#teri jai ho ganesh _ ganesh bhajan in hindi
Explore tagged Tumblr posts
Video
youtube
Ganesh aarti song |Ganesh Bhajan Songs | Ganeshji Ki Aarti | Lord Ganesh...
0 notes
Text
वक्रतुण्ड महाकाय VAKRATUNDA MAHAKAYA LYRICS
https://bit.ly/37oNH8O
Vakratunda Mahakaya Lyrics, sung by Shankar Mahadevan, music created by Sai Madhukar. Mantra Shri Ganesh: Vakratunda Mahakaya Lyrics Singer: Shankar Mahadevan Music: Sai Madhukar Lyrics:Traditional Music Label: Strumm Entertainment Pvt. Ltd.
Vakratunda Mahakaya Lyrics in Hindi
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ | निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा || वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ | निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा || वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ | निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा || वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ | निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा || वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ | निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा || वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ | निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा || वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ | निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा || वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ | निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा || वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ | निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा || वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ | निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा || वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ | निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ||
Vakratunda Mahakaya Lyrics in English
Vakra - Tunndda Maha - Kaaya Surya - Kotti Samaprabha Nirvighnam Kuru Me Deva Sarva - Kaaryesu Sarvada Vakra - Tunndda Maha - Kaaya Surya - Kotti Samaprabha Nirvighnam Kuru Me Deva Sarva - Kaaryesu Sarvada Vakra - Tunndda Maha - Kaaya Surya - Kotti Samaprabha Nirvighnam Kuru Me Deva Sarva - Kaaryesu Sarvada Vakra - Tunndda Maha - Kaaya Surya - Kotti Samaprabha Nirvighnam Kuru Me Deva Sarva - Kaaryesu Sarvada Vakra - Tunndda Maha - Kaaya Surya - Kotti Samaprabha Nirvighnam Kuru Me Deva Sarva - Kaaryesu Sarvada Vakra - Tunndda Maha - Kaaya Surya - Kotti Samaprabha Nirvighnam Kuru Me Deva Sarva - Kaaryesu Sarvada Vakra - Tunndda Maha - Kaaya Surya - Kotti Samaprabha Nirvighnam Kuru Me Deva Sarva - Kaaryesu Sarvada Vakra - Tunndda Maha - Kaaya Surya - Kotti Samaprabha Nirvighnam Kuru Me Deva Sarva - Kaaryesu Sarvada Vakra - Tunndda Maha - Kaaya Surya - Kotti Samaprabha Nirvighnam Kuru Me Deva Sarva - Kaaryesu Sarvada Vakra - Tunndda Maha - Kaaya Surya - Kotti Samaprabha Nirvighnam Kuru Me Deva Sarva - Kaaryesu Sarvada Vakra - Tunndda Maha - Kaaya Surya - Kotti Samaprabha Nirvighnam Kuru Me Deva Sarva - Kaaryesu Sarvada
Vakratunda Mahakaya PNG
Vakratunda Mahakaya Meaning in Hindi
वक्रतुण्ड - घुमे हुए सूंड महाकाय - महा काया, विशाल शरीर सूर्यकोटि - सूर्य के समान समप्रभ - महान प्रतिभाशाली निर्विघ्नं - बिना विघ्न कुरु - पुरे करें मे - मेरे देव - प्रभु सर्वकार्येषु - सारे कार्य सर्वदा - हमेशा, सदैव घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीर काया, करोड़ सूर्य के समान महान प्रतिभाशाली. मेरे प्रभु हमेशा मेरे सारे कार्य बिना विघ्न के पुरे करें.
