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Moth Bhav: मोठ में नहीं तेजी की गुंजाइश, उत्पादन में बढ़ोतरी, देखें तेजी-मंदी की रिपोर्ट
Moth Bhav: चालू सीजन में मोठ का भाव अधिक रहने से कारोबारी स्टॉक का व्यापार करने में इच्छुक नहीं है। कारोबारी तेजी में बैठे हैं, लेकिन जिस तरह मंडियों में आवक एवं ग्राहकी की स्थिति बनी हुई है, उसे देखते हुए कीमतों में 200 रुपए तक की गिरावट के आसार लग रहे है। मोठ की फसल नागौर दौसा डीडवाना बाड़मेर बालोतरा एवं मेड़ता लाइन में अच्छी आई है। वास्तविकता यह है कि फसल आने के समय में लगातार तीन-चार दिनों…
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छत्तीसगढ़ के जंगलों की प्राकृतिक शुद्धता की पूरे देश में बिखरेगी.
रायपुर । यह छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक क्षण है, जब वनवासियों के सतत् विकास, आजीविका और महिला सशक्तिकरण की दिशा में तीन सरकारी संस्थान साथ आए हैं। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वन उपज सहकारी संघ, आईआईएम रायपुर और केंद्रीय भंडार ने छत्तीसगढ़ हर्बल्स को लेकर एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। इस एमओयू के तहत सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉइज को-ऑपरेटिव के सभी केंद्रीय भंडार स्टोर्स पर अब छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पाद उपलब्ध…
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#आईआईएम रायपुर और केंद्रीय भंडार#आजीविका और महिला सशक्तिकरण की दिशा#छत्तीसगढ़ राज्य लघु वन उपज सहकारी संघ#बड़ी खबर#लेटेस्ट समाचार#वनवासियों के सतत् विकास
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🔸️काशी का अद्भुत विशाल भंडारा🔸️
600 वर्ष पूर्व परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी द्वारा इस लोक में ऐसे कई चमत्कार किए गए हैं जो मात्र ईश्वर द्वारा किए जा सकते हैं। किसी मायावी अथवा साधारण व्यक्ति द्वारा यह संभव नहीं हैं जैसे भैंसे से वेद मंत्र बुलवाना, सिकंदर लोदी के जलन का रोग ठीक करना, मुर्दे को जीवित करना, यह शक्ति मात्र ईश्वर के पास होती है तथा इसके अतिरिक्त काशी में बहुत विशाल भंडारे का आयोजन करना।
शेखतकी ने काशी के सारे हिन्दू, मुसलमान, पीर पैगम्बर, मुल्ला काजी और पंडितो को इकट्ठा करके कबीर परमेश्वर के खिलाफ षडयंत्र रचा। सोचा कबीर निर्धन व्यक्ति है। इसके नाम से पत्र भेज दो की कबीर जी काशी में बहुत बड़े सेठ हैं। वह काशी शहर में तीन दिन का धर्म भोजन-भण्डारा करेंगे। सर्व साधु संत आमंत्रित हैं। पूरे हिंदुस्तान में झूठी चिट्ठियां भेजकर खूब प्रचार करवा दिया की प्रतिदिन प्रत्येक भोजन करने वाले को एक दोहर (कीमती कम्बल) और एक सोने की मोहर दक्षिणा में देगें। एक महीने पहले ही प्रचार शुरू कर