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कोरोना के इलाज से हटाई गई प्लाज्मा थेरेपी, नई गाइडलाइन हुई जारी
चैतन्य भारत न्यूज कोरोना संकट के बीच प्लाजमा थेरेपी को लेकर आईसीएमआर और एम्स ने बड़ा फैसला लिया है। कोरोना मरीजों को दी जा रही प्लाज्मा थेरेपी को क्लिनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल से हटा दिया गया है। अब आईसीएमआर और एम्स ने कोविड मरीजों के इलाज के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। AIIMS/ICMR-COVID-19 National Task Force/Joint Monitoring Group, Ministry of Health & Family Welfare, Government of India revised Clinical Guidance for Management of Adult #COVID19 Patients and dropped Convalescent plasma (Off label). pic.twitter.com/Dg1PG5bxGb — ANI (@ANI) May 17, 2021 ये है नई गाइडलाइन आईसीएमआर ने प्लाज्मा थेरेपी को हटाने के फैसले की जानकारी देते हुए कहा, 'कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी के उपयोग को प्रबंधन दिशा-निर्देश से हटा दिया गया है।' आईसीएमआर की नई गाइडलाइंस में कोविड मरीजों के इलाज को तीन भागों में बांटा गया है। इसमें हल्के लक्षण वाले मरीज, मध्यम लक्षण वाले और गंभीर लक्षण वाले मरीज शामिल हैं। हल्के लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने का निर्देश दिया गया है, जबकि मध्यम और गंभीर ��ंक्रमण वाले मरीजों को क्रमश: कोविड वॉर्ड में भर्ती और आईसीयू में भर्ती करने के लिए कहा गया है। मीटिंग में तय हुआ कुछ दिन पहले ही कोविड-19 संबंधी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), नेशनल टास्क फोर्स की मीटिंग हुई थी। बैठक में सभी सदस्य इस पक्ष में थे कि प्लाजमा थेरेपी को कोरोना इलाज पद्धति से हटाया जाना चाहिए, इससे कोई फायदा नहीं होता है। प्लाज्मा थेरेपी क्या है? प्लाज्मा थेरेपी को कायलसेंट प्लाज्मा थेरेपी भी कहा जाता है। इसमें कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्ति के शरीर से खून लिया जाता है। खून का पीला तरल हिस्सा निकाला जाता है। इसे इन्फेक्टेड मरीज के शरीर में चढ़ाया जाता है। जानकारी के मुताबिक, जिस व्यक्ति ने इन्फेक्शन से मुकाबला किया है उसके शरीर में एंटीबॉडी बने होंगे। यह एंटीबॉडी खून के साथ जाकर इन्फेक्टेड व्यक्ति के इम्यून सिस्टम को मजबूती देंगे। इससे इन्फेक्टेड व्यक्ति के गंभीर लक्षण कमजोर होते हैं और मरीज की जान बच जाती है। Read the full article
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plasma therapy: Convalescent plasma therapy is based on the concept of passive immunity, where antibodies of some disease developed in a person are used for treating others. Plasma is the pale yellowish liquid part of the blood that holds the blood cells in whole blood in suspension. #covid #plasma #whatisplasmatherapy #plasmatherapy www.witknowlearn.com https://www.instagram.com/p/CBVwh4hDmGz/?igshid=pb8icwvd94d2
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कोरोना के इलाज से हटाई गई प्लाज्मा थेरेपी, नई गाइडलाइन हुई जारी
चैतन्य भारत न्यूज कोरोना संकट के बीच प्लाजमा थेरेपी को लेकर आईसीएमआर और एम्स ने बड़ा फैसला लिया है। कोरोना मरीजों को दी जा रही प्लाज्मा थेरेपी को क्लिनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल से हटा दिया गया है। अब आईसीएमआर और एम्स ने कोविड मरीजों के इलाज के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। AIIMS/ICMR-COVID-19 National Task Force/Joint Monitoring Group, Ministry of Health & Family Welfare, Government of India revised Clinical Guidance for