Tumgik
#whatisnationalsecurityact
chaitanyabharatnews · 3 years
Text
UP : 2 दरिंदों ने किया 7 साल की बच्ची का रेप, हत्या कर शरीर के अंग निकाले और दंपत्ति को खिला दिए, NSA के तहत कार्रवाई
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर में सात साल की मासूम से रेप के बाद नृशंस हत्या कर देने के आरोपियों पर एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई की गयी है। इस घटना के सामने आने के बाद सभी के दिल दहल गए थे। कानपुर के घाटमपुर इलाके से 14 नवंबर 2020 को भदरस गांव से अंकुल उर्फ हूला और बीरन ने मासूम का अपहरण कर लिया था। फिर 18 नवंबर को दिवाली की रात सात साल की मासूम बच्ची की हत्या कर दी गई थी। बच्ची का शव गांव के बाहर बने काली मां के मंदिर के पास मिला था। उसके शरीर को बुरी तरह काटकर फेफड़ा, जिगर और दिल निकाल लिया गया था। शव को कुत्तों द्वारा नोचे जाने के निशान भी मिले थे। दरअसल, दिवाली का दिन था इसलिए पुलिस को इस बच्ची के शव के हालात को देखते हुए शक हुआ था कि हो सकता है कि किसी ने बच्ची की हत्या के लिए तंत्र-मंत्र का सहारा लिया हो, क्योकि बच्ची के हाथ पैर में लाल रंग भी लगा मिला था। दो दिन बाद पुलिस ने जब इस मामले का पर्दाफाश किया तो खौफनाक घटनाक्रम सुनकर सभी के पांव तले जमीन खिसक गई थी। पूछताछ में आरोपियों ने बताया था कि दुष्कर्म पीड़िता के घर के बगल में रहने वाले परशुराम और उसकी पत्नी सुनैना ने उन्हें इस काम के लिए 10 हजार रूपए और दारू दिए थे। हत्या के बाद मासूम के अंगों को दंपती के हवाले कर दिया गया था। इस मामले में घाटमपुर पुलिस ने एनएसए की रिपोर्ट तैयार की। पुलिस ने इस घटना को बिरलतम मानते हुए कार्रवाई की है। इस मामले में परशुराम ने कहा कि मेरी औलाद पैदा नहीं हो रही थी। डॉक्टरों के इलाज से कोई फायदा नहीं हुआ तो मैंने रेलवे स्टेशन पर बिकने वाली तंत्र-मंत्र वाली किताबों को पढ़ना शुरू किया। ऐसी ही एक किताब में मैंने पढ़ा था कि अगर किसी बच्ची के शरीर के अंग को दिवाली की रात महिला को खिलाया जाए तो बच्चा हो जाता है। इसके बाद पुलिस ने परशुराम और उसकी पत्नी सुनैना को भी गिरफ्तार कर लिया था। ये मामला इतना चर्चित हुआ था कि खुद राज्य के सीएम योगी ने संज्ञान लिया था। उन्होंने बच्ची के घरवालों को पांच लाख की आर्थिक सहायता भी दी थी। क्या है राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980, देश की सुरक्षा के लिए सरकार को अधिक शक्ति देने से संबंधित एक कानून है। यह कानून केंद्र और राज्य सरकार को किसी भी संदिग्ध नागरिक को हिरासत में लेने की शक्ति देता है। Read the full article
0 notes