित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कदम उठाने की ज़रूरत है और अपनी उन्नति में आपके कुछ सहयोगी आपकी मदद करेंगे। स्वास्थ्य - पर्याप्त आराम की आवश्यकता होगी ताकि आपकी ऊर्जा का स्तर बना रहे। भाग्यशाली रंग: काला, भाग्यशाली अंक: 5 पॉजिटिव - आप परिवार में सभी के प्रति स्नेह एवं प्रेम का व्यवहार रखेंगे और इससे परस्पर बंधन में सुधार होगा।आज के दिन की कुंजी कुछ गुणवत्ता वाला समय एक साथ बिताना तथा मुद्दों को सौहार्दपूर्वक निपटाना है। आपको बहुत से अलग-अलग लोग मिलेंगे, और उनके माध्यम से आप बहुत कुछ सीख सकते हैं। नेगेटिव - आपको अपने ख़र्चों में प्राथमिकताओं को सेट करने की ज़रूरत है अन्यथा आपकी ऋण में फँसने की ज्यादा संभावना हो सकती है। धन के लिए आपकी लालसा आपको उन मार्गों पर ले जा सकती है जहाँ आप परेशानियों का सामना कर सकते हैं। कुछ रुपये के लिए अपने मूल्यों को न भूले। लव - रोमांचक भावनाएं और मनोभाव आपके मन में हैं और आप प्रेम के उस गुदगुदे अहसास को महसूस कर पाएंगे। आप अपने क़रीबी रिश्ते को नए स्तर पर ले जाएंगे। व्यवसाय - अपने कार्यस्थल पर समस्याओं का सामना करने वाले लोगों को उन परेशानियों को हल करने या इन से बाहर निकलने के कई तरीके प्राप्त होंगे। आप एक असंतुलित आर्थिक स्थिति को बढ़ाने के लिए ज्यादा व्यस्त हो सकते हैं। स्वास्थ्य - सुनिश्चित करें कि आप और आपका जीवनसाथी नियमित रूप से एक अच्छी व्यायाम प्रणाली का पालन करें और फिर अपने शरीर को संतुलित आहार के साथ-साथ ज़रूरी पोषण दें। भाग्यशाली रंग: गुलाबी, भाग्यशाली अंक: 2 पॉजिटिव - अपने सामाजिक जीवन और पेशे/नौकरी से सम्ब��धित पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे। समय आपके पारिवारिक जीवन के लिए काफी हद तक अच्छा रहेगा और इस अवधि में आप कोई वाहन अथवा प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बना सकते हैं। नेगेटिव - इस बात की तरफ ��शारा मिल रहा है कि आपकी आर्थिक स्थिति अभी सुनियोजित परिस्थिति में नहीं है और आपको उन्हें अच्छी तरह से व्यवस्थित करना है। आपको आसानी से अमीर होने के कई शॉर्टकट मिलेंगे लेकिन इसके लिए अनैतिक तरीकों का चयन न करें। लव - सिंगल व्यक्तियों के लिए अपने साथी से मिलने की संभावना है। और जिन लोगों का ग़लतफ़हमी और भ्रम के कारण अपने पार्टनर से ब्रेक-अप हो गया है वो अपने रिश्ते को फिर से जोड़ने में सक्षम होंगे। व्यवसाय - परिवार के सदस्यों में अधिकांश लोग एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर सकते हैं इसलिए थोड़ा संभल कर रहें और अपनी प्रतिष्ठा बचाए रखें। बड़प्पन दिखाएं और परिवार को साथ लेकर चलने का प्रयास करें। स्वास्थ्य - पुरानी बीमारियां आपसे दूर रहेंगी, और आपकी ऊर्जा का स्तर बेहतर हो जाना चाहिए। भाग्यशाली रंग: सिल्वर, भाग्यशाली अंक: 6 पॉजिटिव - उच्च शिक्षा के लिए छात्र सफलता अर्जित करेंगे और उन्हें मनचाहे संस्थानों में प्रवेश मिल जाएगा। सिविल इंजीनियरिंग, कानून, सामाजिक विषय, समाज सेवा तथा गूढ़ आध्यात्मिक विषयों के शिक्षा लेने वाले विद्यार्थियों के लिए वर्ष काफी उन्नति