tulsi-1971
Tulsi Das
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tulsi-1971 · 3 years ago
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#SUNDAYSPECIALSATSANG
तुलसी, पिछले पाप से, हरि चर्चा ना भावै।
जैसे ज्वर के वेग से, भूख विदा हो जावै।।
- परमेश्वर ने धर्मदास जी को 42 पीढ़ी का आशीर्वाद दिया।
- काकभुशुण्डि जी की कथा।
- धर्मदास जी को शरण में लेना।
देखिए हमारा कार्यक्रम :-
रविवार 09 जनवरी को सुबह 11 बजे से Live 🌲🌿🌳🌱
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tulsi-1971 · 3 years ago
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Watch "कबीर साहेब द्वारा काशी में 18 लाख साधुओं को भंडारा देना | Sant Rampal Ji Satsang | SATLOK ASHRAM" on YouTube
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tulsi-1971 · 3 years ago
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tulsi-1971 · 3 years ago
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#गीताजी_के_गूढ़_रहस्य
क्या गीता में कहीं और भी लिखा है गीता ज्ञान दाता से अन्य परमात्मा की भक्ति साधना करने के लिए?
गीता अध्याय 7 श्लोक 29 में गीता ज्ञान दाता ने बताया है कि जो साधक केवल जरा (वृद्ध अवस्था) तथा मरण (मृत्यु) से छूटने के लिए
प्रयत्नशील हैं, वे ‘‘तत् ब्रह्म’’ से परिचित हैं। अर्जुन ने गीता अध्याय 8 श्लोक 1 में पूछा कि ‘‘तत् ब्रह्म’‘ क्या है? गीता ज्ञान दाता ने अध्याय 8 श्लोक 3 में बताया कि वह ‘‘परम अक्षर ब्रह्म’’ है। गीता अध्याय 8 श्लोक 5 व 7 में तो गीता ज्ञान दाता ने अपनी साधना-स्मरण करने को कहा है। (गीता ज्ञान दाता ने गीता
अध्याय 4 श्लोक 5 व अध्याय 10 श्लोक 2 में अपना जन्म-मरण भी कहा है। कहा
है कि मेरी भक्ति से परमशान्ति नहीं हो सकती, युद्ध भी करना पड़ेगा। गीता
ज्ञान दाता ��ा यह भी कहना है कि जन्म-मरण में सदा रहेगा।) तुरन्त ही गीता
अध्याय 8 श्लोक 8, 9 तथा 10ए इन तीन श्लोकों में गीता ज्ञान दाता ने अपने
से अन्य ‘‘परम अक्षर ब्रह्म’‘ की भक्ति करने को कहा है कि हे पार्थ! परमेश्वर
की साधना के अभ्यास योग से युक्त अन्य किसी देव या प्रभु में अपनी आस्था
न रखकर एक परमेश्वर का अनन्य चित्त से स्मरण करता हुआ मनुष्य (परमम्
दिव्यम् पुरुषम् याति) उस परम अलौकिक परमेश्वर अर्थात् परम अक्षर ब्रह्म को
ही प्राप्त होता है।
श्रीमद्भगवत गीता अध्याय 15 श्लोक 1 - 4, 16, 17 में कहा गया है जो संत इस संसार रूपी उल्टे लटके हुए वृक्ष के सभी विभाग बता देगा वह पूर्ण गुरु/सच्चा सद्गुरु है।
यह तत्वज्ञान केवल पूर्ण संत रामपाल जी महाराज ही बता रहे हैं। पूर्ण गुरु संत रामपाल जी महाराज जी से नाम उपदेश लें, अपना कल्याण कराएं।
🎨यजुर्वेद अध्याय 19 मन्त्र 25 के अनुसार पूर्ण गुरु/तत्वदर्शी संत वह होता है जो वेदों के सांकेतिक शब्दों को पूर्ण विस्तार से वर्णन  करता है जिससे पूर्ण परमात्मा की प्राप्ति होती है।
ऐसा केवल पूर्ण संत रामपाल जी महाराज ही कर रहे हैं।
🎨पूर्ण संत तीन प्रकार के मंत्रों को तीन बार में उपदेश करेगा जिसका वर्णन कबीर सागर ग्रंथ पृष्ठ 265 पर बोध सागर में मिलता है। गीता जी के अध्याय 17 श्लोक 23 व सामवेद संख्या 822 में मिलता है।
संत रामपाल जी महाराज ही वह पूर्ण संत हैं जो तीन प्रकार के मंत्रों  का तीन बार में उपदेश करते हैं।
🎨पूर्ण गुरु/सच्चा सतगुरु वही है जो गीता अध्याय 16 के श्लोक 23, 24 के अनुसार भक्त समाज को शास्त्र अनूकूल भक्ति साधना बताए।
शास्त्र अनूकूल भक्ति साधना केवल पूर्ण संत रामपाल जी महाराज के पास ही मौजूद है।
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आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
⤵️⤵️
http://bit.ly/NamDiksha
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tulsi-1971 · 3 years ago
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Watch "सतनाम के एक जाप का इतना फल मिलता है | Sant Rampal Ji Satsang | SATLOK ASHRAM" on YouTube
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tulsi-1971 · 3 years ago
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Watch "गोवर्धन का इतिहास | क्या गोवर्धन पूजा सही है? | Govardhan Pooja 2021 | SA NEWS" on YouTube
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tulsi-1971 · 3 years ago
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A Very Happy Dipawali To All with Free Book "Way Of Living"#आध्यात्मिक_दीवाली
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tulsi-1971 · 3 years ago
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Watch "तत्वदर्शी संत कौन होता है? | Sant Rampal Ji Satsang | SATLOK ASHRAM" on YouTube
