#vrishabhasankranti
Explore tagged Tumblr posts
mypanditastrologer · 8 months ago
Text
Tumblr media
1 note · View note
chaitanyabharatnews · 5 years ago
Text
आज है वृष संक्रांति, इस विधि से करें सूर्यदेव की पूजा, हर रोग हो जाएंगे दूर
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म के मुताबिक, साल में 12 संक्रांति आती हैं और हर राशि में सूर्यदेव एक माह तक रहते हैं। सूर्यदेव के इसी भ्रमण की स्थिति को संक्रांति कहा जाता है। सूर्यदेव जब मेष राशि से निकलकर वृष राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे वृष संक्रांति कहा जाता है। इस ��ार वृष संक्रांति 14 मई को पड़ रही है। मान्यता है कि इस दिन सूर्यदेव की पूजा से हर रोग दूर हो जाते हैं। आइए जानते हैं वृश्चिक संक्रांति का महत्व और पूजन-विधि। वृष संक्रांति का महत्व इस दिन को पवित्र दिनों में से एक माना जाता है। वृष संक्रांति का दिन धार्मिक कार्यों के लिए बहुत शुभ माना जाता है। वृष संक्रांति पर व्रत पूजन करने से धन से जुड़ी समस्याओं का निदान होता है। इस दिन श्राद्ध और पितृ तर्पण का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान सूर्य की उपासना की जाती है। साथ ही सूर्योदय के समय उन्हें अर्घ्य दिया जाता है। सिर्फ यही नहीं सुबह उठकर विष्णु भगवान की पूजा करना शुभ होता है। वृष संक्रांति पूजन-विधि इस दिन सूर्योदय से पहले उठ स्नान कर सूर्यदेव की पूजा करनी चाहिए। पानी में लाल चंदन मिलाकर तांबे के लोटे से सूर्य को जल चढ़ाएं। साथ ही रोली, हल्दी व सिंदूर मिश्रित जल से सूर्यदेव को अर्घ्य दें। इसके बाद सूर्य देव को लाल फूल चढ़ाएं। सूर्यदेव को गुड़ से बने हलवे का भोग लगाएं। इसके बाद लाल चंदन की माला से 'ॐ भास्कराय नमः' मंत्र का जाप करें। पूजन के बाद नैवेद्य लगाएं और उसे प्रसाद के रूप में बांट दें। Read the full article
0 notes
vilaspatelvlogs · 5 years ago
Text
14 मई को वृष संक्रांति, इस पर्व पर अन्न और जल के दान से दूर होती है बीमारियां
14 मई को वृष संक्रांति, इस पर्व पर अन्न और जल के दान से दूर होती है बीमारियां
[ad_1]
सालभर में 12 संक्रांति होती हैं, वृष राशि में सूर्य के आने पर मनाई जाती है वृष संक्रांति
दैनिक भास्कर
May 11, 2020, 06:18 PM IST
14 मई को सूर्य राशि बदलकर वृष में आ जाएगा। इस दिन वृष संक्रांति मनाई जाती है। संक्रांति पर्व पर स्नान, दान, व्रत और पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है। इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ स्नान कर के सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। लेकिन कोरोना के चलते नदियों में…
View On WordPress
0 notes
vilaspatelvlogs · 5 years ago
Text
स्नान, दान और सूर्य पूजा की परंपरा है इस दिन, इससे खत्म हो जाते हैं पाप
स्नान, दान और सूर्य पूजा की परंपरा है इस दिन, इससे खत्म हो जाते हैं पाप
[ad_1]
दैनिक भास्कर
May 13, 2020, 08:35 PM IST
14 मई, गुरुवार को सूर्य अपनी उच्च राशि मेष से निकलकर वृष में आ जाएगा। तब वृष संक्राति पर्व मनाया जाएगा। इस पर्व पर स्नान, दान, व्रत और पूजा-पाठ करने का महत्व है। सूर्य के संक्रमण काल यानी संक्राति के समय पूजा और दान करने से कई गुना पुण्य मिलता है। वृषभ संक्रांति का पर्व हिंदू कैलेंडर के तीसरे महीने यानी ज्येष्ठ की शुरुआत का संकेत है। ज्येष्ठ महीना…
View On WordPress
0 notes