दायक रहेगा। नेगेटिव - वो अप्रत्याशित परिस्थितियां जो आपकी आमदनी और आपके करियर में अस्थिरता का संकेत देती हैं, इनका निवारण अभी अनिवार्य हो सकती हैं। आपको स्थायी आर्थिक स्थिति को लेकर सही तरीकों को खोजने की ज़रूरत हैं। और इस दिशा में सबसे अच्छा तरीका है अपने कौशल का सही उपयोग करना। लव - प्रेम में लिप्त लोग एक खुशहाल रोमांस और हुकअप की अपेक्षा करें, यह चरण यौन संबंधों की दृष्टि से एक्टिव और संतुष्ट रहेगा । व्यवसाय - परिजनों और मित्रों का भी सहयोग रहेगा। कार्यभार की अधिकता रहेगी। जोखिम लेने से हानि हो सकती है। बेरोजगारों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। स्वास्थ्य - आपकी व्यायाम प्रणाली को आप फिर से प्रारम्भ करेंगे। भाग्यशाली रंग: पीला, भाग्यशाली अंक: 9 पॉजिटिव - आज का दिन शुभ फलदायी रहेगी। स्थान परिवर्तन होने के साथ आय भी बढ़ सकती है, जिससे आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। व्यवहारकुशलता के चलते अधिकारियों से सम्मान मिल सकता है। अटके काम बन सकते हैं। मांगलिक आयोजनों में शामिल हो सकते हैं। नेगेटिव - पारिवारिक मामलों और सामाजिक सर्किल में हो रही चुगली या निंदा की तरफ ध्यान दें और लोगों के साथ हो रहे मतभेद को हल करने के लिए कार्य करें। आप खुद को लीक में फंसा हुआ पा सकते हैं और भविष्य के लिए आपका दृष्टिकोण धुँधला हो सकता है। लव - आप प्रेम संबंधों के बारे में एक अलग दृष्टिकोण से सोच सकते हैं। अपनी ��ूमिका,जिम्मेदारियों और स्वयं, परिवार और समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं को लेकर आप दबाव महसूस कर सकते हैं। व्यवसाय - कारोबार विस्तार के लिए नया कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। कारोबार में मन लगेगा और आर्थिक लाभ मिलेगा। नौकरी में मनचाहा स्थानांतरण या पदोन्नति की संभावना रहेगी। स्वास्थ्य - स्वास्थ्य के क्षेत्र में, कोई पुरानी या रहस्मयी बीमारी सामने आ सकती है। भाग्यशाली रंग: कथ्थई, भाग्यशाली अंक: 1 पॉजिटिव - परिजनों के साथ दिन अच्छा बीतेगी। किसी समारोह या धार्मिक आयोजन में शामिल हो सकते हैं। पढ़ाई के मामले में स्थिति अच्छी रहेगी। प्रोफेशनल स्तर पर मिले मौके का जल्द फायदा लेने का प्रयास करेंगे। कार्यभार की अधिकता रहेगी, लेकिन अपने प्रयासों से सभी कार्य सफल होंगे। नेगेटिव - आज का दिन मिला-जुला रहेगा। कामकाज अच्छा चलेगा और धनलाभ के योग भी रहेंगे, लेकिन कुछ परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। क्रोध पर नियंत्रण रखें। अपने दिमाग में भविष्य की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए छुपी हुई प्रतिभाओं को ढूंढे। लव - एक गुप्त अफेयर के कारण आपको अपने पति/पत्नी/पार्टनर/प्रतिस्पर्धी के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। व्यवसाय - अपने अच्छे व्यवहार से कार्यक्षेत्र का माहौल सामान्य बनाने में कामयाब रहेंगे। प्रोफेशनल मामले में स्थिति आपके अनुकूल रहेगी। राजनीतिक क्षेत्र में भी सफलता मिलेगी। स्वास्थ्य - आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और इसका श्रेय आपके अनुशासन और परिश्रम को जाएगा। भाग्यशाली रंग: नीला, भाग्यशाली अंक: 6 Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Aaj Ka Rashifal Dainik Bejan Daruwalla in Hindi 22 January 2020 Rashifal Daily Horoscope