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tulsi-1971 · 3 years ago
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Watch "मथुरा वाले तुलसीदास की महापुरुष के बारे में भविष्यवाणी | Sant Rampal Ji Satsang | SATLOK ASHRAM" on YouTube
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tulsi-1971 · 3 years ago
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#धरतीपर_कैसे_आयी_गंगा
```जो व्यक्ति पुस्तक ‘‘ज्ञान गंगा’’ को पढ़ेगा उसको ज्ञान हो जाएगा कि हम अपने निज घर को भूल गए हैं। वह परम शांति व सुख यहां न होकर निज घर सतलोक में है जहां पर न जन्म है, न मृत्यु है, न बुढ़ापा, न दुःख, न कोई लड़ाई-झगड़ा है, न कोई बिमारी है, न पैसे का कोई लेन-देन है, न मनोरंजन के साधन खरीदना है। वहां पर सब परमात्मा द्वारा निःशुल्क व अखण्ड है।```
Savior of the world Saint Rampal Ji
#Gyan_Ganga
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tulsi-1971 · 3 years ago
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Watch "मोक्ष पाना सबसे आसान काम है | Sant Rampal Ji Satsang | SATLOK ASHRAM" on YouTube
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tulsi-1971 · 3 years ago
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*★संत रामपाल जी तो सद्ग्रंथों में निहित ज्ञान से रूबरू करवाते हैं★*
अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखिये *#सत्संग*
⏰ _"रोज शाम 07:30 बजे"_ ⏰
📺 _साधना TV पर_ 📺
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tulsi-1971 · 3 years ago
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#GreatestGuru_InTheWorld
📙गीता अध्याय 17 श्लोक 23-28 में ओम मंत्र जो काल का है तथा तत मंत्र जो सांकेतिक है, यह अक्षर पुरूष की साधना का है तथा सत मंत्र भी सांकेतिक है। यह परम अक्षर पुरूष की साधना का है। इन तीनों मंत्रों के जाप से पूर्ण मोक्ष प्राप्त होता है। 🙏🙏🙏
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tulsi-1971 · 3 years ago
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Watch "हिड़की दे दे रोवेगी सुरता, जब तू चालेगी अकेली | Sant Rampal Ji LIVE" on YouTube
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#MustListen_Satsang
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tulsi-1971 · 3 years ago
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Watch "सतलोक में हाड़ मांस का शरीर नहीं है | Sant Rampal Ji Satsang | SATLOK ASHRAM" on YouTube
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#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक
पृथ्वी लोक एक कैद खाना है। जहाँ पर 21 ब्रह्मांड का स्वामी ज्योति निरंजन काल/ब्रह्म आत्माओं को दुःखी करने के लिए 84 लाख योनियों में उत्पन्न करता है।
जबकि सतलोक परमेश्वर कविर्देव (कबीर साहेब) का लोक है जो अजर अमर अविनाशी लोक है। जहाँ 84 लाख योनियों का कष्ट नहीं है।🙏🙏
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tulsi-1971 · 3 years ago
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💰’’विवाह कैसे करें‘‘
जैसे श्री देवी दुर्गा जी ने अपने तीनों पुत्रों (श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी तथा श्री शिव जी) का विवाह किया था। मेरे अनुयाई ऐसे ही करते हैं। 17 मिनट की असुर निकंदन रमैणी है। फेरों के स्थान पर उसको बोला जाता है जो करोड़ गायत्री मंत्र से उत्तम तथा लाभदायक है। जिसमें विश्व के सर्व देवी-देव तथा पूर्ण परमात्मा का आह्वान तथा स्तुति-प्रार्थना है। जिस कारण से सर्व शक्तियां उस विवाह वाले जोड़े की सदा रक्षा तथा सहायता करते हैं। इससे बेटी बची रहेगी। जीने की सुगम राह हो जाएगी।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज।
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tulsi-1971 · 3 years ago
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#सतलोक_Vs_पृथ्वीलोक
काल लोक/पृथ्वी लोक में सुविधाजनक वस्तुएं होने के बावजूद यहां कोई भी सुखी नहीं है।
यहां हर पल मौत का तांडव होता है।
यहां हर व्यक्ति के मन में रोग तथा मृत्यु का भय हर पल रहता है।
सतलोक में ना रोग का, ना मौत का भय। वहां किसी वस्तु का अभाव नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति का नूरी शरीर है।
🏡काल लोक/पृथ्वी लोक पर साधना करके जीव कुछ स��य स्वर्ग रूपी होटल में चला जाता है। फिर अपनी पुण्य कमाई खर्च करके वापिस नरक तथा चौरासी लाख प्राणियों के शरीर में जाता है।
सतलोक में भक्ति नष्ट नहीं होती। सतलोक शाश्वत स्थान है। वहां हंस आत्माएं हैं।
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