More Ganesh Bhajan गणेश चालीसा Shree Ganesh Chalisa गणपति अथर्वशीर्ष Ganpati Atharvashirsha गणेश आरती Ganesh Aarti तेरी जय हो गणेश Teri Jai Ho Ganesh सुख हरता दुःख हरता Sukh Karta Dukh Harta गणेशा Ganesha
youtube
https://bit.ly/37oNH8O from Blogger https://bit.ly/2AXGGjg
0 notes
Text
घर में पधारो गजानन जी GHAR MEIN PADHARO GAJANANJI LYRICS
https://bit.ly/2AyHGtN
Ghar Mein Padharo Gajananji Lyrics in Hindi, sung by Sapna Awasthi, lyrics are written by Pt. Kiran Mishra and music created by Triveni - Bhavani. Ganpati Bhajan: Ghar Mein Padharo Gajananji Singer: Sapna Awasthi Lyrics: Pt. Kiran Mishra Music: Triveni - Bhavani Music Label: Venus
Ghar Mein Padharo Gajananji Lyrics in Hindi
घर में पधारो गजानन जी मेरे घर में पधारो (घर में पधारो गजानन जी मेरे घर में पधारो) ऋद्धि सिद्धि लेके आओ गणराजा मेरे घर में पधारो ऋद्धि सिद्धि लेके आओ गणराजा मेरे घर में पधारो घर में पधारो गजानन जी मेरे घर में पधारो राम जी आना लक्ष्मण जी आना राम जी आना लक्ष्मण जी आना संग में लाना सीता मैया मेरे घर में पधारो घर में पधारो गजानन जी मेरे घर में पधारो (घर में पधारो गजानन जी मेरे घर में पधारो) ब्रम्हा जी आना विष्णु जी आना ब्रम्हा जी आना विष्णु जी आना भोले शंकर जी को ले आना मेरे घर में पधारो घर में पधारो गजानन जी मेरे घर में पधारो (घर में पधारो गजानन जी मेरे घर में पधारो) लक्ष्मी जी आना गौरी जी आना लक्ष्मी जी आना गौरी जी आना सरस्वती मैया को ले आना मेरे घर में पधारो घर में पधारो गजानन जी मेरे घर में पधारो (घर में पधारो गजानन जी मेरे घर में पधारो) विघ्न को हरना मंगल करना विघ्न को हरना मंगल करना कारज शुभ कर जाना मेरे घर में पधारो घर में पधारो गजानन जी मेरे घर में पधारो (घर में पधारो गजानन जी मेरे घर में पधारो) ऋद्धि सिद्धि लेके आओ गणराजा मेरे घर में पधारो (ऋद्धि सिद्धि लेके आओ गणराजा मेरे घर में पधारो घर में पधारो गजानन जी मेरे घर में पधारो)
More Ganesh Bhajan गणेश चालीसा Shree Ganesh Chalisa गणपति अथर्वशीर्ष Ganpati Atharvashirsha गणेश आरती Ganesh Aarti तेरी जय हो गणेश Teri Jai Ho Ganesh सुख हरता दुःख हरता Sukh Karta Dukh Harta गणेशा Ganesha
youtube
https://bit.ly/2AyHGtN from Blogger https://bit.ly/36ZCiMh
0 notes
Text
गणेश चालीसा GANESH CHALISA LYRICS IN HINDI AND ENGLISH
https://ift.tt/2xnAUGc Ganesh Chalisa Lyrics in Hindi and English from album Shree Ganesh Chalisa, sung by Tripti Shakya, lyrics written by Traditional and music created Lalit Sen, Chander.
Ganesh Bhajan: Shree Ganesh Chalisa Album: Shree Ganesh Chalisa Singer: Tripti Shakya Lyrics: Traditional Music: Lalit Sen, Chander Music Label: T-Series
Ganesh Chalisa Lyrics in Hindi
|| दोहा || जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल | विध्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल || || चौपाई || जय जय जय गणपति गणराजू | मंगल भरण करण शुभ काजू || जय गजबदन सदन सुखदाता | विश्व विनायक बुद्धि विधाता || वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना | तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन || राजत मणि मुक्तन उर माला | स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला || पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं | मोदक भोज सुगन्धित फूलं || सुन्दर पीताम्बर तन साजित | चरण पादुका मुनि मन राजित || धनि शिव सुवन षडानन भ्राता | गौरी लालन विश्व-विख्याता || ऋद्धि-सिद्धि तव चंवर सुधारे | मुषक वाहन सोहत द्वारे || कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी | अति शुची पावन मंगलकारी || एक समय गिरिराज कुमारी | पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी || भयो यज्ञ जब पूर्ण अनुपा | तब पहुंच्यो तुम धरी दविज