vk9560528159
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vk9560528159 · 1 day ago
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#Bhandara_Invitation_To_World
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस
🥥आज से 511 वर्ष पूर्व कबीर परमेश्वर ने तीन दिन "दिव्य धर्म यज्ञ" का आयोजन किया था। जिसमें 18 लाख से अधिक साधु, संतो�� व लोगों ने मोहन भंडारा किया था। वही इतिहास बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज के सानिध्य में पुनः रचा जा रहा है। 14 से 16 नवंबर 2024 को 11 सतलोक आश्रमों में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में 'दिव्य धर्म यज्ञ दिवस' का आयोजन किया जा रहा है जिसमें आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
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vk9560528159 · 2 days ago
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#Bhandara_Invitation_To_World
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस
💫विक्रमी संवत 1570 (सन 1513) में परमेश्वर कबीर जी ने काशी (उ•प्र•) में 18 लाख साधु संतों को भंडारा करवाया था जो 3 दिन तक कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष चतुर्दशी को प्रारंभ हुआ था मंगसर (माघशीर्ष) की कृष्ण पक्ष एकम(प्रथमा) को सम्पन्न हुआ था। वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में तीन दिवसीय शुद्ध देसी घी से निर्मित निःशुल्क विशाल भंडारे का आयोजन 11 सतलोक आश्रमों में किया जा रहा है।
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vk9560528159 · 3 days ago
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#दिव्य_धर्म_यज्ञ_दिवस_क्या_है
Sant Rampal Ji Maharaj
🥥कैसे हुआ दिव्य धर्म यज्ञ का प्रारंभ?
विक्रमी संवत 1570 में कबीर साहेब ने काशी में तीन दिनों का भंडारा आयोजित किया था। इसमें 18 लाख साधु-संतों ने भाग लिया था और कबीर साहेब ने उन्हें भोजन और वस्त्र भेंट किए थे। इस ऐतिहासिक आयोजन की स्मृति में संत रामपाल जी महाराज द्वारा 14, 15, 16 नवंबर को दिव्य धर्म यज्ञ मनाया जा रहा है।
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vk9560528159 · 3 days ago
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#दिव्य_धर्म_यज्ञ_दिवस_क्या_है
Sant Rampal Ji Maharaj
🥥511वें दिव्य धर्म यज्ञ दिवस का उद्देश्य
संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में दिव्य धर्म यज्ञ का आयोजन परमात्मा कबीर साहेब की उस ऐतिहासिक घटना को स्मरण करने हेतु किया जाता है, जब उन्होंने (शेख तकी द्वारा डाली गई झूठी चिट्ठी के बाद आए) 18 लाख साधुओं को भोजन कराया था। परमेश्वर की संपूर्ण लीलाओं की जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें ज्ञान गंगा।
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vk9560528159 · 4 days ago
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#GodMorningMonday
#धरती_पर_अवतार
#सत_भक्ति_सन्देश
#SantRampaljiMaharaj
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vk9560528159 · 4 days ago
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vk9560528159 · 4 days ago
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#गूढ़_रहस्य_गीता_का
Sant Rampal Ji Explains Gita
📙गीता अध्याय 18 श्लोक 43 में गीता ज्ञान दाता ने क्षत्री के स्वभाविक कर्मों का उल्लेख करते हुए कहा है कि ‘‘युद्ध से न भागना’’ आदि-2 क्षत्री के स्वभाविक कर्म हैं। इससे सिद्ध हुआ कि गीता जी का ज्ञान श्री कृष्ण जी ने नहीं बोला। क्योंकि श्री कृष्ण जी स्वयं क्षत्री होते हुए कालयवन के सामने से युद्ध से भाग गए थे। व्यक्ति स्वयं किए कर्म के विपरीत अन्य को राय नहीं देता। न उसकी राय श्रोता को ठीक जचेगी। वह उपहास का पात्र बनेगा। यह गीता ज्ञान ब्रह्म(काल) ने प्रेतवत् श्री कृष्ण जी में प्रवेश करके बोला था। भगवान श्री कृष्ण रूप में स्वयं श्री विष्णु जी ही अवतार धार कर आए थे।
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vk9560528159 · 4 days ago
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#संतरामपालजीके_संघर्ष_कीकहानी
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🎬 गुरु पद मिलने के बाद भी संत रामपाल जी महाराज ने क्यों छोड़ी आश्रम की सर्व संपत्ति?