http://www.poojakamahatva.site/2020/01/2-7_21.html
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vedicvidha-blog · 5 years ago
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vedicpanditji · 5 years ago
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#क्या_आज_आप_का_जन्मदिन_है 9 जून 🎁 कैसा बितेगा वर्ष 2020 लाभदायक रंग दिन जीवनसहायक इस्ट्देव भाग्य % " स्वत्यस्तु ते कुशल्मस्तु चिरयुरस्तु॥ विद्या विवेक कृति कौशल सिद्धिरस्तु ॥ ऐश्वर्यमस्तु बलमस्तु राष्ट्रभक्ति सदास्तु॥ वन्शः सदैव भवता हि सुदिप्तोस्तु ॥ अर्थ – आप सदैव आनंद से, कुशल रहे तथा दीर्घ आयु प्राप्त करें. विद्या, विवेक तथा कार्यकुशलता में सिद्धि प्राप्त करें. ऐश्वर्य व बल को प्राप्त करें तथा राष्ट्र भक्ति भी सदा बनी रहे. आपका वंश सदैव तेजस्वी बना रहे." जन्मदिन की हार्दिक शुभकामना यह लेख नियमित रूप से उन पाठकों के व्यक्तित्व और भविष्य के बारे में जानकारी देगा जिनका आज जन्मदिन होगा। अंक ज्योतिष शास्त्र अनुसार आप का मूलांक 9 होता हे इस का स्वामी ग्रह मंगल है. आप अपनी समस्याओं का समाधान खुद ही ढूंढने की हरसंभव कोशिश करते हैं। आप किसी भी परिस्थिति से निबटने का हिम्मत रखते हैं। आप सैद्धान्तिक तथा अनुशासन प्रिय हैं। जीवन में जमीन जायदाद में लाभ कर्मठता साहस निर्भीकःता अनुशाशन प्रिय अधिक बोलना अधिक उग्र सवभाव स्वाभिमान के लिए जान ��क दे सकते हैं। इनके शत्रुओं की संख्या भरपूर होती है, परंतु शत्रु कुछ बिगाड़ नहीं पाते। शुभ दिनांक : 9, 18, 27 शुभ वर्ष : 2025, 2036, 2045 ईष्टदेव : हनुमान जी, मां दुर्गा। शुभ रंग : लाल, केसरिया, पीला कैसा रहेगा यह वर्ष. 2020 इस वर्ष आप अपनी शक्ति ताकत का सदुपयोग कर प्रगतितरक्की की और अग्रसर होंगे। पारिवारिक विवाद आपसी सलाह से सुलझेंगे। सभी महत्वपूर्ण कार्य योजनाओं में सफलता मिलेगी। अधिकार क्षेत्र में वृद्धि संभव है। व्यापार नौकरी में आ रही बाधा दूर होगी। स्वास्थ्य भी उत्तम रहेगा। राजनैतिक व्यक्ति सफलता का स्वाद चख सकते हैं। मित्रों परिवारजनों स्वजनों का सहयोग मिलने से प्रसन्नता रहेगी। " पराविज्ञान " श्रद्धा का विषय है. आप सुखी रहे धनधान्य आरोग्य पाये मेरी कामना (at Delhi, India) https://www.instagram.com/p/CBMqSIQA44y/?igshid=132ehu1x7bytn
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megamanishashekhawat-blog · 7 years ago
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vashikaran kaise kare
https://vashikaran.mobi/vashikaran-kaise-kare/
vashikaran kaise kare