Management of Adult #COVID19 Patients and dropped Convalescent plasma (Off label). pic.twitter.com/Dg1PG5bxGb — ANI (@ANI) May 17, 2021 ये है नई गाइडलाइन आईसीएमआर ने प्लाज्मा थेरेपी को हटाने के फैसले की जानकारी देते हुए कहा, 'कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी के उपयोग को प्रबंधन दिशा-निर्देश से हटा दिया गया है।' आईसीएमआर की नई गाइडलाइंस में कोविड मरीजों के इलाज को तीन भागों में बांटा गया है। इसमें हल्के लक्षण वाले मरीज, मध्यम लक्षण वाले और गंभीर लक्षण वाले मरीज शामिल हैं। हल्के लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने का निर्देश दिया गया है, जबकि मध्यम और गंभीर संक्रमण वाले मरीजों को क्रमश: कोविड वॉर्ड में भर्ती और आईसीयू में भर्ती करने के लिए कहा गया है। मीटिंग में तय हुआ कुछ दिन पहले ही कोविड-19 संबंधी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), नेशनल टास्क फोर्स की मीटिंग हुई थी। बैठक में सभी सदस्य इस पक्ष में थे कि प्लाजमा थेरेपी को कोरोना इलाज पद्धति से हटाया जाना चाहिए, इससे कोई फायदा नहीं होता है। प्लाज्मा थेरेपी क्या है? प्लाज्मा थेरेपी को कायलसेंट प्लाज्मा थेरेपी भी कहा जाता है। इसमें कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्ति के शरीर से खून लिया जाता है। खून का पीला तरल हिस्सा निकाला जाता है। इसे इन्फेक्टेड मरीज के शरीर में चढ़ाया जाता है। जानकारी के मुताबिक, जिस व्यक्ति ने इन्फेक्शन से मुकाबला किया है उसके शरीर में एंटीबॉडी बने होंगे। यह एंटीबॉडी खून के साथ जाकर इन्फेक्टेड व्यक्ति के इम्यून सिस्टम को मजबूती देंगे। इससे इन्फेक्टेड व्यक्ति के गंभीर लक्षण कमजोर होते हैं और मरीज की जान बच जाती है। Read the full article
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'प्लाज्मा थेरेपी' कोरोना का पहला मरीज हुआ ठीक, 4 दिन में ही हटाया गया वेंटिलेटर, हालत में तेजी से सुधार!
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. पूरा विश्व इन दिनों कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी से जूझ रहा है। इसका इलाज न मिल पाने के कारण लाखों की संख्या में लोगों की मौत हो रही है। इसी बीच दिल्ली से एक अच्छी खबर आई है। दिल्ली के एक निजी अस्पताल में एक कोरोना संक्रमित मरीज के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी शुरू किया गया था। इससे मरीज की सेहत में सुधार दिख रहा है। इतना ही नहीं बल्कि मरीज को वेंटीलेटर से भी हटाकर नार्मल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। परिवार ने किया प्लाज्मा थेरेपी का अनुरोध जानकारी के मुताबिक, 49 साल के व्यक्ति को 4 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद दिल्ली के साकेत में मौजूद मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अगले कुछ दिनों में उसकी हालत बिगड़ गई और फिर 8 अप्रैल को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रख दिया गया। जब मरीज में सुधार का कोई संकेत नहीं दिखा तो उनके परिवार ने प्लाज्मा थेरेपी का अनुरोध किया। जिसके बाद अस्पताल ने लाइव सेविंग प्रोटोकॉल के तहत और ऑफ लेवल इंडिकेशन के तहत मरीज को प्लाज्मा थेरेपी देने का फैसला किया। थेरेपी के चौथे दिन हटा वेंटिलेटर प्लाज्मा थेरेपी द्वारा उपचार प्राप्त करने के बाद मरीज की सेहत में सुधार दिखा और चौथे दिन यानी 18 अप्रैल की सुबह उसका वेंटीलेटर सपोर्ट को हटा दिया गया। मरीज अब बेहतर हो रहा है और उसके लगातार दो कोरना टेस्ट निगेटिव आ चुके हैं। मरीज को उसके माता-पिता के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके 80 वर्षीय पिता को भी प्लाज्मा थेरेपी दी गई थी लेकिन 15 अप्रैल को उनकी मौत हो