रूपा || अतिथि जानी के गौरी सुखारी | बहुविधि सेवा करी तुम्हारी || अति प्रसन्न हवै तुम वर दीन्हा | मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा || मिलहि पुत्र तुहि, बुद्धि विशाला | बिना गर्भ धारण यहि काला || गणनायक गुण ज्ञान निधाना | पूजित प्रथम रूप भगवाना || अस कही अन्तर्धान रूप हवै | पालना पर बालक स्वरूप हवै || बनि शिशु रुदन जबहिं तुम ठाना | लखि मुख सुख नहिं गौरी समाना || सकल मगन, सुखमंगल गावहीं | नाभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं || शम्भु, उमा, बहुदान लुटावहिं | सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं || लखि अति आनन्द मंगल साजा | देखन ��ी आये शनि राजा || निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं | बालक, देखन चाहत नाहीं || गिरिजा कुछ मन भेद बढ़ायो | उत्सव मोर, न शनि तुही भायो || कहत लगे शनि, मन सकुचाई | का करिहौ शिशु मोहि दिखाई || नहिं विश्वास उमा कर भयऊ | शनि सों बालक देखन कहयऊ || पदतहिं शनि दृग कोण प्रकाशा | बालक शिर उड़ि गयो अकाशा || गिरिजा गिरी विकल हवै धरणी | सो दुःख दशा गयो नहीं वरणी || हाहाकार मच्यौ कैलाशा | शनि कीन्हों लखि सुत को नाशा || तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधायो | काटी चक्र सो गज सिर लाये || बालक के धड़ ऊपर धारयो | प्राण मन्त्र पढ़ि शंकर डारयो || नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे | प्रथम पूज्य बुद्धि निधि, वर दीन्हे || बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा | पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा || चले षडानन, भरमि भुलाई | रचे बैठ तुम बुद्धि उपाई || चरण मातु-पितु के धर लीन्हें | तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें || धनि गणेश कही शिव हिये हरषे | नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे || तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई | शेष सहसमुख सके न गाई || मैं मतिहीन मलीन दुखारी | करहूं कौन विधि विनय तुम्हारी || भजत रामसुन्दर प्रभूदासा | जग प्रयाग, ककरा, दुर्वासा || अब प्रभु दया दीना पर कीजै | अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै || || दोहा || श्री गणेश यह चालीसा, पाठ करै कर ध्यान | नित नव मंगल गृह बसै, लहे जगत सन्मान || सम्बन्ध अपने सहस्त्र दश, ऋषि पंचमी दिनेश | पूरण चालीसा भयो, मंगल मूर्ति गणेश ||
Ganesh Chalisa Lyrics in English (Font)
|| Doha || Jaya Ganapati Sadhguna Sadana | Kavi Vara Badana Kripaala | Vighna Harana Mangala Karana | Jaya Jaya Girijaa Laala || || Chaupai || Jaya Jaya Ganapati Gan Raaju | Mangala Bharana Karana Shubha Kaaju || Jaya Gajabadana Sadana Sukhadaataa | Vishva Vinaayaka Buddhi Vidhaata || Vakra Tunda Shuchi Shunda Suhaavana | Tilaka Tripunda Bhaala mana bhaavana || Raajata Mani Muktana ura maala | Svarna Mukuta Shira nayana Vishaala || Pustaka Paani Kuthaara Trishuulam | Modaka Bhoga Sugandhita Phoolam || Sundara Piitaambara tana Saajita | Charana Paaduka muni mana Raajita || Dhani Shiva Suvana Shadaanana Bhraata | Gaurii Lalana Vishva-Vidhaata || Riddhi Siddhi tava Chanvara Sudhaare | Mushaka Vaahana Sohata Dvaare || Kahaun Janma Shubha kathaa tumhaari | Ati Shuchi Paavana Mangala kaari || Eka Samaya Giriraaj kumaari | Putra Hetu Tapa kinha bhaari || Bhayo Yagya jaba Puurna Anuupa | Taba Pahunchyo tuma dhari dvija ruupa || Atithi Jaani kai Gauri Sukhaari | Bahuvidhi Sevaa kari tumhaari || Ati Prasanna hvai tuma vara diinha Maatu Putra hita jo tapa kiinha || Milahi Putra tuhi Buddhi Vishaala | Binaa Garbha Dhaarana yahi Kaala || Gananaayaka, Guna Gyaana Nidhaana | Puujita Prathama Ruupa Bhagavana || Asa kahi Antardhyaana Ruupa hvai | Palana Para Baalaka