आज कल नई युवा पीढ़ी के अनुसार मानना है कि नाम में क्या धरा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके नाम का आपके व्यक्तित्व पर खासा प्रभाव पड़ता है। अंक ज्योआतिष के अनुसार कहा जाता है कि जिस तरह मूलांक और भाग्यांक व्यखक्ति के जीवन पर प्रभाव डालता है उसी प्रकार नाम का भी काफी असर होता है।अंग्रेजी वर्णमाला में सभी अक्षरों से शुरू होने वाले नामों के व्यक्तियों में से किसी का नाम लेकर उसको वश में करना काफी आसान है। वशीकरण मंत्र टोने टोटके का प्रयोग करके किसी भी व्यक्ति को वशीभूत किया का सकता है| किसी व्यक्ति को वश में करके उससे अपने अनुरूप काम करवाने के लिए नाम के द्वारा वशीकरण किया जाता है।
किसी को भी मोहिनी वशीकरण मंत्र का प्रयोग करके वश में किया जा सकता है | आज के इस भौतिकवादी आधुनिक युग में हर व्यक्ति अपने जीवन में अच्छा रहन-सहन, निर्वाधित जीवनयापन, सुखद संबंध-सरोकार और मधुरता लिए प्रेम-संबंध की मनोकामना करता है। सभी तरह की सुख-सुविधाओं और भौतिक सुखों की कामनाओं की पूर्ति तंत्र-मंत्र-यंत्र के अंतर्गत मोहनी वशिकरण मंत्र से संभव है। व्यक्ति जीवन में सतत प्रेम के प्रवाह को इस मंत्र के जाप और साधना से प्राप्त कर सकता है, तो उसके पिछले पापों का खात्मा भी इसी से संभव है। प्रेमियों के लिए तो मोहिनी  वशीकरण मंत्र अचूक साबित होता है। इस मंत्र के प्रभाव से उनका मनचाहा या कहें मनोवांछित प्रेम अवश्य हासिल होता है। इस बारे में विभिन्न उपायों की चर्च से पहले यह जान लेना आवश्यक है कि आखिर मोहनी हैं कौन, जिनका आवाह्न और स्मरण मंत्र के जाप मात्र से किया जाता है।
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वशीकरण एक ऐसी तांत्रिक क्रिया है जिसके द्वारा किसी को भी सम्मोहित किया जा सकता है। इस क्रिया में अनेक वस्तुएं उपयोग में लायी जा सकती हैं। उदारण के लिए -किसी का नाम, फोटो, उस व्यक्ति बाल, उस व्यक्ति का पहना हुआ कपड़ा आदि। इनमें सबसे सरल होता है नाम द्वारा वशीकरण, अथार्त नाम लिखकर कुछ विशेष क्रियांए की जाती हैं, जिससे वह व्यक्ति आपके अनुकूल आचरण करने लगता है। यदि किसी को नाम लेकर अपने वश में करना चाहते है तो हमसे सलाह करे और जाने कैसे नाम से वशीकरण किया जाता है|
इस विधि में लक्षित व्यक्ति का नाम कागज, भोजपत्र अथवा किसी भी वस्तु पर लिखकर निश्चित संख्या में कुछ मंत्र उच्चारित किये जाते हैं। कई टोटके ऐसे भी होते हैं जिसमें सिर्फ नाम लिखने के साथ विशेष अभिक्रिया की जरूरत होती है। इसमें मंत्र उच्चारित करने की आवश्यकता नहीं होती है। नीचे दोनों प्रकार के कुछ टोटके/उपाय दिये जा रहे हैं
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Vashikaran is an attraction through control mind of anybody under your hands by help of person name in hindi. You are able to apply a vashikaran process over anybody by using name of any people because it is possible if you provide us name of your love then we are able to apply a vashikaran sadhna over your lover to attract towards you. If you want to use vashikaran by name then some things needs to follow because much of people are living here with same name so we are able to distinguish that person whom your loves or want to get back by any conditions.
