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Varsha Agrawal
178 posts
A spiritual thinker & writer
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varsha-agrawal-blog · 5 years ago
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दृढ़ निश्चय वाले मन को रोक पाना बहुत कठिन है।
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varsha-agrawal-blog · 5 years ago
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विकार उत्पन्न करने वाली परिस्थितियों में रहकर भी जिसका चरित्र विकारग्रस्त नहीं होता वास्तविक वीर पुरुष है।
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varsha-agrawal-blog · 5 years ago
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अवगुण ⛵ के पाल में छेद के समान है। छेद छोटा हो या बड़ा, एक न एक दिन ⛵ को ले ही डूबेगा।
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varsha-agrawal-blog · 5 years ago
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संदेह के समय मनुष्य के भीतर की आवाज ही उसे सत्य का मार्ग दिखाती है।
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varsha-agrawal-blog · 5 years ago
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नीच की नम्रता के प्रति सावधान रहो, अंकुश, धनुष,सांप और बिल्ली झुक कर ही वार करते हैं।
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varsha-agrawal-blog · 5 years ago
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अभिमान मोह का मूल है तथा अत्यधिक कष्टदायक भी।
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varsha-agrawal-blog · 5 years ago
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ऐसा सोच कर दुःखी न हों कि विधाता का लिखा हुआ मिटाया नहीं जा सकता
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varsha-agrawal-blog · 5 years ago
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दुःखी व्यक्ति प्रत्येक पाप कर सकता है।
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varsha-agrawal-blog · 5 years ago
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शिक्षा राष्ट्र की सच्ची सुरक्षा है।
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varsha-agrawal-blog · 5 years ago
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महान कार्य करने के लिए सबसे बड़ी चीज है, आत्मविश्वास।
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varsha-agrawal-blog · 5 years ago
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आज के लिए और सदा के लिए सबसे बड़ा मित्र है, अच्छी पुस्तक।
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varsha-agrawal-blog · 5 years ago
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मनुष्य का महत्व उसके ज्ञान में ही है।
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varsha-agrawal-blog · 5 years ago
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इस राष्ट्र में एक ही शिक्षण लेने की आवश्यकता है और वह है प्रेम की शिक्षण।
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varsha-agrawal-blog · 6 years ago
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गुण कोई किसी को नहीं सिखा सकता। दूसरे के गुण लेने या सीखने की जब भूख मन में जगती है, तो गुण अपने आप सीख लिए जाते हैं।
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varsha-agrawal-blog · 6 years ago
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कर्ज वह मेहमान है जो एक बार आकर पुनः जाने का नाम नहीं लेता
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varsha-agrawal-blog · 6 years ago
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प्रेम पापियों को भी सुधार देता है
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varsha-agrawal-blog · 6 years ago
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विद्या और ज्ञान अंतिम लक्ष्य चरित्र निर्माण होना चाहिए।
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