दिया और देखते ही देखते पूरे हिंदुस्तान से 18 लाख भक्त तथा संत व अन्य व्यक्ति लंगर खाने काशी में चौपड़ के बाजार में आकर इकट्ठे हो गए। जब संत रविदास जी को यह खबर लगी तो कबीर जी से पूरा हाल बयां किया। परमात्मा कबीर जी तो जानीजान थे। फिर भी अभिनय कर रहे थे। रविदास जी से कहा कि रविदास जी झोपड़ी के भीतर आ जाओ और कुंडी लगा लो हम सुबह होते ही यहां से निकल लेंगें इस बार तो हमारे ऊपर बड़ा जुल्म कर दिया है इन लोगों ने।
एक तरफ तो परमेश्वर कबीर बंदीछोड़ जी अपनी झोपड़ी में बैठे थे और दूसरी तरफ परमेश्वर कबीर जी अपनी राजधानी सतलोक में पहुँचे। वहां से केशव नाम के बंजारे का रूप धारण करके कबीर परमात्मा 9 लाख बैलों के ऊपर बोरे (थैले) रखकर उनमें पका-पकाया भोजन (खीर, पूड़ी, हलुवा, लड्डू, जलेबी, कचौरी, पकोडी, समोसे, रोटी दाल, चावल, सब्जी आदि) भरकर सतलोक से काशी नगर की ओर चल पड़े। सतलोक की हंस आत्माएं ही 9 लाख बैल बनकर आए थे। केशव रूप में कबीर परमात्मा एक तंबू में डेरा देकर बैठ गए और भंडारा शुरू हुआ। बेईमान संत तो दिन में चार-चार बार भोजन करके चारों बार दोहर तथा मोहर ले रहे थे। कुछ सूखा सीधा (चावल, खाण्ड, घी, दाल, आटा) भी ले रहे थे।
इस भंडारे की खास बात यह थी कि परमेश्वर के भोग लगे पवित्र भंडारे प्रसाद को खाने से कोटि-कोटि पापनाश हो जाते हैं जिसका प्रमाण गीता अध्याय-3 श्लोक-13 में है।
धर्म यज्ञ बहुत श्रेष्ठ होती हैं भोजन भंडारा करवाना धर्म यज्ञ में आता है भंडारे से वर्षा होती है वर्षा से धन-धान्य की उपज होती है जिससे सभी जीवों का पेट भरता और पुण्य मिलता है।
ऐसे पुण्य के कार्य वर्तमान में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल की महाराज जी द्वारा किए जा रहे हैं उनके सानिध्य में 10 जगहों पर तीन दिवसीय विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है इस भंडारे में शुद्ध देशी घी के पकवान जैसे रोटी, पूरी, सब्जी, लड्डू, जलेबी, हलवा, बूंदी आदि–आदि बनाए जाते हैं। जो पूर्ण परमेश्वर को भोग लगाने के पश्चात भंडारा करवाया जाता है। इस समागम में लाखों की संख्या में देश विदेश से आए श्रद्धालुों का तांता लगा रहा रहता है। परमेश्वर की अमर वाणी का अखंड पाठ, निःशुल्क नामदीक्षा चौबीसों घंटे चलती रहेगी। जिसमें आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
#MiracleOfGodKabir_In_1513
#दिव्य_धर्म_यज्ञ_दिवस
26-27-28 नवंबर 2023
#SantRampalJiMaharaj
#trending
#viralpost
अधिक जानकारी के लिए "Sant Rampal Ji Maharaj" App Play Store से डाउनलोड करें और "Sant Rampal Ji Maharaj" YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।
संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
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Free tree speak काव्यस्यात्मा 1453.
