#yogmaya in dwapar yug
Explore tagged Tumblr posts
Photo
द्वापर युग में श्रीकृष्ण के जन्म के समय यशोदा के गर्भ से देवी ने लिया था जन्म, दुर्गासप्तशती और श्रीमद् भगवद् पुराण में भी है ये कथा 16 घंटे पहले कंस के कारागर में वासुदेव देवी को बालरूप में लेकर पहुंचे थे, बाद में कंस के हाथ से निकलकर देवी ने विंद्याचल पर्वत को अपना निवास बनाया
#devi bhagwat puran#durga saptshati#krishna and yog maya#navratri 2020#navratri katha#yogmaya in dwapar yug
0 notes
Photo
द्वापर युग में श्रीकृष्ण के जन्म के समय यशोदा के गर्भ से देवी ने लिया था जन्म, दुर्गासप्तशती और श्रीमद् भगवद् पुराण में भी है ये कथा 4 घंटे पहले कंस के कारागर में वासुदेव देवी को बालरूप में लेकर पहुंचे थे, बाद में कंस के हाथ से निकलकर देवी ने विंद्याचल पर्वत को अपना निवास बनाया
#devi bhagwat puran#durga saptshati#krishna and yog maya#navratri 2020#navratri katha#yogmaya in dwapar yug
0 notes
Link
अभी देवी पूजा का महापर्व नवरात्रि चल रहा है। देवी ने समय-समय पर कई अवतार लिए हैं। द्वापर युग में भी श्रीकृष्ण के जन्म के समय देवी ने अवतार लिया था। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा ने बताया कि इस संबंध में देवी भागवत पुराण, श्रीमद् भगवद् पुराण और दुर्गासप्तशती में भी कथा बताई गई है।
देवी दुर्गा ने प्रजापति दक्ष के घर सती के रूप में और पर्वतराज हिमालय के यहां पार्वती के रूप लिया था। द्वापर युग में यशोदा के गर्भ से भी भगवान विष्णु की माया ने जन्म लिया था।
द्वापर युग में हुआ था श्रीकृष्ण का जन्म
द्वापर युग में ब्रह्माजी और सभी देवताओं ने भगवान विष्णु से अवतार लेने के लिए प्रार्थना की थी। क्योंकि उस समय धरती पर अधर्म बढ़ गया था। उस समय विष्णुजी ने सभी देवताओं को आश्वस्त किया था कि वे देवकी और वसुदेव के यहां अवतार लेंगे। उनकी माया यशोदा के घर जन्म लेंगी।
भगवान विष्णु ने अपनी योगमाया से कहा कि देवी आप मेरे जन्म के साथ ही आप भी माता यशोदा के यहां गोकुल में जन्म लेना। वासुदेव मुझे छोड़ने यशोदा के यहां आएंगे और आपको अपने साथ लेकर कंस के कारागार में पहुंचेंगे। कारागार में आप कंस के हाथों से निकलकर विंध्याचल पर्वत पर निवास करना। उसके बाद आप जगत में पूजनीय हो जाएंगी। आपको दुर्गा, अंबिका, योगमाया आदि कई नामों से पुकारा जाएगा। आपकी भक्ति से भक्तों के सभी प्रकार के दुखों का आप नाश होगा।
एक ही दिन देवी और श्रीकृष्ण का जन्म
भगवान विष्णु के कहे अनुसार श्रीकृष्ण और देवी का जन्म एक ही दिन हुआ। जन्म के बाद वासुदेव श्रीकृष्ण को यशोदा के यहां छोड़ गए थे और देवी के बालस्वरूप को अपने साथ कारागार में ले आए थे। वहां जब कंस देवकी की आठवीं संतान को मारने पहुंचा तो बालस्वरूप में देवी कंस के हाथ से निकलकर चली गईं। उन्होंने विंध्याचल पर्वत पर निवास किया।
ये कथा श्री दुर्गा सप्तशती में एकादश अध्याय में बताई गई है। जब देवताओं द्वारा माता की स्तुति की गई तब उन्होंने उनको यही कहा था कि द्वापर युग में यशोदा के यहां अवतार ग्रहण करूंगी और विंध्याचल पर्वत पर निवास करुंगी। मेरी पूजा करने वाले भक्तों की समस्त कामना को पूर्ण होंगी।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
navratri 2020, yogmaya in dwapar yug, krishna and yog maya, navratri katha, devi bhagwat puran, durga saptshati
0 notes