गई। क्या है प्लाज्मा थेरेपी? प्लाज्मा थेरेपी में किसी बीमारी के संक्रमण से उबर चुके मरीज के खून से प्राप्त होने वाले प्लाज्मा से इलाज किया जाता है। बता दें रक्त चार चीजों से बना होता है- रेड ब्लड सेल, वाइट ब्लड सेल, प्लेट्लेट्स और प्लाज्मा। प्लाज्मा खून का तरल हिस्सा होता है। कोरोना वायरस से लड़ाई हमारा शरीर में मौजूद एंटीबॉडी लड़ती है। यह एंटीबॉडी प्लाज्मा की मदद से ही बनती हैं। मरीज के ठीक होने के बाद भी एंटीबॉडी प्लाज्मा के साथ शरीर में रहती हैं, जिन्हें डोनेट किया जा सकता है। ये भी पढ़े... कोविड-19 के मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी के क्लीनिकल ट्रायल को मिली मंजूरी तमिल न्यूज चैनल के पत्रकार समेत 25 कर्मचारी क��रोना पॉजिटिव, रोकना पड़ा लाइव शो रतन टाटा ने कोरोना वायरस फैलने के लिए बिल्डरों को ठहराया जिम्मेदार, कहा- झुग्गियों में कोरोना संकट, शर्म आनी चाहिए Read the full article
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को��िड-19 के मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी के क्लीनिकल ट्रायल को मिली मंजूरी
चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. केंद्रीय दवा नियामक ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जिसमें कोविड-19 के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी के क्लीनिकल ट्रायल की इजाजत मांगी थी। इसके लिए अब आइसीएमआर द्वारा तय प्रोटोकॉल के तहत ट्रायल किया जाएगा। भारत के औषधि महानियंत्रक ने कहा कि आईसीएमआर ने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन को उन संस्थानों की सूची सौंपी थी जिन्होंने इस परीक्षण में रुचि दिखाई थी। जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय औषधि नियामक ने एक नोटिस जारी कर कहा कि, प्लाज्मा के परीक्षण को लेकर आईसीएमआर के प्रस्ताव पर 13 अप्रैल को विशेषज्ञों की समिति ने चर्चा की। समिति ने कोविड की मौजूदा स्थिति को देखते हुए त्वरित मंजूरी प्रक्रिया को अपनाया गया। नोटिस में यह भी कहा गया कि, औषधि और नियामक परीक्षण नियम, 2019 के नियमों और मानकों के तहत कुछ मानकों और संशोधनों के साथ सीडीएससीओ ने क्लीनिकल ट्रायल को सहमति दे दी है। बता दें आइसीएमआर ने कोविड-19 के सामान्य मरीजों में प्लाज्मा थेरेपी के कंट्रोल्ड ट्रायल के लिए प्रोटोकॉल विकसित किया है, जिसकी कमेटी ने समीक्षा की है। प्लाज्मा थेरेपी में कोविड-19 से ठीक हो चुके मरीजों के खून से एंटीबॉडीज लेकर उनका इस्तेमाल गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों के इलाज में किया जाता है। इस अध्ययन का उद्देश्य कोविड मरीजों को ठीक करने में प्लाज्मा के प्रभाव का आकलन करना है। अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने हाल ही में कोविड-19 संक्रमण से जूझ रहे लोगों के इलाज के लिए इस बीमारी से ठीक हो चुके लोगों के प्लाज्मा से इलाज को मंजूरी दी। प्लाज्मा थेरेपी से लाभ के संकेत कोरोना वायरस से संक्रमित पांच मरीजों में प्लाज्मा चढ़ाया गया। इसके बाद उनकी सेहत में सुधार होते दिखा। इनमें से एक भी मरीज की मौत नहीं हुई। अध्ययन में पता चला कि, इनमें से तीन मरीज को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है ��र दो मरीज की हालत स्थिर है। आईसीएमआर ने बताया कि, ऐसे ही एक अन्य मामले में एक गर्भवती महिला समेत चार मरीजों पर इस परीक्षण को देखा गया और पाया गया कि बाद में इन सभी को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। गंभीर रूप से बीमार 10 लोगों में 200 मिलीलीटर प्लाज्मा चढ़ाया गया तो तीन दिनों में ही उनकी हालत में त्वरित सुधार दिखा। Read the full article
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