We are experienced vashikaran astrologer to solve any kind of vashikaran regarding issues by using powerful vashikaran mantra by name in hindi. If a lover loves anybody then first she/he will try to asking name of his/her lover because love start from attraction of your lover and after go ahead with lover first your will try to asking name of your lover. Many things is available to get real name of anybody so after it you are able to follow some rules to apply vashikaran by name as i have already told you that same name have many person available so need to do differentiate it and it is possible with many things so it will work only over your desired love.
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You can know here that how to do vashikaran by name in hindi so you can apply a vashikaran over your girlfriend or boyfriend because it is very old process of mantra using it we are able to control anybody for forever and many mantras have effects for some time or few days but have strong vashikaran mantra using that we are able to apply a vashikaran for whole life so he/she will be vashikaran by mantras for forever.
If you want to control anyone by help of vashikaran by name then without thinking much just concern with for it so we will help you to bring your love back and apply a strong vashikaran so you will spend your whole life with your lover partner and never misunderstanding will happen between you with any topics. Because when you used then always your partner will agree upon your voice and never try to against your voice so never any mistakes will happen in your life this anybody can use like husband or wife can use if your ideas not matching and always fighting with any reason so you can apply it to protect your relationships.
किसी को वश में करना वशीकरण ( vashikaran ) कहलाता है. इसके लिए वशीकरण ( vashikaran ) मंत्र का प्रयोग किया जाता है. वशीकरण ( vashikaran ) मंत्र जिसके लिए पढ़ा जाता है, वह मनुष्य मंत्र पढ़ने वाले के वश में आ जाता है. कभी आपने सोचा है कि इस बात में कितना सच है?
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मनुष्य चाँद पर पहुँच चुका है और मंगल तक यान भेज चुका है. लेकिन मनुष्य आत्मविश्वास की कमी के कारण कुछ भी कर गुज़रने को तैयार है. वो ढोंगी बाबाओं की पास जाता है जहाँ उसके समय, धन और मान-सम्मान सबकी हानि होती है. जाने वो यह क्यों भूल जाता है कि “होइहि सोइ जो राम रचि राखा”;
अर्थात् ईश्वर की इच्छा से सबकुछ सम्पन्न होता है. लेकिन आज व्यक्ति समय से दौड़ लगा रहा है और उसे जो चीज़ उसे आकर्षित करे वह उसे पाना चाहता है. चाहे इसके लिए उसे कोई भी क़ीमत क्यों न चुकानी पड़े.
समय के थपेड़े खा रहा आदमी जब ढोंगी बाबाओं के चंगुल में फंसता है. तो बाबा जी कहते हैं –
बच्चा तुम्हारी सब समस्याओं का हल तंत्र-मंत्र में है. आज अनेक लोग जो चाहते वह उन्हें मिल जाता है लेकिन समय बदल गया है मुक़ाबला कड़ा है. जो किसी को भी भ्रमित कर देता है. बहुत से लोग कड़ी मेहनत करने की बजाय धोखा-धड़ी से दूसरों के सिर पर पैर रखकर ऊपर जाते हैं.
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वशीकरण ( vashikaran ) मंत्र किसी को नुकसान पहुँचाने के लिए नहीं है. यह किसी पर ज़बरदस्ती करने के लिए नहीं है न ही किसी का बुरा करने के लिए है.
सभी को वशीकरण ( vashikaran ) मंत्र के बारे में मालूम है. जब करियर आकाश की ऊँचाइयों को छूते हुए बिना किसी बात के अचानक धड़ाम से नीचे आ जाये और आप ज्योतिषियों के दरवाज़े खटकाते-खटकाते थक जायें लेकिन आपको सफलता न मिले तो वशीकरण ( vashikaran ) मंत्र ही है जो करियर को दुबारा नयी ऊँचाई पर ले जा सकता है.