अनेक शब्द हैं
- © कामिनी मोहन पाण्डेय।
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अनेक शब्द हैं
शब्दों से बनते अनेक कथन है
उन कथनों के अर्थ बीज बन उगते हैं
ख़ुद की छाया में बैठे इंतज़ार करते हैं
पर हर बार उपज सदाबहार बुनते हैं
सूक्ष्म रूप से वृहद रूप तक
अथक प्रतीक्षा करते रहते हैं
अपने अंतर्तम में अनन्य अनन्त
आकृति छुपा रखते हैं।
युगों-युगों से अडिग
अकारण उपजी अभिलाषा में
कल जो देखा, सुना
उसे फिर-फिर देखते रहते हैं।
मन की परिचित भित्तियों से ढँके
तटस्थ और संतुष्ट पृथ्वी पर
देह की यात्रा करते रहते हैं।
- © कामिनी मोहन पाण्डेय।
#kaminimohanspoetry#kavyasadhana काव्यस्यात्मा#kaminimohansworld#poetry#kaminimohan#साधना आराधना#hindi#काव्यस्यात्मा#काव्य#poets on tumblr#कामिनीमोहन
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#FridayMotivation
#SantRampalJiMaharaj_App
जब लग सार नाम गुरु नहीं बतावै।तब तक प्राणी मुक्तिनहीं पावै।सार नाम बिन सीप बिन मोती,उपज खपे बिना हर खेती आदि नाम है अक्षर माहीं। बिन गुरू नरक छूटै नाहीं।सोहं में निःअक्षर रहाही बिन गुरु कौन दे है लखाई। सुनें सत्संग साधना टीवी शाम 7.30
#saintrampalji#bhakti#satlokashram#mahadev#god#satloke#saintrampaljimaharaj#religion#trueguru#satlok
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#GodMorningTuesday
जब लग सार नाम गुरु नहीं बतावै ।
तब तक प्राणी मुक्तिनहीं पावै ।।
सार नाम बिन सीप बिन मोती ।
उपज खपे बिना हर खेती ।।
आदि नाम है अक्षर माहीं ।
बिन गुरू नरक छूटै नाहीं । ।
सोहं में निःअक्षर रहाही ।
बिन गुरु कौन दे है लखाई ।।
#SantRampaljiQuotes
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*बीकानेर से करणी माता मंदिर, मोठ, रोहिड़ा, तीरंदाजी और बीकानेरी नमकीन पंच गौरव के रूप में चिह्नित- मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा की अभिनव पहल ‘पंच गौरव’ कार्यक्रम*
बीकानेर, 6 फरवरी। मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा की अभिनव पहल के तहत प्रत्येक जिले ��ें ‘पंच गौरव’ कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसके तहत प्रत्येक जिले में उसकी विरासत एवं पार���स्थितिकी को ध्यान रखते हुए पंच गौरव के रूप में एक जिला-एक उत्पाद, एक जिला-एक उपज, एक जिला-एक वनस्पति प्रजाति, एक जिला-एक खेल और एक जिला-एक पर्यटन स्थल चिन्हित किया गया है। बीकानेर जिले में मोठ को एक उपज, रोहिड़ा को एक प्रजाति,…
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वित्त मंत्री के द्वार जारी भारत के बजट 2025 की मुख्य बातें और एक चर्चा/क... Contact Vijay Sharma for any help and support regarding Insurance and to get LIC Agency at 9555807902. Email - [email protected], https://www.lifeinsurancesupport.shop... / 61559080646231 https://www.instagram.com/lifeinsuran... बजट 2025 की मुख्य विशेषताएं/केन्द्रीय बजट की मुख्य बातें भारत सरकार ने 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय बजट 2025-26 प्रस्तुत किया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गई हैं। प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं: आयकर में राहत: नई कर व्यवस्था के तहत, 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई आयकर नहीं लगेगा, जिससे मध्यमवर्गीय परिवारों की आय और खपत में वृद्धि होगी। PIB.GOV.IN कृषि क्षेत्र: 'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' के माध्यम से 1.7 करोड़ किसानों को लाभान्वित किया जाएगा, जिसमें 100 निम्न उत्पादन वाले जिलों को शामिल किया गया है। अरहर, उड़द और मसूर दालों पर विशेष ध्यान देते हुए 'दालों में आत्मनिर्भरता मिशन' शुरू किया जाएगा। PIB.GOV.IN सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME): MSME को गारंटी के साथ दिए जाने वाले ऋण की सीमा 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये की गई है। 