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Shattila Ekadashi 2024: जानिए षटतिला एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा के नियम,वरना अधूरा माना जाएगा व्रतShattila Ekadashi 2024: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को षटतिला एकादशी कहा जाता है। षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। भगवान विष्णु को तिल का भोग लगाया जाता है
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Shattila Ekadashi: माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी कहलाती है षटतिला एकादशी। इस वर्ष 18 जनवरी को रखा जाएगा षटतिला एकादशी का व्रत/Shattila Ekadashi Vrat
एकादशी तिथि प्रारंभ: 17 जनवरी, शाम 06:05 से
एकादशी तिथि समाप्त: 18 जनवरी, शाम 04:03 तक
षटतिला एकादशी शुभ पूजा मुहूर्त: 18 जनवरी, प्रातः 07:15 से सुबह 09:53 तक
षटतिला एकादशी पारण मुहूर्त: 19 जनवरी, प्रातः 07:14 से सुबह 09:21 तक
इस दिन तिल का 6 प्रकार से उपयोग होने के कारण इसका नाम षटतिला एकादशी पड़ा. इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु की तिल से पूजा करने का है विधान। इस शुभ दिन पर नहाने वाले पानी में तिल मिलाकर स्नान करने से प्राप्त होता है आरोग्य। इस पवित्र दिन पर तिल के द्वारा हवन करने से प्राप्त होता है अनंत कोटि पुण्य फल. इस शुभ दिन पर तिल से बना उबटन शरीर पर लगाने से दूर होता है शारीरिक कष्ट। इस शुभ दिन पर तिलों के द्वारा तर्पण करने से पितरों की मिलती है कृपा। इस शुभ दिन पर तिल व तिल के तेल का दान करने से दूर होती है पारिवारिक समस्याएं।
यदि आप अन्य किसी व्रत या त्योहार की शुभ पुजा मुहुर्त जानने के लिए आज क पंचां��/Today's Panchang पढे या अपनी राशि का वार्षिक राशिफल 2023/Yearly Horoscope 2023 पढने के लिए यहा क्लिक करें।
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षटतिला एकादशी की पूजा विधि, महत्व और कथा | Shattila Ekadashi Puja Vidhi, Mahatva and Story in Hindi
षटतिला एकादशी की पूजा विधि, महत्व और कथा
षटतिला एकादशी की पूजा विधि, महत्व, शुभ मुहूर्त, आरती और कथा | Shattila Ekadashi Puja Vidhi, Mahatva Shubh Muhurat, Aarti and Story in Hindi
हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्ष में कुल 24 एकादशी होती हैं अधिकमास और मलमास होने पर यह संख्या 26 तक पहुँच जाती हैं. हिंदी धार्मिक मान्यताओं में हर एकादशी का एक विशेष महत्व और कहानी हैं. माघ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को षटतिला एकादशी एकादशी के रूप में…
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Shattila Ekadashi 2021: Puja vidhi, tithi, and significance
Shattila Ekadashi 2021: Puja vidhi, tithi, and significance
Shattila Ekadashi 2021: Puja vidhi, tithi, and significance New Delhi| Jagran Lifestyle Desk: Ekadashi is an auspicious Hindu festival. This day is dedicated to Lord Vishnu. The Ekadashi vrat that falls in the Paush month of the Krishna Paksha is known as Shattila Ekadashi. According to the Gregorian calendar, Shattila Ekadashi falls in the month of January or February. And this time it will…
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आज 20 जनवरी 2020 को माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी तिथि है। इस एकादशी तिखि षटतिला एकादशी कहा जाता है। शास्त्रोक्त मान्यता हैं कि इस दिन उपवास रखने से सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। इस दिन का व्रत तिलों से जुडा हुआ है, तिल का महत्व तो सर्वव्यापक है और ***** धर्म में यह बहुत पवित्र माने जाते हैं। जानें पूजा विधि एवं व्रत के लाभ। इस सप्ताह इन 3 राशि वालों की बदल जाएगी पूरी तरह जिंदगी, देखें अपना राशिफल तिल दान के लाभ षट्तिला एकादशी के दिन तिलों का छ: प्रकार से उपयोग किया जाता है, जिसमें स्नान के जल में तिल डालकर स्नान करना, तिल का उबटन लगाना, तिल से हवन करना, तिल से तर्पण करना, तिल का भोजन करना और तिलों का दान करना आदि इसी कारण यह षटतिला एकादशी कही जाती है। इस दिन तिल का दान करने वाले को स्वर्गलोक में स्थान में प्राप्त होता है। बुधवार की शाम प्रदोष काल में ऐसे करें मनोकामना पूर्ति के लिए शिव की अचूक पूजा ऐसे करें षटतिला एकादशी का व्रत 1- षटतिला एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करके धुले हुये पीले वस्त्र ही पहनना चाहिए, एवं जल में तिल डालकर स्नान करें। 2- इस दिन प्याज लहसुन और तामसिक भोजन का प्रयोग बिल्कुल भी प्रयोग नहीं करना चाहिए। 3- इस दिन सुबह और शाम दोनों समय एकादशी पर घर में पूजा पाठ करना चाहिए। साथ ही एक पीले आसन पर बैठकर नारायण कवच का 3 बार पाठ करने से मन की इच्छा जरूर पूरी होती है। 4- षटतिला एकादशी वाले दिन कुशा के आसन पर बैठकर- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप कम से कम 108 बार करना चाहिए। 5- षटतिला व्रत में झूठ नहीं बोलना चाहिए बड़ों का निरादर नहीं करना चाहिए, काम क्रोध लोभ मोह अहंकार आदि का त्याग कर भगवान की शरण में जाना चाहिए। यहां साक्षात निवास करते हैं भगवान साईंनाथ, करते हैं भक्त की हर इच्छा पूरी 6- षटतिला एकादशी पर तिलों का प्रयोग करके भगवान विष्णु का पूजन करने से अनेक प्रकार की मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। 7- षटतिला एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले तिल का उबटन भी लगाने का विधान है। 8- पूर्व दिशा की ओर मुंह करके पांच मुट्ठी तिलों से 108 बार ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र की आहुति यज्ञ में देना चाहिए। 9- इस दिन दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके अपने पितरों के लिए तिल से तर्पण करना चाहिए। 10- रात में सोते समय अपने बिस्तर में तिल ��रूर डाल कर सोना चाहिए। **************** source https://www.patrika.com/festivals/shattila-ekadashi-puja-vidhi-in-20-january-2020-5668142/
http://www.poojakamahatva.site/2020/01/2020_19.html
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