Svaruupa hvai || Bani Shishu Rudana Jabahi tuma thaana | Lakhi Mukha Sukha nahin Gauri Samaan || Sakala Magana, Sukha Mangala Gaavahin | Nabha te Surana Sumana Varshaavahin || Shambhu uma, bahu dana Lutavahin | Sura Munijana, Suta Dekhana Aavahin || Lakhi ati Aananda Mangala Saaja | Dekhana bhi aaye Shani Raaja || Nija Avaguna Guni Shani mana maahin | Baalaka, Dekhan Chaahata naahin || Giraja kachhu mana Bheda Badhaayo | Utsava mora na Shani tuhi Bhaayo || Kahana lage Shani, mana Sakuchaai | Kaa Karihau, Shishu Mohi Dikhaai || Nahin Vishvaasa, uma ur bhayau, Shani so baalaka dekhana kahyau || Padatahin, Shani driga kona prakaasha | Baalaka Shira udi gayo Aakaasha || Giraja Giriin Vikala hvai Dharani | So Dukha Dasha gayo nahin Varani || Haahaakaara Machyo Kailaasha | Shani Kiinhyon lakhi Suta ka naasha || Turata Garuda Chadhi Vishnu Sidhaaye | Kaati Chakra so gaja Shira laaye || Baalaka ke Dhada Upara Dhaarayo | Praana, Mantra Padha Shankara Darayo || Naama ‘Ganesha’ Shambhu taba kiinhe | Prathama Puujya buddhi Nidhi, Vara Diinhe || Buddhi Pariiksha jaba Shiva kiinha | Prithvii kar Pradakshina linha || Chale Shadaanana, Bharami BhulaIi | Rachi baitha tuma buddhi upaai || Charana Maatu-Pitu ke Dhara linhen | Tinake Saata Pradakshina kinhen || Dhani Ganesha, kahi Shiva hiya harashe | Nabha te Surana Sumana bahu barase || Tumhari mahima Buddhi Badaye | Shesha Sahasa Mukha Sakai na Gaai || Mein Mati hina Malina Dukhaari | Karahun kauna Vudhi Vinaya tumhaari || Bhajata ‘Raamasundara’ Prabhudaasa | Lakha Prayaga, Kakara, Durvasa || Aba Prabhu daya dina para Kijai | Apani Bhakti Shakti kuchhu Dijai || || Doha || Shri Ganesh yah chalisa, path dhari dhyan | Nit nav mangal gruha bashe, lahi jagat sanman || Sambandh apne sahstra dash, rushi panchami dinesh | Puran chalisa bhayo, mangal murti ganesha ||
More Ganesh Bhajan गणपति अथर्वशीर्ष Ganpati Atharvashirsha गणेश आरती Ganesh Aarti तेरी जय हो गणेश Teri Jai Ho Ganeshगणेशा Ganesha
youtube
https://ift.tt/2xnAUGc from Blogger https://ift.tt/3aMigoX
0 notes
Text
गणपति अथर्वशीर्ष GANPATI ATHARVASHIRSHA
https://ift.tt/3bR6viy Ganpati Atharvashirsha Stuti Lyrics in Hindi, sung by Anuradha Paudwal, lyrics written by Traditional.
Ganesh Stuti: Ganpati Atharvashirsha Album: Ganesh Stuti Singer: Anuradha Paudwal Lyrics: Traditional
दिन बुधवार भगवान श्री गणपति जी की आराधना का दिन है. इस दिन गणेश जी की पूजा, स्तोत्र पाठ और मन्त्रों का जाप करना किसी भी व्यक्ति के लिए कल्याणकारी होता है. आप चाहें तो नीचे दिए गए गणेश जी का अथर्वशीर्ष स्तोत्र पाठ दिए गए विधि अनुसार बुधवार के दिन नियमपूर्वक कर सकते हैं. गणपति अथर्वशीर्ष Ganpati Atharvashirsha के पाठ से व्यक्ति के सारे दुखों का विनाश हो जाता है. गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ कैसे करें हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है. शास्त्रों के अनुसार सुबह जल्दी स्नान करके भगवान गणपति की तस्वीर या मूर्ति के सम्मुख गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें. यथा संभव इसमें सुगंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप व नैवेद्य अर्पण करें गणेष भगवान को प्रसन्न करने के लिए गणेश जी को दुर्वा चढ़ाएं. लाल व सिंदूरी रंग गणपति को प्रिय है लाल रंग के पुष्प से पूजन करें. भगवान ��्री गणेश जी को ध्यान करके ॐ गं गणपतये नमः मन्त्र का जाप करते हुए नियमअनुसार पूजा करें. अब घर और अपने जीवन के दुखों को दूर करने के लिए गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ ध्यान पूर्वक करें.