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने के लिए लघु, मध्यम और वृहद उद्योगों को शामिल कर 'राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन' का शुभारंभ किया गया है। PIB.GOV.IN वित्तीय प्रबंधन: वित्त वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटा 4.8% रहने का अनुमान है, जिसे वित्त वर्ष 2025-26 में 4.4% तक लाने का लक्ष्य रखा गया है। PIB.GOV.IN प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस बजट को 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करने वाला बताया और कहा कि यह बचत, निवेश, खपत और विकास को बढ़ावा देगा। PMINDIA.GOV.IN इस बजट के माध्यम से सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और विकास को प्राथमिकता दी है, जिससे देश की आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी। केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केन्द्रीय बजट 2025-26 पेश किया। बजट की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:- बजट अनुमान 2025-26 उधारियों के अलावा कुल प्राप्तियां और कुल व्यय क्रमश: 34.96 लाख करोड़ रुपये तथा 50.65 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। निवल कर प्राप्तियां `28.37 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। सकल बाजार उधारियां 14.82 लाख करोड़ रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2025-26 में कैपेक्स व्यय 11.21 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी का 3.1 प्रतिशत) रहने का अनुमान है। विकास के प्रथम इंजन के रूप में कृषि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना – विकासशील कृषि जिला कार्यक्रम राज्यों की भागीदारी से ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ का शुभारंभ करेगी। इस कार्यक्रम में मौजूदा योजनाओं और विशिष्ट उपायों के अभिसरणके माध्यम से कम उत्पादकता, कम उपज और औसत से कम ऋण मानदण्डों वाले 100 जिलों को शामिल किया जाएगा। इस कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों को मदद मिलने की संभावना है। ग्रामीण समृद्धि और लचीला निर्माण #licensedtocreate #licensedtocreate #licht #lick #licor #lickwars # #licorne #license #licenseplate #licensedcosmetologist #licores #lichter #licenciatura #licensedesthetician #licensetocreate #lickyourphone #lichfield #licca #lic #lifeinsurance #lick #derecho #licor #longislandcity #lickwars #liceo #licensed #lichen #licorne #abogado #license #licenseplate #licensedcosmetologist #licores #lichter #licenciatura #licensedesthetician #licensetocreate #lickyourphone #lic #mexicocity #pinoy #puebla #lawyer #licensedtocreate #mexicana #icons #insurance #astoria #licht #lifeincolor #abogados #lic # #lic #nyc #newyork #mexico #miami #haircut #newyorkcity #barbershop #manhattan #investment #barbershopconnect #queens #mexicocity #pinoy #puebla #lawyer #licensedtocreate #mexicana #icons #insurance #astoria #scouts #workshops #nyceducation #scoutingevents #structuredplay #mommyandme #love #newyorkcity #playdates #mommyandmeinnyc #licindia #licmiami #mediclaim #starhealth #india #robotics #creativeplay #savings #music #gantrygram #miami #life #licfestivalmiami #lifeincolormiami #miamiedm #licpolicy #nyschools #tampaedm #ucf #orlandoedm #lic #longislandcity #queens #nyc #astoria #lifeinsurance #insurance #newyork #licofindia #healthinsurance #nyckids #investment #education #stem #steam #lifeincolor #licfestival #insuranceagent #manhattan #astoriaqueens #brooklyn #lifeinsuranceagent #licqns #videogamedesign #extracurricular #icons #sbi #afterschoolprograms #kidsbirthdayparties #coding #licensedtocreate #behindthechair #modernsalon #balayage #hairstylist #hair #americansalon #cosmoprofbeauty #hairgoals #ittakesapro #olaplex #hairinspo #beautylaunchpad #haircolor #highlights #hairoftheday #blondehair #hairtransformation #hairbrained #cosmoprof #haircut #bestofbalayage #redken #blonde #instahair #mastersofbalayage #babylights #framar #salon #balayagehighlights #hairstyles #stylistssupportingstylists #redkenshadeseq #hairpainting #saloncentric #blondebalayage #hairdresser #healthyhair #licensedcosmetologist #hairtrends #stylist #beauty #hairartist #hairofinstagram #shadeseq #btcpics #colorcorrection #imallaboutdahair #joico #longhair #hairsalon #ombre #beforeandafter #pulpriot #haircolorist #colormelt #balayageombre #maneinterest #btc #explorepage
