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"बन्दर के साथ में चाकू और आइना" राहुल गांधी अपने चौथे दिन की "भारत जोड़ो (या तोड़ो?)" यात्रा के दौरान जिस अपने "फादर" (जार्ज पोनैया) से मिलने गये थे उसके वक्तव्य, जो रिकार्ड पर है, इस प्रकार हैं: ‘I wear shoes because impurities of Bharat Mata should not contaminate us.’ यानी "मैं इसलिए जूते पहनता हूं ताकि भारत माता की गन्दगी हमें दूषित न कर दे।" इस घृणास्पद वक्तव्य के लिए यह "फादर" कुछ दिन जेल में भी रहा। उसका दूसरा वक्तव्य: Jesus is the only God unlike Shakti (& other Gods)’ मतलब "जीसस ही असली ईश्वर है शक्ति (भारतीय देवी देवता) नहीं। इसके इसी तरह के घृणित वक्तव्यों की लम्बी लिस्ट है। यह एक हिन्दू हेटर है। चूंकि हिन्दू संसार का सबसे सहिष्णु समाज है इसलिए यह इसी "भारत माता" की छाती पर जूते पहन कर चल रहा है वरना अब तक कितने जूते खा चुका होता या "सर तन से जुदा" होता। उसके ऐसे घृणित वक्तव्यों पर मुझे अलामा इकबाल का वह जहरीला शेर याद आया जो उसने 1931 में मुस्लिम लीग के इलाहाबाद अधिवेशन में पढ़ा था: "हो जाए अगर शाह-ए-खुरासां का इशारा, सजदा न करूं हिन्द की नापाक जमीं पर।" यानि तुर्की का शाह (बादशाह या ख़लीफा) अगर संकेत भर कर दे हिन्दुस्तान की इस अपवित्र भूमि पर मैं नमाज़ तक न पढूं (जिसके कारण मुझे इस धरती पर सिर झुकाना और रखना पड़ता है)। पहले तो आप यह समझिए की इन (अब्राहमिक रेलिजन और मजहब वालों) के मन में भारत भूमि के लिए कितना अनादर, अपमान और घृणा है। यह वही भारत माता है जिसका अन्न, जल और वायु खा-पीकर ये पैदा हुए हैं और पले बढ़े हैं। जो इतने अहसान फरामोश यानि कृतध्न हों क्या उन्हें इस धरती (भारत माता ही नहीं, पूरी पृथ्वी पर) रहने का कोई अधिकार है? जब यह दशा इनके साम्प्रदाय के "बुद्धिजीवियों" और रेलिजिअस लीडर्स का है तो इनके फालोवर्स कितने नीच और पतित होंगे? यह पोनैया बताता है कि उसकी मां हिन्दू थी। इसने अपनी मां की उस कोख को भी उतना ही अपमानित किया है जितना धरती मां को। क्या इनमें तनिक भी मानवता और सहिष्णुता है? ये कितने पतित, नीच और संकीर्ण है? यदि यही इनका संप्रदाय है है तो वह "धर्म" तो कभी नहीं हो सकता। और उससे मिलकर पप्पू "भारत जोड़ो" का मंत्र ले रहे थे। जब बंदर के साथ चाकू हो तो खतरा बहुत होता है । परन्तु दूसरे हाथ में अगर आईना आ जाय तो वह स्वयं की नाक काट के ही रहेगा। धन्य हो "बुद्धिमान" भारत माता ही नहीं माता की कोख को शर्मशार कर रहे हो। और सनातनियों तुम्हारी "सेकुलरिज्म" की नींद टूटी कि नहीं? #sarastripathi #Majorsarastripathi https://www.instagram.com/p/CiWs_pfpTA4/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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"बन्दर के साथ में चाकू और आइना" राहुल गांधी अपने चौथे दिन की "भारत जोड़ो (या तोड़ो?)" यात्रा के दौरान जिस अपने "फादर" (जार्ज पोनैया) से मिलने गये थे उसके वक्तव्य, जो रिकार्ड पर है, इस प्रकार हैं: ‘I wear shoes because impurities of Bharat Mata should not contaminate us.’ यानी "मैं इसलिए जूते पहनता हूं ताकि भारत माता की गन्दगी हमें दूषित न कर दे।" इस घृणास्पद वक्तव्य के लिए यह "फादर" कुछ दिन जेल में भी रहा। ��सका दूसरा वक्तव्य: Jesus is the only God unlike Shakti (& other Gods)’ मतलब "जीसस ही असली ईश्वर है शक्ति (भारतीय देवी देवता) नहीं। इसके इसी तरह के घृणित वक्तव्यों की लम्बी लिस्ट है। यह एक हिन्दू हेटर है। चूंकि हिन्दू संसार का सबसे सहिष्णु समाज है इसलिए यह इसी "भारत माता" की छाती पर जूते पहन कर चल रहा है वरना अब तक कितने जूते खा चुका होता या "सर तन से जुदा" होता। उसके ऐसे घृणित वक्तव्यों पर मुझे अलामा इकबाल का वह जहरीला शेर याद आया जो उसने 1931 में मुस्लिम लीग के इलाहाबाद अधिवेशन में पढ़ा था: "हो जाए अगर शाह-ए-खुरासां का इशारा, सजदा न करूं हिन्द की नापाक जमीं पर।" यानि तुर्की का शाह (बादशाह या ख़लीफा) अगर संकेत भर कर दे हिन्दुस्तान की इस अपवित्र भूमि पर मैं नमाज़ तक न पढूं (जिसके कारण मुझे इस धरती पर सिर झुकाना और रखना पड़ता है)। पहले तो आप यह समझिए की इन (अब्राहमिक रेलिजन और मजहब वालों) के मन में भारत भूमि के लिए कितना अनादर, अपमान और घृणा है। यह वही भारत माता है जिसका अन्न, जल और वायु खा-पीकर ये पैदा हुए हैं और पले बढ़े हैं। जो इतने अहसान फरामोश यानि कृतध्न हों क्या उन्हें इस धरती (भारत माता ही नहीं, पूरी पृथ्वी पर) रहने का कोई अधिकार है? जब यह दशा इनके साम्प्रदाय के "बुद्धिजीवियों" और रेलिजिअस लीडर्स का है तो इनके फालोवर्स कितने नीच और पतित होंगे? यह पोनैया बताता है कि उसकी मां हिन्दू थी। इसने अपनी मां की उस कोख को भी उतना ही अपमानित किया है जितना धरती मां को। क्या इनमें तनिक भी मानवता और सहिष्णुता है? ये कितने पतित, नीच और संकीर्ण है? यदि यही इनका संप्रदाय है है तो वह "धर्म" तो कभी नहीं हो सकता। और उससे मिलकर पप्पू "भारत जोड़ो" का मंत्र ले रहे थे। जब बंदर के साथ चाकू हो तो खतरा बहुत होता है । परन्तु दूसरे हाथ में अगर आईना आ जाय तो वह स्वयं की नाक काट के ही रहेगा। धन्य हो "बुद्धिमान" भारत माता ही नहीं माता की कोख को शर्मशार कर रहे हो। और सनातनियों तुम्हारी "सेकुलरिज्म" की नींद टूटी कि नहीं? #sarastripathi #Majorsarastripathi https://www.instagram.com/p/CiWs2VxvM5m/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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