वशीकरण ( vashikaran ) मंत्र किसी पीड़ित व्यक्ति के मन-मस्तिष्क को प्रभावित करता है. यह बहुत प्रभावी होता है चाहे दुनिया में कोई कहीं भी रहता हो. बस जैसा बताया जाये ध्यान केंद्रित करके आप इसका प्रभाव देख सकते हैं.
जीवन भर के कड़े तप के बाद इस वशीकरण ( vashikaran ) मंत्र को सिद्ध किया गया है. आप इसके प्रयोग से किसी को भी अपना बना सकते हैं और सुखमय जीवन व्यतीत कर सकते हैं.
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1. कामाक्षी वशीकरण ( vashikaran ) मंत्र
ॐ नम: कामाक्षी देवी कन्या का नाम नारी मे वशं कुरु – कुरु स्वाहा.
2. काल-भैरव वशीकरण ( vashikaran ) मंत्र
ॐ नमो काली भैरव निशि राती काल आया आधा राती चलती कतार बंधे तू बावन बार पर नारी से राखे गीर मन पकरि वाको ��ावे सोवति को जगाय लावे बैठी को उठाय लावे फुरो मंत्र इश्वरो वाचा.
3. चामुण्डा वशीकरण ( vashikaran ) मंत्र
ॐ नमो अघोरे ही अघोरे हुं घोर घोरतरे सर्व सर्वे नमस्ते रूपे ह: ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे विच्चे नवाक्षार चंडीमात्रेण निमंत्रयेत्तच बलिपुर्वकम्.
वशीकरण याने आप किसी को भी पुरुष या महिला को अपने वश में करना चाहो तो आप वशीकरण मंत्र प्रयोग से आप वशीकरण के आसान टोटके से अपने वश में कर सकते हो | स्त्री वशीकरण, फोटो से वशीकरण, वशीकरण तिलक, नमक से वशीकरण, बाल से वशीकरण, पति को वश मे करना, लडकी को वश मे करना और इसे अनेक टोटके वशीकरण करने के तरीके है |
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लाल किताब के वशीकरण टोटके से निकले हुए कुछ वशीकरण मंत्र आज हम आपको बताएँगे | ये कुछ इसे वशीकरण मंत्र है जिसे आप बड़े ध्यान से और अपने मन से और एकाग्रता से मंत्र का जाप करना है और आप स्त्री वशीकरण, लडकी को वश मे करना, प्रेम विवाह करने के उपाय के लिए आप निचे दिए हुए वशीकरण मंत्र प्रयोग कर सकते हो |
वशीकरण कैसे करे
विश्व का प्रत्येक व्यक्ति चाहता है कि दुसरे लोग उसकी इच्छानुसार चले उसकी बात माने उसका विरोध न करे। प्रत्येक पति चाहता है कि उसकी पत्नी उसके कहे अनुसार चले उसी प्रकार प्रत्येक पत्नी चाहती है कि उसका पति उसी का होकर रहे अन्य की ओर आकर्षित न हो इसके लिए पुरूष या स्त्री विज्ञापनों को पढ़कर “ वशीकरण कैसे करे” तांत्रिको से ताबीज लेते है टोने-टोटके करते है, वशीकरण मंत्रो का जाप करते है जिसमें धन हानि तो होती ही है साथ की कार्य सिद्ध नहीं होने पर उसका विश्वास डगमगाने लगता है। ज्यादातर व्यक्ति आध्यात्म की ओर इसी लिए आकर्षित होते है कि वह वशीकरण कर सके,ज्यादा धन कमा सके तथा बीमारियों को दुर कर सके अर्थात भौतिक परेशानियों को दुर करने के लिए व्यक्ति आध्यात्म की ओर आकर्षित होता है। परमात्मा का अनुभव करने के लिए बहुत कम व्यक्ति आध्यात्म में प्रवेश करते है। तुलसीदास जी ने कहां है कि कठोर वचनों का त्याग कर दे यही वशीकरण है। जो व्यक्ति अपने स्वयं के मन को कंट्रोल नहीं कर पाता वह दुसरो के मन को कंट्रोल कैसे कर सकेगा।