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धान के कम रेट मिलने से किसान नाराज, हाई पर जाकर बैठे
नायब तहसीलदार, मंडी सचिव और पुलिस ने जाकर मामला शांत कराया किसानों ने कहा, व्यापारी मनमाने रेट पर मंडी में धान की खरीद कर रहे थे इटारसी। कृषि उपज मंडी में धान के कम रेट मिलने के बाद आज सुबह किसानों ने विरोध किया और कुछ देर हाई पर आकर चक्काजाम कर दिया। सूचना मिलने के बाद मंडी प्रबंधन और अधिकारियों ने जाकर व्यापारियों और किसानों को समझाईश दी, तब ठीक दाम मिलने के बाद किसान संतुष्ट हुए और दोबारा…
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Mandi Bhav 4 February 2025: आज का नरमा चना गेहूं जौ मूंग फसलों का ताजा रेट
Mandi Bhav 4 February 2025: आज मंगलवार को राजस्थान और हरियाणा प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में गेहूं जौ चना बाजरा सरसों मूंग मोठ नरमा और कपास के लेटेस्ट दाम… श्री गंगानगर अनाज मंडी रेट 04-02-2025 ग्वार 4561-5179 रुपयेमूंग 5801-7220 रुपयेनरमा 6100-7275 रुपयेकपास 6900-7350 रुपयेसरसों 5401-5405 रुपयेगेहूँ 2880-2920 रुपयेअरंडी 5581 रुपये जैतसर मण्डी के भाव 04-02-2025 ग्वार 5088 से 5100 रुपयेनरमा 6800…
#Mandi Bhav Today#Mandi Rate#आदमपुर मंडी भाव#ऐलनाबाद मंडी भाव#घड़साना मंडी भाव#बीकानेर मंडी भाव#श्री गंगानगर मंडी भाव#सिरसा मंडी भाव
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राजम (Phaseolus vulgaris) एक लोकप्रिय फलियों की फसल है जो दुनिया भर में उगाई जाती है, जो उच्च प्रोटीन सामग्री और विभिन्न पाक व्यंजनों में उपयोगिता के लिए जानी जाती है। राजमा की खेती एक फायदेमंद प्रयास हो सकता है, क्योंकि यह न केवल पोषक तत्वों से भरपूर है बल्कि मिट्टी की सेहत को भी बढ़ावा देती है क्योंकि यह नाइट्रोजन को स्थिर करती है। सफल राजमा की खेती के लिए मिट्टी की तैयारी, बोआई तकनीक, कीट प्रबंधन और उचित सिंचाई जैसी मुख्य बातों पर ध्यान देना आवश्यक है। चाहे आप एक शुरुआती किसान हों या अनुभवी, राजमा की खेती के लिए उपयुक्त बढ़ती परिस्थितियों और सर्वोत्तम प्रथाओं को समझना स्वस्थ फसल और उच्च उपज प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। इस लेख में, हम राजमा की खेती के लिए आवश्यक कदमों और विचारों का पता लगाएंगे, मिट्टी के चयन से लेकर फसल कटाई तक।
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आज का अनाज मंडी भाव (18 जनवरी 2025): जानिए किस मंडी में क्या हैं भाव
Aaj Ka Anaj Mandi Bhav 18 January 2025 : 18 जनवरी 2025 को देशभर की प्रमुख कृषि उपज मंडियों में अनाजों के भाव में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं। दिल्ली अनाज मंडी में गेहूं के भाव में 15 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई है, जबकि सोयाबीन के भाव में भी 50 रुपये का इजाफा हुआ है। आइए जानते हैं आज के अनाज मंडी के ताजे भाव और खेती-बाड़ी से जुड़ी अहम जानकारी। दिल्ली मंडी के भाव (18 जनवरी 2025) गेहूं:…
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Lalu and Nitish: Two Pillars of Bihar’s Political History
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Introduction
Political Journey of Lalu-Nitish : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और वर्तमान सीएम नीतीश कुमार का राजनीति में काफी पुराना याराना रहा है. दोनों नेता एक समय एक-दूसरे को भाई मानते थे और आज भी जब मिलते हैं तो एक-दूसरे का काफी सम्मान करते हैं भले ही राजनीतिक मंचों से आरोप लगाते रहते हों. साल 1974 के जेपी आंदोलन की उपज लालू प्रसाद और नीतीश कुमार का सफर बिहार की राजनीति की कहानी को बयां करती हैं. RJD के प्रमुख लालू प्रसाद पहली बार साल 1977 में लोकसभा के सांसद चुने गए और नीतीश कुमार पहली बार पदार्पण 1985 में विधायक बनकर हुआ था. जहां एक तरफ लालू प्रसाद यादव केंद्र की राजनीति में काफी सक्रिय रहते तो वहीं नीतीश कुमार राज्य की राजनीति में जमीनी स्तर पर काम कर रहे थे. नीतीश ने 70 के दशक में बिहार राज्य छात्र महासंघ के सदस्य के रूप में अपना राजनीतिक करियर की शुरुआत की और उसके बाद जनता दल में शामिल हो गए.