जानने के लिए देखिये
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vk9560528159 · 4 days ago
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#गूढ़_रहस्य_गीता_का
Sant Rampal Ji Explains Gita
📙 ‘‘गीता ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा’’:-
जब कुरुक्षेत्र के मैदान में पवित्र गीता जी का ज्ञान सुनाते समय अध्याय 11 श्लोक 32 में पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि ‘अर्जुन मैं बढ़ा हुआ काल हूँ। अब सर्व लोकों को खाने के लिए प्रकट हुआ हूँ।‘ जरा सोचें कि श्री कृष्ण जी तो पहले से ही श्री अर्जुन जी के साथ थे। यदि पवित्र गीता जी के ज्ञान को श्री कृष्ण जी बोल रहे होते तो यह नहीं कहते कि अब प्रवृत्त हुआ हूँ।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
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vk9560528159 · 4 days ago
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#गूढ़_रहस्य_गीता_का
Sant Rampal Ji Explains Gita
📙अध्याय 11 श्लोक 47 में पवित्र गीता जी को बोलने वाले प्रभु काल ने कहा है कि ‘हे अर्जुन! यह मेरा वास्तविक काल रूप है, जिसे तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा था।‘
सिद्ध हुआ कि कौरवों की सभा में विराट रूप श्री कृष्ण जी ने दिखाया था तथा कुरूक्षेत्र में युद्ध के मैदान में विराट रूप काल ने दिखाया था। नहीं तो यह नहीं कहता कि यह विराट रूप तेरे अतिरिक्त पहले किसी ने नहीं देखा है। क्योंकि श्री कृष्ण जी अपना विराट रूप कौरवों की सभा में पहले ही दिखा चुके थे जो अनेकों ने देखा था।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
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vk9560528159 · 6 days ago
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vk9560528159 · 6 days ago
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#GodMorningFriday
#सत_भक्ति_सन्देश
#SantRampalJiMaharaj
#धरती_पर_अवतारधार्मिक सिद्धांत
यदि भक्त
जाप करते-करते थक जाए तो परमात्मा की महिमा की वाणी पढ़े।
यदि याद है तो गाए या अपने धर्म की पुस्तकों को पढ़े, यह धार्मिक सिद्धांत है।
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vk9560528159 · 7 days ago
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#गूढ़_रहस्य_गीता_का
Sant Rampal Ji Explains Gita
📙गीता अध्याय 18 श्लोक 43 में गीता ज्ञान दाता ने क्षत्री के स्वभाविक कर्मों का उल्लेख करते हुए कहा है कि ‘‘युद्ध से न भागना’’ आदि-2 क्षत्री के स्वभाविक कर्म हैं। इससे सिद्ध हुआ कि गीता जी का ज्ञान श्री कृष्ण जी ने नहीं बोला। क्योंकि श्री कृष्ण जी स्वयं क्षत्री होते हुए कालयवन के सामने से युद्ध से भाग गए थे। व्यक्ति स्वयं किए कर्म के विपरीत अन्य को राय नहीं देता। न उसकी राय श्रोता को ठीक जचेगी। वह उपहास का पात्र बनेगा। यह गीता ज्ञान ब्रह्म(काल) ने प्रेतवत् श्री कृष्ण जी में प्रवेश करके बोला था। भगवान श्री कृष्ण रूप में स्वयं श्री विष्णु जी ही अवतार धार कर आए थे।
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vk9560528159 · 7 days ago
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#गूढ़_रहस्य_गीता_का
Sant Rampal Ji Explains Gita
📙 ‘‘गीता ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा’’:-
जब कुरुक्षेत्र के मैदान में पवित्र गीता जी का ज्ञान सुनाते समय अध्याय 11 श्लोक 32 में पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि ‘अर्जुन मैं बढ़ा हुआ काल हूँ। अब सर्व लोकों को खाने के लिए प्रकट हुआ हूँ।‘ जरा सोचें कि श्री कृष्ण जी तो पहले से ही श्री अर्जुन जी के साथ थे। यदि पवित्र गीता जी के ज्ञान को श्री कृष्ण जी बोल रहे होते तो यह नहीं कहते कि अब प्रवृत्त हुआ हूँ।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
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vk9560528159 · 7 days ago
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#GodMorningThursday
#सत_भक्ति_सन्देश
#SantRampaljiMaharaj
#धरती_पर_अवतार
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vk9560528159 · 8 days ago
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#गूढ़_रहस्य_गीता_का
Sant Rampal Ji Explains Gita
📙गीता ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा’
अध्याय 11 श्लोक 21 व 46 में अर्जुन कह रहा है कि भगवन्! आप तो ऋषियों, देवताओं तथा सिद्धों को भी खा रहे हो, जो आप का ही गुणगान पवित्र वेदों के मंत्रों द्वारा उच्चारण कर रहे हैं तथा अपने जीवन की रक्षा के लिए मंगल कामना कर रहे हैं। कुछ आपके दाढ़ों में लटक रहे हैं, कुछ आपके मुख में समा रहे हैं। हे सहस्रबाहु अर्थात् हजार भुजा वाले भगवान! आप अपने उसी चतुर्भुज रूप में आईये। मैं आपके विकराल रूप को देखकर धीरज नहीं रख पा रहा हूँ।
श्री कृष्ण जी तो अर्जुन के साले थे। श्री कृष्ण की बहन सुभद्रा का विवाह अर्जुन से हुआ था। क्या व्यक्ति अपने साले को भी नहीं जानता? इससे सिद्ध है कि गीता का ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा, काल ब्रह्म ने बोला था।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज
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vk9560528159 · 8 days ago
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#गूढ़_रहस्य_गीता_का
Sant Rampal Ji Explains Gita
📙 ‘‘गीता ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं कहा’’:-
जब कुरुक्षेत्र के मैदान में पवित्र गीता जी का ज्ञान सुनाते समय अध्याय 11 श्लोक 32 में पवित्र गीता बोलने वाला प्रभु कह रहा है कि ‘अर्जुन मैं बढ़ा हुआ काल हूँ। अब सर्व लोकों को खाने के लिए प्रकट हुआ हूँ।‘ जरा सोचें कि श्री कृष्ण जी तो पहले से ही श्री अर्जुन जी के साथ थे। यदि पवित्र गीता जी के ज्ञान को श्री कृष्ण जी बोल रहे होते तो यह नहीं कहते कि अब प्रवृत्त हुआ हूँ।
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