इस वैश्विक में मौजूद सभी वाक्यांशों का उनका अर्थ है, इसलिए प्रभावी वाक्यांश “वाशिकरण” है। विशेषकर वाशिकरण शब्द का यह पूरी तरह से प्रभावी अर्थ है और यह शब्दों का मिश्रण है ii। वाशी और करण इसका मतलब है कि किसी व्यक्ति के कार्यों को नियंत्रित करने या अंग्रेजी में आप इसे कृत्रिम निस्संदेह कहते हैं। इस विशिष्ट ज्योतिष सेवा को इसमें शामिल होने वाली बड़ी शक्ति के कारण दुनिया भर में यह सब अच्छी तरह से ज्ञात है। अन्यथा अगर आप यह काम नहीं करते हैं, तो आप इसे पहले से गुज़रते हैं, तो हम आपको विशेषज्ञ ज्योतिषी चिराग गोंसल के बारे में बताएंगे।
vashikaran kaise kare for husband
वशीकरण पूजा अनुष्ठान कैसे करे किसी व्यक्ति विशेष को अपने वश में कर के अपने कार्य कराने की क्रिया को वशीकरण कहते है  यह तंत्र  विद्या और टोटको से लिया जाता है इसके द्वारा प्रेम विवाह , सम्मोहन आदि क्रियाएँ की जाती है , शत्रु नाश स्त्री वशीकरण आदि में इसका उपयोग होता है |
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वशीकरण का सामान्य और सरल अर्थ है- किसी को प्रभावित करना, आकर्षित करना या वश में करना। जीवन में ऐसे कई मोके आते हैं जब इंसान को ऐसे ही किसी उपाय की जरूरत पड़ती है। किसी रूठें हुए को मनाना हो या किसी अपने के अनियंत्रित होने पर उसे फिर से अपने नियंत्रण में लाना हो,तब ऐसे ही किसी उपाय की सहायता ली जा सकती है। कोई भी तांत्रिक या आमिल जो किन कामो को करते है कोईभी समाधान तीन तरीके से होता है जिसको छोटे शब्दों में मैइसे my treatment का नाम दिया है यानि – m = mantra, y= yentra , t = tantra . मन्त्र यन्त्र और तंत्रका सहारा लिया जाता है  लेकिन मै आज आपको तरीकाबताऊंगा यन्त्र के जरिये कैसे वशीकरण किया जा सकता है  इस क्रिया के करने के कुछ नियम होते है –
1. जीस  इंसान पर  आप वशीकरण करना चाहे  उसके साथ आपका पहले कभी एक अच्छा  रिश्ता  रहना जरूरी है बाद में चाहे टूट गया हो या आपसी प्यार कम  हो गया हो 2. वो प्यार तो करता/करती है लेकिन उसका प्यार और ज्यादा हो 3.प्यार तो करता है लेकिन शादी के लिए नहीं मानता 4. पहले शादी के लिए राजी  था लेकिन अब नहीं  , अब कोई बात भी नहीं करता 5. वो राजी है लेकिन उसका  परिवार राजी नहीं / या  परिवार नहीं मानता 6. वो मुझसे प्यार करता ही नहीं है सिर्फ नाटक करता है या जितना मै करता/करती हु वो उतना नहीं करता
ऐसी कोई भी हालत हो आपकी जिंदगी में हो तो ये काम क्रिया से आपको निश्चित रूप से लाभ मिलने वाला है
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