नीतीश कुमार के लिए राजनीति में साल 1989 काफी अहम था, इस साल वह 9वीं लोकसभा के लिए सांसद चुनकर पार्लियामेंट पहुंचे और इसके बाद 1990 में कृषि एवं सहकारी विभाग का केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया गया यह उनके करियर का मील का पत्थर साबित हुआ. साल 1991 में 10वीं लोकसभा इलेक्शन में वह दूसरी बार लोकसभा के सांसद के रूप में चुन लिए गए. इसी वर्ष उन्हें जनता दल का महासचिव भी चुन लिया गया और संसद में जनता दल का उपनेता बनाया गया. लालू और नीतीश एक ऐसी शख्सियत हैं जिनके इर्द-गिर्द बिहारी पूरी राजनीति घूमती रही है. यह दोनों नेता बीते 3 दशक से बिहार में अपना झंडा गाढ़े हुए हैं.
Table of Content
बिहार की राजनीति में लालू का कद
संघर्ष भरा रहा लालू का जीवन
नीतीश का जीवन और राजनीतिक करियर
बिहार की राजनीति में लालू का कद
लालू यादव प्रसाद बिहार की राजनीति में एक अलग पहचान रखते हैं और उनके बिना राज्य में अधूरापन सा लगता है. उनका जन्म 11 जून, 1948 को बिहार के गोपालगंज में एक यादव परिवार के यहां पर हुआ था. वह राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख हैं और पहली बार 1990-97 तक बिहार के मुख्यमंत्री बने थे. अपने मजाकिया अंदाज में विरोधियों पर तंज कसने के लिए लालू पूरी दुनिया में जाने जाते हैं. छात्र आंदोलन से लेकर संसद की राजनीति तक उन्होंने कई बड़े उतार-चढ़ाव देखें जहां वह साल 1974 में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की नीतियों का विरोध करने के लिए सड़क पर उतरे और 1977 में आपातकाल हटने के बाद हुए लोकसभा चुनाव में पहली बार 29 वर्ष की उम्र में सांसदी का चुनाव जीतकर पार्लियामेंट की दहलीज पर कदम रखा. साल 1980 में लालू जनता पार्टी से अलग हो गए और वीपी सिंह की अगुवाई वाली जनता दल से जुड़ गए.
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यह भी पढ़ें- लालू का नीतीश को ‘पलटने’ का ऑफर, सुशासन बाबू ने मुस्कुराते हुए जोड़ा हाथ; फिर किया इशारा
संघर्ष भरा रहा लालू का जीवन
लालू यादव का जीवन बचपन में काफी संघर्ष भरा है और उन्होंने गरीबी में रहकर प्राथमिक स्कूल में पढ़ाई की. उसके बाद पटना यूनिवर्सिटी से राजनीति शास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन और एलएलबी की. साथ ही उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘गोपालगंज टू रायसीना’ में अपनी आर्थिक स्थिति का जिक्र किया है. वह इस किताब में बताते हैं कि बचपन में उन्हें खाने के लिए पेट भर भोजन तक नसीब तक नहीं होता था. पहनने के लिए कपड़े नहीं थे और वह गांव में भैंस को चारा खिलाने का काम करते थे. लेकिन उनकी जिंदगी की एक घटना ने पूरा जीवन बदलने का काम किया था.