Ganpati Atharvashirsha
श्री गणेशाय नम: ॐ भद्रं कर्णेभि शृणुयाम देवा: | भद्रं पश्येमाक्षभिर्यजत्रा: || स्थिरै रंगै स्तुष्टुवां सहस्तनुभि: | व्यशेम देवहितं यदायु: || 1 || ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवा: | स्वस्ति न: पूषा विश्ववेदा: | स्वस्ति न स्तार्क्ष्र्यो अरिष्ट नेमि: || स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु || 2 || ॐ शांति: | शांति: || शांति: ||| ॐ नमस्ते गणपतये | त्वमेव प्रत्यक्षं तत्वमसि || त्वमेव केवलं कर्त्ताऽसि | त्वमेव केवलं धर्तासि || त्वमेव केवलं हर्ताऽसि | त्वमेव सर्वं खल्विदं ब्रह्मासि || त्वं साक्षादत्मासि नित्यम् | ऋतं वच्मि || सत्यं वच्मि || अव त्वं मां || अव वक्तारं || अव श्रोतारं | अवदातारं || अव धातारम अवानूचानमवशिष्यं || अव पश्चातात् || अवं पुरस्तात् || अवोत्तरातात् || अव दक्षिणात्तात् || अव चोर्ध्वात्तात् || अवाधरात्तात || सर्वतो मां पाहिपाहि समंतात् || 3 || त्वं वाङ्मयस्त्वं चिन्मय: | त्वं वाङग्मयचस्त्वं ब्रह्ममय: || त्वं सच्चिदानंदा द्वितियोऽसि | त्वं प्रत्यक्षं ब्रह्मासि | त्वं ज्ञानमयो विज्ञानमयोऽसि || 4 || सर्व जगदिदं त्वत्तो जायते | सर्व जगदिदं त्वत्तस्तिष्ठति | सर्व जगदिदं त्वयि लयमेष्यति || सर्व जगदिदं त्वयि प्रत्येति || त्वं भूमिरापोनलोऽनिलो नभ: || त्वं चत्वारिवाक्पदानी || 5 || त्वं गुणयत्रयातीत: त्वमवस्थात्रयातीत: | त्वं देहत्रयातीत: त्वं कालत्रयातीत: | त्वं मूलाधार स्थितोऽसि नित्यं | त्वं शक्ति त्रयात्मक: || त्वां योगिनो ध्यायंति नित्यम् | त्वं शक्तित्रयात्मक: || त्वां योगिनो ध्यायंति नित्यं | त्वं ब्रह्मा त्वं विष्णुस्त्वं रुद्रस्त्वं इन्द्रस्त्वं अग्निस्त्वं | वायुस्त्वं सूर्यस्त्वं चंद्रमास्त्वं ब्रह्मभूर्भुव: स्वरोम् || 6 || गणादिं पूर्वमुच्चार्य वर्णादिं तदनंतरं || अनुस्वार: परतर: || अर्धेन्दुलसितं || तारेण ऋद्धं || एतत्तव मनुस्वरूपं || गकार: पूर्व रूपं अकारो मध्यरूपं | अनुस्वारश्चान्त्य रूपं || बिन्दुरूत्तर रूपं || नाद: संधानं || संहिता संधि: सैषा गणेश विद्या || गणक ऋषि: निचृद्रायत्रीछंद: || गणपति देवता || ॐ गं गणपतये नम: || 7 || एकदंताय विद्महे| वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नोदंती प्रचोद्यात || एकदंत चतुर्हस्तं पारामंकुशधारिणम् || रदं च वरदं च हस्तै र्विभ्राणं मूषक ध्वजम् || रक्तं लम्बोदरं शूर्पकर्णकं रक्तवाससम् || रक्त गंधाऽनुलिप्तागं रक्तपुष्पै सुपूजितम् || 8 || भक्तानुकंपिन देवं जगत्कारणम्च्युतम् || आविर्भूतं च सृष्टयादौ प्रकृतै: पुरुषात्परम || एवं ध्यायति यो नित्यं स योगी योगिनांवर: || 9 || नमो व्रातपतये नमो गणपतये || नम: प्रथमपत्तये || नमस्तेऽस्तु लंबोदारायैकदंताय विघ्ननाशिने शिव सुताय| श्री वरदमूर्तये नमोनम: || 10 ||
More Ganpati Bhajan गणेश आरती Ganesh Aarti गणेशा Ganesha तेरी जय हो गणेश Teri Jai Ho Ganesh
youtube
https://ift.tt/3bR6viy from Blogger https://ift.tt/2SgqFL6
0 notes