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नीतीश का जीवन और राजनीतिक करियर
नीतीश कुमार का नाम लिए बिना बिहार की राजनीति काफी अधूरी सी लगती है वह राज्य में लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर आसीन होने वाले पहले शख्स हैं. साल 2000 में वह पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने और विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर पाने को लेकर उनकी सरकार 7 दिनों में ही गिर गई. इसके बाद साल 2005 में उन्होंने NDA के साथ मिलकर लालू की सरकार में जंगलराज को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ा और पहली बार वह पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में कामयाब हुए और इस बार नीतीश कुमार राज्य के दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने में कामयाब हुए.
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1994 में नीतीश ने पकड़ी अलग राह
लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार पहली बार जयप्रकाश नारायण (JP) के समाजवादी आंदोलन के दौरान एक साथ आए. इंदिरा गांधी के खिलाफ देश भर में विरोध-प्रदर्शन हो रहा था और एक ऐसी स्थिति पैदा हो गई कि जब लालू-नीतीश को एक साथ आना पड़ा था. लालू यादव शुरू से ही हिंदुत्व विचाराधारा के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे उस दौरान वह युवा नेता नीतीश कुमार जैसे समाजवादी नेता को अपने साथ रखना चाहते थे. जब इंदिरा के खिलाफ जेपी आंदोलन सफल हुआ तो इन दोनों नेता के लिए यह सफलता की बात थी. वहीं, 1990 में बिहार विधानसभा में जनता दल की पूर्ण बहुमत से सरकार बनी और मुख्यमंत्री की दौड़ में नीतीश कुमार ने लालू की पूरी मदद की जिसके बाद लालू प्रसाद पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने. हालांकि, 2 साल बाद ही नीतीश और लालू के बीच में मतभेद होना शुरू हो गए.
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Conclusion
लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार ने बिहार की राजनीति को गहरे रूप से प्रभावित किया है. दोनों ही नेता के पास पर्याप्त जनाधार है, बीते तीन दशक की बिहार की राजनीति पर निगाह डालें तो लालू और नीतीश में से एक के समर्थन के बिना कोई सरकार ही नहीं बना सका. एक तरफ जहां लालू की अपील पिछड़ों वर्गों के लिए वकालत में निहित है. वहीं, नीतीश कुमार की सरकार शासन और विकास पर जोर देने का काम करती है. उनका रिश्ता बीते तीन दशकों में गठबंधन और प्रतिद्वंद्विता का मिश्रण रहा है.
इस दौरान दोनों नेताओं ने बिहार और राष्ट्रीय स्तर पर बदलते राजनीतिक माहौल के अनुसार अपना स्टैंड लिया है. लेकिन लालू की अगुवाई वाली RJD ज्यादातर कांग्रेस के नेतृत्व वाले UPA (वर्तमान I.N.D.I.A.) का समर्थक रहा है जबकि नीतीश की पार्टी JDU ज्यादातर NDA का समर्थन करती रही है. यही एक वजह हो सकती है दोनों नेता राष्ट्रीय स्तर पर दो पार्टियों को लुभाने के लिए अलग-अलग धाराओं में बह रहे हैं. नीतीश कुमार साल 2015 में विधानसभा का चुनाव RJD के मिलकर लड़ा था लेकिन कुछ दिनों बाद ही वह UPA को छोड़कर NDA में शामिल हो गए. 90 के दशक से पहले एक मंच पर एक साथ दिखने वाले लालू-नीतीश वर्तमान में दो ध्रुव पर खड़े है और दोनों ही एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते रहे हैं.
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